60,000 കോടി രൂപ നിക്ഷേപമുള്ള 81 പദ്ധതികളുടെ പ്രവൃത്തി ആരംഭിക്കുന്ന ചടങ്ങില്‍ പ്രധാനമന്ത്രി പങ്കെടുത്തു . 
കരുതലുള്ള ഒരു  സർക്കാർ എന്ന നിലയിൽ, ജനങ്ങളുടെ ജീവിതത്തിലെ ബുദ്ധിമുട്ട് ലഘൂകരിക്കുകയും ജീവിതനിലവാരം മെച്ചപ്പെടുത്തുകയുമാണ് നമ്മുടെ ലക്ഷ്യം: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി ഉത്തർപ്രദേശിലെ  ഇപ്പോഴത്തെ സർക്കാറിന്റെ  കീഴിൽ കേവലം അഞ്ചുമാസം കൊണ്ട് പദ്ധതികളുടെ  വേഗത്തിലുള്ള വികസനം  ശ്രദ്ധേയമായ നേട്ടമാമാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി 
ഈ പദ്ധതികള്‍ കുറേ പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങള്‍ യാഥാര്‍ഥ്യമാക്കുമെന്നും സമൂഹത്തിലെ വിവിധ വിഭാഗങ്ങള്‍ക്ക് ഇതിന്റെ നേട്ടവും  ലഭിക്കും : പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

देवियो और सज्‍जनों।

भगवान शिवजी का प्रिय मास सावन शुरू हो चुका है। देश के अलग-अलग हिस्‍सों में भोले के भक्‍त कांवड़ ले करके निकल चुके हैं। एक प्रकार से अब से ले करके दिवाली तक त्‍योहार का माहौल होता है, और आने वाले त्‍योहारों के लिए मैं आप सभी को और देशवासियों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

सा‍थियो, त्‍योहार के साथ-साथ देश के बड़े हिस्‍से में अच्‍छी बरसात भी हो रही है। मौसम की मेहरबानी खेती के लिए, अर्थव्‍यवस्‍था के लिए उम्‍मीदों से भरी हुई है, लेकिन भारी बारिश के चलते देश के कुछ हिस्‍सों में लोगों को तकलीफ भी हो रही है। सरकार हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर पूरा प्रयास कर रही है कि संकट में घिरे हर देशवासी तक मदद पहुंचे।

साथियो, एक संवेदनशील सरकार होने के नाते सामान्‍य जन के जीवन को संकट से निकालना, उसे सरल और सुगम बनाना, ये मैं मानता हूं कि राज्‍य की सबसे प्राथमिक जिम्‍मेदारी है और हमारा भी एकमात्र यही ध्‍येय है। बीते चार वर्षों में निरंतर इसी विचार के साथ हम आगे बढ़ते रहे हैं और आज यहां लखनऊ के इस सभागार में जुटना भी इसी कड़ी काएक हिस्‍सा है। कल मैंने लखनऊ से यहां शहरी जीवन को स्‍मार्ट और सुविधा सम्‍पन्‍न बनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुझे आने का अवसर मिला था। उत्‍तर प्रदेश के शहर और शहरों से जुड़ी कई अहम परियोजनाओं का शिलान्‍यास और ग़रीब बेघर भाइयों-बहनों को उनके अपने घर की चाबी सौंपने का भी मुझे अवसर मिला। और मुझे प्रसन्‍नता है कि आज उत्‍तर प्रदेश के कोने-कोने को transform करने, परिवर्तन लाने के लिए यहां हम सब मिल करके संकल्‍प करके आगे बढ़ने की दिशा में प्रवृत्‍त हैं।

साथियो पांच महीने में ये दूसरी बार जब उद्योग जगत से जुड़े साथियों के साथ मैं यहां लखनऊ में मिल रहा हूं, इससे पहले फरवरी में UP Investors summit के लिए भी मैं आया था।और मुझे जानकारी दी गई है कि उस summit के दौरान यूपी में सवा चार लाख करोड़ से अधिक के निवेश का इरादा जताया गया था। और मुझे प्रसन्‍नता है उस संकल्‍प को जमीन पर उतारने की उस कड़ी में आज एक बहुत बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

