PM Modi urged every karyakarta to give their best effort in the final days, focusing on winning polling booths and achieving record voter turnout in every booth
With BJP-Mahayuti, there is momentum, and with momentum, Maharashtra progresses, says PM Modi while interacting with BJP Karykartas via NaMo App
The Mahayuti government is striving for the empowerment of every section of society. This is the key difference between our govt & the Aghadi govt: PM Modi

पीएम मोदी- नमस्कार।

महाराष्ट्र भाजपा के मेरे सभी कार्यकर्ता साथियों को मेरा नमस्कार। पिछले कई महीनों से आप सभी बिना थके, बिना रुके लोकतंत्र की सबसे बड़ी तपस्या में जुटे हैं। और अब तो चुनाव का दिन भी बहुत पास आ चुका है। जो साधना आपने इतने महीनों तक की है अब उसकी सिद्धि का समय है। अगले कुछ दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाले हैं। आप लोगों को घर-घर जाकर लोगों तक भाजपा का महायुद्ध का विजन पहुंचाना है। और मेरा तो आग्रह है जल्दबाजी में घर के बाहर, जुलूस के रूप में चले गए और एक पर्चा दे दिया, नमस्ते कह दिया, वोट दे देना ऐसा नहीं। बिलकुल आराम से घर में जाकर, बैठकर बातें करके उनके मन को जानकर, उनके मन को समझकर के उनसे बात करें। क्योंकि, हमारा काम होता है चुनाव में मत परिवर्तित करना और मतदान करवाना। बहुत से मतदाता ऐसे होते हैं जिनके पास गलत जानकारियां होती हैं, कुछ दुविधाएं रहती हैं, कुछ सवाल होते हैं और इसलिए ये हमारा कर्तव्य है, लोकतंत्र में हमारी जिम्मेवारी है कि हम बैठकर के बात करें और एक बूथ में कई कार्यकर्ताओं के समूह बना देने चाहिए। तीन-तीन, चार कार्यकर्ता हो उसमें भी एक- दो बहनें हो, घर में जाएं, बैठें और 15-15, 20-20 घर बांट लें तो बूथ के सभी परिवारों से निकट संबंध आता है और जब मतदान के लिए निकलने के लिए कहते हैं तो हमारी बात मान लेते हैं और उनको चुनाव के मुद्दों को बार-बार याद कराना चाहिए। हर मुद्दे पर भाजपा का स्टैंड क्या है? भाजपा का संकल्प क्या है? ये भी बताना है। और कभी-कभी क्या होता है मतदाता के साथ विवाद करते हैं।

मैं कहता हूं विवाद नहीं करना है, संवाद करना है, प्यार से करना है उनकी बात को काटे बिना करना है और हाथ जोड़कर कहना है कि आपकी बात सही है लेकिन मुझे लगता है कि आप इस बार ये कर लेंगे तो अच्छा होगा। तो वो धीरे- धीरे हमारे साथ जुड़ जाता है और ये सारी बातें बहुत महत्वपूर्ण है और ये ही समय है जब हमें ये सुनिश्चित करना है कि भाजपा को हर वोटर पोलिंग बूथ तक जाना चाहिए, उसका वोट होना चाहिए और भारतीय जनता पार्टी और महायुति के पक्ष में वोट होना चाहिए। और, मैं मानता हूं हमारा बूथ मैनेजमेंट ये ही चुनाव जीतने की सबसे बड़ी रणनीति होती है और हमारा तो सौभाग्य है हम कैडर बेस्ड पॉलिटिकल पार्टी हैं, इतना बड़ा कार्यकर्ताओं का समूह है, विचार परिवार का इतना बड़ा समूह है और सब लोग कमिटेड लोग हैं। और, आप तो देखिए युद्ध भी होता है तो क्या होता है? हर कोई एक-एक चौकी संभालकर बैठता है। चौकी कोई हारना नहीं चाहता है, चौकी जीतना चाहता है और इसलिए हमारा हर पोलिंग बूथ हमारी चौकी है, जब चौकी जीत जाते हैं तो किला भी जीतकर दिखाते हैं और हम तो छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि के हैं तो हमें तो एक-एक चौकी को, एक-एक बूथ को मजबूती से बनाए रखना है और किले को जीतते रहना है। और इसलिए आपको ‘माझा बुथ, सर्वात मजबूत’ ये मंत्र को ही बस इसी एक मंत्र पर आने वाले जितने घंटे हमारे पास हैं, जितने मिनट हमारे पास हैं अब हिसाब-किताब दिनों का नहीं होना चाहिए। अब हिसाब-किताब कितने घंटे हैं हमारे पास उस पर होना चाहिए।

साथियों,

महाराष्ट्र के लोग महायुति सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल से बहुत प्रभावित हैं। मैं जहां-जहां गया हूं, मैंने ये प्यार देखा है और पुराने बुरे अनुभवों से जो उनके दुख हैं और हमारे आने के बाद जो सुख मिला है उसकी चर्चा लोग करते हैं। और लोग भी चाहते हैं अगले पांच साल ये ही सरकार रहनी चाहिए। इस भावना को हमने पूरे महाराष्ट्र में महसूस किया है। महायुति की सरकार में लोगों ने जो विकास देखा है, वो अभूतपूर्व है। इसलिए महाराष्ट्र में गूंज रहा है भाजपा-महायुति आहे, प्रगति आहे। महाराष्ट्र की प्रगति आहे।

साथियों,

महायुति की सरकार मराठी गौरव को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। केंद्र सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है और मुझे तो महाराष्ट्र समेत देशभर के मराठी लोगों के संदेश मिले। हमें हमारे इन सकारात्मक प्रयासों को जनता के बीच लगातार दोहराते रहना है। आप जनता के बीच और क्या-क्या कर रहे हैं ये जानने के लिए भी उत्सुक हूं। और एक बात में जरूर बताऊंगा जब किसी परिवार में जाते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि सरकार केंद्र हो या राज्य उनको कौन-कौन सा बेनिफिट उनको मिला है। और चर्चा वहीं से शुरू करनी चाहिए और पहले एक चीज पाने के लिए कितना भ्रष्टाचार करना पड़ता था? कितने पापड़ बेलने पड़ते थे? कितने नेताओं के पैर पकड़ने पड़ते थे? अब देखिए जैसे गैस का कनेक्शन, आप आराम से बता सकते हैं तो मुझे लगता है कि व्यक्तिगत बातचीत ही, परिवार के साथ संवाद ही अब हमारे एक-एक मिनट में वो ही काम होना चाहिए। आइए, आज तो हम आप से ही बात करना चाहते हैं। आपका अनुभव जानना चाहते हैं। चलिए मेरे साथ सबसे पहले कौन बात करेगा।

