ഓപ്പറേഷൻ ഗംഗയുടെ കീഴിൽ ആയിരക്കണക്കിന് പൗരന്മാരെ രാജ്യത്തേക്ക് തിരികെ കൊണ്ടുവന്നു. ഈ ദൗത്യത്തിന് ഊർജം പകരാൻ, ഇന്ത്യ തങ്ങളുടെ നാല് മന്ത്രിമാരെയും അവിടേക്ക് അയച്ചിട്ടുണ്ട്: ഉക്രൈൻ ഒഴിപ്പിക്കലിനെക്കുറിച്ച് പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ബിജെപി സർക്കാർ ദരിദ്രർക്കായി കഠിനാധ്വാനം ചെയ്യുന്നു, അവർക്ക് ഒരു വീടും ടാപ്പ് വെള്ളവും ആരോഗ്യ ഇൻഷുറൻസും നൽകുന്ന പദ്ധതികൾ കൂടുതൽ ശക്തിപ്പെടുത്തും: സോൻഭദ്രയുടെ അഭിലാഷ ജില്ല കാമ്പയിനിൽ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
മുൻ സർക്കാരുകൾ 8-10 വന ഉൽപന്നങ്ങൾക്ക് മാത്രമാണ് എംഎസ്പി നൽകിയിരുന്നത്. ഇന്ന്, നമ്മുടെ സർക്കാർ 90 വന ഉൽപന്നങ്ങൾക്ക് MSP നൽകുന്നു: ആദിവാസി കർഷകർക്ക് പിന്തുണയുമായി പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ഓരോ വോട്ടും വരാനിരിക്കുന്ന നിയമസഭാ തിരഞ്ഞെടുപ്പിൽ റെക്കോർഡ് വിജയത്തിലേക്ക് നമ്മെ കൊണ്ടുപോകും. വികസനത്തിനും വളർച്ചയ്ക്കും വേണ്ടി പ്രവർത്തിക്കാൻ ഇത് നമുക്ക് പുതിയ ഊർജം നൽകും: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി ഗാസിപൂരിൽ

भारत माता की जय

भारत माता की जय

हम रउआ सब लोग के, प्रणाम करत बानी!

साथियो,

ये धरती, शौर्य, पराक्रम और वीरों की धरती है। गाजीपुर के बेटे परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद उन्होंने दिखा दिया था कि देश पर संकट हो तो गाजीपुर के लोग क्या नहीं कर सकते हैं। मुझे आज भी याद है, जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, 7-8 आठ साल पहले, श्रीमान अब्दुल हमीद जी की पत्नी रसूलन बीबी जी मेरे निवास स्थान पर आईं और उन्होंने मुझे भरपूर आशीर्वाद दिया था।

भाइयो और बहनो, गाजीपुर ने मनोज सिन्हा जी के रूप में भी, मनोज सिन्हा जी के रूप में एक ऐसा रत्न दिया है, जो देश की मुकुटमणि जम्मू-कश्मीर को संभाल रहे हैं। देशहित को हमेशा सबसे ऊपर रखने वाले बेटे-बेटियों की इस वीर भूमि को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो,

यूपी में पांच चरणों के चुनाव में बीजेपी अपना परचम लहरा चुकी है। बीजेपी की सरकार बननी तय है, लेकिन अब रिकॉर्ड जीत दिलाने के लिए आपका एक-एक वोट उतना ही जरूरी है। यूपी के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार को आपका एक-एक वोट नई ऊर्जा देगा। और आपका एक-एक वोट, उन घोर परिवारवादियों को भी करारा जवाब देगा, ये घोर परिवारवादी जिन्होंने इस क्षेत्र को इतने दशकों तक विकास से वंचित रखा।

