मेरा बूथ सबसे मजबूत। इस महत्वपूर्ण संवाद में आप सभी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ने का अवसर पाकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे थोड़ा विलंब हो गया, उसके कारण आप सबको थोड़ा इंतजार करना पड़ा। आज बस्ती, बिलासपुर, धनबाद, चित्तौड़गढ़ और मंदसौर, वहाँ के सभी कार्यकर्ताओं को, हमारे एमपी, एमएलए, जिला अध्यक्ष और पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारियों को मेरा नमस्कार।
मुझे लगता है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से नियमित बातचीत करने का यह प्रयोग, शायद ही किसी राजनीतिक दल को इस प्रकार से जमीनी सच्चाई को जाननेवाले कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने का अवसर मिलता होगा। पिछले कुछ दिनों से इस संवाद के लिए आप सब कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की है, पूरे संगठन को आपने एक प्रकार से चेतनबद्ध बना दिया है और आपने मुझे भी ढेर सारे सुझाव दिए हैं, प्रश्न भेजे हैं, नरेन्द्र मोदी ऐप का आपने भरपूर उपयोग किया है। मैं जब इनको पढ़ता हूँ, तो मुझे कार्यकर्ताओं का मन, उनकी मनःस्थिति, जिज्ञासा, अपेक्षाएँ, शिकायतें, सब कुछ जानने का अवसर मिलता है और कार्यकर्ताओं के माध्यम से समाज की नब्ज की भी समझ आ जाती है। और इसलिए, यह कार्यक्रम मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और दूसरा, जितना आप इसमें इन्वॉल्व होंगे ये उतना ही सार्थक बनेगा।
मेरा बूथ सबसे मजबूत। यह केवल इस कार्यक्रम का नाम या फिर एक स्लोगन नहीं है, यह भारतीय जनता पार्टी के हरेक कार्यकर्ता का संकल्प है। हर क्षण प्रेरित करने वाला, एकदम सामने खड़ा लक्ष्य है और मुश्किल लक्ष्य भी नहीं है। अगर बूथ के कार्यकर्ता ठान लें, तो वो बूथ को मजबूत बना कर ही रहते हैं। और जब इस लक्ष्य को पूरा करेंगे तो बाकी सारे बड़े-बड़े लक्ष्य सम्पन्न हो जाएंगे और सम्पन्न भारत का जो हमारा ध्येय है वो पूरा करने में बूथ एक बहुत बड़ी मजबूत इकाई बन सकता है।
चलिए मैं ही बोलता रहूंगा, कुछ आप भी बोल दें। आइए हम उत्तर प्रदेश चलते हैं, बस्ती में हमारे लोगों से मिलते हैं। वहाँ हमारे सांसद हैं हरीश द्विवेदी जी, वहाँ के हमारे अध्यक्ष भाई श्री पवन जी हैं, हमारे सारे एमएलए वहाँ हैं, अजय कुमार सिंह हैं, चंद्रप्रकाश शुक्ला हैं, संजय जायसवाल हैं, रवि सोनकर हैं, दयाराम चौधरी जी हैं। खैर, मैं 2014 में तो आपके बीच आया था..फिर फरवरी 2017 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनावों के दौरान आने का मौका मिला। तो ओमप्रकाश जी, हाँ बताइए क्या कह रहे थे।
ओमप्रकाश- कोटि-कोटि प्रणाम।
पीएम मोदी- हाँ बताइए। नमस्कार, नमस्कार ओम जी।
ओमप्रकाश- प्रधानमंत्री जी, मेरा सवाल ये है कि विपक्ष जो है बहुत झूठी खबरें, भ्रम फैला रहा है और उसकी मंशा यही है कि सरकार और सरकारी कार्यक्रमों पर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो। हम उसकी इस मंशा को कैसे बेनकाब करें?
पीएम मोदी- देखिए ओमप्रकाश जी, ये सवाल भले आपने पूछा होगा, कभी-कभी हमारे कार्यकर्ताओं के मन में ये सवाल उठता है। कांग्रेस सरकार के रूप में भ्रष्ट और विफल थी, ये पूरा देश जानता है। पिछले 4 सालों में कांग्रेस ने अहंकारी, जनता से कटी हुई, संवेदनहीन, और पूरी तरह से नाकाम विपक्ष की भूमिका निभाई है। इनका एजेंडा है- सिर्फ दूसरों पर कीचड़ उछालो, झूठी खबरें फैलाओ, उनको बार-बार जोर-जोर से रोज-रोज दोहराओ, लोगों को गुमराह करो। 17 साल में कांग्रेस ने जो इको–सिस्टम खड़ा किया है, वह इस देश का हर नागरिक जानता है। और इसलिए, कांग्रेस के सही-गलत एहसानों तले जो दबे हुए लोग हैं उनके लिए उनके गीत गाने के बिना कोई रास्ता नहीं है। और ये गाजे-बाजे बजाने वाले कुछ लोग उनके गीत भी गा रहे हैं। आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि पिछले कुछ दिनों में उनके झूठ के पिटारे में से कैसे हवा निकल चुकी है। अब स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जो दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू, सरदार वल्लभभाई पटेल का स्टैच्यू...अब सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रति उनकी इतनी नफरत है कि अब स्टैच्यू पर भी गाली-गलौज करने लग गए। उन्होंने बता दिया मेड इन चाइना है। और दुर्भाग्य की तो बात ये है कि मैंने एक एएनआई का ट्वीट देखा, उसने कहा है कि उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि सरदार पटेल की प्रतिमा...एक तरफ कहते हैं चाइना मेड और फिर तुरंत कहते हैं जैसे चाइनीज लोगों के जूतों को लोग देखते हैं। क्या सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम, उनकी प्रतिमा ये चाइना मेड जूतों के साथ करेंगे हमलोग? अपने झूठ को चलाने के लिए बेशर्मी का सहारा ले रहे हैं। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद भी इन्होंने सरदार साहब को याद तक नहीं किया और जब देश आज उनका सम्मान कर रहा है, तो ये बात इनसे हजम नहीं हो रही है।
