ആദ്യം കോൺഗ്രസ് ഞങ്ങളുടെ മിന്നലാക്രമണത്തെ പരിഹസിച്ചു, പിന്നീട് അവരുടെ കാലയളവിൽ അത്തരത്തിലുള്ള ആറ് ആക്രമണങ്ങൾ നടത്തിയിട്ടുണ്ടെന്ന് അവകാശപ്പെടുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ഞങ്ങളുടെ ശക്തമായ ദേശീയ സുരക്ഷാ നയം മസൂദ് അസ്ഹറിന് ശരിയായ പദവിയി നൽകി: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ജനങ്ങളുടെ ആശങ്കകൾ പരിഹരിക്കുന്നതിനും അവരുടെ ജീവിതം സുഗമമാക്കുന്നതിനും കോൺഗ്രസ് സർക്കാരുകൾ തികച്ചും പരാജയപെട്ടു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

बदलते हुए मौसम में भी शेखावाटी का जोश चरम पर है। आपके इस उत्साह आपके इन भावनाओं का मैं अभिनंदन करता हूं। अब जब मैं आपकी भावनाओं का अभिनंदन करता हूं तो यहां के मुख्यमंत्री और यहां की कांग्रेस पार्टी आज इलेक्शन कमीशन को शिकायत करेगी कि मोदी ने सीकर में अभिनंदन का नाम दिया। अभिनंदन का नाम देकर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भंग किया। फिर उनका एक चेला सुप्रीम कोर्ट चला जाएगा। फिर सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि एक हफ्ते में निर्णय करो, फिर इलेक्शन कमीशन कहेगा उन्होंने तो जनता को अभिनंदन कहा था कोई केस बनता नहीं है, तो फिर ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे कि मोदी को क्लीन चिट क्यों दिया? यही खेल चल रहा है, और इसलिए मैं आज फिर एक बार सीकर वासियों को बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। साथियो, मैं आया हूं करीब तीन सवा तीन बजे। 12 बजे आता तो बता देता कि दाल बाटी चूरमा शेखावाटी के सूरमा। ये परंपरा यहां की रही है। साथियो, एक तरफ ये महान धरती, हम सभी राष्ट्र रक्षा के लिए सबको जोड़ने की बात करते हैं। वहीं कांग्रेस राष्ट्र रक्षा करने वालों का हर मौके पर अपमान करती है। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरी सर आंखों पर। लेकिन मुझे बोलने तो दीजिए? आपका प्यार मुझे मंजूर है दोस्तों। अगर आप इजाजत दें तो बोलना शुरू करूं। अब इतना प्यार करोगे इतना प्यार करोगे, तो मैं ये शेखावाटी में रह जाऊं क्या? याद करिए कांग्रेस के एक नेता सेनाध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं। कांग्रेस के और नेता देश के वायुसेना के अध्यक्ष को झूठा कहते हैं, और सबसे बड़ी बात जब हमारे सपूत जान हथेली पर रखकर आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं तो कांग्रेस के नेता सवाल उठाते हैं कि आतंकियों की लाशें कहां हैं? क्या इनका दफन करने के लिए कांग्रेस की तरफ से चदर भेजने का इरादा है क्या? ये क्या तरीका है, हमारे वीर साथियों के शौर्य पर कांग्रेस को विश्वास ही नहीं है। बालाकोट में भारत ने जो पराक्रम किया, वो पाकिस्तान दुनिया में जा जाकर के रो रहा है कि मोदी ने मारा, मोदी ने मारा। लेकिन कांग्रेस को ये भी मानने का इरादा नहीं है। आप वहां पर जो कैमरा वाले है सज्जन, वो कैमरा वाले हैं, नीचे उतर जाइए आप। आप कैमरा वहां बंद कर दीजिए।

