PM Modi inaugurates Faridabad metro line, takes metro ride, addresses rally
NDA Govt fulfills promise of delivering One-Rank, One-Pension for the armed forces
Centre & states must work together; infrastructure is essential for progress: PM
India would progress not through politics, but through nationalist policies: PM Modi
It has become a fashion to politicize every decision taken by Government for progress of the country: PM
People are being misled about the government position on OROP and VRS: PM
PM Modi reiterates Government's resolve for Housing for All by 2022

विशाल संख्या में पधारे भाईयो और बहनों,

अभी हमारे मुख्यमंत्री बता रहे थे कि मोदी जी इतनी बार हरियाणा में आए और 11 तारीख को भी आने वाले हैं, 18 तारीख को भी आने वाले हैं। आप सबको मालूम है हरियाणा मेरा दूसरा घर है। गुजरात छोड़ने के बाद मैंने वर्षों तक हरियाणा में ही अपना जीवन बिताया। यहां के हर गांव, गली, मौहल्ले से परिचित हूं, तो मुझे हरियाणा आने का मन करेगा कि नहीं करेगा? आपके प्यार को मैं कभी भुला सकता हूं क्या? तो आपका प्यार है जो मुझे बार-बार खींचकर ले आता है और मैंने हरियाणा को कहा था, पहले दिन से कह रहा हूं कि आपने मुझे जो प्यार दिया है, मैं विकास करके ब्याज समेत लौटाऊंगा, ये मैं कह रहा हूं।

भाईयों-बहनों चुनाव आते हैं, जाते हैं। राजनीति अपनी जगह पर चलती रहती है। वो लोकतंत्र का स्वाभाविक हिस्सा है लेकिन देश सिर्फ राजनीति से नहीं चलता है, देश राष्ट्रनीति से चलता है, देश विवादों से नहीं बढ़ता है, देश संवाद से बढ़ता है। हमारी समस्याओं का समाधान अगर उसका कोई एक उपाय है, अगर उसकी कोई एक जड़ी-बूटी है, तो उस जड़ी-बूटी का नाम विकास है, विकास। विकास होगा तो नौजवान को रोजगार मिलेगा, विकास होगा तो किसान को अपनी फसल का पूरा दाम मिलेगा, विकास होगा तो गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलेगी, विकास होगा तो गांव के गरीब हो, वयोवृद्ध-तपोवृद्ध लोग हो उनको आरोग्य की सुविधा उपलब्ध होगी, गरीब को रहने के लिए घर मिलेगा और इसलिए मेरे भाईयों-बहनों हम एक ही बिंदू पर काम कर रहे हैं। जब से आपने हमें जिम्मेवारी दी है, हमारा एक ही मंत्र है, एक ही मकसद है, एक ही मार्ग है, एक ही मंजिल है और उसका नाम है विकास।

आप मुझे बताइए, आपक विकास चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे रास्ते चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे स्कूल चाहिए कि नहीं चाहिए? अच्छे अस्पताल चाहिए कि नहीं चाहिए? इस देश को यही चाहिए और इसलिए ये सरकार इन्हीं बिंदुओं पर अपनी ताकत लगा रही है। अच्छा होता ये काम पिछले 60 साल में पूरे हो गये होते। देश ऊंचाइयों को पार कर लिया होता। लेकिन बहुत सारे काम अधूरे हैं और अधूरे हैं इसलिये पुरानी सरकारों को आलोचना करके उनकी टीपा टीका टिप्पणी करके मैं रुक जाऊं ये उचित नहीं है। इस सरकार का जिम्मेदारी है कि हम समस्याओं के समाधान खोजें विकास के नये - नये उपाये खोजें और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