हमारे सतीश जी पता नहीं आज क्‍यों संकोच से बोल रहे थे। बड़ी नम्रता और विवेक से, ऐसा कह रहे थे जैसे साठ हजार, सिर्फ साठ हजार। आपको भूख ज्‍यादा हो, मुझे अच्‍छा लग रहा है, लेकिन मैं लम्‍बे अर्से तक मुख्‍यमंत्री रह कर आया हूं और औद्योगिक गतिविधि से जुड़े राज्‍य से आया हूं। 60 हजार कम नहीं होता है जी, 60 हजार करोड़ बहुत बड़ा होता है। आपको अंदाज नहीं है आपने कितना बड़ा achieve किया है।

मैं यहां के अफसरों को भी बधाई देता हूं। ये आपने कल्‍पनीय काम किया है जी। मुझे मालूम है कि पूंजी निवेश में कैसी-कैसी चीजें आड़े आती हैं जी। एक कोर्ट-कचहरी में कागज चला जाए, दो-दो साल तक काम अटक जाता है जी।Environment वालों के पास चला जाए तो ऊपर बैठ जाता है, और किसी अखबार वाले के हत्‍थे चढ़ गया; सुभाष जी, फिर तो सरकार भी डर जाती है इसको काम दें या न दें; करने दें, न करने दें।क्‍योंकि rivalry ग्रुप के लोग भांति-भांति के खेल खेलते हैं। इन सारे संकटों को पार करते हुए पांच महीने के भीतर-भीतर ये momentum लाना, 60 हजार करोड़ रुपये पूंजी निवेश का काम प्रारंभ होना, ये अद्भुत सफलता है जी। मैं अनुभव करता हूं तो कह रहा हूं। आपकी पूरी टीम, पूरी टीम बहुत-बहुत बधाई की पात्र है। मैं उन किसानों को भी बधाई दूंगा जिन्‍होंने, जहां जमीन की जरूरत पड़ी होगी, जमीन दी होगी। मैं उन छोटे-छोटे मुलाजिम, वहां का पटवारी भी, वो भी आड़े नहीं आया होगा, तब हुआ होगा जी। देश या तो प्रधानमंत्री चला पाता है या पटवारी चला पाता है। और इसलिए ये नेतृत्‍व की सफलता है कि इतने कम समय में मुख्‍यमंत्री से ले करके पटवारी तक, सारी टीम एक समान दिशा में सोच करके आगे बढ़ रही है।

मुझे दूसरी खुशी की बात है कि आपने इन सारी चीजों को किसी individual के whim पर नहीं छोड़ा है। आपने अलग-अलग सेक्‍टर्स के लिए पॉलिसी बनाई है, ब्‍लैक एंड व्‍हाईट में चीजें रखी हैं, ऑनलाइन कोई भी उसको देख सकता है और जिसको वो लगेगा हां भई ये मैं इसमें अपने-आपको फिट कर सकता हूं, वो आएगा। ये policy driven state,ये उत्‍तर प्रदेश की सबसे बड़ी सिद्धि है।और इसलिए कृपा करके इन 60 हजार को, साठ हजार करोड़ को कम मत मानिए। आपने अद्भुत achieve किया है जी। क्‍योंकि मैं इस काम को लम्‍बे अर्से तक करके आया हूं तो मुझे पता है कितनी मेहनत लगती है इसमें, कितना initiative लेना पड़ता है, कितना pursue करना पड़ता है और कितनी गालियां खानी पड़ती हैं जी। लेकिन राज्‍य के लिए प्रतिबद्धता होती है तो रास्‍ते भी निकलते हैं।

