Congress and BJD see poor as their votebank: PM Modi

Published By : Admin | April 6, 2019 | 11:05 IST
BJP was born from the Indian ethos, from its indegenous cultural heritage and principles: PM Modi in Odisha
The BJD government has long neglected the people’s interests and so the people are eager to get rid of its lax governance: PM Modi
Both the Congress and BJD see poor as their votebank and gain political mileage if the poor remains poor: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण, सभी हमारे उम्मीदवार और विशाल संख्या में पधारे हुए सुंदरगढ़ के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, सुंदररगढ़ और बरगड़ का ये सैलाब ये हुजूम, ये लहर, आपका ये स्नेह देखकर के मैं अभिभूत हूं। आप इस सेवक को आशीर्वाद देने के लिए जिस बड़ी संख्या में आए हैं। इसे मैं जीवन भर कभी भूल नहीं सकता हूं, और मैं हेलीकॉप्टर से देख रहा था कि जितने लोग ये सामने दिखते हैं, उससे ज्यादा लोग बाहर दिख रहे हैं। थोड़ी देर पहले यहां मुझे किसी ने बताया कि पहली बार देश का कोई प्रधानमंत्री सुंदरगढ़ आया है। ये सही बात है? जब वो ये कह रहे थे तभी मैंने उनको बीच में ही रोक दिया और मैंने जरा टोक दिया। मैंने कहा कि सुंदरगढ़ में कोई प्रधानमंत्री आज भी नहीं आया है। आज भी जो आया है वो तो तो ओडिशा का प्रधान सेवक आज अपने मालिकों से आशीर्वाद लेने के लिए आया है। साथियो, आज से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है। मां कमलेश्वरी, मां मनीकेश्वरी की धरती से ओडिशा और देश को नवरात्र की बहत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। भगवान बिरसा मुंडा, श्री मादरी कालो, वीर सुरेंद्र साय, वीर निर्मल मुंडा, और आमको- सिमको के हर शहीद को मैं नमन करता हूं। देश की रक्षा सुरक्षा में जुटे वीर-जवानों और नक्सलियों, माओवादियों और आतंकियों से देश को सुरक्षित करने वाले ओडिशा के हर जवान को भी मैं नमन करता हूं।

भाइयो- बहनो, 2019 का ये चुनाव ओडिशा और देश के भविष्य के लिए बहुत अहम है। आप सभी को यहां विधानसभा में और केंद्र में किस तरह की सरकार चाहिए इसका फैसला करना है। आपको ये फैसला करना है कि ओडिशा और केंद्र में ईमानदार और मेहनती सरकार चाहिए या फिर भ्रष्ट और फैसले टालने वाली सरकार चाहिए। आपको ये फैसला करना है कि ओडिशा और केंद्र में गरीब, आदिवासी, दलित, वंचित, पिछड़ा-शोषित हर वर्ग का विकास करने वाली सरकार चाहिए या फिर वंशवाद, भाई-भतीजावाद की सरकार चाहिए। साथियो, आपने दशकों तक देश में केंद्र में कांग्रेस सरकार के काम को देखा है। पिछले 19 वर्षों से आप ओडिशा में बीजेडी की सरकार को भी देख रहे हैं। इन दोनों की तुलना में आपके सामने भारतीय जनता पार्टी की सरकार का कामकाज भी है। साथियो, आज ही भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस भी है।