संवाद-1

शशिकांत पालवे- नमस्कार, मेरा नाम शशिकांत पालवे है। मैं अहिल्यानगर महाराष्ट्र से हूं, अहिल्यानगर महानगर जिला उपाध्यक्ष के तौर पर मैं पार्टी का दायित्व संभाल रहा हूं।

पीएम- पार्टी में क्या जिम्मेदारी है आपकी।

शशिकांत- मैं जिला उपाध्यक्ष हूं। महानगर जिला उपाध्यक्ष।

पीएम- पार्टी में चुनाव की दृष्टि से क्या जिम्मा है आपका।

शशिकांत- मेरा वॉर्ड है वॉर्ड नंबर दो , जिसमें 17 वार्ड आते हैं, उसका मैं प्रभारी हूं।

पीएम- अच्छा पिछले चुनाव के बाद से महाराष्ट्र के लोगों ने ढाई-ढाई साल की दो सरकारें देखीं। ढाई सरकार अघाड़ी वालों के देखे और ढाई साल हमारी डबल इंजन वाली सरकार देखी। और हमारी सरकार ने विकास कार्यों को गति भी बहुत दी है। आप जब जनता के बीच जाते हैं तो मैं जानना चाहूंगा कि पालवे जी कि आप किन बातों पर फोकस करते हैं, कौन भी बातें मतदाताओं को ज्यादा अच्छी लगती हैं और कौन सी बातें..क्योंकि हम काम तो सैकड़ों करते हैं, लेकिन लोगों का मन दो चार चीजों पर अटक जाता है, तो उसमें क्या आपको दिखता है।

शशिकांत- जैसे पिछले ढाई सालों में महाविकास अघाड़ी की सरकार सत्ता में थी, तो उस वक्त विकास कार्य पूरी तरह से रोके गए थे, जैसे बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट हो, मेट्रो प्रोजेक्ट हो। एकनाथ शिंदे जी के नेतृत्व में जब ढाई साल में महायुति की सरकार बनी। तो ये सब प्रोजेक्ट तेज गति से चलने लगे और महाराष्ट्र आने वाले समय में विकसित महाराष्ट्र के तौर पर उभर सकता है।

पीएम- जो उस गांव के, उस इलाके से जुड़े प्रोजेक्ट रुक गए हों, ऐसा ढ़ूढ करके आप बताते हो लोगों को।

शशिकांत- हां, जरूर, बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट है।

पीएम- बुलेट ट्रेन का जो प्रोजेक्ट हैं ना वो अलग लेवल का है। जैसे वहां पानी का जो काम हो रहा था, उसको उन्होंने रोक दिया था। अब जैसे पीएम आवास योजना कितना काम धीमे हो गया था कि गरीबों को घर नहीं मिल रहा था। तो इसके लिए हम क्या कर सकते हैं।

शशिकांत- इसके लिए महायुति सरकार का आना ही…हम जब प्रचार करते हैं मोदी जी, तो घर-घर जाते हैं डोर टू डोर कैंपेनिंग करते हैं। तो हर बूथ का जो प्रमुख हैं, किस घर में कितनी योजनाओं का लाभ हुआ है, ये रिकॉर्ड हमने बना कर रखा है। तो जब प्रचार करने जाते हैं तो अब तक हमारा तीन-तीन बार हो चुका है, हर घर में प्रचार के लिए जाना। तो वो लोग आत्मीयता से पूछते हैं कि हम लोग आपको क्या दे सकते हैं।

पीएम- क्या आप उनसे घर में बैठ कर बात करते हैं।

शशिकांत- हां बैठ करके बात करते हैं और उनको इतना कहते हैं, आप सुबह जल्दी-जल्दी मतदान के दिन आइए और मतदान कीजिए।

पीएम- किसी को शादी-ब्याह में जाना होगा। किसी को रिश्तेदार के यहां जाना होगा, किसी को लगता होगा की चलो छुट्टी है बाहर जाऊं। ऐसे लोगों को क्या कहते हैं।

शशिकांत- ऐसे लोगों को सुबह जल्दी से जल्दी मतदान करिए और आपको जहां जाना है जाइए।

पीएम- ऐसे लोगों की सूची बनाते हैं कि ऐसे लोग इस प्रकार से कहीं जाने वाले हैं।

शशिकांत- हां सर।

पीएम- देखिए शशिकांत जी जब भी कहीं विकास होता है तो उसका फायदा हर वर्ग को होता है। हर किसी को कनेक्टिविटी का फायदा मिलता है। जब कहीं कोई नया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू होता है तो इससे जुड़े लोगों को फायदा होता है। इसके साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर तैयार होते हैं जिसका फायदा हर वर्ग को मिलता है। महायुति सरकार समाज के हर वर्ग के सशक्तिकरण का प्रयास कर रही है। यही फर्क है हमारी और अघाड़ी वालों की सरकार में। इस अंतर को लोग स्वयं महसूस कर रहे हैं। जब यहां देवेंद्र जी हमारे मुख्यमंत्री थे तो इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए। ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किए गए थे। लेकिन अघाड़ी वालों को ये बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने बदले की भावना से महत्व के कामों को रोक दिया। वो अब भी मन में यही इच्छा पाले बैठे हैं। उनको अवसर मिलेगा तो फिर से महाराष्ट्र को पीछे लाने का काम करेंगे। महायुति की सरकार ही युवाओं, महिलाओं, किसानों और प्रोफेशनल्स के भविष्य को बेहतर बना सकती है। डबल इंजन की सरकार महाराष्ट्र के हर परिवार की चिंता करती है। यहां महायुति सरकार रहने से केंद्र की जन-कल्याण की योजनाएं भी तुरंत प्रभावी होती हैं। आप देखिए, यहां के किसानों को जितना पैसा पीएम सम्मान निधि से मिलता है, उतना यहां की महायुति सरकार भी देने लगी हैं, यानि डबल इंजन सरकार, यानि लोगों को डबल फायदा। ऐसे ही आप लोगों से बता सकते हैं कि महाराषट्र के विकास के लिए यहां डबल इंजन की सरकार, महायुति की सरकार बहुत जरूरी है।

पालवे जी बहुत अच्छा लगा अब पूरा समय पोलिंग बूथ पर ही फोकस करने में लगाइए। आप युवा मोर्चा के जिला स्तर के नेता हैं तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