आपको इनके एक और झूठ के बारे में बताता हूँ। अभी कुछ ही दिनों पहले मुझे सिक्किम में देश के 100वें एयरपोर्ट को शुरू करने का अवसर मिला। सिक्किम में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पाक्योंग एयरपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। अब इस पर भी ये झूठ फैला रहे हैं। बुलेट ट्रेन पर भी इन्होंने ऐसे ही अफवाह फैलाई कि बुलेट ट्रेन की फंडिंग रोक दी गई है; न देने वाले ने कुछ बोला और न लेने वाले ने कुछ बोला, बिना किसी तथ्य के इन्होंने लोगों को गुमराह करने का काम शुरू किया। इनके झूठों की तो लंबी लिस्ट बन सकती है। याद करिए, जैसे ही देश का गरीब बैंक और बैंकों की व्यवस्थाओं से जुड़ा, उन्होंने झूठ फैलाना शुरू किया कि बैंकों में अब आपका पैसा सुरक्षित नहीं है, आपका पैसा सारा डूब जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना PMJAY आयुष्मान भारत, इस पर भी झूठ फैलाना शुरू कर दिया है। ये सब मैं आपको पिछले कुछ दिनों के ही झूठ बता रहा हूँ। हर रोज प्लानिंग के साथ अपने पूरे कुनबे को लेकर के, पूरे इको-सिस्टम को लेकर के ये लोग झूठ बोल रहे हैं। लोगों को गुमराह कर, देश में भ्रम का वातावरण बनाकर, अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकर्ता को आत्मविश्वास के साथ इसका डट करके सामना करना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को और जागरूक होना पड़ेगा, क्रिएटिव होना पड़ेगा, विषय की गहराई तक जाकर तथ्य समझने की आदत डालनी होगी, तभी आप बार-बार, बार-बार बोले जा रहे झूठ का जवाब दे पाएंगे। आप ऐसा कीजिये। अभी मैंने ऊपर जो झूठ गिनाए, इनसे जुड़े सही तथ्यों का पूरा ब्योरा लेकर सोशल मीडिया पर, व्हाट्सऐप पर, मेरे साथ नमो ऐप पर, आप उसको शेयर कीजिए। और ये काम कार्यकर्ताओं की टोली बनाकर कीजिए, रोज कीजिए। स्थानीय स्तर पर ये जो झूठ चलाने वाले लोग हैं उनका जवाब हर स्तर पर दीजिए।
मेरे कार्यकर्ता साथियो, नमो ऐप पर पिछले महीने ही कार्यकर्ताओं के लिए बहुत से नए फीचर डाले गए हैं। आप रोजाना 20 से 30 मिनट उस नमो ऐप पर जा करके देख लीजिए। उस दिन की पॉजिटिव न्यूज, फैक्ट्स चेक आदि को पढ़िए और अपने ट्वीटर, फेस बूक और व्हाट्सऐप के सारे ग्रुप्स में उसे डालिए। हर चीज 12 भाषाओं में उपलब्ध है। ज्यादा से ज्यादा रिजनल लैंगवेज उसी का उपयोग कीजिए और उसी से शेयर कीजिए। बूथ हो, मण्डल हो, शक्ति केंद्र हो, जिला हो, राज्य हो, जिन-जिन ग्रुप्स में आप नमो ऐप पर हैं उसमें एक्टिव रहिए। जो टास्क आते हैं, उन्हें खुद पूरा कीजिए और दूसरों को मोटिवेट कीजिए कि वो भी करें। अपने बूथ के वोटर्स को ऐप से जोड़िए...उनको डोनेशन देने के लिए, अगर कोई मर्चेंडाइज चीजें खरीदते हैं, अपने ओपिनियन देने हैं, उसके लिए भी मोटिवेट कीजिए। आपके स्थानीय कार्यक्रमों को नमो ऐप के माध्यम से ऑर्गेनाइज कीजिए।
कोई और हैं, वो भी कोई बात करना चाहते हैं मुझसे। कौन हैं?
डॉक्टर विष्णु जायसवाल - प्रणाम सर।
पीएम मोदी - नमस्ते जी। हाँ डॉक्टर बोलिए।
विष्णु जायसवाल- प्रणाम सर। सर, मैं जब मध्यम वर्ग के लोगों के बीच में जाता हूँ तो लोग मुझसे पूछते हैं कि सरकार हमारे बारे में क्या सोच रही है?
पीएम मोदी- डॉक्टर विष्णु जी, पिछले 4 वर्षों में हमारी सरकार ने ‘सबका साथ सबका विकास’, इस मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया है। आपको याद होगा कि पिछली सरकार के समय देश में महंगाई एक ऐसा मुद्दा था जिससे मध्यम वर्ग बहुत अधिक परेशान था। लेकिन आज रोजमर्रा से जुड़ी हुई चीजों की महंगाई को काबू में रखा गया है। इलाज सस्ता हो रहा है, गरीब और मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदने का सपना संभव हुआ है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसके सकारात्मक परिणाम स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। इन 4 वर्षों में हमने अपनी नीतियों से महंगाई दर को काबू में रखा है। इसी का असर है कि पिछली सरकार में महंगाई दर 10 प्रतिशत के भी आगे थी, वह अब 3 या 4 प्रतिशत पर ही आकर के रुकी हुई है। पिछली सरकार में खाद्य पदार्थों की कीमतें सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी थी, आज हमने उसपे काबू रखने में सफलता पाई है।
इसके अलावा जीएसटी के चलते हर महीने घरेलू उपयोग के जरूरी सामानों के दाम भी घटे हैं। हमारी सरकार ने ईमानदार करदाता को भी राहत दी है। बीते वर्षों में इनकम टैक्स पर छूट की सीमा बढ़ाने के साथ ही बचत पर मिलने वाली छूट की सीमा भी हमने बढ़ाई है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 5 लाख रुपये है तो उसे 2013-14 में यानि पहले की सरकार में करीब 18 हजार रुपया इनकम टैक्स भरना पड़ता था जो आज 5 हजार के करीब भरना पड़ता है। मतलब, 18 हजार के सामने उसको 5 हजार देना पड़ता है। यही नहीं, सबसे निचले स्लैब को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार, वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर योग्य इनकम की बेसिक छूट की सीमा भी बढ़ाई गई है, और जहां 2013-14 में 5 लाख की आय वाले वरिष्ठ नागरिक को करीब 13 हजार इनकम टैक्स भरना पड़ता था, आज सिर्फ ढाई हजार रुपये तक ही इनकम टैक्स भरना पड़ता है।
आज नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी बाजार में काले धन का प्रवाह बंद हो गया है, जिससे कीमतें घटी हैं और घर खरीदना जो मध्यम वर्ग का सपना है वो पूरा होता दिख रहा है। पहले मध्यम वर्ग के लिए अपना घर खरीदना बहुत बड़ा सपना होता था, एक जीवन पूरा लग जाता था तब शायद जाकर एक आशियाना बना पाता था। इसका बहुत बड़ा कारण था होम लोन की अत्यधिक ब्याज दर। पहले होम लोन पर ब्याज दर 10 प्रतिशत से भी अधिक थी जो आज घटकर के करीब पौने नौ प्रतिशत रह गई है। यानि 30 लाख के लोन पर ईएमआई कम होने से सालाना करीब 35-40 हजार रुपये मध्यम वर्ग के परिवार की जेब में बचते हैं। यही नहीं, हमने मध्यम वर्ग को होम लोन में ब्याज पर सब्सिडी देने का भी काम किया है। होम लोन ही नहीं, एजुकेशन लोन और ऑटोमोबाइल लोन भी सस्ता हुआ है। पहले की यूपीए की सरकार के समय कार लोन पर ब्याज दर डबल डिजिट में थी जो अब सिंगल डिजिट में 9 प्रतिशत पर आ गई है। मध्यम वर्ग के लिए स्टूडेंट लोन पर ब्याज दर पहले 14 प्रतिशत के आसपास थी जो अब 10 प्रतिशत के करीब है। यानि, 4 लाख रुपये के एजुकेशन लोन पर ईएमआई में सालाना लगभग 10 हजार से अधिक की बचत हमारे मध्यम वर्गीय परिवार की जेब में हो रही है।