भारत माता की जय, भारत माता की जय

एयर स्ट्राइक के हर सबूत के लिए कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांधकर के बैठ गई है, और कांग्रेस का हाल ऐसा है कि इन दिनों उनको दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी के सिवाय कुछ भी नहीं दिखता है। उन्होंने ऐसे चश्में पहने हैं कि उनको कुछ दिखता ही नहीं है। कांग्रेस के नेताओं को हमारे वीर सपूतों का पराक्रम दिखाई नहीं देता है। कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले, आप तय कीजिए भाई, मैं अपनी बात करूं या आप अपने नारे चालू रखेंगे। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरे सर आंखों पर, लेकिन आप तय करें कि मैं बोलूं या न बोलूं? देखिए पंडाल छोटा पड़ गया है। लेकिन ईश्वर ने आपके लिए पंडाल बना दिया है। मौसम इतना बढ़िया बना दिया है, कि ये वहां बाहर तक भी जो लोग हैं। ये सब सुनने आए हैं। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर दोस्तों, लेकिन आप इजाजत दें तो मैं बोलूं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले चार चरणों में जो मतदान हुआ, कांग्रेस पार्टी और महामिलावटी लोग पहले चार चरण में देश की जनता ने उसे ठीक से सबक सिखा दिया है। यहां राजस्थान में भी 29 अप्रैल को जब वोट पड़े तो लोगों ने कांग्रेस को पानी पी-पी कर के सजा दी है।

लेकिन साथियो, मैं आपको सावधान कर रहा हूं। चुनाव के पहले चार चरणों में चारों खाने चित्त होने के बाद, अब कांग्रेस एक नया ड्रामा, नया पैंतरा चला रहा है। कल कांग्रेस के नामदारों ने अपना रिमोर्ट कंट्रोल ऑन किया, और उसके कुछ ही देर बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एक बयान दिया कि हमारे समय भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई। ये बयान सामने आते ही कांग्रेस की तमाम नेता उछलने लगे। बस यहीं तो चाहिए था। इसी घड़ी का तो इतंजार था कांग्रेस को, अब कांग्रेस किसी भी तरह ये साबित करने पर तुली है कि हमने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। साथियो, कल कांग्रेसी 6 तारीखें भी निकाल लाए और कहा कि ये वो तारीखें हैं जब उनकी सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। सोचिए, कांग्रेस अब ये दावा कर रही है कि उसने तो 6-6 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भाई ये कैसी स्ट्राइक थी जिसके बारे में न आतंकियों को पता चला, न आतंकियों पर हमला करने वालों को पता चला, न ही पाकिस्तान को पता चला और न ही हिंदुस्तान में किसी को पता चला। आपको किसी को पता चला भाई? जब रिमोर्ट कंट्रोल वाली सरकार थी तब किसी अखबार में स्ट्राइक शब्द आपने पढ़ा था, स्ट्राइक शब्द सुना था। लेकिन अब शुरू में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ तो इन्होंने ऐसा कुछ होता ही नहीं है, ये सेना तो रोज करती है। नाकार दिया, लेकिन जनता को मोदी पर भरोसा था जनता मेरे साथ खड़ी हो गई। पहले उन्होंने मजाक उड़ाया, पहले मजाक उड़ाया, जब देखा जनता मोदी के साथ खड़ी है तो विरोध करना शुरू किया। जैसा उन्होंने विरोध बढ़ाया तो जनता ने और प्रेम बढ़ा दिया। मोदी- मोदी करने लगे तो उनको और परेशानी हुई तो अब उन्होंने तीसरा रास्ता अपनाया कि ऐसा करो भाई कि हम भी बोल दें कि हमने भी किया था। ताकी जो प्रेम मोदी की तरफ बढ़ा है दो पांच प्रतिशत हमारी तरफ भी आ जाए। इसलिए पहले उपेक्षा, बाद में विरोध और अब हमने भी किया था। मीटू, मीटू। अरे तेरी मीटू। अरे, एयर कंडीशन कमरों में बैठकर कागज पर एयर स्ट्राइक करने का काम ये कांग्रेस कर सकती है। मैं पढ़ रहा था कि अभी चार महीने पहले एक और नेता ने दावा किया था कि कांग्रेस ने तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किए है।

