ഉത്തർപ്രദേശിലെ രണ്ടാം ഘട്ട വോട്ടെടുപ്പിലെ പോളിങ് ശതമാനം ബിജെപി വീണ്ടും അധികാരത്തിലെത്തുമെന്ന് സൂചിപ്പിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ഈ വർഷം, മാർച്ച് 10 ന് സംസ്ഥാനത്ത് അധികാരം നിലനിർത്തുന്നവേളയിൽ ഹോളി ആഘോഷിക്കും: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി കാൺപൂർ ദേഹത്തിൽ
യുപിയിൽ രാജവംശങ്ങൾ വീണ്ടും പരാജയപ്പെടുമെന്ന് കാൺപൂർ ദേഹത്ത് തിരഞ്ഞെടുപ്പ് റാലിയെ അഭിസംബോധന ചെയ്യവെ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി പറഞ്ഞു

नमस्कार। भारत माता की… भारत माता की…

मैं सोच रहा था, इतने दिनों से आप सब चुनाव अभियान में लगे हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं आपकी ऊर्जा भी बढ़ रही है, उत्साह भी बढ़ रहा है। दिसंबर के महीने में मैं कानपुर शहर में मेट्रो का लोकार्पण करने के लिए आया था। और मैंने देखा हजारों-हजार लोग, माताएं-बहनें, मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए हुए थे। आज कानपुर देहात भी हम सभी पर ऐसा ही स्नेह दिखा रहा है। आपका ये प्यार ही मुझे निरंतर प्रेरित करता है कि आपके लिए दिन-रात मेहनत करूं, दिन-रात मैं आपके लिए खुद को खपाता रहूं।

साथियों, 

कानपुर, कानपुर देहात, बिठूर की इस पावन धरती में हमें गुरु परंपरा से लेकर आजादी तलक हर प्रकार का जीवन में एक ललक, जोश में कमिटमेंट हमें नजर आता है। आज हमारे साथ जालौन के भी लोग वर्चुअली जुड़े हुए हैं। हाथ से बने रंग-बिरंगे कागज़ों के लिए प्रसिद्ध जालौन की धरती को भी मैं प्रणाम करता हूं! मैं कानपुर देहात का एक और वजह से बहुत आभारी हूं। कानपुर देहात ने अपने सपूत को देश के सर्वोच्च पद पर भेजा है। मैं जब भी राष्ट्रपति जी से मिलने जाता हूं, तो वो मुझसे आप लोगों के बारे में, कानपुर देहात जिले के जीवन के बारे में बात इतनी बातें बताते है इतनी बातें बताते हैं। उनके दिल में आपके लिए जो प्यार है, वो उनकी बातों से आसानी से समझ में आता है। 

साथियों, 

आज उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण और उत्तराखंड में और गोवा में मतदान हो रहा है। मैं सभी मतदाताओं, विशेषकर फर्स्ट टाइम वोटर्स से आग्रह करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट देने का उनका ये पहली बार मौका, उस मौके को  जाने न दें ताकि अपने जीवन में उनको याद रहेगा कि कितनी छोटी उम्र में वोट डाला था। आज उत्तराखंड में भी चुनाव हो रहा है, आज गोवा में भी चुनाव हो रहा है और अब जब गोवा में चुनाव हो रहा है तो मैं देश के मतदाताओं के सामने और विशेषकर जहां चुनाव चल रहा है वहां के मतदाताओं को भी एक बात से अवगत कराना चाहता हूं। मैंने कल गोवा के एक अखबार का इंटरव्यू देखा। देखिये चुनाव गोवा में चल रहा है और टीएमसी ममता बनर्जी की पार्टी उनके एक नेता उसने गोवा में वो चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं और उनको पूछा गया कि यहां आपकी पार्टी का कोई वजूद तो है नहीं, आप यहां चुनाव लड़ने क्यों आए हो, तो उन्होंने क्या जवाब दिया वो जवाब देश के इलेक्शन कमीशन के लिए भी गौर करने जैसा है, हिंदूस्तान के मतदाताओं को भी गौर करने जैसा है और मेरे उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को भी गौर करने जैसा है। बंगाल की टीएमसी पार्टी जो गोवा में चुनाव लड़ने गई है। वो कहती है हमनें तो उस पार्टी से इसलिए गठबंधन किया है क्योंकि हम गोवा में हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं। आप देखिेये ये हिम्मत क्या ये लोकतंत्र है, सेक्यूलरजिज्म है क्या? आप खुलेआम कहें हम हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं तो आप किसके वोट इकट्ठा करना चाहते हो ये भेदभाव, क्या ये भाषा लोकतंत्र की है क्या? मैं गोवा के मतदाताओं को कहना चाहता हूं। ये मौका है इस प्रकार की राजनीति को दफना देने का। 

