Why were Congress-JD(S) leaders shedding tears for Pakistan when we attacked its terrorist camps while the entire world was standing besides us: PM Modi in Karnataka
The upcoming elections are about electing a strong government that puts the welfare of its people first: PM Modi
Nobody knows who is running the government in Karnataka because both Congress and JD(S) are busy in out-maneuvering each other: Prime Minister Modi
While the Opposition parties are busy pitting communities against each other, we are striving towards building a ‘New India’: PM Modi

 भारत माता की जय... भारत माता की जय...

इस धरती पर आने का अपना ही एक सौभाग्य होता है। इस धरती की सभी महान विभूतियों को मैं आदर पूर्वक नमन करता हूं। सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर शिव कुमार स्वामी जी को भी मैं सर झुका कर के प्रणाम करता हूं। बंधु भगिनी, कर्नाटक देश के उन राज्यों में है जो हमेशा बीजेपी के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा रहा है। यहीं मजबूती आपने बीते पांच वर्षों में इस चौकीदार को दी है। आपके ही भरोसे और विश्वास के कारण हर चुनौतियों को चुनौतियां देने की हिम्मत ये चौकीदार कर पाया है। दुनिया भर में भारत की जय- जयकार हो रही है, तो उसका कारण, दुनिया में भारत की जय-जयकार क्यों हो रही है? किसके कराण? किसके कारण? किसके कारण? मोदी के कारण नहीं उसका कारण आप है। 2014 में आपके एक-एक वोट ने हिंदुस्तान के सभी नागरिकों के एक-एक वोट ने जो ताकत दी। उसके कारण आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। साथियो, आज भारत का हर व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा है। क्योंकि देश एक महाशक्ति बनने के रास्ते पर निकल पड़ा है।

पांच वर्ष पहले का एक दौर वो था जब पाकिस्तान के आतंकी हम पर हमला करते थे और फिर पाकिस्तान से ही धमकियां भी मिलती थी। हमारे जांबाज एक्शन के लिए इजाजत मांगते थे लेकिन तब की सरकार डर कर के बैठ जाती थी। इस चौकीदार ने उस स्थिति को बदल दिया है। अब अगर डर है तो डर सीमा के उस पार है। वहां सत्ता में बैठे लोगों को तरह-तरह के डरावने सपने आते हैं। आज धमकी देने वाले दुबक गए हैं, और बालाकोट के प्रहार से आतंकी खौफ में हैं। भाइयो और बहनो, आपने देखा कि जब हमने पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रहार किया। आपको अच्छा लगा कि नहीं लगा, आप खुश है क्या? मैंने सही किया? जब हमने आतंकियों पर प्रहार किया तो दर्द पाकिस्तान को हुआ लेकिन आंसू हमारे यहां कांग्रेस और जेडीएस उनके साथियों के निकले। पूरी दुनिया भारत के पक्ष में खड़ी हो गई। लेकिन हमारे यहां के महामिलावटी दल पाकिस्तान के बजाए मोदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर रहे थे। यहां के मुख्यमंत्री तो एक कदम और आगे बढ़ गए। कहते हैं कि भारत के वीरों के पराक्रम की बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उनके वोट बैंक को नुकसान होता है। मैं जरा यहां के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं कि आपका वोट बैंक भारत में हैं कि पाकिस्तान में। जरा मुख्यमंत्री जी, इस बात को जरा साफ कीजिए स्पष्ट कीजिए। साथियो, एयर स्ट्राइक की तरह ही इन्होंने अंतरिक्ष में स्ट्राइक का भी मजाक उड़ाया। पूरी दुनिया ने माना की स्पेस में भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लेकिन मोदी विरोध के चक्कर में ये लोग फिर भारत का विरोध करने पर उतारू हैं।

