Quoteപാക്യോംഗ് വിമാനത്താവളം വന്നതോടെ, രാജ്യത്തെ വിമാനത്താവളങ്ങളുടെ എണ്ണം നൂറു തികച്ചു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteപാക്യോംഗ് വിമാനത്താവളം സിക്കിമിലേക്കുള്ള ബന്ധപ്പെടല്‍ വന്‍തോതില്‍ വര്‍ദ്ധിപ്പിക്കും, വിനോദസഞ്ചാരത്തെ പ്രോത്സാഹിപ്പിക്കും, വ്യാപാരത്തെ ശക്തിപ്പെടുത്തും: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteരാജ്യത്തുള്ള 100 വിമാനത്താവളങ്ങളില്‍ 35 എണ്ണം കഴിഞ്ഞ നാലു വര്‍ഷത്തിനുള്ളിലാണ് പ്രവര്‍ത്തനക്ഷമമായത്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

सिक्किम के राज्‍यपाल श्रीमान गंगाप्रसाद जी, राज्‍य के मुख्‍यमंत्री श्रीमान पवन चामलिंग जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान सुरेश प्रभु जी, डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह जी, एस.एस.अहलूवालिया जी, राज्‍य विधानसभा के अध्‍यक्ष श्रीमान के.एन.राय जी, राज्‍य सरकार में मंत्री श्रीमान दोरजी शेरिंग लेपच्‍या जी, यहां उपस्थित अन्‍य सभी महानुभाव और मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

साथियो, मैं बीते तीन दिनों से हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी इलाके में, पूर्वी भारत में दौरा कर रहा हूं और इस दौरान infrastructure और मानवता की सेवा से जुड़े बहुत बड़े-बड़े projects देश को समर्पित करने का मुझे सौभाग्‍य मिला है।

कल झारखंड में प्रधानमंत्री जन-आरोग्‍य योजना PMJAY की शुरूआत आयुष्‍मान भारत योजना को लॉन्‍च करने के बाद, कल शाम को मैं सिक्किम आ गया था। और आज सुबह सिक्किम में सिक्किम की सुबह, उगता सूरज, ठंडी हवा, पहाड़ों की प्रकृति की खूबसूरती, तो मैं भी आज सुबह कैमरे पर हाथ लगाने लग गया था। यहां की सुंदरता, भव्‍यता को कौन पसंद नहीं करता होगा। हर कोई उसका मुरीद है। प्रकृति ने आपको इतना सब दिया है, उसको पाने के लिए हर कोई यहां दौड़ आता है।

भाइयो-बहनों, पूर्व दिशा का हमारी संस्‍कृति और परम्‍परा में क्‍या महत्‍व है, ये आप भी भलीभां‍ति जानते हैं, देश भी भलीभांति जानता है।

पूर्व में भी उत्तर-पूर्व North-East का तो अलग ही महत्‍व है। इस खूबसूरत पूर्वी राज्‍य में रहने वाले आप सभी लोगों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूंऔर सिक्किम का, आप सभी का पहला Pakyong airport आपको भेंट करता हूं।

आज का ये दिन सिक्किम के लिए तो ऐतिहासिक है ही, देश के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। Pakyong airportके खुलते ही आपको भी गर्व होगा। क्रिकेट के मैदान में लोग सेंचुरी लगाते हैं, आज हिन्‍दुस्‍तान ने सेंचुरी लगाई है। यानी कि ये एयरपोर्ट खुलने के बाद पूरे हिन्‍दुस्‍तान में 100 एयरपोर्ट, hundred airports काम करने लग गए हैं और इस अर्थ में देश ने आज सेंचुरी लगाई है। और देश कैसे बदल रहा है ये हमारा सिक्किम फुटबॉल के लिए जाना जाता है। हर कोई फुटबॉल खेलता है। लेकिन वही सिक्किम अब क्रिकेट में भी हाथ आजमाने लगा है।

और मैंने कल, आज अखबार में पढ़ा कि यहां के कैप्‍टन नीलेश लामीछा ने सेंचुरी लगाई। अगर सिक्किम जब फुटबॉल खेलता था वहां का नीलेश सेंचुरी लगाता क्रिकेट में पहला सिक्किवासी सेंचुरी लगाने वाला बन सकता है तो यहां का एयरपोर्ट देश की सेंचुरी का शतक यहां पूरा कर रहा है।

