Congress wants a weak government they can remote control, says PM Modi
PM Modi cautions first-time voters against the 'Mission Mahamilavat', saying they do not want that a govt with absolute majority is formed at any cost
Our victory is certain but for the democracy's blessing you need to go out and vote for the lotus: PM Modi

पहले 3 चरणों के चुनाव के बाद महामिलावट करने वाले जो लोग बुरी तरह बौखलाए हुए हैं। आज चौथे चरण के चुनाव के बीच, आपका यह स्नेह देखकर वे और भड़कने वाले हैं। उन्हें पता है की चार चरणों के बाद वो चारों खाने चित होने जा रहे हैं और इसीलिए वो कानों में जा-जा कर अफवाह फैला रहे हैं। वो लोगों को कहते हैं, अरे भाई मोदी तो जीत गया है, अब तो मोदी की सरकार बन गई है, ये इतनी गर्मी में वोट देने क्यों जाते हो, अब तुम्हे वोट देने की जरूरत नहीं, मोदी तो जीत गया है। भाईयो- बहनो, ये वोट करना लोकतंत्र की जिम्मेवारी है हमारी मोदी जीतने वाला है ये पता हो तो भी ज्यादा वोट करना चाहिए। ये इनकी बातों में नहीं आना चाहिए वरना आज कल वो सब जगह बोल रहे हैं, अरे मोदी तो जीत गया बहुत गर्मी में कहां जाते हो, घर बैठो ऐसा कर रहे हैं।

भाईयो-बहनो, ये बड़े चालाक और चतुर लोग हैं, ये झूठ बोलने में PHD किया हुआ है। इसलिए हमें जीतना तो है लेकिन आन, बान और शान के साथ जीतना है और जीतने तो वाले हैं लेकिन उस जीत में आपका भी तो कमल का फूल होना चाहिए। भगवान आशीर्वाद सबको देते हैं, ये लोकतंत्र भी आपको आशीर्वाद देने वाला हैं। लेकिन भगवान के आशीर्वाद के बावजूद भी हम जाकर के मंदिर में फूल चढ़ाते हैं। उसी प्रकार से ये लोकतंत्र के मंदिर में ये लोकतंत्र रूपी भगवान है। हमें वहां पर जा कर के बटन दबा कर के ये लोकतंत्र रूपी भगवान का संविधान के देवता का हमें आशीर्वाद लेना चाहिए।
साथियो, आपके इस सेवक ने पूरी ईमानदारी से आपके लिए, देश के लिए काम करने का प्रयास किया है। याद करिए, आप लोग कभी सुनते थे कोयला घोटाला, कभी चीनी घोटाला, कभी हेलीकॉप्टर घोटाला, कभी राशन घोटाला, यहां तक की धरती के भीतर से जो खनिज निकलते हैं, उनमें भी ये लोग घोटाला कर जाते थे। अब ये सारे घोटाले आपके इस चौकीदार ने ताले लगा दिए हैं। अब ये जो लूट करने वालों की जो दुकानें थी वो बंद हो रही हैं, तो सारे घोटालेबाज जरा ज्यादा परेशान हो रहे हैं, आज ये घोटाला करने की हिम्मत तो नहीं कर पा रहे हैं लेकिन इन लोगों ने अब चौकीदार को गाली देने का रास्ता चुना है।

साथियो, जब ईमानदारी हो, साफ नीयत हो, तो बिना लूट-खसोट वाली सरकार भी चल सकती है और देश का विकास भी हो सकता है। आज इसी वजह से पूरा देश विश्वास के साथ अपने इस सेवक, अपने इस चौकीदार के साथ खड़ा है।

भाइयो और बहनो, आज के नौजवानों 21वीं सदी में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। युवकों को मैं इनके मिशन महामिलावट से सतर्क करना चाहता हूं। मिशन महामिलावट यानी केंद्र में ऐसी खिचड़ी सरकार, जो कमजोर रहे, जिस सरकार में ये लोग करोड़ों का, अरबों का रुपया इधर से उधर कर पाएं, जो इनके परिवारों को, इनके रिश्तेदारों को गुलाम की गुलामी करने के लिए मजबूर कर दें और जो चाहे वैसे अनाप-शनाप, सही गलत काम करवाते रहें। ये किसी भी कीमत पर देश में एक मजबूत, पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं चाहते।

