Development happens when there are the right policies and a clear vision: PM Modi in Sagar
Whether it's the country or Madhya Pradesh, development came when Congress left and BJP came: PM Modi in Sagar
Congress wants to snatch your property and impose inheritance tax: PM Modi in Sagar

(अरे उनको रोकिये मत। उनका इतना उत्साह है। आपलोग थक जाएं, उसके बाद मुझे कहना, फिर मैं शुरू करूंगा। अब मैं शुरू करूं।)

हर-सिद्धि माता की जय। भारत माता की, भारत माता की।

आज सागर की धरती पर जनसमर्थन का सागर उमड़ा है। पिछली बार आपने यहां से भाजपा को रिकॉर्ड वोटों से जिताया था। (साब, मैंने आपका चित्र देख लिया, बैठ जाएंगे तो अच्छा होगा, ताकि पीछे लोगों को रोक रहे आप। नहीं अपने पास ही रखिए, यहां कार्यालय में दे देना।) पिछली बार आपने रिकॉर्ड वोटों से जिताया था। सागर ने फिर मन बना लिया है- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! जरा मैं इधर पूछूं...फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,

देश के विकास के लिए एक स्थिर और मजबूत सरकार कितनी जरूरी होती है, ये मध्यप्रदेश और सागर के लोग बहुत अच्छे से जानते हैं। विकास तब होता है, जब सही नीतियां हो, सही विज़न हो। इसीलिए, देश हो या मध्यप्रदेश, विकास तभी आया जब कांग्रेस गई और भाजपा आई। कांग्रेस के समय में एमपी की पहचान बीमारू राज्य की थी। आज वही मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार में विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।

साथियों,

मध्य प्रदेश में केन बेतवा लिंक परियोजना का ऐतिहासिक काम शुरू हो गया है। सिंचाई के लिए बण्‍डा बृहद सिंचाई परियोजना का काम भी बीजेपी सरकार ने करवाया है। मध्य प्रदेश में अच्छे हाइवेज का पूरा नेटवर्क बनाया जा रहा है। नर्मदा प्रगति पथ और विंध्य प्रगति पथ हो, मालवा-निमाड़ प्रगति पथ और मध्य भारत प्रगति पथ हो, बुंदेलखंड प्रगति पथ और अटल प्रगति पथ हो, एक्स्प्रेसवेज अब नए मध्य प्रदेश की पहचान बन रहा है। यहां ललितपुर-सागर-लखनादौन नेशनल हाइवे का निर्माण भी हुआ है। केंद्र सरकार ने एमपी को 350 से ज्यादा रेल परियोजनाओं की सौगात भी दी है। सागर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी बनवाए गए हैं। 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से बीना-रीफाइनरी में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी शुरू हो चुका है। यानी, इनफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की जो जरूरतें थीं, वो पूरी हो रही हैं। सभी दिशाओं में एक साथ काम करते हुए आपकी अपेक्षाएं पूरी हो रही है। इससे इस क्षेत्र में उद्योगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव जी और उनकी पूरी टीम इस दिशा में दिन-रात काम कर रही है।

साथियों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें भी आई हैं। गरीब के इस बेटे ने हमेशा आपकी चिंता की है। कोरोना का इतना बड़ा संकट आया...मोदी ने ये सुनिश्चित किया है कि आपकी रसोई में कभी राशन की कमी ना होने पाए। आज भी देश की करोड़ों रसोईंयों में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का अनाज पकता है। मैं अपनी माताओं और बहनों को ये गारंटी दे रहा हूं कि आपको अगले 5 वर्ष तक राशन की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। माताओं-बहनों की तकलीफों को दूर करने के लिए ही हम गैस, बिजली, पानी, टॉयलेट जैसी सुविधाएं हर घर तक पहुंचाने में जुटे हैं। मोदी ने स्वयं सहायता समूहों की 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का भी संकल्प लिया है। और ये गारंटी भी मैं पूरी करके दिखाउंगा।