संवाद-2

ललिता केशव कुंवर - नमस्कार प्रधानमंत्री मोदी जी। मैं ललिता केशव कुंवर बोल रही हूं नासिक से। भारतीय जनता पार्टी जिला उपाध्यक्ष, नासिक विधानसभा से आती हूं।

पीएम- ललिता जी, मैं तो नासिक आया था और बड़ा शानदार कार्यक्रम आप सबने किया था। मैं तो कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और महायुति के सब लोग साथ मिलकर के पूरी ताकत से लगे हुए हैं, ये खुशी की बात है। अच्छा मुझे बताइए, इस चुनाव में भाजपा ने, महायुति ने, ये जो लाडकी बहिनों से जुड़े या भाइयों से जुड़े, समाज के हर वर्ग के हित में अनेक संकल्प लिए हैं। किन संकल्पों की जनता में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। आप जब मिलते हैं, कार्यकर्ता मिलते हैं तो क्या चर्चा करते हैं लोग।

ललिता- मैं मेरी विधानसभा क्षेत्र में जब जाती हूं कैम्पेनिंग करने के लिए, तो हमारी बहनें बोलती हैं, मोदी जी ने अपुन की सरकार ने बहुत अच्छा किया। वो लाडकी बहिन योजना बहुत अच्छी से चलाई। और अभी तो 1500 से करके 2100 रुपए देने वाले हैं। तो अब अपुन की ही सरकार लानी चाहिए। और महायुति को ही लाना चाहिए, तभी आपका भला होगा। और आपकी योजना, हमारी योजना, मैं भी बीजेपी से ही हूं। हमारी योजना गैस योजना, उज्ज्वला गैस योजना, उनसे तो बहुत अच्छा हुआ। क्योंकि मैं ट्राइबल एरिया से आती हूं। उधर सब कोई गैस तो नहीं था। लेकिन आज में देखती हूं तो हमारी बहनें इतनी खुश हैं, इतनी खुश हैं और बोलती हैं कि कभी भी मोदी जी की सरकार नहीं जाना चाहिए। पिछले ढाई साल में हमने खूब दर्द सहन किया। कोविड में कोई पूछनेवाला नहीं था। तब महाअघाड़ी की सरकार थी। बाद में शिंदे साहब की सरकार आई तो बहुत अच्छा चल रहा है। बहुत अच्छा है और लोगों का, बहनों का रेस्पोंस अच्छा है। बहुत सब मिलके हमारे साथ आते हैं कैंपेन करने के लिए।

पीएम- अच्छा ललिता जी, मुझे याद है, मैं 2019 में झारखंड में जब प्रवास कर कर रहा था, तो झारखंड के किसान पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे लेते ही नहीं थे। मैंने कहा क्यों नहीं ले रहे भई। तो उनके दिमाग में ये अघाड़ी के जो वहां के लोग हैं, कांग्रेस के और वहां के जेएमएम के, उन्होंने हमारे आदिवासी भाईयों के दिमाग में भर दिया था कि ये पैसे मत लेना। मोदी बाद में ब्याज के साथ आपसे वसूल करेगा। और अगर आप नहीं दोगे तो आपकी जमीन जब्त कर लेगा। ऐसा झूठ चलाया कि लोग पैसे ही नहीं लेते थे। अभी जब मैं महाराष्ट्र आया तो मुझे लोग कह रहे थे कि अघाड़ी वाले घरों में जाकर कहते हैं, देखिए ये तो चुनाव है, इसलिए पैसे दिए हैं। ये 2100 की बातें करते हैं, वो देने वाले नहीं है और ये 1500 भी बंद कर देने वाले हैं। ऐसा झूठ बहुत तेजी से फैलाते हैं। इसमें आप क्या जवाब देते हैं लोगों को।

ललिता- मैं तो उसको यही जवाब देती हूं कि देखो कर्नाटक में जो कांग्रेस की सरकार है उसने जो बताया था, कुछ तो हुआ भी नहीं। लेकिन वहां से जो नौकर वर्ग है, उसको को पैमेंट को देने को भी पैसा नहीं उसके पास। ये मैं खुद उसको बताती कि ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। और मोदी साहब गरीब का ध्यान रखने वाले पंत प्रधान हैं। तो मत किसी के बोलने से इधर-उधर हो जाओ। तो बहना बोलती हैं, नहीं-नहीं हमको मालूम है तुम बोलेगी और तुम बोलती है तो सही बोलती है। ऐसा चलता है। मैं सबको बताती हूं और सब लोग खुश हैं।

पीएम- ललिता जी मुझे बहुत अच्छा लगा, आपने बहुत शानदार जवाब मुझे भी दिया। और ये ही जानदार जवाब लोगों को जाना चाहिए। और इसी से विश्वास पैदा होता है। ललिताजी, हमारी सरकार ने महिलाओं के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाई है। हमने महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कानून बनाए हैं। तभी तो आज देशभर में भाजपा को, हमारी माताओं-बहनों का खूब आशीर्वाद मिलता है। कांग्रेस ने देश पर इतने वर्षों तक शासन किया, लेकिन उसने महिलाओं को आगे बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया। आज हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। वो बार्डर की सुरक्षा से लेकर स्टार्टअप को नेतृत्व देने तक का काम कर रही है। हमारी ग्रामीण बहनों को लखपति दीदी, ड्रोन दीदी का लाभ मिल रहा है। आप जब महिलाओं के बीच जाएं, तो ये जरूर बताएं कि हमने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान का उन्हें भी फायदा जरूर मिलेगा। हमारा मानना है कि किसी भी परिवार की समृद्धि का रास्ता उसकी महिला सदस्य के सशक्तिकरण से शुरू होता है। परिवार की महिला को आर्थिक मजबूती मिलती है तो वो सबसे पहले परिवार की जरूरतें पूरी करती है। इसलिए हमारी पीएम आवास योजना की भी बहुत चर्चा होती है। क्योंकि इसके साथ मिलने वाला घर महिला सदस्य के नाम पर होता है। परिवार की महिला की सेहत ठीक रहती है तो पूरे परिवार की सेहत ठीक रहती है। हमारी आयुष्मान योजना, हर घर जल स्कीम, उज्ज्वला योजना से माताओं-बहनों के स्वास्थ्य को बहुत मदद मिल रही है।

