PM dedicates IIIT Una to the nation
“Bulk Drug Park and Vande Bharat Train are symbols of our affection and dedication to Himachal Pradesh”
“The Double engine government is committed to improving railway connectivity across Himachal Pradesh”
“New India is overcoming challenges of the past and growing rapidly”
“Our government is fulfilling the aspirations of 21st century India”
“Earlier Himachal was valued less for its strength and more on the basis of the number of its Parliamentary seats”
“We are not only filling the gulf of development left by the previous governments but also building strong pillars of foundation for the state”
“The entire world has witnessed the strength of the medicines manufactured in Himachal Pradesh”
“ Himachal had to wait for the Double Engine government to get IIT, IIIT IIM, and AIIMS”
“I believe that the golden period of Himachal's development is about to begin in the Azadi Ka Amrit Mahotsav”

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

होर भई ऊने आलियो ! केमे हाल-चाल त्वाडा? ठीक-ठाक हो? मां चिंतपूर्णी, ते गुरू नानक देव जी, दे वंशजां दी, इश तरती नूँ, मेरा प्रणाम।

साथियों,

गुरु नानक जी को स्मरण करते हुए, गुरुओं का स्‍मरण करते हुए, आज मां चिंतपूर्णी के चरणों में नमन करते हुए, धनतेरस और दीपावली से पहले हिमाचल को हज़ारों करोड़ रुपए का उपहार देते हुए मुझे खुशी हो रही है। आज ऊना में, हिमाचल में दिवाली समय से भी पहले आ गई। यहां इतनी बड़ी संख्या में देवी स्वरूपा हमारी माताएं-बहनें हमें आशीर्वाद देने आई हैं। आप सभी का ये आशीर्वाद हम सबके लिए एक बहुत बड़ी अमानत है, बहुत बड़ी ताकत है।

भाइयो-बहनों,

मैंने इतना यहां लंबा समय बिताया है कि जब भी ऊना आता हूं, पिछली यादें आंखों के सामने आ ही जाती हैं। ये मेरा सौभाग्‍य रहा कई बार देवी माँ चिंतपूर्णी देवी के सामने माथा टेकने और आर्शीवाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। यहां के गन्ने और गंडयाली का स्वाद, ये कौन भूल सकता है।

साथियों,

हिमाचल में रहते हुए मैं हमेशा सोचता था, कि इस देवभूमि को प्रकृति ने इतना सुंदर वरदान दिया है। नदियां, झरने, उपजाऊ जमीन, खेत, पहाड़, पर्यटन की यहां इतनी ताकत है, लेकिन कुछ चुनौतियों को देखकर उस जमाने में मुझे बहुत अफसोस हुआ करता था, मन अफसोस से भर जाता था। मैं सोचता था कि, इस हिमाचल धरती की जिस दिन कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी, हिमाचल में जिस दिन उद्योगों का लगना बढ़ जाएगा, जिस दिन हिमाचल के बच्चों को पढ़ने के लिए अपने मां-बाप, गांव, यार-दोस्‍त छोड़ करके बाहर नहीं जाना पड़ेगा, उस दिन हिमाचल का कायाकल्प हो जाएगा।

और आज देखिए, आज मैं यहां आया हूं तो कनेक्टिविटी से जुड़ा भी आयोजन है, शिक्षा संस्थान का काम और औद्योगीकरण के लिए भी बहुत बड़ी सेवाभाव से सौगात लेकर आया हूं। आज यहां ऊना में देश के दूसरे बल्क ड्रग पार्क पर काम शुरू हुआ है। अब जरा हिमाचल के लोग सोचिए, कठिनाइयों से भरा हिमाचल, प्राकृतिक विविधताओं से भरा हिमाचल और हिंदुस्‍तान में तीन बल्‍क ड्रग पार्क बनते हों और उसमें एक हिमाचल के नसीब आ जाए, इससे बड़ी कोई भेंट-सौगात हो सकती है दोस्‍तों? इससे बड़ा कोई निर्णय हो सकता है? ये हिमाचल के प्रति जो प्‍यार है, जो समर्पण है, उसी का परिणाम है भाईयो।

