Text of PM's address at Parivartan Rally in Muzaffarpur, Bihar

Published By : Admin | July 25, 2015 | 19:23 IST
QuoteBihar must be free from unemployment and Goonda Raaj: PM
QuoteBihar cannot go back to the era of loot and Jungle Raaj, says PM Modi
QuotePM Modi urges people of Bihar to vote wisely and elect a stable BJP Government

भारत माता की जय

कुछ लोग दूसरी मंजिल पर हैं, कुछ लोग तीसरी मंजिल पर हैं, कोई गिर जाएगा तो मैं क्या जवाब दूंगा भैया। एक बार नई सरकार बनने दो आप और नई उंचाईयों पर पहुँचने वाले हो। विश्वास रखिये लेकिन अभी कम-से-कम नीचे उतर जाईये। मुझे चिंता रहेगी कुछ हो गया तो मैं बहुत दुखी हो जाऊंगा।

मंच पर विराजमान केंद्र सरकार में मेरे साथी, श्रीमान अनंत कुमार जी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, श्रीमान मंगल पांडेय जी, राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री, श्रीमान सुशील कुमार मोदी जी, विधानसभा के नेता, श्री नंद किशोर यादव जी, भाजपा के प्रभारी श्री भूपेन्द्र यादव जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी, श्रीमान राधामोहन सिंह जी, श्री रविशंकर प्रसाद जी, श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी, श्रीमान राजीव प्रताप रूडी जी, श्रीमान गिरिराज जी, श्रीमान राम विलास पासवान जी, और हमारे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जिनका चेहरा सदाय हँसता रहता है, ऐसे हमारे जीतन राम मांझी जी, मेरे साथी, श्रीमान उपेन्द्र कुशवाहा जी, हम सबके मार्गदर्शक, हमारे सबसे पुराने वरिष्ठ नेता, डॉ. सी पी ठाकुर जी, हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, श्रीमान गोपाल नारायण जी, श्रीमान शकुनी चौधरी जी, सांसद श्री अरुण कुमार जी, पूर्व सांसद श्रीमान एम के सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार जी। बिहार के कोना कोना से आईल हमार भाई और बहन लोग, तोहरा सबके शत शत प्रणाम।

जब मेरे से यहाँ इस कार्यक्रम के लिए समय माँगा गया, मैं कल्पना नहीं कर सकता था कि ऐसा हुजूम मुझे देखने को मिलेगा। जहाँ भी मेरी नज़र पहुँच रही है, माथे ही माथे नज़र आ रहे हैं और सबसे बड़ी बात मुझे जो आपका ज़ज्बा नज़र आ रहा है। सारे पॉलिटिकल पंडित ये एक कार्यक्रम देख लें नतीजा साफ दिखता है अगली सरकार किसकी बनने वाली है। भाईयों-बहनों, जब हम पहले सोशल मीडिया में कभी ट्वीट करते थे तो यहाँ के एक नेता बड़ा मज़ाक उड़ाते थे और वो कहते थे, चहकते हैं, चहकते हैं, और ये चहकना, बड़ा मखौल उड़ाते थे। आज उन्होंने भी चहकने का रास्ता पसंद कर लिया और आज जब मैं उतरा तो उन्होंने ट्वीट किया था कि 14 महीने के बाद आप बिहार आ रहे हैं, आपका स्वागत है। मुख्यमंत्री जी, स्वागत के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। वक्त कैसे बदलता है और बदले हुए वक़्त का अंजाम कैसा होता है। वो भी एक वक़्त था, वो कहा करते थे कि हमारे पास एक मोदी है, दूसरे मोदी की क्या जरुरत है। बिहार में आपको आने की क्या आवश्यकता है। आप बिहार मत आईये और आज देखिये, अपनों का विरह कितना परेशान करता है अपनों की दूरी कैसी बेचैन बनाती है। पिछले दस साल के जो प्रधानमंत्री थे, वो दस साल में एक बार हवाई निरीक्षण करने आये थे और मेरा 14 महीने का विरह भी यहाँ के मुख्यमंत्री को परेशान कर रहा है, दुखी कर रहा है। एक-एक दिन कितना भारी गया होगा उनका। अपनों से जब इतना प्यार होता है, इतना लगाव होता है तो उनकी दूरी मुश्किल ही करती है। लेकिन आप चिंता मत कीजिये, मैं अब आ गया हूँ आपको अब ज्यादा विरह झेलना नहीं पड़ेगा।

भाईयों-बहनों, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, आप जवाब दोगे, आपको लगता है बिहार में बदलाव होना चाहिए? हालात बदलने चाहिए? स्थिति बदलनी चाहिए? अंधेरे से उजाला होना चाहिए? बेरोजगारी से रोजगारी आनी चाहिए? गुंडागर्दी से मुक्ति चाहिए? सुख-शांति की जिंदगी चाहिए? भाईयों-बहनों, अगर ये चाहिए तो मुझे सेवा करने का अवसर दीजिए। मुझे आपकी सेवा करने का मौका दीजिए और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि देश की आजादी से बिहार के लोगों ने जो सपने सजोये हैं, मैं 60 महीने के भीतर आपको पूरे करके दूंगा। मैं आपको वादा करता हूँ हम जिम्मेवारी से भागने वाले लोग नहीं हैं, हम जिम्मेवारियों को लेने वाले लोग हैं। मैं कभी-कभार समझ सकता हूँ कि एकाध व्यक्ति के प्रति हमारी राजी-नाराजी हो, मैं यह भी समझ सकता हूँ कि किसी का चेहरा हमें पसंद न आता हो, मैं ये भी समझता हूँ कि हमारे राजनीतिक भविष्य में शायद कहीं टकराव नज़र आता हो, लेकिन भाई इतना मैं बुरा था तो एक कमरे में आकर के एक चांटा मर देते, गला घोंट देते। आपने एक व्यक्ति के प्रति गुस्से में आकर के पूरे बिहार की विकास यात्रा का गला घोंट दिया। क्या ये लोकतंत्र होता है? क्या लोकतंत्र के ये तौर-तरीके होते हैं? मैं समझता हूँ कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, राजी-नाराजी हो सकती है। अरे गुस्सा निकालने के लिए आकर के मेरा गला भी घोंट देते लेकिन मुझे दुःख इस बात का नहीं है कि आपने हमारे साथ क्या किया। मुझे दुःख इस बात का है कि आपने बिहार की जनता के साथ क्या किया।

यहाँ के लोग जंगलराज से मुक्ति के लिए आपके पीछे खड़े हो गए, और आज फिर से आप बिहार को उसी जंगलराज की ओर घसीट रहे हो। आप मुझे बताईये मेरे भाईयों-बहनों, क्या बिहार में वो जंगलराज के दिन दोबारा चाहिए? वो मौत का खेल दोबारा चाहिए? ये गुंडागर्दी दोबारा चाहिए? ये लूट-खसोट चाहिए दोबारा? मेरे बिहार के भाईयों-बहनों को इस हालात में छोड़ा नहीं जा सकता और इसलिए भाईयों-बहनों, ये चुनाव किसकी सरकार बने, किसकी न बने, इसके लिए नहीं है। ये चुनाव बिहार के नौजवानों का भविष्य तैयार करने के लिए है, ये चुनाव बिहार के किसानों का भाग्य बदलने के लिए है, ये चुनाव बिहार की माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए है और इसलिए भाईयों-बहनों, विकास के रास्ते पर गए बिना बिहार का भला नहीं होगा। और इसलिए मैं आज आग्रह करने आया हूँ कि आप आईये, अपने हर किसी को आजमा लिया है, हर प्रकार के मॉडल आप देख चुके हो, एक बार हमें भी आजमा कर के देखो। एक बार हमारे एनडीए के मेरे साथियों को बिहार की जनता का सेवा करने का अवसर दीजिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ आज देखिये, हमारी दिल्ली सरकार का जरा लेखा-जोखा लीजिये। मैं नहीं जानता हूँ कि यहाँ के पॉलिटिकल पंडितों ने कभी हिसाब लगाया है या नहीं। दिल्ली में मोदी की सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री, सबसे महत्वपूर्ण मंत्री, सबसे महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट अगर किसी के पास है तो मेरे इन बिहार के नेताओं के पास है। एक प्रकार से बिहार के नेता आज पूरे हिंदुस्तान को चला रहे हैं। ये ताकत बिहार को कहाँ से कहाँ ले जा सकती है, इसका आप अंदाज कर सकते हैं।

भाईयों-बहनों, आपने मुझे पांच साल के लिए चुनकर के भेजा है और बिहार ने तो भारी समर्थन किया है। मैं बिहार की जनता को शत-शत वंदन करता हूँ, आपने मुझे जो समर्थन दिया है। मुझे बताईये, जो लोग यह कहते रहे हैं कि हम मोदी को बिहार में घुसने नहीं देंगे, हम मोदी को बिहार आने नहीं देंगे, हमें मोदी की बिहार में जरुरत नहीं है, अगर ऐसे लोग सरकार बनाएंगे और केंद्र से कोई नाता ही नहीं रखेंगे तो बिहार का भला होगा क्या? क्या इस देश में एक सरकार दूसरी सरकार से लड़ती रहे? इससे किसी राज्य का भला होगा क्या? ये लड़ाई वाली सरकारें चाहिए या कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने वाली सरकार चाहिए? भाईयों-बहनों, मैं दिल्ली में बैठकर के, जो भी पूरे देशभर में संसाधन है, एक बार सेवा का अवसर दीजिए आपके काम आते हैं कि नहीं आते, आप देख लीजिये।