भाइयो और बहनों, ये एयरपोर्ट आपके जीवन को और आसान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। आज तक हम सभी को अगर देश के दूसरे हिस्‍से से सिक्किम आना हो और फिर यहां से दूसरे क्षेत्र में जाना हो, तो कितना मुश्किल होती थी। ये यहां के लोग भी जानते हैं और यहां आने वाले लोग भी जानते हैं।

पहले पश्चिम बंगाल के बागडोरा तक हवाई जहाज से उतरो, फिर वहां से करीब सवौ सो किलोमीटर तक के ऊंचे-नीचे रास्‍ते पर 5-6 घंटा थका देने वाला सफर और तब जा करके गंगटोक पहुंच पाते थे। लेकिन अब Pakyong airport इस थका देने वाली दूरी को मिनटों में समेटने वाला है।

भाइयो और बहनों, इससे सफर तो आसान और कम हुआ ही है, सरकार ने ये भी कोशिश की है यहां से आना-जाना सामान्‍य व्‍यक्ति की पहुंच में भी रहे। और इसलिए इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़ा गया है। इस योजना के तहत 2500-2600 रुपये तक ही देने होते हैं। ढाई हजार रुपया करीब-करीब।

सरकार के इसी vision और प्रयासों की वजह से आज हवाई जहाज का सफर रेलवे के एयरकंडीशन क्‍लास जितना सस्‍ता हो गया है। और हमारे यहां कहते हैं ना- Time is money, सुनते आए हैं ना, Time is money. हवाई जहाज में जाने से टाइम बचता है मतलब money बचता है। यही कारण है कि देश के लाखों मध्‍यम वर्ग के परिवारआज हवाई यात्रा करने में सक्षम हुए हैं।

साथियो, अभी तो एयरपोर्ट की शुरूआत हुई है। अभी-अभी मुझे एयरपोर्ट का उद्घाटन करने का मौका मिला है। लेकिन अगले एक-दो हफ्ते के भीतर ही यहां से गुवाहाटी और कलकत्ता के लिए regular flight शुरू हो जाएगी।आने वाले दिनों में देश के दूसरे हिस्‍सों में और पड़ोसी देशों को भी यहां से connect करने का प्रयास किया जाएगा।

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साथियो, Pakyong airport न सिर्फ सुंदरता बल्कि हमारे इंजीनियरिंग कौशल का भी प्रतीक है।जो लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए होंगे, उन्‍होंने पिछले तीन दिन से इस एयरपोर्ट की तस्‍वीर और प्रकृति की गोद में किस प्रकार से जहाज उतर रहा है, ये तस्‍वीरें शायद सोशल मीडिया में इतनी वायरल हुई हैं; आपने देखा होगा। आज, उद्घाटन तो आज हुआ है लेकिन लोगों ने इसका जय-जयकार लगातार शुरू कर दिया है।

साढ़े 500 करोड़ की लागत से बना ये एयरपोर्ट हमारे इंजीनियरों, कामगारों, उनकी क्षमता का एक गौरवपूर्ण पहलू है। कैसे पहाड़ों को काटा गया, उसके मलबे से खाई को भरा गया, भारी बारिश की चुनौतियों से निपटा गया। यहां से गुजरने वाली जलधाराओं को एयरपोर्ट के नीचे से गुजारा गया। सच में ये अद्भुत इंजीनियरिंग का कमाल है।

आज इस अवसर पर मैं एयरपोर्ट की planning और निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियर्स, सभी श्रमिकों को इस अद्भुत कार्य के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी ने वाकई कमाल करके दिखाया है।

भाइयो और बहनों, सिक्किम को और North-East में infrastructure और emotional, दोनों ही तरह की connectivity को विस्‍तार देने का काम तेजी से चल रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान अनेक बार मैं खुद North-East के राज्‍यों में आप सभी का आशीर्वाद लेने, यहां के विकास की जानकारी लेने के लिए रूबरू आया हूं।

इतना ही नहीं, हर हफ्ते-दो हफ्ते में कोई न कोई केंद्र सरकार का मंत्री North-East के किसी न किसी राज्‍य में भ्रमण करता है, आता है, पूछताछ करता है, कामकाज का हिसाब लेता है। इसका परिणाम क्‍या हुआ है, ये भी आप सभी आज जमीन पर देख रहे हैं।

