Text of PM’s address at 25th Foundation Day of NASSCOM

Published By : Admin | March 1, 2015 | 13:10 IST

सभी महानुभाव!

मैं सबसे पहले तो आपकी क्षमा याचना करता हूं, क्‍योंकि पहले यह कार्यक्रम आज सुबह तय हुआ था। लेकिन मुझे आज कश्‍मीर जाना पड़ा और उसके कारण मैंने Request की थी कि अगर समय बदला जाए तो ठीक होगा। आपने समय बदला और मुझे आप सबको मिलने का अवसर दिया, इसलिए मैं NASSCOM का बहुत आभारी हूं।

शायद ही कोई संगठन इतना जल्‍दी एक Movement बन जाए, आमतौर पर Membership होती है, सब Meetings होती है, सरकार को Memorandum दिये जाते हैं, सरकार से अपेक्षाएं की जाती है, कभी राजी-नराजी प्रकट की जाती है, लेकिन NASSCOM का Character वो नहीं रहा। यह संस्‍था से ज्‍यादा एक बड़ा आंदोलन बन गया और प्रारंभ में जिसने कुछ मोतियों को NASSCOM के धागे के साथ जोड़ दिया। आज धीरे-धीरे भारत का गौरवगान करने वाली एक बहुत बड़ी सुंदर माला बन गया है ।

जब NASSCOM की चर्चा आएगी तो Dewang की जरूर चर्चा आएगी। मेरा Dewang से अच्‍छा परिचय था और जब Y2k को लेकर के बड़ा तूफान खड़ा हो गया था, सारी दुनिया चिंतित थी और उस समय अटल जी की सरकार थी हमारे प्रमोद जी IT विभाग को देखते थे और बड़ा इतना Hype था Y2k के कारण पता नहीं कैसे क्‍या हो जाएगा। और उस समय Dewang के साथ काम करने का अवसर आया था, लेकिन खैर बहुत लम्‍बे समय हमारे बीच रह नहीं वो। मैं उनको आदरपूर्वक अंजली देता हूं और NASSCOM जितनी तेज गति से प्रगति करेगा उतने ही Dewang के ideas हमें हर बार याद आते रहेंगे।

25 साल के कार्यकाल में जब NASSCOM प्रारंभ हुआ तो मैं समझता हूं शायद यह क्षेत्र Hundred Million की Economy से ज्‍यादा नहीं होगा, आज Hundred forty Six Billion तक पहुंच गया। 25 साल में इतना बड़ा Jump, लेकिन ज्‍यादातर जब IT sector की चर्चा होती है, यह तो बात माननी पड़ेगी कि आज IT में जहां हम पहुंचे हैं उसका एक कारण, जो प्रमुख कारण है मुझे लगता है, वो प्रमुख कारण है कि इसमें सरकार कहीं नहीं है। हम जितने दूर रहे उतने ही अच्‍छे है। यह जो सारा करिश्‍मा है वो हमारी युवा पीढ़ी का है। 20, 22, 25 साल के नौजवान जिन्‍होंने उस समय इस क्षेत्र में प्रवेश किया। NASSCOM के इस Network के माध्‍यम से लाखों नौजवानों को रोजगार मिला, उनको अवसर मिले। देश की economy को लाभ हुआ। भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में कुछ कदम हम भी चले।

लेकिन इन सबसे भी अलग एक बात जो मुझे हमेशा लगती है इस IT के कारण पूरी दुनिया को भारत की तरफ देखने का रवैया बदलना पड़ा। पहले दुनिया हमें पिछड़े, अंधश्रद्धा में डूबे हुए, सांप-सपेरे वाले, इसी हमारे देश की पहचान बनी हुई थी। लेकिन हमारे नौजवानों ने Computer पर उंगलियां घुमाते-घुमाते सारी दुनिया के दिमाग को बदल दिया और विश्‍व को भारत की एक नई पहचान देने में इस क्षेत्र का एक बहुत बड़ा योगदान है और इसके लिए इस क्षेत्र के साथ जुड़े हुए सभी भारत की इतनी बड़ी महान सेवा के लिए अनेक-अनेक अभिनंदन के अधिकारी है। मैं आपको बधाई देता हूं।

आज जिन महानुभावों ने इस क्षेत्र में योगदान किया है, जिन्‍होंने Innovation के द्वारा, नई-नई Application के द्वारा, अपने start-up Industries को भी बहुत ऊंचाई पर पहुंचाया है। जिन्‍होंने इस क्षेत्र से जो कुछ भी कमाया समाज सेवा के लिए लगाया है जैसे हमारे अजीम प्रेमजी, उन सबका मुझे सम्‍मान करने का अवसर मिला। मैं उन सबको हृदय से बधाई देता हूं। उनके Achievement के लिए NASSCOM को जन्‍म देने वालों से लेकर के NASSCOM को यहां तक पहुंचाने वालों को और NASSCOM के कारण अपने को भी आपको बहुत ऊंचाईयों पर ले जाने वालों को भी मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं और मुझे विश्‍वास है कि आप लोगों का यह सा‍हस, आप लोगों का यह प्रयास नई पीढ़ी को भी प्रेरणा देगा और अनेक नई चीजों को करने के लिए आश्‍वस्‍त करेंगे।