पिछले दिनों आपने देखा होगा पूरी दुनिया में एक आर्थिक संकट पैदा हुआ मजबूत से मजबूत आर्थिक नींव पर खड़े हुए देश हिल गए। और तुफान इतना भयंकर था कि उसके सामने टिकना बड़ा मुश्किल था, इतनी बड़ी आंधी तेज आई थी। लेकिन सारी दुनिया के आर्थिक पंडितों का कहना है कि इतनी भंयकर आर्थिक मंदी के बीच, इतने भयंकर आर्थिक तुफानों के बीच कोई एक देश बराबर अगर खड़ा रहा, टिका रहा, उस देश का नाम हिंदुस्तान है।

मेरे भाईयों-बहनों और यही बताता है कि पिछले 15 महीनों में, सरकार ने जो रास्ता अपनाया है, जिन नीतियों को लागू किया है, आज उसका परिणाम नजर आ रहा है कि इतनी बड़ी आंधी के बावजूद भी हिंदुस्तान आर्थिक धरातल पर टिका रहा है। लेकिन भाईयों-बहनों सिर्फ टिके रहे हैं, इससे संतोष मानना, ये हमें मंजूर नहीं है। इतनी बड़ी आंधी में तूफान में टिक गये ये अच्छी बात है, लेकिन हमें जहां टिके हैं, वहां रुकना नहीं है हमें आगे बढ़ना है। आगे बढ़ने का रास्ता सवा सौ करोड़ देश वासियों को साथ और सहयोग है, आगे बढ़ने का रास्ता सभी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। आगे बढ़ने का रास्ता लोकतांत्रिक मार्ग है और अगर हमें विकास करना है, तो हमें Infrastructure पर सबसे पहले प्राथमिकता देनी पड़ेगी। रेल हो, रोड हो, रेल हो, सामान्य नागरिक की सुविधा की व्यवस्थाएं हो, ये जब तब तक हम निर्माण नहीं करेंगे, विकास के फल नीचे तक नहीं पहुंचेंगे।..और इसलिये ये सरकार का मकसद है कि 2022 जब हिन्दुस्तान आजादी के 75 साल मनाएगा, वो आजादी का 75 साल कैसे हों, क्या हम सपना लेकर के नहीं चल सकते कि आजादी के 75 साल जब मनाएंगे, आजादी के दीवानों को जब अंजली देंगे, आजादी के लिये शहीद हुए महापुरुषों का पुण्य स्मरण करेंगे, उस समय कम से कम एक काम तो पूरा कर लें, इस देश में कोई गरीब ऐसा न हो जिसको अपना घर न हो। हर गरीब को भी अपना घर मिले, काम बहुत बड़ा है, दुनिया के कुछ देशों की आबादी से ज्यादा भी मकान बनाने पड़ेंगे, लेकिन भाइयों बहनों कठिन काम भी हमें हाथ में लेने हैं और उसको पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हमारे वेंकैया जी नायडू शहरी विकास मंत्री के नाते एक ऐसी योजना उन्होंने देश के सामने रखी है, जिसके कारण शहरी गरीबों के लिये मकानों की सुविधा उपलब्ध हो, नये मकान बनें, गरीब के लिये बने, सस्ते बने, अच्छे बने और घर भी वो हो, जिसके नल में जल हो, बिजली हो, नजदीक में स्कूल हो, एक परिवार सुख शांति से रह सके ऐसा घर हो। हमारे चौधरी वीरेन्द्र सिंह जी लगे हैं, एक ग्रामीण विकास मंत्रालय को लेकर के गांव में जो गरीब है, उन गरीबों को रहने के लिये अपना घर मिले, योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। एक तरफ शहरी विकास एक तरफ ग्रामीण विकास, गरीब शहर का हो या गरीब गांव का हो हर किसी को रहने के लिये घर मिले इसके लिये बहुत बड़ा काम हमने सर पर उठाया है।