सिक्किम हो, अरुणाचल प्रदेश हो, मेघालय हो, मणिपुर हो, नागालैंड हो, असम हो, त्रिपुरा हो, मिजोरम हो, North-East के सभी राज्‍यों में बहुत से काम, आजादी के बाद बहुत से काम पहली बार हो रहे हैं। हवाई जहाज पहली बार पहुंचे हैं। रेल connectivity पहली बार पहुंची है। कई जगह बिजली भी पहली बार पहुंची है।

चौड़े National Highway बन रहे हैं, गांव की भी सड़कें बन रही हैं। नदियों पर बड़े-बड़े पुल बन रहे हैं।Digital India का विस्‍तार हो रहा है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चल रही हमारी सरकार क्षेत्रीय असंतुलन, उसको दूर करने और पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत को देश की growth story का engine बनाने के लिए पुरजोश मेहनत कर रही है, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसी vision के तहत सिक्कित को अपना एयरपोर्ट देने का काम हमने तेज किया। अड़चनों को दूर किया और आज आपका सपना पूरा हुआ है। वरना आप भी भलीभां‍ति जानते हैं करीब-करीब 6 दशक पहले एक छोटा सा जहाज यहां से उड़ा था। उसके बाद छह दशक तक आपको एयरपोर्ट के लिए इंतजार ही इंतजार करना पड़ा।

साथियों, सिक्किम ही नहीं, अरुणाचल समेत देश के अनेक राज्‍यों में नए एयरपोर्ट बने हैं।जैसे कि पहले ही मैंने शुरू में बताया कि आज हमारे 100 एयरपोर्ट, hundred airport चालू हो गए हैं। और आपको जान करके हैरानी होगी, इसमें से thirty five airport, 35 एयरपोर्ट पिछले चार साल में बने हैं।

आजादी के बाद से 2014 तक, तेज गति से काम होने का मतलब क्‍या होता है?  चारों दिशाओं में काम होने का मतलब क्‍या होता है?Vision के साथ काम करने का मतलब क्‍या होता है? इस एक उदाहरण से आप समझ पाओगे। आजादी के बाद से 2014 तक यानी sixty seven years, 67 साल में 65 एयरपोर्ट थे, sixty five. sixty seven years में sixty fiveairport, यानी कि एवरेज एक साल में एक हवाई अड्डा। बात समझ आ रही है आपको? मेरी बात आपको समझ आ रही है? एक साल में एक हवाई अड्डा। ये उनकी गति थी, ये उनकी सोच थी। बीते चार वर्षों में एक साल में 9 एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हैं। 9 गुना गति से यानी इसी काम को पूरा करना होता तो शायद वो 40 साल और लगा लेते, जो हमने चार साल में करके दिखाया है।

भाइयो-बहनों, आज भारत domestic flights के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है, दुनिया का तीसरा। भारत में हवाई सेवा देने वाली कम्‍पनियों के पास विमान कम पड़ गए हैं। नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। आपको एक और आंकड़ा में देता हूं, वो भी आपको जरा ताज्‍जुब करेगा। आजादी के 70 वर्षों में देश में करीब 400 विमान सेवा दे रहे थे, 400 विमान। 70 साल में 400 विमान। अब विमान सेवा देने वाली कम्‍पनियों ने इस एक वर्ष में 1000 नए विमानों का ऑर्डर दिया है। 70 साल में 400 और एक साल में 1000 नए। आप कल्‍पना कर सकते हैं। और इसी से पता चलता है जो मेरा सपना है, हवाई चप्‍पल पहनने वाले सामान्‍य व्‍यक्ति को हवाई यात्रा कराने का हमारा सपना कितनी तेजी से पूरा हो रहा है।

भाइयो और बहनों, आपका अपना एयरपोर्ट बनने से आप सभी को देश के दूसरे हिस्‍सों में आने-जाने की सुविधा तो मिलेगी ही, आपकी आमदनी भी बढ़ेगी, income भी बढ़ेगी। सिक्किम तो वैसे ही देशी-विदेशी टूरिस्‍टों का प्रिय destination रहा है। यहां जनसंख्‍या से ज्‍यादा टूरिस्‍ट आते हैं। मुझे बताया गया है कि एयरपोर्ट न होने के बावजूद राज्‍य की कुल आबादी से डेढ़ गुना पर्यटक यहां आते हैं।

