भारत माता की जय
भारत माता की जय
देवी सम्मक्का सरलअम्मा की जय
यदाद्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी की जय
सकल जनसभाकु वच्चिना तेलंगाना बंधुवुलकु ना शुभाकांक्षलु।
तेलंगाना की इस महान धरती को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने कुटुम्ब के बीच आ गया हूं, अपने परिवार के बीच आ गया हूं। आप सब ही तो मेरा परिवार हैं।
ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
‘बीसी आत्म गौरव सभा’ इसका हिस्सा बनना मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। और ये धरती ये मैदान, इसका मेरे जीवन में बहुत बड़ा स्थान है। 2013 में आप सब ने मुझे बुलाया था इसी मैदान में। और आप लोगों ने टिकट रखा था कि जो मोदी जी की सभा में आना चाहता है उसको टिकट लेना पड़ेगा, पैसा देना पड़ेगा। हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन की ये पहली और सबसे बड़ी घटना थी। और पूरे विश्व में ये खबर फैल गई, हिंदुस्तान के जन-जन में पहुंच गई। और एक प्रकार से इसी मैदान में मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की पक्की नींव रखने का काम हैदराबाद ने इसी मैदान में आप लोगों ने किया था। और मैं आज विश्वास से कहता हूं, जिस मैदान से मिले आशीर्वाद, मोदी को पीएम बना दिया। इसी मैदान के आपके आशीर्वाद बीजेपी का पहला मुख्यमंत्री बीसी मुख्यमंत्री यहीं से बनेगा। मंच पर मेरे साथ पवन है, लेकिन मैदान में आंधी है। तेलंगाना में बदलाव की जो आंधी चल रही है, उसे इस विशाल जन सभा में भी महसूस किया जा सकता है। आप लोग तेलंगाना के कोने-कोने से आए हैं और अपने साथ एक स्पष्ट संदेश भी लाए हैं। तेलंगाना का विश्वास अब बीजेपी पर है। हमारे बीसी साथी हों, गरीब हों, दलित हों, SC-ST भाई बहन हों, सभी ने तेलंगाना में परिवर्तन का मन बना लिया है। पिछले 9 वर्षों से यहां तेलंगाना में विकास विरोधी, बीसी विरोधी, एससी-एसटी विरोधी सरकार है। इस 30 नवंबर को आप लोगों के पास तेलंगाना की BC विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का बेहतरीन अवसर है। अब तेलंगाना में कमल ही कमल खिले, ये आपको सुनिश्चित करना है।
ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना का गठन 3 मुद्दों पर हुआ था। पानी, पैसा और रोजगार- नीलू...नीधुलु और नियमाकालू... इन तीनों मुद्दों पर जनविरोधी सरकार ने तेलंगाना के लोगों के साथ धोखा हुआ है। अलग तेलंगाना राज्य के आंदोलन में हमारे बीसी भाई-बहनों की बहुत बड़ी भूमिका थी। वो आंदोलन में सबसे आगे थे, अलग राज्य के लिए हमारे कितने ही साथी शहीद हो गए थे। लेकिन तेलंगाना बनने के बाद, यहां ही सरकार ने सबसे बड़ा धोखा, हमारे बीसी साथियों के साथ ही किया। यहां की सरकार ने बीसी हितों की लगातार उपेक्षा की। तेलंगाना में इतनी बड़ी ओबीसी, एससी, एसटी आबादी है, लेकिन उनकी आकांक्षाओं पर BRS ने कभी ध्यान नहीं दिया। वो अपने परिवार में ही लगा रहा, यहां तो BRS की दो टीमें तो साफ दिखती हैं। एक पर्दे के पीछे C टीम भी है। ये कांग्रेस का C है न। ये C बीआरएस की सी टीम है। ये कांग्रेस बीआरएस की सी टीम है। बैकवर्ड क्लास की आकांक्षाएं, कांग्रेस के भी एजेंडे में शामिल नहीं है। कांग्रेस और BRS, दोनों के ही DNA में तीन बातें कॉमन है। एक परिवारवाद...दूसरा भ्रष्टाचार और तीसरा तुष्टिकरण। इन परिवारवादी पार्टियों के संरक्षण में भ्रष्टाचार फलता-फूलता है, और अवसर भी सिर्फ और सिर्फ नाते-रिश्तेदारों को ही मिलता है। परिवारवाद की मानसिकता से चलने वाली BRS और कांग्रेस यहां कभी भी किसी बीसी को सीएम नहीं बनने देंगी।
साथियों,