आपका कार्यक्रम है IT- India Tomorrow और आप Innovations पर बल दे रहे हैं। हम भी कुछ दिनों से Digital India की दिशा में चीजों को Synchronize करने का प्रयास कर रहे हैं। वक्‍त इतना तेजी से बदल चुका है कि जितना महत्व Highways का है, उतना ही महत्व i- Ways का है, Information ways. Highways बन गए तो प्रगति होगी और गारंटी जब तक i-way नहीं जुड़ता है अधूरी रह जाती है और इसलिए जब Digital India इस बात को लेकर के चल रहे हैं तो हमारी कल्‍पना है। Digital दृष्टि से जो Infrastructure चाहिए भारत के हर नागरिक को वो व्‍यवस्‍था कैसे उपलब्‍ध हो। उतना वो विस्‍तार होना चाहिए। हम Digital India की जब बात करते है तब Citizen Centric सेवाएं उसको उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था, हम कैसे विकसित करें। हम Digital India की बात करते है, तब Governance में हम किस प्रकार से बदलाव लाएं और मेरा यह मत रहा है। Good Governance का एक पर्याय बन गया है E-Governance और जब मैं E-Governance कहता हूं तब मेरी दृष्टि से वो Easy Governance भी है, Economical Governance भी है। और उस रूप में Governance की सारी परिभाषाएं बदलती जा रही है। हम उसको कैसे आगे बढ़ाएं। हम आज जहां भी पहुंचे हैं, संतोष है ऐसा लगता है, लेकिन जरूरत के हिसाब से देखें तो अभी हम बहुत पीछे हैं। बहुत कुछ करना बाकी है। इतना बड़ा देश, इतने सारे लोग, आप कल्‍पना कर सकते हैं जिस देश में बहुत ही निकट भविष्‍य में 100 करोड़ Mobile Phones लोगों के हाथ में होंगे। Hundred crore क्‍या? अब जितना जल्‍दी आपकी field के लोग Mobile app जितनी तेजी से तैयार करेंगे। मैं समझता हूं उतना तेजी से आप Market को Capture करेंगे और मैं जो यह सलाह दे रहा हूं उसके लिए कोई Consultancy Fee नहीं है।

सिर्फ Banking लीजिए. मैं नहीं मानता हूं कि Bank में कोई जाने वाला है। Mobile Banking पर दुनिया चलने वाली है। हम उसको कैसे आगे बढ़ाएं, Mobile Governance पर चलने वाला है सारी सुविधाएं, सारी आवश्‍यकताएं, इंसान वहीं से प्राप्‍त करना चाहता है। आप तो देखते होंगे कि आज Astrologers भी Mobile पर सुबह क्‍या करना है, क्‍या नहीं करना, बता देते हैं। हर कोई समझता है कि इसका क्‍या उपयोग हो सकता है। हर कोई अपने-अपने तरीके से विकसित कर सकता है NASSCOM ने कभी Agenda नहीं रखा होगा कि Astrology और IT को क्‍या किया जाए, लेकिन लोगों ने कर लिया होगा।

कहने का तात्‍पर्य यह है कि पूजा-पाठ करना है तो भी उनको IT का सहारा लेना है। उसको दुनिया की Latest से Latest जानकारी चाहिए तो भी वो IT का सहारा ले रहा है। अपनी कोई समस्‍या का समाधान करना है तो भी IT से, Shopping करना है तो भी IT से, वह आज एक प्रकार से इस पर Dependent हो गया है और आपके परिवार में जो 18 से नीचे के जितने बच्‍चे हैं उनका एक ही गुरू है Google गुरू, वो सब चीज उसको ही पूछते हैं, वो आपको नहीं पूछेंगे। घर में भी अंदर चर्चा चलती होगी दो भाईयों के बीच में तो अंदर जाकर के पूछ करके आए देखो यह है तो यह इस रूप में उसने स्‍थान ले लिया है। इसलिए हम कल्पना कर सकते हैं कि इसमें व्याप्त की कितनी संभावनाएं पड़ी है और भारत का एक स्‍वभाव है इन चीजों को Adapt करना यह भारत के Nature में है।

हमारे यहां सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति भी.. मैं अपना एक अनुभव बताऊं और मेरे लिए वो बड़ा surprise था। मैं गुजरात में मुख्‍यमंत्री था तो एक तहसील ऐसा था कि जहां मुझे पांच-छह साल वहां काम करने के बाद भी जाने का अवसर नहीं मिला था। मेरा स्‍वभाव रहता था कि मैं ज्‍यादा से ज्‍यादा स्‍थान पर पहुंचु, इलाके में जाऊं, लोगों से मिलूं, यह मेरा आग्रह रहता था। मैं हमारे सरकारी अफसरों को कहता कि भई वहां मुझे जाना है कोई कार्य्रक्रम बनाओ। अब वहां कोई कार्यक्रम बने इतना कोई विकास ही नहीं हुआ था क्‍या करें। मैंने कहा ऐसे ही चला जाऊंगा भई, कुछ करो। एक बस का Route चालू करने का कार्यक्रम बनाओ। मुझे वहां जाना है, खैर फिर तय हुआ कि वहां एक Chilling Centre बनाएंगे Milk Collection के लिए एक छोटा-सा Centre कोई 20-25 लाख का छोटा-सा इमारत बनाकर के Chilling Centre खड़ा किया।