39 वर्ष पहले आज ही के दिन सबसे बड़े राजनीति संगठन यानी हम सबके दिलों में बसी भाजपा का गठन हुआ हुआ था और इसका हम सभी देश प्रेमियों को गर्व है। बीजेपी इसलिए विशेष है क्योंकि ये पार्टी न तो धनबल से बनी है और न ही बाहुबल से बनी है और न ही ये बाहर से उधारी ली गई कोई विचारधारा से बनी है। साथियो बीजेपी देश की जन-जन की आकांक्षाओं में से जन्मी है और पली-बढ़ी है। भारत की मूलभूत इस मिट्टी की सुगंध के साथ ये उपजी है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रची-बसी है, और भारत के सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व करती है। हम परिवार पर आधारित नहीं और न ही हम लोग पैसों पर आधारित है। हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं की है। कार्यकर्ताओं ने बनाई है। कार्यकर्ताओं के बलिदान हुए है। चार-चार पीढ़ी खप गई है। कई पार्टियां पैसे से बनी है ये पार्टी पसीने से बनी है। कार्यकर्ताओं के पसीने से बनी है।

जब-जब देश में चुनौती आई है तब-तब बीजेपी कार्यकर्ता सबकुछ छोड़कर न्यौछावर कर मां भारती की रक्षा में डटकर खड़े हुए हैं और संघर्ष किया है। जेपी आंदोलन के दौरान जनसंघ के रुप में लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के दौरान युवा शक्ति के रुप में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के दमनकारी और तानाशाही रवैये के खिलाफ लोकतंत्र को बचाने का काम किया। लाखों भाजपा के जनसंघ के कार्यकर्ता जेलों में रहे। 19-19 महीने जेलों में रहे। जब भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठा तभी बीजेपी एकता यात्रा के साथ देश को एकजुट रखने के लिए आगे आई। चरैवेति चरैवेति के मंत्र को लेकर हम चलते रहते थे, और अटल बिहारी वाजपेयी जी तो हमें कहा करते थे कि बीजेपी के कार्यकर्ता का एक पैर रेल में और दूसरा पैर जेल में रहना चाहिए। यानी बीजेपी का कार्यकर्ता लोगों की आवश्यकताओं को समझने के लिए जमीन से जुड़ा रहना चाहिए। लगातार भ्रमण करता रहना चाहिए। उसका एक पैर रेल के डिब्बे में होना चाहिए और दूसरा पैर विकास के जुड़े मुद्दों के लिए जनता जनार्दन को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करें संघर्ष करें। ताकी सरकार को उसे जेल में डाले बिना कोई चारा ना बचे। और साथियो ऐसे हुआ भी।

मुझे याद है, मैं तो छोटा सा कार्यकर्ता था गुजरात में था, राजनीति में नहीं था, लेकिन मैंने देखा कि अनेक कार्यकर्ता, अनेक ऐसी बहनें छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महीनों तक जेलों में समय गुजारती थी क्योंकि सरकार के दमन चला करते थे। इस समर्पण से भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। अगर केरल की तरफ नजर करें तो आय दिन हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हो जाती है। वहां सत्ता में हम बैठे नहीं है। बंगाल में आय दिन हमारे कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया जाता है। जहां आतंकवाद है वहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है लेकिन उसके बावजूद भी भारत माता की जय। इसी एक मंत्र के लिए समर्पित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चार-चार पीढ़ी से न कुछ लेना है, न कुछ पाना है, न कुछ बनना है। न कभी अखबार में तस्वीर छपती है न टीवी पर चेहरा दिखता है। लेकिन फिर भी भारत माता की जय का नारा लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगे रहते हैं। अपने इस लंबे सफर में अनेक बार बीजेपी के मनोबल को तोड़ने की तरह तरह से कोशिशें की गई।

लेकिन पार्टी के निर्भीक और उत्साहित कार्यकर्ताओं उनके मनोबल को कभी कोई हिला नहीं पाय। डिगा नहीं पाया। आज बीजेपी का झंडा आज ऐसी जगहों पर लहरा रहा है जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। आज नॉर्थ ईस्ट से लेकर भारत के चारों कोनों में भाजपा का परचम लहरा रहा है। देश भर में लोगों ने बीजेपी को गले लगाया है। अपने दिल में उतारा है। आज बीजेपी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संगठन है। लोकतांत्रिक दल है। आज सबसे ज्यादा दलित पिछड़े, आदिवासी, ग्रामीण तबके के किसान, महिलाएं आज भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। देश को कांग्रेस और कांग्रेस से निकली पार्टियों के सामने एक मजबूत विकल्प देने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है, साथियो, बीजेपी युवा भारत की पार्टी है, एक्सप्रेशनल भारत की पार्टी है। जिससे किसान जुड़ रहे हैं।

