Congress and BJD see poor as their votebank: PM Modi

Published By : Admin | April 6, 2019 | 11:05 IST
BJP was born from the Indian ethos, from its indegenous cultural heritage and principles: PM Modi in Odisha
The BJD government has long neglected the people’s interests and so the people are eager to get rid of its lax governance: PM Modi
Both the Congress and BJD see poor as their votebank and gain political mileage if the poor remains poor: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण, सभी हमारे उम्मीदवार और विशाल संख्या में पधारे हुए सुंदरगढ़ के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, सुंदररगढ़ और बरगड़ का ये सैलाब ये हुजूम, ये लहर, आपका ये स्नेह देखकर के मैं अभिभूत हूं। आप इस सेवक को आशीर्वाद देने के लिए जिस बड़ी संख्या में आए हैं। इसे मैं जीवन भर कभी भूल नहीं सकता हूं, और मैं हेलीकॉप्टर से देख रहा था कि जितने लोग ये सामने दिखते हैं, उससे ज्यादा लोग बाहर दिख रहे हैं। थोड़ी देर पहले यहां मुझे किसी ने बताया कि पहली बार देश का कोई प्रधानमंत्री सुंदरगढ़ आया है। ये सही बात है? जब वो ये कह रहे थे तभी मैंने उनको बीच में ही रोक दिया और मैंने जरा टोक दिया। मैंने कहा कि सुंदरगढ़ में कोई प्रधानमंत्री आज भी नहीं आया है। आज भी जो आया है वो तो तो ओडिशा का प्रधान सेवक आज अपने मालिकों से आशीर्वाद लेने के लिए आया है। साथियो, आज से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है। मां कमलेश्वरी, मां मनीकेश्वरी की धरती से ओडिशा और देश को नवरात्र की बहत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। भगवान बिरसा मुंडा, श्री मादरी कालो, वीर सुरेंद्र साय, वीर निर्मल मुंडा, और आमको- सिमको के हर शहीद को मैं नमन करता हूं। देश की रक्षा सुरक्षा में जुटे वीर-जवानों और नक्सलियों, माओवादियों और आतंकियों से देश को सुरक्षित करने वाले ओडिशा के हर जवान को भी मैं नमन करता हूं।

भाइयो- बहनो, 2019 का ये चुनाव ओडिशा और देश के भविष्य के लिए बहुत अहम है। आप सभी को यहां विधानसभा में और केंद्र में किस तरह की सरकार चाहिए इसका फैसला करना है। आपको ये फैसला करना है कि ओडिशा और केंद्र में ईमानदार और मेहनती सरकार चाहिए या फिर भ्रष्ट और फैसले टालने वाली सरकार चाहिए। आपको ये फैसला करना है कि ओडिशा और केंद्र में गरीब, आदिवासी, दलित, वंचित, पिछड़ा-शोषित हर वर्ग का विकास करने वाली सरकार चाहिए या फिर वंशवाद, भाई-भतीजावाद की सरकार चाहिए। साथियो, आपने दशकों तक देश में केंद्र में कांग्रेस सरकार के काम को देखा है। पिछले 19 वर्षों से आप ओडिशा में बीजेडी की सरकार को भी देख रहे हैं। इन दोनों की तुलना में आपके सामने भारतीय जनता पार्टी की सरकार का कामकाज भी है। साथियो, आज ही भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस भी है।

