Congress divides, BJP unites: PM Modi

Published By : Admin | October 10, 2018 | 17:44 IST
QuoteA few people criticize us for taking forward the work of previous governments. But I want to ask them, why you did not complete those works: PM Modi
QuoteA ‘Mazboot Sarkar’ (a strong and decisive government) augurs well for the nation, a ‘Majboor Sarkar’ (helpless and incompetent government) cares only about the coalition and select leaders: PM Modi
QuoteCongress divides, BJP unites: PM Modi’s fierce attack on Opposition
QuoteWe are a party which believes in the mantra of ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’, but Congress believes in dividing the society and spreading hatred: PM Modi
QuoteYet non-existent ‘Mahagathbandhan’ is compromising the country’s interests for political power: PM Modi
QuoteBJP is a cadre-driven party whose identity is not limited to a single family or clan…This is what makes the BJP ‘a party with difference’: PM Modi

नमस्कार। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े सभी कार्यकर्ताओं का मैं स्वागत करता हूं। आज मेरे साथ रायपुर, मैसूर, दमोह, करौली-धौलपुर और आगरा के कार्यकर्ता जुड़े हैं। पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, पूरे भारत का प्रतिनिधित्व है। आप सभी कार्यकर्ताओं को नवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि नवरात्रि के पहले ही दिन देश भर के कार्यकर्ताओं से बातचीत का अवसर मिल रहा है। हमारी आज की यह बातचीत हम सबको देश के लिए, गांव-गरीब के लिए और अधिक ऊर्जा, और अधिक प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए प्रेरित करे। हमारा आज का ये संवाद संकल्प बन जाए और मां जगदंबा हम सबको इस संकल्प को पूरा करने की शक्ति दें, यही मेरी मां जगदंबा से प्रार्थना है। आइए सब कार्यकर्ताओं को पहले सुनें, उनकी बातें सुनें, बात करें।

चलते हैं करौली-धौलपुर। हां, बोलिए जी।

नमस्कार प्रधानमंत्री जी।

नमस्ते, नमस्ते।

आपका नाम क्या?

मुन्ना खान अब्बासी धौलपुर से, नामकपा क्षेत्र।  

पीएम मोदी - हां, बताइए मुन्ना जी।

मुन्ना खान अब्बासी - प्रधानमंत्री जी, 5 राज्यों में चुनावों की घोषणा हो चुकी है। मीडिया द्वारा इसे सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, लिहाजा हमें इसे किस रूप में और कैसे लेना चाहिए?

पीएम मोदी - देखिए मुन्ना खान, आपके यहां चुनाव का बिगुल बज चुका है। अब मैं समझता हूं कि ये शायद एक रूटीन, एक आदत हो गई है। न ज्यादा कोई सोचते हैं। मैं आज से 1 साल पहले भी कहीं गया हूं तो उन्होंने लिख दिया है कि मोदी ने यहां 2019 के चुनाव को लॉन्च किया। मैं परसों अभी हरियाणा में गया था, वो सर छोटूराम जी की, हरियाणा की सबसे ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण था। उन्होंने कह दिया कि ये चुनाव के साथ जुड़ गया है। अब मैं समझता हूं कल्पना दारिद्रय है जिसके कारण ये किया जाता है। दूसरा, हर चीज को चुनाव से जोड़ करके उस अवसर की जो गरिमा होती है उस गरिमा को जाने-अनजाने में लोग नीचा कर देते हैं। कोई कारण नहीं है।

स्वच्छ भारत अभियान, बोले चुनाव है। अगर हम आयुष्मान भारत योजना लाए तो कहे चुनाव है। अब मैं समझता हूं, ये कल्पना दारिद्रय का परिणाम है और इसलिए हमलोगों ने कौन क्या कह रहा है, क्या नहीं कह रहा है, इसपे अपना दिमाग खपाने की जरूरत नहीं है। हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता निरंतर समाज सेवा के लिए निकले हैं। भारतीय जनसंघ का इतिहास देखिये, भारतीय जनता पार्टी का इतिहास देखिये, हमें तो उम्मीदवार भी कहां मिलते थे। लेकिन देश हित के लिए संघर्ष करना, देश के लिए राजनीतिक दल खड़ा करने के लिए संगठन करना। चरैवेति चरैवेति के मंत्र को लेकर के गांव-गांव जाकर लोगों से मिलते रहना ये हम लोगों का निरंतर काम रहा है।

भारतीय जनता पार्टी चुनाव आने के बाद शस्त्र सजाने वाली पार्टी नहीं है, वो पार्टी है जो जनता से जुड़ी हुई है, जनता के लिए जूझती रहती है। जनता का कल्याण ही जिसका जीवन है। और इसलिए, चुनाव हो या न हो हमारा काम निरंतर यही है कि हम लगातार कोशिश करते रहें, जन सामान्य से जुड़ें, जन सामान्य को हमारे साथ जोड़ें। और इसीलिए, मैं कहता हूं हर बूथ सबसे मजबूत। ये मंत्र हमें क्यूं सिद्ध करना है, क्योंकि सरकार भी तब अच्छी चलती है जब नीचे तक उसकी योजनाएं पहुंचाने में हमारी कार्यकर्ताओं की फौज लगी रहती है। लोगों की भलाई के लिए जागरूक प्रयास करती है।

तो, हमारा बूथ सबसे मजबूत, ये कोई चुनावी यंत्रणा थोड़े ही है, चुनावी मशीन थोड़े है। ये जन सामान्य की आशा-आकांक्षाओं से जुड़ने का हमारा प्रयास है। बूथ लेवल पे सामान्य मानवी की आवाज ऊपर तक पहुंचे इसके लिए है। और इसलिए, आप इसकी चिंता छोड़िए कि कौन क्या कह रहा है। हां, चुनाव जीतना भी जरूरी होता है। क्यूंकि चुनाव जीतना ये हमारे लिए किसी को परास्त करने का अहंकार नहीं है, हमारे लिए ये सेवा करने का एक अवसर है। और, देश में पिछले 50-60 साल तक जिनको शासन में बैठाकर के लोगों ने आशा-अपेक्षाएं की थीं उसका हाल क्या हुआ?