भारत का विरोध कर रहे हैं। भाइयो और बहनो ये लोग जब खुद सरकार में थे तब वैज्ञानिकों को मिसाइल टेस्ट करने की मंजूरी देने की हिम्मत भी इनके अंदर नहीं थी। लेकिन अब जब भारत ने स्पेस में स्ट्राइक की तो सवाल उठाने वाले सबसे पहले यहीं लोग चले आए। चित्रदुर्ग के मेरे भाइयो-बहनो, ये न तो जवान का सम्मान करते हैं और न ही विज्ञान का...। जिनको भारत के मान-सम्मान की परवाह नहीं उनको सबक सिखाना जरूरी है। भाइयो-बहनो, इस चुनाव में आपको सिर्फ सांसद नहीं चुनना है, सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं चुनना है। बल्कि एक मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार चुननी है। मजबूत सरकार ही देश हित में बड़े फैसले ले सकती है। साथियो, मजबूत सरकार कैसी होती है ये आप यहां पर देख रहे हैं। कर्नाटक की सरकार कौन चला रहा हैं? ये किसी को अंदाजा नहीं है। क्योंकि दोनों हारे हुए दल सिर्फ सत्ता के लिए, स्वार्थ के लिए उन्होंने जोड़ी बनाई है। इसलिए वो दिन–रात इधर वाला भाग जाएगा कि उधर वाला भाग जाएगा। ये कुछ मांगेगा कि वो कुछ मांगेगा। इसको टुकड़ा फेंकू कि उसको टुकड़ा फेंकू...बस इसी में लगे हैं। जनता को क्या चाहिए ये इनको इसकी परवाह नहीं है। इनकी पूरी कोशिश है कि ऐसी ही महामिलावटी सरकार दिल्ली में बैठे और जिसका रिमोर्ट कंट्रोल एक दर्जन लोगों के हाथ में हो। क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं? मजबूत सरकार चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं? देश में ऐसा प्रधानमंत्री होना चाहिए जिसका हाई कमान, जिसका हाई कमान सिर्फ और सिर्फ एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानी होने चाहिए।

साथियो, वोट के लिए कांग्रेस जाति और संप्रदाय को बांटने का काम करती रही है। यहीं कोशिश विधानसभा चुनाव के दौरान उसने की थी। कभी ये लिंगायत समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। कभी वोका लिंगा के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं। कांग्रेस के अपने नेताओं ने ये स्वीकार किया है कि बैंगलुरू से लेकर दिल्ली तक विभाजन का कैसा खेल खेला जाए। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की ये स्पष्ट सोच रही है कि जहां मौका मिले वहां समाज को बांट दो। आजादी के समय से ही इनकी रणनीति, इनकी रणनीति तुष्टिकरण की रही है, और आज भी साफ साफ दिख रही है। इनको न तो देश की चिंता है और न ही हमारे संविधान की। बंधु भगिनी, जिस तरह वीर मदाकारी नायका, और वीर ओनके ओपवा ने आक्रमणकारियों और अत्याचारियों से चित्रदुर्ग की रक्षा की थी। वैसा काम आज पूरे हिंदुस्तान के लिए हम सब चौकीदारों को मिलकर के करना है। करेंगे..? मिलकर के करेंगे? पूरी ताकत से करेंगे? जी जान से करेंगे.? आप इस चौकीदार के साथ खड़े रहेंगे।

साथियो, एक तरफ कांग्रेस जेडीएस का तुष्टिकरण है। दूसरी तरफ जाति, वर्ग, पंथ से ऊपर बीजेपी का सबका साथ सबका विकास ये हमारा मंत्र है। आपका प्यार मेरी सर आंखों पर...इतना प्यार अगर मुझे मिलता है तो जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मैं इस प्यार के लिए इस जोश इस उत्साह के लिए आप सबको नमन करता हूं। सबका साथ सबका विकास इसी मंत्र पर चलते हुए हम नए भारत के निर्माण के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमारा संकल्प हर गरीब को पक्का घर देने का है। हमारा संकल्प हर घर को बिजली और हर घर तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का है। हमारा संकल्प देश की हर बड़ी पंचायत में टेलीमेडिसिन और बेसिक लेबोरेटरी सुविधा से युक्त हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर खोलने का है। हमारा संकल्प किसानों की आय डबल करने का है। साथियो, किसानों की आय बढ़ाने के लिए हम बीज से लेकर बाजार तक नई व्यवस्थाएं बना रहे हैं। एक तरफ मेघा फूड पार्क, फर्टिलाइजर, और इथेनॉल के प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ किसानों को सीधी मदद दी जा रही है। साथियो, पीएम किसान योजना के तहत कर्नाटक में करीब-करीब 75 लाख छोटे किसान परिवारों को सीधी मदद मिलनी तय हुई है। अब हमने संकल्प लिया है। कल हमने हमारे संकल्प पत्र में घोषित किया है कि दोबारा जब हमारी सरकार बनेगी 23 मई के रिजल्ट के बाद जब हम फिर से शपथ लेंगे तो उसके बाद अभी जो हमने नियम बनाया है, उसमें बदलकर के अभी नियम बना है छोटे किसानों का उसमें बदलकर के सभी किसान परिवारों का इसका लाभ देने का हमने निर्णय किया है। भाइयो बहनो, चौकीदार जो कहता है वो पूरा भी करता है। पीएम किसान सम्मान योजना को शुरू हुए अभी मुश्किल से सवा महीना हुआ है। लेकिन अब तक तीन करोड़ किसानों के खाते में पहली किस्त के पैसे जमा हो चुके हैं। डेढ़ करोड़ किसानों को दूसरी किस्त भी मिल चुकी है।

