QuotePM Narendra Modi attends Foundation Stone Laying ceremony for Delhi-Dasna-Meerut Expressway
QuoteVajpayee ji worked to connect India through Golden Quadrilateral Project & Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana: PM Modi
QuoteWe are not merely constructing a road; this is a highway to development: PM Modi
QuoteDelhi-Dasna-Meerut Expressway will spur development in western Uttar Pradesh: PM Narendra Modi
QuoteGood roads are one of the first pre-requisites for development: PM Modi
QuoteWith expansion of roadways and infrastructure, prospects for employment also rise: PM Modi
QuoteThrough Pradhanmantri Krishi Sinchai Yojana, we are reviewing all our agricultural schemes: PM
QuoteOur Government is dedicated for uplifting the poor: PM Narendra Modi
QuoteI urge all political parties that the people of India have elected us to discuss, debate, deliberate in Parliament. It is our duty: PM

प्‍यारे भाइयों और बहनों,

1857 के स्‍वतंत्र संग्राम में मेरठ को विशेष रूप से याद किया जाता है। 1857 के स्‍वतंत्र संग्राम में मेरठ ने गुलामी से मुक्ति का मार्ग दिखाया था और आज दिल्‍ली से मेरठ का ये Express Highway प्रदूषण से मुक्ति का मार्ग दिखा रहा है। बदलते हुए वक्‍त में रफ्तार रुकने वाली नहीं है और रफ्तार की गति भी रुकने वाली नहीं है। जब ये निश्चित है कि रफ्तार तेज होने वाली है तो Infrastructure भी उसी रफ्तार के अनुकूल बनाना आवश्‍यक हो जाता है। आज से 20 साल, 30 साल पहले अगर गांव में किसी किसान से बात होती थी तो गांव के लोग क्‍या कहते थे? वो कहते थे साहब इस बार अगर सूखे का कोई काम निकलता है तो हमारी तरफ काम शुरू करवाइये। और कम से कम हमारे यहां मिट्टी का काम करवा दीजिए ताकि आने-जाने के लिए रास्‍ते के नाते उपयोग में आ जाए।

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25-30 साल पहले हमारे देश का गांव का व्‍यक्ति सिर्फ दो गांव के बीच मिट्टी का काम करवाने के लिए मांग करता था ताकि आने-जाने की सुविधा हो मिट्टी लग जाए तो काम चल जाए। लेकिन आज 25-30 साल के भीतर-भीतर गांव का व्‍यक्ति भी आता है तो कहता है साहब, पक्‍की सड़क नहीं कह रहा है वो कह रहा है हमारे यहां Pebble Road लगाइए, Pebble Road लगाइए। उसको पक्‍की सड़क से भी संतोष नहीं है। उसे Single Line सड़क से भी संतोष नहीं है। उसे double lane चाहिए, four lane चाहिए, Swer Road चाहिए। गांव का इन्‍सान भी इस बात को भली-भांति समझता है कि अगर विकास की यात्रा के साथ जुड़ना है तो मुझे सबसे पहले मेरे गांव को सड़क से जोड़ना है, अच्‍छी सड़क से जोड़ना है। तेज गति से दौड़ने वाला रास्‍ता चाहिए मुझे। जो बात गांव के सामान्‍य व्‍यक्ति को भी समझ आती है, जो सपना देश के गांव का इन्‍सान भी देखता है, उस सपने को पूरा करने की दिशा में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने दो महत्‍वपूर्ण बातों की शुरूआत की थी। 

Infrastructure की दुनिया में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जब श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी देश के प्रधानमंत्री थे उन्‍होंने दो महत्‍वपूर्ण चीजों को आरंभ किया था। एक, भारत को वैश्विक स्‍तर पर दुनिया के मुकाबले में ला करके खड़े करने के लिए एक योजना आरंभ की और दूसरी हिन्‍दुस्‍तान के गांवों के जीवन में बदलाव लाने के लिए गांवों को connectivity देने के लिए उन्‍होंने योजना का आरंभ किया। और दोनों योजनाएं एक थी स्‍वर्णिम चतुर्भुज Express Highway पूर्व से पश्चिम, उत्‍तर से दक्षिण हिन्‍दुस्‍तान को एक ही ताकत वाला, एक ही quality वाला तेज गति से ले जाने वाला रास्‍ता बनाने का अभियान चलाया और आज हिन्‍दुस्‍तान गर्व से कह सकता है कि भारत के पूर्व से पश्चिम को जोड़ने का काम, उत्‍तर से दक्षिण को जोड़ने का काम वाजपेयी जी की स्‍वर्णिम चतुर्भुज योजना के कारण हिन्‍दुस्‍तान की पहचान दुनिया के समृद्ध देशों की बराबरी में ला करके रख दिया।