दूसरी खुशी की बात है, देखिए साइकिल की ट्यूब में इतने प्‍वाइंट हवा भरने से sufficient हवा भर जाती है तो साइकिल चलती है, लेकिन कभी-कभी उस ट्यूब में एक कोने में फुग्‍गा हो जाता है, गुब्‍बारा हो जाता है। अब मीटर देखोगे तो मीटर तो ठीक लगेगा, हां इतना प्‍वाइंट हवा गई, लेकिन वो साइकिल चल नहीं पाती, वो हवा ही रुकावट बन जाती है। मुझे खुशी है कि उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री जी ने सर्वांगीण विकास पर ध्‍यान दिया है। उत्‍तर प्रदेश के सभी भू-भागों को अवसर मिले, संतुलित विकास हो। संतुलित विकास ही उत्‍तर प्रदेश की बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। अकेले नोएडा, गाजियाबाद की दुनिया से नंबर तो ऊपर जाएगा, लेकिन उत्‍तर प्रदेश की आवश्‍यकताओं की पूर्ति नहीं होगी। और उस काम को जिस तरह से किया है और आज मुझे खुशी है कि सारी चीजों को बारीकियों ये यहां बताया गया है जनता के सामने। ये सारे initiative मैं समझता हूं बधाई के पात्र हैं।

कुछ लोग इसे groundbreaking ceremony कह रहे हैं। वैसे तो परम्‍परा वो ही है, लेकिन ये सब देखने के बाद मैं कहता हूं, ये record breaking ceremony है। इतने कम समय में जिस प्रकार से प्रकियाओं को तेजी से आगे बढ़ाया गया है, पुराने तौर-तरीकों को बदला गया है; ऐसा उत्‍तर प्रदेश में मैं नहीं मानता हूं पहले का कोई भी व्‍यक्ति उठ करके कह सकता है; जो आज विश्‍वास पैदा हुआ है। यहां के लिए तो ये शासन-प्रशासन की बिल्‍कुल नई चीजें हैं जी। और मुझे खुशी है कि योगी जी के नेतृत्‍व में सरकार ने निवेशकों से निरंतर संवाद बनाए रखा और intent को investment में बदलने के लिए माहौल तैयार किया।Online MoU, tracker हो या फिर clearances के लिए निवेश मित्र जैसा single window digital platform हो, ये बदली हुई कार्य संस्‍कृति और यूपी में बिजनेस के लिए बने अनुकूल वातावरण को दर्शाता है। एक वो समय था जब यूपी में निवेश को लोग चुनौती मानते थे। आज वो चुनौती अवसरों के रूप में सामने उभर करके आ रही है। अवसर रोजगार के हों, व्‍यापार के हों, अच्‍छी सड़कों के हों, पर्याप्‍त बिजली के हों, बेहतर वर्तमान के और उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के हों; आज का ये आयोजन यूपी पर बढ़ते भरोसे का प्रतीक है, उत्‍थान का प्रतीक है, यूपी के विकास का प्रतीक है। मुझे उम्‍मीद है जिस स्‍पीड से आप आगे बढ़ रहे हैं उससे उत्‍तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनोमिक चुनौती पार करने में बहुत समय नहीं लगेगा, ये मेरी आत्‍मा कहती है। उत्‍तर प्रदेश सरकार को उद्योग जगत के आप सभी साथियों को इस प्रतिबद्धता के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

हम वो लोग नहीं हैं जी, जो उद्योगकारों के बगल में खड़े रहने से डरते हैं, वरना कुछ लोगों को आपने देखा होगा, उनकी एक फोटो आप नहीं निकाल सकते किसी उद्योगपति के साथ। लेकिन एक देश का उद्योगपति ऐसा नहीं हो जिन्‍होंने उनके घरों में जा करके साष्‍टांग दण्‍डवत न किए हों। ये अमर सिंह यहां बैठे हैं, उनके पास सारा, वो हिस्‍ट्री निकाल देंगे। लेकिन जब नीयत साफ हो, इरादे नेक हों तो किसी के भी साथ खड़े होने से दाग नहीं लगते हैं जी। महात्‍मा गांधी का जीवन जितना पवित्र था उनको बिरला जी के घर-परिवार में जा करके रहने में कभी संकोच नहीं हुआ। बिरला जी के साथ खड़े रहने में उनको कभी संकोच नहीं हुआ, नीयत साफ थी। जिन लोगों को पब्लिक में तो मिलना नहीं है, परदे के पीछे सब कुछ करना है, वो डरते रहते हैं। अगर हिन्‍दुस्‍तान को बनाने में एक किसान की मेहनत काम करती है, एक कारीगर की मेहनत काम करती है, एक बैंकर-फाइनेंसर की मेहनत काम करती है, एक सरकार के मुलाजिम की मेहनत काम करती है, एक मजदूर की मेहनत काम करती है; वैसे देश के उद्योगकारों की भी देश को बनाने में भूमिका होती है। हम उनको अपमानित करेंगे, चोर लुटेरे कहेंगे, ये कौन-सा तरीका है। हां, जो गलत करेगा उसको या तो देश छोड़ कर भगाना पड़ेगा या तो जेलों में जिंदगी गुजारनी पड़ेगी। लेकिन ये भी पहले इसलिए नहीं होता था क्‍योंकि परदे के पीछे पहले बहुत कुछ होता था। किसके जहाज में लोग घूमते हैं, पता नहीं है क्‍या।