एक मध्यम वर्गीय परिवार में यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो दवाइयाँ और इलाज के खर्चे में पूरा परिवार टूट जाता है। हमारी सरकार ने अच्छी और सस्ती दवाओं के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले हैं। इस समय जन औषधि केन्द्रों की संख्या बढ़कर 3,500 से भी अधिक तक पूरे देश में पहुँच चुकी है जहां कई दवाएं 50 प्रतिशत से भी कम कीमत पर मिलती हैं। यही नहीं, घुटना प्रत्यारोपण और हार्ट स्टेंट की कीमतें भी घटकर के एक तिहाई हो गई है। कुल मिलाकर के देखें तो मध्यम वर्ग की आवश्यकताओं से जुड़े हर क्षेत्र में हमारी सरकार ने लगातार राहत देने के रास्ते खोजे हैं, राहत देने का प्रयास किया है और मध्यम वर्गीय परिवार की जेब में जितना ज्यादा पैसा बच सके उसका प्रयास किया है। खाने-पीने की चीजों से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक, लोन से लेकर के आयकर तक सरकार ने हर प्रकार से जीवन को आसान बनाने का भरसक प्रयास किया है। और ये मत भूलिए कि ये जो देश में नए-नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, नेशनल हाइवेज बन रहे हैं, रेलवे स्टेशन सुधारे जा रहे हैं, बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं, मोबाइल डाटा की कीमत कम हो रही है, इन सबका लाभ भी तो सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग को ही मिलता है।
अरे मध्यम वर्ग का परिवार घर में एलईडी बल्ब लगा ले न, तो बिजली के बिल में भी किसी का 50 रुपया, किसी का 100 रुपया, किसी का 500 रुपया हर महीना बचना शुरू हो जाता है। मैं इतनी लंबी सूची बता सकता हूँ कि पहले की तुलना में इतने पैसों की बचत मध्यम वर्ग का परिवार कर सकता है और इसलिए मुझे अच्छा लगा कि डॉक्टर आपने ऐसा सवाल पूछा कि मैं मन खोलकर अभी भी एक घंटा इस पर बोल सकता हूँ। लेकिन मुझे विश्वास है कि जितनी बातें मैंने बताई हैं वो नरेन्द्र मोदी ऐप पर हैं, ऐसा नहीं है कि ये कोई सीक्रेट मैं आपको बता रहा हूँ। बस आप उस नरेन्द्र मोदी ऐप पर जाइए, देखिए, हर चीज मिल जाएगी और आगे बढ़ाइए। आज यहाँ सुन कर के, ताली बजा के जाना नहीं है। जो बातें हैं उनको आगे पहुंचाना है।
आइए, हम छत्तीसगढ़ चलते हैं। बिलासपुर, वहाँ के हमारे सांसद श्रीमान लखनलाल जी साहू, हमारे जिला के अध्यक्ष कोमल गिरि गोस्वामी जी, हमारे बद्रीधर दीवान जी, हमारे अमर अग्रवाल, राजू सिंह, पुन्ना लाल…चलिए, आइए बिलासपुर से बात करते हैं।
बिलासपुर सुनाई दे रहा है? हाँ, बिलासपुर बताइए। विनोद बंजारे?
विनोद- सर नमस्कार।
पीएम मोदी- नमस्कार।
विनोद- जी सर।
पीएम- विनोद, बताइए।
विनोद- सर, छत्तीसगढ़ सहित देश के कई हिस्से नक्सलवाद का दंश झेलते हुए आ रहे हैं। क्या हमारी सरकार इस पर विजय प्राप्त कर पाएगी?
पीएम मोदी- देखिए, इसके लिए सबसे पहले हमलोगों को ये समझने की आवश्यकता है कि आतंकवाद हो या नक्सलवाद की समस्या, पिछले 4 सालों में इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने की देश की क्षमता में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है, बढ़ोतरी हुई है। इस स्थिति को दो बातों से समझा जा सकता है। एक तो नक्सली क्षेत्रों में आई हिंसा में कमी से, दूसरा, इन क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों से।
जहां तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा की बात है तो पिछले चार वर्षों में इसमें लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है। सरकार की नीतियाँ और विकास का ये असर हुआ है कि 2014 से 2017 के बीच करीब 3,500 नक्सलियों ने सरेंडर किया है जबकि उसके पहले के तीन वर्षों में यह संख्या 1400 से भी कम थी। सरकार की नीतियों का ही असर रहा कि पिछले चार सालों में 36 जिले नक्सल प्रभाव क्षेत्र से मुक्त हो चुके हैं। भाजपा सरकार के लिए देश के एक-एक नागरिक का जीवन अनमोल है और इसलिए हमने एक तरफ जहां हिंसा फैलाने वालों पर पूरी सख्ती की है, वहीं नक्सलवाद प्रभावित इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का भी काम किया है।
ऐसे करीब 34 जिलों में 4,500 किलोमीटर से अधिक सड़क का निर्माण कर चुके हैं। इसके साथ ही कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाने के लिए करीब 2,500 मोबाइल टावर्स स्थापित किए गए हैं। जब हमने कार्यभार संभाला था तब नक्सल प्रभावित जिलों में से 11 में एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं था, वहाँ आज 8 केंद्रीय विद्यालयों और 5 नए जवाहर नवोदय विद्यालयों के अलावा कई आईटीआई और कौशल विकास केंद्र की भी स्थापना की है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में करीब 450 नई बैंक शाखाएँ और हजार से अधिक एटीएम खोले जा चुके हैं। हमने इस बात का भी पूरा ध्यान रखा है कि ये इलाके स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहें और इसलिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी लोक कल्याणकारी योजना आयुष्मान भारत के पहले चरण की शुरुआत भी मैंने छत्तीसगढ़ के बस्तर से की थी। हम हमेशा इस सोच के साथ चलते रहे हैं कि लोगों की समस्या का समाधान विकास ही हो सकता है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। मैं समझता हूँ इन सारे मुद्दों को आप लोगों तक ले जा सकते हैं, एक आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं और आपको मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि ये बम-बंदूक की दुनिया लंबी चलने वाली नहीं है। विजय प्राप्त होगी, शांति विजयी होगी और विकास का रास्ता और तेज गति से आगे बढ़ेगा।
और भी कोई बात करना चाहता है क्या बिलासपुर से?