दूसरी तरफ, एक तरफ वाजपेयी जी हिन्‍दुस्‍तान को वैश्विक स्‍तर पर देखना चाहते थे तो दूसरी तरफ हिन्‍दुस्‍तान के गांव की भी चिन्‍ता करना चाहते थे। और इसलिए उन्‍होंने दूसरी बड़ी योजना बनाई। वो दूसरी बड़ी योजना थी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना। उस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से हिन्‍दुस्‍तान के उन गावों को पक्‍की सड़क से जोड़ा जाए ताकि गांव भी गति से आगे बढ़ें और स्‍वर्णिम चतुर्भुज के कारण विश्‍व की बराबरी करने की क्षमता पाएं।

Infrastructure की दुनिया में वाजपेयी जी की सरकार ने ये जो दो अहम् बातें हमारे सामने रखीं, आज बीच में दस साल का अंतराल चला गया, क्‍या हुआ, क्‍या नहीं हुआ, कैसे हुआ, इसकी चर्चा करने के लिए मैं नहीं आया हूं, लेकिन जो गति वाजपेयी जी ने दी थी उस गति को आगे बढ़ाना, देश को Infrastructure की नई उंचाइयों पर ले जाना, उस दिशा में एक बहुत बड़ा अभियान इस सरकार ने उठाया है। एक तरफ Express Highway की भारत के भिन्‍न-भिन्‍न भागों में श्रृंखला बढ़े, जब एक शहर को 100 किलोमीटर की radius में अन्‍य छोटे- छोटे शहरों के साथ जोड़ा जाता है तो सिर्फ रास्‍ते नहीं बनते लेकिन वो 100 किलोमीटर की radius में आने वाले हर छोटा-मोटा गांव, हर छोटा-मोटा शहर उसी ताकत के साथ विकास की नई उंचाइयों को प्राप्‍त करता है।

दिल्‍ली के साथ सट करके ये जो road network बनाने का हमने अभियान उठाया है वो पूरा अभियान दिल्‍ली के 100-150 किलोमीटर की radius के सारे क्षेत्र के विकास का एक बहुत बड़ा कारण बनने वाला है। Satellite township develop होने वाली है। जब मेरठ और दिल्‍ली तेज गति से जुड़ जाते हैं तो मेरठ, दिल्‍ली से भी तेज गति से आगे बढ़ जाता है। देहरादून बढ़ जाता है और इसलिए ये सिर्फ रास्‍ता नहीं बन रहा है, ये विकास का राजमार्ग बन रहा है।

पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के विकास में ये योजनाएं बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभर करके आने वाली हैं। अभी नीतीश जी बता रहे थे जो केदारनाथ में भयंकर आपत्ति आई, देश और विदेश के यात्री बेमौत मर गए, संकट बहुत बड़ा था, लेकिन क्‍या संकट को अवसर में भी पलटा जा सकता है? मेरी सरकार का स्‍वभाव है हर संकट को भी अवसर में पलट देना। और इसलिए हमने जो केदारनाथ का हादसा हुआ था, आने वाले दिनों में हिन्‍दुस्‍तान और दुनिया से चार धाम की यात्रा करने वाले लोगों के लिए भविष्‍य में कोई संकट न आए ऐसी व्‍यवस्‍था विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। और इसलिए हरि‍द्वार हो, ऋषि‍केश हो, गंगोत्री-यमुनोत्री हो, बदरीनाथ-केदारनाथ हो, इसको आधुनि‍क मार्ग से और all weather road के हि‍साब से तैयार करने की दि‍शा में हमने बीड़ा उठाया है और उसके कारण उत्‍तराखंड का वि‍कास भी उत्‍तराखंड के जन्‍म से अब तक नहीं हुआ उससे तेज गति‍ से बढ़ने वाला है और देशभर के यात्रि‍यों के लि‍ए वो एक नई सुवि‍धा का कारण बनने वाला है।