और इसलिए देश को आगे बढ़ाने के लिए हर किसी के साथ और सहयोग की आवश्‍यकता है। और देश के सवा सौ करोड़ ना‍गरिकों को सम्‍मान देना, ये हम सब देशवासियों की जिम्‍मेदारी है। जो projects आज शुरू हुए हैं, इनमें आगे 2 लाख से अधिक युवाओं को सीधा रोजगार मिलने वाला है और इसके अतिरिक्‍त जहां ये उद्योग लगेंगे, फैक्‍टरियां लगेंगी, वहां के स्‍थानीय लोगों को अप्रत्‍यक्ष रोजगार भी मिलेगा। इन परियोजनाओं से किसान हो, श्रमिक हो, युवा हो; हर किसी को लाभ होने वाला है।

साथियों, मैंने यूपी की 22 करोड़ जनता को वचन दिया था कि उनके प्‍यार को ब्‍याज समेत लौटाऊंगा। आज यहां जो परियोजनाएं शुरू हो रही हैं वो उसी वचनबद्धता का एक महत्‍वपूर्ण ठोस कदम हैं। ये projects उत्‍तर प्रदेश में आर्थिक और औद्योगिक असंतुलन को दूर करने में भी सहायक होंगे क्‍योंकि ये राज्‍य के कुछ विशेष क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं हैं। इनका विस्‍तार नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर से लेकर झांसी, हरदोई, अमेठी, रायबरेली और जौनपुर, मिर्जापुर, गोरखपुर तक फैला हुआ है। ये projects, Digital India और Make In India अभियान को नया आयाम देने की दिशा में भी बहुत बड़े कदम सिद्ध होने वाले हैं।

पूरे उत्‍तर प्रदेश में तेज इंटरनेट सर्विस पहुंचाने के लिए Optical fibreबिछाना हो या फिर IT Center स्‍थापित करने का काम, ये Digital Infrastructure यूपी के विकास को नई गति, नई दिशा और नौजवानों को नया अवसर देने वाला है। ये हमारी सरकार के उस व्‍यापक प्‍लान का हिस्‍सा है जिसके तहत हम digitalization के साथ-साथ सामान्‍य मानवी के जीवन को सरल बनाना चाहते हैं। एक ऐसी व्‍यवस्‍था खड़ी करना चाहते हैं जहां किसी प्रकार के भेदभाव की गुंजाइश न हो। प्रक्रियाओं में गति भी दिखे और संवेदनशीलता भी दिखे। न अपना, न पराया, न छोटा, न बड़ा, सबके साथ समान व्‍यवहार; यानी कुल मिलाकर ‘सबका साथ सबका विकास।’

साथियो, सर्विसेज की तेज और transparent delivery सुनिश्चित करने के लिए ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ आज व्‍यापक भूमिका निभा रहा है। गांव-गांव में फैले तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर आज हमारे ग्रामीण जीवन को बदल रहे हैं। टिकट बुकिंग, बिजली, टेलीफोन के बिल, टेलि‍मेडिसिन, जन-औषधि, आधार सेवा जैसी सैंकड़ों सेवाओं के लिए अब गांव के लोग सरकारी दफ्तरों के चक्‍कर लगाने के लिए मजबूर नहीं हैं। गांव में कॉमन सर्विस सेंटर तो शहरों में फ्री वाई-फाई हॉट स्‍पॉट्स, सस्‍ता मोबाइल इंटरनेट- गरीब-मध्‍यम वर्ग के जीवन को सुगम बनाने में बहुत बड़ी सहायता कर रहा है।