ललिता- मैं तो हर घर जाकर पूछती हूं और उनको याद दिलाती हूं कि तुमको घर मिला क्या। तुमको आयुष्मान कार्ड मिला क्या। तुमको उज्ज्वला गैस मिला क्या। तुमको फ्री राशन मिलता है क्या। सबको याद दिलाती हूं। और बाद में बोलती हूं कि कांग्रेस की सरकार कोई कुछ करने वाली नहीं है, तुम ध्यान मत हटाना और मोदी जी की सरकार लाना है अपुन को।

पीएम- ललिता जी आपने बहुत अच्छा कहा, देखिए मैं सभी साथियों को कहना चाहता हूं कि महाराष्ट्र के। देखिए, महायुति सरकार में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार किए गए हैं। महायुति सरकार ने युवाओं को ट्रेनिंग और भत्ता देने की व्यवस्था बनाई है। केंद्र सरकार ने पेड इंटर्नशिप ये वाली योजना शुरू की है। भाजपा और आदिवासी समुदाय के बीच भरोसे के एक अटूट रिश्ता बना है। जब अटल जी की सरकार थी तो उन्होंने आदिवासी भाई-बहनों के लिए एक अलग से मंत्रालय बनाया। हमने पीएम जनमन योजना, एकलव्य योजना, जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, आदिवासी समुदाय को सशक्त करने वाली बहुत सारी योजनाएं कीं। और कल ही देशभर में जनजातीय गौरव दिवस मनाया। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उत्सव साल भर हम मनाने वाले हैं। तो ललिता जी आपकी जागरूकता और आपकी हाजिर जवाब सचमुच में बड़ा प्रभावित करने वाला है। आपके क्षेत्र में जरूर भाजपा का डंका बजने वाला है। मैं देख रहा हूं। चलिए, मेरी आपको बहुत बधाई और बहुत शुभकामनाएं हैं। आइए, आगे कौन हमसे बात करेंगे…

संवाद-3

विजय- नमस्कार प्रधानमंत्री जी. मैं विजय बाबू कांबले बात कर रहा हूं।

पीएम- विजय जी नमस्कार

विजय- मैं चरणजी विधानसभा से बूथ प्रमुख का काम करता हूं।

पीएम- और आप काम क्या करते हैं।

विजय- खेती करता हूं सर।

पीएम- अच्छा, पहले कितने विधानसभा चुनाव में काम किया है।

विजय- 20 चुनावों में काम किया है।

पीएम- वाह तब तो आप मुझसे भी ज्यादा अनुभवी हैं। मुझे आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मुझे बहुत कुछ समझना है। अच्छा आप मुझे बताइए कि महाराष्ट्र के लोग आपसी एकता के महत्व को समझते हैं, लेकिन ये अघाड़ी वाले समाज को तोड़ने के लिए लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। अघाड़ी वालों की साजिश पर लोगों में क्या चल रहा है। सामान्य हमारे लोगों में क्योंकि आप गरीब समाज के बीच में काम करते हैं, इतने लंबे समय से काम कर रहे हैं। तो अघाड़ी वाले जो झूठ फैला रहे हैं, समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, इस पर लोगों में क्या चर्चा है।

विजय- बो बोलते हैं कि महाअघाड़ी वाले बोलते हैं कि बाबासाहेब के संविधान बदलने वाला ऐसा बोलते हैं। लेकिन पांच साल में मतदान लेकर जाते हैं तो फिर वापस नहीं आ पाते हैं। संविधान कोई नहीं बदल सकता।

पीएम- ये जातियों के खिलाफ बोलते हैं, ये जातियों को तोड़ने की बातें करते हैं उसका क्या है।

विजय- वो लोगों को भड़काते हैं सर, दलित समाज को भड़काते हैं।

पीएम- उसका असर क्या है, लोग क्या कहते हैं।

विजय- वो कहते हैं कि झूठ बोल के जाते हैं वे लोग। उस पर ध्यान नहीं देने का ऐसा बोलते हैं।

पीएम- उनको मालूम है एससी-एसटी और ओबीसी, ये एक है और उसकी ताकत बहुत ज्यादा है। और इसलिए अगर उनको राजनीति करनी है तो पहले उसके टुकड़े कर दो, यही उसका उद्देश्य है।

विजय- हां।

पीएम- विजय जी मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप इतने काम कर रहे हैं। देखिए महाराष्ट्र की धरती ने ऐसे अनेक महान महापुरुषों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश की एकता के लिए बलिदान दिया है। हर मराठी मानुस छत्रपति महाराज जी से प्रेरणा लेता है, इसलिए महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कि उनकी एकता बहुत मूल्यवान है। जब मैंने लोगों के बीच जाकर एक है तो सेफ है का जो विचार रखा तो लोगों ने तुरंत इसे अपना लिया, ये विचार उनके मन में पहले से था, मैंने सिर्फ उसे आवाज दी है। लेकिन ये अघाड़ी वाले क्या करते हैं, ये हमारी एकता पर अलग तरह से चोट कर रहे हैं, ये हर जगह जाकर के जाति का नारा बुलंद कर रहे हैं। अघाड़ी वाले जाति में बंटे समाज को अपने लिए फायदेमंद मानते हैं। इसलिए वे एक जाति को दूसरी जाति से लड़ा रहे हैं।