विनोद, आप बैठिए। विनोद, बैठिए आप। और कौन बात करना चाहता है?
हाँ, बोलिए प्रवीण। प्रवीण सोनी बताइए।
प्रवीण- नमस्कार। मैं मुंगेली नगर मण्डल से महामाई वार्ड का बूथ अध्यक्ष हूँ। मोदी जी, आपको पर्यावरण के प्रति समर्पण और बेहतर नीतियों के लिए संयुक्त राष्ट्र से बहुत बड़ा सम्मान मिला है। इस सम्मान से भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता गदगद है, उत्साहित है। इसके बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे।
पीएम मोदी- सोनी जी, मैं सबसे पहले तो आपने बधाई दी इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ। और मुझे खुशी हुई कि दूर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कोने में रहने वाला मेरा मण्डल का कार्यकर्ता उसको भी यूनाइटेड नेशन्स क्या कर रहा है इसकी जानकारी है। यही अपने-आप में बहुत बड़ी बात है। वरना, ऐसी चीजें आती हैं, चली जाती हैं, हमलोग भूल जाते हैं। सबसे पहले तो हर सफलता को याद रखना चाहिए, बार-बार दोहराना चाहिए, अनेक लोगों के सामने दोहराना चाहिए।
जहां तक ये पुरस्कार का सवाल है, ये पुरस्कार नरेन्द्र मोदी ने नहीं देश की सवा सौ करोड़ जनता ने जीता है, आप सबने जीता है। मैं तो सिर्फ एक माध्यम हूँ, पूरा श्रम तो हमारे देशवासियों का है। अगर देश के लोग नीतियों को आगे ना बढ़ाएँ तो नीतियाँ बनाने वाले से क्या होगा। जनता के विश्वास की वजह से ही सरकार बड़े और कड़े फैसले ले पा रही है। साथ ही, यह हमारी उस पुरातन परंपरा और संस्कृति की सोच का भी परिणाम है जिसने हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठा कर रहने की सीख दी है। ये वही सोच है जो हमें बताती है कि नदी सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, नदी हमारी माँ है। हमारे लिए नदी सिर्फ एक्वा नहीं है, हमारे लिए नदी एक माँ है। ये सोच ही हमें पीपल, बरगद, और भी तुलसी हो, कई पेड़-पौधे, उनका पूजन करने की सीख देती है। ये सोच ही हमें हर पर्व में प्रकृति से समन्वय बनाकर रहने की लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा देती है। ये वही सोच है जो शांति की कामना सिर्फ अपने लिए नहीं, वनस्पति, अन्तरिक्ष, सभी जीव में शांति की कामना करती है। इसलिए मैं कहता हूँ कि ये पुरस्कार एक नरेन्द्र मोदी को नहीं, हमारी महान संस्कृति को, हमारे पूर्वजों को, हमारे जीवन जीने की पद्धति को, हमारे करोड़ों नागरिकों की प्रकृति के प्रति श्रद्धा को, यह पर्यावरण के बारे में भारतीय चिंतन की विश्व स्तर पर स्वीकृति है।
आइए, हमलोग शायद धनबाद चल रहे हैं।
हाँ। हाँ बताइए। आइए झारखंड, क्या कह रहे हैं? वहाँ हमारे पशुपतिनाथ जी हैं, जगन्नाथ राम, चंद्रशेखर सिंह, बिरंची नारायण, फूलचंद मण्डल, राज सिन्हा, संजीव सिंह, अमर कुमार। काफी लोग नजर आ रहे हैं मुझे यहाँ से सब। कौन बात करेगा?
हाँ, बोलिए सुदम जी। सुदम बोलिए।
सुदम- नमस्कार सर।
पीएम मोदी- नमस्कार।
सुदाम- सर, आपसे सवाल है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत की शुरुआत हुई। सर, ये दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम है। क्या सर इस स्कीम को बढ़ाने में हम सफल प्रयास कर सकेंगे?