ये NDA है, BJP है, जो ओबीसी हितों का सबसे ज्यादा ध्यान रखती है, उन्हें सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व देती है। बीजेपी का हमेशा से ये प्रयास रहा है कि दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, पिछड़े, आदिवासी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिलता रहे। जब अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी और हमें सेवा करने का मौका मिला तो A P J अब्दुल कलाम जी को हमने राष्ट्रपति बनाया। 1996 में जब आदिवासी नेता पीए संगमा जी का नाम लोकसभा के स्पीकर पद के लिए चुना गया तो अटल जी ने समर्थन का नेतृत्व किया। 2012 में राष्ट्रपति चुनाव में भी, बीजेपी ने पीए संगमा जी के नाम का समर्थन किया। NDA ने ही जीएमसी बालयोगी जी को स्पीकर पद के लिए नामित किया था, जो देश के पहले दलित लोकसभा अध्यक्ष बने थे। जब बीजेपी को अवसर मिला, तो उसने दलित समुदाय से रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति बनाया। जब बीजेपी को मौका मिला तो उसने आदिवासी समुदाय से द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाया।
और यही मैदान है, जिसने आदेश दिया था आपलोगों ने और जब पूर्ण बहुमत बीजेपी को मिला और देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार का पहला ओबीसी प्रधानमंत्री बनाने का आपने मुझे अवसर देकर के एक ओबीसी का सम्मान किया था। और जैसे इसी मैदान से पूर्ण बहुमत वाली सरकार का...ओबीसी प्रधानमंत्री पहली बार बना। पूर्ण बहुमत वाली सरकार का बीजेपी का सीएम भी ओबीसी पहली बार यहां बनने वाला है। परिवारवादी पार्टियां, कभी किसी दलित, किसी पिछड़े, किसी आदिवासी को आगे नहीं बढ़ने देतीं। जबकि आज भाजपा देश की एकमात्र पार्टी है जो ओबीसी समुदाय को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व देती है।
केंद्र की एनडीए सरकार में 27 ओबीसी मंत्री हैं, जो आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी तादाद में ओबीसी मंत्री केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। आज देश में बीजेपी के 85 OBC सांसद हैं। आज देश में बीजेपी के 365 OBC विधानसभा सदस्य हैं। आज देश में बीजेपी के 65 OBC विधान परिषद सदस्य हैं। तेलंगाना में भी बीजेपी ही अपने बीसी साथियों के हितों का सबसे ज्यादा ख्याल रख सकती है, कोई और पार्टी नहीं कर सकती। आप लोग खुद साक्षी हैं कि, यहां तेलंगाना में बैकवर्ड क्लास को आगे बढ़ने के लिए सही संसाधन नहीं दिए जाते। बैकवर्ड क्लास के युवाओं को नौकरी देने में भी तेलंगाना सरकार गंभीर नहीं है। बैकवर्ड क्लास के युवाओं का भी स्किल डवलपमेंट हो, इस पर भी तेलंगाना सरकार उतना ध्यान नहीं देती। बीसी कल्याण के लिए यहां बीआरएस ने हर साल एक हजार करोड़ रुपए का फंड देने का वादा किया था। आप बताइए, क्या इनमें से किसी वादे को पूरा किया क्या? कोई वादा पूरा किया क्या। एक भी वादा पूरा किया क्या।
साथियों,
कांग्रेस और BRS ने कभी भी पिछड़ा वर्ग को निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया, कभी उनका मान नहीं बढ़ाया। ये भाजपा है, जिसने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया। ये भाजपा ही है, जिसने ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल को सदन से पास कराया। इस बिल की वजह से राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिला है। ये भाजपा ही है, जिसने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ओबीसी के लिए 27 परसेंट आरक्षण को लागू किया। हमारे ये कदम सोशल जस्टिस- सामाजिक न्याय की दिशा में हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। जब हम गांवों में महिलाओं के सम्मान के लिए करोड़ों शौचालय बनवाते हैं, जब हम करोड़ों महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाते हैं, जब करोड़ों गरीबों को अपना पक्का मकान मिलता है, जब करोड़ों गरीबों तक पक्की सड़क पहुंचती है, जब करोड़ों लोगों को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की गारंटी मिलती है, तो इसका बहुत बड़ा लाभ बैकवर्ड कम्यूनिटी को ही मिलता है। समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ने, सम्मान के साथ जीने और न्याय पाने का अवसर मिले, यही भाजपा का प्रयास है। इसलिए आज बीसी, एससी, एसटी, गरीब, वंचित और शोषित वर्ग का हर व्यक्ति भाजपा के संकल्प के साथ खड़ा है।