भाइयो और बहनो,

गाजीपुर की इस धऱती का संबंध मां गंगा से है, कृषि से है, ऋषि से है। लेकिन परिवारवादियों ने अपने स्वार्थ में इस पुण्य क्षेत्र की पहचान बदलकर के रख दी थी। परिवारवादियों के शासन में यहां की पहचान गहमर के वीर ना होकर माफिया और बाहुबली बन गये थे। क्या आपको ये पहचान मंजूर है क्या, ये पहचान बदलने वालों को ये सजा करने का मौका है कि नहीं है।

इनको सजा दोगे कि नहीं दोगे ? आपको वोट देकर के सजा देनी है भाइयो। परिवारवादियों के राज में क्या कुछ नहीं हुआ, याद कीजिए मेरे भाइयो-बहनो, इन घोर परिवारवादियों ने हमारे दलित भाई-बहनों की बस्तियां जलाई थी कि नहीं जलाईं थीं। बस्तियां जलाईं थीं की नहीं जलाई थीं, क्या गाजीपुर के लोग भूले नहीं हैं वो दौर, जब हमारे एक होनहार साथी कृष्णानंद राय जी की गोलियों से छलनी कर दिया गया था।

भाइयो और बहनो, गाजीपुर को उन परिस्थितियों से निकालकर योगी जी के शासन में गाजीपुर के विकास को प्राथमिकता दी गई है। दंगों के दौरान खुली जीप में घूमने वाले आज घुटनों पर हैं दोस्तो। पहले की सरकारों के समय जो दहशत थी, उसकी जगह अब गरीबों के कल्याण ने ले ली है।

साथियो,

परिवारवादी सरकारों ने ठान रखा था कि गाजीपुर में विकास नहीं होने देना है।

लेकिन हमने भी ठानकर रखा था, हमने ये ठानकर काम किया कि गाजीपुर के लोगों की सेवा करनी है। सेवा करके रहेंगे। साथियो, आपकी एक बहुत बड़ी समस्या कनेक्टिविटी की थी। हम इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। आपको याद होगा, ताडी घाट पुल की मांग 6 दशक से हो रही थी।

ये हमारी ही सरकार है जिसने इसके निर्माण का काम शुरू करवाया। पूरे क्षेत्र में विकास को और तेजी देने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी शुरू हो चुका है। हमने गाजीपुर को काशी से जोड़ने के लिए हाइवे का निर्माण भी कराया है। गाजीपुर को बलिया, आजमगढ़ और बक्सर से जोड़ने के लिए भी ऐसा ही काम चल रहा है।  

साथियो,

इन घोर परिवारवादियों ने जिस तरह सुख-चैन भरा जीवन गुजारा है, महलों में जीना, महंगी गाड़ियों में घूमना, वो कभी भी गरीब का दर्द नहीं समझ सकते। इन्हें माताओ-बहनो को चूल्हे के धुएं से जो तकलीफ होती है, इसका अंदाजा भी नहीं था। ये हमारी ही सरकार है, जिसने गाजीपुर की ढाई लाख से अधिक गरीब माताओ-बहनो को उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दिया है।

साथियो,

ये वही परिवारवादी हैं जो शौचालय की बात करने पर हम लोगों का मजाक उड़ाते थे। इन परिवारवादियों को कभी हमारी माताओं-बहनों की असहनीय पीड़ा भी कभी समझ ही नहीं आई। इस पीड़ा को दूर करने का काम भी हमारी सरकार ने किया है।

साथियो,

ये लोग इतने असंवेदनशील हैं कि दिव्यांग, वृद्ध, असहाय की पेंशन का पैसा भी खा जाते थे। याद है ना, कैसे पैंशन के पैसे खा गए। याद रखिएगा- ये लोग पेंशन के भी लुटेरे रहे हैं। आज भी इन लोगों की सोच वही है, इनकी नजर आपके विकास के लिए आए पैसे हैं ना, उस पैसों पर इनकी नजर है। इसलिए आपको इन परिवारवादियों से सावधान रहना बहुत जरूरी है।