मैं तो यहाँ हैरान हूँ मेरा जन्म गुजरात की धरती पर हुआ था। द्वारकाधीश गुजरात में है, भगवान श्रीकृष्ण गुजरात के लोगों के आराध्य हैं। यदुवंश की उत्तम परंपरा को निभाने का काम गुजरात की धरती पर सदियों से होता आया है लेकिन हम जिस कृष्ण के पुजारी हैं, मैं जरा पूछना चाहता हूँ, मुझे श्रीकृष्ण की एक बात बराबर याद रहती है जब वो बालक थे और कालीनाग के कारण लोग परेशान थे तो बालक कृष्ण ने ताकत दिखाकर के कालीनाग का शिरच्छेद कर दिया था। कालीनाग को ख़त्म किया था कि नहीं किया था और आज यदुवंश की बातें करने वाले लोग रो रहे हैं कि उन्हें जहर पीना पड़ रहा है। अरे कृष्ण का वंशज जहर पीता नहीं, बल्कि कालीनाग के वंश को ही ख़त्म कर देता है। यही तो उसकी ताकत होती है और आपने तो जहर पीया क्योंकि आपका स्वार्थ है। अपने बेटे-बेटियों के लिए आपको कुछ इंतजाम करना है लेकिन आपने सभी यदुवंशियों को जहर पीने के लिए मजबूर क्यों किया? उनको जहर पीने के लिए मजबूर क्यों किया? क्या गुनाह है उनका? और इसलिए मैं तो हैरान हूँ, अख़बारों में पढ़ते हैं, यहाँ पर क्या चर्चा चल रही है, यहाँ के किसानों का भला होगा कि नहीं होगा, चर्चा नहीं हो रही है; नौजवानों को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा, चर्चा नहीं हो रही है; गुंडागर्दी खत्म होगी कि नहीं होगी चर्चा नहीं हो रही है; उद्योग-कारखाने लगेंगे कि नहीं लगेंगे, चर्चा नहीं हो रही है; गाँव में बिजली आएगी कि नहीं आएगी, चर्चा नहीं हो रही है; किसानों को पानी मिलेगा कि नहीं मिलेगा, चर्चा नहीं हो रही है। चर्चा क्या हो रही है, कौन सांप है, कौन सांप नहीं है, कौन जहर पीता है, कौन जहर पिलाता है। अरे भाई ये तुम दोनों तय कर लो कि सांप कौन है, जहर कौन है, कौन जहर पिलाता है, कौन जहर पीता है। आप दोनों का अंदरूनी मामला है एक कमरे में बैठकर के तय कर लो। बिहार की जनता को जहर पीने के लिए मजबूर मत करो। ये आपको अंदरूनी मामला है बिहार की जनता को तो पीने का पानी चाहिए। बिहार के नौजवान को रोजगार चाहिए। बिहार में उद्योगों का विकास चाहिए। बिहार में सड़कें चाहिए।

भाईयों-बहनों, बिहार में चुनाव तो अब आया है। ये पिछले चुनाव में जब वोट लेने निकले थे, अभी राम विलास जी बता रहे थे, उन्होंने अपने भाषण में भी कहा। उन्होंने आपको कहा था कि 2015 में अगर मैं आपको बिजली न पहुंचाऊं तो मैं वोट मांगने के लिए नहीं आऊंगा ऐसा कहा था? याद करो कहा था? बिजली नहीं दूंगा तो वोट नहीं मांगूंगा, ऐसा कहा था? उन्होंने कहा था ना? बिजली आई? बिजली आई? नहीं आई न, वो वोट मांगने आये कि नहीं आये? आपका भरोसा तोड़ा कि नहीं तोड़ा? आपकी पीठ में छूरा भोंका कि नहीं भोंका? अरे हमारी छोडो, आपकी पीठ में छूरा भोंकना जिन लोगों के कारनामे रहे हैं, ऐसे लोगों पर दोबारा भरोसा नहीं किया जा सकता। और इसलिए भाईयों-बहनों, मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ, बिहार का भाग्य बदलने के लिए। बिहार के पास न सिर्फ़ बिहार का भाग्य बदलने का बल्कि पूरे हिंदुस्तान का भाग्य बदलने की ताकत है। इतने प्राकृतिक संसाधन हैं, इतने उत्तम प्रकार का मानव बल है, इतनी महान शक्ति का स्त्रोत है। जो सदियों पहले पूरा देश जिस धरती के लिए गर्व करता था, उस धरती के संतानों में आज भी वो ताकत है हिंदुस्तान को गर्व दिलाने की और इसे मुझे पुनः वापस लाना है और इसलिए मैं आपके पास आया हूँ।

भाईयों-बहनों, ये सब परेशानियां ज्यादा-से-ज्यादा 100 दिन हैं। 100 दिन के बाद बिहार की जनता इनकी छुट्टी कर देगी। बिहार की जनता अब इस प्रकार के लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी। मैं तो हैरान हूँ। एक बार मैं पटना आया था। हमारी पार्टी की कार्यसमिति की मीटिंग थी और यहाँ के मुख्यमंत्री ने हमको खाने पर बुलाया था। अब हमारी थाली उन्होंने छीन ली। भोजन पर बुला कर के कभी कोई थाली छीन लेता है क्या? ये लालू जी कह रहे हैं, मैं आज जहर पी रहा हूँ, मैंने तो उस दिन भी जहर पीया था और तब मेरे मन को जरा चोट पहुंची थी। क्या राजनीति में इतनी छुआछूत? सार्वजनिक जीवन के ये संस्कार कि टेबल पर परोसी हुई थाली खींच लेना, मेरे मन को बड़ी चोट पहुंची थी, मैंने कभी बोला नहीं न ही मैंने कभी मन में इसका मलाल रखा, चलो ठीक है भाई लेकिन जब जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया। मुझे लगा कि अरे मोदी की क्या औकाद है, उसकी तो थाली खींच ली, एक चाय वाले के बेटे की थाली खींच लें, एक गरीब के बेटे की थाली खींच लें लेकिन एक महादलित की तो सारी की सारी पूँजी ले ली, सारा पुण्य खींच कर के ले लिया। भाईयों और बहनों, तब मुझे लगा कि शायद डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है क्योंकि लोकतंत्र का डीएनए ऐसा नहीं होता है। लोकतंत्र का डीएनए अपने विरोधियों को भी आदर और सत्कार देने का होता है लेकिन इन्होंने जो लोकतंत्र सीखा और चलाया है, उसमें जॉर्ज फ़र्नान्डिस का क्या हुआ? इसी धरती से जुड़े थे, उनके साथ क्या किया गया? सुशील मोदी जो कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे उनके साथ क्या किया? ये सारे नेता जो कभी न कभी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले, उनके साथ क्या किया? क्या आप अब भी लोकतंत्र के इस डीएनए को नहीं समझ पाएंगे क्या? क्या ऐसे लोगों को माफ़ करेंगे क्या?

भाईयों-बहनों, और इसलिए आज मैं आग्रह से कहने आया हूँ कि बिहार को हम ऐसे तत्वों के भरोसे नहीं छोड़ सकते। बिहार में दोबारा जंगलराज नहीं आने देंगे ये बिहार की जनता को शपथ लेनी चाहिए। आरजेडी का पूरा अर्थ मालूम है क्या? आरजेडी का पूरा अर्थ मालूम है क्या? आरजेडी का पूरा अर्थ होता है – रोजाना जंगलराज का डर, आरजेडी का मतलब होता है – रोजाना जंगलराज का डर। क्या ये रोजाना जंगलराज का डर चाहिए आपको? इस डर से मुक्ति चाहिए कि नहीं चाहिए? और इसलिए भाईयों-बहनों, ये चुनाव रोजाना जंगलराज के डर से मुक्ति का चुनाव है और इसलिए मैं यह कहने आया हूँ। आप देखिये पहले भी सरकारें हुईं, बिहार के साथ क्या हुआ है और हम बिहार के साथ क्या करेंगे। आज मैं अनेक कार्यक्रमों का उद्घाटन करके आया हूँ, शिलान्यास करके आया हूँ, हज़ारों-करोड़ की सौगात बिहार की धरती को देकर के आया हूँ।

