പ്രധാനമന്ത്രി നരേന്ദ്ര മോദി ആദ്യ ഉത്തരാഖണ്ഡ്: നിക്ഷേപക ഉച്ചകോടി ഉദ്ഘാടനം ചെയ്‌തു
സാധ്യത, നയം, പ്രകടനം എന്നിവയാണ് നമ്മുടെ പുരോഗതിയുടെ പ്രധാന സ്രോതസ്സുകൾ: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ഇൻസോൾവെൻസി, പാപ്പർ നിയമം എന്നിവ മൂലം ബിസിനസ്സ് എളുപ്പമായിരിക്കുന്നു. ബാങ്കിങ്ങ് സംവിധാനവും ശക്തിപ്പെട്ടു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
എല്ലാവർക്കും വീട്, എല്ലാവർക്കും വൈദ്യുതി, എല്ലാവർക്കും ശുദ്ധമായ ഇന്ധനം, എല്ലാവർക്കും ആരോഗ്യം , എല്ലാവർക്കും ബാങ്കിങ്, സർക്കാരിന്റെ മറ്റ് പദ്ധതികൾ എന്നിവ ലക്ഷ്യം നേടാൻ സഹായിക്കുന്നുവെന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി പറഞ്ഞു
#AyushmanBharat രണ്ടാംകിട മൂന്നാംകിട നഗരങ്ങളിൽ ആശുപത്രികൾ നിർമ്മിക്കാൻ സഹായിക്കും മാത്രമല്ല ആരോഗ്യ മേഖലയിലെ അടിസ്ഥാന സൗകര്യം മെച്ചപ്പെടുത്താനും സഹായിക്കുമെന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി മോദി പറയുന്നു
ഇന്ത്യക്കു വേണ്ടി മാത്രമല്ല, മുഴുവൻ ലോകത്തിനായി ഇന്ത്യയിൽ നിർമ്മിക്കൂ " എന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി മോദി നിക്ഷപരോട് ആവശ്യപ്പെട്ടു

उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल, श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी, केन्‍द्रीय मंत्रीपरिषद के मेरे तमाम सहयोगी, प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्रीमान त्रिवेन्‍द्र सिंह जी रावत, उत्‍तराखंड केबिनेट के सभी सदस्‍यगण, सिंगापुर के सूचना प्रसारण मंत्री श्री एस.ईश्‍वरन जी, जापान एवं चैक रिपब्लिक के राजदूत, देश-विदेश से पधारे तमाम उद्यमी साथियो, देवियो और सज्‍जनों।

बाबा केदार की छत्रछाया में चार धाम की पवित्रता के लिए देवधरा उत्‍तराखंड में पधारे देश-विदेश के सभी सा‍थियों का बहुत-बहुत स्‍वागत और अभिवादन है। मुझे विश्‍वास है कि आप यहां भारत के economic environment के साथ-साथ हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी cultural diversity को और prosperity से उसकी अनुभूति करेंगे, उसका परिचय करेंगे और एक नई चेतना प्राप्‍त करके यहां से लौटेंगे।

साथियो, उत्तराखंड की इस धरती पर हम सभी ऐसे समय पर एकत्र हुए हैं जब भारत में तेज गति से आर्थिक और सामाजिक बदलाव आ रहा है। देश बहुत बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हम नए भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया की हर बड़ी संस्‍था कह रही है कि भारत आने वाले दशकों में world growth का प्रमुख engine बनने वाला है। आज भारत की अर्थव्‍यवस्‍थाऔर स्थिर हुई है।Fiscal deficit कम हुआ है, महंगाई दर नियंत्रण में है। हमारे यहां दुनिया में सबसे तेज गति से middle class का bulkmiddle class का प्रसार हो रहा है। 80 करोड़ से अधिक युवा, ये शक्ति demographic dividend,आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य से भरपूर है।

साथियो, आज भारत में जिस speed और skill पर आर्थिक सुधार हो रहे हैं, वो अभूतपूर्व हैं। पिछले दो वर्षों में ही केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों द्वारा दस हजार से ज्‍यादा कदम उठाए गए हैं। इन कदमों की वजह से भारत ने ease of doing business, इसमें 42 अंकों का सुधार किया है। उस सुधार की प्रक्रिया में हमने 1400 से ज्‍यादा कानून खत्‍म किए हैं। इसके अलावा भारत में टैक्‍स व्‍यवस्‍था में भी बहुत सुधार किए गए हैं। टैक्‍स से जुड़े मामलों के समाधान को और पारदर्शी और तेज करने का प्रयास किया जा रहा है।