अगर पहले सरकारें अच्छी चली होतीं; आज जो बड़े-बड़े भाषण झाड़ रहे हैं वही लोग तो सरकार चलाते थे तो सारी बुराइयों का कारण तो वही हैं। और इसलिए, ये बात जनता को बताना हमारी जिम्मेवारी है। मुझे विश्वास है कि आप सब कार्यकर्ता इस काम में लगेंगे। मुन्ना खान, आपको मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं। पूरी लगन के साथ आपलोग आगे बढ़िए।

आइए, किसी और से बात करते हैं।

हां, बोलिए जी।

मेरा नाम जयंत मोदी है।

पीएम मोदी - नमस्ते जी।

जयंत मोदी - नमस्ते। प्रधानमंत्री जी, अभी हमारी पार्टी जो भी काम करती है तो विपक्षी कहते हैं कि ये हमने किया है। ये हमने शुरुआत की थी। अब हमारी पार्टी क्या नया काम कर रही है इसके बारे में हमें बताएं।

पीएम मोदी - अच्छा, पहले तो कोई कहता है कि ये हमारे समय का काम है, ये तो हमने शुरुआत की है तो फिर उनको इतना पूछो कि भई, एक तरफ तो तुम कहते हो कि ये हमने किया है, इसकी शुरुआत हमने की है तो फिर विरोध किस बात का करते हो। अगर ये सारा काम तुम्हारा ही हम आगे बढ़ा रहे हैं तो विरोध किस बात का करते हो। और इसलिए, मैं समझता हूं कि ये भी हमारे जो आलोचक हैं, हमारे विरोधी हैं इनकी कमियों को उजागर करता है। अब जैसे आधार कार्ड की बात आएगी, वे कहेंगे हमने शुरू किया। अगर आप सचमुच में देखेंगे तो अटल बिहारी वाजपेयी कि सरकार में इसका प्रारम्भ हुआ था, इसकी कल्पना हुई थी। ये दिल्ली में मेट्रो की बात आएगी, ये कह देंगे हमने किया जबकि आपको फोटो समेत सब चीजें उपलब्ध हैं कि वाजपेयी जी ने इस काम को कैसे शुरू किया था। हर चीज में उनके पास कुछ नहीं है, उनको कल्पना भी नहीं है। और इसलिए अगर मानो उन्होंने काम किया है, आप जरा हमारे 5 विरोधियों को बिठाइए, उनको बताइए भई, तुम्हारी 10 योजनाओं का जरा नाम बोलो तो, तुमने क्या काम किया?

उन्होंने लोगों को सिर्फ लॉलीपॉप पकड़ा दिया। 12 महीने के अंदर हमारे रेलवे मिनिस्टर को कहना पड़ा कि पुरानी सरकार ने 1500 से ज्यादा रेलवे के प्रोजेक्ट घोषित कर दिए और कागज पर भी कहीं नजर नहीं आते। बस बोल दिया, तालियां हो गईं, काम चल गया। आपके यहां बाड़मेड़ में क्या हुआ, राजस्थान में? फोटो खिंचवाई गई, इतने साल हो गए बाड़मेड़ फैक्ट्री का कोई काम नहीं हुआ और उनके वरिष्ठ नेताओं को बुला दिया गया।

अब जब हम उस काम को कर रहे हैं, अच्छे ढंग से कर रहे हैं, सारी समस्याओं का समाधान करके रास्ते पर ले आए, तो वो कहेंगे ये देखो हमारे पास फोटो है रिबन काटने की। तो मैं समझता हूं ऐसे विवादों में समय बर्बाद मत कीजिये। हम पहले जो काम होने चाहिए थे उसको तेज गति से अब पूरा कर रहे हैं। मुझे बताइये पहले की सरकार में टॉयलेट बनाने का काम था कि नहीं, था। लेकिन टॉयलेट इस सरकार में बने हैं। क्या कारण था कि उनके कार्यकाल में ग्रामीण सड़क का काम बहुत मंद गति से चलता था, कोई एमपी आ कर के जोर लगाए तो 2-4 रास्ते ले जाता था। हमने इस व्यवस्था को बदला, गति बदली। और इसलिए हर चीज को हाथ लगाकर फायदा उठाने की कोशिश। अगर उन्होंने काम किए, वो अच्छे होते, उनके काम अच्छे होते तो देश की जनता ने उनको निकाल क्यूं दिया भाई। देश की जनता ने उनको घर क्यूं भेज दिया। और इसलिए मैं समझता हूं कि उनके आरोप-प्रत्यारोप में टाइम खराब मत कीजिये, हमने जो सकारात्मक रूप से काम किया है, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय किया है, तेज गति से किया है आधुनिक तरीके से किया है, क्वालिटी में इंप्रूवमेंट किया है, इन सारी बातों को बिल्कुल कम्पैरिजन के साथ, ग्राफिक के साथ, आप वो नरेन्द्र मोदी एप देखोगे तो आपको ग्राफिक मिलेगा, पहले क्या था, अभी क्या है, ये करिए। ये सारे बंद हो जाएंगे। अभी आपके यहां चुनाव है तो टीवी डिबेट चलेंगे ना, ले के जाइए सब और सीधा साइट बता दीजिये, ये सब चुप हो जाएंगे जी।        

आइए, हम चलते हैं दमोह।  

हां, बोलिए भैया।  

जय श्री राम।

जय श्री राम।

झाबू सिंह बोल रहे हैं।

हां, झाबू सिंह बोलिए।   

झाबू सिंह - माननीय प्रधानमंत्री जी, मेरा सवाल था कि इन दिनों कांग्रेसी, उनके सहयोगी बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं। क्या सत्ता देश से बड़ी हो गई?

पीएम मोदी - देखिये झाबू सिंह, मुझे खुशी है कि भारतीय जनता पार्टी आप जैसे कार्यकर्ताओं पर गर्व करती है। आप दमोह के इंटीरियर में एक बूथ का काम देखते हैं लेकिन आपके दिल में आग क्या है, आपके दिल में आग है कि ये देश बंटना नहीं चाहिए। ये देश के अंदर दरारें पैदा नहीं होनी चाहिए। ये जो भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता के दिल में छटपटाहट है, ये जो भावना है कि क्यों ऐसा कर रहे हैं। ये कांग्रेस खासकर के, ये आदतन बांटो और राज करो, खुद में इसूज पर ताकत के साथ खड़ा रहने का हौसला नहीं है। इसलिए समाज के कुछ लोगों को भड़काकर के, एक-दूसरे से विवाद करा के, वो अपना उल्लू सीधा करने की आदत रखते हैं।