अब ये एयरपोर्ट बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्‍या इतनी सीमित नहीं रहने वाली है, मानके चलिए। इस दिवाली में ही दिखाई देगा, इस दुर्गा पूजा में ही दिखाई देगा कि किस प्रकार से टूरिस्‍टों का मेला लगने वाला है यहां।

एयरपोर्ट सिक्किम के नौजवानों के लिए रोजगार का नया  Gateway साबित होने वाला है। और इसकी वजह से यहां hotel, motel, guest house, camping sites, homestay, tourist, guide, restaurant, कितने ही। और टूरिज्‍म ऐसा है, गरीब से गरीब आदमी भी कमाता है,सींग-चना बेचने वाला भी कमाएगा, फूल-पौधे बेचने वाला भी कमाएगा, ऑटो-रिक्‍शा वाला भी कमाएगा, गेस्‍ट हाउस वाला भी कमाएगा और चाय बेचने वाला भी कमाएगा।

साथियो, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्‍म को सरकार ने transformation का साधन बनाया है। आस्‍था से जुडे स्‍थान हों, आध्‍यात्‍म से जुड़े स्‍थल हों, आदिवासी पहचान के क्षेत्र हों; इन सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं के लिए, पर्यटकों के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में तो सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा भी है और यहां पर नाथूला दर्रा भी है। जिसको हमारी सरकार ने ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए खोला है।

यहां श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का निर्माण करने के लिए 40 करोड़ से अधिक स्‍वीकृत भी किए गए हैं। यहां के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सिक्किम को हरा-भरा बनाए रखने के लिए भी राज्‍य सरकार के साथ मिल करके अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने National river conservation plan के तहत 350 करोड़ से अधिक की राशि स्‍वीकृ‍त की है। इसके तहत जो 9 projects मंजूर हुए हैं, और उनमें 8 गंगटोक और सिंगटम के लिए हैं। करीब डेढ सौ करोड़ के projects रानीचू नदी को प्रदूषित होने से बचाने वाले हैं। इसके अलावा पर्यावरण बचाने के लिए पूरे North-East के लिए करीब सवा सौ करोड़ रुपये की स्‍वीकृति दी जा चुकी है जिसमें से 50 करोड़ से अधिक रिलीज भी किए जा चुके हैं।

साथियो, पर्यावरण, परिवहन और पर्यटन, इसका आपस में गहरा रिश्‍ता है। इसलिए सिक्किम के लिए सिर्फ air connectivity पर ही बल नहीं दिया जा रहा है, दूसरे साधनों को भी मजबूत किया जा रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये से अधिक के National Highway project पर भी यहां काम चल रहा है। इसके अलावा करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से छोटी-छोटी सड़कों को बनाया जा रहा है, चौड़ा किया जा रहा है।

सड़क के साथ-साथ सिक्किम में रेलवे कोभी मजबूत किया जा रहा है। गंगटोक को broadguage से जोड़ने का काम तेज गति से चल रहा है।

सिक्किम में बिजली की व्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए transmission line को ठीक करने के लिए 1500 करोड़ से अधिक की सहायता राज्‍य को दी गई है। मुझे बताया गया है कि इस वर्ष दिसंबर तक इस काम को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके अलावा बिजली पैदा करने के मामले में भी सिक्किम को देश के अग्रणी राज्‍यों में खड़ा करने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं। करीब 14 हजार करोड़ की लागत से 6 हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं पर यहां पर काम चल रहा है।

भाइयो और बहनों, मैं आप सभी सिक्किम वासियों को, यहां की सरकार को और विशेषकर यहां के किसानों को बधाई देता हूं कि आप organic farming को लेकर देश मेंउदाहरण बन करके सामने आए हैं।सिक्किम शत-प्रतिशत organic farmingstate बनने वाला पहला राज्‍य है।

Organic farming को देशभर में बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इसके लिए परम्‍परागत कृषि विकास योजना के तहत काम किया जा रहा है। न सिर्फ organic farming को बल दिया जा रहा है, बल्कि उसके लिए value addition और मार्केट की व्‍यवस्‍था भी की जा रही है। और ये जो हवाई अड्डा है, आज तो पैसेंजर के लिए शुरू हो रहा है, लेकिन वो दिन दूर नहीं होगा जब यहां से फल, फूल घंटे भर में दिल्‍ली के बाजार में पहुंच जाएं, वो दिन दूर नहीं होगा।