Insolvency और bankruptcycode से आज कारोबार आसान हुआ है, banking system को भी ताकत मिली है। GST के तौर पर भारत ने स्‍वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा tax reform किया है।GST ने देश को single market में बदल दिया है और tax base बढ़ाने में भी बहुत बड़ी मदद की है।

हमारा infrastructure sector भी रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले वर्ष ही भारत में करीब-करीब 10,000 किलोमीटर national highway का निर्माण हुआ है। यानी करीब-करीब 27 किलोमीटर daily निर्माण की गति से काम हो रहा है। ये पहले की सरकारों की तुलना में double है।

रेलवे लाइन के निर्माण में भी दोगुनी गति से काम किया जा रहा है। इसके अलावा अनेक शहरों में नई मेट्रो, high speed rail project, dedicated tradecorridor, इसके लिए भी काम चल रहा है।सरकार 400 रेलवे स्‍टेशनों का आधुनिकीकरण करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

अगर मैं aviation sector की बात करूं, भारत में ये सैक्‍टर भी रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है। इस गति को और तेज करने के लिए देश में करीब-करीब 100 नए एयरपोर्ट और helipad बनाने पर काम किया जा रहा है।उड़ान योजना के माध्‍यम से देश के tier 2, tier 3 शहरों में हवाई connectivity मुहैया कराने की कोशिश जारी है। भारत में 100 से ज्‍यादा national waterways बनाने पर भी काम किया जा रहा है।

साथियो, इनके अलावा आज भारत में housing for all, power for all, clean fuel for all, health for all, banking for all, जैसी अलग-अलग अनेक योजनाएं अपने लक्ष्‍य को पूरा करने की तरफ तेज गति से बढ़ रही हैं। यानी कुल‍ मिलाकर देखें तो आज ये कहा जा सकता है कि चौतरफा परिवर्तन के इस दौर में आपके लिए, देश-विदेश के निवेशकों के लिए, भारत में सर्वोत्‍तम माहौल बना हुआ है।

अभी हाल ही में शुरू की गई ‘आयुष्‍मान भारत योजना’ की वजह से भी भारत में medical sector में निवेश की बहुत बड़ी संभावना बनी है। इसकी वजह से आने वाले दिनों में tier 2, tier 3 शहरों में नए अस्‍पताल बनेंगे, medical collages बनेंगे, paramedical human resource development institutions बनेंगे, paramedical infrastructure मजबूत होगा। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि आयुष्‍मान भारत योजना के तहत देश के 50 करोड़ से ज्‍यादा नागरिकों को, उस परिवार को पांच लाख रुपये तक health insurance assurance प्राप्‍त हो रहा है। मतलब अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको, उसकी total जनसंख्‍या से ज्‍यादा लोगों को benefit मिलेगा। पूरे यूरोप की जो जनसंख्‍या है, उससे ज्‍यादा लोगों को benefit मिलेगा। अब ये benefit देने के लिए कितने अस्‍पतालों की जरूरत पड़ेगी, कितने डॉक्‍टरों की जरूरत पड़ेगी। कितना बड़ा investment की संभावना है और patient के लिए payment अभी से ready है, and  इसलिए investment करने वाले के लिए भी return का assurance है। ये अपने-आप में health sector में भारत में पूंजी निवेश का एक बड़ा अवसर आया है, जो tier 2, tier 3 cities में उत्‍तम स्‍तर के अस्‍पताल बनाने की संभावना बनाता है।

सा‍थियो, आज भारत में infrastructure पर जितना खर्च किया जा रहा है, पहले कभी नहीं किया गया। इस वजह से निवेश की अपार संभावनाओं के साथ ही रोजगार के भी लाखों नए अवसर बन रहे हैं। Potential, policy और performance, यही progress का सूत्र है।

New Indiainvestment का बेहतरीन destination है और Destination Uttarakhand इस पृष्‍ठ का एक चमकता हुआ हिस्‍सा है। उत्‍तराखंड देश के उन राज्‍यों में है, जो New India हमारे demographic dividend को represent करते हैं। आज का उत्‍तराखंड युवा है, आकांक्षाओं से भरा है, ऊर्जा से ओत-प्रोत है। यहां मौजूद असीम संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिएत्रिवेन्‍द्र रावत की सरकार मैं समझता हूं, भरसक प्रयास कर रही है। Destination Uttarakhand का ये मंच इन्‍हीं प्रयासों की अभिव्‍यक्ति है। अब महत्‍वपूर्ण ये है कि इस मंच पर जो बातें हुई हैं, जो विश्‍वास प्रकट किया गया है, जो उत्‍साह प्रकट किया गया है; वो जल्‍द ही जल्‍द जमीन पर उतरे। जिससे उत्‍तराखंड के युवा साथियों को अधिक से अधिक रोजगार मिले।