साथियों,
हमारे बीसी समुदाय में बहुत बड़ी संख्या में विश्वकर्मा भाई बहन भी आते हैं। विश्वकर्मा साथियों के बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हमारे कुम्हार हों, सुनार हों, सुथार हों, मूर्तिकार हों, कपड़े धोने वाले हों, कपड़े सिलने वाले हों, जूते बनाने वाले हों, बाल काटने वाले हों, ऐसे बहुत से साथी BC समुदाय से ही आते हैं। ऐसे लोगों के लिए ही भाजपा सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना बनाई है। इस योजना के तहत हमारे विश्वकर्मा भाइयों-बहनों पर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे उन्हें अपना जीवन स्तर उठाने में, अपने जीवन से अन्य परेशानियां दूर करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।
ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कहते हैं अहंकार किसी का भी हो, उसको टिकने नहीं देता है। BRS के नेताओं में भी वही अहंकार दिखता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना के लोगों ने ऐसे अहंकारी सीएम को अपने वोट की ताकत से जवाब दिया था। इसी बौखलाहट में यहां के नेता मोदी को गाली देते रहते हैं। BRS के भ्रष्टाचार के तार दिल्ली के शराब घोटाले से भी जुड़े हैं। जांच एजेंसियों ने जब उनके भ्रष्टाचार की जांच शुरू की, तो ये लोग जांच एजेंसियों को भी गालियां देने लगे। लेकिन आज मैं ऐसे लोगों को डंके की चोट पर कहना चाहता हूं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होकर रहेगी- जिन्होंने जनता को लूटा है, उनको लौटाना ही पड़ेगा। और मेरे तेलंगाना के भाइयों-बहनों ये मोदी की गारंटी है।
साथियों,
BRS और कांग्रेस, अलग-अलग नहीं हैं। एक ही सिक्के के दो बाजू हैं। कांग्रेस ने सात दशक में परिवारवाद और भ्रष्टाचार का जो मॉडल डवलप किया, BRS उसी पर चल रही है। दोनों की मंशा मिलकर राज्य की संपत्ति को लूटने की है। ये दोनों पार्टियां अपने बेटा-बेटी को आगे बढ़ाने में लगी हैं, उन्हें आपके बेटे-बेटियों की कोई परवाह नहीं है। BRS ने सत्ता में आने के लिए जो बड़े-बड़े वादे किए थे, उनमें से किसी वादे को पूरा नहीं किया। तेलंगाना की सरकार ने युवाओं के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया है। TS-PSC परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को 9 वर्षों से सिर्फ धोखा मिल रहा है। छात्रों ने वर्षों तक परीक्षा होने का इंतजार किया, और जब परीक्षा का एलान हुआ तो पेपर लीक हो गया। BRS की नाकामी ने तेलंगाना की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर दिया। और ये हाल सिर्फ एक परीक्षा का नहीं है। राज्य में होने वाली हर परीक्षा में गड़बड़ी इस सरकार की पहचान बन गई है। आज युवा पूछ रहे हैं, BRS के रोजगार के वादे का क्या हुआ? हर महीने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करके BRS ने इस वादे को भी पूरा नहीं किया। आज भी तेलंगाना में टीचर्स के हजारों पद खाली हैं और हजारों स्कूल तो ऐसे हैं जहां सिर्फ एक टीचर है। आप मुझे बताइए...तेलंगाना के युवाओं को धोखा देने वाली, उनके भविष्य से खेलने वाली BRS सरकार जानी चाहिए या नहीं जानी चाहिए? ये सरकार जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए। इसको हटाना चाहिए कि नहीं हटाना चाहिए। हर गांव-गली से हटाना चाहिए कि नहीं हटाना चाहिए।
ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