मैंने कहा ठीक है, मैं उदघाटन के लिए आता हूं। जंगल विस्‍तार से सब आदिवासी लोग रहते हैं और forest होने के कारण वहां आम सभा करने के लिए भी जगह नहीं थी। कोई तीन किलोमीटर एक स्‍कूल था उस स्‍कूल के मैदान में एक आम सभा रखी तो यहां Chilling Centre का उद्घाटन करना और वहां जाना तो वहां पर जो Milk देने वाली कुछ आदिवासी महिलाएं थी। वो भी उस दिन उद्घाटन के समय Chilling Centre में करीब 25 महिलाएं उन्‍होंने बुलाकर रखी थी। हम सारा कार्यक्रम किया और मैं देख रहा था वो पच्‍चीसों महिलाएं Mobile Phone से फोटो निकाल रही थी। मानें आप कल्‍पना कर सकते हैं कि जहां 25 लाख का एक Chilling Centre बनाना एक बहुत बड़ी घटना सरकार के लिए थी। वहां सामान्‍य महिला वो भी आदिवासी महिला जो दूध भरने आई थी, उसके पास Mobile Phone था और फोटो निकाल रहीं थी और मैं उनके पास गया, मैंने कहा आप मेरा फोटो निकालकर के क्‍या करोगे? उन्‍होंने जो जवाब दिया वो मैं समझता हूं कि आपको भी चौंकाने वाला है। उन्‍होंने कहा हम जाकर के उसको Download कराएंगे। अब यह आपको भी अंदाज नहीं होगा कि आप कहां-कहां पहुंचे हैं। अगर इस शक्ति को पहचान लिया आपने कि आपका जो आखिरी client है वो आपसे दो कदम आगे है, उस need को पूरा करने के लिए सरकार Infrastructure खड़ा करे , आप नए Innovations करें। आपके Innovations को सरकार Adopt करे। और देखते ही देखते Revolution हो सकता है।

और मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में GDP की संभावना वाले अनेक क्षेत्र हैं, उसमें एक connectivity क्षेत्र, GDP increase करने वाला बहुत बड़ा क्षेत्र बनने वाला है। जितनी ज्‍यादा, जितनी अच्‍छी, जितनी तेज connectivity, उतनी अधिक GDP की संभावनाएं, यह होने वाला है। इतनी बड़ी तेजी से दुनिया बदल रही है, उस दुनिया को हम कैसे Capture करे। आने वाले दिनों में.. मेरे मन में एक सवाल है आप नाराज मत होना क्‍योंकि आपने बहुत किया है, देश का सम्‍मान बढ़ाया है, फिर भी, जो अच्‍छा करता है उसी से तो अपेक्षाएं होती है, जो अच्‍छा नहीं करता उसको कौन पूछेगा, भई हां ठीक है बहुत अच्‍छा, ले लो ईनाम ले लो। आप अच्‍छा कर रहे हैं, इसलिए मेरी अपेक्षाएं ज्‍यादा है। आप अच्‍छा नहीं करते तो मैं कुछ नहीं मांगता आपसे।

क्या आपके मन में सवाल नहीं उठता है दोस्‍तों कि Google मेरे देश में क्‍यों न बना ? क्‍या Talent में कमी है क्‍या, यहां से जो गए उन्‍होंने जरूर बनाया। मैं नहीं मानता हूं कि सरकार यह रूकावट है। हौंसले बुलंद हों, दुनिया में हम पहुंचने के लिए हम उस level की Innovations पर जाएं ताकि जगत को चलाने में हमारी व्‍यवस्‍थाएं एक Role Play करें और यह हो सकता है दोस्‍तों, मुश्किल काम नहीं है। Hollywood के फिल्‍म से भी कम खर्चे में अगर मेरे देश के नौजवान Mars पर पहुंच सकते हैं, तो मैं समझता हूं कि आप भी कर सकते हैं मेरे दोस्‍तो! यह innovation के बहुत बड़े challenge के रूप में लेना चाहिए। कहीं और सब चीजें बनें फिर हम सिर्फ client बने, अच्‍छे client बने और अच्‍छे बने यह हमारा मकसद नहीं हो सकता। हमें इससे आगे जाना है। एक क्षेत्र ऐसा है, जिसमें बहुत संभावनाएं पड़ी है ऐसा मैं मानता हूं।

मैं दुनिया के जितने राजनेताओं को प्रधानमंत्री बनने के बाद मिला। शायद 50 से ज्‍यादा राजनेताओं से मिला हूं। उसमें 25 से 30 राजनेताओं से मेरी जो बात हुई है वो Cyber Security की उनकी चिंता सारी दुनिया परेशान है Cyber Security को लेकर। क्‍या मेरे हिंदुस्‍तान का नौजवान दुनिया को चैन की नींद सोने के लिए Cyber Security के लिए Full Proof Innovations लेकर के आ सकता है क्‍या? बहुत बड़ा Market होगा आप लिखकर के रखिए यह। firewall से भी काफी आगे बढ़ना पड़ेगा। हमें उस स्थिति में पहुंचना पड़ेगा और जिसके संबंध में जानते ही दुनिया को लगेगा कि, हां यार हम चिंतित थे, अब शायद हमें रास्‍ता मिल गया। सारी दुनिया की जो ताकत है, उस ताकत को Cyber Safety की जरूरत खड़ी हुई है। Cyber Security की जरूरत पड़ी है। क्‍या NASSCOM के द्वारा ऐसे एक Task-force बनाकर के, हम Globally क्‍या दे सकते हैं। यह बात सही है कि यह dynamic अवस्‍था है। आप एक करे तो वो दूसरा करता है, आप दूसरा करे तो, तीसरा करता है, लेकिन शायद जगत को एक बहुत बड़ा चिंतामुक्‍त करने का काम हम कर सकते हैं। मैं डरा नहीं रहा हूं, मैं इस विषय का मास्‍टर नहीं हूं। मैं एक Client हूं, मैं client के रूप में बात करता हूं, सामान्‍य ग्राहक। अगर हम यह security प्रदान नहीं करेंगे, वो दिन दूर नहीं होगा कि बहुत बड़ा वर्ग मोबाइल को छूने से भी दूर रहेगा। उसको लगेगा कि नहीं, नहीं भईया यह पता नहीं बातें कहां चली जाएंगी, कोई चीजें कहां Record हो जाएंगी अरे नहीं नहीं भईयां वो मैं नहीं करता, मेरे पास मत.. यह दिन आएंगें। और तब जाकर के इस process को इतना बड़ा धक्‍का लगेगा, जिसकी हम कल्‍पना नहीं कर सकते और इसलिए आवश्‍यक है हम Assurance पैदा करे विश्‍वास पैदा करे कि भई चिंता मत करो यह जो इस technology से तुम जुड़े हो, सुरक्षित है, चिंता मत करो.. तुम्‍हारी privacy को भी problem नहीं है।

तुम्‍हारे अपने Documents को भी Problem नहीं है। उसी प्रकार से जैसा E-Business बढ़ा, जो भी वो Portal बनाकर के आते हैं वो आगे बढ़ रहे हैं। अब जितनी बड़ी मात्रा में E-Database तैयार हो रहा है, Digital Database तैयार हो रहा है, आने वाले दिनों में आपको अपने Status से नीचे आकर के एक नया Business शुरू करना पड़ेगा। Status, मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं शब्द प्रयोग ऐसा करने वाला हूं। Public Life में तो आप ऊंचे जाने वाले हैं, व्‍यापारिक जगत में ऊंचे जाने वाले हो। ऐसे दिन आएंगे जब आपको Cloud godown शुरू करने होंगे। अब आप अपने पिताजी को कहेंगे कि मैं Godown शुरू करने जा रहा हूँ, तो वे कहेंगे कि तुम्‍हारी बुद्धि खराब हो गई है क्‍या? Godown खोलोगे क्‍या? लेकिन आने वाले दिनों में Cloud Godown का एक बहुत बड़ा business खड़ा होने वाला है। बहुत बड़ी मात्रा में लोग अपने Documents, अपनी सारी व्‍यवस्‍थाएं और बैंक, बैंक भी पूरा का पूरा Data आपके Cloud Godown में रखने के लिए तैयार हो जाएगा, जिस पल उसको विश्‍वास हो जाएगा कि आप Security Provide करते हैं, Safety Provide करते हैं। Cloud locker आने वाले दिनों में Important Document के लिए, Even कल जो हमने Gold Bond की बात कही है, Gold Bond लेने के बाद बहुत लोग होंगे जो Gold Bond को Cloud locker में रख देंगे। Cloud Godown and Cloud locker यह इतनी बड़ी Market की संभावना वाला क्षेत्र बन रहा है। मैं समझता हूं उस पर हमें व्‍यापक रूप से सोचना होगा और सरकारों को भी अब सरकारों को अपने दफ्तरों में फाइलों के ढ़ेर रखने की आवश्‍यकता नहीं होगी। वे अपने Cloud Godown में चीजें रखते रहेंगे और सालों-साल सुरक्षित उसको रखें वो दिन आने वाले हैं।

मैं स्‍वयं, मैं शायद पहला politician हूं, जो Sound Cloud का उपयोग करता हूं और मेरा अनुभव इतना अच्‍छा है, Sound cloud का। वरना मैं पहले Yahoo के अगल-बगल में ही घूमता रहता था, YouTube के अगल-बगल में घूमता रहता था। अब मैं चला गया वहां और मैंने देखा है मैं बहुत तेजी से एक बहुत बड़े जग‍त के साथ जुड़ गया। हम इन शक्तियों को अगर पहचानते हैं और उन शक्तियों को जोड़ करने की दिशा में प्रयास करते हैं तो बहुत बड़ा लाभ आने वाले दिनों में हो सकता है, ऐसा मुझे लगता है।

हमारे रविंशकर जी ने कहा कि अमीर और गरीब की चर्चा का एक नया पैरामीटर आने वाला है और वो है Digital Divide. Digital Divide से भी अमीरी और गरीबी नापी जाएगी और इसलिए समाज में दो तबके पैदा न हो, digital divide की अवस्‍था पैदा न हो उसको हमने आगे बढ़ाना पड़ेगा। मैंने देखा है सरकार में एक बहुत बड़ी समस्‍या रहती है एक तो silos में काम करने की उनकी पहले से ही आदत रही है और अब उनकी digital activity भी silos में पड़ी है। और मैं मानता हूं, मैं तो technician नहीं हूं, मुझे लगता आप कर सकते हैं, फिर वही आप कर सकते हैं इसलिए कहने का मन करता है।

किसी भी language को किसी भी language में Translate करने वाले Software आपने बनाए हैं। उसकी लेखनी अलग है, उसका grammar अलग है, लेकिन Translation हो जाता है software से। मतलब Interpretation के लिए आपके पास बढि़या-सा Talent है जिसका उपयोग करते हो। सरकार के सामने यह समस्‍या है, किसी ने 15 साल पहले कोई Software लिया तो यह सारा Material उस भाषा के Software में है। 10 साल पीछे कोई दूसरा Software लिया तो उसमें है। यह इतना बिखरा पड़ा है और इतने अलग-अलग लोग माल हमको देकर चले गए हैं। अब उस समय जो लोग थे उनको लेने की जरूरत होगी शायद और लेने में भी मजा आता होगा। क्‍या हमारी यह जो बिखरी हुई चीजें हैं, हरेक का अलग-अलग Software है। अगर Language को आप Interpret कर सकते हैं बड़ी आसानी से एक software से, क्‍या इस challenge को उठाकर हमारी यह जो Raw data पड़ा है, अलग-अलग form में पड़ा है, उसको हम चाहे इस प्रकार से उसको synchronize करना, उसको Interpret करना, उसको उस form में रखना क्‍या इस काम को कर सकते हैं क्‍या। देश के Governance में एक बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है इससे, क्‍योंकि आज मैं नया software लूं और लोगों को कहूं कि भई अब वो बदलो, वो फैंक दो इसमें डालो सारा। तो भई वो कहेंगे कि ठीक है साहब हम data entry करते रहेंगे। मैं नहीं चाहता हूं कि सरकारे data entry में ही लगी रहे। हमें बदलाव चाहिए और technology के उपयोग से क्‍या होता है देखा होगा आपने। बहुत-सी बातें होती हैं जो लिखने, पढ़ने, देखने को मिलती नहीं है, लेकिन मैं बताता हूं।

हम लोगों ने गैस सिलेंडर की जो सब्सिडी है वो Direct Benefit Transfer करने की Scheme बनाई। 80 percent ग्राहक तक हम पहुंच गए। करीब 12 crore लोगों को हम Direct Benefit Transfer कर रहे हैं और यह काम हमने 30 दिन में पूरा कर दिया, कैसे? Just it with the help of technology. कितना बड़ा achievement और मैं मानता हूं आने वाले दिनों में यह जो भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई है न, उसमें technology बहुत बड़ा Role play कर रही है। इतनी transparency लाई जा सकती है, हम चाहते हैं यह लाना और इससे बड़ी देश की सेवा क्‍या हो सकती है। यह सिर्फ गैस का जो हमने direct transfer किया है न, मेरा मोटा-मोटा अंदाज है शायद 10 percent लीकेज तो मैंने बंद कर ही दिया है। Can you imagine ten percent यानी thousands of crore rupee है।

अभी हमने Coal Auction किया है। पूरा technology का उपयोग किया, इतने बड़े बोर्ड पर public में उसको रखा। जिसको बैठना था, सारे पत्रकार भी बैठे थे। Auction हो रहा था। 204 coal blocks, जिसको Supreme Court ने सितंबर महीने में कह दिया कि भ्रष्‍टाचार हुआ है, रद्द करो। सब फायदा मुफ्त का उठा कर ले गए और आपको मालूम होगा कि एक जगह से चिट्ठी जाती थी, कोयले की खदान मिल जाती थी। Supreme Court ने निर्णय किया, हमने उसका फायदा उठाया। हमने तीन महीने के अंदर सारी योजना बनाई, Ordinance लाए, कुछ लोगों की नाराजगी स्वाभाविक है कि Ordinance क्‍यों लाए ? CAG ने कहा था कि यह जो coal block का आवंटन हुआ है, उसमें एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये का घपला हुआ है। उस समय जब एक लाख 86 करोड़ अखबारों में हैडलाइन आई तो इस देश के नागरिक मानने को तैयार नहीं थे कि यार यह तो ऐसे ही लिख दिया होगा। CAG शायद सरकार से, उसकी भिड़ गई होगी। हम भी politically बोलते तो थे लेकिन मन में रहता था कि यार इतना होगा क्‍या? देखा भाई जिसने समंदर देखा नहीं है, जिसने गांव का तालाब देखा है उसको कोई पूछे कि समंदर कैसा है? तो वो क्‍या बोलेगा, क्‍या बोलेगा बेचारा। किसी को पूछेगा कि बताओ तो भई तो वो कहेगा कि तुम्‍हारे गांव में जो तालाब है न इससे बहुत बड़ा होता है। कितना बड़ा होता है, बोले बहुत बड़ा होता है। फिर पूछेगा.. ऐसे हमारी भी मुसीबत है.. हम तो कल्‍पना ही नहीं कर सकता है। अभी हमने 19 ब्‍लॉक का auction किया और technology का प्रयोग करके किया पूरी तरह e-auction था, सब लोग अपनी बोली computer से बोल रहे थे। 204 में से सिर्फ 19 का हुआ है, CAG का कहना है सिर्फ 204 में एक लाख 86 हजार करोड़ रूपये का घपला हुआ है। 19 का किया और अब तक एक लाख 10 हजार करोड़ रुपया की बोली, बोल चुके हैं। Technology से Transparency कैसे आती है इसका यह जीता जागता उदाहरण है और कहीं किसी ने उंगली नहीं उठाई है जी। एक सवाल नहीं खड़ा हुआ है। अगर हम ईमानदारी से आधुनिक विज्ञान का उपयोग करते हुए, नेक इरादे से चीजों को करें। क्‍या आने वाले दिनों में आप इसमें योगदान कर सकते हैं और मैं मानता हूं कि आप लोग कर सकते हैं और आपसे मेरी अपेक्षाएं हैं।

अभी हमने एक कल्‍पना रखी है हम जानते हैं कि Tourism का sector. अभी हमारे चंद्रशेखर जी Two trillion Dollar का हिसाब बता रहे थे। आज दुनिया में Tourism का Business three trillion dollar का है और तेज गति से बढ़ने वाला business है। आज जो Tourist है वो न टेलिफोन करके जानकारी लेता है, न किताब पढ़कर निकलता है, वो Google Map से चलता है वो Destination Google से तय करता है, वो IT profession के द्वारा व्‍यवस्‍था के द्वारा चलता है। क्‍या हम भारत का Tourism में हमारे इस Profession के माध्‍यम से एक बहुत बड़ी marketing कर सकते हैं? हम पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं क्‍या? और भारत में गरीब से गरीब को रोजगार देने में Tourism बहुत बड़ी ताकत रखता है और एक बार उसको सही चीजें प्राप्‍त हो। मगर इन चीजों को वो मेहनत करके करे, Database तैयार करके करे, easily accessible व्‍यवस्‍थाएं विकसित करे। आप कल्‍पना कर सकते हैं हम कहां से कहां पहुंच सकते हैं। हमारे नौजवानों को मैं आग्रह करता हूं।

मैंने सरकार में अभी यह निर्णय किया है Heritage cities के लिए। मैं चाहता हूं कि देश में 50 ऐसे Heritage Cities में Virtual Museum तैयार किया जा सकता है क्‍या? देखिए यह किसी भी देश की विरासत को बचाने, संभालने में museum का बहुत बड़ा role होता है, लेकिन आज भारत के पास इतने पैसे नहीं है। कि हम world class museum को create करे, लेकिन virtual museum बना सकते हैं। मैं, नौजवानों आपसे आग्रह करता हूं, आइए virtual museum बनाइए, virtual museum बनाकर के एक बहुत बड़ा market खड़ा करे, tourism के साथ जोड़े और भारत सरकार तैयार है इस प्रकार के virtual museum को आने वाले दिनों में खरीदने के लिए तैयार है। एक बहुत बड़े Business की संभावनाएं हैं, Research करने वाली University मिल जाएगी, Professors मिल जाएंगे और फिर आप उसमें से तैयार करिए और इतना User friendly बनाएंगे, आप देखिए tourism को बढ़ावा देने के लिए यह virtual museum और Economical रहेगा। आप एक Museum खड़ा करे उसका खर्चा और एक Virtual Museum का बहुत फर्क पड़ जाता है। क्‍या हम इस काम को कर सकते हैं क्‍या? आने वाले दिनों में अगर इन चीजों का काम कर सकते हैं तो मेरा आपसे आग्रह है कि आप करे, बाकी तो शिक्षा है, Health है यह काम ऐसे है कि बड़े बहुत ही अनिवार्य हैं।

Remotest to Remote Area में हम अगर अच्‍छी शिक्षा पहुंचाने चाहते हैं तो Technology बहुत बड़ी ताकत है। Long Distance education के द्वारा उत्‍तम से उत्‍तम शिक्षा हम दे सकते हैं और हम अगर उसका उपयोग करे हम बहुत बड़ी सेवा कर सकते हैं आप Corporate Social responsibility के नाम पर कई काम कर रहे हैं, मेरा एक आग्रह है स्‍वच्‍छता के लिए आप करें, लेकिन उसके साथ-साथ मुझे बताया गया कि 1800 members हैं आपके NASSCOM के, क्‍या 1800 Member कंपनियां कम से कम एक का उस कंपनी के मालिक या उसके partner जिस primary school में पढ़े हैं, जहां भी बचपन में गांव में होंगे, शहर में, जहां भी पढ़े हैं कम-से-कम उस स्‍कूल को आप एक E-library donate कर सकते हैं क्‍या? आप हमारी नई पीढि़यों को जानकारी का खजाना खोल दीजिए उनके सामने। आज Minimum 20 लाख किताबें E-Library के लिए आसानी से उसको उपलब्‍ध हो जाएगी। आज गांव में दो हजार किताबों की Library बनाना कठिन है, लेकिन आप जहां पढ़े हैं आपको एक Attachment होगा, आपका भी मन करता होगा, जिस स्‍कूल ने मुझे बड़ा बनाया, मैं भी उसके लिए कुछ करूं। आप देखिए देखते ही देखते वो Viral की तरह फैलेगा और फिर E-Library की लिए बहुत बड़ा business खुल जाएगा। यह है कि E-Library का structure बनाकर के दे देते हैं, E-Library service provide करते हैं। science magazine आज हमारा विद्यार्थी कहां से खर्चा करेगा। Even medical students के लिए science magazine महंगे पड़ते हैं, लेकिन हम E-Library Provide करे तो वो कितना सारा कर सकता है इसका आप अंदाज कर सकते हैं। और इसलिए हम Corporate Social Responsibility के नाते ही अपने व्यक्तिगत जीवन में जहाँ नाता रहा वहां कुछ करें, आप देखिये उनके लिए भी बहुत बड़ी चीज़ होगी और आने वाले दिनों में बहुत बड़ा लाभ होगा और Dynamic आप उसमें उत्तरोत्तर सुधार करवा सकते हैं क्योंकि आप इस field में हैं। दूसरा जब मैं सूचना की बात करता हूँ E-Waste इसके विषय में awareness नहीं है देखिये हमारे देश में environment की समस्याएं इसलिए आई कि जिस जगह कारखाना लगा दिया, They were not conscious about it. हमें E-Waste के सम्बन्ध में और NASSCOMM को विषय उठाना चाहिए और लोगो के लिए Awareness Campaign चलाना चाहिए online चलाना चाहिये, E-Waste के Solutions देने चाहिए, सरकार के साथ मिलकर के कोई project बनाया जा सकता है। Campaign चलाना चाहिए, वर्ना हम कहाँ से कहाँ पहुँच जायेंगे।