भाइयो बहनों आज यहां मेट्रो रेल का लोकापर्ण हो रहा है। अब हरियाणा भी गर्व के साथ दुनिया में कहेगा कि हमारे पास मेट्रो रेलवे है। हरियाणा ने दिल्ली के टूरिस्टों को आकर्षित करने की सबसे बड़ी ताकत अगर किसी में है, तो हरियाणा में है। weekend टूरिस्टों को आकर्षित करने की ताकत है, तो हरियाणा में है औऱ मेट्रो की सुविधा हो जाए तो बहुत बड़ी मात्रा में दिल्ली से लोग weekend मनाने के लिए हरियाणा की ओर चले जाएंगे और हरियाणा के नौजवानों को रोजी-रोटी का प्रबंध हो जाएगा। ये मेट्रो सिर्फ आने-जाने का कारोबार है, ऐसा नहीं है, अब मेट्रो सिर्फ, पहले बस में जाना पड़ता था, कार लेकर जाना पड़ता था, ट्रैफिक जाम हो जाता था, अब जल्दी पहुंचा जाता है, इतना ही नहीं है इनसे पूरी economy drive होती है, पूरे आर्थिक जीवन को एक गति मिलती है और इसलिए ये रैली का नाम भी गति-प्रगति रैली रखा गया है। गति भी हो, प्रगति भी हो और तेज गति से प्रगति हो, उन सपनों को पूरा करने का प्रयास हो रहा है। करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपया की लागत से, ये प्रोजेक्ट यहां पूरा हुआ है।

लेकिन मैं आज मेरे हरियाणा के भाईयों-बहनों को एक और नजराना भी देना चाहता हूं, ये मेट्रो यहीं से लौट नहीं जाएगी, हम बल्लभगढ़ तक जाएंगे। आने वाले दिनों में बल्लभगढ़ के लिए एक काम शुरू हो जाएगा। 600-700 करोड़ रुपए की और लागत लगेगी लेकिन हरियाणा के एक महत्वपूर्ण हिस्सों को जोड़ने का काम होगा।

फरीदाबाद मेरे लिए नया नहीं है। मैं कभी यहां स्कूटर पर आया करता था। मैंने फरीदाबाद को पनपते हुए देखा है। एशिया में नौंवे नंबर पर सबसे बड़ा industrial estate वाला ये फरीदाबाद शहर है। अब फरीदाबाद एक लघु हिंदुस्तान बन गया है। हिंदुस्तान का कोई राज्य ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग फरीदाबाद में रहते न हो, एक प्रकार का लघु भारत बन गया है। इस फरीदाबाद का विकास भी, वैसा ही होना चाहिए। ये मेट्रो ट्रेन के आरंभ से वो एक नया विकास का मार्ग भी खुल जाता है और मैं श्रीमान वेंकैया जी को एक बात के लिए बधाई देना चाहता हूं, उनका विभाग इस काम को देखता है, सारी दुनिया को एक संदेश दे रहे हैं कि ये मेट्रो का जो लाईन है environment friendly है। यहां के स्टेशनों पर solar panel लगे हुए हैं और करीब-करीब दो मेगावॉट बिजली सूर्य शक्ति से पैदा करते हैं और सारी व्यवस्था में उसी बिजली का उपयोग किया जाता है। मेट्रो का एक ट्रैक solar panel से भरों हुआ हो, ये दुनिया के लिए भी एक आकर्षण का कारण है। आने वाले दिनों में Green Railway Station कैसे बने, Environment Friendly Railway Station कैसे बने उस दिशा में भी मैट्रो की तरफ से एक सफलतापूर्वक अभियान चलाया जा रहा है और आज जब पूरी विश्व Global Warming के लिये चिंतित है, Climate Change के कारण चिंतित है, हमारी एक छोटी सी इकाई मैट्रो वे भी दुनिया की मदद करने के लिये Green movement में अपना सहयोग दे रही है और इसलिये वेंकैया जी को और उनकी पूरी टीम को मैं हृदय से बहुत बहुत अभिनन्दन करता हूं और उनके साधुवाद करता हूं।