भाईयों-बहनों, एक झूठ फैलाया जा रहा है तेरहवें फाइनेंस कमीशन और चौदहवें फाइनेंस कमीशन के संबंध में। 2010 से 2015, किसकी सरकार थी आपको मालूम है, उस सरकार ने बिहार को फाइनेंस कमीशन के माध्यम से जो पैसा दिया, वो था करीब-करीब ढेढ़ लाख करोड़। अब 2015 से 2020, हमारी बारी है, हमने क्या देना तय किया, पौने चार लाख करोड़ रुपये। पहले क्या मिलता था - ढेढ़ लाख करोड़, अब कितना मिलेगा - पौने चार लाख करोड़ रुपये। बिहार की जनता की झोली में पौने चार लाख करोड़ रुपये आएंगे। मुझे बताईये कि विकास के काम आगे बढ़ेंगे कि नहीं बढ़ेंगे? इन्होने वादा किया था कि बिजली नहीं तो वोट नहीं। उन्होंने तो कुछ किया नहीं और न कभी मेरे पास आकर के कहा। लेकिन मेरी सरकार बनने के बाद मैं जब विदेश यात्रा के लिए गया तो सबसे पहले मैं भूटान गया। बहुत छोटा देश है बिहार से तो बहुत कम आबादी है, बहुत कम पटना से भी कम। भूटान में जाकर कौन सा करार किया – भूटान के अन्दर भारत सरकार धन लगाएगी और पानी से पैदा होने वाली बिजली, जल विद्युत् के लिए करार किया, शिलान्यास किया और इस तरह भूटान में जो बिजली पैदा होगी, उसका सबसे ज्यादा हिस्सा ये मेरी बिहार की जनता को मिलेगा। ये निर्णय हमने किया और सरकार बनने के बाद मेरी पहली विदेश यात्रा में हमने यह काम किया। दूसरी विदेश यात्रा मेरी नेपाल की थी। नेपाल में भी जल विद्युत् का करार किया और वहां से बिजली बन करके कहाँ आएगी, इसी इलाके में आएगी। मुझे बताईये, आज इतना बड़ा बिहार, 300 मेगावाट बिजली के भी आप मालिक नहीं हो जबकि आपको 5000 मेगावाट बिजली की जरुरत है। इन सरकारों ने केवल 300 मेगावाट बिजली बनाई है, बाकि बिजली ये बना पाएंगे क्या? इतने सालों में जो बिजली नहीं दे पाए, वो अब दे पाएंगे क्या? मैं वादा करता हूँ, मेरा अनुभव है और मैंने करके दिखाया है। मैं बिहार में 24 घंटे घरों में बिजली देने का वादा करने आया हूँ। और बिजली आती है तो अकेली बिजली नहीं आती। बिजली आती है तो सिर्फ़ घर में रोशनी आती है, ऐसा नहीं है। बिजली आती है तो इसके साथ जीवन बदलना शुरू हो जाता है। अगर बच्चों को पढ़ाई करनी है, कंप्यूटर सीखना है तो बिजली आने के साथ वो भी शुरू हो जाता है। अरे मोबाइल फ़ोन चार्ज करना हो तो भी दूसरे गाँव जाना पड़ता है। जाना पड़ता है ना? मोबाइल फ़ोन कितना ही महंगा क्यों न लाए हो लेकिन आपके काम नहीं आता है क्योंकि पटना में बैठी हुई सरकार आपको बिजली नहीं देती है। मुझे बताईये, आपको भी अच्छे टीवी शो देखने का मन करता है कि नहीं करता है? सास भी कभी बहू थी, देखने को मन करता है कि नहीं करता है; टीवी पर अच्छे गाने सुनने का मन करता है कि नहीं करता है? अगर बिजली नहीं होगी तो कहाँ से देखोगे? इन्होने आपको पिछली सदी में धकेल करके रखा है। बिहार को उन्होंने आधुनिक नहीं बनने दिया है। बिजली आएगी, कारखाने लगेंगे। हम कारखाने लगाना चाहते हैं, हम उद्योग लगाना चाहते हैं।

आज बिहार का एक संतान, एक युवा मेरी सरकार में मंत्री है और मैंने उसे इतना बड़ा काम दिया है, स्किल डेवलपमेंट का। ये स्किल डेवलपमेंट बिहार का भाग्य बदलने वाला है, यह मैं आपको कहने आया हूँ। यहाँ उद्योग लगे, यहाँ के नौजवानों का स्किल डेवलपमेंट हो और यहाँ का जीवन बदल जाए, बिहार के नौजवान को बिहार में अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़कर रोजी-रोटी कमाने कहीं जाना न पड़े, ऐसा बिहार बनाने का मेरा इरादा है और उसके लिए मुझे आपको आशीर्वाद चाहिए और वो आशीर्वाद लेने के लिए मैं आया हूँ। भाईयों-बहनों, आज वक़्त इतना बदल चुका है, रोड कनेक्टिविटी चाहिए, रेल कनेक्टिविटी चाहिए, एयर कनेक्टिविटी चाहिए। लेकिन अब जैसे-जैसे युग बदला है लोग कहते हैं हमें तो गैस ग्रिड चाहिए। चाहिए कि नहीं चाहिए? सूरत में मेरे यहाँ बिहार के लोग रहते हैं, वो जब यहाँ वापिस आते हैं तो यहाँ झगड़ा होता है जब वो कहते हैं कि जैसे यहाँ नलके में पानी आता है ना वैसे गुजरात में नलके में गैस आता है। यहाँ के लोग भरोसा नहीं करते। बिहार के लोग जब मुझे मिलते है तो बताते हैं कि मोदी जी मेरे गाँव के लोग तो मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि ऐसा भी होता है। बिहार के भाईयों-बहनों, वो दिन अब दूर नहीं है जब मैं पटना तक शुरुआत करूँगा और सैंकड़ों किमी गैस की लंबी पाइपलाइन लगा करके पटना में घरों में गैस देना प्रारंभ कर दूंगा और आगे बिहार के और स्थानों पर भी गैस जाएगा। रसोईघर में टैब चालू करते ही गैस आएगा। अब गैस का सिलिंडर लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। किसी दलाल को पैसा नहीं देना पड़ेगा। ये काम हम करते हैं और हजारों करोड़ रूपया लगता है इन कामों के लिए। आज मैं इसका शिलान्यास करके आया हूँ। काम शुरू हो जाएगा, बजट मंजूर कर दिया है। आपके यहाँ बरौनी में फ़र्टिलाइज़र का कारखाना बंद पड़ा हुआ है। यहाँ के नौजवानों को रोजगार चाहिए कि नहीं चाहिए? रोजगार मिलने चाहिए कि नहीं मिलने चाहिए? अगर कारखाने नहीं होंगे तो रोजगार कहाँ से मिलेगा और इसलिए हमने उस फ़र्टिलाइज़र का कारखाना, जो बंद पड़ा था, उसको चालू करने का निर्णय किया है ताकि यहाँ के किसानों को सस्ता खाद मिल जाए और यहाँ के नौजवान को रोजगार मिल जाए। और करीब 5 हजार करोड़ रूपया लगने वाला है, कोई कम पैसा नहीं है यह।

भाईयों-बहनों, कुछ लोग होते हैं जो वादे की खातिर वादे करते हैं, फिर वादे भुला देने की कोशिश करते हैं और इनको वादे की याद दिला दें तो मुकर जाने की आदत रहती है। जैसे आपको कहा गया था कि बिजली दूंगा तभी तो वोट मांगने आऊंगा। मैं भी चुनाव के समय यहाँ आया था। मैंने भी वादे किये थे लेकिन मैं वादे भुलाने के लिए नहीं आया हूँ। मैंने जो वादे किये थे, उन वादों को मैं खुद दोबारा याद करने यहाँ आया हूँ और मुकर जाने का तो सवाल ही नहीं उठता है। लोकसभा के चुनाव में पटना की धरती पर जब बम धमाके चल रहे थे, लोग मौत के घाट उतार दिये जा रहे थे, हिंसा के मातम से लोकतंत्र का गला दबोचा जा रहा था, उस समय बम धमाकों के बीच डरे बिना, विचलित हुए बिना, गुस्सा व्यक्त किये बिना, नाराजगी व्यक्त किये बिना पूरे शांत मन से उस सभा को मैंने संबोधित किया था। मौत अंगड़ाई ले रहा था उस मैदान में, लेकिन पूरी स्वस्थता के साथ मैंने बिहार की जनता से संवाद किया था और ऐसे संकट की घड़ी में भी मैंने कहा था कि दिल्ली में जब हमारी सरकार बनेगी और जब पूरी योजना बनने लगेगी, हम बिहार को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देंगे। आपको याद है, नहीं है न? मैंने ये वादा किया था और आज जब मैं बिहार की धरती पर आया हूँ तो मैं आपको मैं कहता हूँ, वो वादा मैं निभाऊंगा और सिर्फ़ 50 हजार करोड़ से बात बनेगी नहीं अब तो क्योंकि दिल्ली सरकार में बैठने के बाद बिहार को मैंने बारीकी से अध्ययन किया है। बिहार में क्या अच्छा हो सकता है, उस पर मैं सोचने लगा, बिहार के सभी नेताओं से बातचीत करने लगा, सुझाव लेने लगा और मेरे मन में धीरे-धीरे एक समृद्ध बिहार का चित्र बनने लगा, एक विकास वाले बिहार का चित्र खड़ा होने लगा। मुझे लगा ये अगर सपना मुझे पूरा करना है तो 50 हजार करोड़ से पूरा नहीं होगा और इसलिए मैंने उससे भी ज्यादा बड़ा पैकेज देने का विचार कर लिया है। लेकिन अभी पार्लियामेंट चालू है मेरे जुबान पर थोड़ा ताला लगा हुआ है। मैं बोल नहीं पा रहा हूँ लेकिन जैसे ही पार्लियामेंट समाप्त हो जाएगी, मैं आपको खुद आकर बता दूंगा कि कितना बड़ा पैकेज आपको मिलने वाला है।

आजकल कुछ ऐसे झूठ फैलाये जाते हैं, किसी ने हमसे माँगा नहीं था लेकिन जब बजट आया तो हमारा सपना था बिहार को आगे ले जाने का, बिहार में औद्योगिक क्रांति लाने का, बिहार के नौजवानों को रोजगार मिले, इसलिए हमने बजट के अन्दर एक योजना बनाई स्पेशल स्टेटस वाला राज्य, उसमें सबसे फायदा होने वाली बातें कौन सी हैं और हमने पाया कि स्पेशल स्टेटस में दो बड़ी महत्वपूर्ण बातें हैं। हमने तय किया कि जो सबसे बड़ा फायदा है, वो बिहार को मिलना चाहिए और इसलिए हमने बिहार के लिए, नए इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट करने के लिए 15% इन्वेस्टमेंट अलाउंस और 15% का एडिशनल डेप्रिसिएशन अलाउंस इसमें रिडक्शन की हमने घोषणा कर दी और मैं समझता हूँ कि हिंदुस्तान में स्पेशल केटेगरी का इतना बड़ा लाभ, बिहार अगर दम हो तो ले सकता है। कितना बड़ा लाभ मिलेगा, इसका आप अंदाज कर सकते हो। बिहार के नौजवानों को कितना रोजगार मिल सकता है, इसका आप अंदाज कर सकते हो।