और इसलिए, हमारा मंत्र रहा है सबका साथ सबका विकास। हमारा मंत्र रहा है सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय। और हमने तो ये भी कहा है कि समाज के हर वर्ग का विकास होना चाहिए। इतना ही नहीं, देश के हर भूभाग का भी विकास होना चाहिए। हमलोगों का मंत्र रहा है और हमलोगों को तो बचपन से सिखाया गया है कि भई सुख बांटने से बढ़ता है। सुख बांटने से बढ़ता है, ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को भारत की संस्कृति, भारत की परंपरा से कोई लेना- देना नहीं है। और इसलिए सुख बांटने की बात वो समझ ही नहीं पाए और रास्ता पकड़ लिया समाज बांटने का। हम सुख बांटने वाले हैं, वे समाज बांटने वाले हैं। हमें सुख बांट कर के हर किसी की जिंदगी में सुख लाने का प्रयास करना है, उनको  समाज बांट कर के खुद के परिवार, खुद के नेताओं का भला करने का उनका सपना है। और इसलिए, मैं आपको कह रहा हूं जब यहां 5 राज्यों में चुनाव चल रहे हैं तो जरा ये हकीकत ज्यादा बढ़ा देंगे, छोटी-छोटी चीजों में तनाव पैदा करवा देंगे, एक को दूसरे से लड़ा देंगे।

अब आप देखिये छत्तीसगढ़ का जन्म हुआ, मध्य प्रदेश से हुआ, उत्तराखंड का उत्तर प्रदेश से हुआ, झारखंड का बिहार में से हुआ। कहीं मार-काट, कत्लेआम हुआ क्या? अटल जी ने सबको जोड़कर के, सबको विश्वास में रखकर के तीन राज्यों का निर्माण किया कि नहीं किया। लेकिन इन्होंने एक तेलंगाना और आंध्र का बंटवारा किया, आज भी ऐसे बीज बोये हैं कि एक ही भाषा बोलने वाले लोगों को उन्होंने दुश्मन बना कर रख दिया है। तरीका…तेलंगाना बने इसका कोई विरोध नहीं कर रहा है लेकिन सबका विश्वास जीत कर के, प्यार से, समस्याओं का समाधान कर के। नहीं… रातों-रात आग लगा दी। तो ये कांग्रेस के कारनामे- तोड़ो, बांटो, एक-दूसरे को लड़ाओ, इसी में अपनी राजनीति करते रहना। और इसलिए, हमारा तो मंत्र है सबका साथ सबका विकास। हम सबको साथ लेकर के चलना चाहते हैं। और यही अच्छा है कि समाज के हर वर्ग का हमारे दल में भी प्रतिनिधित्व हो और पोलिंग बूथ पर भी समाज का कोई वर्ग छूटना नहीं चाहिए, किसी जाति का नहीं छूटना चाहिए। बुजुर्ग हो, महिला हो, युवा हो, कोई छूटना नहीं चाहिए। तभी बूथ मजबूत बनता है। और इसलिए हम जोड़ने के लिए चलें, जोड़ते चलें। और आप देखिये, जोड़ने की ताकत बहुत ज्यादा होती है, तोड़ने की ताकत बड़ी सीमित होती है।

आइए, हम आगे चलते हैं। कौन बात करेंगे?

प्रधानमंत्री जी को किशोर सिंह की तरफ से शत-शत नमन।

कहिए किशोर सिंह।

किशोर सिंह – जी, मेरा प्रश्न है- प्रधानमंत्री जी, पिछले चार वर्षों में जिस तरह पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहे हैं इससे पहले ये तस्वीर कभी देखने को नहीं मिली इसके पीछे आप क्या कारण मानते हैं? नमस्कार।  

पीएम मोदी - देखिये किशोर जी, आपने इतना बड़ा सवाल पूछ दिया है कि मैं हफ्ते भर बोलता ही रहूं। आप चुनाव के मैदान में हैं लेकिन आपको भारतीय संस्कृति की याद आती है। यही भारतीय जनता पार्टी की विशेषता है। हम चुनाव से भी काफी ऊपर सोचने वाले लोग हैं। हम देश, समाज, वर्तमान से भी आगे भविष्य का सोचने वाले लोग हैं।

और, मुझे खुशी होती है कि मेरे बूथ का एक कार्यकर्ता किशोर सिंह जब संस्कृति की चर्चा करता है तो इतना आनंद होता है कि वाह! पार्टी के जो संस्कार हैं वो नीचे तक पहुंचे हैं। तो मैं सबसे पहले तो दमोह के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं कि ये सोच आपके मन में है। देखिये, भारतीय संस्कृति नित्य नूतन चिर पुरातन है। भारत के पास वो सांस्कृतिक विरासत है जिसकी आवश्यकता पूरी दुनिया को है। दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों के बीच जीवन जीने की कला सिखाती हमारी संस्कृति आज भी दुनिया के लिए आशा की किरण है।

ये दुर्भाग्य है कि पहले सत्ता में बैठे लोगों को हमारी संस्कृति पर नाज होने की बजाए, उन्हें शर्म आती थी। आजादी के बाद दशकों तक ये माना जाता था कि भारत सपेरों और चूहे पकड़ने वालों का देश है। और, सबसे बदतर स्थिति ये रही कि देश पर दशकों तक शासन करने वाले राजनीतिक वर्ग ने इन हास्यापद बातों को बढ़ावा दिया। आपने एक तस्वीर देखी होगी जिसमें भारत के एक प्रधानमंत्री विदेशी मेहमान के साथ हैं और एक सपेरा बीन बजा रहा है। क्या ये जरूरी था, क्या हमारा आत्मसम्मान इतना गिरा हुआ है? और इसलिए भाइयो-बहनो, हम सबने संकल्प करना है, हम सबने प्रण करना है कि इस परिस्थिति को पलटना है। हमारा ये कर्तव्य है कि हम भारत, भारतीय संस्कृति की मूल विशेषताओं को, गुणों को दुनिया के सामने लाएं। और इसलिए नहीं कि भारत के हम हैं। हजारों साल एक देश चला है, कुछ परंपराएं विकसित हुई हैं, पारिवारिक व्यवस्थाएं विकसित हुई हैं, दुनिया के सभी संप्रदाय जिस देश में साथ मिल के रहते हैं, तो कुछ तो ताकत है। अगर ये ताकत है तो दुनिया को दिखाते क्यों नहीं हम लोग, शर्मिंदगी किस बात की? और, मैं तो जहां भी जाता हूं दुनिया को कहता हूँ, आइये साहब। अरे आपके छोटे-छोटे देश में भी साथ रहना मुश्किल है, हम सौ से अधिक भाषाएं, 1700 बोलियां, दुनिया का सब संप्रदाय जिस धरती पर पलता है, बढ़ता है, हमें साथ कैसे रहना चाहिए, ये हमारी संस्कृति-विरासत के तहत है। और इसलिए, जब विदेशी मेहमान भारत आते हैं तो मैं उनको हमारे देश की विशेषताएं दिखाता हूं, मैं गंगा आरती के लिए लोगों को काशी ले जाता हूं और विदेश के मेहमान भी गंगा आरती उतारते हैं। कभी मैं उनको मेट्रो में ले जाता हूं। हमारी ये ताकत है।