साथियो, श्रध्येय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब उत्‍तराखंड बनानेका फैसला लिया था, तब स्थितियां बहुत मुश्किल थीं। राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ बेहतर भविष्‍य के लिए पहाड़ जितनी चुनौतियां भी हमारे सामने थीं। लेकिन आज उत्‍तराखंड विकास की पटरी पर तेज गति से दौड़ रहा है।

बीते चार वर्षों में micro small and medium enterprises यानी MSME, उसको बढ़ावा देने के लिए, उनको सशक्‍त करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। ज्‍यादा से ज्‍यादा लघु उद्योगों को higher credit, support capital, interest subsidy, lower tax और innovations पर ध्‍यान दिया जा रहा है।हाल में सरकार ने फैसला लिया है- अब MSME के लिए एक करोड़ रुपये तक का ऋण बहुत ही कम समय में स्‍वीकृत हो जाएगा।

उत्‍तराखंड में किसी भी project की clearance को लेकर निवेशक को सरकारी दफ्तरों के चक्‍कर न काटने पड़ें, इसके लिए अनेक व्‍यवस्‍थाओं को online किया गया है।परिवेश, इस परिवेश नाम से onlineforest clearance के लिए एक portal काम कर रहा है, जिससे प्रकिया आसान तो हुई है, तेज भी हुई है।

बीते चार वर्षों के दौरान उत्‍तराखंड में connectivity बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। Highway, railway, airway, हर प्रकार से उत्‍तराखंड को connect किया जा रहा है। गांव-गांव में पक्‍की सड़कें पहुंच रही हैं। इतना ही नहीं, चार धाम all weather road  और ऋषिकेशकर्णप्रयागरेल लाइन का काम तीव्र गति से चल रहा है।

सा‍थियो, बेहतर connectivity का सबसे बड़ा लाभ यहां के tourism sector को मिलने जा रहा है। प्रकृति ने तो इस राज्‍य को समृद्ध किया ही है, साथ में आस्‍था और संस्‍कृति का भी वरदान दिया है।Nature हो, adventure हो,culture हो या फिर योगा, meditation हो, Uttarakhand tourism का एक complete package है, एक आदर्श गंतव्‍य है। अब तो उत्‍तराखंड सरकार ने अलग tourism policy बनाकर पर्यटन को industry का status दे दिया है, उद्योग का दर्जा दे दिया है। 18 सालों में पहली बार 13 जिलों में नए 13 destination, tourist destinations  को identify करके develop करने की पहल की गई है। इससे निश्चित रूप से राज्‍य के युवाओं को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे।

साथियो, उत्‍तराखंड में organic state बनने की पूरी संभावनाएं हैं। मुझे प्रसन्‍नता है कि cluster based organic farming के तहत राज्‍य को organic state बनाने की दिशा में काम काम शुरू कर दिया गया है।Organic farming को मार्केट उपलब्‍ध कराने के लिए केंद्र सरकार भी अनेक प्रयास कर रही है।

साथ ही देश में food processing को भी महत्‍व दिया जा रहा है।Food processing sector को मजबूत करने के लिए सरकार ने food processing में hundred percent 100 प्रतिशतforeign direct investment को,FDI को भी मंजूरी दे दी है।Food processing के मामले में भी आज भारत दुनिया के अग्रणी देशों में है। चाहे अन्‍न का उत्‍पादन हो, फल और सब्‍जी का उत्‍पादन हो, दूध का उत्‍पादन हो; अनेक क्षेत्रों में भारत दुनिया में पहले तीन स्‍थानों में है। हमारे किसानों की पैदावारwaste न हो, उनको उसका अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए Food processing पर हमारा focus है। इसमें भी उत्‍तराखंड का भविष्‍य स्‍वर्णिम है।

मैं आप सभी से agriculture में, agri-business में निवेश और बनाने का विशेष आग्रह करूंगा। Agriculture में होने वाला value addition  किसानों की आय को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। और मैं मानता हूं कि हम जितना ज्‍यादा investment, private investment, agriculture sector में करेंगे, हम processing हो, value addition  हो, cold storage हो, warehousing हो, transportation के लिए विशेष टाइप के स्‍पेशल टाइप के carriagesहों, ये सारी संभावनाएं हिन्‍दुस्‍तान की ग्रामीण economy की ताकत, और जो भारत के आर्थिक सामर्थ्‍य को एक नया आयाम देने की संभावनाओं से भरी पड़ी है।