साथियो, IT Industries बरसों से हमारी ताकत रही है। आज IT Export रिकॉर्ड स्‍तर पर है। 40 लाख से अधिक लोग इस इंडस्‍ट्री से जुड़े हैं। लेकिन देश की ये ताकत बड़े शहरों, मेट्रो शहरों, वहां तक सीमित रह गई। हमारी सरकार इस ताकत को देश के छोटे शहर और गांवों तक पहुंचाने के संकल्‍प के साथ काम कर रही है।

साथियों, टुकड़ों में सोचने की सरकारी परम्‍परा अब समाप्‍त हो चुकी है। अब silosको खत्‍म करे solutions को और synchronization को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। सरकार की एक योजना, एक एक्‍शन का दूसरे से सीधा कनेक्‍शन है। डिजिटल इंडिया अभियान और मेक इन इंडिया अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। आज डिजिटल इंडिया, डिजिटल लेनदेन का जो भी प्रसार हो रहा है, उसके पीछे सस्‍ते होते मोबाइल फोन भी एक कारण हैं। मोबाइल फोन इसलिए सस्‍ते हुए क्‍योंकि अब बड़ी मात्रा में भारत में फोन का निर्माण होने लगा है, बनने लगे हैं। आज देश दुनिया के लिए mobile manufacturing का hub बनता जा रहा है। आज हम दुनिया में मोबाइल फोन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं और मुझे प्रसन्‍नता है कि इन manufacturing revolution की अगुवाई उत्‍तर प्रदेश कर रहा है।

यूपी में 50 से अधिक मोबाइल फोन बनाने वाली फैक्‍टरियां आज काम कर रही हैं। हाल में ही दुनिया की सबसे बड़ी manufacturing unit की शुरूआत भी इसी उत्‍तर प्रदेश में हुई है। आज भी यहां जिन नई फैक्‍टरियों का शिलान्‍यास हुआ है, उनमें mobile manufacturing से जुड़ी फैक्‍टरियां भी शामिल हैं।

सा‍थियो, आज जो माहौल बना है, उसके लिए बीते चार वर्षों में अनेक फैसले सरकार ने लिए। Foreign direct investment से जुड़े फैसले हों, देश में manufacturing के लिए incentive देने का फैसला हो, या फिर प्रक्रियाओं को सरल बनाने का फैसला हो; ये सब उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। वर्षों से जो जीएसटी अटका हुआ था, उसने देश को टैक्‍स के जाल से मुक्‍त किया है और इसका भी फायदा उद्योग जगत को हुआ है।

बीते वर्ष देश में manufacturing को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत महत्‍वपूर्ण कदम और उठाया गया है। Public procurement preference to Make in India आदेश के द्वारा सरकार के तमाम विभागों और संस्‍थानों में खरीदी जा रही वस्‍तुओं और सेवाओं के domestic source से खरीदने पर बल दिया जा रहा है।Made In India को बल दिया जा रहा है। इस आदेश का लाभ देश के लघु उद्योगों को भी मिल रहा है।

पिछले एक वर्ष में, यहां योगी जी के नेतृत्‍व में जो परिवर्तन आया, नीतियां बनीं, अपराध पर नियंत्रण हुआ; उससे यूपी को डबल लाभ हुआ है। सा‍थियों, भाजपा सरकार, holistic vision, inclusive action - holistic visionand inclusive action, इस approach पर काम कर रही है।