हमारी सरकार का विजन है कि हम मिलकर इतना विकास करें कि हर किसी को आगे मिलने का अवसर मिले। इसी को हम सैचुरेशन का विजन कहते हैं। कांग्रेस को अपना इतिहास पता है कि जब तक देश में ओबीसी समाज, एसटी समाज, एससी समाज जागरूक नहीं हुआ था उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बनती थी, लेकिन जब ये समाज एकजुट हो गया उसकी स्थिति कमजोर होती चली गई। इसलिए अब तो लोगों को अब इतना तोड़ देना चाहती है कि कोई इसके खिलाफ कोई ताकत ही नहीं बन पाए। समाज को तोड़ो, जातियों में तोड़ो, उपजाति में तोड़ो, भाषा में तोड़ो यही चल रहा है। कांग्रेस की साजिश बहुत खतरनाक है। और इसलिए हमें घर-घर जाकर के, समाज की एकता टूटे नहीं, समाज एक रहे और लोगों को विश्वास हो कि भाई जब एक रहेंगे तभी सेफ रहेंगे ये बात हमें पहुंचानी है। और जब मतदान के लिए निकलें, मेरा आग्रह है कि एक तो आपको पता होना चाहिए कि कितने मतदाता मतदान के दिन अपने निजी कामों से, जैसे शादी हो, रिश्तेदारी हो, कहीं बाहर जाने वाले हैं तो उनको समझाना, उनका जल्दी से वोट करवा देना। और दूसरा मैंने देखा है, इतने सालों का मेरा अनुभव है, मैं भी आपकी तरह बूथ पर काम करने वाला कार्यकर्ता रहा हूं। मैं भी छोटे-छोटे क्षेत्रो में काम किया है। मैं क्या करता था कि चुनाव के दिन हर सोसाइटी-मोहल्ले का जुलूस निकालता था। हाथ में थाली बजा-बजा करके 30-40 घर हो तो सबके सब 25-30 मतदाता, 40 मतदाता एक साथ निकलते थे, गीत गाते-गाते जाते थे। इस तरह लोग उत्सव मनाते थे, 10 बजे तक तो 20-25 जुलूस एक बूथ से निकलते थे। और 500-600 वोट तो सुबह-सुबह ही लोग डाल देते थे। मैं तो कहूंगा कि आप अभी से छोटे-छोटे 25 जुलूस निकाले, एक पोलिंग बूथ में छोटे-छोटे 25 जुलूस निकलेंगे। और गाने बाजे के साथ थाली बजाते-बजाते वोट करने के लिए जाएंगे। यानि लोकतंत्र एक उत्सव है ये वातावरण बनाना चाहिए। और आपके तो नाम में ही विजय है और जिसके नाम में विजय है उसका विजय तो निश्चित हो जाता है। तो मेरे सभी कार्यकर्ताओं को मेरी शुभकामनाएं हैं।

संवाद-4

विनोद- प्रधानमंत्री जी, मैं विनोद विनय कुलकर्णी राधानगरी विधानसभा से बात कर रहा हूं। मैं बूथ प्रमुख हूं।

पीएम- और क्या अनुभव है जाते हैं तो।

विनोद- मैं बूथ प्रमुख की हैसियत से हर घर में जाता हूं।

पीएम- कितने लोग आपके साथ काम करते हैं विनोद जी।

विनोद- मेरी टीम में 15 लोग हैं।

पीएम- और डेली बैठकर शाम को फिर हिसाब-किताब लगाते हो, कितने लोग गए, कहां गए, कौन परिवार छूट गया, आज कौन परिवार मिले थे। ऐसा करते हैं।

विनोद- हां सर, ऐसा करते हैं।

पीएम- अच्छा उसमें ध्यान में आया उस सोसाइटी के 15 घर हैं, वहां वो लोग नाराज हैं और लोगों का बताना है कि ये कारण है, तो उसका उपाय कैसे करते हैं। कोई कहे भई वहां ये मुद्दा है इसलिए वो लोग नाराज हैं, तो जाकर क्या करते हैं।

विनोद- जाके हम उनको समझाते हैं, ऐसा कुछ नहीं है। उनका कुछ प्रॉब्लम है तो हम उनको बताते हैं कि ऐसा नहीं है, ऐसा करते हैं। आपकी स्कीम हम उन तक पहुंचाते हैं।

पीएम- देखिए इसमें करना ऐसा चाहिए कि किसकी बात वो मानते हैं ऐसे कोई व्यक्ति को ढूंढना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को विश्वास में लेके ले जाना चाहिए, और उनको कहना चाहिए कि ये जरा 10-12 परिवार है, आप जरा उनको बिठाइए, और आप सही बात बता कर देखिए, हमारी क्या मदद कर सकते हैं।

विनोद- हां, करते हैं ऐसा। यहां के डॉक्टर वगैरह को लेते हैं।

पीएम- हां, टीचर हो सकते हैं, डॉक्टर हो सकते हैं कोई महात्मा हो सकते हैं। तो जिनका इंफ्लूएंस होता है तो हमारी बात से उनकी बात वो ज्यादा मानता है।

विनोद- जी हां।

पीएम- अच्छा आप इतना सारा काम करते हैं। अब मिडिल क्लास को फायदा पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए हैं। लेकिन ये कांग्रेस वालों का तो क्या होता है, अघाड़ी वालों का, जहां बैठेंगे उसको भड़काने का काम करेंगे। हम मिडिल क्लास के लिए इतना सारा काम करते हैं। लोगों में इसकी जानकारी है क्या। चाहे पीएम सूर्यघर योजना हो या जनऔषधि केंद्र योजना हो या 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों दवाई की व्यवस्था की बात हो। ये सारी बातें उनसे चर्चा करते हैं तो क्या सुनने को मिलता है।

विनोद- हां, यहां के लोग उससे संतुष्ट हैं। यहां मेरे बूथ में 1100 लोग हैं। उनमें से 600 लाभार्थी है हर स्कीम के लिए। पीएम किसान, आयुष्मान भारत हो, पेंशन हो, लाडकी बहिन योजना हो, ऐसे लाभार्थी भरपूर हैं और वो आपके लिए खुश हैं।

पीएम- एक बूथ में 1100 में से 600 लोग ऐसे हैं जिनको कोई न कोई लाभ मिला है। इसका मतलब हुआ कि हर परिवार में किसी न किसी को तो लाभ हुआ है। तो उनको क्या लगता है। उनको लगता है कि ये लोग अच्छे हैं, चलो हमारी चिंता की। ये रहने चाहिए। लगता है ऐसा।

विनोद- हां, लगता है सर। हर इलेक्शन में हमारा बूथ सबसे ज्यादा वोट ले रहा है सर।

पीएम- अच्छा, पहले से मजबूत है। आप तो युवा कार्यकर्ता हैं तो मेहनत भी बहुत करते होंगे। अच्छा ये जनऔषधि केंद्र की दवाइयां लेते हैं, लोगों को पता है।

विनोद- पता है सर, लेते हैं।

पीएम- एलईडी बल्ब से बिजली बिल कम हुआ, मालूम है उनको।

विनोद- उनको मालूम है। महाराष्ट्र सरकार ने कृषि का बिल भी माफ किया, इसके लिए भी वो संतुष्ट हैं।

पीएम- अच्छा पीएम सूर्यघर से अब बिजली का बिल जीरो हो जाएगा। इसका विश्वास बैठता है लोगों में।

विनोद- हां बैठता है। हमारे बूथ में तीन जनों ने इस स्कीम का लाभ लिया है सर।

पीएम- फिर तो 1100 लोगों को दिखा देना चाहिए, देखिए भाई ये है। उन लोगों का इंटरव्यू लेके सोशल मीडिया में चलाना चाहिए, ये तीन लोगों।