हिन्‍दुस्‍तान के कई भगवान होंगे जिनके चरणों में अब सिक्किम के किसानों ने जो फूल तैयार किए हैं वो पहुंचने वाले हैं।North-East के राज्‍यों में सरकार ने mission organic value development for North-Eastern region नाम से एक विशेष योजना भी चलाई है। इसके लिए करीब 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

साथियो, ऑर्गेनिक उत्‍पाद न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए, हमारी धरती के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि हमें बीमारियों से भी दूर रखते हैं। देशवासियों का स्‍वास्‍थ्‍य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। और मुझे कल मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि यहां पर पिछले दस साल में इस organic सफलता का एक सीधा परिणाम दिखाई दे रहा है, यहां आयु अब बढ़ रही है। पहले की दुनिया में पिछले दस साल में जीवन जीने के उम्र की सीमा तेज गति से बढ़ रही है और उसमें भी पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं की बढ़ रही है।

मुझे विश्‍वास है कि देश के लोग भी ये केमिकल फर्टिलाइजर से मुक्ति पा करके कितना जीवन अच्‍छा जीआ जा सकता है, वो जरूर सिक्किम से सीखेंगे, समझेंगे।

मुझे जानकारी है कि स्‍वच्‍छता ही सेवा की मुहिम को सिक्किमवासियों ने एक प्रकार से गले लगाया है, बहुत आगे बढ़ाया है। आप सभी के प्रयास, आपकी जागरूकता की वजह से सिक्किम ने 2016 में सबसे पहले सिक्किम को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया था।Open defecation free. इतना ही नहीं, प्‍लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए भी आप लोगों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है।

भाइयो और बहनों, जैसे मैंने पहले कहा, कल देश में आयुष्‍मान भारत के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी Health care scheme, इसका प्रारंभ हुआ है। और सिक्किम भी इसके साथ जुड़ा हुआ है। और उसके कारण सिक्किम के गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक की बीमारी, गंभीर बीमारी का खर्चा अब सरकार की तरफ से दिया जाएगा। और यहां का नागरिक हिन्‍दुस्‍तान के किसी भी कोने में जाए, उसको वहां अस्‍पताल की जरूरत पड़ी तो वहां भी वो पैसा दिया जाएगा। बीमार व्‍यक्ति जहां भी जाएगा, ये जो आयुष्‍मान भारत का सुरक्षा कवच है, ये उसकेसाथ-साथ चलेगा।

साथियो, बीते चार वर्षों में सामान्‍य जन के जीवनस्‍तर को ऊपर उठाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है, जिसका सिक्किम को भी लाभ मिल रहा है। जन-धन योजना की वजह से यहां के करीब एक लाख लोगों के बैंक खाते खुले हैं। लगभग 80 हजार भाई-बहनों को सिर्फ एक रुपये महीना और 90 पैसे प्रतिदिन सुरक्षा बीमा योजनाओं से जोड़ा गया है।

उज्‍ज्‍वला योजना के तहत करीब 38 हजार गरीब परिवारों को किचन तक मुफ्त में गैस कनेक्‍शन पहुंचाया गया है।

सा‍थियो, पूर्वी भारत, पूर्वोत्‍तर के जीवन को सरल बनाने, यहां की मुश्किल परिस्थितियों को सरल बनाने के लिए, ease of living  सुनिश्चित करने के लिए एनडीए के सरकार प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। हम इस क्षेत्र को विकास के लिए नए युग के साथ जोड़ना चाहते हैं।न्‍यू इंडिया की नई धुरी बनाना चाहते हैं।

इस एयरपोर्ट की वजह से यहां अनेक सुविधाएं यहां विक‍सित होंगी जो सिक्किम को विकास में नई ऊंचाई देंगी। आप सभी को अपने पहले एयरपोर्ट के लिए मैं फिर एक बार हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुख्‍यमंत्री जी ने कई विषयों का उल्‍लेख किया है, इन सारे विषयों की मेरी उनके साथ व्‍यक्तिगत चर्चा होत रहती है। और इसलिए उसको सार्वजनिक रूप से अलग से मुझे उल्‍लेख करने की जरूरत नहीं है। लेकिन मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं इस देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, सिक्किम को भी आगे बढ़ाना है, सिक्किम के हर समाज को, हर व्‍यक्ति को, हर नौजवान को, उसकेसपनों को पूरा करने के लिए हर कोशिश की जाएगी।