साथियो, कांग्रेस और उसके साथियों ने आज से 23 -24 साल पहले भी ऐसे ही मिशन महामिलावट का खेल शुरू किया था। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री न बन पाएं, इसके लिए कांग्रेस ने कई दलों को इकट्ठा कर लिया था। नतीजा क्या हुआ हर 2 साल में, वो ऐसा समय गया देश का हर 2 साल 3 साल, 2 साल 3 साल सरकार बदलती थी, प्रधानमंत्री बदलते थे, बार-बार चुनाव आते थे, देश कोई काम ही नहीं कर पा रह था और कांग्रेस को मजा आ रहा था, वो पीछे से खेल खेलता रहता था।

भाइयो-बहनो, और मौका पड़ते ही वो डोर खींच लेता था, सारा ध्वस्त हो जाता था। उनको देश की चिंता नहीं थी, देश क युवा पीढ़ी की चिंता नहीं थी, रोजगार की चिंता नहीं थी, किसान की चिंता नहीं थी। उनको तो अपना खेल चलता रहे, यही उनका था। आज भी कांग्रेस को मालूम है वो सरकार किसी भी हालत में नहीं बना सकती, लेकिन वो चाहते हैं डोर खींचने का काम उसको मिल जाए, खिलौनों की तरह सरकार खेलती रहे ये उनका है। क्या आप ऐसी स्थिति फिर से चाहते हैं? भाइयो और बहनो, ऐसी डावाडोल स्थिति चाहते हो, ऐसी डावाडोल स्थिति हमें मंजूर हैं? क्या 21वीं सदी का भारत ऐसी स्थिरता कभी पसंद करेगा? भाईयो-बहनो, एसी अस्थिरता हमें नहीं चाहिए, हमें स्थिर और मजबूत सरकार चाहिए।

साथियो, इन लोगों को आपके बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है, ये अपने भविष्य को बचाने में जुटे हुए हैं। भाइयो और बहनो, झारखंड ने तो खुद राजनीतिक अस्थिरता का एक लंबा दौर देखा है। अस्थिर सरकारें कैसे लूट खसोट करती है वो झारखंड ने अनुभव किया है, मुख्यमंत्रियों तक को जेल जाना पड़ा है।

साथियो, कांग्रेस और अस्थिरता के दौर ने झारखंड का जो नुकसान किया, उसकी भरपाई करने की एक ईमानदार कोशिश भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने की है। पहले ही सरकारों और भाजपा-एनडीए सरकार के काम करने के तरीके में क्या अंतर है? इसका उदाहरण मैं आपको देता हूं।

साथियो, कोडरमा से रांची तक की रेल लाइन, इसकी मंजूरी जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। करीब-करीब आज से 20 साल पहले वो निर्णय हुआ था फिर कांग्रेस की सरकार दिल्ली में आई और ये योजना ठप पड़ गई। 2014 में आपने इस सेवक को अवसर दिया। अब कोडरमा-हज़ारीबाग-बरकाना-सिद्धवार सेक्शन तैयार है और एक, डेढ़ साल में रांची तक पूरी लाइन तैयार करने की तरफ हम बढ़ रहे हैं।

भाइयो और बहनो, हम सिर्फ नई रेल लाइन ही नहीं बना रहे बल्कि ट्रेन की गति भी तेज चले, इसके लिए ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर काम चल रहा है। इसी तरह यहां सड़कों की स्थिति भी अब बेहतर हो रही है। अब कोडरमा से बाबाघाम, देवघर और गिरडीह आना-जाना, कुछ ही घंटों में हो जाता है वरना पहले दिन के दिन लग जाते थे।

साथियो, ये काम पहले भी हो सकते थे लेकिन पहले की सरकारों ने सिर्फ अपना फायदा देखा, आप लोगों का हित नहीं देखा। भाइयो और बहनो, इन लोगों की राजनीति का आधार रहा है, गरीब को लाभ पहुंचाने वाले फैसलों का, पिछड़ों को लाभ पहुंचाने वाले फैसलों को वो टालते रहते थे।

याद करिए, देश में बरसों से मांग हो रही थी की पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा मिले। लेकिन ये लोग बार-बार हमारी कोशिशों को ब्रेक लगाते रहे, उसे अटकाते रहे। इनकी सारी राजनीतिक चालों और साजिशों को हराने के बाद पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम हमारी ही सरकार ने किया।

भाइयो और बहनो, ये लोग किसी के नहीं हैं। इन लोगों को जहां अपना वोटबैंक नहीं दिखता, ये उस इलाके को गरीब बनाकर रखते हैं, पिछड़ा बनाकर रखते हैं, वहां के लोगों को पूछते तक नहीं हैं। मेरे गरीब आदिवासी भाई-बहन के साथ भी इन लोगों ने यही किया है।