भाईयों-बहनों, अभी तो ये शुरुआत है लेकिन मैं जो ये नजारा देख रहा हूँ इससे मुझे साफ लगता है कि जैसे लोकसभा में अपने मेरा साथ दिया, विधानसभा में उससे भी बढ़कर आप मेरा साथ दोगे। बिहार में इस बार आप निर्णय कर लीजिये कि दो-तिहाई बहुमत के साथ ही सरकार बनाएंगे। दो-तिहाई बहुमत के साथ ही एक मजबूत सरकार बनाईये। मुझे बताईये कि किसी ट्रेक्टर को एक इंजन लगा हो तो ज्यादा तेज चलता है कि दो इंजन लगा हो तो ज्यादा तेज चलता है? बताईये, कितने इंजन चाहिए? आपने दिल्ली में तो आपने इंजन दे दिया है अब बिहार में इंजन दे दीजिए। दो इंजन से बिहार की गाड़ी ऐसी तेज चलेगी भाईयों कि पिछले 60 सालों में जो नहीं हुआ, वो तेज गति से हमारी विकास की यात्रा आगे बढ़ेगी। इसी एक संकल्प के साथ मैं एक बार फिर एनडीए के मेरे सभी साथियों का हृदय से अभिनन्दन करता हूँ और बिहार का भाग्य बदलेगा इस विश्वास के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।                  

Explore More
ഓരോ ഭാരതീയന്റെയും രക്തം തിളയ്ക്കുന്നു: മൻ കി ബാത്തിൽ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

ഓരോ ഭാരതീയന്റെയും രക്തം തിളയ്ക്കുന്നു: മൻ കി ബാത്തിൽ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Govt launches 6-year scheme to boost farming in 100 lagging districts

Media Coverage

Govt launches 6-year scheme to boost farming in 100 lagging districts
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
റോസ്ഗർ മേളയുടെ ഭാഗമായി 51,000-ത്തിലധികം നിയമന കത്തുകളുടെ വിതരണ വേളയിൽ പ്രധാനമന്ത്രി നടത്തിയ പ്രസംഗത്തിന്റെ മലയാളം പരിഭാഷ
July 12, 2025
Quoteഇന്ന്, 51,000-ത്തിലധികം യുവാക്കൾക്കു നിയമനപത്രങ്ങൾ നൽകി; ഇത്തരം തൊഴിൽമേളകളിലൂടെ ദശലക്ഷക്കണക്കിനു യുവാക്കൾക്ക് ഇതിനകം സ്ഥിരമായ ഗവണ്മെന്റ് ജോലി ലഭിച്ചു; ഇപ്പോൾ ഈ യുവാക്കൾ രാഷ്ട്രനിർമാണത്തിൽ പ്രധാന പങ്കുവഹിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ത്യക്ക് അനന്തമായ രണ്ടു ശക്തികളുണ്ടെന്ന് ഇന്നു ലോകം അംഗീകരിക്കുന്നു, ഒന്നു ജനസംഖ്യാശക്തി; മറ്റൊന്നു ജനാധിപത്യം. മറ്റൊരുവിധത്തിൽ പറഞ്ഞാൽ, ഏറ്റവും വലിയ യുവജനസംഖ്യയും ഏറ്റവും വലിയ ജനാധിപത്യവും: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്നു രാജ്യത്തു രൂപപ്പെടുന്ന സ്റ്റാർട്ടപ്പുകളുടെയും നൂതനാശയങ്ങളുടെയും ഗവേഷണത്തിന്റെയും ആവാസവ്യവസ്ഥ രാജ്യത്തെ യുവാക്കളുടെ കഴിവുകൾ വികസിപ്പിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഅടുത്തിടെ അംഗീകരിച്ച പുതിയ പദ്ധതിയായ തൊഴിൽബന്ധിത ആനുകൂല്യപദ്ധതിയിലൂടെ സ്വകാര്യമേഖലയിൽ പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുന്നതിലും ഗവണ്മെന്റ് ശ്രദ്ധ കേന്ദ്രീകരിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ന്, ഇന്ത്യയുടെ ഏറ്റവും വലിയ ശക്തികളിലൊന്ന് നമ്മുടെ ഉൽപ്പാദന മേഖലയാണ്; ഉൽപ്പാദനത്തിൽ ധാരാളം പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കപ്പെടുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഉൽപ്പാദനമേഖലയെ ഉത്തേജിപ്പിക്കുന്നതിനായി, ഈ വർഷത്തെ ബജറ്റിൽ ‘മിഷൻ മാനുഫാക്ചറിങ്’ പ്രഖ്യാപിച്ചു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ത്യയിലെ 90 കോടി പൗരന്മാരെ സാമൂഹ്യക്ഷേമപദ്ധതികളുടെ പരിധിയിൽ കൊണ്ടുവരാൻ കഴിഞ്ഞതായി അന്താരാഷ്ട്ര തൊഴിൽ സംഘടനയുടെ (ILO) റിപ്പോർട്ട് വ്യക്തമാക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ന്, ലോകബാങ്ക് പോലുള്ള പ്രധാന ആഗോള സ്ഥാപനങ്ങൾ ഇന്ത്യയെ പ്രശംസിക്കുന്നു; ​ലോകത്തു സാമൂഹ്യസമത്വമുള്ള രാജ്യങ്ങളുടെ മുൻനിരയിൽ ഇന്ത്യ ഇടംനേടി: പ്രധാനമന്ത്രി

നമസ്‌കാരം!

കേന്ദ്ര സർക്കാരിൽ യുവാക്കൾക്ക് സ്ഥിരം ജോലി നൽകാനുള്ള ഞങ്ങളുടെ പ്രചാരണം അനസ്യൂതം തുടരുകയാണ്. ഈ ഒരു പ്രക്രിയയിൽ ഞങ്ങൾ പേരുകേട്ടവരാണ് -ഇവിടെ ശുപാർശയില്ല, അഴിമതിയില്ല. ഇന്ന്, 51,000-ത്തിലധികം യുവാക്കൾക്ക് നിയമന കത്തുകൾ നൽകിയിട്ടുണ്ട്. ഇത്തരം തൊഴിൽ മേളകളിലൂടെ ലക്ഷക്കണക്കിന് യുവാക്കൾക്ക് ഇതിനകം കേന്ദ്ര സർക്കാരിൽ സ്ഥിരം ജോലി ലഭിച്ചിട്ടുണ്ട്. ഈ യുവാക്കൾ ഇപ്പോൾ രാഷ്ട്രനിർമ്മാണത്തിൽ ഒരു പ്രധാന പങ്ക് വഹിക്കുന്നു. ഇന്ന്, നിങ്ങളിൽ പലരും ഇന്ത്യൻ റെയിൽവേയിൽ നിങ്ങളുടെ ഉത്തരവാദിത്തങ്ങൾ ആരംഭിച്ചു. നിങ്ങളിൽ ചിലർ ഇനി രാഷ്ട്രസുരക്ഷയുടെ കാവൽക്കാരായി മാറും, തപാൽ വകുപ്പിൽ നിയമിതരായ മറ്റുള്ളവർ എല്ലാ ഗ്രാമങ്ങളിലും സർക്കാർ സേവനങ്ങൾ എത്തിക്കാൻ സഹായിക്കും, ചിലർ എല്ലാവർക്കും ആരോഗ്യം എന്ന ദൗത്യത്തിന്റെ പാദസേവകരാകും, നിരവധി യുവ പ്രൊഫഷണലുകൾ സാമ്പത്തിക ഉൾപ്പെടുത്തൽ ത്വരിതപ്പെടുത്താൻ സഹായിക്കും, മറ്റുള്ളവർ ഭാരതത്തിന്റെ വ്യാവസായിക വികസനം മുന്നോട്ട് നയിക്കും. നിങ്ങളുടെ വകുപ്പുകൾ വ്യത്യസ്തമായിരിക്കാം, പക്ഷേ ലക്ഷ്യം ഒന്നുതന്നെയാണ്.ആ ലക്ഷ്യം എന്താണ്? നമ്മൾ അത് വീണ്ടും വീണ്ടും ഓർമ്മിക്കണം: വകുപ്പ്, ചുമതല, സ്ഥാനം അല്ലെങ്കിൽ പ്രദേശം എന്തുതന്നെയായാലും - ഒരേയൊരു ലക്ഷ്യം രാഷ്ട്രസേവനമാണ്. നമ്മെ നയിക്കുന്ന തത്വം : പൗരന്മാർ ആദ്യം. രാജ്യത്തെ ജനങ്ങളെ സേവിക്കുന്നതിനുള്ള ഒരു മികച്ച വേദി നിങ്ങൾക്ക് നൽകിയിരിക്കുന്നു. ജീവിതത്തിലെ ഇത്രയും പ്രധാനപ്പെട്ട ഒരു ഘട്ടത്തിൽ ഈ മഹത്തായ വിജയം നേടിയതിന് നിങ്ങളെയെല്ലാം ഞാൻ അഭിനന്ദിക്കുന്നു. നിങ്ങളുടെ കരിയറിലെ ഈ പുതിയ യാത്രയ്ക്ക് എന്റെ ആശംസകൾ നേരുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