कुछ देर पहले ही मुझे अंब-अंदौरा से लेकर दिल्ली तक भारत की चौथी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का सौभाग्य मिला है। ये भी सोचिए, देश में चौथी वंदे भारत ट्रेन, इतना बड़ा हिंदुस्‍तान, इतने बड़े-बड़े शहर, लेकिन चौथी ट्रेन अगर मिली तो मेरे हिमाचल को मिल गई भाइयो। और मैं जानता हूं साथियो, आज अगर कई परिवार आपको मिलेंगे, हिंदुस्‍तान के हर कोने में मिलेंगे, जिनका मन करेगा एयरपोर्ट जाकर हवाई जहाज देंखें, बैठने का विचार तो बाद में है। वैसे हिमाचल में पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए अगर आप पूछोगे तो दो-दो, तीन-तीन, चार-चार पीढ़ियां जीवित जो होंगे, उन्‍होंने न कभी ट्रेन देखी होगी, न कभी ट्रेन के अंदर सवारी की होगी। आजादी के 75 साल के बाद भी ऐसी स्थितियां रही हैं। आज हिमाचल में सिर्फ ट्रेन नहीं, हिंदुस्‍तान की सबसे आधुनिक ट्रेन आकर खड़ी हो गई भाइयो, और यहां तक चल पड़ी।

आज ही हिमाचल की अपनी ट्रिपल आईटी (IIIT) की स्थाई बिल्डिंग, इसका भी लोकार्पण हुआ है। ये प्रोजेक्टस इस बात की झांकी है कि डबल इंजन की सरकार हिमाचल को किस बुलंदी पर देखना चाहती है। ये प्रोजेक्ट्स विशेष रूप से हिमाचल की नई पीढ़ी, युवा पीढ़ी के सपनों को नए पंख देने वाले हैं। ऊना को, हिमाचल प्रदेश को इन प्रोजेक्ट्स के लिए आपको लख-लख बधाईयां।

साथियों,

हम सभी जानते हैं जरूरतों और आशा-आकांक्षाओं में फर्क होता है। हिमाचल में पहले जो सरकारें रहीं, और दिल्‍ली में भी जो लोग बैठे थे, वो आप लोगों की जरूरतों को पूरा करने में भी उदासीन रहे और आपकी आशाओं-आकांक्षाओं को वो कभी समझ ही नहीं पाए उन्‍होंने कभी उसकी परवाह ही नहीं की। इसका बहुत बड़ा नुकसान ये मेरे हिमाचल ने उठाया है, यहां की युवा पीढ़ी ने उठाया है, यहां की माताओं-बहनों ने उठाया है।

लेकिन अब, अब समय बदल गया है। हमारी सरकार ना सिर्फ लोगों की जरूरतें पूरी कर रही है, लेकिन जनता-जनार्दन की आशाएं-अपेक्षाएं, उसे पूरा करने के लिए पूरी शक्ति से काम में जुट गई है। इसके लिए मुझे याद है हिमाचल का हाल क्‍या था, कहीं विकास का काम नजर नहीं आता था, जब मैं यहां रहता था। चारों तरफ अविश्‍वास की खाई, निराशा के पहाड़, आगे जा पाएंगे, नहीं जाएंगे, विकास की अपेक्षाओं के बीच में बहुत बड़ी खाई, एक प्रकार से गड्ढे ही गड्ढे। उन्‍होंने कभी ये विकास की आवयकताओं के गड्ढे भरने के लिए सोचा नहीं, छोड़ दिया गया था। हमने उसको तो भरा, लेकिन अब मजबूती से नई इमारतें हिमाचल में हम बना रहे हैं।