आज हमारे देश में जो मध्‍यम वर्ग और उच्‍च मध्‍यम वर्ग के नागरि‍क है, उन परि‍वारों में weekend के कार्यक्रम बनते हैं। weekend में outing करने का कार्यक्रम बनता है या vacant में यार दोस्‍तों को घर पर बुलाने का कार्यक्रम बनता है। धीरे-धीरे बड़े शहरों में मध्‍यम वर्ग और उच्‍च मध्‍यम वर्ग में weekend में दो दि‍न के लि‍ए परि‍वार के साथ कहीं न कहीं जाना, ये धीरे-धीरे एक पारि‍वारि‍क जीवन का हि‍स्‍सा बनता जा रहा है। लेकि‍न वो कहां दूर तो नहीं जा सकते। अगर एक बार दि‍ल्‍ली के बाहर 100-150 कि‍लोमीटर जाने के लि‍ए अगर अच्‍छे से अच्‍छा नेटवर्क मि‍ल जाता है, अच्‍छे से अच्‍छे रास्‍ते मि‍ल जाते हैं तो दि‍ल्‍ली से जो मध्‍यम वर्ग के, उच्‍च मध्‍यम वर्ग के करोड़ों नागरि‍क हैं, जि‍नको बाहर जाने का मन करता है। ये जो छोटे-छोटे शहर है, उनके नागरि‍क है, उनको बाहर जाने का मन करता है। ये व्‍यवस्‍था उनके काम आएगी और उसके कारण weekend tourism एक नया व्‍यवसाय वि‍कसि‍त होगा इस इलाके में। नौजवानों के रोजगार के लि‍ए एक नया अवसर प्रदान करेगा। एक रात के लि‍ए, दो रात के लि‍ए बाहर जाएं, अच्‍छी सुवि‍धा मि‍ल जाए परि‍वार के लोग जाना पसंद करेंगे और ये रास्‍ते जब बनते हैं तो ये सुवि‍धाएं काम आती हैं।

आने वाले दि‍नों में अब जब road ways infrastructure बनता है तो रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। अब करीब-करीब 6,000 करोड़ का ये प्रोजेक्‍ट बजट बनेगा, 8,000 करोड़, 7,500 करोड़। अब यह 7,500 करोड़ का जो प्रोजेक्‍ट लगता है तो इसमें कि‍तने हजारों लोगों को काम मि‍लता है। उन हजारों लोगों के लि‍ए कोई चाय की दुकान चलेगी, कोई भोजन का ठेका चलेगा। कि‍तने लोगों को रोजगार मि‍लता है। जब ये road बनता है तो 7,500 करोड़ में से अधि‍कतम पैसा रोजगारी में जाता है जो उत्‍तर प्रदेश के गरीब लोगों को ये रोजगार का अवसर प्रदान करता है। मशीन में या material में उतना रुपया नहीं लगता है जि‍तना कि‍ मजदूरी में लगता है और इसलि‍ए जब infrastructure के काम नि‍कलते हैं वो रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। जब रोजगार के अवसर पैदा करते हैं तो गांव के गरीब की खरीद शक्‍ति‍ को बढ़ावा देते हैं, उसकी purchasing power को बढ़ावा देते हैं और जब purchasing power गांव के व्‍यक्‍ति‍ का बढ़ता है, गरीब का purchasing power बढ़ता है तो हि‍न्‍दुस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था नई ऊंचाइयों को पार करती है, नई ताकत को पार करती है और इसलि‍ए हमारी सरकार जो भी योजनाएं लेकर के चल रही है वो योजनाएं आखि‍र में गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति‍ के काम आए, उसको रोजगार दे, उस पर ध्‍यान केन्‍द्रि‍त करती है।