जवान जुड़ रहे हैं, नौजवान जुड़ रहे हैं, महिलाएं जुड़ रही हैं, अगर भारत की राजनीति में किसी दल ने विकास को मुख्य मुद्दा बनाया, उसे जन आंदोलन का रुप दे दिया तो वो भारतीय जनता पार्टी है। इतने कम समय में इतनी तेजी से आगे बढ़ा दल इतनी छोटी आयु वाला दल जिसने भारत की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, वो है भारतीय जनता पार्टी। भाइयो और बहनो, अटल जी ने कहा था कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा। आज मैं जब ओडिशा की धरती पर आया हूं तो मैं भी देख रहा हूं कि ओडिशा में चाहे राज्य की सरकार की चाहे केंद्र की कमल खिलना तय है। ओडिशा की जनता ने तय किया है। कोई पांच साल पहले कल्पना भी नहीं कर सकता था कि यहां बीजेपी का डंका बजने लगेगा। आज मैं दावे के साथ फिर से एक बार दोहराता हूं कि ओडिशा में इस बार सबसे ज्यादा कमल खिलने वाले हैं।

 हमारी इस सफर में, भारतीय जनता पार्टी की विचार यात्रा में भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा में भारतीय जनता पार्टी की त्याग-तपस्या की इस यात्रा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, लाल कृष्ण आडवाणी जी, जगन्नाथराव जोशी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, राजमाता सिंधिया जी, ऐसे अनके तपस्वी कार्यकर्ताओं के मार्ग दर्शन इस पार्टी को बनाया और यहां हमारे ओडिशा में भी किसी जमाने में देबेंद्र प्रधान जी देवेंद्र महापात्र जी, विश्व भूषण हरिचंदन जी, विक्रम केसरी देव जी जैसे अनके कार्यकर्ताओं ने अपनी तपस्या से पार्टी को मजबूत किया है, और आज की पीढी भी पूरी ताकत से लगी है और ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी का परचम फहरा रही है। मैं भारतीय जनता पार्टी के 11 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को आज भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आदरपूर्वक नमन करता हूं, उनके उत्साह को नमन करता हूं। उनके जोश को नमन करता हूं। उनके संकल्प को नमन करता हूं। उनके परिश्रम को नमन करता हूं, और देश के लिए जीने मरने की उनकी भावना की प्रतिबद्धता को आज मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। अब उनके ही परिश्रम से देश में एक बार फिर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने जा रही है।