पीएम मोदी- देखिये, इतने सालों से, पिछले 50-60 साल से सरकारों का ये अनुभव है कि हर नागरिक को शक होना बहुत स्वाभाविक होता है। उसको लगता है यार पहले भी सरकारें थीं, सब बातें करती थीं लेकिन होता कुछ नहीं था। आपको शक होना बड़ा स्वाभाविक है लेकिन क्या कभी सोचा था कि जन धन अकाउंट खोलने का तय करें और कर दें, टॉयलेट बनाना तय करें, कर दें, 5 करोड़ परिवारों में गैस का चूल्हा पहुंचाना तय करें, कर दें। हुआ है कि नहीं हुआ है? ये सारे काम अगर हुए हैं तो मैं समझता हूँ कि ये भी होने वाला है। और इसलिए, लक्ष्य बड़ा है, 50 करोड़ लोगों की सेवा करना छोटा नहीं है। लेकिन निश्चित रूप से इसे पूरा करने का दारोमदार तमाम लोगों के कंधे पर है। सरकार ने बहुत बारीकी से योजना बनाई है। अस्पताल हों, डॉक्टर हों, नर्स हों, हमारे तमाम आयुष्मान मित्र हों, प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र, हम सब पर इस योजना को सफल बनाने की समान जिम्मेदारी है और मुझे पूरा भरोसा है कि हम इसे सफल कर के दिखाएंगे।
इससे पहले, पिछले साढ़े चार वर्षों में हमने तमाम ऐसी योजनाओं को सफल कर के दिखाया है जिनके बारे में पिछली सरकारों ने कभी सोचा तक नहीं था। लेकिन जो पहले कभी सोचा न गया हो या हुआ न हो उसे हम भी नहीं कर सकते, हम ऐसा क्यूँ सोचें। और इसलिए, मैंने पहले ही कहा कि हमने जितनी योजनाएँ लीं, पूरा कर के दिखाया। अभी ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में गए, टीकाकरण का काम उठाया, कर के दिखाया जी। आयुष्मान योजना भी इसी तरह न सिर्फ सफल होगी बल्कि जनहित में एक नया इतिहास रचेगी। और हम आगे भी हर उस असंभव कार्य को संभव करेंगे जिससे हमारे देश और देशवासियों का हित जुड़ा होगा।
आइए, वहाँ और कोई सज्जन होंगे तो उनसे भी बात करेंगे।
हाँ, बताइए।
हैलो सर। मैं विपेन्द्र ठक्कर, विधान सभा से 49 नंबर बूथ का अध्यक्ष हूँ। मेरा क्वेश्चन ये है कि कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और वहाँ पर हमारी सरकार पहले से ही कार्य कर रही है और वो अच्छा काम कर रही है और डिस्ट्रिक्ट में जीत हमलोगों की ही है। फिर भी कुछ लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं कि क्या हमारे लिए चुनाव 2019 में मुश्किल साबित होंगे?
पीएम मोदी - देखिए, आपने ही सवाल पूछा, आपने ही जवाब दे दिया। आपकी बात सही है लेकिन आप मुझे बताइए ऐसे समय जो हमारे विरोधी हैं, जो हमें पसंद नहीं करते हैं, वे क्या ये कहेंगे कि हाँ यार, भाजपा जीतने वाली है। ऐसा बोलेंगे क्या? अगर उनको जीतना है तो उनको झूठ फैलाना पड़ेगा, निराशा फैलानी पड़ेगी, लोगों में आक्रोश पैदा करना पड़ेगा। ये उनको करना ही पड़ेगा। हमें अपनी बातों को लेकर के चलना है। देखिए, भारतीय जनता पार्टी संघर्ष में तपते-तपते इतनी निखरी है, लाखों कार्यकर्ताओं के पसीने से बनी पार्टी है। आज हम केंद्र में पूर्ण बहुमत से सत्ता में हैं, राज्य सभा में हम सबसे बड़ी पार्टी हैं, कई राज्यों में हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हैं लेकिन ऐसा पहले कहाँ था। ऐसा भी समय था जब हमारी पार्टी ने देश भर में सिर्फ 2 सीटें जीती थीं, यहाँ तक कि हमारे सबसे बड़े नेता अटल जी भी चुनाव हार गए थे। तब लोक सभा में राजीव गांधी ने ‘हम दो, हमारे दो’ कहकर भारतीय जनता पार्टी का मज़ाक उड़ाया था। ऐसे में इतनी सारी सरकारें बनाने का अवसर कैसे आया, ये कैसे संभव हुआ? इसके पीछे आप जैसे लाखों कार्यकर्ताओं का 4-4 पीढ़ियों का परिश्रम है, हौसला है, जिन्होंने हार कभी मानी नहीं है।
भाजपा की सफलता दिखाती है कि कार्यकर्ता की कड़ी मेहनत और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से सब कुछ संभव है। हम मन में ठान लें ‘हार न मानूंगा’, ये मान कर के चलें, अटल जी के इस विश्वास को लेकर के चल दें। कई दशक पहले गुजरात में बोटाद एक छोटी सी जगह है, जब पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी जीवित थे और वहाँ जनसंघ की विजय हो गई, गुजरात में वो पहली विजय थी तो पंडित दीन दयाल जी खुद वहाँ आए थे और आकर के बोटाद में बहुत बड़ा विजय उत्सव मनाया था। एक म्युनिसिपैलिटी जीतने के बाद पंडित दीन दयाल उपाध्याय वहाँ आए थे। यह वो समय था जब हमारे उम्मीदवारों की जमानत राशि भी बच जाती थी तो हम बहुत बड़ा जश्न मनाते थे। जीत के बारे तो कभी सोचा भी नहीं था। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हमें ऐसा अखिल भारतीय विस्तार मिलेगा, इतनी बड़ी पार्टी बनेगी और आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी।
किसी ने कल्पना नहीं की थी कि नॉर्थ ईस्ट में हमारी पार्टी की इतनी सारी सरकारें होंगी। तब लोग यही मानते थे कि ये पार्टी वहाँ कभी जीत ही नहीं सकती। किसी ने नहीं सोचा था कि हमें जम्मू और कश्मीर में सरकार बनाने का अवसर मिलेगा। ये वही राज्य है जिसके लिए पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राण तक न्योछावर किया था। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि एक दिन भाजपा अपने दम पर त्रिपुरा में वामपंथियों को जड़ से उखाड़ कर के फेंक देगी। इतना ही नहीं, वहाँ हुए स्थानीय चुनावों में भी हमारी जीत का सिलसिला जारी रहा। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पॉलिटिकल पंडित जिस पार्टी को राजनीतिक अछूत कह कर हंसी उड़ाते थे, वो आज देश में न केवल सफलतापूर्वक गठबंधन की सरकारें चला रही है बल्कि वो सबको साथ लेकर के भी चल रही है।