कभी कभार इन दिनों हमारे यहाँ पहले अच्छा पेन रखना एक Status था, अच्छी घड़ी रखना एक Status था लेकिन अब अच्छा फ़ोन रखना एक स्टेटस हो गया है और एक दूसरे को मिलते रहते हैं और कहते है अच्छा-अच्छा तूने ले लिया Apple-6. अगर ये नहीं है तो लगता है कुछ नहीं है। बहुत साल पहले की बात है इमरजेंसी के दिन थे मैं Underground था, पुलिस हमें खोज रही थी। एक परिवार में मैं रह रहा था उनके एक भाई UK में रहते थे वो आये हुए थे शाम को पहुंचें तो सभी भाई बैठे थे, तो उन्होंने कहा कि में एक घड़ी लाया हूँ, दो-ढाई लाख की घड़ी होगी शायद सबने देखी, सुबह हम चाय-पानी के लिए बैठे थे और उनके एक छोटे भाई थे वो बड़े मजाकिया थे, तो उन्होंने उनसे पुछा कि time कितना हो गया, तो उन्होंने कहा कि आठ बज गए हैं, बोले नहीं-नहीं ज़रा ठीक से देखिये, उन्होंने बोला कि आठ ही बजे है, फिर वो बोले की आप ज़रा ध्‍यान से देखिये वो फिर बोले की आठ ही बजे है, तो दूसरे भाई बोले की अच्छा, मेरी 250 रुपये की घड़ी है उसमें भी आठ ही बजे हैं।

हमारे देश में 1500 रूपए के मोबाइल वाला भी जो उपयोग देता है 25000 रूपए वाला भी उतना ही उपयोग देता है। लाल बटन, नीला बटन, Green button इससे ही एक मैं मानता हूँ कि सचमुच में हमें मोबाइल revolution लाना है, mobile app का revolution लाना है तो एक बहुत बड़े वर्ग को, 80 percent utility नहीं है 80 percent.. एवरेज मैं कह रहा हूँ, कितना ही बढ़िया सॉफ्टवेर वाला मोबाइल ले आईये, लेकिन उसका उपयोग ही नहीं करेंगे तो फायदा क्या होगा। क्या school-colleges में इसके बारे में awareness कार्यक्रम हो सकते हैं क्या? इसको करना चाहिए। वरना मैं मानता हूँ कि यह एक अलग प्रकार का E- Waste हैं। कोई भी पैसा अगर कहीं पर dead money के रूप में पड़ा है तो मैं मानता हूँ कि वो देश का नुकसान है। अगर मेरा 25,000 रूपए का मेरा मोबाइल फ़ोन हो और मैं उसका 80 प्रतिशत use नहीं करता मतलब कि वो मेरा dead money है सीधा- साधा इकोनॉमिक्स है, हमें लोगों को तैयार करना है और यह काम यही field के लोग कर सकते हैं. उसकी utility से ताकत बढ़ती है देश की, सामान्य लोगों की भी ताकत बढ़ती है और उस दिशा में हम कैसे काम करें इस दिशा में हमे सोचना है। आप जानते है कि मैं social मीडिया में काफी active रहा हूँ और काफी समय से active रहा हूँ, इस दुनिया की जब से शुरुआत हुई तभी से इसमें मेरी रुचि थी।

My gov.in मैंने मेरे कार्यालय से जोड़कर के मैंने देखा है कि मैं कोई भी चीज वहां question करता हूं, हजारों लोग मुझे respond करते हैं। मुझे कहीं भाषण करने जाना है और मैं पूछता हूं कि मुझे थोड़ा idea दीजिए, हजारों लोग तुरंत मुझे idea देते हैं। आपने देखा होगा यह जनधन योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना.. यह शब्‍द एक नागरिक ने दिया है, competition से आया है, my gov.in पर आया। अभी my gov.in के द्वारा मैं competition launch करने जा रहा हूं शायद एक दो दिन में कर लूंगा, मैं आपको भी निमंत्रित करता हूं इसमें आइए।

PMO कार्यालय के लिए Mobile App कैसा होगा, ideas पहली competition का मेरा level है Ideas. और जो Best ideas आएंगे यह Google के साथ मिलकर के हम कर रहे हैं, जो Best ideas होंगे ऐसे लोगों की टीम को फिर Google office America जाने का निमंत्रण मिलेगा और दूसरा है education, Idea को implement करने वाला पूरा software तैयार करना। मैं चाहूंगा कि मेरे कार्यालय को भी इस India tomorrow जो innovation को लेकर के आप चले हैं तो मुझे भी आप लोग मदद करे।

फिर एक बार मैं नहीं जानता मैंने ज्‍यादा ही समय ले लिया। मुझे यहां आकर अच्छा लगा, बहुत बहुत धन्‍यवाद।

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The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
QuoteBest wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
QuoteToday India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
QuoteThe government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
QuoteThe sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
QuoteWe have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM

Chief Minister of Bihar, Shri Nitish Kumar ji, my colleagues in the Union Cabinet, Mansukh Bhai, sister Raksha Khadse and Shri Ram Nath Thakur ji, Deputy CMs of Bihar, Samrat Choudhary ji and Vijay Kumar Sinha ji, other distinguished guests present, all players, coaches, other staff members, and my dear young friends!