मेरे प्यारे साथियों,  

उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का जो ट्रेंड आया है और पहले चरण की वोटिंग जो  हुई है, इसने चार बातें बहुत साफ कर दी है। पहला, भाजपा की सरकार, योगी जी की सरकार फिर से आ रही है, जोर-शोर से आ रही है, गाजे-बाजे के साथ आ रही है। दूसरा, हर जाति, हर विरादरी के लोग और हर वर्ग के लोग बिना बंटे गांव हो या शहर बिना बंटे, आज बिना किसी भ्रम में पड़े एकजुट होकर यूपी के तेज विकास के लिए वोटिंग करके पहले फेज में बीजेपी को बहुत आगे बढ़ा दिया है और दूसरा फेज भी बढ़ रहा है। तीसरा, हमारी माताओं-बहनों ने हमारी बेटियों ने बीजेपी की जीत का झंडा खुद उठा लिया है।  माताओं और बहनों ने सुरक्षा के नाम पर, सम्मानपूर्वक जो जिंदगी मिल रही है उसके लिए माताओं और बहनों ने बीजेपी को जिताने का झंडा उठा लिया है। चौथा, ये पहले दो चरण के आधार पर मैं विश्वास से कह रहा हूं। चौथा, मेरी मुस्लिम बहनें, चुपचाप बिना किसी शोर-सराबे के मन बनाकर मोदी को आशीर्वाद देने के लिए घर से निकल रही है। हमारी मुस्लिम महिलाएं, हमारी मुस्लिम बहनें-बेटियां जानती हैं कि जो सुख-दुख में काम आता है वही अपना होता है। इन चार बातों ने इन घोर परिवारवादी लोगों को चारों खाने पर चित्त कर दिया है भाइयों। उनको पराजित कर दिया है। यूपी के लोगों ने इन्हें 2014 में हराया है, सत्रह में फिर से हराया है, उन्नीस में फिर एक बार हराया, और अब बाइस में भी घोर परिवारवादी फिर से हारेंगे। इस बार उत्तर प्रदेश में रंगों वाली होली 10 दिन पहले ही मनाई जाएगी, 10 मार्च को ही जब चुनाव नतीजे आएंगे धूमधाम से रंगों वाली होली शुरू हो जाएगी, भाजपा की प्रचंड जीत की खुशी में मनेगी। हर बार ये लोग चुनाव में आते हैं तो नया पार्टनर लेकर के आते हैं, नया साथी लेकर के आते हैं। नए साथी के कंधों के भरोसे चलने की कोशिश करते हैं। आप ऐसे लोगों पर विश्वास करेंगे। ये हर चुनाव में जिस साथी को लाते हैं उसको भी धक्का मारकर निकाल देते हैं। दूसरे चुनाव में दूसरा साथी लाते हैं तीसरे चुनाव में तीसरा साथी लाते हैं। जो साथी बदलते हैं वो आपका साथ देंगे क्या? वो आपका साथ देंगे क्या? जो चुनाव में साथ जीएंगे साथ मरेंगे के वायदे करते हैं चुनाव समाप्त होते ही लात मार देते हैं वो आपका भला करेंगे क्या? अरे जो अपने साथियों पर भरोसा नहीं करते वो आप पर भरोसा करेंगे क्या? आपका भला करेंगे क्या? आपका साथ देंगे क्या? ऐसे लोगों पर हम भरोसा कर सकते हैं क्या? ऐसे लोगों के साथ हम चल सकते हैं क्या? जो सिर्फ घोर परिवार का भला करना चाहते हैं वो यहां के युवाओं का भला करेंगे क्या? यहां की माताओं-बहनों का भला करेंगे क्या? यहां की बेटियों का भला करेंगे क्या? और इसलिए भाइयों-बहनों मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही है। हमें विकास के रास्ते पर चलना है। मतदाताओं को गुमराह करते हैं और पराजय के बाद में, हार का ठीकरा, जिसको साथ में ले आए हैं उन्हीं के गले पर मढ़ देते हैं जी। आप देखिए, 10 मार्च के बाद कैसे ये लोग अपने नए साथी को कोसना शुरू करेंगे। दोनों एक-दूसरे को, तू-तू मैं-मैं करेंगे।  