इस विश्‍वास के साथ मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

धन्‍यवाद।

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India's coastal states and our port cities will become key centres of growth for a Viksit Bharat: PM Modi in Thiruvananthapuram, Kerala
May 02, 2025
QuoteThe Vizhinjam International Deepwater Multipurpose Seaport in Kerala is a significant advancement in India's maritime infrastructure: PM
QuoteToday is the birth anniversary of Bhagwan Adi Shankaracharya. Adi Shankaracharya ji awakened the consciousness of the nation. I pay tribute to him on this auspicious occasion: PM
QuoteIndia's coastal states and our port cities will become key centres of growth for a Viksit Bharat: PM
QuoteGovernment in collaboration with the state governments has upgraded the port infrastructure under the Sagarmala project enhancing port connectivity: PM
QuoteUnder PM-Gatishakti, the inter-connectivity of waterways, railways, highways and airways is being improved at a fast pace: PM
QuoteIn the last 10 years investments under Public-Private Partnerships have not only upgraded our ports to global standards, but have also made them future ready: PM
QuoteThe world will always remember Pope Francis for his spirit of service: PM

केरल के गवर्नर राजेंद्र अर्लेकर जी, मुख्यमंत्री श्रीमान पी. विजयन जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगीगण, मंच पर मौजूद अन्य सभी महानुभाव, और केरल के मेरे भाइयों और बहनों।

एल्लावर्क्कुम एन्डे नमस्कारम्। ओरिक्कल कूडि श्री अनन्तपद्मनाभंडे मण्णिलेक्क वरान् साद्धिच्चदिल् एनिक्क अतियाय सन्तोषमुण्ड।

साथियों,

आज भगवान आदि शंकराचार्य जी की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्रम में जाने का सौभाग्य मिला था। मुझे खुशी है कि मेरे संसदीय क्षेत्र काशी में विश्वनाथ धाम परिसर में आदि शंकराचार्य जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। मुझे उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य जी की दिव्य प्रतिमा के अनावरण का भी सौभाग्य मिला है। और आज ही देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के पट खुले हैं, केरल से निकलकर, देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

यहां एक ओर अपनी संभावनाओं के साथ उपस्थित ये विशाल समुद्र है। औऱ दूसरी ओर प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य है। और इन सबके बीच अब new age development का सिंबल, ये विझिंजम डीप-वॉटर सी-पोर्ट है। मैं केरल के लोगों को, देश के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

इस सी-पोर्ट को Eight thousand eight hundred करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। अभी इस ट्रांस-शिपमेंट हब की जो क्षमता है, वो भी आने वाले समय में बढ़कर के तीन गुनी हो जाएगी। यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। अभी तक भारत का 75 परसेंट ट्रांस-शिपमेंट भारत के बाहर के पोर्ट्स पर होता था। इससे देश को बहुत बड़ा revenue loss होता आया है। ये परिस्थिति अब बदलने जा रही है। अब देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, वो केरल और विझिंजम के लोगों के लिए नई economic opportunities लेकर आएगा।

साथियों,

गुलामी से पहले हमारे भारत ने हजारों वर्ष की समृद्धि देखी है। एक समय में ग्लोबल GDP में मेजर शेयर भारत का हुआ करता था। उस दौर में हमें जो चीज दूसरे देशों से अलग बनाती थी, वो थी हमारी मैरिटाइम कैपेसिटी, हमारी पोर्ट सिटीज़ की economic activity! केरल का इसमें बड़ा योगदान था। केरल से अरब सागर के रास्ते दुनिया के अलग-अलग देशों से ट्रेड होता था। यहां से जहाज व्यापार के लिए दुनिया के कई देशों में जाते थे। आज भारत सरकार देश की आर्थिक ताकत के उस चैनल को और मजबूत करने के संकल्प के साथ काम कर रही है। भारत के कोस्टल स्टेट्स, हमारी पोर्ट सिटीज़, विकसित भारत की ग्रोथ का अहम सेंटर बनेंगे। मैं अभी पोर्ट की विजिट करके आया हूं, और गुजरात के लोगों को जब पता चलेगा, कि इतना बढ़िया पोर्ट ये अडानी ने यहां केरल में बनाया है, ये गुजरात में 30 साल से पोर्ट पर काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वहां उन्होंने ऐसा पोर्ट नहीं बनाया है, तब उनको गुजरात के लोगों से गुस्सा सहन करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। हमारे मुख्यमंत्री जी से भी मैं कहना चाहूंगा, आप तो इंडी एलायंस के बहुत बड़े मजबूत पिलर हैं, यहां शशि थरूर भी बैठे हैं, और आज का ये इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा। वहाँ मैसेज चला गया जहां जाना था।