39 वर्ष पहले आज ही के दिन सबसे बड़े राजनीति संगठन यानी हम सबके दिलों में बसी भाजपा का गठन हुआ हुआ था और इसका हम सभी देश प्रेमियों को गर्व है। बीजेपी इसलिए विशेष है क्योंकि ये पार्टी न तो धनबल से बनी है और न ही बाहुबल से बनी है और न ही ये बाहर से उधारी ली गई कोई विचारधारा से बनी है। साथियो बीजेपी देश की जन-जन की आकांक्षाओं में से जन्मी है और पली-बढ़ी है। भारत की मूलभूत इस मिट्टी की सुगंध के साथ ये उपजी है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रची-बसी है, और भारत के सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व करती है। हम परिवार पर आधारित नहीं और न ही हम लोग पैसों पर आधारित है। हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं की है। कार्यकर्ताओं ने बनाई है। कार्यकर्ताओं के बलिदान हुए है। चार-चार पीढ़ी खप गई है। कई पार्टियां पैसे से बनी है ये पार्टी पसीने से बनी है। कार्यकर्ताओं के पसीने से बनी है।

जब-जब देश में चुनौती आई है तब-तब बीजेपी कार्यकर्ता सबकुछ छोड़कर न्यौछावर कर मां भारती की रक्षा में डटकर खड़े हुए हैं और संघर्ष किया है। जेपी आंदोलन के दौरान जनसंघ के रुप में लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के दौरान युवा शक्ति के रुप में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के दमनकारी और तानाशाही रवैये के खिलाफ लोकतंत्र को बचाने का काम किया। लाखों भाजपा के जनसंघ के कार्यकर्ता जेलों में रहे। 19-19 महीने जेलों में रहे। जब भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठा तभी बीजेपी एकता यात्रा के साथ देश को एकजुट रखने के लिए आगे आई। चरैवेति चरैवेति के मंत्र को लेकर हम चलते रहते थे, और अटल बिहारी वाजपेयी जी तो हमें कहा करते थे कि बीजेपी के कार्यकर्ता का एक पैर रेल में और दूसरा पैर जेल में रहना चाहिए। यानी बीजेपी का कार्यकर्ता लोगों की आवश्यकताओं को समझने के लिए जमीन से जुड़ा रहना चाहिए। लगातार भ्रमण करता रहना चाहिए। उसका एक पैर रेल के डिब्बे में होना चाहिए और दूसरा पैर विकास के जुड़े मुद्दों के लिए जनता जनार्दन को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करें संघर्ष करें। ताकी सरकार को उसे जेल में डाले बिना कोई चारा ना बचे। और साथियो ऐसे हुआ भी।

मुझे याद है, मैं तो छोटा सा कार्यकर्ता था गुजरात में था, राजनीति में नहीं था, लेकिन मैंने देखा कि अनेक कार्यकर्ता, अनेक ऐसी बहनें छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महीनों तक जेलों में समय गुजारती थी क्योंकि सरकार के दमन चला करते थे। इस समर्पण से भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। अगर केरल की तरफ नजर करें तो आय दिन हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हो जाती है। वहां सत्ता में हम बैठे नहीं है। बंगाल में आय दिन हमारे कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया जाता है। जहां आतंकवाद है वहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है लेकिन उसके बावजूद भी भारत माता की जय। इसी एक मंत्र के लिए समर्पित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चार-चार पीढ़ी से न कुछ लेना है, न कुछ पाना है, न कुछ बनना है। न कभी अखबार में तस्वीर छपती है न टीवी पर चेहरा दिखता है। लेकिन फिर भी भारत माता की जय का नारा लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगे रहते हैं। अपने इस लंबे सफर में अनेक बार बीजेपी के मनोबल को तोड़ने की तरह तरह से कोशिशें की गई।

लेकिन पार्टी के निर्भीक और उत्साहित कार्यकर्ताओं उनके मनोबल को कभी कोई हिला नहीं पाय। डिगा नहीं पाया। आज बीजेपी का झंडा आज ऐसी जगहों पर लहरा रहा है जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। आज नॉर्थ ईस्ट से लेकर भारत के चारों कोनों में भाजपा का परचम लहरा रहा है। देश भर में लोगों ने बीजेपी को गले लगाया है। अपने दिल में उतारा है। आज बीजेपी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संगठन है। लोकतांत्रिक दल है। आज सबसे ज्यादा दलित पिछड़े, आदिवासी, ग्रामीण तबके के किसान, महिलाएं आज भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। देश को कांग्रेस और कांग्रेस से निकली पार्टियों के सामने एक मजबूत विकल्प देने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है, साथियो, बीजेपी युवा भारत की पार्टी है, एक्सप्रेशनल भारत की पार्टी है। जिससे किसान जुड़ रहे हैं।