विदेशी नेताओं को कभी मैं यूपी के मिर्जापुर के सोलर पार्क को दिखाने ले जाता हूं कि गांव का आदमी भी सोलर पार्क में कैसा काम कर रहा है। अपने यहां टेक्नोलॉजी में हो रहे इनोवेशन्स की अनुभूति कराने के लिए कभी मैं उनको बेंगलुरु ले के जाता हूं। ये मेरा भारत है, अपनी जड़ों पर गर्व है और अपने भविष्य के प्रति आशान्वित है। आज हम इस तरह से देखते हैं, जब हमारे देशों के राष्ट्राध्यक्ष गंगा आरती कर रहे हैं, तब हर भारतीय गर्व महसूस करता है। आज जब विदेशी मेहमान आते हैं तो उन्हें भारतीय संस्कृति का बहुमूल्य दर्शन मिलता है। आपने देखा होगा कि पिछले सालों में हमारे देश की प्राचीन मूर्तियां जो चोरी हो गई थीं, मूल्यवान थीं, अमूल्य थीं, अलग-अलग देशों से वापस लाने के पीछे हम लगे रहे और लगातार आती रहती हैं और हम लाते रहते हैं।

आप मुझे बताइये जब पूरी दुनिया योग करती है तो कौन हिंदुस्तानी होगा जिसको गर्व नहीं होता होगा। अरे सूरज की पूजा हम सालों से करते आते थे, आज सोलर अलायंस के नाम पर पूरी दुनिया सूरज की पूजा में लग गई है। यही तो विशेषता है हमारी। आपने देखा होगा और मैं मानता हूं हर हिन्दुस्तानी को गर्व होगा; अभी  पूज्य बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं और दुनिया के 150 देश वैष्णव जन तो तेने कहिए जे, जो गांधी जी का प्रिय गाना था वो गाएं, हमारे विदेश मंत्रालय ने एक छोटा सा प्रयास किया। अब तक करीब सवा सौ देशों ने उसको गाया है। और आप अगर उसको सुनोगे और डेली दूरदर्शन वाले दिखाते हैं। अलग-अलग देश के, मन पर इतना प्रभाव पड़ता है कि अपने देश का, सदियों पहले लिखा गया वैष्णव जन तो तेने कहिए जे, जो पूज्य बापू को प्रिय था वो आज पूरा विश्व गुनगुना रहा है। किसको गर्व नहीं होगा भाई। और उसमें से जो लोग उसका अर्थ समझते हैं तो उनको और आनंद होता है कि सदियों पहले भारत में ये चिंतन रहा था। तो हमारी सांस्कृतिक धरोहर की बात होती है। देखिये, ये बहुत बड़ी बात हुई है। और इसलिए, बापू की 150वीं जयंती पर एक भजन ने पूरी दुनिया को जोड़ दिया है।

आप जानते हैं 2013 में भूकंप आया और केदारनाथ में क्लाउड बर्स्ट हुआ, बड़ी-बड़ी तबाही हो गई। क्यूं नहीं हुआ इतने साल? सवा सौ करोड़ देशवासियों की श्रद्धा का केंद्र है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति से कतराते थे। हमने केदारनाथजी के पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया और आप अब जाते होंगे तो देखते होंगे, बदलाव नजर आता होगा। अभी तो काम चल रहा है, जब होगा तो कैसा होगा। और इसलिए, हमारे देश की जो विशेषताएं हैं उसपे हमें नाज होना चाहिए, गर्व होना चाहिए। मैं चाहूंगा कि भारतीय संस्कृति की जो आपने बात कही है उसको मैं अच्छा मानता हूं।

और इसके बाद चलिए, अब आगरा चलते हैं।   

माननीय प्रधानमंत्री जी को मेरा नमस्कार।

पीएम मोदी - ये आपकी मोदी, मोदी, मोदी आवाज सुनाई दे रही है। लेकिन ये फूल सिंह की आवाज सुनाई दे, ऐसा होने दीजिये।

हां, फूल सिंह जी बताइये।

पीएम मोदी - फूल सिंह जी, बीच-बीच में आपकी आवाज कट हो रही है, लेकिन जितना मैं समझा शायद आप सीनियर सिटीजन के विषय में अपनी भावना प्रकट कर रहे हैं। हमारे बुजुर्गों के संबंध में आप कुछ कहना चाहते हैं। मैं जरूर इसको विस्तार से आपको बताता हूं। देखिये, आर्थिक हो या सामाजिक, वरिष्ठ नागरिक आत्मनिर्भर रहें इसको सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने काम किया है। हमारी विभिन्न योजनाओं के मूल में यही है कि वरिष्ठ नागरिकों का जीवन सरल एवं सुगम हो। पिछले वर्ष, सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत 60 साल से ऊपर के नागरिकों को 10 साल तक 8 फीसदी, 8 परसेंट ब्याज सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। यदि रेट 8 परसेंट, 8 फीसदी से कम आती है तो सरकार खुद इसकी भरपाई करती है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों की सभी जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए सरकार उनके जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं पर विशेष ध्यान दे रही है। हम सब जानते हैं कि उम्र बीतने के साथ-साथ स्वास्थ्य-संबंधी दिक्कतें, बीमारी बहुत स्वाभाविक है। शरीर अपना धर्म निभाता है, दवाइयां और इलाज का खर्चा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए जन औषधि योजना शुरू की गई ताकि दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध हों। इसी तरह से स्टेंट की कीमतें जिसकी हृदय के लिए जरूरत होती है या घुटने के ऑपरेशन का खर्चा हो, इन सबको कम कर दिया, 20 परसेंट, 30 परसेंट पे ला दिया। ये सब हमारे सीनियर सिटीजन को बहुत बड़ी मदद कर रहा है।  