साथियो, आज renewable energy के मामले में भारतworld leader बनने की तरफ अग्रसर है। दुनिया का नेतृत्‍व करने की ताकत आज हिन्‍दुस्‍तान में है। हमने तय किया है कि twenty-thirty तक, 2030 तकहमारी 40 प्रतिशत बिजली की क्षमता non fossil fuel basedसंसाधनों से पैदा होगी। इतना ही नहीं, twenty-twenty two, 2022, जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे, 2022 तक 175 GW renewable energy का लक्ष्‍य ले करके हम आगे बढ़ रहे हैं1 इसमें भी solar power का एक बहुत बड़ा हिस्‍सा होने वाला है।International Solar Alliance यानी ISA के पीछे भी यही अवधारणा है। दुनिया की ऊर्जा की जरूरतें भी पूरी हों और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे, इसके लिए हमारा तो एक ही मंत्र है-One World, One Sun, One Grid. उत्‍तराखंड में भी renewable energy के प्रसार के लिए राज्‍य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।Hydel power तो इस राज्‍य की ताकत है ही, अब solar energy जैसे नए माध्‍यम की शक्ति जुड़ जाने से उत्‍तराखंड energy surplus state बनने की पूरी क्षमता रखता है। उत्‍तराखंड हिन्‍दुस्‍तान को ऊर्जावान बना सकता है, इतना potential उत्‍तराखंड में पड़ा हुआ है।

साथियो, बीते चार वर्षों में Make In India एक बहुत बडा ब्रांड बना है। हमारा आग्रह है Make In Indianot only for India but for the whole world. दुनिया ने हमारे इस आमंत्रण को स्‍वीकार किया है, जिसके चलते information technology के साथ-साथ अब electronic manufacturing का भी भारत hub बनता जा रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी mobile phone manufacturing unit, उसके साथ-साथ 120 से अधिक फैक्‍टरियां भारत में काम कर रही हैं। दुनिया के अनेक बड़े ब्रांड आज Make In India का हिस्‍सा हैं।

वहीं automobile sector में भी भारत बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। इसevent में जापान उत्‍तराखंड का पार्टनर है। दोस्‍तों आपको जान करके खुशी होगी, जापान की कंपनी, जापान के प्रॉडक्‍ट; वो कार आज हिन्‍दुस्तान में बनती है और उस कार को जापान import करता है।

साथियो, आज इस कार्यक्रम के माध्‍यम से आप सभी को इन तमाम sectors में निवेश करने, उत्‍तराखंड और New India की growth story का हिस्‍सा बनने के लिए मैं आपको आम‍ंत्रित करता हूं।

मुझे पूरा विश्‍वास है कि आने वाले दो दिनों में जो MOU sign होंगे, वो बहुत ही शीघ्र फलीभूत भी होंगे और मुझे विश्‍वास है भारत की प्रगति हमारे राज्‍यों के potential को maximum उसको अगर channelizeकरें तो इस देश की विकास यात्रा को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। और ये खुशी की बात है कि आज राज्‍यों के बीच एक तंदुरुस्‍त स्‍पर्धा आरंभ हुई है। हर राज्‍य दूसरे राज्‍य से आगे बढ़ना चाहता है, innovative करना चाहता है। अपने राज्‍य की क्षमताओं के आधार पर करना चाहता है। और जब राज्‍य अपनी क्षमताओं को ले करके चलता है तो मैं नहीं मानता हूं वो राज्‍य पीछे होता है।दुनिया के कई देशों से हमारे राज्‍यों की ताकत ज्‍यादा है, हमारे राज्‍यों का सामर्थ्‍य ज्‍यादा है। दुनिया के कई छोटे देशों की तुलना में हमारे राज्‍यों में potential बहुत पड़ा हुआ है।