इस मंच से यहां मौजूद उद्योग जगत के सभी साथियों, आप सभी को और तमाम निवेशकों को भरोसा दिलाना चाहता हूं प्रगति की हमारी ये जो दौड़ है ना- मेरे लिए तो ये एक शुरूआत है; बहुत दौड़ना बाकी है। तेज गति से दौड़ना है। आप राष्‍ट्र निर्माण की एक महत्‍वपूर्ण इकाई हैं और आपके संकल्‍प देश के करोड़़ों नौजवानों के सपनों से भी जुड़े हुए हैं। इन सपनों को साकार करने के लिए जो भी फैसले लेने पड़ेंगे वो भविष्‍य में भी पूरी मजबूती के साथ लेने का हम में इरादा भी है, ताकत भी है।

जैसे-जैसे Infrastructure से जुड़े हमारे बड़े प्रोजेक्‍ट तैयार होते जाएंगे, देश में विनिवेश करना और ज्‍यादा आसान होने वाला है। खासकर, logistic पर होने वाला खर्च बहुत कम होने वाला है। Next generation infrastructure से सामान्‍य जन के साथ-साथ उद्योग जगत को भी बहुत लाभ होने वाला है।

साथियों, information technology, consumer electronics, electronics manufacturing के लिए यूपी में बहुत संभावनाएं हैं। यहां के MSME सेक्‍टर को भी आने वाले समय में इस नए Infrastructure का लाभ मिलने वाला है। यहां के छोटे व्‍यापारियों, छोटे और मझले उद्यमियों से मेरा आग्रह है कि जो अब भी कैश से कारोबार कर रहे हैं, वो डिजिटल लेनदेन की तरफ जरा आगे आएं।

साथियों, स्‍थाई विकास और सतत प्रयास ही सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तानियों के सपनों को साकार करने वाला है। स्‍थाई विकास की जब हम बात करते हैं, तब बिजली की व्‍यवस्‍था इसका एक बहुत अहम हिस्‍सा है। सस्‍ती और निरंतर बिजली सामान्‍य जीवन की भी मूलभूत आवश्‍यकता है, तो कृषि और उद्योग के लिए भी बिजली उतनी ही अनिवार्य है। और इसलिए बिजली पर इस सरकार का बहुत बड़ा फोकस है। आज पारम्‍परिक एनर्जी से देश ग्रीन एनर्जी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। विशेषतौर पर सोलर एनर्जी पर सरकार विशेष ध्‍यान दे रही है। International solar alliance के हमारे initiative को आज दुनियाभर में समर्थन मिल रहा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी यूपी बहुत बड़ा हब बनने वाला है। मिर्जापुर में ही कुछ महीने पहले एक बहुत बड़े प्‍लांट का उद्घाटन किया गया था। आज एक और प्‍लांट का शिलान्‍यास यहां किया गया है।

भाइयो और बहनों, आज भारत ही नहीं, अफ्रीका समेत दुनिया के अनेक विकासशील देशों को solar technology, solar pump जैसी मशीनों की आवश्‍यकता है। मेरा आप सभी से भी आग्रह है कि ग्रीन और क्‍लीन एनर्जी के क्षेत्र में भारत में बन रहे अभूतपूर्व माहौल और वैश्विक परिस्थितियों का लाभ उठाने के लिए हमारे उद्योग जगत के सब साथी आगे आएं।

साथियो, बिजली उत्‍पादन से लेकर घर-घर तक बिजली पहुंचाने का काम आज अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है। 2013-14 में जहां हमारा energy deficit 4.2 percent था, चार साल के भीतर-भीतर आज हमारी deficit, one percent से भी कम हो गई है। जो कोयला, कोयले का नाम सुनते ही देश में, जो कोयला कभी कालिख का कारण बना था, वो आज रिकॉर्ड स्‍तर पर पैदा हो रहा है। आज कोयले की कमी चलते power grid फैल नहीं होते।

इतना ही नहीं, बिजली के क्षेत्र में जो भी reforms किए गए हैं, उनसे देश और देश के सामान्‍य जन के हजारों करोड़ रुपयों की बचत हुई है।