एक तरफ जैसे हमने ये रास्‍तों के नेटवर्क पर काम तेज गति‍ से आगे बढ़ाया है, वैसा ही दूसरा बड़ा काम उठाया है प्रधानमंत्री कृषि‍ सिंचाई योजना। हमारी जि‍तनी कृषि‍ की योजनाएं हैं उन सबको एक बार review कि‍या जाए। 100% potential का use कैसे हो, जि‍तने कि‍लोमीटर पानी पहुंचाने का योजना में वि‍चार हुआ था, अगर वो नहीं पहुंचता है तो कैसे पहुंचाया जाए। आखि‍री खेत तक जि‍तने quantum में पानी मि‍लना चाहि‍ए, वो कैसे मि‍ले और नई योजनाएं नदि‍यों को जोड़कर के पूरे देश में पानी का एक ऐसा नेटवर्क खड़ा करने का सपना है ताकि‍ हमारे देश के कि‍सान को कभी बरसात का इंतजार न करना पड़े और बारि‍श न आए तो आत्‍महत्‍या करने के लि‍ए उसको मजबूर न होना पड़े उस दि‍शा में हम काम करेंगे।

भाइयों-बहनों ये हमारा पश्‍चि‍मी उत्‍तर प्रदेश गन्‍ना कि‍सानों का प्रदेश है। हि‍न्‍दुस्‍तान का मुंह मीठा करने का काम ये मेरे पश्‍चि‍मोत्‍तर प्रदेश के गन्‍ना कि‍सान करते हैं। लेकि‍न हमने देखा है जब दुनि‍या के बाजार में चीनी का दाम टूट जाता है तो मेरे गन्‍ना के कि‍सानों की कमर टूट जाती है और फि‍र सरकारें क्‍या करती? चलो इस बार इतना ले लो यार और काम नि‍काल दो और गन्‍ना कि‍सानों के पैसे बाकी के बाकी रह जाते हैं। क्‍या उसके रास्‍ते नहीं खोजे जा सकते, क्‍या चीनी का दाम गि‍र जाएगा तो मेरे कि‍सान की हालत भी गि‍र जाएगी क्‍या? हमने एक बड़ा बीड़ा उठाया है। हमने कहा, दुनि‍या के बाजार में अगर चीनी का दाम गि‍र भी जाए तो भी कि‍सान को खड़ा रखा जा सकता है और इसलि‍ए हमने एक काम कि‍या है। अब जैसे गन्‍ने में से चीनी बनती है, उसके साथ-साथ हम अगर चीनी ज्‍यादा बन गई तो चीनी का production कम करो भई। चीनी के दाम टि‍काए रखो लेकि‍न बीच में इथनॉल बना लो, चीनी मत बनने दो। अब इथनॉल बनाएगा लेकि‍न मार्कि‍ट नहीं होगा तो क्‍या करेगा और इसलि‍ए सरकार ने कानून बनाया कि‍ हमारी जो बस चलती है, पेट्रोलि‍यम से चलने वाली गाड़ि‍यां हैं उसमें पांच प्रति‍शत इथनॉल को मि‍क्‍स कि‍या जाए। इससे प्रदूषण की भी मुक्‍ति‍ होगी और हमारा गन्‍ने का कि‍सान जो गन्‍ना पैदा करता है उससे हमारी गाड़ि‍यां दौड़ेगी, एक्‍सप्रेस हाइवे भी बनेगा और इथनॉल से गाड़ि‍यां भी दौड़ेगी तो मेरे गन्‍ना पैदा करने वाले कि‍सान की गाड़ी भी तेज गति‍ से दौड़ेगी, ये हम वि‍कास का मॉडल लेकर के चल रहे हैं और इसलि‍ए मेरे भाइयों-बहनों इस वि‍कास की यात्रा को जन-जन तक पहुंचाए।

आज 31 दि‍सम्‍बर है 2015 का ये आखि‍री दि‍वस है। कल 01 जनवरी, 2016 का प्रारंभ हो रहा है। मेरी तरफ से आपको नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। इस देश के नौजवानों को नव वर्ष में एक अद्भुत तोहफा हम देने जा रहे हैं। एक अद्भुत सौगात देने जा रहे हैं। वो ऐसी सौगात है जो मेरे नौजवान को भ्रष्‍टाचार से मुक्‍ति‍ दि‍लाती है। वो ऐसी सौगात है जो मेरे देश के नौजवान को कि‍सी के आश्रि‍त बनने के लि‍ए मजबूर करने से मुक्‍ति‍ दि‍लाती है।