मुझे लगता है कि ये ऐसे लोग है जो उम्र के किसी भी पड़ाव में वीडियो गेम खेलते रहते हैं, और शायद सर्जिकल स्ट्राइक कोई वीडियो गेम समझकर आनंद लेते होंगे। खैर साथियो, चुनाव के चार चरण बीतते-बीतते, चार महीने में ही ये कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या जो चार महीने पहले तीन थी कल उनके एक बड़े नेता ने 6 कर दी, और शायद चुनाव पूरा होते-होते उनके गली मुहल्ले वाले कह देंगे अरे हम तो हर दिन स्ट्राइक करते थे। झूठ बोलने में क्या जाता है यार। अपने जेब से थोड़ी न जाता है, और आदत से मजबूर, आप देखिएगा 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो उसके बाद कांग्रेस कहेगी हमने 6 नहीं 600 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जब कागज पर ही करनी हो। जब वीडियो गेम में ही स्ट्राइक करनी हो तो तीन हो या 6 हो 20 हो या 25 हो। ये झूठे लोगों को क्या फर्क पड़ता है। कांग्रेस को देश की सुरक्षा की परवाह नहीं है। देश की रक्षा करने वालों की परवाह नहीं है।

कांग्रेस की सोच क्या है इसका एक और उदाहरण दिखाई देता है कर्नाटक में, आप हैरान हो जाएंगे जो बात मैं बता रहा हूं, और आपके अगर कोई मीडिया के दोस्त हो तो उनको भी जरा फोन कर के पूछ लेना कि इतनी बड़ी बात आपने मीडिया में छापी क्यों नहीं? टीवी पर दिखाई क्यों नहीं? और वो भी किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं कहा है। मैं जो आपको बात बताने जा रहा हूं राजस्थान की हर मां का खून गर्म हो जाएगा। राजस्थान की हर मां ये कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। वो जानकारी मैं आपको दूंगा। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस कर्नाटक में एक सरकार चला रही है उस सरकार के मुख्यमंत्री जिस मुख्यमंत्री के पिता जी कभी भारत के प्रधानमंत्री थे कुछ समय के लिए। उन्होंने बयान दिया मुख्यमंत्री ने और मुख्यमंत्री तो जवान हैं सोते नहीं हैं, जागते हैं। उन्होंने बयान दिया माताएं-बहनें मेरी बात सब दूर पहुंचना। हर नौजवान से कहता हूं। हर मां-बहन से पानी हाथ में लेकर के उससे बात करना। उन्होंने क्या कहा? उन्होंने कहा ये मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। उन्होंने कहा कि सेना में वहीं लोग जाते हैं जिनके पास दो वक्त का खाना नहीं है, भूखे मरते हैं। पेट भरने के लिए सेना में जाते हैं।

आप मुझे बताइए मेरे भाइयो-बहनो, क्या राजस्थान के इस धरती के हजारों-लाखों सपूत क्या पेट भरने के लिए सेना में है। क्या राजस्थान की धरती उन्हें दो वक्त की रोटी नहीं दे पा रही है। ये हमारी वीर माताओं का अपमान है कि नहीं है? हमारे वीर बेटों का अपमान है कि नहीं है? साथियो, कांग्रेस के छोटे-बडे सब नेताओं का मौन, इस निंदनीय बयान का समर्थन करता है। ये मेरा कांग्रेस के नेताओं पर खुला आरोप है। ये राजस्थान के एक-एक बच्चों को पूछिए, क्या बात करते हो, जो सीने पर गोलियां खाने के लिए जाता है उसको कहते हो रोटी खाने निकला है। ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? ये वीरों की धरती है, क्या ये राजस्थान का अपमान नहीं है? यहां का कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसका बेटा या तो सेना में जिंदगी गुजारी न हो, या आज अभी सीमा पर खड़ा न हो। ऐसा कोई परिवार नहीं। क्या ये देश के वीर माताओं का अपमान जो अपने लाडले को इसलिए सीमा पर भेजता है ताकी वो देश की रक्षा कर सके। जो अपनी मां से भारत मां को महान मानता है। वो बेटा मातृभूमि के लिए मरने के लिए निकलता है भाइयो। क्या देश के वीर जवानों का अपमान नहीं है। जो दुश्मन का मुकाबला करते हुए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। साथियो, कांग्रेस के मन में कभी देश की रक्षा करने वालों के लिए सम्मान नहीं रहा है। इसलिए कांग्रेस ने कभी उनके हितों के बारे में नहीं सोचा।