साथियो, हम विकास की पंचधारा, यानी बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई पर काम कर रहे हैं। कोडरमा में केंद्रीय विद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, गिरिडीह में मॉडल डिग्री कॉलेज, गोड्डा में टेक्निकल कॉलेज, इसी सोच का परिणाम हैं। कोडरमा और चाईबासा में मेडिकल कॉलेज, देवघर में एम्स अस्पताल और गांवों में आधुनिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना से तो झारखंड के गरीबों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है। हर वर्ष, हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज गरीब से गरीब को भी उपलब्ध हो रहा है।

साथियो, भाजपा की सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं, वो सामान्य मानवी का आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हैं। ये योजनाएं, गरीब को उस दिशा की तरफ ले जाती हैं, जहां उसे गरीबी से बाहर निकलने का हौसला मिले। अपना घर हो, गैस का चूल्हा हो, शौचालय हो, मुफ्त इलाज हो, ये गरीब को शक्ति देने वाली सुविधाएं हैं। ऐसे ही जो हमारे जो छोटे किसान हैं। उनके खाते में सीधे पैसे जमा किए जा रहे हैं, ताकि उनको छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। अब तो एक कदम आगे बढ़ते हुए हमने ये भी तय किया है की 23 मई को फिर एक बार जब मोदी सरकार आप बनाएंगे तब पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ हर किसान परिवार को देंगे।

भाइयो और बहनो, विकास तभी होता है जब व्यापार, कारोबार बढ़ता है। ये तभी बढ़ता है जब शांति होती है, जीवन की सुरक्षा होती है। ये चौकीदार झारखंड के, देश के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा को लेकर चौकन्ना है। कांग्रेस और महामिलावटियों के राज में यहां क्या स्थिति थी वो भी याद करिए? यहां उमाचरण साहू जी बैठे हैं। कैसे इनको नक्सलियों के डर से अपना गांव तक छोड़ना पड़ा था। ऐसे सैकड़ों-हजारों लोग हैं, जिनका जीवन, जिनके सपने, हिंसा ने तबाह किए हैं। लेकिन साथियो, आज परिस्थितियां बदल गई हैं। डर के कारण जो गांव सूने हो गए थे, वहां लोग अब लौटने लगे हैं। जिन गांवों में कभी लाल आतंक दिखता था, वहां अब दूधिया बल्ब की रोशनी पहुंच रही है। मोटर-गाड़ियां आने-जाने लगी हैं, नक्सल प्रभावित इन इलाकों में उमा चरण जी जैसे हमारे अनेक साथी और हमारे आदिवासी भाइयो-बहनो, हमारे दलित भाई बहने और समाज के पिछड़े लोगों के हक दिलाने के लिए लड़ते रहना यही एक सबक हमने सीखा है। ऐसे तमाम साथियो सुरक्षा बालों के हमारे जवानों और शहीदों को मैं शीश झुका के नमन करता हूं। लेकिन साथियो, देश की सुरक्षा में जुटे हमारे वीर बेटे-बेटियों को लेकर कांग्रेस और उसके साथी क्या सोचते हैं, ये भी आपके लिए जानना जरूरी है। आप जान कर के हैरान हो जाएंगे।

भाइयो बहनो, कर्नाटक में जहां कांग्रेस एक सरकार चला रही है। उस सरकार के जो मुख्यमंत्री है उस मुख्यमंत्री का बयान, मुख्यमंत्री का बयान गंभीर होता है सामान्य नहीं होता है और वो तो मुख्यमंत्री ऐसे है जिनके पिता जी प्रधानमंत्री थे, देवगौड़ा जी । ये मुख्यमंत्री ने क्या कहा वो बताते हैं की वे सेना में कौन जाता है, पुलिस में कौन जाता है, सुरक्षाबलों में कौन जाता है। इसके लिए जो उन्होंने बयान दिया है वो चौंकाने वाला है, आंख में से आंसू ला देने वाला है, मन में गुस्सा भर देने वाला है। उन्होंने कहा की सेना में, फौज में, पुलिस में ,सुरक्षाबलों में वो लड़के जाते हैं जो भूखे मरते हैं। उनके पास खाने के लिए दो टाइम की रोटी नहीं होती है, वो बहुत गरीब होते हैं इसीलिए पेट भरने के लिए वो फौज में जाते हैं।