भाइयो और बहनो,

गरीब के घर में बीमारी आ जाए तो इलाज का खर्च पूरे परिवार की कमर तोड़ देता है। सारे सपने चूर-चूर कर देता है। हमने गाजीपुर के सवा दो लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का सुरक्षा चक्र दिया है। अब ये हमारे गरीब परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज अच्छे से अच्छे अस्पताल में करा सकते हैं। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, हमने इसके लिए पूर्वांचल में मेडिकल कालेजों की संख्या भी बढ़ाई है। यहां का महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज भी अब आपकी सहूलियत बढ़ा रहा है।

भाइयो और बहनो,

मैं जब भी गाजीपुर आता हूं, मुझे गाजीपुर के सांसद रहे स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह गहमारी जी की बात जरूर याद आती है। नेहरू जी जब प्रधानमंत्री थे तो विश्वनाथ जी ने पार्लियामेंट के अंदर उन्हें याद दिलाया था कि पूर्वांचल में इतनी ज्यादा गरीबी है कि लोग गोबर में से गेहूं के दाने निकालकर, उसे धोकर अपना पेट भरने के लिए मजबूर हैं। जिसके दिल में गरीब के लिए दर्द हो, वो कभी भी गरीब को ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ सकता।

साथियो,

हमारे देश पर, पूरी दुनिया पर, पूरी मानव जात पर कोरोना ने इतना बड़ा संकट पैदा किया, 100 साल का सबसे बड़ा संकट, 100 साल में नहीं आया ऐसा संकट, इतनी बड़ी महामारी आई, लेकिन हमने किसी गरीब को भूखा नहीं सोने दिया भाइयो। किसी गरीब के घर का एक दिन भी चूल्हा न जले, ये हमें मंजूर नहीं। भाइयो-बहनो, पिछले दो साल से भाजपा की डबल इंजन की सरकार, यूपी के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है। इस पर देशभर में 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मुझे पता है कि अगर यही काम इन घोर परिवारवादियों को करना होता तो वो आपको दाने-दाने के लिए तरसा देते और सारा पैसा खुद खा जाते।

साथियो,

महामारी के इस समय में हमारी सरकार गरीब का जीवन बचाने को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। हमने ये सुनिश्चित किया है कि सभी को वैक्सीन जरूर लगे। जो वैक्सीन विदेशों में हजारों रुपये में लग रही है, वही वैक्सीन हमारी सरकार मुफ्त में लगवा रही है। भाइयो और बहनो, आपको टीका लगा कि नहीं लगा...जरा हाथ उठाकर बताइये...टीका लगा....सबको लगा, अच्छा, आपको एक भी पैसा देना पड़ा क्या ? आपके जेब से एक रुपया भी गया क्या।

भाइयो और बहनो,

आप ये भी याद रखिए। ये परिवारवादी, कैसे भारत की वैक्सीन के खिलाफ अफवाह फैला रहे थे। आज अगर लोगों की चिंता कम हुई है, स्कूल-कॉलेज खुल पा रहे हैं तो ये इस वैक्सीन की वजह से ही हो रहा है।

साथियो,

हमारी सरकार छोटे किसानों की जरूरतों पर भी ध्यान दे रही है। आज गाजीपुर के 5 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। छोटे किसान उनकी पहले कभी चिंता नहीं हुई भाइयो। ऐसे किसान जिसके पास एक हेक्टेयर से भी कम जमीन होती है। और परिवार बढ़ता है तो वो जमीन का भी बंटवारा हो जाता है। हमने पांच लाख किसान, और मैं सिर्फ गाजीपुर की बात कर रहा हूं, पांच लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत इन किसानों के बैंक खातों में करीब साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये, साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये अकेले गाजीपुर के पांच लाख किसानों के खाते में जमा किए हैं भाइयो। अगर कोई और सरकार होती, कितने ही रुपये चबा जाते दोस्तो, चबा जाते। आपको ध्यान रखना है, इन घोर परिवारवादियों की नजर, आपको ये जो राशि मिल रही है, ये राशि पर भी इनकी नजर है, और इसलिए ऐसे लोगों को एक तस्सु भर भी जगह नहीं देनी है। घुसने नहीं देना है भाइयो।