आप जैसे कार्यकर्ताओं के सामर्थ्य के दम पर भाजपा ने असंभव को संभव कर दिखाया है। कुछ राज्यों में जहां हमारी असरदार उपस्थिति नहीं है, वहाँ भी हम आगे बढ़ रहे हैं। और जिस तरह से त्रिपुरा जैसे राज्य में हम विजयी हुए, ये साबित करता है कि हम उन बचे हुए राज्यों में भी लोगों का दिल जीत सकते हैं और सुशासन के रास्ते पर चल कर जनता की सेवा भी कर सकते हैं। देश में सुशासन स्थापित करने का हमारा ये अभियान, मैं समझता हूँ कुछ लोगों को अखरता है, लेकिन हम जनता-जनार्दन की भलाई के लिए निकले हैं, हम अपने रास्ते पर अडिगता के साथ चलने वाले हैं। और ये बात सही है कि जिनकी काली कमाई के रास्ते बंद हो रहे हों, जिनके गंदे रास्ते बंद हो गए हों, कारोबार बंद हो गए हों, उनकी मनमानी बंद हो गई हो, तो ऐसे सबलोग इकट्ठे हो जाएंगे और ये नामदार और उनकी पूरी फौज अपने काम में जुट जाते हैं। ये लोग हमसे जुड़े हर चुनाव को हमारे लिए कड़ी चुनौती बताते हैं लेकिन जिसे भी ये हमारे लिए चुनौती बताते हैं हम उसी परीक्षा में डिस्टिंक्शन के साथ पास हो कर के आगे आते हैं। लेकिन फिर भी इनके ये दांव-पेच, ये झूठ, बचने के रास्ते खोजने का उनका प्रयास, ये चलता रहता है। और सबसे मजेदार बात तो ये होती है कि अगर किसी एक भी चुनाव में हमें जरा भी टक्कर दे पाएँ तो उसे वो अपनी नैतिक जीत मान कर उसका ढिंढोरा पीटने लग जाते हैं। और इसलिए, चुनाव हार-जीत की चिंता छोड़ दीजिए, बूथ जीतने का संकल्प कर लीजिए। आपके जिम्मे जो बूथ है, वो बूथ जीत गए तो कितना ही झूठ चलेगा, जीत आपकी ही होगी। और मैं साफ देख रहा हूँ कि देश की जनता भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से देश विकास की राह पर चलेगा इस बात को लेकर विश्वस्त है।
आइए, हम राजस्थान चलते हैं। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ चलते हैं।
देखिए, हमारे सांसद सी पी जोशी कहाँ हैं? चलिए, चलिए, चलिए। हाँ, बैठिए। चलिए शुरू कीजिए भाई। कौन बात करेगा?
नमस्कार मोदी जी।
पीएम मोदी- हाँ, नमस्ते।
पीएम मोदी- देखिए, चित्तौड़ तो वीरों की धरती है, संघर्ष के रंग से रंगी हुई धरती है, गौरवपूर्ण धरती है और इसलिए स्वाभाविक है आपके मन में पराक्रम पर्व का प्रश्न और उमंग व्यक्त करने का मन कर जाए बहुत स्वाभाविक है। वैसे तो मैं बता दूँ चित्तौड़गढ़वासी, हम गुजरात के लोगों के लिए चित्तौड़गढ़ आना-जाना बड़ा सामान्य रहता था, बहुत बार आते थे, जाते थे। लेकिन ये सही है कि पीएम बनने के बाद चित्तौड़गढ़ मैं नहीं आ पाया हूँ। हमारे सी पी जोशी बार-बार कहते रहते हैं और मुझे खुशी है जब पार्लियामेंट चलती है तो आपके इलाके के बहुत लोग मिलने आते हैं, बहुत प्यार से मिलने आते हैं। और, उन सब से मेरा मिलना होता है तो मैं हमेशा आपलोगों की याद रखता हूँ। आपने सही पूछा कि सीमा पर जिन कठिन और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारे सुरक्षा बल देश की रखवाली करते हैं, उस संघर्ष, समर्पण और त्याग के लिए मैं सभी देशवासियों की तरफ से हमारे सुरक्षा बल के हर जवान को नमन करता हूँ, उन्हें सैल्यूट करता हूँ। आज हमारे सशस्त्र बलों ने पूरे देश में जगह-जगह पर एग्जीबिशन लगाई है, इन्हें देखने जरूर जाना चाहिए ताकि लोग और विशेष तौर से हमारे युवा जान सकें कि हमारी सेना की ताकत क्या है, क्षमताएँ क्या हैं, हमारी सेना कितनी आधुनिक है, हमारे सैनिक कितनी विपरीत परिस्थितियों में कैसे अपना शौर्य दिखते हैं। कल मुझे भी जोधपुर में, आपके राजस्थान में ही पराक्रम पर्व के एग्जीबिशन को देखने का अवसर मिला था। सचमुच, सभी कार्यकर्ताओं को देखना चाहिए। ये प्रदर्शनी कल यानि 30 तारीख तक है। अवसर मिले तो देशवासियों को वहाँ जाना चाहिए।
जहां तक बात विपक्ष की है तो उन्होंने तो पोखरण परीक्षण की भी आलोचना करते हुए कहा था कि देश के सामने ऐसा क्या खतरा था जो परमाणु परीक्षण किया गया। आपको याद होगा कि कांग्रेस ने तो कारगिल विजय दिवस भी मनाने से इन्कार कर दिया था और ये आज भी इसे नहीं मनाते हैं। कारगिल विजय दिवस पर कांग्रेस के एक नेता का कहना था कि हम कोई कारण नहीं देखते इस जश्न को मनाने का, ये युद्ध भारत की धरती पर लड़ा गया, इसलिए इस जीत के कोई मायने नहीं हैं। ये एनडीए सरकार के दौरान का युद्ध था, वो चाहें तो इसका जश्न मनाएँ। तो इस तरह की सोच कांग्रेस की रही है। संकुचित, छोटा मन, छोटी सोच, छोटा दायरा। आपको ये भी याद होगा कि जब डोकलाम में तनाव था तो कांग्रेस अध्यक्ष बिना भारत सरकार को विश्वास में लिए चीन के राजदूत के साथ बैठकर बातें कर रहे थे। मैं कहता हूँ कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष डोकलाम पर कुछ जानना चाहते थे तो अपने देश के विदेश मंत्री से पूछ सकते थे लेकिन उन्हें तो केवल चीन का नजरिया जानना था। सर्जिकल स्ट्राइक पर आप इनके रवैये को तो देख ही रहे हैं, आज भी ये सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़ा करते रहते हैं। मतलब, सरकार का विरोध, देश की सेना का विरोध, देश की सेना के साहस का भी विरोध, देश की सेना के पराक्रम का भी विरोध। ये सरकार का विरोध करते-करते देश का भी विरोध करने लगे हैं। इस तरह का विरोध कांग्रेस के चरित्र में ही स्थापित हो गया है। आइए, बड़ी खुशी के साथ हम हमारे जवानों का सम्मान करें, हम पराक्रम पर्व को मनाएँ।
आपने देखा होगा, इन दिनों सोशल मीडिया में मैंने एक चीज देखी, मुझे अच्छी लगी, आपने भी शायद देखा होगा। तो आप मेरे साथ हमारे देश के सेनानियों को, सैनिकों को सम्मान करेंगे। हाथ ऊपर कर के बताइए, करेंगे? देखिए, आज मैंने देखा कि सोशल मीडिया में सारे लोग 21 ताली बाजा करके हमारी सेना को 21 ताली की सलामी दे रहे हैं। आज हम भी, मैं यहाँ से बताऊंगा उसके बाद 3-3 की जोड़ी में (तीन बार ताली बजाते हैं) ऐसा सात बार बजाएंगे और 21 ताली की सलामी हमसब मिलकर के आज देश की हमारे वीर सेना को, राष्ट्र की रक्षा करने वाले माँ भारती के इन वीर सपूतों को हम अपनी 21 ताली के द्वारा सलामी देंगे। आइए, मेरे साथ शुरू कीजिए। (पीएम के कहे अनुसार सब लोग ताली बजाते हैं।)
आइए, मध्य प्रदेश, मंदसौर चलते हैं। हमारे सुधीर गुप्ता जी हैं वहाँ से हमारे सांसद। हमारे देवीलाल धाकड़, देवीलाल हमारा बहुत पुराना साथी रहा है। हेमंत हरित यादव जी हैं। अब देवीलाल के तो बाल भी चले गए यार, हाँ धाकड़ क्या हुआ?