भाइयो-बहनो, ये देश के वीरों का अपमान है कि नहीं है, ये वीर माताओं का अपमान है कि नहीं है? क्या दो रोटी के लिए लोग गोलियां खाने जाते हैं क्या? अरे! ये घर छोड़ते हैं मातृभूमि के लिए, ये घर से निकलते हैं सामान्य मानवी की सुरक्षा के लिए। ये अपना जिंदगी हथेली पर लेकर के निकल पड़ते हैं, दुश्मनों को साफ करने के लिए, मुकाबला करने के लिए जाते हैं। लेकिन ये कांग्रेस की मानसिकता है, अगर कोई कांग्रेस का नेता कह देता है की सेना के हमारे सेनापति ये गली का गुंडा है, तो उनके मुख्यमंत्री कहते है की भीख मांगने वाले लोग, पेट ना भरता है ऐसे लोग सेना में जाते हैं।

भाइयो-बहनो, जो ऐसा अपमान करते हैं जिनकी ऐसी सोच है क्या ऐसे लोगों को कभी भी, गलती से भी वोट पड़ने चाहिए क्या, गलती से भी पड़ना चाहिए क्या?
भाइयो और बहनो, इसीलिए हमें बहुत चौकन्ना रहने की जरूरत है कांग्रेस और उसके साथियों का जो रवैया है, उससे बीते 5 वर्ष से जो शांति लौट रही है, वो फिर खतरे में पड़ सकती है। कांग्रेस ने घोषणा की है की अगर उसके सहयोग से कोई सरकार बनती है तो देशद्रोह का कानून हटा दिया जाएगा। यानी जो नक्सलियों को मदद देने वाले लोग हैं उन पर कार्रवाई करना मुश्किल होगा। ये है कांग्रेस की सोच।

साथियो, बात चाहे पाकिस्तान के आतंकवादियों की हो या फिर घर में छुपे गद्दारों की, आपका ये चौकीदार किसी को नहीं छोड़ेगा। ये चौकीदार किसी को नहीं छोड़ेगा। सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर एयर स्ट्राइक हो, ये तय है की जहां से भी हमें खतरा होगा, वहां हम घुसकर मारेंगे।

आप बताइए साथियो, हमें ये काम करना चाहिए की नहीं करना चाहिए, ये काम करना चाहिए की नहीं करना चाहिए? आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होना चाहिए की नहीं होना चाहिए? आप बताइए ये काम कौन करेगा? ये काम कौन करेगा? मोदी ये काम तभी कर पाएगा जब कोडरमा वालों का वोट कमल के फूल पर, और गिरडीह वालों का वोट केले के निशान पर पड़ना चाहिए और आप कमल को वोट देंगे या केले को वोट देंगे जैसा ही आप बटन दबाओगे, आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा और दिल्ली में आपका वोट ही मजबूत सरकार बनाने वाला है। इसीलिए वोट देना बहुत जरूरी है और वोट मोदी को मिले ये देखना भी जरूरी है। तो आप जरूर वोट करेंगे, आप वोट करेंगे, आपके पोलिंग बूथ में सब लोगों से वोट करवाएंगे? घर-घर जाकर के लोगों को ले जाएंगे, कितनी ही गर्मी क्यों न हो वोट कराएंगे? कोई कितनी बार कहेगा मोदी तो जीत गया, जीत गया, जीत गया तो भी वोट करेंगे कि नहीं करेंगे? ये काम पक्का करना है भाइयो। आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं फिर एक बार आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और मुझे अभी खबर मिली की आज झारखंड में भी जहां चुनाव चल रहा है, बहुत ही अच्छा मतदान हो रहा है, शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है और बड़े उत्साह के साथ इतनी गर्मी में भी लोग वोट करने के लिए निकले हैं। मैंने देखा है की पहले से ये रैली बड़ी हो रही है, आप हर रैली में पुराना रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं तो मतदान के दिन भी मैं चाहूंगा की आप पुराना रिकॉर्ड तोड़ दें। अगर पहले चरण में जितना प्रतिशत मतदान होगा तो दूसरे चरण में उसे ज्यादा होगा, दूसरे चरण में जितना मतदान होगा तीसरा चरण में उसे ज्यादा होगा, तीसरे चरण में मतदान होगा, चौथे चरण में उसे ज्यादा होगा, पांचवे चरण में उसे ज्यादा होगा, छठे चरण में उसे ज्यादा होगा। हम मतदान भी बढ़ाते चलें, रैलियां तो बड़ी करते जा रहे हैं। मैं आपका आभारी हूं लेकिन मतदान भी ज्यादा होना चाहिए इसी अपेक्षा के साथ दोनों मुट्ठी बंद कर के मेरे साथ बोलिए

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बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।