साथियों,

पोर्ट इकोनॉमी की पूरे potential का इस्तेमाल तब होता है, जब इंफ्रास्ट्रक्चर और ease of doing business, दोनों को बढ़ावा मिले। पिछले 10 वर्षों में यही भारत सरकार की पोर्ट और वॉटरवेज पॉलिसी का ब्लूप्रिंट रहा है। हमने इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज़ और राज्य के होलिस्टिक विकास के लिए तेजी से काम आगे बढ़ाया है। भारत सरकार ने, राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया है, पोर्ट कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया है। पीएम-गतिशक्ति के तहत वॉटरवेज, रेलवेज, हाइवेज और एयरवेज की inter-connectivity को तेज गति से बेहतर बनाया जा रहा है। Ease of doing business के लिए जो reforms किए गए हैं, उससे पोर्ट्स और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी इनवेस्टमेंट बढ़ा है। Indian seafarers, उनसे जुड़े नियमों में भी भारत सरकार ने Reforms किए हैं। और इसके परिणाम भी देश देख रहा है। 2014 में Indian seafarers की संख्या सवा लाख से भी कम थी। अब इनकी संख्या सवा तीन लाख से भी ज्यादा हो गई है। आज भारत seafarers की संख्या के मामले में दुनिया के टॉप थ्री देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है।

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Friends,

शिपिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोग जानते हैं कि 10 साल पहले हमारे शिप्स को पोर्ट्स पर कितना लंबा इंतज़ार करना पड़ता था। उन्हें unload करने में लंबा समय लग जाता था। इससे बिजनेस, इंडस्ट्री और इकोनॉमी, सबकी स्पीड प्रभावित होती थी। लेकिन, हालात अब बदल चुके हैं। पिछले 10 वर्षों में हमारे प्रमुख बंदरगाहों पर Ship turn-around time में 30 परसेंट तक की कमी आई है। हमारे पोर्ट्स की Efficiency में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण हम कम से कम समय में ज्यादा कार्गो हैंडल कर रहे हैं।

साथियों,

भारत की इस सफलता के पीछे पिछले एक दशक की मेहनत और विज़न है। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने पोर्ट्स की क्षमता को दोगुना किया है। हमारे National Waterways का भी 8 गुना विस्तार हुआ है। आज global top 30 ports में हमारे दो भारतीय पोर्ट्स हैं। Logistics Performance Index में भी हमारी रैकिंग बेहतर हुई है। Global shipbuilding में हम टॉप-20 देशों में शामिल हो चुके हैं। अपने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के बाद हम अब ग्लोबल ट्रेड में भारत की strategic position पर फोकस कर रहे हैं। इस दिशा में हमने Maritime Amrit Kaal Vision लॉन्च किया है। विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमारी मैरिटाइम strategy क्या होगी, हमने उसका रोडमैप बनाया है। आपको याद होगा, G-20 समिट में हमने कई बड़े देशों के साथ मिलकर इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर पर सहमति बनाई है। इस रूट पर केरल बहुत महत्वपूर्ण position पर है। केरल को इसका बहुत लाभ होने वाला है।

साथियों,

देश के मैरीटाइम सेक्टर को नई ऊंचाई देने में प्राइवेट सेक्टर का भी अहम योगदान है। Public-Private Partnerships के तहत पिछले 10 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इस भागीदारी से न केवल हमारे पोर्ट्स ग्लोबल स्टैंडर्ड पर अपग्रेड हुए हैं, बल्कि वो फ्यूचर रेडी भी बने हैं। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से इनोवेशन और efficiency, दोनों को बढ़ावा मिला है। और शायद मीडिया के लोगों ने एक बात पर ध्यान केंद्रित किया होगा, जब हमारे पोर्ट मिनिस्टर अपना भाषण दे रहे थे, तो उन्होंने कहा, अडानी का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पार्टनर, एक कम्युनिस्ट गवर्नमेंट का मंत्री बोल रहा है, प्राइवेट सेक्टर के लिए, कि हमारी सरकार का पार्टनर, ये बदलता हुआ भारत है।

