Government committed to ensuring a house to the homeless by 2022: PM Modi

Published By : Admin | February 16, 2019 | 10:46 IST
Government committed to ensuring a house to the homeless by 2022: PM Modi
Perpetrators of Pulwama attack will be made to pay heavy price: PM Modi
Projects launched in Yavatmal will help generate new jobs as well as empower the poor: PM

भारत माता की जय, भारत माता की जय!

महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्रीमान विद्यासागर राव, राज्‍य के लोकप्रिय एवं यशस्‍वी युवा मुख्‍यमंत्री श्रीमान देवेंद्र फडणवीस, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्री नीतिन जी, श्रीमान हंसराज अहिर जी, राज्‍य सरकार के मंत्री श्रीमान मदन येरवारजी, मंच पर उपस्थित अन्‍य महानुभाव और विशाल संख्‍या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हुए भाईयों और बहनों, और विशेष रूप से बहनों।

पांडरकोडा की इस भूमि से मैं संत सर्वलाल महाराज, मुख्‍सा जी महाराज जैसे अनेक संतों और पुरूषों को नमन करता हूं। कुछ महीने पहले इस क्षेत्र के आदिवासी युवाओं ने एवरेस्‍ट पर विजय प्राप्‍त की थी। दिल्‍ली में मुझे इन युवा साथियों से मिलने का अवसर भी मिला था। उनके परिश्रम, उनके सपनों के बारे में जानकार मुझे यवतमाल चंद्रपुर की ऊर्जा का सुखद अनुभव हुआ था। यहां की कोलाम जनजाति का स्‍वच्‍छता के प्रति जो आग्रह है उसका जिक्र मैंने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी किया था। चंद्रपुर के युवाओं ने जिस तरह वहां के किले को साफ किया था, उससे देश के अनेक युवाओं को ऐसे ही स्‍वच्‍छता अभियान की प्रेरणा मिली है।

तब मैंने चाय पर चर्चा की थी और देश की समस्‍याओं को दूर करने पर निरंतर काम करने का वादा किया था। बीते साढ़े चार वर्ष से पूरी ईमानदारी के साथ आपसे किया यह वादा निभाने का मैं प्रयास कर रहा हूं। आप लोगों को संतोष है? मैं जो काम कर रहा हूं उससे संतोष है? मैं जो मेहनत कर रहा हूं उससे संतोष है? मैंने जो वादा किया उसके लिए जी-जान से जुटा हूं, उसके लिए खुश हैं? आपका आशीर्वाद है, आपका आशीर्वाद बना रहेगा?

आज भी पांडरकोडा के यवतमाल के विकास से जुड़ी सैकड़ों करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया गया है। इनमें गरीबों के घर से जुड़े, सड़कों से जुड़े, रेलवे से जुड़े, रोजगार और स्‍वरोजगार से जुड़े, शिक्षा से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट्स हैं।

भाईयों और बहनों, विकास की इन सभी परियोजनाओं के बीच मैं यह भी जानता हूं कि हम सभी किस गहरी वेदना से गुजर रहे हैं। पुलवामा में जो कुछ भी हुआ, उसको लेकर आतंकवादियों के उस कृतय को लेकर आपके आक्रोश को मैं समझ रहा हूं। यहां महाराष्‍ट्र के भी दो वीर सपूतों ने देश की सेवा करते हुए पुलवामा में अपने प्राणों की आहूति दी है। जिन परिवारों ने अपने लाल को खोया है, उनकी पीढ़ा मैं भलिभांति अनुभव कर सकता हूं। हम सभी की संवेदनाएं उनके साथ हैं।

भाईयों और बहनों, मैंने कल भी कहा है और आज भी दोहरा रहा हूं इन शहीदों का बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा। आतंकी संगठनों ने आतंक के सरपरस्‍तों ने जो गुनाह किया है वो चाहे जितना छिपने की कोशिश करे, उन्‍हें सजा जरूर दी जाएगी। हम अपने सैनिकों, अपने सुरक्षाबलों के पराक्रम पर गर्व भी करते हैं, भरोसा भी करते हैं। सैनिकों में और विशेषकर सीआरपीएफ में जो गुस्‍सा है वो भी देश समझ रहा है और इसलिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी गई है।