ഇന്ന് ലോകം ഭാരതത്തിന് രണ്ട് പരിധിയില്ലാത്ത ശക്തികളുണ്ടെന്ന് അംഗീകരിക്കുന്നു: ഒന്ന് ജനങ്ങളും,മറ്റൊന്ന് ജനാധിപത്യവും  - ഏറ്റവും കൂടുതൽ യുവജനസംഖ്യയും ലോകത്തിലെ ഏറ്റവും വലിയ ജനാധിപത്യവും. ഈ യുവശക്തിയാണ് ഭാരതത്തിന്റെ ശോഭനമായ ഭാവിക്കുള്ള ഏറ്റവും വലിയ ആസ്തിയും ശക്തമായ ഉറപ്പും. ഈ ശക്തിയെ അഭിവൃദ്ധിക്കുള്ള ഒരു സൂത്രവാക്യമാക്കി മാറ്റാൻ നമ്മുടെ സർക്കാർ രാവും പകലും പ്രവർത്തിക്കുന്നു. നിങ്ങൾക്കെല്ലാവർക്കും അറിയാവുന്നതുപോലെ, അഞ്ച് രാജ്യങ്ങൾ സന്ദർശിച്ച് ഞാൻ തിരിച്ചെത്തിയതേയുള്ളൂ. എല്ലാ രാജ്യങ്ങളിലും, ഭാരതത്തിന്റെ യുവശക്തിയെ പ്രശംസിക്കുകയും അംഗീകരിക്കുകയും ചെയ്യുന്നത് എനിക്ക് കേൾക്കാൻ കഴിഞ്ഞു. ഈ സന്ദർശനങ്ങളിൽ ഒപ്പുവച്ച എല്ലാ കരാറുകളും തീർച്ചയായും ഭാരതത്തിന്റെ യുവാക്കൾക്ക് സ്വദേശത്തും വിദേശത്തും ഗുണം ചെയ്യും. പ്രതിരോധം, ഔഷധങ്ങൾ, ഡിജിറ്റൽ സാങ്കേതികവിദ്യ, ഊർജ്ജം, അപൂർവ ഭൂമി ധാതുക്കൾ തുടങ്ങിയ മേഖലകളിൽ, ഒപ്പുവച്ച കരാറുകൾ വരും ദിവസങ്ങളിൽ ഭാരതത്തിന് ഗണ്യമായ നേട്ടങ്ങൾ നൽകും. അവ ഭാരതത്തിന്റെ ഉൽപ്പാദന, സേവന മേഖലകൾക്ക് ശക്തമായ ഉത്തേജനം നൽകും.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

കാലങ്ങൾ മാറുന്നതിനനുസരിച്ച്, 21-ാം നൂറ്റാണ്ടിലെ ജോലികളുടെ സ്വഭാവവും വികസിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുന്നു, പുതിയ മേഖലകൾ നിരന്തരം ഉയർന്നുവന്നുകൊണ്ടിരിക്കുന്നു. അതുകൊണ്ടാണ്, കഴിഞ്ഞ ദശകത്തിൽ ഭാരതം അതിന്റെ  യുവാക്കളെ ഈ മാറ്റങ്ങൾക്ക് സജ്ജമാക്കുന്നതിൽ ശ്രദ്ധ കേന്ദ്രീകരിച്ചത്. ഇന്നത്തെ യുഗത്തിന്റെ ആവശ്യങ്ങൾ കണക്കിലെടുത്ത് പ്രധാനപ്പെട്ട തീരുമാനങ്ങൾ എടുക്കുകയും ആധുനിക നയങ്ങൾ രൂപപ്പെടുത്തുകയും ചെയ്തിട്ടുണ്ട്. ഇന്ന് രാജ്യത്ത് രൂപപ്പെടുന്ന സ്റ്റാർട്ടപ്പുകൾ, നവീകരണം, ഗവേഷണം എന്നിവയുടെ ആവാസവ്യവസ്ഥ നമ്മുടെ യുവാക്കളുടെ കഴിവുകൾ വർദ്ധിപ്പിക്കുന്നു. സ്വന്തം സ്റ്റാർട്ടപ്പുകൾ ആരംഭിക്കാൻ ആഗ്രഹിക്കുന്ന യുവാക്കളെ  കാണുമ്പോൾ, അത് എന്റെ സ്വന്തം ആത്മവിശ്വാസം വർദ്ധിപ്പിക്കുന്നു. ഇപ്പോൾ, ഡോ. ജിതേന്ദ്ര സിംഗ് ജി സ്റ്റാർട്ടപ്പുകളെക്കുറിച്ചുള്ള ചില വിശദമായ സ്ഥിതിവിവരക്കണക്കുകൾ നിങ്ങളുമായി പങ്കിട്ടു. എന്റെ രാജ്യത്തെ യുവാക്കൾ മികച്ച കാഴ്ചപ്പാടോടെയും, വേഗതയോടെയും, ശക്തിയോടെയും, പുതിയ എന്തെങ്കിലും ചെയ്യാനുള്ള ആഗ്രഹത്തോടെയും മുന്നോട്ട് പോകുന്നത് കാണുമ്പോൾ എനിക്ക് അഭിമാനം തോന്നുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

സ്വകാര്യ മേഖലയിൽ പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുന്നതിലും ഇന്ത്യൻ സർക്കാർ ശ്രദ്ധ കേന്ദ്രീകരിക്കുന്നു. അടുത്തിടെ, സർക്കാർ ഒരു പുതിയ പദ്ധതി അംഗീകരിച്ചു - തൊഴിൽ ബന്ധിത പ്രോത്സാഹന പദ്ധതി. ഈ പദ്ധതി പ്രകാരം, സ്വകാര്യ മേഖലയിൽ ആദ്യമായി ജോലി നേടുന്ന യുവാക്കൾക്ക് സർക്കാർ 15,000 രൂപ നൽകും. മറ്റൊരു വിധത്തിൽ പറഞ്ഞാൽ, ആദ്യ ജോലിയുടെ ആദ്യ ശമ്പളത്തിലേക്ക് സർക്കാർ സംഭാവന നൽകും. ഇതിനായി, സർക്കാർ ഏകദേശം 1 ലക്ഷം കോടി രൂപ ബജറ്റിൽ വകയിരുത്തിയിട്ടുണ്ട്. ഏകദേശം 3.5 കോടി പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കാൻ ഈ പദ്ധതി സഹായിക്കുമെന്ന് പ്രതീക്ഷിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

ഇന്ന്, ഭാരതത്തിന്റെ ഏറ്റവും വലിയ ശക്തികളിൽ ഒന്ന് നമ്മുടെ നിർമ്മാണ മേഖലയാണ്. നിർമ്മാണ മേഖലയിൽ ധാരാളം പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കപ്പെടുന്നു. ഈ മേഖലയെ ഉത്തേജിപ്പിക്കുന്നതിനായി, ഈ വർഷത്തെ കേന്ദ്ര ബജറ്റിൽ  മിഷൻ മാനുഫാക്ചറിംഗ് ആരംഭിക്കുമെന്ന് പ്രഖ്യാപിച്ചു. കഴിഞ്ഞ കുറച്ച് വർഷങ്ങളായി, ഞങ്ങൾ മെയ്ക്ക് ഇൻ ഇന്ത്യ സംരംഭം ശക്തിപ്പെടുത്തിയിട്ടുണ്ട്. പി‌എൽ‌ഐ (പ്രൊഡക്ഷൻ ലിങ്ക്ഡ് ഇൻസെന്റീവ്) പദ്ധതിയിലൂടെ രാജ്യത്ത് 11 ലക്ഷത്തിലധികം തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കപ്പെട്ടു. മൊബൈൽ ഫോൺ, ഇലക്ട്രോണിക്സ് എന്നീ മേഖലകൾ സമീപ വർഷങ്ങളിൽ അഭൂതപൂർവമായ വളർച്ചയ്ക്ക് സാക്ഷ്യം വഹിച്ചു. ഇന്ന്, ഏകദേശം 11 ലക്ഷം കോടി രൂപയുടെ ഇലക്ട്രോണിക്സ് നിർമ്മാണം ഭാരതത്തിൽ നടക്കുന്നു.അതായത് കഴിഞ്ഞ 11 വർഷത്തിനിടെ അഞ്ചിരട്ടിയിലധികം വർധനവ് . മുമ്പ്, ഭാരതത്തിന് രണ്ടോ നാലോ മൊബൈൽ ഫോൺ നിർമ്മാണ യൂണിറ്റുകൾ മാത്രമേ ഉണ്ടായിരുന്നുള്ളൂ. ഇപ്പോൾ, മൊബൈൽ ഫോൺ നിർമ്മാണവുമായി ബന്ധപ്പെട്ട ഏകദേശം 300 യൂണിറ്റുകൾ നമുക്കുണ്ട്,ഇത്  ലക്ഷക്കണക്കിന് യുവാക്കൾക്ക് തൊഴിൽ നൽകുന്നു. മറ്റൊരു പ്രധാന മേഖല പ്രതിരോധ നിർമ്മാണമാണ്, ഇത് ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിനുശേഷം കൂടുതൽ ശ്രദ്ധയും അഭിമാനവും നേടുന്നു. പ്രതിരോധ ഉൽ‌പാദനത്തിൽ ഭാരതം പുതിയ റെക്കോർഡുകൾ സൃഷ്ടിക്കുകയാണ്. നമ്മുടെ പ്രതിരോധ ഉൽ‌പാദനം ഇപ്പോൾ 1.25 ലക്ഷം കോടി രൂപ കവിഞ്ഞു. ലോക്കോമോട്ടീവ് മേഖലയിലും ഭാരതം  ഒരു പ്രധാന നാഴികക്കല്ല് കൈവരിച്ചു - ലോകത്തിലെ ഏറ്റവും വലിയ ലോക്കോമോട്ടീവ് ഉൽ‌പാദകരാണ് നമ്മൾ ഇപ്പോൾ. അത് ലോക്കോമോട്ടീവുകളായാലും റെയിൽ കോച്ചുകളായാലും മെട്രോ കോച്ചുകളായാലും, ഭാരതം  അവ  വലിയ അളവിൽ പല രാജ്യങ്ങളിലേക്ക്  കയറ്റുമതി ചെയ്യുന്നു. നമ്മുടെ ഓട്ടോമൊബൈൽ മേഖലയും അഭൂതപൂർവമായ വളർച്ച കൈവരിക്കുന്നു.