जवान जुड़ रहे हैं, नौजवान जुड़ रहे हैं, महिलाएं जुड़ रही हैं, अगर भारत की राजनीति में किसी दल ने विकास को मुख्य मुद्दा बनाया, उसे जन आंदोलन का रुप दे दिया तो वो भारतीय जनता पार्टी है। इतने कम समय में इतनी तेजी से आगे बढ़ा दल इतनी छोटी आयु वाला दल जिसने भारत की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, वो है भारतीय जनता पार्टी। भाइयो और बहनो, अटल जी ने कहा था कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा। आज मैं जब ओडिशा की धरती पर आया हूं तो मैं भी देख रहा हूं कि ओडिशा में चाहे राज्य की सरकार की चाहे केंद्र की कमल खिलना तय है। ओडिशा की जनता ने तय किया है। कोई पांच साल पहले कल्पना भी नहीं कर सकता था कि यहां बीजेपी का डंका बजने लगेगा। आज मैं दावे के साथ फिर से एक बार दोहराता हूं कि ओडिशा में इस बार सबसे ज्यादा कमल खिलने वाले हैं।

 हमारी इस सफर में, भारतीय जनता पार्टी की विचार यात्रा में भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा में भारतीय जनता पार्टी की त्याग-तपस्या की इस यात्रा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, लाल कृष्ण आडवाणी जी, जगन्नाथराव जोशी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, राजमाता सिंधिया जी, ऐसे अनके तपस्वी कार्यकर्ताओं के मार्ग दर्शन इस पार्टी को बनाया और यहां हमारे ओडिशा में भी किसी जमाने में देबेंद्र प्रधान जी देवेंद्र महापात्र जी, विश्व भूषण हरिचंदन जी, विक्रम केसरी देव जी जैसे अनके कार्यकर्ताओं ने अपनी तपस्या से पार्टी को मजबूत किया है, और आज की पीढी भी पूरी ताकत से लगी है और ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी का परचम फहरा रही है। मैं भारतीय जनता पार्टी के 11 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को आज भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आदरपूर्वक नमन करता हूं, उनके उत्साह को नमन करता हूं। उनके जोश को नमन करता हूं। उनके संकल्प को नमन करता हूं। उनके परिश्रम को नमन करता हूं, और देश के लिए जीने मरने की उनकी भावना की प्रतिबद्धता को आज मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। अब उनके ही परिश्रम से देश में एक बार फिर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने जा रही है।