विनोद- हां सर, लोकल वाट्सएप ग्रुप में करते हैं।

पीएम- विनोद जी, आप तो बहुत सारा काम करते हैं और हर क्षेत्र में करते हैं, मुझे अच्छा लगा। विनोद जी भाजपा शुरू से ही मिडिल क्लास की आकांक्षाओं पर फोकस करती आई है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान मिडिल क्लास से ही होता है। अगर मिडिल क्लास मजबूत होता है तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। हमारी सरकार ने टैक्स के बोझ को भी बहुत कम कर दिया है। आप जिन परिवारों से बात करते हैं उन्हें वो समय याद दिला सकते हैं, जब ढाई लाख से ऊपर की कमाई पर टैक्स लगता था और मोदी आने के बाद 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगता, जीरो टैक्स है। हमारी सरकार ने पीएम सूर्यघर योजना शुरू की। उससे लोगों को पैसों की बचत होगी। और जिन तीन परिवारों की आपके यहां बचत हो रही है उनकी बात लोगों तक पहुंचानी चाहिए। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे बिजली बिल जीरो हो जाता है। और साथ ही बिजली ज्यादा पैदा होती है तो सरकार खरीद लेती है उससे कमाई भी हो जाती है।

पिछले कुछ वर्षों में जगह-जगह जनऔषधि केंद्र खुलने लगे, इसका मतलब है कि लोग इन केंद्रों पर जाकर सस्ती दवाइयां खरीद रहे हैं। जिस परिवार में 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग हैं उन्हें अब इलाज पर पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। आयुष्मान वय वंदना कार्ड से बुजुर्गों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। हमने हार्ट के स्टेंट, नी प्लांट सस्ता किया है। इससे लोगों के पैसे की बचत हुई है। मिडिल क्लास के घर का सपना रेरा कानून की वजह से पूरा हो रहा है। पहले उन्हें चिंता रहती थी कि पैसे उनके डूब न जाएं। जो युवा हायर एजुकेशन में एडमिशन लेना चाहते हैं उनके लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। इसके तहत बिना गारंटी 10 लाख तक लोन दिया जा रहा है। हमने बीते 10 सालों में मेडिकल लाइन में जो काम किया है उसका सबसे बड़ा फायदा हमारे मिडिल क्लास के बच्चों को हो रहा है। आने वाले पांच साल में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें जुड़ जाएंगी। तो आप अंदाज कर सकते हैं कि कितने प्रकार के काम हो रहे हैं। चलिए आप सब कार्यकर्ताओं से बात करने का मुझे बहुत अच्छा मौका मिला। लेकिन मुझे लगता है कि आपके यहां जो लाभार्थी हैं, जिनको सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। उनके अनुभवों का वीडियो रिकॉर्डिंग करना चाहिए। और मैं महाराष्ट्र के सब बूथ में कहता हूं। हर बूथ में 10-12 वीडियो बनने चाहिए और वो वीडियो पूरा महाराष्ट्र में आपको वायरल करने चाहिए। लोग ही बताएं, घर मिला है तो घर के सामने खड़े होकर बताएं कि पहले झोपड़ी में रहता था अब ऐसे घर में रहता हूं। पहले बेटी की शादी नहीं होती थी, अब घर बन गया है तो बेटी की शादी हो रही है। ऐसी छोटी-छोटी बातें वो खुद वीडियो पर बताएं और मोबइल फोन सिंपल वीडियो लेकर चला देना चाहिए। तो लोग जब बोलते हैं तो आपकी ताकत बहुत बढ़ जाती है। देखिए, मुझे अच्छा लगा, आपलोगों से बात करके।

साथियों,

आखिर में मैं जरूर कुछ बातें बताना चाहूंगा। क्योंकि आप लोगों को भी चुनाव अभियान के लिए दौड़ना होगा। मुझे ज्यादा आपका समय लेना नहीं चाहिए। लेकिन मैं इतना कहूंगा कि इस बार मैं जहां-जहां गया। कार्यकर्ताओं की मेहनत मुझे दिखती थी। कार्यक्रम इतने भव्य हो रहे थे और इतना उत्साह, उमंग भरा हुआ था। इतना आत्मविश्वास भरा हुआ था कि मेरे लिए तो सचमुच में बहुत प्रेरक रहा है।

साथियों,

आप सभी भाजपा के मजबूत सिपाही हैं। जब आप लोगों से मिलते हैं तो आप मोदी के सीधे-सीधे प्रतिनिधि होते हैं। लोग आपसे अपनी आशाएं, आकांक्षाएं साझा करके आश्वस्त होते हैं। उनको लगता है कि आपको बता दिया मतलब मोदी को पहुंच गया। और मेरा भी तो प्रयास रहता है कि कार्यकर्ताओं के माध्यम से जमीनी वास्तविकता मुझ तक पहुंचती रहे। मैं जानता हूं कि आप सभी बहुत जिम्मेदारी के भाव से हमारे विजन को घर-घर पहुंचा रहे हैं। आपको ये सुनिश्चित करना है कि जब आप लोगों के बीच जाएं, तो पहले से उस क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी रख लें। उसे दूर करने के लिए हमारी सरकार जो कर रही है, उसे बताएं। मतदाता को लगना चाहिए कि उसने जो बात रखी है उस पर एक्शन लिया जाएगा। आप अपने बूथ के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर लोकल से लेकर ग्लोबल मुद्दों पर भी चर्चा कीजिए। उस पर हमारे देश, हमारी सरकार का क्या स्टैंड है, उस पर बात करें। भाजपा के संकल्प पत्र की हर महत्वपूर्ण बात आप लोगों को समझाएं। और मेरा तो आग्रह है कि आपके मोबाइल फोन पर ये सारी बात लिखी होनी चाहिए। तुरंत मोबाइल निकाल करके पढ़ करके बताना चाहिए। देखो, ये मुद्दा ऐसा है, ये मुद्दा ऐसा है। और आप अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ बैठक आयोजित कर सकते हैं। कभी महिलाओं का सम्मेलन। अभी दो-तीन दिन बाकी है तो यही करना चाहिए।