सा‍थियों, एक ऐसा देश जो भारत के बंटवारे के बाद अस्तित्‍व में आया, जिसके यहां आतंकवाद को पनाह दी जाती है। जो आज दीवालिया होने की कगार पर खड़ा है, वो आतंक का दूसरा नाम बन चुका है। मैं देश को फिर भरोसा दिलाता हूं, धैर्य रखिए, अपने जवानों पर भरोसा रखिए, पुलवामा के गुनाहगारों को सजा कैसे दी जाएगी, कहां दी जाएगी, कब दी जाएगी, कौन देगा, किस प्रकार की सजा देगा, यह सब हमारे जवान तय करेंगे।

साथियों, आज अगर हम पूरी सुरक्षा के साथ अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं, देश का विकास कर पा रहे हैं तो उसके पीछे अनगिनत बलिदान है। मैं पुलवामा के शहीदों को एक बार फिर नमन करता हूं।

साथियों, देश की सुरक्षा के साथ ही देश की समृद्धि के लिए भी हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसलिए विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई पर बल दिया जा रहा है। आज के लोकार्पण और शिलान्‍यास इसी सोच का विस्‍तार है।

भाईयों और बहनों, किसी भी क्षेत्र के विकास में connectivity का बहुत बड़ा रोल होता है। यवतमाल की प्रगति भी यहां की सड़कों और रेलवे से सुनिश्चित होनी है। इसी भावना के साथ थोड़ी देर पहले सड़क से जुड़े करीब 500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास किया गया है। इसके अलावा पुणे अजनी पुणे हमसफर एक्‍सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई गई है। यह ट्रेन द्रोणी, मनमाड, भुसावल और बड़नेरा होते हुए जाएगी। इससे इन सभी जगह के लोगों को बहुत सुविधा होने वाली है।

साथियों, सड़क और रेल सुविधा के अलावा यवतमाल के साढ़े 14 हजार से अधिक गरीब परिवारों ने आज अपने नये घर में प्रवेश भी किया है। जिनकों भी यह पक्‍के घर मिले हैं उनको मैं बहुत-बहुत शुभकमानाएं देता हूं। अब पक्‍के घर हैं तो सपने भी पक्‍के होंगे।

साथियों, केंद्र सरकार ने 2022 तक हर बेघर को पक्‍का घर देने का लक्ष्‍य है और यह सरकार तेजी से अपने लक्ष्‍य की तरफ बढ़ रही है। जिन परिवारों को अब तक घर नहीं मिला है वे भी इस बात पर भरोसा करे यह मेरा वचन है 2022 के पहले हर परिवार को पक्‍का घर होगा, होगा, होगा। अब तक देश के गांव और शहरों में डेढ़ करोड़ गरीबों के घर बनाए जा चुके हैं। पिछले चार वर्षों में महाराष्‍ट्र में भी लगभग ढाई लाख घर बने हैं। फडणवीस जी की सरकार ने भी 50 हजार से ज्‍यादा घर बनावाए हैं। यहां यवतमाल में भी लगभग 12 हजार घरों पर काम चल रहा है।

साथियों, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बन रहे हैं, यह गरीबों को आत्‍मविश्‍वास तो दे ही रहे हैं साथ में हमारी बहनें के सशक्‍तीकरण का भी साधन है। जिस प्रकार यहां की हमारी परंपराओं में बहनों को प्राथमिकता दी जाती है। माताएं परिवार और समाज को दिशा दिखाती है, उसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले घरों की रजिस्‍ट्री घर की महिला के नाम पर हो इसे प्राथमिकता दी जा रही है।

भाईयों और बहनों, महिला सशक्‍तीकरण को लेकर यवतमाल देश के अग्रणी जिलों में है। यवतमाल सहित पूरे महाराष्‍ट्र में महिला बचतगठ का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। हमारी सरकार ने महिला बचतगठ को विस्‍तार भी दिया है और उनको शक्ति भी दी है। इन समूहों को ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था का आधार बनाने के लिए पहले की अपेक्षा ढाई गुना ज्‍यादा पैसा उपलब्‍ध कराया गया है।

भाईयों और बहनों, मुझे याद है कि पिछली बार में जब मैं यहां आया था तो शेतकारी समाज से लम्‍बा संवाद किया। आज जब दोबारा आपके बीच आया हूं तो यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि हाल के बजट में क्षेत्रीय समाज के साथ-साथ जो हमारे घुमंतु समाज के लोग हैं, बंजारा-वगैरह जो समाज है, हमारा श्रमिक समाज है, हमारा खेत-मजदूर है इन सभी के लिए भी बहुत बड़ी योजनाओं का ऐलान किया गया है।