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साथियों,

हम कोच्चि में shipbuilding and repair cluster स्थापित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। इस cluster के तैयार होने से यहां रोजगार के अनेक नए अवसर तैयार होंगे। केरल के local talent को, केरल के युवाओं को, आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

Friends,

भारत की shipbuilding capabilities को बढ़ाने के लिए देश अब बड़े लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस साल बजट में भारत में बड़े शिप के निर्माण को बढ़ाने के लिए नई पॉलिसी की घोषणा की गई है। इससे हमारे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा लाभ हमारे MSME को होगा, और इससे बड़ी संख्या में employment के और entrepreneurship के अवसर तैयार होंगे।

साथियों,

सही मायनों में विकास तब होता है, जब इंफ्रास्ट्रक्चर भी बिल्ड हो, व्यापार भी बढ़े, और सामान्य मानवी की बेसिक जरूरतें भी पूरी हों। केरल के लोग जानते हैं, हमारे प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में केरल में पोर्ट इंफ्रा के साथ-साथ कितनी तेजी से हाइवेज, रेलवेज़ और एयरपोर्ट्स से जुड़ा विकास हुआ है। कोल्लम बाईपास और अलापूझा बाईपास, जैसे वर्षों से अटके प्रोजेक्ट्स को भारत सरकार ने आगे बढ़ाया है। हमने केरल को आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भी दी हैं।

Friends,

भारत सरकार, केरल के विकास से देश के विकास के मंत्र पर भरोसा करती है। हम कॉपरेटिव फेडरिलिज्म की भावना से चल रहे हैं। बीते एक दशक में हमने केरल को विकास के सोशल पैरामीटर्स पर भी आगे ले जाने का काम किया है। जलजीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, ऐसी अनेक योजनाओं से केरल के लोगों को बहुत लाभ हो रहा है।

साथियों,

हमारे फिशरमेन का बेनिफिट भी हमारी प्राथमिकता है। ब्लू रेवोल्यूशन और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केरल के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। हमने पोन्नानी और पुथियाप्पा जैसे फिशिंग हार्बर का भी modernization किया है। केरल में हजारों मछुआरे भाई-बहनों को किसान क्रेडिट कार्ड्स भी दिये गए हैं, जिसके कारण उन्हें सैकड़ों करोड़ रुपए की मदद मिली है।

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साथियों,

हमारा केरल सौहार्द और सहिष्णुता की धरती रहा है। यहाँ सैकड़ों साल पहले देश की पहली, और दुनिया की सबसे प्राचीन चर्च में से एक सेंट थॉमस चर्च बनाई गई थी। हम सब जानते हैं, हम सबके लिए कुछ ही दिन पहले दु:ख की बड़ी घड़ी आई है। कुछ दिन पहले हम सभी ने पोप फ्रांसिस को खो दिया है। भारत की ओर से उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हमारी राष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी वहाँ गई थीं। उसके साथ हमारे केरल के ही साथी, हमारे मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, वह भी गए थे। मैं भी, केरल की धरती से एक बार फिर, इस दुःख में शामिल सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूँ।

साथियों,

पोप फ्रांसिस की सेवा भावना, क्रिश्चियन परम्पराओं में सबको स्थान देने के उनके प्रयास, इसके लिए दुनिया हमेशा उन्हें याद रखेगी। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं, कि मुझे उनके साथ जब भी मिलने का अवसर मिला, अनेक विषयों पर विस्तार से मुझे उनसे बातचीत का अवसर मिला। और मैंने देखा हमेशा मुझे उनका विशेष स्नेह मिलता रहता था। मानवता, सेवा और शांति जैसे विषयों पर उनके साथ हुई चर्चा, उनके शब्द हमेशा मुझे प्रेरित करते रहेंगे।

साथियों,

मैं एक बार फिर आप सभी को आज के इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं। केरल global maritime trade का बड़ा सेंटर बने, और हजारों नई जॉब्स क्रिएट हों, इस दिशा में भारत सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करती रहेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि केरल के लोगों के सामर्थ्य से भारत का मैरीटाइम सेक्टर नई बुलंदियों को छुएगा।

नमुक्क ओरुमिच्च् ओरु विकसित केरलम पडत्तुयर्ताम्, जइ केरलम् जइ भारत l

धन्यवाद।