बूथ लेवल महिला सम्मेलन, बूथ लेवल युवा सम्मेलन, बूथ लेवल बेटियों का सम्मेलन, बूथ लेवल किसानों का सम्मेलन। वहीं पर भले 30-30 संख्या हो, 40 हो, 50 हो। और उनके मुद्दों पर चर्चा हो। कोई वीडियो हो तो उनको दिखाया जाए सरकारी योजनाओं की, चुनाव प्रचार के वीडियो बने हों तो वो दिखाए जाएं। मोबाइल फोन पर दिखाएं या टीवी पर दिखाएं। ये प्रचार के तरीके नए-नए बनाने चाहिए। और अभी जो आपके पास दो-तीन दिन हैं न, उसमें तो पूरी ताकत इसी में लगा देनी चाहिए। जब आप लोगों से मिलने निकलें तो ये सुनिश्चित कर लें कि आपके पास पर्याप्त साहित्य होनी चाहिए। अपने ग्रुप में महिलाओं को भी जरूर शामिल करें इससे आप ज्यादा परिवार तक पहुंच पाएंगे। मैं फिर दोहराऊंगा कि वोटिंग वाले दिन ज्यादा से ज्यादा मतदाता को बूथ तक ले जाना ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए। जब तक मतदान का समय खत्म नहीं हो जाए, जब तक आखिरी वोट पड़ न जाए, हमारा काम खतम नहीं होगा। आप अपनी टीम में पहले से तय कर सकते हैं कि किस घर किसको मौजूद रहना है, इसकी जानकारी पहले आप परिवार को दे देंगे, उन्हें भी खुशी होगी।

मुझे विश्वास है आपकी ये मेहनत जरूर सफल होगी। मुझे विश्वास है जल्द ही मुझे महायुति सरकार की शपथ विधि में आने का मौका मिलेगा और आप सबके दर्शन करने का भी अवसर मिलेगा। मुझे बहुत अच्छा लगा आप सब कार्यकर्ताओं से बात करके। लेकिन मेरा फिर से आग्रह है, आने वाले कितने दिन बचे हैं, इसको भूल जाओ, अब आपके पास कितने घंटे बचे हैं, वही पकड़ो। कितने घंटे आपको करने के हैं, कितने घर बाकी हैं, कितने घरों में काम करना है। हर घर से बूथ तक जाने की क्या व्यवस्था है। पूरी ताकत उसी पर लगाइए। देखिए बहुत बड़ा फायदा होगा। और पार्टी कैडर बेस्ड है, कार्यकर्ताओं की पार्टी है, तो हमारा ध्यान भी पोलिंग बूथ जीतने पर होना चाहिए। और आप मेरे शब्द लिख के रखिए, जो पोलिंग बूथ जीतता है, कोई चुनाव कभी भी हारता नहीं है। इसलिए हमारी पूरी ताकत पोलिंग बूथ जीतने पर लगनी चाहिए। हमारी पूरी व्यूह रचना पोलिंग बूथ में रिकॉर्ड वोट कराने पर होनी चाहिए। हमारी पूरी शक्ति, चुनाव के दिन उत्सव का वातावरण हो, माताएं-बहनें उमंग और उत्सव के साथ निकले। एक-दूसरे की मदद करे, मोहल्ले-मोहल्ले चलो भाई आप गए नहीं, तो चलो मैं आता हूं साथ। ये वातावरण बना दीजिए। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद साथियों। नमस्कार।

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Text of PM’s address at Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 23, 2024
It is a moment of pride that His Holiness Pope Francis has made His Eminence George Koovakad a Cardinal of the Holy Roman Catholic Church: PM
No matter where they are or what crisis they face, today's India sees it as its duty to bring its citizens to safety: PM
India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy: PM
Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled: PM
Each one of us has an important role to play in the nation's future: PM

Respected Dignitaries…!

आप सभी को, सभी देशवासियों को और विशेषकर दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, ‘Merry Christmas’ !!!

अभी तीन-चार दिन पहले मैं अपने साथी भारत सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के यहां क्रिसमस सेलीब्रेशन में गया था। अब आज आपके बीच उपस्थित होने का आनंद मिल रहा है। Catholic Bishops Conference of India- CBCI का ये आयोजन क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन हम सबके लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष CBCI की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर CBCI और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

पिछली बार आप सभी के साथ मुझे प्रधानमंत्री निवास पर क्रिसमस मनाने का अवसर मिला था। अब आज हम सभी CBCI के परिसर में इकट्ठा हुए हैं। मैं पहले भी ईस्टर के दौरान यहाँ Sacred Heart Cathedral Church आ चुका हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबसे इतना अपनापन मिला है। इतना ही स्नेह मुझे His Holiness Pope Francis से भी मिलता है। इसी साल इटली में G7 समिट के दौरान मुझे His Holiness Pope Francis से मिलने का अवसर मिला था। पिछले 3 वर्षों में ये हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। इसी तरह, सितंबर में न्यूयॉर्क दौरे पर कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन से भी मेरी मुलाकात हुई थी। ये आध्यात्मिक मुलाक़ात, ये spiritual talks, इनसे जो ऊर्जा मिलती है, वो सेवा के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।

साथियों,

अभी मुझे His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड से मिलने का और उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला है। कुछ ही हफ्ते पहले, His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को His Holiness Pope Francis ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भी वहां भेजा था। जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वभाविक है। मैं Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को फिर एक बार बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। वो 8 महीने तक वहां बड़ी विपत्ति में फंसे हुए थे, बंधक बने हुए थे। हमारी सरकार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया। अफ़ग़ानिस्तान के उन हालातों में ये कितना मुश्किल रहा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। लेकिन, हमें इसमें सफलता मिली। उस समय मैंने उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। उनकी बातचीत को, उनकी उस खुशी को मैं कभी भूल नहीं सकता। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहाँ भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। मैंने उन्हें भी अपने घर पर आमंत्रित किया था। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल diplomatic missions नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।

साथियों,

भारत अपनी विदेश नीति में भी National-interest के साथ-साथ Human-interest को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी pandemic आई, दुनिया के कई देश, जो human rights और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को diplomatic weapon के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। उस समय उन्होंने केवल अपने हितों की चिंता की। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयाँ पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। अभी हाल ही में, मैं गयाना दौरे पर गया था, कल मैं कुवैत में था। वहां ज्यादातर लोग भारत की बहुत प्रशंसा कर रहे थे। भारत ने वैक्सीन देकर उनकी मदद की थी, और वो इसका बहुत आभार जता रहे थे। भारत के लिए ऐसी भावना रखने वाला गयाना अकेला देश नहीं है। कई island nations, Pacific nations, Caribbean nations भारत की प्रशंसा करते हैं। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

Friends,

The teachings of Lord Christ celebrate love, harmony and brotherhood. It is important that we all work to make this spirit stronger. But, it pains my heart when there are attempts to spread violence and cause disruption in society. Just a few days ago, we saw what happened at a Christmas Market in Germany. During Easter in 2019, Churches in Sri Lanka were attacked. I went to Colombo to pay homage to those we lost in the Bombings. It is important to come together and fight such challenges.