കഴിഞ്ഞ 5 വർഷത്തിനുള്ളിൽ, ഈ മേഖലയ്ക്ക് ഏകദേശം 40 ബില്യൺ ഡോളർ നേരിട്ടുള്ള വിദേശ നിക്ഷേപം (എഫ്ഡിഐ) ലഭിച്ചു. അതായത് പുതിയ കമ്പനികൾ വന്നു, പുതിയ ഫാക്ടറികൾ സ്ഥാപിക്കപ്പെട്ടു, പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കപ്പെട്ടു - അതേസമയം, വാഹന ആവശ്യകതയും വർദ്ധിച്ചു, ഇന്ത്യയിൽ വാഹനങ്ങളുടെ റെക്കോർഡ് വിൽപ്പനയും ഉണ്ടായി. വിവിധ മേഖലകളിലെ ഭാരതത്തിന്റെ പുരോഗതിയും ഈ ഉൽപ്പാദന റെക്കോർഡുകളും സ്വന്തമായി സംഭവിക്കുന്നില്ല. കൂടുതൽ കൂടുതൽ യുവാക്കൾക്ക് ജോലി ലഭിക്കുന്നതുകൊണ്ടാണ് അവ സാധ്യമാകുന്നത്. ഇത് സാധ്യമാക്കിയത് അവരുടെ കഠിനാധ്വാനം, ബുദ്ധിശക്തി, സമർപ്പണം എന്നിവയാണ്. ഭാരതത്തിലെ യുവാക്കൾ തൊഴിൽ കണ്ടെത്തുക മാത്രമല്ല, അതിൽ മികവ് പുലർത്തുകയും ചെയ്തിട്ടുണ്ട്. ഇപ്പോൾ, സർക്കാർ ജീവനക്കാരെന്ന നിലയിൽ, ഉൽപ്പാദന മേഖലയിലെ ഈ ആക്കം തുടരുന്നുവെന്ന് ഉറപ്പാക്കേണ്ടത് നിങ്ങളുടെ കടമയാണ്. നിങ്ങളെ എവിടെ നിയമിച്ചാലും, നിങ്ങൾ ഒരു സഹായിയായി, പ്രോത്സാഹകനായി പ്രവർത്തിക്കണം, തടസ്സങ്ങൾ നീക്കണം, പ്രക്രിയകൾ ലളിതമാക്കണം. നിങ്ങൾ സിസ്റ്റത്തിൽ കൂടുതൽ ലാളിത്യം  കൊണ്ടുവരുമ്പോൾ, അത് രാജ്യത്തെ ജനങ്ങൾക്ക് കൂടുതൽ പ്രയോജനം ചെയ്യും.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

ഇന്ന്, നമ്മുടെ രാജ്യം ലോകത്തിലെ മൂന്നാമത്തെ വലിയ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയായി മാറുന്നതിലേക്ക് അതിവേഗം മുന്നേറുകയാണ്, ഏതൊരു ഇന്ത്യക്കാരനും ഇത് അഭിമാനത്തോടെ പറയാൻ കഴിയും. നമ്മുടെ യുവാക്കളുടെ കഠിനാധ്വാനത്തിന്റെയും വിയർപ്പിന്റെയും ഫലമാണ് ഈ നേട്ടം. കഴിഞ്ഞ 11 വർഷത്തിനിടെ, രാജ്യം എല്ലാ മേഖലകളിലും പുരോഗതി കൈവരിച്ചു. അടുത്തിടെ, അന്താരാഷ്ട്ര തൊഴിൽ സംഘടന (ILO) വളരെ പ്രശംസനീയമായ ഒരു റിപ്പോർട്ട് പുറത്തിറക്കി. കഴിഞ്ഞ ദശകത്തിൽ ഇന്ത്യയിലെ 90 കോടിയിലധികം പൗരന്മാരെ ക്ഷേമ പദ്ധതികളുടെ കുടക്കീഴിൽ കൊണ്ടുവന്നിട്ടുണ്ടെന്ന് ഈ റിപ്പോർട്ട് എടുത്തുകാണിക്കുന്നു. ഇത് അടിസ്ഥാനപരമായി സാമൂഹിക സുരക്ഷയുടെ വികാസമാണ്. ഈ പദ്ധതികളുടെ സ്വാധീനം  ക്ഷേമത്തിനപ്പുറത്തേക്ക് പോകുന്നു - അവ വൻതോതിൽ പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങളും സൃഷ്ടിച്ചു. ഒരു ലളിതമായ ഉദാഹരണം ഞാൻ നിങ്ങൾക്ക് നൽകട്ടെ - പ്രധാനമന്ത്രി ആവാസ് യോജന. ഈ പദ്ധതി പ്രകാരം, 4 കോടി പുതിയ ഉറപ്പുള്ള  വീടുകൾ ഇതിനകം നിർമ്മിച്ചു കഴിഞ്ഞു, കൂടാതെ 3 കോടി വീടുകളുടെ നിർമ്മാണം നിലവിൽ നടക്കുന്നു. ഇപ്പോൾ, ഇത്രയും വലിയ എണ്ണം വീടുകൾ നിർമ്മിക്കപ്പെടുമ്പോൾ, കെട്ടിടംപണിക്കാർ , തൊഴിലാളികൾ, അസംസ്കൃത വസ്തുക്കളുടെ വിതരണക്കാർ, ഗതാഗത ഓപ്പറേറ്റർമാർ, പ്രാദേശിക കടയുടമകൾ, ട്രക്ക് ഡ്രൈവർമാർ എന്നിവർക്കെല്ലാം ജോലി ലഭിക്കുന്നു.ഇതിലൂടെ സൃഷ്ടിക്കപ്പെടുന്ന തൊഴിലവസരങ്ങളുടെ എണ്ണം എത്രത്തോളമാണെന്ന് സങ്കൽപ്പിക്കുക! ഇതിലും സന്തോഷകരമായ കാര്യം, ഈ തൊഴിലുകളിൽ ഭൂരിഭാഗവും ഗ്രാമപ്രദേശങ്ങളിലാണ്, അതിനാൽ ആളുകൾ നഗരങ്ങളിലേക്ക് കുടിയേറേണ്ടതില്ല എന്നതാണ്. അതുപോലെ, രാജ്യത്തുടനീളം 12 കോടി പുതിയ ശൗചാലയങ്ങൾ നിർമ്മിച്ചു. ഇത് നിർമ്മാണ മേഖലയിൽ മാത്രമല്ല, നമ്മുടെ വിശ്വകർമ സമൂഹത്തിൽ നിന്നുള്ള പ്ലംബർമാർ, മരപ്പണിക്കാർ, വിദഗ്ധ തൊഴിലാളികൾ എന്നിവർക്കും തൊഴിൽ സൃഷ്ടിച്ചു. തൊഴിലവസര സൃഷ്ടി വികസിക്കുന്നതും യഥാർത്ഥ സ്വാധീനം ചെലുത്തുന്നതും ഇങ്ങനെയാണ്. അതുപോലെ, ഉജ്ജ്വല പദ്ധതി പ്രകാരം 10 കോടിയിലധികം പുതിയ എൽപിജി കണക്ഷനുകൾ നൽകിയിട്ടുണ്ട്. ഇതിനെ പിന്തുണയ്ക്കുന്നതിനായി, സിലിണ്ടർ നിർമ്മാതാക്കൾ, വിതരണ ഏജൻസികൾ, ഡെലിവറി ജീവനക്കാർ എന്നിവർക്ക് തൊഴിൽ സൃഷ്ടിക്കുന്നതിനായി ധാരാളം ബോട്ടിലിംഗ് പ്ലാന്റുകൾ സ്ഥാപിച്ചിട്ടുണ്ട്. ഓരോ സംരംഭവും - നിങ്ങൾ സൂക്ഷ്മമായി പരിശോധിച്ചാൽ - ഒന്നിലധികം തലങ്ങളിലുള്ള തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുന്നു. അത്തരം സംരംഭങ്ങളിൽ നിന്ന് ലക്ഷക്കണക്കിന് ആളുകൾക്ക് പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ ലഭിച്ചിട്ടുണ്ട്.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