भाइयो बहनों ये हरियाणा की धरती ऐसी है, कल हमनें श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया और जब श्री कृष्ण को याद करते हैं तो सिर्फ द्वारका की नगरी याद नहीं आती है, कुरुक्षेत्र भी तुरंत याद आता है। पूरा हरियाणा एक प्रकार से इन महापुरुषों की छाया में पला बड़ा हुआ है। सांस्कृतिक विरासत का धनी है। यहीं से पास में गांव सिही सूरदास जी की जन्म भूमि है, यही तो हमारी विशेषता यही हमारी ताकत है और उन्हीं से महापुरुषों के आशिर्वाद लेकर के हम हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये प्रयास कर रहे हैं।

मैं हरियाणा सरकार को अभिनन्दन करता हूं। श्रीमान मनोहर लाल जी का विशेष रूप से और उनकी पूरी टीम का अभिनन्दन करता हूं। कि जिस हरियाणा को बेटियों के भ्रूण हत्या के लिये पहचाना जाता था वो हरियाणा आज बेटी बचाने के लिये पहचाने जाने लगा है। ये छोटा सा निर्णय परिवर्तन नहीं है, ये छोटा सा movement नहीं है, कितना कठिन काम होता है मुझे अंदाजा है लेकिन हरियाणा के राज्य सरकार ने यहां के राजनीतिक नेताओं ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और बेटी बचाने का जो अभियान चलाया है और पूरे हिन्दुस्तान का बेटी बचाने का अभियान का प्रारंभ भी इसी हरियाणा की धरती से हुआ है।

मैं जानता हूं, मनोहर लाल जी हमारे बड़े परिश्रमी नेता हैं, मेहनत करने में शायद कोई उनका मुकाबला नहीं कर सकता है, मैंने सालों तक उनके साथ काम किया है और वे हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल होंगे, हरियाणा की आशाओं-आकाक्षाओं को वे पूरा करेंगे, ये मुझे विश्वास है।

आने वाले दिनों में हमारे देश में, हम-हमारे शहरों का रंग-रूप बदलना चाहते हैं, चेहरा बदलना चाहते हैं, उसके फेफड़ों को नई ताकत देना चाहते हैं। आज हमारे शहरों के फेफड़े भी बीमार हो गए हैं, greenery नहीं बची है, अपनी मर्जी से वो बढ़ता गया है। वेंकैया जी के नेतृत्व में, जो smart city का अभियान चला है, उस smart city में फरीदाबाद का भी नाम है। लेकिन कुछ लोगों को लगता होगा कि अब सरकार ने smart city कह दिया तो smart city बन गया। भाईयों-बहनों आपको पता होना चाहिए और मैं चाहता हूं कि इस बात की घर-घर चर्चा होनी चाहिए, हर बार चर्चा होनी चाहिए कि ये अभी तो फरीदाबाद की entry हुई है competition के अंदर पहली मैच उसने जीत लिया है, पहली मैच जीतकर के उसने entry पा ली है, लेकिन आगे बढ़ने के लिये यहां के सभी नागरिकों ने तय करना पड़ेगा की हमें फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बनाना है। कानून में ये परिवर्तन करना पड़ेगा, तो करना है। हमें ये discipline लानी है तो लानी है। हमें स्वच्छता रखनी है तो रखनी है। ये जब तक हम नहीं करेंगे, ये स्मार्ट सिटी की स्पर्धा आप जीत नहीं पाओगे। उसके कुछ norms हैं कुछ parameter हैं, मैं चाहता हूं एक जागृति का माहौल बने पूरे देश में ये 100 शहर पूरे हिन्दुस्तान में जो पहली मैच जीत कर के आए हैं। क्योंकि स्पर्धा से तय हुआ है, पहली स्पर्धा में वो जीत गए हैं, लेकिन आगे जैसे-जैसे जाओगे स्पर्धा कठिन होती जाने वाली है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हरियाणा के दोनों शहर ये स्पर्धा जीतेंगे और देश में स्मार्ट सिटी बनाने का यश हरियाणा प्राप्त करेगा।