बीते पांच वर्षों में हमने देश को ये दिखाया है कि जब कांग्रेस कल्चर से मुक्त पूर्ण बहुमत वाली सरकार चलती है तो उसका मतलब क्या होता है। भाइयो और बहनो, भारत अब आतंकियों को घर में धुसकर के मारता है। मारता है कि नहीं मारता है। आप खुश हैं, आतंकियों को अब ऐसा ही जवाब देना चाहिए कि नहीं चाहिए। भाइयो और बहनो, सरकारें पहले भी थी लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक का कभी सोच भी नहीं पाती थी। सरकारें पहले भी थी लेकिन दूसरे देश की सीमा के पार जाकर के हवाई जहाज से आतंकियों के ठीकानों को खत्म करना उनके बस का रोग नहीं था। ये बदलते हुए भारत दिनों दिन मजबूत होते भारत का प्रमाण है। आप मुझे बताइए देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? मजबूत भारत के लिए मजबूत ओडिशा होना चाहिए कि नहीं चाहिए? मजबूत ओडिशा और मजबूत भारत के लिए कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? पूरे ओडिशा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? हर विधानसभा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? हर लोकसभा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? साथियो, एक मजबूत देश उसकी मजबूत सरकार ही अपने देश के भीतर की चुनौतियों को तेजी से समाप्त कर सकती है। गरीबी हो, पिछड़ापन हो, अशिक्षा हो, बीमारियां हो, इस मोर्चे पर एक मजबूत सरकार एक साथ काम कर सकती है। साथियो, आप बताइए ओडिशा और देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है कि नहीं है? जरूरत है कि नहीं है? जरूरत पूरी करेंगे? जी जान से जुटेंगे? देश के तेज विकास के लिए एक मजबूत सरकार की जरूरत है ये हम सब स्वीकार करते हैं। साथियो, सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबका साथ सबका विकास इस मंत्र पर चलने वाली न कि जाति, पंथ, संप्रदाय और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव करने वाली सरकार है। भाइयो और बहनो, क्षेत्र के आधार पर जो भेदभाव ओडिशा की बीजेडी सरकार कर रही है। ऐसा ही भेद इस प्रकार का भेदभाव कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने दशकों से पूरे पूर्वी भारत के साथ किया है। यहीं कारण है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, नॉर्थ ईस्ट, प. बंगाल और ओडिशा सहित देश का ये पूर्वी हिस्सा विकास की रौशनी से दूर रहा।

ये आपका चौकीदार है, ये आपका चौकीदार है, जिसने पूरे पूर्वी भारत को नए भारत का विकास इंजन बनाने का बीड़ा उठाया है। आपके हितों की चौकीदारी करने का संकल्प लिया है। साथियो, ये संकल्प बड़े सपनों की बात सबको सुरक्षा सबको समृद्धि और सबको सम्मान देने की बात हम ऐसे ही नहीं करते बल्कि काम के आधार पर करते हैं। आपके पड़ोस में झारखंड है छत्तीसगढ़ है। देश के आदिवासियों के विकास और जनजातीय हितों को ध्यान में रखते हुए ही अटल जी के नेतृत्व वाली सरकार ने इन दोनों राज्यों का निर्माण किया था। छत्तीसगढ़ तो बिल्कुल नया था, हिंसा से प्रभावित था। आप तुलना कीजिए 15 वर्ष बीजेपी के और ये 19-20 साल यहां के बीजेडी के, ऐसे ही झारखंड में आज विकास गांव-गांव तक पहुंच रहा है। सामान्य मानवी को हर प्रकार की सुविधा पहुंचने में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज झारखंड के युवाओँ को पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है। उन्हें राज्य में ही काम करने के अच्छे विकल्प मिल रहे हैं। बीजेपी का यहीं ट्रैक रिकॉर्ड है। विकास के डबल इंजन का यहीं इतिहास है, जिसको लेकर आज मैं आपके सामने आज खड़ा हूं। आपको विकास चाहिए या भेदभाव चाहिए? विकास चाहिए या भेदभाव चाहिए? ओडिशा में विकास के कमल का फूल खिला कर रखोगे? भाइयो और बहनो, ओडिशा गरीब नहीं है, ओडिशा के लोगों में सामर्थ्य की कमी नहीं है। यहां संपदा भी है, संसाधन भी है और संकल्प को पूरा करने वाली ये मेरे ओडिशा की जनता जर्नादन भी है। अगर यहां कुछ नहीं रहा है तो वो है, सही नीति नहीं है और सही नीयत नहीं है। बीजेडी की नीयत सही होती तो किसानों को उनकी उपज की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलता जो चौकीदार ने तय किया है।