पहले वरिष्ठ नागरिकों को अपने जीवित होने का खुद जा के प्रमाण देना पड़ता था लेकिन अब इसे भी सरल बनाते हुए लाइफ सर्टिफिकेट्स की व्यवस्था शुरू की गई है। इसके अलावा, सरकार सीनियर सिटीजन्स को टैक्स इन्सेंटिव भी प्रदान कर रही है। उनके लिए आय पर टैक्स में छूट की मूल सीमा को बढ़ा कर हमने 3 लाख रुपया कर दिया है। इसके साथ-साथ, इंटरेस्ट पर भी डिडक्शन की सीमा जो पहले 10 हजार थी उसे बढ़ाकर के 50 हजार कर दिया है। यानि, अब जमा रकम से मिले 50 हजार रुपये तक के ब्याज को कोई टैक्स नहीं लगता है। मान लीजिए और ये आप लोगों को बताइये कि एक सीनियर सिटीजन, एक वरिष्ठ नागरिक जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपया है। 2013-14 में उस नागरिक को लगभग तेरह-साढ़े तेरह हजार रुपया टैक्स देना पड़ता था जबकि आज 2018-19 में तेरह-साढ़े तेरह हजार से घटकर के ये टैक्स सिर्फ 2,600 हो गया है। अब ये बात हमें जाकर के बतानी पड़ेगी। यानि, टैक्स में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आई है। देखिये, कितना बड़ा परिवर्तन आया है। न सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर बल्कि वरिष्ठ नागरिकों और उनके  कल्याण से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। हमारा पूरा प्रयास है कि देश के वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न सुविधाएं सरल और सहज रूप में उपलब्ध हों। उनके पास उपलब्ध हों ताकि उन्हें ज्यादा भागदौड़ ना करनी पड़े। वे स्वस्थ रहें, ऊर्जावान रहें और स्वाभिमान के साथ अपना जीवन जी सकें, हमने यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है।

मैं समझता हूं आगरा से कोई और भी है जो बात करना चाहता है।      

हैलो, आगरा के एतमादपुर विधान सभा, सीतानगर मण्डल से श्यामसुंदर अग्रवाल बोल रहा हूं। सर्वप्रथम, आपके चरणों में नमन करूंगा। मेरा प्रश्न है कि आज काफी विपक्षी दल एक होकर लड़ने के लिए तैयार हैं एवं हमारे ऊपर हमला बोलने के लिए तैयार हैं। ये मेरा राजनीतिक प्रश्न है। दूसरा मेरा आगरा के विकास के लिए, जो 70 सालों में विकास नहीं हुआ वो पिछले 5 वर्षों में काफी अच्छा विकास हुआ है और एक जो मूलभूत आगरा की समस्या है आगरा के लिए बैराज, उसपे हालांकि प्रयास चल रहा है, जल्दी हो ये।

पीएम मोदी - श्याम अग्रवाल जी, आपने बहुत अच्छी बात कही और हमारे पार्लियामेंट के मेम्बर कठेरिया जी बहुत सक्रिय हैं और सरकार भी हर छोटी समस्या जो सालों से पेंडिंग पड़ी है उसके समाधान के लिए बहुत कुछ कर रही है। और, आपने बताया महागठबंधन का (आप बैठिए, श्याम जी बैठिए, आराम से बैठिए, श्याम अग्रवाल जी आप बैठिए आराम से) देखिये, आप जिन दलों की बात कर रहे हैं वे दल, वे सारे दल दरअसल जनता के सामने एक्सपोज हो गए हैं। इनके नेता पहले तो आपस में लड़ते हैं, एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन जैसे ही मौका मिलता है सत्ता के लिए इकट्ठे हो जाते हैं। कर्नाटक में यही हुआ; पहले लोगों की भावनाएं भड़का कर एक-दूसरे के खिलाफ जनता को भ्रमित किया, जब सरकार बनाने की बारी आई तो उन्होंने हाथ मिलाने में भी देरी नहीं की। उत्तर प्रदेश में यही प्रयास चल रहा है। मध्य प्रदेश में भी यही कोशिश दिख रही है।

ऐसे में, भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी समाज को ऐसे दलों के चरित्र, उनके नेताओं के चरित्र, उनका पूरा इतिहास, बस याद कराने का काम कीजिये। आपको ये तो बताना ही है कि देश के विकास के लिए किस तरह भाजपा सरकार मेहनत कर रही है, साथ ही, लोगों को वोट की ताकत और उसकी अहमियत भी बतानी होगी। पिछले दिनों गठबंधन की एक नेता का बयान आपने सुना होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्र में एक मजबूत नहीं मजबूर सरकार की जरूरत है। आप समझ सकते हैं कि आखिर ये मजबूर सरकार की क्यों अपेक्षा रखते हैं। क्या देश का भला चाहने वाला कोई भी मजबूत सरकार चाहेगा कि मजबूर सरकार चाहेगा? जो देश का भला चाहता है उसे मजबूत सरकार चाहिए, जो दल का भला चाहता है उसको मजबूर सरकार चाहिए। मजबूर सरकार होगी तो ये उससे अपना मनचाहा करवा पाएंगे, लूटने में सुविधा हो जाएगी। नाक दबाएंगे सरकार की, सरकार गिर जाएगी, डरा देंगे, अपना माल निकालेंगे।     

मजबूत सरकार होती है तो देश का भला होता है। मजबूर सरकार होती है तो सिर्फ गठबंधन में शामिल दल और उनके नेता का भला होता है। मजबूर सरकार का वही चरित्र होता है, इसलिए मजबूत सरकार की तरफ हमको जाना है। और इसलिए, हमें जनता के बीच में जा करके इस बात को विश्वास से कहना होगा। और तीस साल तक भारत ने ये मजबूर सरकारें देखी है। कितना देश का नुकसान हुआ, हम कितने पीछे चले गए थे। अब पहली बार मौका आया है कि हम निर्णय कर पा रहे हैं, दिशा बदल रहे हैं, गति बदल रहे हैं और सामान्य मानवी की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।

और इसलिए, मैं आपसे यही आग्रह करूंगा कि ये गठबंधन की चिंता छोड़ दीजिए। ये मजबूरी से इकट्ठे आए लोग हैं। जो जमानत पर हैं वो लोग अपना बचने का रास्ता खोज रहे हैं। जो डूब रहे हैं वो टिकने का सहारा ढूंढ़ रहे हैं। ये कोई प्रेम के कारण देश प्रेम के कारण, देश की भलाई के लिए, जनता की भलाई के लिए ये  इकट्ठे नहीं हुए हैं जी। इनका मकसद यही है- मोदी हटाओ और कुछ नहीं।

आओ चलो रायपुर चलते हैं।

अदिति बघमार, अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी मण्डल।

पीएम मोदी - अदिति जी, आप बाघ मारती हो क्या?

अदिति बघमार- (हंसते हुए) जी नहीं।   

पीएम मोदी - हां, बताइये।

अदिति बघमार - नवरात्र की बहुत-बहुत शुभकामना।

पीएम मोदी - आप सबको भी बहुत शुभकामनाएं।   

अदिति बघमार - आपको कार्य करने की इतनी शक्ति कहां से प्राप्त होती है?