साथियों, पीएम किसान सम्‍मान निधि के नाम से केंद्र सरकार ने किसानों की सीधी-आर्थिक मदद करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है, उन सभी किसानों के बैंक खातों में हर वर्ष छह हजार रुपये दिल्‍ली में से भारत सरकार की तरफ से जमा किए जाएंगे। महाराष्‍ट्र के लगभग एक करोड़ 25 लाख किसान परिवारों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। यह पैसा दो-दो हजार रुपयों की तीन किस्‍त में सीधा आपके खाते में जमा हो जाएगा और एक बार नहीं यह हर वर्ष दिया जाएगा।

साथियों, इस बजट में सरकार ने घुमंतु समुदायों के लिए भी एक बहुत बड़ा फैसला किया है। यवतमाल जिले में बहुत बड़ी संख्‍या में ऐसे परिवार है जो अपनी जीवन शैली और अन्‍य वजहों से एक जगह पर नहीं रहते। इतिहास में पहली बार इस समुदाय का ख्‍याल सरकार ने किया है। अब इन लोगों के लिए सरकार ने Welfare Development Board बनाने का फैसला किया है ताकि सरकार के विकास के कार्यों का लाभ इन तक तेजी से पहुंचे।

साथियों, सड़कों और घरों के निर्माण से जुड़े घरों में काम करने वाले रेह्डी-ठेले वाले असंगठित क्षेत्र के ऐसे असंगठित क्षेत्र के ऐसे करोड़ों लोगों के बीच पहली बार एक बहुत बड़ी योजना हमने बनाई है। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानदेय योजना से 15 हजार रुपये महीना तक कमाने वाले कामगार साथियों को 60 वर्ष के बाद तीन हजार रुपये की नियमित पेंशन सुनिश्चित हो पाएगी। इसके लिए औसतन 100 रुपये का अंशदान हर महीने देना होगा। इतना ही पैसा केंद्र सरकार इन सा‍थियों के पेंशन खाते में हर महीने जमा करने वाली है।

भाईयों और बहनों, सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार ने आदिवासी समाज के कल्‍याण से जुड़े बजट में भी लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे यवतमाल सहित महाराष्‍ट्र के अनेक जिलों को लाभ होने वाला है। यह फैसला आदिवासी भाई-बहनों के लिए भाजपा सरकार की निष्‍ठा और उसकी प्रतिबद्धता का सबूत है।

साथियों, जमीन हो, जंगल की पैदावर हो, पढ़ाई-लिखाई हो, खेल से जुड़ी प्रतिभा हो, हर स्‍तर पर आदिवासी के कल्‍याण के लिए व्‍यापक प्रयास हो रहे हैं। जन-जन से लकर वन-धन योजना तक जन समुदाय, जनजातीय समुदाय के बहन-भाईयों के लिए काम किया जा रहा है। जनधन योजना के तहत बैंकों में लगभग हर परिवार के खाते खुलवाये गए हैं, जिससे सरकार की हर मदद आपके खाते में सीधी मिलनी सुनिश्चित हुई है। अब कोई भी बिचौलिया आपके पैसे पर डाका नहीं डाल सकता है। इसी तरह वन-धन योजना के माध्‍यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जंगल से जो आप उपज लेते हैं, उसकी बेहतर कीमत आपको मिल पाएं। इसके लिए वन-धन केंद्र बनाए जा रहे हैं। सरकार का जोर वन उपज के value addition पर है, मूल्‍य वृद्धि पर है। जब value addition होता है, मूल्‍य वृद्धि होता है तो ऊपज की ज्‍यादा कीमत मिलती है, जैसे कच्‍ची ईमली की कीमत कम होती है। लेकिन अगर उसको पैकेज में बेचा जाए या फिर चटनी बनाकर बेचा जाए तो ज्‍यादा कीमत मिलती है।

साथियों, आप यह भी जानते हैं कि वन ऊपज पर जो समर्थन मूल्‍य सरकार देती है उसमें बीते साढ़े चार वर्ष में तीन बार बढ़ोतरी की गई है। दिसंबर में ही 23 ऊपजों का समर्थन मूल्‍य बढ़ाया गया है। इतना ही नहीं, इस दौरान सरकार द्वारा एमएसपी के दायरे में आने वाली फसलों को बढ़ाया गया है। जहां साढ़े चार वर्ष पहले जंगल से मिलने वाली 10 ऊपजों पर एमएसपी मिलता था, अब वो संख्‍या बढ़ाकर करीब-करीब 50 हो चुकी है।