साथियों,

पहले की सरकारों ने यूपी के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं किया। उन लोगों ने यूपी को लूटा, दिन रात लूटा और यहां के लोगों को अपराधियों-दंगाइयों-माफियाओं के हवाले कर दिया। ऐसा हुआ था कि नहीं हुआ था? आप ऐसी मुसीबतों में जीते थे कि नहीं जीते थे? असुरक्षा थी कि नहीं थी? इन लोगों ने तरीका ऐसा बनाया था कि परिवार के हर सदस्य को इनके राज करने का तरीका मालूम है न आपको, घोर परिवारवादी जब राज करते थे परिवार के सदस्यों को अलग-अलग इलाका बांट देते थे। भतीजा इस जिसे में से रुपये कमाएगा, भांजा यहां से लूटेगा, बहन उस इलाके की मालिक, चाचा उस इलाके का मालिक। उन्होंने इलाके बांट दिए थे कि नहीं? लूटने के तरीके खोज लिए थे कि नहीं? लोगों का भला करने के लिए नहीं, लूट करने की व्यवस्था बनाई थी कि नहीं बनाई थी? वो आपका एरिया लूट लो। भाइयों-बहनों, इन लोगों का बस चलता तो कानपुर और कानपुर की तरह ही यूपी के और शहरों में एक-एक मोहल्ला, माफियागंज के नाम से बना देंगे। क्या हर शहर में माफियागंज मोहल्ला चाहिए क्या? हर नगर में माफियागंज मोहल्ला चाहिए क्या? इन माफियाओं से मुक्ति चाहिए कि नहीं चाहिए? याद करिए, पहले किस तरह गरीब के, मध्यम वर्ग के, व्यापारी-कारोबारी के घरों पर, जमीनों पर अवैध कब्जा हो जाता था। योगी जी की सरकार ने इन भूमाफियाओं पर ऐसी सख्ती दिखाई है ऐसी सख्ती दिखाई कि उनकी माफियागिरी आखिरी सांसे गिन रही है। अगर उनको सपा जैसा डॉक्टर मिल गया, तो फिर से सांसें दौड़ने लग जाएगी। अब ये परिवारवादी इन माफियाओं को नई ताकत देने का बहाना ढूंढ रहे हैं। इसलिए उनको सरकार चाहिए। आपने देखा कि बीते कुछ दिनों में कितने ही वीडियो निकले, आपने देखा होगा वो वीडियो! इनके गुंडों ने, उनकी जो वीडियो आई है, उन्होंने पत्रकारों को भी छोड़ा नहीं है, भाइयों-बहनो, पत्रकारों को भी बुरी तरह से पीटा है क्योंकि उन पत्रकारों ने सच्च दिखाने की हिम्मत दिखाई है। यूपी के लोगों को इनसे सतर्क रहना है, इन लोगों को सरकार में लौटने नहीं देना है।