Friends,

This Christmas is even more special as you begin the Jubilee Year, which you all know holds special significance. I wish all of you the very best for the various initiatives for the Jubilee Year. This time, for the Jubilee Year, you have picked a theme which revolves around hope. The Holy Bible sees hope as a source of strength and peace. It says: "There is surely a future hope for you, and your hope will not be cut off." We are also guided by hope and positivity. Hope for humanity, Hope for a better world and Hope for peace, progress and prosperity.

साथियों,

बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई Hope दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं। 10 साल में हमारे यूथ को वो opportunities मिली हैं, जिनके कारण उनके लिए सफलता का नया रास्ता खुला है। Start-ups से लेकर science तक, sports से entrepreneurship तक आत्मविश्वास से भरे हमारे नौजवान देश को प्रगति के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। हमारे नौजवानों ने हमें ये Confidence दिया है, य़े Hope दी है कि विकसित भारत का सपना पूरा होकर रहेगा। बीते दस सालों में, देश की महिलाओं ने Empowerment की नई गाथाएं लिखी हैं। Entrepreneurship से drones तक, एरो-प्लेन उड़ाने से लेकर Armed Forces की जिम्मेदारियों तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। दुनिया का कोई भी देश, महिलाओं की तरक्की के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। और इसलिए, आज जब हमारी श्रमशक्ति में, Labour Force में, वर्किंग प्रोफेशनल्स में Women Participation बढ़ रहा है, तो इससे भी हमें हमारे भविष्य को लेकर बहुत उम्मीदें मिलती हैं, नई Hope जगती है।

बीते 10 सालों में देश बहुत सारे unexplored या under-explored sectors में आगे बढ़ा है। Mobile Manufacturing हो या semiconductor manufacturing हो, भारत तेजी से पूरे Manufacturing Landscape में अपनी जगह बना रहा है। चाहे टेक्लोलॉजी हो, या फिनटेक हो भारत ना सिर्फ इनसे गरीब को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि खुद को दुनिया के Tech Hub के रूप में स्थापित भी कर रहा है। हमारा Infrastructure Building Pace भी अभूतपूर्व है। हम ना सिर्फ हजारों किलोमीटर एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, बल्कि अपने गांवों को भी ग्रामीण सड़कों से जोड़ रहे हैं। अच्छे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों किलोमीटर के मेट्रो रूट्स बन रहे हैं। भारत की ये सारी उपलब्धियां हमें ये Hope और Optimism देती हैं कि भारत अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है। और सिर्फ हम ही अपनी उपलब्धियों में इस आशा और विश्वास को नहीं देख रहे हैं, पूरा विश्व भी भारत को इसी Hope और Optimism के साथ देख रहा है।

साथियों,

बाइबल कहती है- Carry each other’s burdens. यानी, हम एक दूसरे की चिंता करें, एक दूसरे के कल्याण की भावना रखें। इसी सोच के साथ हमारे संस्थान और संगठन, समाज सेवा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूलों की स्थापना हो, हर वर्ग, हर समाज को शिक्षा के जरिए आगे बढ़ाने के प्रयास हों, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामान्य मानवी की सेवा के संकल्प हों, हम सब इन्हें अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं।

साथियों,

Jesus Christ ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। मैं मानता हूँ, ये हमारी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और as a nation भी हमारी duty है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ऐसे कितने ही विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया, लेकिन वो मानवीय दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा जरूरी थे। हमने उन्हें हमारी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक पैरामीटर के रूप में सेट किया। हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गाँव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिले, पैसे के अभाव में कोई इलाज से वंचित न रहे, हमने एक ऐसी संवेदनशील व्यवस्था बनाई जो इस तरह की सर्विस की, इस तरह की गवर्नेंस की गारंटी दे सके।

आप कल्पना कर सकते हैं, जब एक गरीब परिवार को ये गारंटी मिलती हैं तो उसके ऊपर से कितनी बड़ी चिंता का बोझ उतरता है। पीएम आवास योजना का घर जब परिवार की महिला के नाम पर बनाया जाता है, तो उससे महिलाओं को कितनी ताकत मिलती है। हमने तो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर संसद में भी उनकी ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की है। इसी तरह, आपने देखा होगा, पहले हमारे यहाँ दिव्यांग समाज को कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्हें ऐसे नाम से बुलाया जाता था, जो हर तरह से मानवीय गरिमा के खिलाफ था। ये एक समाज के रूप में हमारे लिए अफसोस की बात थी। हमारी सरकार ने उस गलती को सुधारा। हमने उन्हें दिव्यांग, ये पहचान देकर के सम्मान का भाव प्रकट किया। आज देश पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में दिव्यांगों को प्राथमिकता दे रहा है।

साथियों,

सरकार में संवेदनशीलता देश के आर्थिक विकास के लिए भी उतनी ही जरूरी होती है। जैसे कि, हमारे देश में करीब 3 करोड़ fishermen हैं और fish farmers हैं। लेकिन, इन करोड़ों लोगों के बारे में पहले कभी उस तरह से नहीं सोचा गया। हमने fisheries के लिए अलग से ministry बनाई। मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। हमने मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की। समंदर में मछलीपालकों की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक प्रयास किए गए। इन प्रयासों से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला, और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला।

Friends,

From the ramparts of the Red Fort, I had spoken of Sabka Prayas. It means collective effort. Each one of us has an important role to play in the nation’s future. When people come together, we can do wonders. Today, socially conscious Indians are powering many mass movements. Swachh Bharat helped build a cleaner India. It also impacted health outcomes of women and children. Millets or Shree Anna grown by our farmers are being welcomed across our country and the world. People are becoming Vocal for Local, encouraging artisans and industries. एक पेड़ माँ के नाम, meaning ‘A Tree for Mother’ has also become popular among the people. This celebrates Mother Nature as well as our Mother. Many people from the Christian community are also active in these initiatives. I congratulate our youth, including those from the Christian community, for taking the lead in such initiatives. Such collective efforts are important to fulfil the goal of building a Developed India.

साथियों,

मुझे विश्वास है, हम सबके सामूहिक प्रयास हमारे देश को आगे बढ़ाएँगे। विकसित भारत, हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। मैं एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और जुबली ईयर की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।