साथियो, एक तरफ किसानों के लिए हमारी सरकार के ये प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस के खोखले वादे हैं। इन लोगों ने कर्ज माफी का वादा किया था। एक साल हो गया लेकिन वो वादा अब तक अधूरा है। क्या इन्होंने किसानों का वादा पूरा किया। कर्ज माफी हुई। किसानों के खाते में पैसा आया। अरे वारंट निकलता है। वारंट, भाइयो—बहनो, किसान हो या उद्यमी हो कांग्रेस जेडीएस किसी का भी भला नहीं करना चाहती। उनकी नीयत में ही खोट है। कांग्रेस जेडीएस की नीयत किसान हित की होती तो कर्नाटक का मैनचेस्टर दावणगेरे कभी बेहाल हीं होता। इनकी नीयत काम करने की होती तो अपर बदरा प्रोजेक्ट सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएं समय पर पूरी हो जाती। साथियो, चित्रदुर्ग हो, दावणगेरे हो, इस पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और सौलर पावर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का ईमानदार प्रयास भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। दावणगेरे को स्मार्ट बनाने के लिए यहां पर्यटन के अवसर पैदा करने के लिए और युवा साथियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। साथियो, कांग्रेस के राज में दशको तक इस देश के साथ जो अन्याय हुआ। वो हर भारतीय को हर पल याद रखना चाहिए। देश के सामार्थ्य के साथ अन्याय, देश के संसाधनों के साथ अन्याय, और देश के सपनों के साथ भी अन्याय।

 साथियो, हम भारत के लोग क्या हम ऐसी ही सरकारें ही डिजर्व करते थे। जैसा कांग्रेस ने हमें दिया। नहीं बिल्कुल नहीं। कांग्रेस ने इस देश की चार-चार पीढ़ियों के साथ अन्याय किया है। एक के बाद एक भ्रष्ट सरकारें देकर, समाज को तोड़कर, लोगों को आपस में लड़ाकर, हमारी शिक्षा व्यवस्था को भारतीयता से दूर करके, हमारी विदेश नीति को कमजोर करके। हमारी सेनाओं को कमजोर करके। कांग्रेस ने दशकों तक देश के साथ अन्याय किया है। साथियो, बीते पांच वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार ने कांग्रेस के इस अन्याय को कम करने का भरपूर प्रयास किया। तमाम छिपाई हुई फाइलें निकालने के बाद तमाम भगाए गए लोगों को देश में वापस लाने के बाद, तमाम राजदारों के सामने आने के बाद अब समय आ रहा है, जब कांग्रेस से पीड़ित देश को न्याय दिलाया जाए। देश को न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? ये अन्याय की परंपरा का जवाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? 60 साल तक अन्याय करने वालों को सजा देनी चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो- बहनो अब बोफोर्स घोटाला करने वालों के साथ न्याय होना पक्का है। नेशनल हेराल्ड हाउस घोटाला करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है। दिल्ली में सिख दंगा कराने वालों के साथ अब न्याय पक्का है।