भाइयों और बहनों, 

गरीब का कल्याण, उसका सशक्तिकरण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आप याद करिए, 2017 से पहले जब इन घोर परिवारवादियों की सरकारें थीं, तब आए दिन यूपी में राशन घोटाले की खबरें आती थीं कि नहीं आती थी? राशन घोटाला होता था कि नहीं होता था?। गरीब का राशन मार लिया जाता था कि नहीं मार लिया जाता था?  इन लोगों ने लाखों फर्ज़ी राशन कार्ड बनाकर, राशन माफिया का दानव ऐसा पैदा कर दिया था, जो गरीब को भूखे रहने को मजबूर करता था। डबल इंजन सरकार ने फर्ज़ी राशन कार्डों के इस खेल को खत्म कर दिया। आज यूपी के करोड़ों नागरिकों को मुफ्त राशन का डबल बेनिफिट मिल रहा है, पूरा बेनिफिट मिल रहा है। यही कारण है कि 100 साल के बाद इतने बड़े संकट में, इतनी बड़ी दुनिया की इतनी बड़ी महामारी में भी गरीब का चूल्हा जलता रहा। और मेरी माताओं-बहनों अगर संकट आ भी गए हैं, ये मोदी है मेरी गरीब मां-बहन का चूल्हा कभी बुझने नहीं देगा। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना भी उनकी मदद कर रही है। अगर यूपी का कोई परिवार, किसी दूसरे राज्य में जाए, अगर उत्तर प्रदेश से मानो गुजरात चला गया, महाराष्ट्र चला गया, कर्नाटक चला गया, पंजाब चला गया तो उसको अब, उसके राशन कार्ड भले ही यूपी का होगा उसको पंजाब में भी राशन मिलेगा महाराष्ट्र में भी राशन मिलेगा और मुंबई में भी मिलेगा। एक राज्य से दूसरे राज्य जाएगा गरीब आदमी भूखआ नहीं मरेगा। 

भाइयों और बहनों,

डबल इंजन की सरकार का काम कैसा होता है, ये गरीबों के पक्के आवास की योजना में भी दिखता है। पहले की सरकार ने पूरे कार्यकाल में, गरीबों के लिए घर बनाने में कितनी उदासीनता रखी। मुझे बताइए…भारत सरकार पैसे भेजे, गरीब को घर चाहिए, मोदी घर बनाना चाहता है, लेकिन 2014 में यहां ऐसी सरकार थी वो गरीबों के लिए घर बनाने के लिए तैयार नहीं थीं। योगी जी की सरकार बनने के बाद काम हुआ और मुझे खुशी है कि हम जो पैसा दिल्ली से भेजा, पाई-पाई का उपयोग हुआ और उत्तर प्रदेश में 34 लाख, आंक़ड़ा सुन लीजिए भैय्या  34 लाख पक्के घर गरीब को बना के दिए गए। 34 लाख, कितने.. कितने भइया… कितने… 34 लाख, और आज एक घर की कीमत कितनी होती है, लाखों में होती है कि नहीं होती है? इसका मतलब उत्तर प्रदेश में 34 लाख गरीब जिनको घर मिला वे लखपति हुए कि नहीं हुए? मोदी ने आकर के 34 लाख गरीबों को लखपति बनाया कि नहीं बनाया? योगी जी ने लखपति बनाया कि नहीं बनाया? इसमें से भी 13 लाख घर, हमारे दलित भाई-बहनों को मिले हैं, भाइयों कोई भेदभाव नहीं। 