मैं आपको निमंत्रित करता हूं। मैं आपको challenge भी करता हूं इस challenge को स्वीकार कीजिये। सरकार ने जितने parameter तय किये हैं उन parameter को गले लगाइये। पूरे फरीदाबाद का एक – एक घर एक-एक नागरिक स्मार्ट सिटी बनाने का संकल्प लेना चाहिये तब जाकर के स्मार्ट सिटी बना पाएंगे और इसलिये मैं आपको आह्वान कर रहा हूं।

भाइयो बहनों ये हरियाणा की धरती वीरों की धरती है। ये हरियाणा की धरती जवानों की धरती है। ये हरियाणा की धरती देश के लिये मर मिटने वालों की धरती है। प्रधानमंत्री बनने से पहले मेरा पहला कार्यक्रम जब मेरी पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के लिये घोषित किया तो 13 सितम्बर को रिवाड़ी में मैं आया था। और पहला मेरा कार्यक्रम था पूर्व सैनिकों का बहुत बड़ा जमावड़ा में मैं आया था और उस समय में मैंने वन रैंक वन पैंशन की बात कही थी, याद है कही थी OROP की बात कही थी याद है। भाइयो बहनों ये मामला 42 साल से लटका हुआ था 42 साल से चार दशक इतनी सरकारें आ कर गई लेकिन इस समस्या का समाधान किसी को हाथ नहीं लगता था। lip sympathy सब दूर सब सरकारों ने व्यक्त की थी। हर कोई कहता था हां देश के लिये जवान मरते हैं सरकार का दायित्व है हर कोई कहते थे। लेकिन करने के लिये हर किसी को कठिनाई महसूस होती थी और आज मुझे भी महसूस हो रही है। ये सरल काम नहीं है। मेरे देश के जवानों आपने देश के लिये अपनी जिन्दगी खपाई है, अपका मान सम्मान इससे बड़ा हमारी जिन्दगी में कुछ नहीं हो सकता। लेकिन ये मामला अति कठिन है। उसका प्रभाव पता नहीं कहां-कहां पड़ सकता है। आने वाले दिनों में क्या-क्या संकट आ सकते हैं लेकिन मेरे देश के जवानों, हमने वादा किया था और हम वादा निभा रहे हैं। आपको मालूम है, पहले वाली सरकार के लिए OROP क्या था? 500 करोड़ रुपए का कार्यक्रम था, 500 करोड़ रुपए का, तो हमें भी लगा कि अभी 500 है तो 700 हो जाएगा, 800 हो जाएगा, कर लो, क्या है? लेकिन जब हम गिनती करने के लिए बैठे तो हर रोज नई चीज आने लगी, हर रोज नई चीज आने लगी। Koshyari Committee, जिसका हमारे जवान बार-बार उल्लेख करते हैं, उसको हमने देखा, उसने क्या कहा है, उसने तो 300 करोड़ से भी कम कहा है। उसने कहा है कि 300 करोड़ रुपए से कम रुपया भी लग जाएगा, तो हो जाएगा। सारी सरकार भ्रमित, बैठे हुए अफसर भ्रमित, सेना के जवानों की बातें भी ऐसी, हर कोई उलझा हुआ था, पिछले कई दिनों से मैं लगातार एक-एक तार को खोलता गया, चीजों को ठीक करता रहा और हिसाब लगाता गया भाईयों-बहनों ये OROP 500 करोड़ में होने वाला खेल नहीं है। ये OROP 300 करोड़ रुपए में पूरा होने वाला काम नहीं है, जब हिसाब लगाया तो हिसाब बनता है 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का 8 से 10 हजार करोड़ रुपये का।

मेरी सरकार बनी 26 मई, 2014 को और मेरा दायित्व बनता है 26 मई 2014 से। ये जो प्रचार करने वाले लोग हैं वो देश की जनता को और खासकर के हमारे जवानों को भ्रमित करने का पाप करते रहे हैं। 26 मई को इस सरकार का जन्म हुआ उसी दिन से हमनें काम चालू किया और कल हमनें घोषणा की तो भी सरकार बनने के तुरंत बाद एक जुलाई गिनने के लिये उचित रहती है, तो हमनें एक जुलाई से लागू करने का निर्णय कर दिया भाइयो बहनों।