साथियों,

दुनिया के कितने ही ऐसे देश हैं जिन्होंने 20वीं सदी में ही, पिछली शताब्‍दी में ही अपने नागरिकों को, भारत में भी गुजरात जैसे कई राज्‍य हैं, ग्रामीण सड़कें, पीने का साफ पानी, शौचालय, आधुनिक अस्‍पताल, ये सुविधाएं मुहैया करा दी थीं। लेकिन भारत में कुछ सरकारें ऐसी रहीं जिन्होंने सामान्य मानवी के लिए इन सुविधाओं को पाना भी मुश्किल बना दिया। हमारे पहाड़ी इलाकों ने तो इसका बहुत खामियाजा भुगता है। मैंने तो यहां रहते हुए सब करीब से देखा है कि कैसे हमारी गर्भवती माताओं-बहनों को सड़क के अभाव में अस्पताल जाने तक में कितनी दिक्कत होती थी, कितने ही हमारे बुजुर्ग अस्‍पताल पहुंचने के पहले ही दम तोड़ देते थे।

भाइयो-बहनों,

पहाड़ के रहने वाले लोग जानते हैं कि रेल कनेक्टिविटी ना होने का, उसका न होने का, उस वजह से वो एक प्रकार से दुनिया से कट जाते हैं। जिस क्षेत्र में अनेकों झरने हों, नदियां बहती हों, वहां पीने के पानी के लिए तरसना पड़ता हो, वहां पर नल से जल आना कितनी बड़ी चुनौती रहा है, इसका अंदाजा बाहर के लोगों को कभी नहीं हो सकता है।

जिन लोगों ने बरसों तक यहां सरकारें चलाईं, उन्हें हिमाचल के लोगों की तकलीफ से जैसे मानो कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। अब आज का नया भारत, इन पुरानी सारी चुनौतियों पर तेजी से काम कर रहा है। जो सुविधाएं पिछली शताब्दी में ही लोगों तक पहुंच जानी चाहिए थीं, वो अब लोगों तक पहुंच रही हैं।

लेकिन क्या हम इतने पर ही रुक जाएंगे? आप बताइए साथियों, क्या इतना कर लिया, बहुत अच्‍छा कर लिया, इतने से रुक जाना चलेगा क्‍या? और आगे बढ़ना है कि नहीं बढ़ना है? और तेजी से बढ़ना है कि नहीं बढ़ना है? ये काम कौन करेगा भाइयो? हम और आप मिलकर करेंगे भाइयो। हम 20वीं सदी की सुविधाओं को भी पहुंचाएंगे और 21वीं सदी की आधुनिकता से भी मेरे हिमाचल को जोड़ेंगे।

इसलिए आज हिमाचल में विकास के अभूतपूर्व काम हो रहे हैं। आज एक तरफ जहां हिमाचल में दोगुनी गति से ग्रामीण सड़कें बनाई जा रही हैं तो वहीं तेजी से ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी भी पहुंचाई जा रही है। आज एक तरफ जहां हिमाचल में हजारों शौचालय बनाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ गांव-गांव में बिजली व्यवस्था सुधारी जा रही है। आज एक तरफ हिमाचल में ड्रोन से जरूरी सामान को दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाने पर काम हो रहा है तो दूसरी तरफ वंदे भारत जैसी ट्रेनों से दिल्‍ली तक तेज गति से पहुंचने का रास्‍ता बनाया जाता है।

आज एक तरफ हिमाचल में नल से जल पहुंचाने का अभियान चल रहा है तो दूसरी तरफ कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए सरकार की तमाम सेवाएं गांव-गांव पहुंचाई जा रही हैं। हम सिर्फ लोगों की 20वीं सदी की जरूरतें ही पूरी नहीं कर रहे हैं बल्कि 21वीं सदी की आधुनिक सुविधाएं भी हिमाचल के घर-घर पहुंचा रहे हैं।

साथियों,

अभी यहां हरोली में बहुत बड़े बल्क ड्रग पार्क का शिलान्यास हुआ है। कुछ दिन पहले जैसे जयराम जी बता रहे थे, नालागढ़-बद्दी में मेडिकल डिवाइस पार्क पर भी काम शुरु हो चुका है। ये दोनों प्रोजेक्ट्स देश के साथ-साथ दुनिया भर में हिमाचल का नाम रोशन करने वाले हैं। अभी डबल इंजन की सरकार इस बल्क ड्रग पार्क पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर रही हैं। हिमाचल जैसे छोटे राज्‍य में दो हजार करोड़ रुपया एक प्रोजेक्‍ट के लिए, आने वाले वर्षों में यहां 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश यहीं पर होने वाला है, इसी काम में होने वाला है। हजारों करोड़ रुपए का ये निवेश ऊना का, हिमाचल का कायाकल्प कर देगा। इससे रोजगार के हजारों ऐसे अवसर पैदा होंगे, स्‍वरोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