अभी आपके साथ राजनैतिक क्षेत्र का दायित्व है मंदसौर जिलाध्यक्ष।
पीएम मोदी- जी। चलिए, कौन बात करेगा?
विश्वदेव शर्मा- मण्डल अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, नीमच। मेरा मण्डल... भाई साहब, 1857 की क्रांति में 7-8 लोगों को अंग्रेजों ने फांसी के फंदे पर लटकाया था, इस पवित्र भूमि से मैं आता हूँ। मेरा प्रश्न आपसे ये है कि 129 साल की पुरानी कांग्रेस हमारे ऊपर आरोप लगाती है, अमर्यादित भाषा में प्रश्न उठाती है वह कांग्रेस जिसने A से लेकर Z तक वर्ल्ड रेकॉर्ड घोटाले कर रखे हैं, उस कांग्रेस के घोटाले का जवाब हमें किस भाषा में देना चाहिए?
पीएम मोदी- सबसे पहले तो मैं हमारे वरिष्ठ नेता रहे और जिनके साथ हम सबको काम करने का सौभाग्य मिला, हमारे पहले विधायक थे श्रीमान बिमल चोररिया जी, उनका निधन होने पर मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ। और आपने जो अपना भाव व्यक्त किया है...मैं, आप जब मुझे पूछ रहे थे तो मुझे काका हाथरसी की, काका हाथरसी व्यंग्य काव्य के बड़े कवि थे, उनकी एक बात याद आती है। उन्होंने कहा था, “अपनी गलती नहीं दिखे, समझे खुद को ठीक। मोटे-मोटे झूठ को पीस रहा बारीक॥ अपनी ही करता रहे, सुने न दूजे तर्क। सभी तर्क हों व्यर्थ जब, मूरख करे कुतर्क॥” इसलिए मैं समझता हूँ कि जिन्होंने झूठ बोलना तय कर लिया है, गलत करना तय कर लिया है, सही करना जिनके संस्कार में नहीं है, सही करना स्वभाव नहीं है, उनके पीछे आप अपनी शक्ति क्यूँ बर्बाद करते हो भाई? उनको अपनी मस्ती में जीने दो, हम अपना काम करते रहें। उनको पत्थर मारने दीजिए, हम राष्ट्र की सेवा में रोज मील के पत्थर बनाएंगे। वो हमें गाली देते हैं तो दें, हम राष्ट्र सेवा में जुटे रहेंगे। वो अपना वजूद बचाने के लिए गली-गली भटकेंगे, हम अपने कार्यकर्ताओं के दम पर विजय पताका फहराएंगे। वो देश से विदेश तक साजिश रचेंगे, हम हर गाँव में, हर घर में बिजली पहुंचाएंगे। वो हमें अलग-अलग नाम दे रहे हैं, हम देश के हर नौजवान को काम देने योग्य बना रहे हैं। वो तोड़ने की राजनीति करेंगे, हम सबका साथ सबका विकास करेंगे। वो सत्ता के लिए किसी भी स्तर पर गिरेंगे, हम देश के हर चूल्हे के धुएँ से मुक्ति दिलाकर अपने गाँव की महिला का जीवन स्तर उठाएंगे। उन्हें ये मंजूर नहीं कि सत्ता पर किसी गाँव से आया गरीब भारतीय बैठे, हम सत्ता को सेवा का माध्यम मानते रहेंगे। गरीबों को गाली देने की, उनको दबाने की ये संस्कृति कुछ परिवारों में रही है। कांग्रेस के नामदार उसी संस्कृति का हिस्सा हैं, उसी परंपरा का हिस्सा हैं।
मैंने पहले भी कहा है कि जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिल के रहेगा, खिलता रहेगा और खिल रहा है। और यदि आप इसकी गहराई में जाओगे तो पता चलेगा कि बिना विजन वाले ये लोग टेलीविजन बन कर रह गए हैं जिसपर हमेशा एक ही कॉमेडी शो चलता रहता है और लोग इंतजार करते हैं टीवी पर, सोशल मीडिया पर इस कॉमेडी शो के आने का। अब मुझे बताइए, हमें अपने निर्धारित लक्ष्य पर आगे बढ़ना चाहिए कि ऐसी चीजों में अपना समय गंवाना चाहिए। संकल्प लेकर के चल पड़िए, विजय का विश्वास लेकर के निकल पड़िए। हर बूथ सबसे मजबूत। यही संकल्प विजय निश्चित करने वाला है।
आइए, हम किसी और से बात करते हैं।
नरेंद्र पाटीदार- हैलो। हैलो।
पीएम मोदी - हाँ, बताइए।
नरेंद्र पाटीदार- भाजपा मंदसौर मण्डल अध्यक्ष। सर, ये जानना चाहता हूँ कि पिछले 15 सालों से मध्य प्रदेश में अपनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और सरकार ने 15 सालों में कई विकास कार्य किए हैं लेकिन ये देखने में आता है जो व्यक्ति या वस्तु जो हमारे आस-पास रहती है उसका ध्यान हमारी ओर नहीं जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश में हमारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो विकास कार्य किए हैं कृषि के क्षेत्र में, सड़क के क्षेत्र में, बिजली के क्षेत्र में वो हम जनता तक किस प्रकार पहुंचाएँ, आप हमें उसका सही माध्यम बताएं जिससे हम पूरे मध्य प्रदेश में जनता तक उन विकास कार्यों को पहुंचा सकें। धन्यवाद।