बीते पांच वर्षों में हमने देश को ये दिखाया है कि जब कांग्रेस कल्चर से मुक्त पूर्ण बहुमत वाली सरकार चलती है तो उसका मतलब क्या होता है। भाइयो और बहनो, भारत अब आतंकियों को घर में धुसकर के मारता है। मारता है कि नहीं मारता है। आप खुश हैं, आतंकियों को अब ऐसा ही जवाब देना चाहिए कि नहीं चाहिए। भाइयो और बहनो, सरकारें पहले भी थी लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक का कभी सोच भी नहीं पाती थी। सरकारें पहले भी थी लेकिन दूसरे देश की सीमा के पार जाकर के हवाई जहाज से आतंकियों के ठीकानों को खत्म करना उनके बस का रोग नहीं था। ये बदलते हुए भारत दिनों दिन मजबूत होते भारत का प्रमाण है। आप मुझे बताइए देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? मजबूत भारत के लिए मजबूत ओडिशा होना चाहिए कि नहीं चाहिए? मजबूत ओडिशा और मजबूत भारत के लिए कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? पूरे ओडिशा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? हर विधानसभा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? हर लोकसभा में कमल खिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? साथियो, एक मजबूत देश उसकी मजबूत सरकार ही अपने देश के भीतर की चुनौतियों को तेजी से समाप्त कर सकती है। गरीबी हो, पिछड़ापन हो, अशिक्षा हो, बीमारियां हो, इस मोर्चे पर एक मजबूत सरकार एक साथ काम कर सकती है। साथियो, आप बताइए ओडिशा और देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है कि नहीं है? जरूरत है कि नहीं है? जरूरत पूरी करेंगे? जी जान से जुटेंगे? देश के तेज विकास के लिए एक मजबूत सरकार की जरूरत है ये हम सब स्वीकार करते हैं। साथियो, सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबका साथ सबका विकास इस मंत्र पर चलने वाली न कि जाति, पंथ, संप्रदाय और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव करने वाली सरकार है। भाइयो और बहनो, क्षेत्र के आधार पर जो भेदभाव ओडिशा की बीजेडी सरकार कर रही है। ऐसा ही भेद इस प्रकार का भेदभाव कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने दशकों से पूरे पूर्वी भारत के साथ किया है। यहीं कारण है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, नॉर्थ ईस्ट, प. बंगाल और ओडिशा सहित देश का ये पूर्वी हिस्सा विकास की रौशनी से दूर रहा।

ये आपका चौकीदार है, ये आपका चौकीदार है, जिसने पूरे पूर्वी भारत को नए भारत का विकास इंजन बनाने का बीड़ा उठाया है। आपके हितों की चौकीदारी करने का संकल्प लिया है। साथियो, ये संकल्प बड़े सपनों की बात सबको सुरक्षा सबको समृद्धि और सबको सम्मान देने की बात हम ऐसे ही नहीं करते बल्कि काम के आधार पर करते हैं। आपके पड़ोस में झारखंड है छत्तीसगढ़ है। देश के आदिवासियों के विकास और जनजातीय हितों को ध्यान में रखते हुए ही अटल जी के नेतृत्व वाली सरकार ने इन दोनों राज्यों का निर्माण किया था। छत्तीसगढ़ तो बिल्कुल नया था, हिंसा से प्रभावित था। आप तुलना कीजिए 15 वर्ष बीजेपी के और ये 19-20 साल यहां के बीजेडी के, ऐसे ही झारखंड में आज विकास गांव-गांव तक पहुंच रहा है। सामान्य मानवी को हर प्रकार की सुविधा पहुंचने में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज झारखंड के युवाओँ को पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है। उन्हें राज्य में ही काम करने के अच्छे विकल्प मिल रहे हैं। बीजेपी का यहीं ट्रैक रिकॉर्ड है। विकास के डबल इंजन का यहीं इतिहास है, जिसको लेकर आज मैं आपके सामने आज खड़ा हूं। आपको विकास चाहिए या भेदभाव चाहिए? विकास चाहिए या भेदभाव चाहिए? ओडिशा में विकास के कमल का फूल खिला कर रखोगे? भाइयो और बहनो, ओडिशा गरीब नहीं है, ओडिशा के लोगों में सामर्थ्य की कमी नहीं है। यहां संपदा भी है, संसाधन भी है और संकल्प को पूरा करने वाली ये मेरे ओडिशा की जनता जर्नादन भी है। अगर यहां कुछ नहीं रहा है तो वो है, सही नीति नहीं है और सही नीयत नहीं है। बीजेडी की नीयत सही होती तो किसानों को उनकी उपज की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलता जो चौकीदार ने तय किया है।