मैं जानता हूं देश के फौज में 80-90% लोग कौन होते हैं हमारी फौज में 80-90% वो जवान होते हैं, जो छोटे-छोटे पद पर होते हैं, कंधे पर बंदूक उठाकर के जो दुश्मनों से मुकाबला करते हैं। सबसे पहले जान की बाजी वो लगा देते हैं, लेकिन सेना की आयु कम हो इसलिये उनको 15 साल के बाद नौकरी छोड़नी पड़ती है, 17 साल के बाद छोड़नी पड़ती है, 20 साल के बाद छोड़नी पड़ती है, इसके लिए अलग-अलग शब्द प्रयोग सेना वाले करते होंगे। कुछ लोगों को लगता है कि जो 15 साल 17 साल नौकरी छोड़कर गए उनको OROP नहीं मिलेगा। मेरे जवान भाइयो बहनों चाहे वो हवल्दार हो, सिपाही हो नायक हो अरे आप ही तो देश की रक्षा करते हो अगर ये OROP सबसे पहले मिलेगा, तो आप को मिलेगा। ये VRS के नाम से आपको भ्रमित करने का जो प्रयास कर रहे हैं वो गलत कर रहे हैं ये सरकार जिन लोगों ने युद्ध में सेना में काम करते करते अपना शरीर गंवाया है, कोई अंग गंवाया है ऐसे भी सेना के जवान जिनको मजबूरन सेना छोड़नी पड़ती है। शरीर की देश के लिये शरीर का एक-एक अंग बली चढ़ा दिया है उसको सेना छोड़नी पड़ती है। क्या OROP से वंचित हो जाएंगे? सेना को प्यार करने वाला प्रधानमंत्री ऐसा कभी सोच भी नहीं सकता है। मेरे भाइयो बहनों ऐसे सबको OROP मिलेगा और इसलिये 80-90% ये जो 8 हजार 10 हजार करोड़ का खर्च है ना उसका सबसे ज्यादा धन ये 15-17 साल की उम्र में जो सेना छोड़ कर घर आते हैं उन जवानों में जाने वाला है। और इसलिये ये भ्रम फैलाने की कोशिश करने की आवश्यकता नहीं है। ये सरकार बहुत ही स्पष्ट है। कि देश के लिये जीने मरने वाले जवानों को लिये OROP लागू करने का हमनें वादा किया है और कल हमनें घोषणा कर दी है।

कुछ लोग कहते हैं Commission बनाया, ये कोई Pay-Commission नहीं बनाया। ये सिर्फ ये जो हमनें निर्णय किये हैं, क्योंकि पहले 500 करोड़ वालों की भी समझ में कुछ कुछ न गड़बड़ रही बाद में Koshyari Committee ने जो रिपोर्ट किया, उसमें भी गड़बड़ रही, हमें लगा कि 10 हजार करोड़ रुपया देने के बाद भी हो सकता है कहीं कोई कमी रह गई हो, कहीं कोई समझदारी में अंतर रहा हो, कोई हिस्सा सेना का छूट गया हो तो ऐसे समय एक व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सेना के जवान उनके साथ मिलकरके, अगर कोई कमी रह गई हो, कोई छोटा-मोटा बदलाव जरूरी हो तो उसके साथ कर सके OROP के संबंध में इसलिए ये कमेटी बनाई गई है, ये कोई Pay-Commission नहीं है और इसलिए इसमें भी जो भ्रम फैलाए जा रहे हैं वो भ्रमों का भी निराकरण होना चाहिए।