भाइयों बहनों, 

घोर परिवारवादियों ने उत्तर प्रदेश की महिलाओं की कभी इज्जत नहीं की, कभी उनका दुख-दर्द नहीं समझा। किसी भी मजहब की महिलाएं हों, किसी भी पंथ की बेटियां हों, हमारी सरकार बिना भेदभाव, उनके हितों की रक्षा में जुटी है। जनधन बैंक खाते खुले, सबसे ज्यादा लाभ बेटियों को हुआ। मुद्रा योजना हो, सबसे अधिक लोन बेटियों को मिले। स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी ज्यादा पैसा देना हो, सबसे अधिक लाभ हमारी मां-बहन-बेटियों को मिला। नल से जल हो, बेटियों की सुविधा सबसे अधिक बढ़ी। घर-घर शौचालय बने, इज्जत घर बने, तो बहनों-बेटियों को अपमान से, पीड़ा से मुक्ति दिलाने का काम भी मोदी और योगी सरकार ने किया। जिस पीएम आवास योजना के बारे में मैंने अभी बताया, उसमें जो घर दिए जा रहे हैं, उसमें से ज्यादातर महिलाओं के ही नाम हैं। और सबसे बड़ी बात, योगी जी सरकार की सख्ती से मनचलों, गुंडों, दबंगों, दंगाइयों में जो डर पैदा हुआ है, वो हमारी बहन-बेटियों के हौसलों को बुलंद करने में बहुत उपयोगी है। और इसलिए यूपी की हर बहन-बेटी कह रही है कि यूपी के लिए योगी उपयोगी हैं ! और साथियों, महिलाओं के लिए जो काम हमारी सरकार ने किया है, उसकी बहुत बड़ी लाभार्थी मुस्लिम बहनें-बेटियां भी हैं। हमारी मुस्लिम बेटियों को भी पढ़ाई के लिए जाते समय रास्ते के मनचलों की वजह से बहुत दिक्कत होती थी। जब यूपी में अपराधी कंट्रोल में आए, तो इसका लाभ मुस्लिम बहनों-बेटियों को भी मिला। मुझे खुशी है कि पिछले पांच-सात सालों में स्कूल में, कॉलेजों में मुस्लिम बेटियों की संख्या भी बढ़ रही है। मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि कैसे अपनी मुस्लिम बहनों-बेटियों के जीवन को आसान बना सकूं। आप कल्पना कर सकते हैं, आप जरा कल्पना करिए, हर पुरुष कल्पना करे, मैं जो बात बताता हूं, मुसलमान पुरुषों से भी कहता हूं आप जरा कल्पना कीजिए, मायके से अगर औरत खाली हाथ लौटती है तो फटाक से तीन तलाक दे दिया जाए, ससुराल से पत्नी बाइक लेकर के नहीं आई तो तीन तलाक दे दी जाए, ससुराल से अपनी पत्नी सोने की चेन लेकर के नहीं आई तो तीन तलाक दे दो, घड़ी नहीं आई तीन तलाक दे दो, मोबाइल मंगवाया, मोबाइल नहीं आया तीन तलाक दे दो। कोई भी छोटी सी बात पर तलाक-तलाक-तलाक कहकर मुस्लिम महिलाओं का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता था। और सिर्फ उस मुस्लिम महिला का ही नहीं, आप उस बेटी के पिता का दर्द समझिए उस बेटी की मां का दर्द समझिए। जब बेटी वापस चली आए तो उनके मन पर कितनी गुजरती होगी, वो हमेशा इस डर में जीती थी कि कहीं बेटी का तीन तलाक ना हो जाए।

साथियों,

आज देश की हर मुस्लिम बहन-बेटी के पास तीन तलाक के खिलाफ कानून की सुरक्षा हमने दी है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि तीन तलाक का कानून बनने के बाद, यूपी की हजारों बेटियों का घर टूटने से बचा है, तबाह होने से बचा है। मेरी बहन-बेटियां बच गई हैं और उनके मायके वाले भी बच गए हैं। घोर परिवारवादियों ने किसानों और खासकर छोटे किसानों को भी हमेशा धोखा ही दिया है। ऐसे छोटे किसानों की चिंता पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर रही है। हमने छोटे किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि शुरू की, उसके बैंक खाते में सीधे पैसा भेजना शुरू किया। हमने फसल बीमा के नियमों में बदलाव किया, उनके लिए विशेष पेंशन योजना शुरू की। हम किसान क्रेडिट कार्ड के दायरों को बढ़ाकर के पशुपालकों को और मछली पालन करने वालों को हमने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया। हम उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर का भी तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं। ये डेयरी प्लांट अपनी बिजली की ज़रूरत गोबर से बनी बायोगैस से पूरी कर सकें, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। इससे किसान को आय का एक और अतिरिक्त विकल्प मिलेगा और दूध ना देने वाले पशुओं का उनको गोबर बेचकर के कमाई का एक नया विकल्प हम पूरे उत्तर प्रदेश में देने जा रहे हैं। पशु भी किसान को पशुपालक को आय कराएगा। योगी जी की सरकार पहले ही ऐसे बेसहारा पशुओं के लिए गोशालाओं के निर्माण पर पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। 10 मार्च को दोबारा सरकार बनने के बाद इस अभियान को और गति दी जाएगी ताकि किसानों को कोई दिक्कत न हो।