साथियो,
ये घोर परिवारवादी चाहते हैं हमारा गरीब, हमारे देश का नागरिक, हमारे गाजीपुर के लोग जातियों में बंट जाएं, बिखर जाएं, अंदर-अंदर लड़ते रहें, ताकि उनकी दुनिया चलती रहे, उनका खेल चलता रहे। लेकिन आपको इन्हें बता देना है कि आपके लिए अपने क्षेत्र का विकास, अपने देश का विकास, अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य यही आपके लिए सर्वोपरि है। मैं यहां के सभी माताओं-बहनों को, बुजुर्गों को प्रार्थना करना चाहता हूं। पहले की सरकारों के कारण आपको जिस मुसीबत में जिंदगी गुजारनी पड़ी, जिन तकलीफों में जिंदगी जीनी पड़ी, जिस अभाव में गुजारा करना पड़ा।

कोई मां-बाप, कोई मां-बाप चाहेगा कि उनके बच्चों को भी वैसी जिंदगी जीनी पड़े. कोई चाहेगा क्या, कोई मां-बाप चाहेगा कि उनके बच्चे भी इसी मुसीबत में जिएं। जरा मुझे बताइये कि कोई चाहेगा क्या। तो हमें अपनी नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य को पक्का करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। और इसलिए भाइयो और बहनो, आपको भाजपा और उसके सहयोगियों के पक्ष में, हमारे एनडीए के जो साथी हैं, कहीं अपना दल है, कहीं निषाद पार्टी है, इन सभी सहयोगियों के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है।

भाइयो और बहनो,

मैं आज देख रहा हूं कि आप कितनी बड़ी संख्या में यहां आए हो, जहां भी मेरी नजर पहुंचती है, लोग ही लोग हैं। इनती बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आए, मैं आपका आभारी हूं। लेकिन भाइयो और बहनो, अब इतनी बड़ी रैली हो गई। इतने सारे नेता आ गए। अब तो चुनाव जीत गए। चलो जाके सौ जाएं, ऐसा तो नहीं करोगे ना। जाके सौ नहीं जाओगे ना। अब तो जीत गए क्या करना है। ऐसा नहीं करोगे ना। मतदान पूरा होने तक ज्यादा मेहनत करनी है, करोगे। घर-घर जाओगे। एक-एक मतदाता को मिलोगे। अच्छा भइया मेरा एक काम करोगे। करोगे।

जो भी करने वाले हैं जरा हाथ ऊपर करो। करोगे। देखिए, ये गाजीपुर की धरती है। आपने वादा किया है तो गाजीपुर के लोग कभी भी वादा तोड़ते नहीं है। मेरा काम करोगे। फिर से बताइये जोर से, करोगे । देखिए, अभी से लेकर हर घर जाइये, जा करके उन परिवार के लोगों को बताइये कि मोदी जी गाजीपुर आए थे, और उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है।

ये काम करोगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचाओगे। पक्का पहुंचाओगे। देखिए, जब आप हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचाओगे तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा और जब हर परिवार आशीर्वाद देगा तो आपको मालूम है कि मेरी ऊर्जा कितनी बढ़ जाएगी। मैं कितना ज्यादा काम करूंगा।

कितनी सेवा करूंगा आप लोगों की और इसलिए मेरी तरफ से हर घर जा करके प्रणाम पहुंचाना है, पहुंचाओगे, पहुंचाओगे। और भाइयो और बहनो हर मतदाता का मतदान करवाना है। याद रखिएगा- पहले मतदान, फिर जलपान।

बहुत बहुत धन्यवाद

भारत माता की जय

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.