कॉमनवेल्थ घोटाले कर के देश की साख दांव पर लगाने वालों के साथ न्याय पक्का है। 2जी घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, कोयला घोटाला, कर्जमाफी घोटाला। इन घोटालों से अपने परिवार के लिए अरबों रुपये का भ्रष्टाचार करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है और हां अब हेलीकॉप्टर घोटाला करने वालों के साथ भी न्याय पक्का है। जेल के दरवाजे इतंजार कर रहे हैं। साथियो, इस चुनाव में आपका आशीर्वाद मुझे कांग्रेस के अन्याय को सामप्त करने में भी मदद करने वाला है। भाइयो-बहनो, 20वीं सदी में जिस कांगेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर, भाइयो और बहनो 20वीं सदी में जिस कांग्रेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर देश पर थोपा। अब उसी कांग्रेस को 21वीं सदी के नौजवान सजा देने वाले हैं। 20वीं सदी के पापों की सजा 21वीं सदी का नौजवान देने वाला है। जिन नौजवानों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है। जो इस साल के चुनाव में लोकसभा के चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। सबसे पहले तो ऐसे 21वीं सदी में जन्मे हुए लोकसभा में पहली बार वोट देने वाले ये सभी युवा मतदाताओं को हृदय पूर्वक अभिनंदन करता हूं उनका अभिवादन करता हूं। लेकिन मेरे युवा साथियो, मेरे फर्स्ट टाइमर वोटर और सिर्फ चित्रदुर्ग और दावणगेरे की नहीं पूरे देश के फर्स्ट टाइमर से मै प्राथना कता हूं। आप पहली बार वोट देने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर वोट देना है। आपका ये वोट देश को मजबूत बनाने के लिए, देश में मजबूत सरकार बनाने के लिए होना चाहिए। होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? होना चाहे कि नहीं होना चाहिए? आप अपना वोट देश के लिए शहीद होने वाले वीर जाबांजों को समर्पित कर सकते हैं। आप ये अपना पहला वोट किसी गरीब को उसका घर मिले इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है।

आपका ये पहला वोट किसी गरीब को मुफ्त में अस्पताल में इलाज मिले, इसके लिए समर्पित होना चाहिए। आपका पहला वोट किसी किसान के खेत को पानी मिल जाए इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है। आपके ही दोस्त कोई, आपका कोई साथी हो उसको मुद्रा योजना से लोन मिल जाए किसी बैंक गारंटी के बिना लोन मिल जाए इस काम के लिए आपका पहला वोट जाना चहिए। साथियो, जो 18 साल के हो गए हैं। जो इस बार वोट डालने जा रहे हैं। अपने जीवन में पहली बार ईवीएम देखने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर बिना किसी गलती के वोट डालना है। आपका एक एक वोट बहुत अनमोल है। इसे संभल कर इस्तेमाल करिएगा। हां आपको मैं विश्वास दिलाता हूं कि आप जब वोट देने जाएंगे कमल के बटन को दबाएंगे तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी के खाते में जमा होगा। आप मुझे बताइए ये सभी नौजवानों का वोट मिले तो मेरी ताकत बढ़ेगी की नहीं बढेगी। मेरी ऊर्जा बढ़ेगी की नहीं बढ़ेगी? काम करने का मेरा हौसला बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आज जितना दौड़ता हूं उससे ज्यादा दौडूंगा कि नहीं दौडूंगा? आज जितने काम करता हूं उससे ज्यादा काम करूंगा कि नहीं करूंगा? तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी को जाने वाला है। बंधु भगिनी देश में मजबूत सरकार किस तरह काम करती है। देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार किस तरह काम करती है। देश में कांगेस कल्चर से मुक्त सरकार कैसे काम करती है। ये आपने पिछले पांच साल में देखा है। देश को कर्नाटक को सुरक्षित रखने विकसित बनाने के लिए हम सभी चौकीदारों को एक साथ आगे बढ़ना है और हर पोलिंग बूथ को कमल से खिलाना है। कमल खिलाएंगे, कमल खिलाएंगे, चौकीदार का साथ देंगे। मैं बोलूंगा मेरे सा बोलिए... मैं भी.. आप बोलेंगे चौकीदार... मैं भी... चौकीदार.... बहुत बहुत धन्यवाद...

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।