पीएम मोदी - अदिति जी, ये आप सब बहनों का आशीर्वाद है, जिससे मुझे काम करने की ताकत मिलती है। कार्यकर्ता जो काम करता है, मैं भी एक कार्यकर्ता हूं, मैं भी काम करता हूं। और ये बात सही है नवरात्र का प्रारम्भ आज हुआ है, अगले 10 दिनों तक हमारे समस्त वातावरण में नवरात्रि, दुर्गा पूजा और विजयादशमी की उमंग, सुगंध और भक्ति का रंग जुडने वाला है। दरअसल, नवरात्रि तप के माध्यम से शक्ति की उपासना का महापर्व है। उसमें उपवास का उद्देश्य समस्त संसार के कल्याण से जुड़ा होता है। ये पर्व हमारे आत्मबल से हमें परिचित कराता है। जहां तक मेरा प्रश्न है तो मेरे पास 130 करोड़ भारतवासियों का आशीर्वाद है, यही मेरी बड़ी ताकत है। उनका भरोसा, उनका विश्वास, वही मेरी ऊर्जा, वही मेरा सामर्थ्य, वही मेरा संकल्प है। नवरात्र के इस पर्व से मुझे जीवन में सदा ही कुछ अच्छा करते रहने की प्रेरणाशक्ति मिलती है। शक्ति की देवी मां दुर्गा से मेरी यही प्रार्थना है कि वो हमें राष्ट्र की आशाओं, आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करते रहने का आशीर्वाद दें और उसके लिए सामर्थ्य प्रदान करें।

आइए, रायपुर से कोई और भी पूछना चाहता है।  

गज्जू साहू, मंडल अध्यक्ष, रायपुर

पीएम मोदी - गज्जू जी, सुनाई नहीं दे रहा है...

पीएम मोदी - साहू जी, जनसामान्य के लिए सरकार अपनी योजनाओं को ठोस आकार दे पाई है, उसे जमीन पर लागू करने में सफल रही है तो यह आप जैसे लाखों कार्यकर्ताओं की बदौलत ही संभव हो सका है। आप लोग जमीन पर कार्य करते हैं, जनता के सुख-दुख में भागीदार होते हैं और आपसे सरकार को पता चलता है कि लोगों की आशाएं क्या हैं, आकांक्षाएं क्या हैं, हमारी दिशा उसके अनुरूप है या नहीं है। भाजपा एक कैडर बेस्ड पार्टी है। सरकार और पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वजह है कि हम समाज के गरीब, शोषित, वंचित तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सफल होते हैं। इतना ही नहीं, संगठन और सरकार के बीच संतुलन बनाने में, कुछ विशेष स्थितियों में उन्हें अलर्ट करने तक में कार्यकर्ता की भूमिका बहुत बड़ी रहती है। उदाहरण के लिए बताऊं, जब हम  जीएसटी लेकर आए तो उसमें समय-समय पर सुधार करते रहे। इसमें आप कार्यकर्ताओं की ओर से भी जो सुझाव आए उसी के कारण ये संभव हुआ। जीएसटी को लेकर अलग-अलग वर्गों से मुलाकातें हुईं और आवश्यकता के अनुरूप बदलाव किए गए। यही कारण है कि आज जीएसटी देश में आर्थिक एकीकरण का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना है।

कार्यकर्ताओं के आपसी कम्युनिकेशन और पार्टी की लीडरशिप के साथ कम्युनिकेशन को NaMo ऐप, नरेन्द्र मोदी ऐप ने बहुत ईजी और इफेक्टिव बना दिया है। आवश्यकता है, इसका रोजाना यूज हमारी आदत में होना चाहिए। चलिये, आज मैं आपको एक काम देता हूं। करेंगे आपलोग? मैं सभी, जिन राज्यों से मेरी बात हो रही है को कह रहा हूं। करेंगे? अच्छा देखिये, आज इस वीडियो कॉल से जितने कार्यकर्ता जुड़े हैं वो सब महत्वपूर्ण विषयों पर अपना डिटेल्ड फीडबैक मुझे अगले 24 घंटे में भेजिए। और यदि कर सकते हैं तो 5 और लोगों से भी उनके मोबाइल में NaMo ऐप डाउनलोड करवा कर उनका भी फीडबैक मुझे भेजें। आपको सिर्फ इतना ही करना है- NaMo ऐप के होम फील्ड, उस पर आपको एक पीपल्स पल्स बैनर दिखेगा, उस पर क्लिक करोगे तो अलग-अलग प्रश्न और आप्शन्स आएंगे, कुछ सरकार की योजनाओं के बारे में होंगे, कुछ आपके राज्य के बारे में होंगे, कुछ आपके विधान सभा क्षेत्र के बारे में होंगे, कुछ आपके एमपी, एमएलए और भाजपा के अन्य लीडर्स के बारे में। इन सबको भर करके, उसके अंदर आप भर सकते हैं आसानी से, आप उसको सबमिट कीजिये। मैं आशा करता हूं कि आपलोग इस काम को करेंगे।

आइए चलिये अब मैसूर चलते हैं।           

नमस्कार मोदी जी।

नमस्ते।

हां, बोलिए, बोलिए। बोलिए, बोलिए।

मेरा नाम मुरलीधर है। मैसूर नसरुल्लाह क्षेत्र का मण्डल अध्यक्ष हूं। मोदी जी, पहले 4 साल से आप मैसूर को मैसूर-बैंगलोर रास्ता 10 लेन का रास्ता 7,000 करोड़ का प्रोजेक्ट है वो दिया है। मैसूर-बैंगलोर रेलवे ट्रैक का डबलिंग को 800 करोड़ दिया है, मैसूर को पासपोर्ट सेवा केंद्र दिया है, जन औषधि सेवा केंद्र दिया है मोदी जी। आपके लिए मैसूर जनता से बहुत-बहुत धन्यवाद।

पीएम मोदी - आपका भी बहुत धन्यवाद।

मुरलीधर - मोदी जी, हमारा प्रश्न है। भारत का स्तर बढ़ रहा है, सामान्य जनता के ऊपर इसका क्या प्रभाव है?     