भाइयो-बहनो, ये वहीं कांग्रेस पार्टी है जिसने चार दशक तक हमारे लाखों सैनिक परिवारों का वन रैंक वन पेंशन के लिए उनको लटकाती रही, तरसाती रही, ठूकराती रही, और जब दवाब बना और जब मोदी ने रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों के बीच में कह दिया कि हम ये कर के रहेंगे तो सेना के जवानों के आंख में धूल झोंकने के लिए कांग्रेस ने किया। 2013 के अंतरिम बजट में 2013-14 में इलेक्शन कमीशन का काम शुरू होने से पहले लिखने के लिए 500 करोड़ रुपया बजट में लिख दिया, और नाचने लगे पूरे चुनाव में नाचने लगे हमने वन रैंक पेंशन, वन रैंक पेंशन दे दिया। ये ऐसे झूठे लोग हैं भाइयो आप कल्पना नहीं कर सकते। जवानों से मालाएं पहनने लगे। फोटो निकलवाने लगे, और ये टीवी में भी कुछ ऐसे लोग बैठे हैं। जय-जयकार करने लगे कि भाई इन्होंने वन रैंक वन पेंशन दे दिया। भाइयो-बहनो, हुआ क्या था, ये काम भाजपा की जब सरकार बनी तब मोदी ने आकर के किया, और जो 500 करोड़ में वन रैंक वन पेंशन के नाम पर फोटो खिंचवाते थे। वो हमने लागू किया। अब तक हमने 35 हजार करोड़ रुपया ये निवृत्त सेना के परिवारों के खाते में जमा करवा दिया। कहां 500 करोड़ और कहां 35 हजार करोड़। इससे बड़ा कोई झूठ हो सकता है क्या? ये झूठ बोलने में माहिर है कि नहीं है? और आप ऐसे भले-भोले हो उनका झूठ भी सच लगता है फिर गलती करते हो, फिर रोते हो फिर मोदी मोदी करते हो। साथियो, सेना और हमारे शहीदों के प्रति कांग्रेस का बर्ताव हमेशा ऐसा ही रहा है। हमारे सैनिक देश आजाद हुआ तब से मांग कर रहे थे कि देश में शहीदों की याद में एक नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए। आप हैरान हो जाएंगे कि इतने साल कांग्रेस की सरकार रही वीर जवानों ने शहादत मोली। लेकिन इन्होंने नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। बहानेबाजी की और कहते रहे इंडिया गेट की शोभा खत्म हो जाएगी। अरे, मेरे देश के जवानों से इंडिया गेट बड़ा कि मेरे वीर जवानों की शहादत बड़ी। क्या तरीक है?