साथियों, भाजपा की सरकार ने आदिवासियों की कमाई को ही ध्‍यान में रखते हुए बांस से जुड़े एक कानून में बहुत बड़ा बदलाव भी किया है। अब आप अपने खेत में भी बांस उगा सकते हैं और उसको बेचकर अपनी आय बढ़ा सकते है। पहले ऐसा संभव नहीं था, क्‍योंकि बांस को पेड़ की श्रेणी में रखा गया था। सिर्फ बांस की खेती कर पाए इतना ही काम नहीं किया है, इसको व्‍यापक बाजार मिले इसके लिए भी काम किया जा रहा है।

साथियों, आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा से लेकर कौशल और रोजगार तक के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। हमने जनजातीय क्षेत्रों में एकलव्‍य मॉडल स्‍कूल खोलने का व्‍यापक अभियान चलाया है। इसके तहत 20 हजार से अधिक की आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में स्‍कूल खोले जा रहे हैं। आज ही यहां पर एकलव्‍य मॉडल स्‍कूल के नये कैंपस का लोकार्पण भी किया गया है। इस नये कैंपस में चार सौ से अधिक युवा साथी अपने भविष्‍य को संवार पाएंगे।

साथियों, आदिवासी समाज के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर भी व्‍यापक प्रयास देश में चल रहे हैं। आज यवतमाल के लिए तीन संस्‍थानों का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है। हमारे जनजातीय इलाकों में sickle cell की एक बीमारी बहुत सामान्‍य है। विशेषतौर पर विदर्भ में इस बीमारी की बहुत अधिक समस्‍या है। हम बीमारी के इलाज के लिए बेहतर चिकित्‍सा सुविधा हो, रिसर्च की सुविधा हो, इसके लिए चंद्रपुर में रिसर्च से जुड़ा सेंटर स्‍थापित किया जा रहा है।

साथियों, आदिवासी भाई-बहनों को केंद्र सरकार की आयुष्‍मान भारत योजना का भी बड़ा लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत गंभीर बीमारी की स्थिति में गरीबों का पांच लाख रुपये तक का इलाज सुनिश्चित हुआ है। अभी कुछ देर पहले ही मेरी आयुष्‍मान भारत के अनेक लाभार्थियो से मुलाकात भी हुई है। उनके चेहरे पर जो संतोष था, वही आपके इस प्रधान सेवक का मेहनताना है। साथियों, भारत को खेल की महाशक्ति बनाने में आदिवासी नौजवानों का सामर्थ्‍य बहुत बड़ी भूमिका निभाता जा रहा है। इसे समझते हुए भी आदिवासी क्षेत्रों में खेलों की सेवाओं और सुविधाओं को और विस्‍तार दिया जा रहा है। सरकार का विशेष ध्‍यान डेढ़ सौ से अधिक आदिवासी बाहुल्‍य जिलों में खेल सुविधाओं के विकास पर है। सरकार द्वारा ऐसे हर जिले को 2022 तक पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता का प्रावधान किया गया है।

साथियों, इतिहास साक्षी रहा है कि देश की आजादी से लेकर देश के विकास में आदिवासी नायकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। भाजपा सरकार इस योगदान को सम्‍मान देने का काम भी कर रही है। आजादी की लड़ाई में जिन आदिवासी बेटे-बेटियों ने बलिदान दिया है, उनकी याद में देशभर में स्‍मारकों का निर्माण हो रहा है।

भाईयों और बहनों, देश की सुरक्षा महिला सशक्‍तीकरण, आदिवासी कल्‍याण और विकास के दूसरे काम अगर आज इतनी तेजी से हो पा रहे हैं, क्‍योंकि आपने साढ़े चार वर्ष पहले एक मजबूत सरकार के लिए वोट दिया था। आज सरकार साफ नीयत के साथ स्‍पष्‍ट नीति बना रही है तो आपके एक वोट के कारण संभव हुआ है। तब अगर आप चूक जाते तो शायद हम वहीं के वहीं रह जाते। विकास के इस विश्‍वास को आप और अधिक मजबूत करेंगे। अपने इस प्रधान सेवक पर अपना आशीर्वाद बनाए रखेंगे, इसी आग्रह के साथ एक बार फिर विकास की सभी परियोजनाओं के लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ जोर से बोलिये –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.