आज देश के सेना में 10 में से 1 जवान हरियाणा का होता है, 10 जवान हैं तो उसमें से एक हरियाणा का होगा ही होगा और इसलिए ये जब 8-10 हजार करोड़ का पैकेज आएगा तो बहुत बड़ी मात्रा में धन हरियाणा के निवृत्त जवानों के पास आने वाला है, मतलब कि हरियाणा के अंदर हजारों-करोड़ रुपए आने वाले हैं। जब हरियाणा में हजारों-करोड़ रुपए आते हैं तो हरियाणा की economy अचानक drive करने लग जाती है। हरियाणा की आर्थिक गतिविधि को एक बहुत बड़ी ताकत, सेना के निवृत्त जवानों को पैसे मिलने के कारण मिलने वाली है। बहुत बड़ा निर्णय इस सरकार ने किया है, देशभक्ति से प्रेरित होकर के किया है। देश की आर्थिक व्यवस्था में बहुत सारे काम है, कुछ कामों में कटौती करके भी करना पड़ेगा तो करने का फैसला कर करके किया है और इसलिए मैं, मेरे सेना के जावनों को कहता हूं कि ये सरकार आपकी है, ये सरकार आपका हौंसला बुलंद देखना चाहती है, ये सरकार आपके सुखों की चिंता करने वाली सरकार है और आने वाले दिनों में भी जहां जो जरूरत पड़ेगी, ये सरकार आपके साथ खड़ो होगी, ये मैं देश के जवानों को विश्वास दिलाना चाहता हूं।

भाईयों-बहनों जो लोग बयानबाजी करके, राजनीतिक उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रहे हैं, देशवासियों जिन्होंने 40-42 साल तक जो काम नहीं किया, उनको एक भी सवाल पूछने का अधिकार है क्या? जरा पूरी ताकत से जवाब दो मुझे, जिन्होंने खुद नहीं किया उनको सवाल पूछने का हक है क्या? देश को गुमराह करने का हक है क्या? जवानों के नाम पर बोलने का हक है क्या? अरे आप लोगों का पाप था कि आप लोगों ने 40-42 साल तक काम नहीं किया, आज हमारा हिसाब मांग रहे हो। भाईयों-बहनों एक fashion चल पड़ी है, एक fashion चल पड़ी है कि जब सरकार कोई भी अच्छे निर्णय करे, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हिम्मत के साथ आगे बढ़े तो जो लोग, जिनकों देश की जनता ने reject कर दिया है वो इस देश को आगे बढ़ना नहीं देना चाहते हैं, इससे बड़ा लोकतंत्र का अपमान नहीं हो सकता है और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों, मैं देशवासियों को हरियाणा की वो धरती से बोल रहा हूं, जहां कृष्ण ने गीता का संदेश दिया था और युद्ध का विजय प्राप्त करने का संकेत दिया था, ये वो भूमि है जहां हर परिवार से कोई न कोई जवान सीमा पर देश की सेवा कर रहा है, ऐसी धरती से मैं कह रहा हूं कि हमारे लिए, हमारे सेना के जवान किसी के कम प्यारे नहीं हैं और इसलिए ये One-upmanship जो चल रही है, इसके खेल देश का भला नहीं करेंगे।

भाईयों-बहनों हम विकास के मार्ग पर चलना चाहते हैं, सवा सौ करोड़ देशवासियों को लेकर चलना चाहते हैं और उसको लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं और आज मेट्रो का एक नजराना हरियाणा के जीवन को नई ताकत देगा। आधुनिक हरियाणा बनाने में ये सौगात काम आएगी। इसी एक विश्वास के साथ मैं फिर एक बार यहां के मुख्यमंत्री को, सरकार की पूरी टीम को हरियाणा को लगातार आगे बढ़ाने के लिए, नई ऊंचाईयों पर ले जाने के प्रयासों के लिए अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं और श्रीमान वेंकैया जी नायडू के नेतृत्व में हमारा शहरी विकास तेज गति से हो, हरियाणा में बहुत बड़ी मात्रा में शहरी विकास हो रहा है, वो भी नई ऊंचाइयों को प्राप्त करे यही शुभकामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ दोनों मुठी बंद करके बोलिए

“जय जवान, जय किसान”

“जय जवान, जय किसान”

“जय जवान, जय किसान”

"भारत माता की जय"

"भारत माता की जय"



बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।