भाइयो-बहनो, आजादी के सात दशक बाद नेशनल वॉर मेमोरियल बनवाने का सौभाग्य इस चौकीदार को मिला। साथियो, कांग्रेस का पंजा हमेशा मलाई की चक्कर में रहता है, जहां मलाई नहीं वहां कांग्रेस कभी गई नहीं। लोगों को चाहे जितनी दिक्कतें हो कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता। भाइयो-बहनो, ये भी एक वजह है कि कांग्रेस जब भी आती है महंगाई आसमान छूने लगती है। यानी कांग्रेस आई महंगाई लाई। कांग्रेस की सरकार 70 के दशक में रही हो, या फिर 2014 से पहले तक महंगाई ने गरीब की, मिडिल क्लास की कमर तोड़ी है। जबकी एनडीए की सरकार ने बीते पांच वर्षों में महंगाई की दर को नियंत्रित रखा है। बीते पांच वर्षों में खाने-पीने के सामान से लेकर जूते कपड़े दवाई ऐसी हर सामान को हमने सस्ता किया। साथियो, ये पहली ऐसी सरकार है जिसने टैक्स कम करने के साथ-साथ विकास की गति डबल की है। दोगुनी की है, जो कर्मचारी, जो व्यापारी इनकम टैक्स भरते हैं उनको बहुत बड़ी राहत सरकार ने दी है। 

पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इससे सामान्य परिवार के पास अधिक पैसा बच रहा है। वो बच्चों की शिक्षा और अपना घर बनाने के लिए बचत कर पा रहा है। भाइयो-बहनो, हमारे युवा साथी सक्षम हो, साइंस और टेक्नोलॉजी में वो आगे बढ़े, स्टार्ट अप की दुनिया में भारत का नाम रौशन करें इसके लिए बहुत बड़ा अभियान हमने चलाया है। छठी क्लास से ही अटल टिंकरिंग लैब की सुविधाएं स्कूल में तैयार की जा रही है। और रिसर्च के लिए लाखों रुपये की मदद मेधावी छात्र छात्राओँ को दी जा रही है। इतना ही नहीं एजुकेशन लोन पर कांग्रेस के जमाने में जो ब्याज लगभग 15% था वो आज लगभग 11% है। इस तरह 5 वर्ष के लिए, लिए गए 10 लाख रुपये के लिए एजुकेशन लोन पर हर परिवार सीधे-सीधे सवा लाक रुपये की बचत कर सकता है। साथियो, कांग्रेस की सरकार ने समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। यहीं कारण है कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलना कांग्रेस की फितरत नहीं रही है। लेकिन बीजेपी के लिए समाज का हर व्यक्ति बहुत ही महत्वपूर्ण है। विकास हर व्यक्ति हर क्षेत्र तक पहुंचे इसके ले हम प्रयासरत है। यही कारण है कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का काम तनी दशकों के बाद हम कर पाए। सामान्य वर्ग के गरीब परिवार को भी दस प्रतिशत आरक्षण इसी सोच का परिणाम है। वो भी दूसरी वर्गों के हितों के नुकसान को पहुंचाए बिना हमने ये प्रावधान किया है।

भाइयो-बहनो, सीकर ने दीनदयाल उपाध्याय जी, भैरोंसिंह शेखावत, और जमनालाल बजाज जी जैसे अनेक समाज सेवी देश को दिए हैं। उनका एक ही मकसद था कि सामान्य से सामान्य मानवी का जीवन स्तर को ऊपर उठाया जाए। यहीं प्रयास आपके इस सेवक ने बीते पांच वर्षों में किया है। पिछली बार जो मजबूत सरकार आपने बनाई थी उसने शौचालय, गैस, बिजली जैसी मूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की थी। इस बार जो मजबूत सरकार आप बनाएंगे उसे 2022 ततक हर गरीब को अपना पक्का घर सुनिश्चित होगा। पानी से जुड़ी समस्याएं कम होगी। छोटे किसानों, खेत मजदूरों और छोटे दुकानदारों को परेशानी से मुक्ति दिलाकर के पेंशन की सुविधा मिलेगी। सबसे बड़ी बात देश को आतंक और नक्सलवाद से मुक्ति देने का विश्वास मिलेगा। गांव-गांव ढाणी-ढाणी में आप सभी को कमल खिलाना है। 