ഇരട്ടി ആനുകൂല്യം നൽകുന്ന മറ്റൊരു പദ്ധതിയെക്കുറിച്ച് ഞാൻ പരാമർശിക്കാൻ ആഗ്രഹിക്കുന്നു - നമ്മൾ പൊതുവെ പറയാറില്ലേ! ,ഓരോ കൈയിലും ഒരു ലഡ്ഡു ഉള്ളത് പോലെ. ആ പദ്ധതിയാണ് പ്രധാനമന്ത്രി സൂര്യ ഘർ മുഫ്ത് ബിജ്‌ലി യോജന. ഈ പദ്ധതി പ്രകാരം, മേൽക്കൂരയിൽ സോളാർ പാനലുകൾ സ്ഥാപിക്കുന്നതിന് സർക്കാർ ഒരു വീടിന് ശരാശരി 75,000 രൂപയിൽ കൂടുതൽ സബ്‌സിഡി നൽകുന്നു. ഇത് അടിസ്ഥാനപരമായി നിങ്ങളുടെ മേൽക്കൂരയെ ഒരു പവർ പ്ലാന്റാക്കി മാറ്റുന്നു - നിങ്ങളുടെ സ്വന്തം ഉപയോഗത്തിന് മാത്രമല്ല, മിച്ചമുണ്ടെങ്കിൽ ഗ്രിഡിലേക്ക് വിൽക്കുന്നതിനും വൈദ്യുതി ഉത്പാദിപ്പിക്കുന്നു. ഇത് വൈദ്യുതി ബില്ലുകൾ പൂജ്യത്തിലേക്ക് കുറയ്ക്കുകയും കുടുംബങ്ങൾക്ക് ഗണ്യമായ പണം ലാഭിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു. പ്ലാന്റുകൾ സ്ഥാപിക്കാൻ എഞ്ചിനീയർമാരെയും സാങ്കേതിക വിദഗ്ധരെയും ആവശ്യമാണ്. സോളാർ പാനൽ നിർമ്മാണ ഫാക്ടറികളും അസംസ്കൃത വസ്തുക്കളുടെ വിതരണക്കാരും വളരുകയാണ്. വസ്തുക്കൾ നീക്കാൻ ഗതാഗത ഓപ്പറേറ്റർമാരെ നിയമിക്കുന്നു. ഈ സംവിധാനങ്ങളുടെ പരിപാലനത്തിനും അറ്റകുറ്റപ്പണികൾക്കുമായി ഒരു പുതിയ വ്യവസായം ഉയർന്നുവരുന്നു. സങ്കൽപ്പിക്കുക - ആനുകൂല്യങ്ങൾ പൗരന്മാരെ സഹായിക്കുക മാത്രമല്ല, ലക്ഷക്കണക്കിന് പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

‘നമോ ഡ്രോൺ ദീദി’ സംരംഭം നമ്മുടെ സഹോദരിമാരുടെയും പെൺമക്കളുടെയും വരുമാനം വർദ്ധിപ്പിക്കുകയും ഗ്രാമപ്രദേശങ്ങളിൽ പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുകയും ചെയ്തു. ഈ പദ്ധതി പ്രകാരം, ലക്ഷക്കണക്കിന് ഗ്രാമീണ സ്ത്രീകളെ ഡ്രോൺ പൈലറ്റുമാരായി പരിശീലിപ്പിക്കുന്നു. ലഭ്യമായ റിപ്പോർട്ടുകൾ കാണിക്കുന്നത്, നമ്മുടെ ഗ്രാമങ്ങളിൽ നിന്നുള്ള അമ്മമാരും സഹോദരിമാരും ആയ നമ്മുടെ ഡ്രോൺ ദീദികൾ, കരാർ അടിസ്ഥാനത്തിൽ ഡ്രോൺ അധിഷ്ഠിത കാർഷിക സേവനങ്ങൾ വാഗ്ദാനം ചെയ്യുന്നതിലൂടെ ഒരു കാർഷിക സീസണിൽ ലക്ഷക്കണക്കിന് രൂപ സമ്പാദിക്കുന്നു എന്നാണ്. മാത്രമല്ല, ഈ സംരംഭം രാജ്യത്തെ ഡ്രോൺ നിർമ്മാണ മേഖലയ്ക്ക് വലിയ ഉത്തേജനം നൽകുന്നു. കൃഷിയിലായാലും പ്രതിരോധ മേഖലയിലായാലും, ഡ്രോൺ നിർമ്മാണം നമ്മുടെ രാജ്യത്തെ യുവാക്കൾക്ക് പുതിയ വഴികൾ തുറക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

മൂന്ന് കോടി ലക്ഷാധിപതി ദീദികളെ(ലക്ഷാധിപതി സഹോദരിമാരെ)  സൃഷ്ടിക്കാനുള്ള പ്രചാരണം നടന്നുകൊണ്ടിരിക്കുകയാണ്. ഇതിൽ 1.5 കോടി സ്ത്രീകൾ ഇതിനകം ഈ നാഴികക്കല്ല് കൈവരിച്ചു. നിങ്ങൾക്കറിയാവുന്നതുപോലെ, ഒരു ലക്ഷാധിപതി ദീദിയാകുക എന്നതിനർത്ഥം എല്ലാ വർഷവും കുറഞ്ഞത് ഒരു ലക്ഷം രൂപയെങ്കിലും സമ്പാദിക്കുക എന്നാണ് -  ഇത് ഒരു തവണ മാത്രമല്ല. അതാണ് മാനദണ്ഡം. 1.5 കോടി ലക്ഷാധിപതി ദീദികൾ! ഇന്ന്, നിങ്ങൾ ഗ്രാമങ്ങൾ സന്ദർശിക്കുകയാണെങ്കിൽ, ബാങ്ക് സഖികൾ, ബീമ സഖികൾ(ഇൻഷുറൻസ് രംഗത്ത് പ്രവർത്തിക്കുന്നവർ) ,കൃഷി സഖികൾ, പശു സഖികൾ(മൃഗ പരിപാലനം തൊഴിലാക്കിയവർ)തുടങ്ങിയ പദങ്ങൾ നിങ്ങൾ പലപ്പോഴും കേൾക്കാറുണ്ട് - ഗ്രാമങ്ങളിലെ നമ്മുടെ അമ്മമാർക്കും സഹോദരിമാർക്കും തൊഴിലവസരങ്ങൾ ലഭിച്ച വിവിധ പദ്ധതികളാണിവ. അതുപോലെ, പ്രധാനമന്ത്രി സ്വാനിധി പദ്ധതി പ്രകാരം, തെരുവ് കച്ചവടക്കാർക്കും ഉന്തുവണ്ടിക്കാർക്കും  ആദ്യമായി പിന്തുണ ലഭിച്ചു. ലക്ഷക്കണക്കിന് ആളുകൾക്ക് ഇതിന്റെ പ്രയോജനം ലഭിച്ചു. ഡിജിറ്റൽ പേയ്‌മെന്റുകൾ കാരണം, വഴിയോര കച്ചവടക്കാർ പോലും ഇപ്പോൾ പണത്തേക്കാൾ യുപിഐ ഇഷ്ടപ്പെടുന്നു. എന്തുകൊണ്ട്? കാരണം ഇത് അവർക്ക് ബാങ്കിൽ നിന്ന് കൂടുതൽ ക്രെഡിറ്റ് തൽക്ഷണം നൽകുന്നു. ബാങ്കുകൾ അവരെ കൂടുതൽ വിശ്വസിക്കുന്നു, അവർക്ക് കടലാസ് കൂമ്പാരങ്ങൾ ആവശ്യമില്ല.ഇതിനർത്ഥം ഒരു സാധാരണ  തെരുവ് കച്ചവടക്കാരൻ പോലും ഇപ്പോൾ ആത്മവിശ്വാസത്തോടെയും അഭിമാനത്തോടെയും മുന്നോട്ട് പോകുന്നു എന്നാണ്. ഉദാഹരണത്തിന്, പ്രധാനമന്ത്രി വിശ്വകർമ പദ്ധതി എടുക്കുക. പരമ്പരാഗത, പൂർവ്വിക, കുടുംബാധിഷ്ഠിത കരകൗശല വസ്തുക്കളും വ്യാപാരങ്ങളും ആധുനികവൽക്കരിക്കുന്നതിലും നവീകരിക്കുന്നതിലും ഇത് ശ്രദ്ധ കേന്ദ്രീകരിക്കുന്നു. ആധുനിക ഉപകരണങ്ങൾ നൽകൽ, കരകൗശല വിദഗ്ധർ, ശിൽപികൾ, സേവന ദാതാക്കൾ എന്നിവർക്ക് പരിശീലനം നൽകൽ, എളുപ്പത്തിൽ വായ്പകൾ സുഗമമാക്കൽ എന്നിവയിലൂടെ ഇത് സഹായിക്കുന്നു. ദരിദ്രരെ ഉണർത്താൻ കഴിഞ്ഞതും യുവാക്കൾക്ക് തൊഴിൽ ലഭിച്ചതുമായ എണ്ണമറ്റ പദ്ധതികളുണ്ട്. ഈ സംരംഭങ്ങളുടെയെല്ലാം സ്വാധീനം വളരെ പ്രധാനമാണ്, വെറും 10 വർഷത്തിനുള്ളിൽ 25 കോടി ഇന്ത്യക്കാരാണ്  ദാരിദ്ര്യത്തിൽ നിന്ന് ഉയർന്നുവന്നത്. ഒന്നാലോചിച്ചു നോക്കൂ - അവർക്ക് തൊഴിൽ ലഭിച്ചില്ലെങ്കിൽ, കുടുംബത്തിൽ വരുമാനമില്ലെങ്കിൽ, മൂന്നോ നാലോ തലമുറകളായി ദരിദ്രനായിരുന്ന ഒരാൾ ആ ഇരുട്ടിൽ നിന്ന് പുറത്തുവരുമെന്ന് എങ്ങനെ സങ്കൽപ്പിക്കും? അവർക്ക്, ഓരോ ദിവസവും അതിജീവനത്തിനായുള്ള പോരാട്ടമായിരുന്നു, ജീവിതം ഒരു ഭാരമായി തോന്നി. എന്നാൽ ഇന്ന്, അവർ തങ്ങളുടെ ശക്തിയും ധൈര്യവും ഉപയോഗിച്ച് ദാരിദ്ര്യത്തെ പരാജയപ്പെടുത്തി. ഈ 25 കോടി സഹോദരീസഹോദരന്മാർ വിജയികളായി ഉയർന്നുവന്നു, അവരുടെ ദൃഢനിശ്ചയത്തെ ഞാൻ അഭിവാദ്യം ചെയ്യുന്നു.ഗവൺമെന്റിന്റെ പദ്ധതികളെ അവർ ഉപകരണങ്ങളായി ഉപയോഗിച്ചു, വെറുതെ ഇരുന്നു പരാതി പറഞ്ഞില്ല - അവർ ദാരിദ്ര്യത്തിനെതിരെ പോരാടി, അതിനെ പിഴുതെറിഞ്ഞു, കീഴടക്കി. ഇപ്പോൾ ചിന്തച്ച് നോക്കൂ , ഈ 25 കോടി ജനങ്ങളിൽ വളർന്നുവരുന്ന പുതിയ ആത്മവിശ്വാസം! ഒരു വ്യക്തി ഒരു പ്രതിസന്ധിയെ മറികടക്കുമ്പോൾ, ഒരു പുതിയ ശക്തി ഉയർന്നുവരുന്നു. ഈ പുതിയ ശക്തി എന്റെ രാജ്യത്തും ഉയർന്നുവന്നിട്ടുണ്ട്, രാജ്യത്തെ മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുന്നതിൽ അത് ഒരു പ്രധാന പങ്ക് വഹിക്കും. ഞാൻ വ്യക്തമായി പറയട്ടെ - ഇത് സർക്കാർ മാത്രമല്ല പറയുന്നത്. ഇന്ന്, ലോകബാങ്ക് പോലുള്ള ആഗോള സ്ഥാപനങ്ങൾ ഈ നേട്ടത്തിന് ഭാരതത്തെ പരസ്യമായി പ്രശംസിക്കുന്നു. ലോകം ഭാരതത്തെ ഒരു മാതൃകയായി അവതരിപ്പിക്കുന്നു. സമത്വത്തിന്റെ കാര്യത്തിൽ ലോകത്തിലെ മുൻനിര രാജ്യങ്ങളിൽ ഭാരതം ഇപ്പോൾ സ്ഥാനം പിടിച്ചിരിക്കുന്നു - അതായത് അസമത്വം അതിവേഗം കുറയുന്നു, നമ്മൾ കൂടുതൽ സമത്വത്തിലേക്ക് നീങ്ങുകയാണ്. ലോകം ഇപ്പോൾ ഈ പരിവർത്തനത്തെ ശ്രദ്ധിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,