अगर बीजेडी की नीयत सही होती तो यहां के गरीब 50 लाख किसानों को जो हजारों करोड़ रुपये सीधे खाते में आने थे उसको रोका नहीं जाता। बीजेडी की नीयत सही होती तो आयुष्मान भारत के तहत देशभर के अस्पतालों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज यहां के गरीबों को वो रुकता नहीं। बीजेडी की नीयत सही होती तो यहां के अस्पतालों का काम नहीं लटकता, अस्पताल बेहाल न होते। बीजेडी की नीयत सही होती तो मोदी जो अब तक आठ लाख पक्के घर गरीबों को दे पाया है उसकी संख्या उससे भी ज्यादा होती। अकेले ओडिशा में आठ लाख घर दे पाया हूं। लेकिन अगर सरकार ठीक होती तो शायद ये आंकड़ा और अनेक लाखों में जुड़ जाता और गरीब अपने घर में होते। बीजेडी की नीयत सही होती तो महानदी कोल लिमिटेड में कोल कॉरिडोर का प्रोजेक्ट कभी भी न लटकता। हजारों युवाओं का रोजगार न फंसता। बीजेडी की नीयत सही होती तो जो पैसे केंद्र सरकार उसे भेजती है उसे सही तरीके से खर्च करती। उस पर ताला लगाकर बैठ नहीं जाती। बीजेडी की नीयत सही होती तो खद्दानों से मिलने वाली रॉयल्टी के पैसों से यहां स्कूल खुलवाती , अस्पताल खुलवाती, सिंचाई की परियोजना को पूरा करवाती लेकिन साथियों बीजेडी आपके विकास पर रोकर लगाकर बैठ गई है। क्या ऐसी पार्टी को सजा नहीं देनी चाहिए? ऐसी पार्टी को विदाई करनी चाहिए कि नहीं चाहिए?

ओडिशा की भलाई के लिए बदलाव लाना चाहिए कि नहीं लाना चाहिए? ओडिशा की भलाई के लिए बदलाव लाना चाहिए कि नहीं लाना चाहिए? ओडिशा की आपके संतानों के लिए यहां के युवा पीढ़ी के लिए नई तेज तर्रार सरकार की जरूरत है कि नहीं है? क्या इतनी सुस्त सरकार ओडिशा का विकास कर पाएगी क्या? कर पाएगी क्या? साथियो, चौकार की नीति भी स्पष्ट है, और नीयत भी नेक है, नेक नीयत के कारण ही इतने दशकों के बाद बच्चों और बेटियों की तस्करी से जुड़ा कड़ा कानून इस चौकीदार ने बनाया है। कांग्रेस की सरकार भी रही, बीजेडी की सरकार भी रही, बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की इनको कोई चिंता नहीं, बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की चौकीदारी की नीति चौकीदार लेकर आया। नेक नीयत है तभी तो बेटियों को स्कूल में अलग शौचालय, घर-घर में इज्जत घर देने का काम और धुएं से संघर्ष करती ओडिशा की 35 लाख बहनों को गैस कनेक्शन दिया गया है। भाइयो और बहनो विकास की पंचधारा बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, और जनजन की सुनवाई इसी रास्ते पर ये चौकीदार काम कर रहा है। विकास की ये पंच धारा जनजातीय अंचलों में भी दिख रही है। आपके इस चौकीदार ने देश को स्पोर्ट्स सुपरपावर बनाने का सपनाद देखा है।