अगर बीजेडी की नीयत सही होती तो यहां के गरीब 50 लाख किसानों को जो हजारों करोड़ रुपये सीधे खाते में आने थे उसको रोका नहीं जाता। बीजेडी की नीयत सही होती तो आयुष्मान भारत के तहत देशभर के अस्पतालों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज यहां के गरीबों को वो रुकता नहीं। बीजेडी की नीयत सही होती तो यहां के अस्पतालों का काम नहीं लटकता, अस्पताल बेहाल न होते। बीजेडी की नीयत सही होती तो मोदी जो अब तक आठ लाख पक्के घर गरीबों को दे पाया है उसकी संख्या उससे भी ज्यादा होती। अकेले ओडिशा में आठ लाख घर दे पाया हूं। लेकिन अगर सरकार ठीक होती तो शायद ये आंकड़ा और अनेक लाखों में जुड़ जाता और गरीब अपने घर में होते। बीजेडी की नीयत सही होती तो महानदी कोल लिमिटेड में कोल कॉरिडोर का प्रोजेक्ट कभी भी न लटकता। हजारों युवाओं का रोजगार न फंसता। बीजेडी की नीयत सही होती तो जो पैसे केंद्र सरकार उसे भेजती है उसे सही तरीके से खर्च करती। उस पर ताला लगाकर बैठ नहीं जाती। बीजेडी की नीयत सही होती तो खद्दानों से मिलने वाली रॉयल्टी के पैसों से यहां स्कूल खुलवाती , अस्पताल खुलवाती, सिंचाई की परियोजना को पूरा करवाती लेकिन साथियों बीजेडी आपके विकास पर रोकर लगाकर बैठ गई है। क्या ऐसी पार्टी को सजा नहीं देनी चाहिए? ऐसी पार्टी को विदाई करनी चाहिए कि नहीं चाहिए?

ओडिशा की भलाई के लिए बदलाव लाना चाहिए कि नहीं लाना चाहिए? ओडिशा की भलाई के लिए बदलाव लाना चाहिए कि नहीं लाना चाहिए? ओडिशा की आपके संतानों के लिए यहां के युवा पीढ़ी के लिए नई तेज तर्रार सरकार की जरूरत है कि नहीं है? क्या इतनी सुस्त सरकार ओडिशा का विकास कर पाएगी क्या? कर पाएगी क्या? साथियो, चौकार की नीति भी स्पष्ट है, और नीयत भी नेक है, नेक नीयत के कारण ही इतने दशकों के बाद बच्चों और बेटियों की तस्करी से जुड़ा कड़ा कानून इस चौकीदार ने बनाया है। कांग्रेस की सरकार भी रही, बीजेडी की सरकार भी रही, बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की इनको कोई चिंता नहीं, बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की चौकीदारी की नीति चौकीदार लेकर आया। नेक नीयत है तभी तो बेटियों को स्कूल में अलग शौचालय, घर-घर में इज्जत घर देने का काम और धुएं से संघर्ष करती ओडिशा की 35 लाख बहनों को गैस कनेक्शन दिया गया है। भाइयो और बहनो विकास की पंचधारा बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, और जनजन की सुनवाई इसी रास्ते पर ये चौकीदार काम कर रहा है। विकास की ये पंच धारा जनजातीय अंचलों में भी दिख रही है। आपके इस चौकीदार ने देश को स्पोर्ट्स सुपरपावर बनाने का सपनाद देखा है।