വികസനം എന്ന മഹത്തായ ദൗത്യം, ദരിദ്രരുടെ ക്ഷേമത്തിനും തൊഴിൽ സൃഷ്ടിക്കും വേണ്ടിയുള്ള പ്രസ്ഥാനം എന്നിവ നിലവിൽ നടന്നുവരികയാണ്  - ഇന്ന് മുതൽ അത് മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകാനുള്ള ഉത്തരവാദിത്തം നിങ്ങൾ പങ്കിടുന്നു. സർക്കാർ ഒരിക്കലും ഒരു തടസ്സമാകരുത്; അത് എല്ലായ്പ്പോഴും വളർച്ചയ്ക്ക് സഹായകമായിരിക്കണം. മുന്നോട്ട് പോകാനുള്ള അവസരം ഓരോ വ്യക്തിക്കും അർഹമാണ്. സഹായഹസ്തം നീട്ടുക എന്നതാണ് ഞങ്ങളുടെ കടമ. എന്റെ സുഹൃത്തുക്കളേ, നിങ്ങൾ ചെറുപ്പക്കാരാണ്. എനിക്ക് നിങ്ങളിൽ വലിയ വിശ്വാസമുണ്ട്. നിങ്ങളിൽ നിന്ന് എനിക്ക് വലിയ പ്രതീക്ഷകളുണ്ട്. നിങ്ങളെ എവിടെ നിയമിച്ചാലും, നിങ്ങൾ എല്ലായ്പ്പോഴും പൗരന്മാരെ ഒന്നാമതെത്തിക്കണം. അവരെ സഹായിക്കുക, അവരുടെ ബുദ്ധിമുട്ടുകൾ ലഘൂകരിക്കുക - അത് മാത്രമേ രാജ്യത്തെ വേഗത്തിൽ മുന്നോട്ട് നയിക്കൂ. ഭാരതത്തിന്റെ അമൃത് കാലം  - അവസരങ്ങളുടെ ഈ സുവർണ്ണ കാലഘട്ടത്തിൽ - നിങ്ങൾ സജീവ പങ്കാളികളാകണം. അടുത്ത 20 മുതൽ 25 വർഷങ്ങൾ നിങ്ങളുടെ കരിയറിനു മാത്രമല്ല, മുഴുവൻ രാജ്യത്തിന്റെയും ഭാവിക്ക് നിർണായകമാണ്. ഒരു 'വിക്ഷിത് ഭാരത്' (വികസിത ഇന്ത്യ) കെട്ടിപ്പടുക്കുന്നതിനുള്ള നിർണായക വർഷങ്ങളാണിത്. അതുകൊണ്ടാണ്, നിങ്ങളുടെ ജോലി, നിങ്ങളുടെ കടമകൾ, നിങ്ങളുടെ ലക്ഷ്യങ്ങൾ എന്നിവ ഒരു 'വികസിത ഭാരതം ' സൃഷ്ടിക്കാനുള്ള ദൃഢനിശ്ചയവുമായി യോജിപ്പിക്കേണ്ടത്. 'നാഗരിക് ദേവോ ഭവോ' (പൗരൻ ദിവ്യനാണ്) എന്ന മന്ത്രം നിങ്ങളുടെ സിരകളിലൂടെ ഒഴുകണം, നിങ്ങളുടെ ഹൃദയത്തിലും മനസ്സിലും വസിക്കണം, നിങ്ങളുടെ പെരുമാറ്റത്തിലും സ്വഭാവത്തിലും പ്രതിഫലിക്കണം.

എന്റെ സുഹൃത്തുക്കളേ, കഴിഞ്ഞ 10 വർഷമായി രാജ്യത്തെ മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുന്നതിൽ ഈ യുവശക്തി എന്നോടൊപ്പം നിന്നിട്ടുണ്ടെന്ന് എനിക്ക് പൂർണ്ണ വിശ്വാസമുണ്ട്. അവർ എന്റെ ഓരോ വാക്കുകളും ഹൃദയത്തിൽ എടുത്ത് രാജ്യത്തിനായി കഴിയുന്നതെല്ലാം ചെയ്തിട്ടുണ്ട് -അത്‌  അവർ എവിടെയായിരുന്നാലും, അവർക്ക് കഴിയുന്ന ഏത് ശക്തിയിലും . ഇപ്പോൾ നിങ്ങൾക്ക് ഈ അവസരം ലഭിച്ചുകഴിഞ്ഞാൽ, നിങ്ങളിൽ നിന്നുള്ള പ്രതീക്ഷകൾ കൂടുതലാണ്. നിങ്ങളുടെ ഉത്തരവാദിത്തം കൂടുതലാണ്. ഞാൻ വിശ്വസിക്കുന്നു - നിങ്ങൾ അവസരത്തിനൊത്ത് ഉയരുകയും അത് സാധ്യമാക്കുകയും ചെയ്യും. ഒരിക്കൽ കൂടി, ഞാൻ നിങ്ങളെ പൂർണ്ണഹൃദയത്തോടെ അഭിനന്ദിക്കുന്നു. ശോഭനവും സമൃദ്ധവുമായ ഒരു ഭാവി അർഹിക്കുന്ന നിങ്ങളുടെ കുടുംബങ്ങൾക്ക് ഞാൻ എന്റെ ഊഷ്മളമായ ആശംസകൾ നേരുന്നു. നിങ്ങൾ എല്ലാവരും ജീവിതത്തിൽ മികച്ച വിജയം നേടട്ടെ. iGOT പ്ലാറ്റ്‌ഫോമിലൂടെ തുടർച്ചയായി സ്വയം മെച്ചപ്പെടുത്തിക്കൊണ്ടിരിക്കുക. ഇപ്പോൾ നിങ്ങൾ നിങ്ങളുടെ സ്ഥാനം ഉറപ്പിച്ചുകഴിഞ്ഞു, പിന്നോട്ട് പോകരുത്. വലിയ സ്വപ്നം കാണുക, ഉയർന്ന ലക്ഷ്യം വയ്ക്കുക. കഠിനാധ്വാനത്തിലൂടെ, തുടർച്ചയായ പഠനത്തിലൂടെ, പുതിയ ഫലങ്ങൾ കൊണ്ടുവരുന്നതിലൂടെ, മുന്നോട്ട് പോകുക. നിങ്ങളുടെ പുരോഗതി രാജ്യത്തിന്റെ അഭിമാനമാണ്, നിങ്ങളുടെ വളർച്ചയാണ് എന്റെ സംതൃപ്തി. അതുകൊണ്ടാണ്, ഇന്ന്, നിങ്ങൾ ജീവിതത്തിലെ ഈ പുതിയ യാത്ര ആരംഭിക്കുമ്പോൾ, നിങ്ങളുമായി സംസാരിക്കാനും, നിങ്ങളെ അനുഗ്രഹിക്കാനും, നിരവധി സ്വപ്നങ്ങൾ സാക്ഷാത്കരിക്കുന്നതിൽ എന്റെ പങ്കാളിയായി നിങ്ങളെ സ്വാഗതം ചെയ്യാനും ഞാൻ ഇവിടെ വന്നത്. ഒരു അടുത്ത വിശ്വസ്തനായ സുഹൃത്ത് എന്ന നിലയിൽ, ഞാൻ നിങ്ങളെ ഊഷ്മളമായി സ്വാഗതം ചെയ്യുന്നു. വളരെ നന്ദി, നിങ്ങൾക്കെല്ലാവർക്കും ആശംസകൾ.