हर राज्‍य सपना देखे, मुझे बराबर याद है मैं पहली बार जब गुजरात का मुख्‍यमंत्री बना और वो भी 7 अक्‍तूबर थी, 2001, अभी मेरा तो कोई अनुभव नहीं था, मैं सरकार क्याहोतीहैकुछजानतानहींथा, मैंने कोई दफ्तर नहीं देखा था, बिल्‍कुल नया था। पत्रकार पहुंच गए, वो मुझे नोचने लगे। कोई ऐसी गलती कर दूं, ऐसा कोई जवाब दे दूं ताकि मेराtake offहीन हो पाए, भरपूर कोशिश चल रही थी। तो मुझे पूछा गया कि आप ये, आप गुजरात बनाना चाहते हैं, आपका आदर्श कौन है, किसको देख करके आप ऐसा बनाना चाहते हैं। आमतौर पर कोई ऐसा पूछे तो लोगों को लगता है कि ये जवाब आएगा, मैं अमेरिका जैसा बनाना चाहता हूं, इंगलैंड जैसा बनाना चाहता हूं, ऐसा ही आएगा जवाब। मैंने उनको अलग जवाब दिया, मैंने कहा मैं इसे साउथ कोरिया जैसा बनाना चाहता हूं। तो उनको कुछ मालूम ही नहीं था।फिर मैंने कहा, अपना कैमरा बंद कीजिए, मैं आराम से समझाता हूं, आपको तकलीफ न हो। मैंने कहा गुजरात की जनसंख्‍या साउथ कोरिया की जनसंख्‍या समान है। वहां का समुद्री तट, हमारा समुद्री तट, वहां की विकास यात्रा का मैप, यहां की‍ विकास यात्रा का मैप, मैंने कहा मैंने इतना बारीकी से study किया है कि मुझे लगता है कि हम उस रास्‍ते पर चलेंगे तो हम आगे बढ़ जाएंगे, हम रुकेंगे नहीं।

मैं मानता हूं हिन्‍दुस्‍तान के हर राज्‍य में ये ताकत पड़ी है। वो दुनिया के ऐसे कई देशों से मुकाबला करके आगे निकल सकते हैं। अगर हिन्‍दुस्‍तान का एक-एक राज्‍य इस सामर्थ्‍य के साथ आगे निकल सकता है, हमारे नौजवानों में वो ताकत है, सामर्थ्‍य है जी।

अभी परसों Russia के राष्‍ट्रपति यहां थे, पहले हमने एक अलग सा कार्यक्रम किया। वहां एक education institute से उनका बड़ालगाव है, मुझे देखने के लिए ले गए थे। तो मैंने उनको आग्रह किया था, उन बच्‍चों को एक बार हिन्‍दुस्‍तान लाइए। और मैंने कहा, मैं चाहता हूं कि हिन्‍दुस्‍तान से भी बच्‍चों को कभी मैं आपके यहां भेजूं। तो वो इस बार आए थे तो 20 बच्‍चों को लेकर आए थे। भारत के बच्‍चेऔर उनके बच्‍चे, 20-20 बच्‍चे, पांच-छह दिन साथ में काम किया। और पांच-छह दिन के भीतर-भीतर Russian mind और Indian mind के बच्‍चों ने मिल करके ऐसी कमाल की चीजें बनाई थीं, मैं और Russia के राष्‍ट्रपति उसको देख करके हैरान हो गए कि कितना potential है हमारे बच्‍चों में। उनको अवसर मिलना चाहिए, उनको exposureमिलना चाहिए। आज उत्‍तराखंड ने उस काम में एक कदम बढ़ाया है।

18 साल की उम्र का बड़ा महत्‍व होता है। उत्‍तराखंड चिर-पुरातन है, लेकिन उत्‍तराखंड सरकार की उम्र 18 साल है। 18 साल की ऊर्जा, 18 साल के सपने, 18 साल का अपना एक कुछ नया कर गुजरने का इरादा अद्भुत होता है। ये उत्‍तराखंड का काम है कि इस 18 साल को बेकार न जाने दे, ये बड़ा मूल्‍यवान समय है।

आर्थिक विकास की दुनिया में Special Economic Zone, SEZ, ये हम कई दशकों से सुनते आए हैं। लेकिन उत्‍तराखंड में एक अलग SEZ है और सदियों की हमारे ऋषि-मुनियों की तपस्‍या के कारण, माँगंगा के कारण है, देवाधिदेव हिमालय के कारण है। और वो ऐसी जगह है Spiritual Eco Zone और ये Special Economic ZoneसेSpiritual Eco Zoneकी ताकत लाखों गुना ज्‍यादा है। उत्‍तराखंड ने उस पर भी ध्‍यान केन्द्रित करके अपनी योजनाओं का विस्‍तार और विकास करना चाहिए।

मुझे विश्‍वास है कि रावत जी के नेतृत्‍व में ये 18 साल की सरकार, 18 साल की ऐसी ऊर्जावान उम्र में ये राज्‍य नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा और 2025 में जब आप 25 वर्ष मनाते होंगे, तब आपके सारे सपने साकार हुए होंगे। एक शुभ शुरूआत इस महाभगीरथ प्रयास से हुई है। मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं और भारत सरकार की तरफ से आपको पूरा सहयोग मिलेगा, इसका विश्‍वास दिलाता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।