पीएम मोदी- देखिए, मुझे नहीं लगता है कि ये कोई नया शास्त्र मुझे सिखाना है। आप सालों से करते आए हो और मध्य प्रदेश तो कुशाभाऊ के पसीने से बना हुआ संगठन है, वहाँ तो आप कार्यकर्ताओं को ये सारी बातें सहज स्वभाव में है। और मैं सही मानता हूँ और आपकी बात से मैं सहमत भी हूँ। दरअसल, हमारे परिवार में कोई बच्चा कमजोर हो और बाद में यदि उसपे ध्यान देना शुरू होता है, नियमित व्यायाम हो, अच्छी खुराक मिले, हृष्ट-पुष्ट हो जाए, तो जो लोग रोज साथ में रहते हैं, यहाँ तक कि माता-पिता भी उस बदलाव को देख नहीं पाते हैं। और, यदि 6 महीने पुराना और अभी का फोटो साथ-साथ रख दो तो चौंक जाते हैं। तब जाकर के पता चलता है कि अरे देखते ही देखते कायाकल्प हो गया। विकास के साथ भी ऐसा ही है। और इसलिए, पुरानी स्थिति को ध्यान में रखना और उसे ध्यान दिलाना बहुत आवश्यक होता है।
आप सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश को देश का हृदय कहते हैं लेकिन इस हृदय को स्वस्थ बनाने और गति देने का काम वहाँ मौजूद भाजपा सरकार ने किया है। आज मध्य प्रदेश बीमारू से बेमिसाल राज्य बन चुका है। 15 साल पहले राज्य का जो हाल था उसे देखकर लोग इसकी गिनती पिछड़े प्रदेशों में करते थे लेकिन आज वही मध्य प्रदेश तमाम राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुका है। और, ऐसा इसलिए संभव हुआ है कि हम विकास के एक लक्ष्य को प्राप्त करके रुके नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहे। और ये सिलसिला निश्चित रूप से आगे भी जारी रहेगा। आज कोई भी योजना हो, बदलाव का कोई भी कार्य हो, मध्य प्रदेश उसे अपनाने और लागू करने में आगे होता है।
आज पूरे देश में स्वच्छता को लेकर जो जन आंदोलन चल रहा है, मध्य प्रदेश उसकी अगुआई कर रहा है। अभी हाल ही में जो स्वच्छ सर्वेक्षण हुआ, उसमें मध्य प्रदेश का इंदौर शहर एक नंबर पे आया। ये दर्शाता है कि किस तरह वहाँ शिवराज जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जनता के साथ मिलकर प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे ले जा रही है। और सिर्फ स्वच्छता ही नहीं, नए उद्यमों को अवसर देना हो, नए प्रयोगों को प्रोत्साहन देना हो या जनहित से जुड़ी कोई नीति लागू करने में तत्परता दिखानी हो, हमारी सरकार प्रदेश की तरक्की के लिए हर संभव कदम उठाती रही है। खेती हो, किसान हो, फसलों का बढ़ता उत्पादन हो, आज मध्य प्रदेश की पहचान बन चुके हैं। कृषि उत्पादन लगातार दोहरे आंकड़े पर बरकरार रहे और ये सिर्फ आंकड़ा नहीं है, राज्य के किसानों की तरक्की और खुशहाली का प्रतीक है। जिस प्रदेश के किसान तरक्की कर रहे हों, उसकी समृद्धि पर कभी संदेह नहीं किया जा सकता। लेकिन पिछले 15 वर्षों में मध्य प्रदेश में विकास के जो कीर्तिमान हम स्थापित कर चुके हैं या कर रहे हैं, इसका मतलब ये नहीं कि अब बस यहीं रुक जाना है। जी नहीं। हमें ये नहीं मान लेना चाहिए कि पिछले 15 वर्षों में जितना कर दिया उतना बहुत है और अब ऐसा ही बना रहेगा। हम उस परंपरा से आते हैं जहां रुकना नहीं सिखाया गया है। हमारा इतिहास भी हमें लगातार आगे बढ़ने और देश-राज्य को तरक्की की नई सीढ़ी पर ले जाने की प्रेरणा देता है।
मध्य प्रदेश में अभी हमारी विकास यात्रा इसी तरह जारी रहेगी, निरंतर, अबाध रूप से जारी रहेगी। और इसलिए, मैं आप सभी कार्यकर्ताओं...जब आप लोगों से बात करें तो उनको पुरानी बातें जरूर याद करवाइए। लोग भूल जाते हैं। अगर पहले गाँव में बिजली नहीं थी, आपने बिजली पहुंचाई; अगर आप कहेंगे कि बिजली पहुंचाई, उससे बात नहीं बनेगी। उसको याद करना पड़ेगा पहले अंधेरा था कि नहीं था। तब जा करके उसको लगेगा कि हाँ, बिजली आपने पहुंचाई। जब गैस का चूल्हा पहुंचाया तो पहले कहना पड़ेगा कि पहले लकड़ी के धुएँ से तकलीफ होती थी कि नहीं होती थी। अब आपको गैस का चूल्हा मिला, तब उसको लगेगा कि हाँ, काम हुआ है। जब तक कांग्रेस के उन कारनामों को बार-बार याद नहीं कराओगे, आपकी जो अच्छाइयाँ हैं उसका स्मरण नहीं होगा क्यूंकि झूठ फैलाने वाले लोग बार-बार झूठ फैला करके सामान्य, निर्दोष, भले-भोले नागरिकों को भ्रमित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। तब हमें पूरी ताकत के साथ, पूरे विश्वास के साथ एक-एक नागरिक के पास पहुंचना बहुत अनिवार्य है। मुझे विश्वास है कि आप सब पूरी ताकत के साथ पहुंचोगे।
आज मुझे अलग-अलग राज्यों के 5 संसदीय क्षेत्रों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मिलने का मौका मिला। मेरा बूथ सबसे मजबूत। यही मंत्र, चुनाव जीतने का यही मंत्र लेकर के हम चलें।
आप सब को बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।