I warmly welcome all the sportspersons who have come from every corner of the country—each one better than the other, each one more talented than the other.

Friends,

During the Khelo India Youth Games, competitions will be held across various cities in Bihar. From Patna to Rajgir, from Gaya to Bhagalpur and Begusarai, more than 6,000 young athletes, with over 6,000 dreams and resolutions, will make their mark on this sacred land of Bihar over the next few days. I extend my best wishes to all the players. Sports in Bharat is now establishing itself as a cultural identity. And the more our sporting culture grows in Bharat, the more our soft power as a nation will increase. The Khelo India Youth Games have become a significant platform for the youth of the country in this direction.

Friends,

For any athlete to improve their performance, to constantly test themselves, it is essential to play more matches and participate in more competitions. The NDA government has always given top priority to this in its policies. Today, we have Khelo India University Games, Khelo India Youth Games, Khelo India Winter Games, and Khelo India Para Games. That means, national-level competitions are regularly held all year round, at different levels, across the country. This boosts the confidence of our athletes and helps their talent shine. Let me give you an example from the world of cricket. Recently, we saw the brilliant performance of Bihar’s own son, Vaibhav Suryavanshi, in the IPL. At such a young age, Vaibhav set a tremendous record. Behind his stellar performance is, of course, his hard work, but also the numerous matches at various levels that gave his talent a chance to emerge. In other words, the more you play, the more you blossom. During the Khelo India Youth Games, all the athletes will get the opportunity to understand the nuances of playing at the national level, and you will be able to learn a great deal.

Friends,

Hosting the Olympics in Bharat has been a long-cherished dream of every Indian. Today, Bharat is striving to host the Olympics in 2036. To strengthen Bharat’s presence in international sports and to identify sporting talent at the school level, the government is training athletes right from the school stage. From the Khelo India initiative to the TOPS (Target Olympic Podium Scheme), an entire ecosystem has been developed for this purpose. Today, thousands of athletes across the country, including from Bihar, are benefiting from it. The government is also focused on providing our players with opportunities to explore and play more sports. That is why games like Gatka, Kalaripayattu, Kho-Kho, Mallakhamb, and even Yogasana have been included in the Khelo India Youth Games. In recent times, our athletes have delivered impressive performances in several new sports. Indian athletes are now excelling in disciplines such as Wushu, Sepak Takraw, Pencak Silat, Lawn Bowls, and Roller Skating. At the 2022 Commonwealth Games, our women's team drew everyone's attention by winning a medal in Lawn Bowls.

Friends,

The government is also focused on modernizing sports infrastructure in Bharat. In the past decade, the sports budget has been increased by more than three times. This year, the sports budget is around 4,000 crore rupees. A significant portion of this budget is being spent on developing sports infrastructure. Today, over a thousand Khelo India centres are operational across the country, with more than three dozen of them located in Bihar alone. Bihar is also benefiting from the NDA’s double engine government model. The state government is expanding many schemes at its own level. A Khelo India State Centre of Excellence has been established in Rajgir. Bihar has also been given institutions like the Bihar Sports University and the State Sports Academy. A Sports City is being built along the Patna-Gaya highway. Sports facilities are being developed in the villages of Bihar. Now, the Khelo India Youth Games will further strengthen Bihar’s presence on the national sports map.

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Friends,

The world of sports and the sports-related economy is no longer limited to the playing field. Today, it is creating new avenues of employment and self-employment for the youth. Fields like physiotherapy, data analytics, sports technology, broadcasting, e-sports, and management are emerging as important sub-sectors. Our youth can also consider careers as coaches, fitness trainers, recruitment agents, event managers, sports lawyers, and sports media experts. In other words, a stadium is no longer just a place to play matches—it has become a source of thousands of job opportunities. There are also many new possibilities opening up for youth in the field of sports entrepreneurship. The National Sports Universities being established in the country and the new National Education Policy, which has made sports a part of mainstream education, are both aimed at producing not only outstanding athletes but also top-tier sports professionals in Bharat.

My young friends,

We all know how important sportsmanship is in every aspect of life. We learn teamwork and how to move forward together with others on the sports field. You must give your best on the field, and also strengthen your role as brand ambassadors of Ek Bharat, Shreshtha Bharat (One India, Great India). I am confident that you will return from Bihar with many wonderful memories. To those athletes who have come from outside Bihar, be sure to savour the taste of litti-chokha. You will surely enjoy makhana from Bihar as well.

Friends,

With the spirit of sportsmanship and patriotism held high from Khelo India Youth Games, I hereby declare the 7th Khelo India Youth Games open.