साथियों,

आज कांग्रेस की एक ऐसी सच्चाई देश के सामने आई है, जिसे सुनकर हर देशवासी सन्न हो गया है। हमारा संविधान साफ-साफ मना करता है कि किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। खुद बाबा साहेब आंबेडर भी धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। लेकिन कांग्रेस ने बरसों पहले ही धर्म के आधार पर आरक्षण का खतरनाक संकल्प ले लिया था। वो साल दर साल अपने इस संकल्प को पूरा करने के लिए भांति-भांति के हथकंडे अपना रहे हैं, देशवासियों की आंखों में धूल झोंककरके ये अपना खेल खेल रहे हैं। 2004 में कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण दिया। और बाबा साहब अंबेडकर की पीठ में छुरा घोंपा था। संविधान की पीठ में छुरा घोंपा था। फिर 2009 का चुनाव हो या फिर 2014 का चुनाव, अपने घोषणापत्र में दोनों बार कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण का वादा किया। कांग्रेस की तैयारी है कि ST-SC-OBC का 15 परसेंट कोटा काट दिया जाए और फिर धर्म के आधार पर आरक्षण लागू हो। पिछली बार कर्नाटका में जब कांग्रेस की सरकार थी, तो उसने धर्म के आधार पर रिजर्वेशन दिया था। जब बीजेपी सरकार में आई तो हमने बाबा साहब के प्रति समर्पण भाव से, भारत के संविधान की पवित्रता का सम्मान करते हुए हमने ये फैसला लिया कि ये कांग्रेस जो धर्म के आधार पर आरक्षण करके गई है उसको हम एक दिन रहने नहीं देंगे और हमने उसको खतम कर दिया। अब एक बार फिर कर्नाटका में कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आऱक्षण दे दिया है। और इसके लिए उसने पिछले दरवाजे से गैरकानूनी तरीके से एक चालाकी की है। ओबीसी समाज की आंख में धूल झोंकने का कृत्य किया है। इसके लिए उसने मुसलमान की सभी जातियों को, एक-एक कागज निकालकर सबको ओबीसी कोटा में डाल दिया। कांग्रेस इन सबकों ओबीसी कोटा में डाल करके ओबीसी को जो हक मिलता था उसका बहुत बड़ा हिस्सा उसने छीन लिया और धर्म के आधार पर दे दिया। कांग्रेस, यही फॉर्मूला पूरे देश में लागू करना चाहती है। आप मुझे बताइए क्या ये लागू होने देना चाहिए क्या। इसको रोकना चाहिए कि नहीं रोकना चाहिए। इनके खतरनाक मंसूबों को खतम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। पूरी ताकत से देशवासियों को जगाना चाहिए कि नहीं जगाना चाहिए। साथियों, चुनाव तो आएंगे-जाएंगे लेकिन ये खतरनाक खेल आपकी आने वाली पीढ़ियों को तबाह कर देगा। OBC वर्ग की सबसे बड़ी दुश्मन है कांग्रेस, जिसने OBC से उनका हक छीन लिया है। कांग्रेस ने सामाजिक न्याय की हत्या की है, कांग्रेस ने संविधान की भावना को ठोकर पहुंचाई है, कांग्रेस ने बाबा साहेब का घोर अपमान किया है।

साथियों,

ये मुझे सवाल पूछते हैं 400 पार क्यों। मैं जवाब देता हूं, आप जो राज्यों में हथकंडे अपना रहे हो। दलितों के, आदिवासियों के ओबीसी के आरक्षण चोरी करने का जो खेल खेल रहे हो। उसे लूटने का खेल खेल रहे हो। आपके ये खेल बंद करने के लिए, हमेशा बंद करने के लिए, आपके मंसूबों को हमेशा हमेशा ताला लगाने के लिए मोदी को 400 पार चाहिए। मुझे दलितों के आरक्षण की रक्षा करनी है, मुझे आदिवासियों के आरक्षण की रक्षा करनी है, मुझे ओबीसी के आरक्षण की रक्षा करनी है। और मैं स्वयं उस समाज से आया हूं, इसलिए मैं आपको कहता हूं, मैं इस दर्द को जानता हूं, और मैं आपको आरक्षण देकर के ही रहूंगा। और इसीलिए मुझे आपका साथ चाहिए।

साथियों,

आपको चोट पहुंचाने के लिए कांग्रेस इतने पर ही नहीं रुक रही है। कांग्रेस आपकी संपत्ति भी छीनना चाहती है। कांग्रेस एक्सरे कराने वाली है, एक्सरे। मालूम है न, उनके नेता बोल रहे हैं...एक्सरे करेंगे। और आपके लॉकर में क्या पड़ा है, वो खोज के निकालेंगे। आपके घर में क्या पड़ा है वो खोज के निकालेंगे। अगर माताओं-बहनों ने थोड़ी पूंजी बचाई होगी, और अनाज के डिब्बे में रखती हैं तो एक्सरे करके वो भी खोज के निकालेंगे। लॉकर में रखे आपके गहने हों, महिलाओं का मंगलसूत्र हो, कांग्रेस सबकुछ खोजने में लगेगी और फिर कहते हैं हम उसे छीन लेंगे और फिर कहते हैं हम उसे बांट देंगे। आपको ये मंजूर है क्या। जरा मुझे पूरी ताकत से बताइए, अगर मेरा विषय समझते हो तो। ये आपको मंजूर है क्या। आपके पास अगर एक घर गांव में और एक घर आपने शहर में ले लिया, दो घर है तो एक घर कांग्रेस की सरकार ले लेगी। अगर आपके पास दो गाड़ी है तो एक गाड़ी कांग्रेस की सरकार ले लेगी, ये उन्होंने घोषित किया है। ये उन्होंने घोषित किया है, क्या आपको ये मंजूर है क्या। ये करने देंगे क्या। आपसे ये सब छीनकर कांग्रेस अपने वोट बैंक को देना चाहती है।