सुंदरगढ़ तो हमारी हॉकी की नर्सरी है नर्सरी, पांच वर्ष में अपना देखा है कि हर खेल में भारत का प्रदर्शन कितना सुधरा है। खेलो इंडिया जैसा एक बहुत व्यापक अभियान देश के कोने कोने में प्रतिभा को पहचानने के लिए हमने चलाया है। हमारा प्रयास कि अपनी जनजातीय युवाओं को खेलों को अधिक सुविधाएं दी जाए इसलिए इसके लिए हर आदिवासी बाहुल्य जिलों को आने वाले वर्षों में पांच करोड़ रुपये तक की सहायता का प्रावधान किया गया है। इसी तरह बच्चों की पढ़ाई के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। पढ़ाई के लिए जो मदद दी जा रही है वो सीधे आपके बैंक खाते में जमा करने की व्यवस्था की गई है। आपको पता है ना, सुंदरगढ़ ही नहीं, ओडिशा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में आदिवासी हितों आदिवासी विकास की जिम्मेदारी को कौन संभाल रहा है ?आपके ही सांसद मेरे मित्र जुवेल उरांव जी संभाल रहे हैं। साथियो, एक तरफ आपके इस चौकीदार के प्रयास है और दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेडी का इतिहास है। इनके लिए दलित, आदिवासी, पिछड़े सिर्फ एक वोट बैंक है। वरना क्या कारण है ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का सशक्त करने का काम भी मोदी को ही करना पड़ा है। कांग्रेस इतने वर्षों तक ये काम क्यों नहीं कर पाई। कांग्रेस की ये नीति रही है कि लोगों को जात-पात के जंजाल में उलझाए रखे ताकी वो सवाल न पूछ पाए यहीं कारण है कि देश से और ओडिशा से कांग्रेस साफ हो रही है।

वर्षो तक कांग्रेस में काम करने वालों को अब कांग्रेस पर भरोसा नहीं बचा है। इसकी एक वजह ये भी है कि क्योंकि इसके स्वार्थी नामदार ने अपने स्वार्थ के लिए देश को दांव पर लगा दिया है। आपका ये चौकीदार आतंकियों और नक्सलियों और माओवादियों को सबक सिखाने में जुटा है, और कांग्रेस इनको आश्रय देने वालों को बचाने में लगी है। चौकीदार देश के सपूतों के सम्मान के लिए मैदान में है, कांग्रेस देश के हितों के खिलाफ काम करने वालों के सम्मान के लिए मैदान में है। आपका चौकीदार पाकिस्तान के आतंकी ठीकानों पर स्ट्राइक करता है। कांग्रेस जवानों के विशेष अधिकार को ही हटाने में ही जुटी है।

भाइयो और बहनो देश की सुरक्षा और ओडिशा के विकास के लिए आप सभी चौकीदारों को कमल का फूल पूरी मजबूती से खिलाना है। आप कमल खिलाएंगे? चौकीदार को मजबूत करेंगे? तो बोलिए

मेरे साथ… मैं कहूंगा.. मैं भी आप भी बोलिए चौकीदार... मैं भी...चौकीदार, मैं भी..चौकीदार, मैं भी...चौकीदार, गली- गली में...चौकीदार, गली-गली में...चौकीदार, गली- गली में चौकीदार, चौक-चौक पर...

चौकीदार, गांव-गांव है... चौकीदार, शहर शहर है...चौकीदार, बच्चा बच्चा...चौकीदार, बूढ़े-बुजुर्ग....चौकीदार, माता- बहने...चौकीदार, घर-घर में हैं...चौकीदार, खेत खलिहान में...चौकीदार, बाग-बगान में...चौकीदार, देश के अंदर..चौकीदार, सरहद पर भी...चौकीदार, डॉक्टर- इंजीनियर...चौकीदार, शिक्षक- प्रोफेसर...चौकीदार, लेखक- पत्रकार...चौकीदार, आदिवासी...चौकीदार, वनवासी...चौकीदार, दलित-पीड़ित...चौकीदार, वंचित शोषित..चौकीदार, किसान- कामगार...चौकीदार, दुकानदार भी...चौकीदार, वकील व्यापारी भी... चौकीदार, स्टूडेंट्स भी... चौकीदार, सारा देश...चौकीदार, देश के भीतर...चौकीदार, सीमा पर भी...चौकीदार।

आइए सवा सौ करोड़ चौकीदार मिलकर के देश के उज्जवल भविष्य के लिए आगे बढ़े। बहुत-बुहत धन्यवाद... भारत माता की...जय

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।