भाइयों और बहनों,  

गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार बायोफ्यूल के इस्तेमाल को भी लगातार बढ़ा रही है। यूपी के किसानों को हज़ारों सोलर पंप हम मुहैया करा रहे हैं। जब खेत में ही सोलर पावर से बिजली पैदा होगी, तो आप अंदाज कर सकते हैं कि किसान का कितना लाभ होने वाला है कितना पैसा बचने वाला है। हमारी कोशिश है, हमारा अन्नदाता ऊर्जा दाता भी बने इसके लिए हम काम कर रहे हैं। इस बार  भाजपा ने संकल्प पत्र जारी किया है, उसमें भी बिजली से लेकर खेती किसानी से जुड़े बड़े संकल्प लिए गए हैं। 10 मार्च को सरकार बनने के बाद इन संकल्पों पर तेजी से काम किया जाएगा। भाजपा सरकार गंगा जी के किनारे बसे गांवों में प्राकृतिक खेती, केमिकल फ्री खेती को भी प्रोत्साहन  दे रही है।

भाइयों और बहनों, 

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकार, यूपी को आधुनिक सुविधाएं देने में भी जी जान से जुटी हुई है। आप सोचिए, अगर इनकी सरकार होती तो यहां से गुजरने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इतनी तेजी से आगे बढ़ता क्या? अगर इनकी सरकार होती तो क्या पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इतनी तेज़ी से काम कर पाता क्या? कोरोना काल में भी कानपुर मेट्रो पर जितनी तेजी से काम किया गया, ये आपने भी देखा है। इनके रहते क्य़ा यहां डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण संभव हो पाते? इन लोगों ने जो फिरौती का, गुंडागर्दी का, कर्फ्यू का माहौल यहां बनाया था, दंगों का माहौल बनाया था उसमें कौन यहां निवेश करने आता ?

साथियों, 

माफियावादियों ने कानपुर के उद्योगों को तालाबंदी की तरफ धकेला, डबल इंजन सरकार कानपुर में मेगा लेदर पार्क बना रही है। जो पहले सरकारों में थे इन्होंने विदेशी आयात को प्राथमिकता देकर जालौन के कागज़ उद्योग को भी बर्बाद कर दिया था। लेकिन योगी जी की सरकार ने कागज़ उद्योग के साथ-साथ जालौन के मटर को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कदम उठाए है। आज जब मोदी देश में वोकल फॉर लोकल, लोकल के लिए वोकल होने की अपील करता है, तो उसके पीछे आप जिस उद्योगों से जुड़े हैं आपके उद्योगों को ताकत देने का हम काम कर रहे हैं, कुटीर उद्योगों का समर्थ बनाने का काम हम कर रहे हैं। सबका साथ-सबका विकास यही हमारा मंत्र है, यही हमारा संकल्प है। लेकिन इसके लिए सबका प्रयास भी आवश्यक है, आपके एक एक वोट का योगदान बहुत आवश्यक है। इसलिए याद रखिए, भाइयों-बहनों आज इस सभा के बाद आप घर-घर जाएंगे… आप इस सभा के बाद घर-घर जाएंगे… घर-घऱ जाएंगे… घर-घर जाएंगे… हर परिवार को मतदान के लिए समझाएंगे… ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे….भाजपा के कमल पर वोट डलवाएंगे। योगी जी की सरकार बनाएंगे… पक्का करेंगे…कमल निशान… कमल निशान… कमल निशान… ये घर-घऱ पहुचाएंगे… पहले मतदान, फिर जलपान, और कोई काम पहले नहीं करेंगे पहले मतदान करेंगे… आप सबका बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत धन्यवाद…

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।