पीएम मोदी - देखिये मुरली जी, ये एक बहुत अच्छा सवाल आपने पूछा है। लोग अगर सोचते हैं कि रैंकिंग में सुधार होने से केवल कागजों पर चीजें बदलती हैं, लोगों के जीवन में इससे ज्यादा बदलाव नहीं आता। पहले तो आप समझ लीजिये कि ये रैंकिंग भारत के बाहर के लोग करते हैं, दुनिया की गणमान्य संस्थाएं करती हैं। दूसरा, रैंकिंग करने से पहले उन जिन बातों पर काम कर रहे हैं, उनका भारत में जाकर के, गली-मोहल्ले में जाकर के जांच-पड़ताल करते हैं। और इसलिए, पहले जब बदलाव आता है उसके बाद रैंकिंग में बदलाव आता है। पहले जनजीवन में बदलाव आता है, व्यवस्थाएं बदलती हैं लेकिन सही मायने में कहा जाये तो रैंकिंग में सुधार होने से लोगों के जीवन में बदलाव भी साफ तौर पर देखने को मिलता है। मैं आपको समझाता हूं कि चीजें बदलती कैसे हैं।     

पहले के मुकाबले हमारे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। ऐसा इसलिए हुआ है क्यूंकि बिजनेस शुरू करने और उसे चलाने की जो प्रक्रिया है, बिजली का कनेक्शन लेना है, पानी का कनेक्शन ले जाना है, जो भी उसकी इंडस्ट्री के लिए आवश्यक रहती हैं मंजूरी लेने तक, पहले इतनी दिक्कत होती थी वो सारी सरल की गई हैं। आपको ये जान के खुशी होगी कि मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को 14 करोड़ से अधिक लोन भी दिये गए हैं। वहीं, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की बात की जाए तो उसमें भी भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2014 में भारत की इनोवेशन रैंकिंग 76 थी जो 2018 में 57 हो गई है।

और बैंगलोर, कर्नाटक में जो नौजवान हैं वो इनोवेशन से जुड़े हुए हैं। इनोवेशन में हुआ ये सुधार हमारे समाज में, नई पीढ़ी में साफ दिखता है। पिछले 4 वर्षों में कई सारे नए स्टार्ट-अप शुरू हुए हैं और भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इको-सिस्टम में से एक है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत सैकड़ों स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब चल रही है और स्कूल भी एक इनोवेशन बेस्ड सोसाइटी की नींव रख रहे हैं।

2013-14 में पेटेंट्स की संख्या 4 हजार थी, 2017-18 में ये बढ़ कर के 13 हजार से भी ज्यादा हो गई है। वहीं, रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क की बात की जाए तो 2013-14 में रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क 68 हजार थे, 2016-17 में ये बढ़ करके 2.5 लाख हो गए हैं। इसी प्रकार, वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स में भी सुधार हुआ है।    2013 में भारत की रैंकिंग 65 थी जो 2017 में 40 हो गई। भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी सुधार हुआ है। 2013 में भारत में 70 लाख विदेशी पर्यटक आते थे, 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 1 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है।

इन उदाहरणों से साफ तौर पर पता चलता है कि जब इस तरह की रैंकिंग में सुधार होता है तो हमारे करोड़ों देशवासियों का जीवन भी बेहतर होता है।

आइए, मैसूर से किसी और से भी बात कर लें।    

मोदी जी, नमस्कार। मेरा नाम अरुण कुमार गौड़ा है। मैं चामुंडेश्वरी मंडल, मैसूर का अध्यक्ष हूं। मेरा एक सवाल है। भाजपा के आदर्श कार्यकर्ता कैसे होने चाहिए?

पीएम मोदी - एक तो हर कार्यकर्ता के मन में आदर्श कार्यकर्ता बनने की इच्छा होनी चाहिए। ये बहुत बड़ी बात होती है। हो सकता है, आज हम आदर्श ना हों लेकिन आदर्श बनने की इच्छा होनी चाहिए। और आदर्श बनने के रास्ते पर लगातार कोशिश करनी चाहिए। और मैं समझता हूं आपका सवाल बहुत ही उचित है और सही समय पे पूछा है। चूंकि आपका प्रश्न एक आइडियल कार्यकर्ता के होने से जुड़ा है, ऐसे में मैं आपका ध्यान अगले 2 दिनों की ओर ले जाना चाहूंगा जब हम दो महान विभूतियों की जयंती मना रहे हैं जिनका जीवन हमें बताता है कि आइडियल कार्यकर्ता कैसा होना चाहिए।      

कल, आज 10 अक्टूबर है, कल 11 अक्टूबर को हम नानाजी देशमुख की जन्म जयंती मना रहे हैं। आप किसी ऐसे कार्यकर्ता से पूछिए जिन्होंने आज से तीस-चालीस साल पहले पार्टी ज्वॉइन की होगी। वे आपको बताएंगे कि किस प्रकार नानाजी देशमुख कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श थे। बेहद विनम्र, जमीन से जुड़े हुए, विचारधारा के प्रति समर्पित किन्तु बाहरी दुनिया से डायलॉग के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले, परिश्रमी- यही तो नानाजी का व्यक्तित्व था जिससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। एक संगठन में जिन क्षमताओं की आवश्यकता होती है, नानाजी देशमुख में वह कूट-कूट करके भरी पड़ी थी। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 1970 के दशक में जब सिर्फ एक ही पार्टी की तूती बोलती थी, जब उस पार्टी ने विपक्ष को दबाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा, जब आपातकाल थोपा गया तो उन हालात में भी ये नानाजी देशमुख थे जो संगठन की गतिविधियों में सबसे आगे रहे थे। और फिर 1977 में जब जनता पार्टी जीती थी तब नानाजी ने कोई आरामदायक मंत्री पद लेने की बजाए चित्रकूट जाने का फैसला किया था। उन्होंने देश के ग्रामीण जीवन में सुधार लाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।          

12 अक्टूबर को, परसों, हम अपने एक और नेता की जयंती मनाते हैं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया की। इस बार का 12 अक्टूबर तो और भी विशेष है क्यूंकि यह उनकी 100वीं जयंती है। राजमाता सिंधिया एक समृद्ध राजघराने से थीं। अगर वो चाहतीं तो पूरे ठाठ-बाट का जीवन जी सकती थीं लेकिन उन्होंने जनता के बीच रह करके काम करने का फैसला किया। गांवों, जंगलों, आदिवासियों, दूर-दराज के इलाकों में, जनता के लिए वो हमेशा हाजिर रहती थीं। सहजता इतनी थी कि लोगों को भी उनके पास जाने के लिए सोचना नहीं पड़ता था। कार्यकर्ताओं के प्रति उनका गजब          का स्नेह था। आपातकाल के दौरान, सरकार ने उन्हें अलग-अलग तरह से परेशान किया लेकिन इससे पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कभी कम नहीं हुई।

भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता आज भी ऐसा ही होना चाहिए। दृढ़ और सौम्य, यानि टफ एंड जेंटल। आत्मविश्वासी और विनम्र, यानि कॉन्फिडेंट एंड हम्बल। प्रतिबद्ध और मेहनती, यानि कमिटेड एंड हार्डवर्किंग।