साथियों,

इतना ही नहीं, कांग्रेस ने तो आज एक और पत्ता खोल दिया है। उनका हिडन एजेंडा बाहर आया है। आज उन्होंने कहा है इनहेरिटेन्स टैक्स यानि विरासत में भी, अब आप देखिए, हमारे देश में तो दादा-दादी, नाना-नानी भी कुछ बचाके रखते हैं। खुद कभी उसका खर्चा नहीं करते, क्यों, उनके मन में रहता है, पोता-पोती बड़े होंगे न, उनकी शादी में काम आएगा। नाती बड़ा होगा तो उसके काम आएगा। वो संपत्ति को बचाते हैं। अनाप-शनाप खर्चा मौज-मजा में नहीं करते हैं। बड़ी मेहनत करके, मुसीबतों को झेल करके, जो संपत्ति आपने बचाई है न, आपके पूर्वजों ने जो संपत्ति बचाई है, जो आपको मिली है। अब ये कांग्रेस कहती है, आप अपने संतानों को वो संपत्ति नहीं दे सकते। करीब-करीब आधी संपत्ति, कांग्रेस की सरकार बनेगी तो कानूनन आपसे लूट लेगी। जो संपत्ति आप अपने बच्चों को देना चाहते हैं, उस पर कांग्रेस टैक्स लगाकर लूट लेगी। आप कल्पना कर सकते हैं... कांग्रेस भारत के सामाजिक मूल्यों, भारत के समाज की भावनाओं से कितना कट चुकी है। कांग्रेस को भारत के पारिवारिक मूल्यों तक का अंदाजा नहीं रहा है। घर के बड़े-बुजुर्ग, जीवनभर कुछ ना कुछ जोड़ते हैं ताकि अगली पीढ़ियों को देंगे, पोती-नाती को देंगे। यही हमारे देश की परंपरा है, स्वभाव है, संस्कृति है। हम भारतीय जरूरत के हिसाब से खर्च करते हैं, पैसे बचाने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली इस बचत पर भी, इस संपत्ति पर भी उसकी नजरें हैं, लूटना चाहती है। यानि कांग्रेस का मंत्र है- ये याद रखना, मेरी बात घर-घर पहुंचाना, मेरी बात घर-घर पहुंचाओगे। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी लूट और जिंदगी के बाद भी लूट।

साथियों,

कांग्रेस को देश के संविधान से नफरत है। इनको भारत की पहचान से नफ़रत है। इसीलिए, ये हर उस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिससे देश कमजोर हो, देश की साख कमजोर हो। ये लोग समाज को आपस में लड़वाने के लिए नए-नए पैंतरे लेकर आते हैं। हमारी आस्था ने हमें सदियों से एकजुट रखा है, कांग्रेस पार्टी उस आस्था पर हमले करती है। अयोध्या में राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा के समय कांग्रेस ने क्या किया, पूरे देश ने देखा। आपको याद है न? भगवान राम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस ने राममंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा दिया। क्या ऐसी कांग्रेस को ठुकराना चाहिए कि नहीं ठुकराना चाहिए। जिसने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को ठुकरा दिया ऐसी कांग्रेस को ठुकरा देना चाहिए कि नहीं ठुकराना चहिए। आपने इनकी भाषा सुनी है न?

भाइयों बहनों,

इनका विरोध केवल अयोध्या, राम और राममंदिर तक नहीं है। इन्हें मंदिर और मंदिर जाने वालों से भी दिक्कत है। पिछले साल ही, मैंने यहां सागर में भव्य संत रविदास मंदिर का शिलान्यास किया था। तब भी कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि रविदास मंदिर बनाने से अच्छा था यहां कुछ और बन जाता। कांग्रेस को एक महान दलित संत का मंदिर भी नहीं बर्दाश्त होता। ऐसी सोच वाली कांग्रेस को, एमपी से दूर रखने में ही भलाई है।

साथियों,

7 मई को आपके पास एक बार फिर मध्यप्रदेश के साथ-साथ पूरे देश के भविष्य को संवारने का अवसर है। सागर लोकसभा से बीजेपी ने श्रीमती लता वानखेडे को उम्मीदवार बनाया है। उनको भारी मतों से जिताना है। मैं जानता हूं, गर्मी बढ़ रही है, मैं ये भी जानता हूं कहीं-कहीं शादी-ब्याह का माहौल है, मैं ये भी जानता हूं कुछ लोगों को खेत में अलग-अलग काम भी है। लेकिन मेरा आपसे अनुरोध है, कितना ही काम क्यों न हो, लेकिन देश के लिए कुछ समय देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। हमें अपना वोट देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। हमने अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। राष्ट्र निर्माण के इतने बड़े यज्ञ में हर किसी का योगदान होना चाहिए। और इसीलिए भारी मतदान होना चाहिए। आप मतदान करवाएंगे। घर-घर जाएंगे, मतदान के रेकॉर्ड तोड़ेंगे। पोलिंग बूथ जीतेंगे। आप अपने वोट के साथ-साथ जो अपनों के वोट है न उसको भी पोलिंग स्टेशन तक ले जाइए, करेंगे? अच्छा मेरा एक और काम करेंगे। यहां से जाकर अपने मोहल्ले, अपने गांव के हर व्यक्ति को कहिएगा कि मोदी ने उनको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे।

बोलिए...भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।