कोरोना काल में पूरी दुनिया ने हिमाचल में बनी दवाओं की ताकत देखी है। दवा उत्पादन में भारत को दुनिया में सबसे अव्वल बनाने में हिमाचल की भूमिका और अधिक बढ़ने वाली है। अभी तक हमें दवाओं के लिए ज़रूरी अधिकतर कच्चे माल के लिए, रॉ मटीरियल के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब जब हिमाचल में ही रॉ मटीरियल बनेगा, हिमाचल में ही दवा बनेगी, तो दवा उद्योग भी फलेंगे-फूलेंगे और दवाएं भी और सस्ती हो जाएंगी।

आज जन औषधि केंद्रों के जरिए, आय़ुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देकर, हमारी सरकार गरीब की चिंता को कम करने का काम कर रही है। ये बल्क ड्रग पार्क, गरीब को, मध्यम वर्ग को सस्ता और अच्छा इलाज देने के अभियान को और मज़बूती देगा।

साथियो,

हिमाचल के आप सभी लोग गवाह हैं कि खेती हो या उद्योग, जब तक अच्छी कनेक्टिविटी नहीं होती, तब तक विकास की रफ्तार तेज नहीं हो पाती। पहले की सरकारें कैसे काम करती थीं, उसका एक उदाहरण हमारा नांगल डैम तलवाड़ी रेल लाइन भी है। इस रेल लाइन को चालीस साल पहले, आप सोचिए, 40 साल पहले एक छोटी सी रेल लाइन को दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार ने मोहर लगा दी, फाइल बना दी, सिग्‍नेचर कर लिए, और सामने चुनाव आते थे तो लोगों की आंखों पर धूल झोंक करके वोट भी बटोर लिए। 40 साल से ज्‍यादा समय हो गया, जमीन पर एक रत्‍ती भर काम नहीं हुआ। लेकिन इतने वर्षों बाद अधूरा ही अधूरा छुटपुट कुछ नजर आने लगा। केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद अब इस रेल लाइन का काम तेजी से चल रहा है। सोचिए, अगर ये काम पहले हो गया होता तो ऊना के लोगों को भी कितना लाभ होता।

साथियों,

हिमाचल में रेलसेवा के विस्तार और उसको आधुनिक बनाने के लिए डबल इंजन सरकार लगातार काम कर रही है। आज हिमाचल में तीन नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। आज जब देश को मेड इन इंडिया वंदे भारत ट्रेनों से जोड़ा जा रहा है, तब भी हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों में है। वंदेभारत एक्सप्रेस ये नैनादेवी, ये चिंतपूर्णी, ये ज्‍वालादेवी, ये कांगड़ादेवी जैसे हमारे पवित्र स्‍थान, हमारे शक्ति पीठों के साथ-साथ हमारा आनंदपुर साहिब, यहां आना-जाना भी बहुत आसान हो जाएगा। ऊना जैसे पवित्र शहर में, जहां गुरू नानक देव जी के वंशज रहते हों, उसके लिए ये दोहरी सौगात है।

करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से हमारी सरकार ने जो सेवा कारज किया है, उसे ये वंदेभारत ट्रेन और आगे बढ़ाएगी। मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधा थी, अब यहां के शक्तिपीठ भी इस आधुनिक सेवा से जुड़ रहे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस से दूसरे शहरों में काम करने वाले साथियों को भी लाभ होगा।

साथियों,

हिमाचल के युवाओं का हमेशा से सपना रहा है कि उन्हें पढ़ने के लिए उच्च शिक्षा संस्थान हिमाचल में ही मिलें। आपकी इस आकांक्षा का भी पहले से ही जरा ध्‍यान दिया गया है। हम पहले की तरह जो रिवाज रहे, बदल रहे हैं। अटकना, लटकना, भटकना, भूल जाना, ये हमारा रास्‍ता नहीं है। हम निर्णय करते हैं, संकल्‍प करते हैं, पूर्ति करते हैं और परिणाम भी ला करके दिखाते हैं। आखिर क्या वजह थी कि हिमाचल के युवा लंबे समय तक उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित संस्थानों से वंचित रखे गए? क्यों मेडिकल, इंजीनियरिंग, बिजनेस मैनेजमेंट, यहां तक कि फार्मेसी तक की पढ़ाई के लिए यहां के युवाओं को पड़ोस के राज्यों में जाना पड़ता था?