सुंदरगढ़ तो हमारी हॉकी की नर्सरी है नर्सरी, पांच वर्ष में अपना देखा है कि हर खेल में भारत का प्रदर्शन कितना सुधरा है। खेलो इंडिया जैसा एक बहुत व्यापक अभियान देश के कोने कोने में प्रतिभा को पहचानने के लिए हमने चलाया है। हमारा प्रयास कि अपनी जनजातीय युवाओं को खेलों को अधिक सुविधाएं दी जाए इसलिए इसके लिए हर आदिवासी बाहुल्य जिलों को आने वाले वर्षों में पांच करोड़ रुपये तक की सहायता का प्रावधान किया गया है। इसी तरह बच्चों की पढ़ाई के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। पढ़ाई के लिए जो मदद दी जा रही है वो सीधे आपके बैंक खाते में जमा करने की व्यवस्था की गई है। आपको पता है ना, सुंदरगढ़ ही नहीं, ओडिशा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में आदिवासी हितों आदिवासी विकास की जिम्मेदारी को कौन संभाल रहा है ?आपके ही सांसद मेरे मित्र जुवेल उरांव जी संभाल रहे हैं। साथियो, एक तरफ आपके इस चौकीदार के प्रयास है और दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेडी का इतिहास है। इनके लिए दलित, आदिवासी, पिछड़े सिर्फ एक वोट बैंक है। वरना क्या कारण है ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का सशक्त करने का काम भी मोदी को ही करना पड़ा है। कांग्रेस इतने वर्षों तक ये काम क्यों नहीं कर पाई। कांग्रेस की ये नीति रही है कि लोगों को जात-पात के जंजाल में उलझाए रखे ताकी वो सवाल न पूछ पाए यहीं कारण है कि देश से और ओडिशा से कांग्रेस साफ हो रही है।

वर्षो तक कांग्रेस में काम करने वालों को अब कांग्रेस पर भरोसा नहीं बचा है। इसकी एक वजह ये भी है कि क्योंकि इसके स्वार्थी नामदार ने अपने स्वार्थ के लिए देश को दांव पर लगा दिया है। आपका ये चौकीदार आतंकियों और नक्सलियों और माओवादियों को सबक सिखाने में जुटा है, और कांग्रेस इनको आश्रय देने वालों को बचाने में लगी है। चौकीदार देश के सपूतों के सम्मान के लिए मैदान में है, कांग्रेस देश के हितों के खिलाफ काम करने वालों के सम्मान के लिए मैदान में है। आपका चौकीदार पाकिस्तान के आतंकी ठीकानों पर स्ट्राइक करता है। कांग्रेस जवानों के विशेष अधिकार को ही हटाने में ही जुटी है।

भाइयो और बहनो देश की सुरक्षा और ओडिशा के विकास के लिए आप सभी चौकीदारों को कमल का फूल पूरी मजबूती से खिलाना है। आप कमल खिलाएंगे? चौकीदार को मजबूत करेंगे? तो बोलिए

मेरे साथ… मैं कहूंगा.. मैं भी आप भी बोलिए चौकीदार... मैं भी...चौकीदार, मैं भी..चौकीदार, मैं भी...चौकीदार, गली- गली में...चौकीदार, गली-गली में...चौकीदार, गली- गली में चौकीदार, चौक-चौक पर...

चौकीदार, गांव-गांव है... चौकीदार, शहर शहर है...चौकीदार, बच्चा बच्चा...चौकीदार, बूढ़े-बुजुर्ग....चौकीदार, माता- बहने...चौकीदार, घर-घर में हैं...चौकीदार, खेत खलिहान में...चौकीदार, बाग-बगान में...चौकीदार, देश के अंदर..चौकीदार, सरहद पर भी...चौकीदार, डॉक्टर- इंजीनियर...चौकीदार, शिक्षक- प्रोफेसर...चौकीदार, लेखक- पत्रकार...चौकीदार, आदिवासी...चौकीदार, वनवासी...चौकीदार, दलित-पीड़ित...चौकीदार, वंचित शोषित..चौकीदार, किसान- कामगार...चौकीदार, दुकानदार भी...चौकीदार, वकील व्यापारी भी... चौकीदार, स्टूडेंट्स भी... चौकीदार, सारा देश...चौकीदार, देश के भीतर...चौकीदार, सीमा पर भी...चौकीदार।

आइए सवा सौ करोड़ चौकीदार मिलकर के देश के उज्जवल भविष्य के लिए आगे बढ़े। बहुत-बुहत धन्यवाद... भारत माता की...जय

Explore More
78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।