‘उदय योजना’ ने distribution कम्‍पनियों को नई लाईफ-लाइन दी है। ‘उजाला’ के तहत घर-घर में जो LED Bulb लगाए गए, उससे तीन वर्षों के दौरान बिजली के बिल में करीब, और ये मेरे खास करके मध्‍यम वर्गीय परिवार, जो बिजली के उपभोक्‍ता हैं; नगर पालिका, महानगर पालिका, जो street light की बिजली का बिल भरते हैं; बिजली के बिल में पिछले तीन साल में 50 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। 50 हजार करोड़ रुपये, और यही 50 हजार करोड़ की कोई रियायत मोदी ने घोषित की होती तो शायद सप्‍ताह भर हेड लाइन बनी रहती- वाह-वाह मोदी, वाह-वाह। हमने योजना ऐसी बनाई कि लोगों की जेब में 50 हजार करोड़ रुपया बचे। देश कैसे बदल रहा है। जब साफ नीयत से काम होता है तो इसी तरह सही विकास भी होता है।

साथियो, आज देश में बिजली की उपलब्‍धता बहुत आसान हुई है। वर्ल्‍ड बैंक की ease of getting electricity रैकिंग में भारत ने बीते चार वर्षों में लगभग 82 अंक की छलांग लगाई है। इतना improvement हुआ है। आज देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। अगले वर्ष मार्च तक हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य ले करके हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

मैं कभी-कभी हैरान हूं- कुछ लोग हमारे पीछे पड़ जाते हैं, हम कहते कि ऐसा किया तो वो बस लग जाते हैं, नहीं, नहीं किया है। लेकिन जो लोग मोदी की आलोचना करते हैं, वो लिख रखें- आप जब मोदी की आलोचना करने के लिए चीजें खोज रहे हो, वो 70 साल से बाकी पड़ी थीं, निकलेंगी तो वो ही निकलेंगी। मेरे खाते में चार साल है, औरों के खाते में 70 साल हैं। इसके बाद लक्ष्‍य देश को निर्बाध बिजली देने का भी है। इसके लिए ट्रांसमिशन के नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।

आज जो घाटमपुर-हापुड़ ट्रांसमिशन लाइन का शिलान्‍यास किया गया, वो इसी योजना का हिस्‍सा है। यूपी में पहले की सरकारों के दौरान जिस तरह ट्रां‍समिशन की व्‍यवस्‍था जर्जर हो गई थी, उसमें नए प्राण फूंकने के लिए योगीजी की सरकार को पूरा प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है।

साथियो, यूपी के लखनऊ के लम्‍बे समय तक सांसद रहे हैं और हमारे श्रद्धेय, देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी कहते रहते हैं कि वो ऐसा भारत देखना चाहते हैं जो समृद्ध हो, सक्षम हो और संवेदनशील हो। जहां गांव और शहरों के बीच खाई न हो। जहां केन्‍द्रऔर राज्‍य में श्रम और पूंजी में, प्रशासन और नागरिक में गैप न हो।

अटलजी ने न सिर्फ सपना देखा बल्कि इसको साकार करने के लिए उनका road map भी स्‍पष्‍ट है। अटलजी ने कभी कहा था, सड़कें हाथों की लकीरों की तरह हैं। इसी सोच का परिणाम है कि उन्‍होंने infrastructure पर फोकस किया है। अटलजी की सोच को 21वीं सदी की आवश्‍यकताओं के मुताबिक next level पर ले जाने का प्रयास हम पूरी ताकत से कर रहे हैं।

यूपी में पूर्वांचल एक्‍सप्रेस जैसे देश के सबसे बड़े एक्‍सप्रेस हों, बुंदेलखंड में डिफेन्‍स इं‍डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्‍थापना हो, ऐसे तमाम प्रोजेक्‍ट्स को तेजी से पूरा करने की कोशिश की जा रही है। साथियों, विश्‍व में कहीं भी, कोई भी best practice, कोई भी बेहतर सुविधा उपलब्‍ध है तो उसको अपने युवा साथियों तक, सवा सौ करोड़ देशवासियों तक पहुंचाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। कोटि-कोटि जन आकांक्षाओं को जन-भागीदारी से पूरा करना ही, ये हमारा रास्‍ता है, न्‍यू इंडिया का रोड मैप है। उत्‍तर प्रदेश के लिए देश के लिए आप सभी जो कर रहे हैं, उसके लिए मैं आपको हृदय से बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं।