साथियों,

पहले की सरकारों ने इस पर ध्यान इसलिए नहीं दिया क्योंकि वे हिमाचल को सामर्थ्य से नहीं बल्कि उसकी संसद की सीटें कितनी हैं, उस पर आंका करते थे। इसलिए हिमाचल को, IIT के लिए, ट्रिपल आईटी के लिए, IIM के लिए, AIIMS के लिए डबल इंजन की सरकार का इंतज़ार करना पड़ा। आज ऊना में ट्रिपल आईटी की परमानेंट बिल्डिंग बन जाने से विद्यार्थियों को और ज्यादा सुविधा होगी। यहां से पढ़ करके निकले हिमाचल के बेटे-बेटियां, हिमाचल में डिजिटल क्रांति को भी मजबूती देंगे।

और मुझे याद है, इस ट्रिपल आईटी की बिल्डिंग का शिलान्यास का आपने मुझे अवसर दिया था। शिलान्‍यास मैंने किया था और आज लोकार्पण के लिए भी आपने मुझे मौका दे दिया, यही तो कायाकल्‍प है। शिलान्‍यास भी हम करते हैं, लोकार्पण भी हम कर रहे हैं भाईयो। और यही, यही डबल इंजन सरकार के काम करने का तरीका है। हमारी सरकार जो संकल्प लेती है उसे पूरा भी करके दिखाती हैं। मैं ट्रिपल आईटी के निर्माण से जुड़े सभी साथियों को भी बधाई दूंगा कि उन्होंने कोविड की रुकावटों के बावजूद भी तेज़ गति से इस पर काम को पूर्ण कर दिया।

साथियों,

युवाओं के कौशल को, युवाओं के सामर्थ्य को निखारना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए पूरे देश में इनोवेशन और स्किल से जुड़े संस्थानों का विस्तार किया जा रहा है। हिमाचल के लिए तो ये शुरुआत भर है। हिमाचल के युवाओं ने फौज में रहते हुए देश की सुरक्षा में नए आयाम बनाए हैं। अब अलग-अलग तरह की स्किल उन्हें फौज में भी और ज्यादा ऊंचे पदों पर ले जाने में मदद करेगी। विकसित हिमाचल के लिए डबल इंजन की सरकार निरंतर आपके साथ है।

साथियों,

जब सपने बड़े होते हैं, संकल्प विराट होते हैं तो प्रयास भी उतने ही बड़े किए जाते हैं। आज डबल इंजन की सरकार में हर तरफ यही प्रयास नजर आता है। इसलिए मैं जानता हूं कि हिमाचल के लोगों ने भी पुराना रिवाज बदलने की ठान ली है। ठान लिया है ना? ठान लिया है ना? अब डबल इंजन की सरकार नया इतिहास रचेगी, और हिमाचल की जनता नया रिवाज बनाएगी।

मैं मानता हूं कि आजादी के अमृतकाल में अब हिमाचल के विकास का स्वर्णिम काल शुरु होने जा रहा है। ये स्वर्णिम काल, हिमाचल को विकास की उस ऊंचाई पर ले जाएगा, जिसके लिए आप सभी लोगों ने दशकों तक इंतजार किया है। मैं एक बार फिर इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सबके लिए मंगलकामनाएं करता हूं। और आने वाले अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण सभी त्‍योहारों के लिए भी आप सबको हृदय से बहुत-ब‍हुत शुभकामनाएं देता हूं।

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

धन्यवाद

 

Explore More
78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം
Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry

Media Coverage

Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."