भाइयो-बहनो, मेरी बात पर भरोसा लोगों को क्यों होता है, मैं उदाहरण देता हूं, आज हिंदुस्तान में अगर दो राज्यों में नदी बहती है, पानी जाता है तो दोनों राज्यों के बीच में लड़ाई चल रही है, पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है। पानी के लिए एक राज्य दूसरे राज्य से लड़ी लड़ रहा है। जब मैंने गुजरात में सरदार सरोवर डैम का काम किया, मुख्यमंत्री था। और नर्मदा का पानी सब लोग मानते थे कि ये मोदी सिरफिरा है। ये नर्मदा का पानी खुद ले जाएगा।

राजस्थान को कुछ नहीं मिलेगा, ऐसे कांग्रेस वाले अफवाह फैलाते थे, बड़ी बड़ी बातें करते थे। भाइयो-बहनो, नर्मदा का पानी जब हमने डैम का काम किया। मैं अनशन पर बैठा। ये रिमोर्ट कंट्रोल कांग्रेस की सरकार के सामने मैं मुख्यमंत्री था अनशन पर बैठा। मैंने कहा गुजरात पानी के बिना मर रहा है, राजस्थान पानी के बिना मर रहा है, और आप दिल्ली में बैठकर के हमें उपदेश दे रहे हो। मैं लड़ाई लड़ूंगा और मैंने लड़ाई लड़ी, नर्मदा के पानी का काम आगे बढ़ाया। भाइयो-बहनो, मेरे लिए आश्चर्य था एक दिन भैरोंसिंह शेखावत और जसवंत सिंह जी दोनों उस समय भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करते थे। वो दिल्ली मेरे यहां मिलने के लिए आए। मुझे लगा ऐसे ही कुछ काम के लिए आएं होंगे। और बहुत सम्मान के साथ पगड़ी-वगड़ी लेकर आए थे। मैंने कहा कि भैरोंसिंह जी आप तो मेरे से बड़े हैं मुझे आपकी इज्जत करनी चाहिए। आप क्यों आए हैं? अरे भाई बोले- हम राजस्थान के लोग जानते हैं, पानी क्या होता है, पानी की कीमत क्या होती है, हम जानते हैं। और बोले तुम हो, न कोई झगड़ा न कोई विवाद और जैसे ही नर्मदा का काम हुआ तुमने हमारे हक का पानी जालौर को तुमने पहुंचा दिया। इसलिए हम तुम्हारा सम्मान करने आए हैं। भाइयो-बहनो, मोदी वचन का पक्का है, और मैं आज राजस्थान को कहता हूं कि ये ऐसी सरकारें थी इन्होंने भारत के हक का पानी भारत को देने के बजाय पाकिस्तान को दे रहे हैं। आप मुझे पांच साल और मौका देने वाले हैं मुझे मालूम है। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। फिर एक मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार, और मैं आपको वादा करता हूं जो पानी आज पाकिस्तान में जा रहा है, वो पानी हिंदुस्तान के खेतों में जाएगा। हम पानी के बिना तरसे और वहां पानी चला जाए। ऐसी सरकारें चली है भाइयो। ऐसी सरकारों को अब हिंदुस्तान में 100 साल तक कोई घुसने देने वाला नहीं है।

भाइयो-बहनो, आप आज तो मौसम अच्छा है। मौसम भी हमारा स्वागत करता रहता है। लेकिन आप 6 तारीख को कितनी ही गर्मी क्यों न हो। पहले मतदान फिर जलपान। पहले मतदान बाद में जलपान। और कमल के निशान पर आपको बटन दबाना है और आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। और इसलिए भाइयो-बहनो कमल के निशान पर वोट दीजिए, यहां से कमल मोदी को भेज दीजिए और इस चौकीदार को मजबूत बनाइए ताकी देश मजबूत हो। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वो सारे नौजवान मुझे क्षमा करें। आपका उत्साह बड़ा जबरदस्त था, आपका प्यार जबरदस्त था। लेकिन मैंने आपको रोका और आपने मेरी बात मान ली, इसलिए मैं सबसे पहले आपका धन्यवाद करता हूं। और आपने जो मुझे प्यार दिखाया, उसे मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। बोलिए- भारत मात की जय, भारत माता की जय।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!