सरकार ने एक फैसला कि‍या है, जो फैसला कल लागू हो जाएगा। वो फैसला यह है कि‍ तीसरे और चौथी श्रेणी में सरकारी नौकरी के लि‍ए इंटरव्‍यू लि‍ए जाते हैं और हम जानते हैं इंटरव्‍यू का मतलब ही है सि‍फारि‍श। इंटरव्‍यू का मतलब यही निकाला जाता है कि‍ कि‍सी बड़े व्‍यक्‍ति‍ का कुर्ता पकड़कर के पहुंचना और जो हकदार है वो बेचारा हक से वंचि‍त रह जाता है। और इसलि‍ए सरकार का फैसला है – कल 01 जनवरी, 2016, आपको नव वर्ष कि‍ सौगात है कि‍ अब श्रेणी तीन और चार में इंटरव्‍यू नहीं लि‍या जाएगा। Technology के द्वारा merit के आधार पर वि‍धवा मां का बेटा होगा, अगर उसका हक बनता है, उसके घर में नौकरी का ऑर्डर आ जाएगा। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई का एक बहुत अहम कदम हमने उठाया है। नौजवानों को रोजगार में ये जो दि‍क्‍कतें आती हैं उससे मुक्‍ति‍ दि‍लाने का हमारा प्रयास है। मैं देश के सभी मुख्‍यमंत्रि‍यों से आग्रह करता हूं, देश के सभी राज्‍य सरकारों से आग्रह करता हूं कि‍ भारत सरकार ने सरकारी नौकरी के लि‍ए श्रेणी तीन और चार के लि‍ए इंटरव्‍यू समाप्‍त कि‍ए हैं, आप भी सभी राज्‍य सरकारें ये इंटरव्‍यू की परंपरा खत्‍म कीजि‍ए और merit के आधार पर नौजवानों को रोजगार दीजि‍ए।

नोएडा के मेरे प्‍यारे भाइयों-बहनों, कभी नोएडा वालों को याद नहीं रहता है कि‍ वो उत्‍तर प्रदेश के नागरि‍क है। उनको तो कभी-कभी लगता है कि‍ वो दि‍ल्‍ली वाले है। वो भूल जाते हैं। भाइयों-बहनों मैं नहीं भूलता हूं। आपको पता रहना चाहि‍ए मैं उत्‍तर प्रदेश का MP हूं, मैं भी उत्‍तर प्रदेश का हूं और इस प्रदेश ने मुझे जो प्‍यार दि‍या है, वो प्‍यार मुझे काम करने की प्रेरणा भी देता है। एक नई ऊर्जा देता है, नई ताकत देता है और उत्‍तर प्रदेश के MP के नाते भी मैं उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जी को वि‍शेष आग्रह करता हूं कि‍ आप भी श्रेणी तीन और चार में जो इंटरव्‍यू की परंपरा है वो उत्‍तर प्रदेश में समाप्‍त कर दीजि‍ए। उत्‍तर प्रदेश के नौजवानों को merit के आधार पर रोजगार का अवसर उपलब्‍ध कराने के लि‍ए आप व्‍यवस्‍था कीजि‍ए।