दोस्तो, कल 11 अक्टूबर है। हमारे सम्माननीय लोक नायक जयप्रकाश नारायण- जेपी की जयंती है जिनके अथक प्रयासों और लीडरशिप की वजह से हमारा लोकतांत्रिक ढांचा बच पाया। जेपी भी एक आदर्श कार्यकर्ता थे। अगर इतिहास में 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन को याद करें, उस समय गांधी जी समेत कई शीर्ष नेताओं को  गिरफ्तार कर लिया गया था। अंग्रेजों को लगा कि आंदोलन समाप्त हो गया है, लेकिन वो गलत साबित हुए। क्यूं? क्यूंकि जेपी, लोहिया और आचार्य कृपलानी जैसे अनेक युवा कार्यकर्ता आंदोलन को सफल बनाने के लिए चुपचाप अपना कार्य कर रहे थे। जेपी ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल और दूसरे कई नेताओं के साथ बहुत रहकर काम किया। 1947 के बाद सरकार में वो अपनी पसंद का कोई भी मंत्रालय पा सकते थे लेकिन नहीं। उन्होंने भी उद्योगों से जुड़े श्रमिकों, रेलवे श्रमिकों, किसानों और ग्रामीण विकास के लिए अपना जीवन लगा दिया।

1970 के दशक में, शुरुआत में जब परिस्थितियां हाथ से निकलने लगीं, भ्रष्टाचार इतना व्यापक हो गया, शीर्षस्थ लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए थे, दूसरी तरफ लोकतंत्र में खतरा मंडरा रहा था तब उन्होंने मुख्यधारा की राजनीति में लौटकर युवाओं को एकजुट करने का कार्य किया। आपातकाल के विरोध में जो एक बड़ा आंदोलन छिड़ा, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो एक आंदोलन चला, वह इसी की देन थी। जेपी की राजनीति में सत्ता नहीं, बल्कि जनता सर्वोपरि थी। पुरानी पीढ़ी के कई सारे नेताओं ने जहां जेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया, वहीं युवा पीढ़ी ने उनसे काफी कुछ सीखा।

आइये, हम इन महान विभूतियों को याद करें और उनसे सीखें कि कैसे आइडियल कार्यकर्ता बनें और अपनी पार्टी को मजबूत करें। आप सभी कार्यकर्ताओं से बात करके बहुत अच्छा लगा। आप जैसे असंख्य भाजपा कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और प्रयासों का ही फल है कि आज पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है। भारतीय जनता पार्टी की पहचान किसी वंश से जुड़ी हुई नहीं है। अनगिनत कर्मयोगी कार्यकर्ताओं और जीवन का सर्वस्व खपा देने वाले निस्वार्थ नेताओं ने, कार्यकर्ताओं ने ही भाजपा को पार्टी विद डिफरेंस बनाया है। अगर बीजेपी पार्टी विद डिफरेंस है तो उसके कार्यकर्ता की छवि भी डिफरेंट होनी चाहिए। अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी का हर कार्यकर्ता भाजपा का रूप है और उसी में पार्टी की रीति-नीति समाहित है। लोग उसी से भाजपा क्या है ये जानते हैं। एक भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते आपको अपने इस विशाल दायित्व की भलीभांति अनुभूति है और इसका मुझे पूरा विश्वास है।

एक बार फिर नवरात्रि की और आने वाले त्योहारों की आप सभी को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे अच्छा लगा, आप लोगों से मिलने का मौका मिला।

बहुत-बहुत धन्यवाद।       

 

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PM to visit Gujarat on 26th and 27th May
May 25, 2025
QuotePM to lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth around Rs 24,000 crore in Dahod
QuotePM to lay the foundation stone and inaugurate development projects worth over Rs 53,400 crore at Bhuj
QuotePM to participate in the celebrations of 20 years of Gujarat Urban Growth Story

Prime Minister Shri Narendra Modi will visit Gujarat on 26th and 27th May. He will travel to Dahod and at around 11:15 AM, he will dedicate to the nation a Locomotive manufacturing plant and also flag off an Electric Locomotive. Thereafter he will lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth around Rs 24,000 crore in Dahod. He will also address a public function.

Prime Minister will travel to Bhuj and at around 4 PM, he will lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth over Rs 53,400 crore at Bhuj. He will also address a public function.

Further, Prime Minister will travel to Gandhinagar and on 27th May, at around 11 AM, he will participate in the celebrations of 20 years of Gujarat Urban Growth Story and launch Urban Development Year 2025. He will also address the gathering on the occasion.

In line with his commitment to enhancing connectivity and building world-class travel infrastructure, Prime Minister will inaugurate the Locomotive Manufacturing plant of the Indian Railways in Dahod. This plant will produce electric locomotives of 9000 HP for domestic purposes and for export. He will also flag off the first electric locomotive manufactured from the plant. The locomotives will help in increasing freight loading capacity of Indian Railways. These locomotives will be equipped with regenerative braking systems, and are being designed to reduce energy consumption, which contributes to environmental sustainability.

Thereafter, the Prime Minister will lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth over Rs 24,000 crore in Dahod. The projects include rail projects and various projects of the Government of Gujarat. He will flag off Vande Bharat Express between Veraval and Ahmedabad & Express train between Valsad and Dahod stations. Thereafter, the Prime Minister will lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth over Rs 24,000 crore in Dahod. The projects include rail projects and various projects of the Government of Gujarat. He will flag off Vande Bharat Express between Veraval and Ahmedabad & Express train between Valsad and Dahod stations.

Prime Minister will lay the foundation stone and inaugurate multiple development projects worth over Rs 53,400 crore at Bhuj. The projects from the power sector include transmission projects for evacuating renewable power generated in the Khavda Renewable Energy Park, transmission network expansion, Ultra super critical thermal power plant unit at Tapi, among others. It also includes projects of the Kandla port and multiple road, water and solar projects of the Government of Gujarat, among others.

Urban Development Year 2005 in Gujarat was a flagship initiative launched by the then Chief Minister Shri Narendra Modi with the aim of transforming Gujarat’s urban landscape through planned infrastructure, better governance, and improved quality of life for urban residents. Marking 20 years of the Urban Development Year 2005, Prime Minister will launch the Urban Development Year 2025, Gujarat’s urban development plan and State Clean Air Programme in Gandhinagar. He will also inaugurate and lay the foundation stone for multiple projects related to urban development, health and water supply. He will also dedicate more than 22,000 dwelling units under PMAY. He will also release funds of Rs 3,300 crore to urban local bodies in Gujarat under the Swarnim Jayanti Mukhyamantri Shaheri Vikas Yojana.