मैं पिछले दो-एक महीने पहले मुम्‍बई गया था तो मैंने मुम्‍बई में उद्योग जगत के लोगों को बुलाया। और लोग बुलाते हैं लेकिन बताने की हिम्‍मत नहीं करते, मैंने बुलाया था। और मैंने उनके सामने presentation दिया कि आप इतने बड़े धनी लोग हैं, इतने बड़े उद्योग चलाते हैं, इतने कारोबार करते हैं, लेकिन हमारे देश में ये जो उद्योग जगत है, पूरा इतना बड़ा विश्‍व है, उसका agriculture sector में, corporate world का investment सिर्फ-सिर्फ one percent है; जो दुनिया के किसी देश में इतना कम नहीं होता है। और मैंने उनसे आधा दिन लगाया था कि हमारे corporate world का investment, agriculture में कैसे आए और ये one percent में भी क्‍या होता है- ट्रैक्‍टर बनाने वाले या यूरिया बनाने वाले, वो ही ज्‍यादा हैं। प्रत्‍यक्ष किसान को लाभ हो और मैंने उद्योग जगत के लोगों को आग्रह भी किया है, विषय भी समझाए हैं- value addition कैसे हो, एग्रीकल्‍चर में टेक्‍नोलॉजी कैसे लाएं, वेयर हाउसेज, कोल्‍ड स्‍टोरेज, पैकेजिंग, कई ऐसे विषय हैं जो हमारे कृषि उत्‍पादकों को बहुत लाभ पहुंचा सकते हैं। और उस दिशा में काम करने के लिए मैंने देश के उद्योगकारों को विशेष आग्रह किया है कि आप अपने यहां एक छोटी सी brain storming team बनाइए, एक टीम गठित कीजिए, किस क्षेत्र में क्‍या काम कर सकते हैं सोचिए। देश के कृषि जगत में जितना corporate investment हम ला पाएंगे हमारे किसान की ताकत जो पैदावार, कभी-कभी तो हमारी पैदावार इतनी नष्‍ट हो जाती है। जैसा अभी सूरी जी बता रहे थे- कि अब हम, हमारे देश में जो फल पैदा होते हैं उसी के पल्‍प से जूस बना करके बेचने का हमने निर्णय किया, मतलब किसान को लाभ होने वाला है। और जो जूस पीने वाला है, वो भी मजबूत होगा, और वो मजबूत होगा तो देश भी मजबूत होगा।

कहने का मेरा तात्‍पर्य है कि हमें ग्रामीण जीवन के साथ हमारे इन उद्योगों को कैसे ले जाएं। छोटी-छोटी चीजें ग्रामीण जीवन में कैसे ले जाएं। ये आने वाले जीवन में बहुत आवश्‍यक हैं और उस पर मैं बल दे रहा हूं, सबसे मैं बात कर रहा हूं। मुझे विश्‍वास है कि उसका भी परिणाम मिलेगा। और मुझे विश्‍वास ये भी है आज जिस प्रकार 60 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट जमीन पर उतरे हैं, बाकी के संकल्‍प भी जैसे योगीजी कह रहे थे कि 50 हजार करोड़ का काम तो करीब-करीब पूर्णता पर है। मुझे विश्‍वास है कि अपने-आप में एक बहुत बड़ा काम आपने किया है। पूरी टीम आपकी फिर से एक बार बधाई की पात्र है।

मेरी तरफ से आप सबको बहुत-बहुत धन्‍यवाद। और उत्‍तर प्रदेश के एमपी के नाते भी उत्‍तर प्रदेश के विकास की खबरें मुझे बहुत खुशी देती हैं और मेरा दायित्‍व भी बनता है उत्‍तर प्रदेश के लोगों का मुझ पर हम भी बनता है। और इसलिए मैं दो बार आऊं, पांच बार आऊं, 15 बार आऊं, आप ही का हूं। मैं आता नहीं हूं, यहीं आप ही का हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।