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भाइयों-बहनों हमारी सरकार गरीबों के लि‍ए एक के बाद एक अनेक कदम उठाने के लि‍ए कोशि‍श कर रही है। कुछ पुराने कानून है जो गरीबों की भलाई के लि‍ए, देश के आर्थि‍क वि‍कास के लि‍ए अब बहुत पुराने हो गए हैं। कई बाबतों में नए कानून बनाना जरूरी हो गया है। लेकि‍न ये देश का दुर्भाग्‍य है कि‍ भारत की संसद, जहां कानून बनते हैं, अब उस वो संसद को चलने नहीं दिया जाता है। जिनको जनता ने ठुकरा दिया, उन्‍होंने अब संसद को मान में लिया हुआ है। वे संसद को चलने नहीं देते। मैं खास करके सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं, लोकसभा में तो हमें बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है लेकिन मैं जनसभा में से आग्रह कर रहा हूं कि देश की जनता ने हमें संसद में चर्चा करने के लिए भेजा है, विचार-विमर्श करने के लिए भेजा है, debate करने के लिए भेजा है, मिल-बांट करके निर्णय करने के लिए भेजा है। हमारी जिम्‍मेवारी है जनता ने हमें जिस काम के‍िलिए भेजा है, उसको प्राथमिकता देना, उसको पूरा करना। विशेष करके उनकी जिम्‍मेवारी ज्‍यादा है, जिन्‍होंने 50-60 साल तक इस देश पर राज किया है। सरकार क्‍या होती है, संसद क्‍या होती है, संसद में काम होना कितना जरूरी होता है, ये हमसे भी ज्‍यादा उनको पता है, जिन्‍होंने 50-60 साल तक देश में सरकारें चलाई हैं, दर्जनों प्रधानमंत्री दिए हैं, उनकी विशेष जिम्‍मेवारी है कि अपने राजनीतिक कारणों को देश को आगे बढ़ने में बीच में न लाएं। संसद को चलने की जिम्‍मेवारी उनकी भी उतनी ही ज्‍यादा है क्‍योंकि 60 साल तक इस देश ने उनको सरकार बनाने का अवसर दिया है। जिनको अभी तक अवसर नहीं मिला है उसका गुस्‍सा हम समझ सकते हैं। जिनको मौका नहीं मिला है उसकी नाराजगी हम समझ सकते हैं। लेकिन जिन्‍होंने 60 साल तक देश में हर प्रकार की सत्‍ता का उपभोग किया है उनको संसद को बर्बाद करने का अधिकार नहीं है, संसद को रोकने का अधिकार नहीं है।

आज 2015 समाप्‍त हो रही है, मैं विशेषकर उनसे आग्रह करता हूं कि कल 1 जनवरी नई साल है, आज जब नया वर्ष मना रहे हों तो एक संकल्‍प ये भी कर लो कि आज 2016 से अब ससंद में रुकावटें नहीं डालोगे, संसद को चलने दोगे। देश को आगे बढ़ने दोगे। देश के गरीबों की भलाई के निर्णय करने दोगे। देश के नौजवानों को रोजगार के अवसर के लिए काम करने दोगे। ये अगर हम संकल्‍प करेंगे तो देश नई उंचाइयों को प्राप्‍त करेगा। मैं फिर एक बार आप सबका दृदय से अभिनंदन करता हूं और ये road पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के विकास की एक नई गाथा को आरंभ कर रहा है, मैं उत्‍तर प्रदेश के नागरिकों को भी शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Rt Hon David Lammy, Foreign Secretary of the United Kingdom calls on Prime Minister Shri Narendra Modi
June 07, 2025
QuotePrime Minister expresses satisfaction at the successful conclusion of the India-UK Free Trade Agreement and Double Contribution Convention
QuotePM Modi underscores the need for a decisive international action against terrorism

Rt Hon David Lammy, Foreign Secretary of the United Kingdom called on Prime Minister Shri Narendra Modi today.

PM Modi expressed satisfaction at the successful conclusion of the India-UK Free Trade Agreement and Double Contribution Convention and appreciated the constructive engagement by both sides that led to this milestone.

PM Modi welcomed the growing momentum in bilateral ties and expressed satisfaction at the deepening of the India-UK Comprehensive Strategic Partnership. He welcomed the continued collaboration under the Technology Security Initiative and noted its potential to shape trusted and secure innovation ecosystems.

FS David Lammy conveyed UK’s strong interest in further enhancing cooperation across key sectors including trade and investment, defence and security, technology, innovation, and clean energy. He expressed confidence that the FTA will unlock new economic opportunities for both countries.

The two leaders exchanged views on regional and global issues. UK Foreign Secretary strongly condemned the Pahalgam terror attack and expressed support for India’s fight against cross border terrorism. PM Modi underscored the need for a decisive international action against terrorism and those who support it.

Prime Minister conveyed his warm greetings to the UK Prime Minister Sir Keir Starmer and reiterated the invitation for his visit to India at the earliest mutual convenience.