BRS ने तेलंगाना के मेरे गरीब भाई-बहनों को यहां 2 बेडरूम वाले घर देने के सपने दिखाए गए थे। लेकिन ये वादा भी BRS ने पूरा नहीं किया। एक तरफ BRS का ट्रैक रिकॉर्ड है, तो वहीं बीजेपी का सेवाकाल भी है। केंद्र में बीजेपी सरकार ने पिछले 9 साल में गरीबों को 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर बनाकर दिए हैं। पीएम आवास योजना अर्बन के तहत तेलंगाना में भी दो लाख पचास हजार से ज्यादा घर बने हैं। हमने गरीब की हर चिंता का, हर जरूरत का ध्यान रखा है। तीन-चार दिन पहले ही हमने ये भी तय किया है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को...आप जानते हो जब कोविड का कालखंड था पूरी दुनिया जिंदगी और मौत का संकट झेल रही थी। परिवार में एक व्यक्ति दूसरे को मिल नहीं पा रह था। कामकाज ठप हो चुके थे। तब गरीबी से निकला हुआ मोदी जो गरीबी को भलीभांति जानता है समझता है गरीबी को जीकर के आया है। उसने तय किया कितना ही संकट क्यों न आ जाए मैं गरीबों के बच्चों को भूखे नहीं सोने दूंगा। मैं गरीब का चूल्हा कभी बुझने नहीं दूंगा। और इसीलए हमने गरीबों के लिए मुफ्त अन्न की योजना शुरू की। आज भी इस देश के 80 करोड़ लोगों मुफ्त अनाज दिया जाता है। और ये योजना ये दिसंबर में पूरी होने वाली है। लेकिन गरीबी को जानने वाला मोदी गरीबों को ऐसे असहाय नहीं छोड़ सकता है। इसीलिए मैंने संकल्प किया है, मैंने निश्चय किया है कि गरीबों को जो आज अन्न मिल रहा है उसे आने वाले 5 साल के लिए बढ़ाया जाएगा। आप सब अपना मोबाइल फोन का फ्लैश चालू कीजिए। गरीबों के सम्मान में फ्लैश लाइट चालू कीजिए। पांच साल के लिए मुफ्त अनाज योजना के समर्थन में फ्लैश लाइट चालू कीजिए। ये गरीबों का समर्थन है, ये मोदी की गारंटी का समर्थन है। गरीबों का कल्याण हमारे दिलों में है। इसलिए इतना बड़ा जनसमर्थन मिल रहा है। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। यानि मुफ्त राशन की योजना अब अगले पांच साल तक जारी रहेगी। इसका लाभ तेलंगाना के भी लाखों गरीबों को मिलेगा।
साथियों,
BRS ने राज्य के किसानों के साथ भी विश्वासघात किया है। एक लाख तक का लोन माफ करने का वादा करके यहां की सरकार ने जो खेल खेला है, वो यहां के किसान अच्छी तरह समझते हैं। उसने किसानों को मिलने वाली कई तरह की मदद भी बंद कर दी है। ये भाजपा सरकार जो अपने किसान भाई-बहनों के हर हित का ध्यान रखती है। पीएम किसान सम्मान योजना के तहत हमने यहां के किसानों को 9 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में भेजे हैं। इससे तेलंगाना के 35 लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ है। इसमें बड़ी संख्या में बैकवर्ड कम्यूनिटी के भी किसान शामिल हैं।
साथियों,
आज तेलंगाना के लोगों के साथ ही पूरा देश 2047, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा...हम विकसित भारत का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरे हैं। इसीलिए काम कर रहे हैं। भाइयों-बहनों आप इतनी बड़ी तादाद में आए हैं, इस मैदान ने मुझे फिर एक बार प्यार और आशीर्वाद की ताकत का अहसास करा दिया है। तेलंगाना का तेजी से औद्योगिक विकास हो, यहां के नौजवानों को रोजगार मिले इसके लिए बीजेपी सरकार प्रतिबद्ध है। बीजेपी सरकार हर क्षेत्र में तेलंगाना के विकास के लिए काम करेगी। इसके लिए तेलंगाना में डबल इंजन की सरकार जरूरी है। तेलंगाना में भाजपा सरकार बनने के बाद बीसी गौरव को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। भाजपा हमेशा आपके विश्वास को मजबूत करने का प्रयास करेगी। विश्वास की इस लहर को आप तेलंगाना के जन-जन तक, हर कोने तक लेकर जाएं। आप इतनी बड़ी तादाद में आए, नौजवानों का जो मैं जोश देख रहा हूं। मैं साफ देख रहा हूं, तेलंगाना में आपने बीजेपी की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है।
मेरे साथ बोलिए...भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की, जया।
आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद।