The entire world saw recently how the terrorist Masood Azhar has been declared a global terrorist by the UN: PM Modi
The media recently released reports showing how the Congress’ ‘Namdar’ was involved in granting defence deals to his close friends and aides during the UPA’s tenure: PM Modi in Bhadohi
Contrary to the corrupt, self-centred politics of the Congress, the BJP forms a government to serve each and every Indian in whatever way we can: Prime Minister Modi

भारत माता की... जय
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय

चुनाव की गर्मी तो बढ़ती चली जा रही है लेकिन ईश्वर कुछ कृपा कर रहा है, मौसम भी मदद कर रहा है, माहौल भी मदद कर रहा है और आपका मिजाज भी मदद कर रहा है। भदोही, फूलपुर सहित पूर्वांचल के सभी साथियो को मेरा प्रणाम। सेमराध नाथ महादेव, भोले बाबा हरिहर नाथ, सीता माता और गंगा मैया का आशीर्वाद हम सभी पर बना हुआ है। 1857 में इस क्षेत्र में क्रांति का बिगुल बजाने वाले शहीद झूरी सिंह और शहीद शीतल पाल जी को मैं नमन करता हूं।

 भाइयो और बहनो, इन सभी के आशीष से और आपके स्नेह और सामर्थ्य से आज भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों में गिना जा रहा है। दुनिया भर में भारत का सम्मान हो रहा है, भारत की बात मानी जा रही है। सऊदी अरब से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक, फिलीस्तीन से लेकर रूस तक, हर देश भारत को अपना सबसे बड़ा सम्मान दे रहा है। जब ये खबर आपके पास आती है, आपको गर्व होता है? आपको गर्व होता है? माथा ऊंचा हो जाता है, सीना चौड़ा हो जाता है? अपने आप भारत मां की जय निकलती है? ये कमाल है हिंदुस्तान का आज। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई, देखिए दोस्तों ये तो पंडाल और ये सभा, इतनी बड़ी सभा के लिए कोई पंडाल बना ही नहीं सकता है। 20% लोग पंडाल में हैं, 80% लोग पंडाल के बाहर हैं लेकिन परमात्मा ने उनके लिए पंडाल बना दिया है। लेकिन मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कृपा कर के आगे आने की कोशिश मत करें। देखिए आप जहां हैं वहीं खड़े रहिए, अगर आप इसी प्रकार से धक्के लगाते रहोगे तो पूरी सभा धक्के में ही चली जाएगी। आप शांत रहेंगे? देखिए आप पीछे इतने दूर हैं लोग वे शांत खड़े है आप आगे वाले क्यों गड़बड़ कर रहे हो?

भारत माता की… जय
भारत माता की… जय

भाइयो-बहनो, हमारे देश में अगर कोई आतंकी हमला होता है तो आपको दुख होता है? आपको दुख होता है? हमला कश्मीर में हो लेकिन आंसू भदोही में निकलते है कि नहीं निकलते है? हमला कश्मीर में हो लेकिन दिल कन्याकुमारी का रोता है कि नहीं रोता है? हर किसी को दर्द होता है कि नहीं होता है?

भाइयो-बहनो, जब हमारे वीर जवान, उसका शरीर तिरंगे में लिपट करके घर आता है। हर किसी को नहीं लगता हैं की अपने ही परिवार का बेटा गया। लगता है की नहीं लगता है? दुख होता की नहीं होता है? लेकिन जब उसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक होता है तो आपको गर्व होता है? हिम्मत आती है? अब सही सरकार है ऐसा लगता है? सरकार सही काम कर रही है ऐसा लग रहा है? जब भारत ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा तो आपको गर्व हुआ? आपको गर्व हुआ? आपको गर्व हुआ? आप मुझे बताइए मोदी का रास्ता सही है? मोदी का रास्ता सही है? इसी रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए? देश को सीना तान के खड़ा होना चाहिए?

भाइयो-बहनो, भारत ने अंतरिक्ष में सेटेलाइट को मिसाइल से उड़ा दिया, आपको कैसा लगा? आपको कैसा लगा अच्छा लगा? गर्व हुआ? आपको लगा ये पराक्रम आपने किया है, यही तो देश की ताकत होती है दोस्तों। क्या किसी देश ने हमारे इतने पराक्रम हुए, क्या किसी ने हमारा विरोध किया क्या? हम पर कोई प्रतिबंध लगाए? कोई बैन लगाया ?

साथियो, जब आप सही नीयत से, सही नीति से काम करते हैं, लोगों के हितों को ध्यान में रख के काम करते हैं तो नामुमकिन भी...मुमकिन है, नामुमकिन भी...मुमकिन है, नामुमकिन भी...मुमकिन है। वरना किसने सोचा था की सऊदी अरब में, जहां हमारे लोग मक्का जाते हैं, मक्का-मदीना की यात्रा करते हैं। उस सऊदी अरब में भारत के भी बहुत लोग काम करते हैं लेकिन कभी न कभी कुछ गलत कामों में पकड़े जाते हैं। हमारे देश के 850 लोग सऊदी अरब की जेल में बंद पड़े थे। पिछले दिनों सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस यहां आए थे, मैंने रिक्वेस्ट किया की रमजान का महीना आ रहा है। हमारे 850 लोग सऊदी की जेल में पड़े हैं। आपसे मेरा अनुरोध है की उनको जेल से छोड़ दीजिए ताकि वो रमजान से पहले अपने घर आ जाएं। भाइयो बहनो, उन्होंने मेरी बात मान ली और रमज़ान से पहले लोगों को घर भेजने का काम किया।

भाइयो और बहनो, दो-तीन पहले ही आपने देखा कि दुनिया की सबसे बड़ी संस्था ने भारत में, भारत में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले गुनहगार मसूद अजहर को आतंकी घोषित किया है। आपको संतोष हुआ? मोदी सही काम कर रहा है? अब पाकिस्तान उसे दावत खिला रहा था उसका हाल क्या होगा? अब यही पाकिस्तान मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के लिए उसको मजबूर होना पड़ेगा। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही तो असर है लेकिन मैं इन महामिलावटी दलों का, उनका क्या करूं? जो भारत की इस कामयाबी को मानने के लिए ही तैयार नहीं हैं। भाइयो-बहनो, ये महामिलावटी दलों का ये खेल, उसके खिलाफ आपको गुस्सा आता है कि नहीं आता है? गुस्सा आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए? ये महामिलावटी कह रहे हैं की देश में चुनाव था, इसलिए मोदी ने मसूद अजहर पर बैन लगवा दिया। हर चीज को चुनाव के चश्मे से देखने की वजह से ही आज कांग्रेस और उसके साथियों की ये हालत हो गई है।

साथियो, अगर आज दुनिया में भारत की गूंज अगर सुनाई दे रही है तो इसके पीछे क्या कारण है? क्या कारण है? क्या कारण है? मोदी कारण नहीं है, इसके पीछे आपके वोट की ताकत है आपके वोट की ताकत। 2014 में आपके दिए एक वोट ने भारत को उस ऊंचाई पर पहुंचाने में बहुत बड़ी मदद की है।
भाइयो-बहनो, भदोही की साख कालीन से है, यहां का हर कालीन कारोबारी साख का मतलब क्या होता है, इसको भली-भांति समझता है। जब साख अच्छी होती है तो बहुत कुछ बहुत आसान हो जाता है। व्यापार हो, कमाई की बात हो, एक्सपोर्ट का कारोबार हो सब कुछ हर बात पर साख का असर पड़ता है। लेकिन साथियो, 2014 से पहले देश से ऐसी सरकार आई और कांग्रेस ने दस साल तक जो सरकार चलाई, उसने देश की साख का ऐसा हाल कर के रखा था, ऐसा हल कर के रखा था की दुनिया हमारी साख मानने को तैयार नहीं थी। याद करिए हजारों, लाखों, करोड़ के घोटाले, भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर बड़े-बड़े आंदोलन, सत्ता के गलियारों में बिचौलियों और दलालों का ही राज चलता था। हर तरफ दलालों की चर्चा रहती थी, भ्रष्टाचार की चर्चा रहती थी, बेईमानी की चर्चा रहती थी, भाई-भतीजावाद की चर्चा रहती थी। आपके ये चौकीदार ने सब कुछ बंद कर दिया।

आप मुझे बताइए आज देश में, आज देश में चर्चा हो रही है तो किस बात की हो रही है? हिंदुस्तान हो, दुनिया हो स्वच्छ भारत की चर्चा करता है। गरीब के लिए शौचालय बने, उसकी चर्चा करता है। गरीब को घर मिला उसकी चर्चा करती है, गरीब के घर में रसोई का चूल्हा पहुंचा गैस का और धुआं गया उसकी चर्चा करता है। भाइयो-बहनो, ये बदलाव है कि नहीं, ये बदलाव है कि नहीं? साथियो, जब सिर्फ अपना और अपने परिवार का नहीं बल्कि देश का विकास करने की इच्छाशक्ति के साथ सरकार चलाई जाती है, तो इसी तरह का परिवर्तन आता है। भाइयो और बहनो, हमारे देश में स्वतंत्रता के बाद की राजनीति में चार अलग तरह के सरकारें चली, दल चले और पॉलिटिकल कल्चर देखा गया। मैं जरा जो बात बता रहा हूं मुझे पक्का विश्वास है मीडिया के लोग आने वाले दिनों में इसकी चर्चा करेंगे। जो बात मैं बताने जा रहा हूं 23 मई को जब चुनाव नतीजे आएंगे तो मेरी इन बातों को दोबारा चर्चा में लाया जाएगा। मुझे पक्का विश्वास है देश ने चार प्रकार के दल, चार प्रकार की राजनीति, चार प्रकार का गवर्नेंस, चार प्रकार का पोलिटिकल कल्चर देखा है वो चार प्रकार कौन हैं? पहला है नामपंथी, दूसरा है वामपंथी, तीसरा है दाम और दमन पंथी और चौथा है जो हम लाए है विकास पंथी। नामपंथी यानी जो सिर्फ अपने वंशवादी नेता का नाम जपते रहते हैं। वामपंथी यानी जो विदेशी विचारधारा को भारत पर थोपने की कोशिश करते हैं। दाम-दमन पंथी यानी जो धन और बाहुबल की ताकत पर सत्ता पर कब्जा करते हैं और विकास पंथी, जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ देश के 130 करोड़ नागरिक, उनका कल्याण, उनके विकास यही प्राथमिकता हो, जिसके लिए दल से बड़ा भी देश होता है। 2019 में दिया हुआ आपका वोट देश को समृद्ध, शक्तिशाली बनाने में एक बड़ा कदम होगा। भाइयो और बहनो याद रखिए, कांग्रेस, सपा, बसपा ने हमेशा लोगों को आपस में जात-पात, पंथ के नाम पर भिड़ाया, सिर्फ अपना और अपने परिवार का विकास किया है। इन पार्टियों के जितने भी बड़े चेहरे हैं कुछ दशक पहले उनकी स्थिति क्या थी? याद रखिए आज वो कैसी आलीशान जिंदगी जी रहे हैं ये भी देखते रहिए।

भाइयो-बहनो, आपके सामने ये जीता जागता उदाहरण है। लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहकर आया हूं और गुजरात जैसे समृद्ध राज्य का मुख्यमंत्री रहकर आया हूं। पांच साल से आपने प्रधान सेवक के रूप में काम करने का मौका दिया है। 18 साल बहुत लंबा समय होता है। इस व्यक्ति के ऊपर एक दाग लगा है क्या? एक दाग लगा है क्या? कहीं मेरे संपत्ति की चर्चा हो रही है क्या? मेरे कोई फार्म हाउस की चर्चा हो रही है क्या? विदेश में मेरे कोई बंगले की चर्चा हो रही है क्या? मैंने अपने परिवार के लिए कुछ किया हो, चर्चा हो रही है क्या? मैंने भाई भतीजे को बड़ा किया ऐसी कोई चर्चा हो रही है क्या? देश को इसके सिवा क्या चाहिए, भाइयो? और इन सब का देख लीजिए, दो साल पांच साल मौका मिल जाता है पूरे रिश्तेदार, उसके रिश्तेदार, उसके रिश्तेदार रातों रात मालामाल हो जाते हैं। ये पैसे गरीबों के होते हैं, ये पैसे ईमानदार लोगों के होते हैं। और इसीलिए भाइयो बहनो, अगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हूं तो मेरे गरीब भाइयों के हक के लिए लड़ता हूं। अगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता हूं तो मैं देश के ईमानदारों के सामने एक दीवार बन के उनकी मदद करने के लिए खड़ा होता हूं, भाइयो। आज पूरा देश मोदी को क्यों प्यार करता है, आज धूप में खड़े रह कर के आप मोदी को आशीर्वाद क्यों दे रहे हैं? भाइयो-बहनो, देश जिस ईमानदारी देश की तलाश में था, देश जिस समर्पण की तलाश में था। मोदी ने लोगों की इस भावना को समझा है और उसको जीने के लिए अपना जीवन लगाया है। और इसीलिए भाइयो बहनो, और उनको परेशानी यही है की मोदी को कुछ होता क्यों नहीं है? अरे! मोदी को कुछ नहीं होगा ये 130 करोड़ देशवासी दीवार बन कर खड़े हैं।

भाइयो-बहनो, दो दिन पहले ही मीडिया ने खुलासा किया है कि कैसे कांग्रेस के नामदार ने, ये खेल समझिए दोस्तों ये बड़े चाह से अमेठी और रायबरेली पकड़ के बैठे हैं। कैसे खेल खेले हैं मैं कच्चा चिट्ठा निकालना चाहता हूं। ये कांग्रेस के नामदार ने अपने ही बिजनेस पार्टनर को, अपने ही करीबी दोस्त को रक्षा सौदे दिलवाए। इन नामदारों को कभी ये ध्यान नहीं रहा की कभी गरीबों को घर दिलवा दें। उनके लिए शौचालय बनवा दें, उनके घरों में बिजली कनेक्शन लगवा दें। इन नामदारों ने गरीबों की जरूरतों की कभी परवाह नहीं की लेकिन अपने बिजनेस पार्टनर के लिए लंदन से लेकर दिल्ली तक ये चक्कर काटते रहे, दौड़ते रहे। अब इसलिए ही, उनके अपने क्षेत्र के लोगों ने, उन्होंने वहां से भगाने पर मजबूर कर दिया है।

साथियो, इन महामिलावटी लोगों ने सत्ता को हमेशा अपनी दौलत बढ़ाने का जरिया माना है। जबकि हमारे लिए सत्ता, देश के लोगों की सेवा का माध्यम रही है। भाइयो और बहनो जब इन्हें सत्ता मिलती है, ये उत्तर प्रदेश का एंबुलेंस घोटाला, NRHM घोटाला देते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम आयुष्मान भारत शुरू करते हैं, जन औषधि स्टोर खोलते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये शहरों और इलाकों में जाति के हिसाब से बिजली सप्लाई करते हैं भेदभाव करते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम सामान्य नागरिक को 24 घंटे बिजली देने का प्रयास करते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है, तो ये गरीब को घर देने में भी भेदभाव करते हैं, वोट बैंक का ख्याल रखते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम सबका साथ-सबका विकास, इसी मंत्र को लेकर के चलते हैं, हर बेघर को घर देना यही हमारा मंत्र होता है। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये कोयला घोटाला कर जाते हैं, जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम हर गरीब के घर में उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये चीनी मीलों को भी कौड़ियों के भाव दाम बेचकर करोड़ों रुपए की कमाई कर लेते हैं। जब हमें सेवा का मौका मिलता है तो हम बंद पड़ी चीनी मीलों को फिर से चलवाने का प्रयास करते हैं। जब इन्हें सत्ता मिलती है तो ये भर्तियों में भी घोटाला कर जाते हैं, नौजवानों को धोखा देते हैं। जब हमें सेवा का अवसर मिलता है तो हम ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म करते हैं, भ्र्ष्टाचार भी खत्म करते हैं,बिचौलिये खत्म करते हैं।

साथियो, जब इन्हें सत्ता मिलती है तो कानून व्यवस्था चौपट हो जाती है, व्यापारी से लेकर दुकानदार तक डर-डर के जीता है, जब हमें सेवा का अवसर मिलता है तो गुंडे और बाहुबली अपनी जमानत रद्द करवा कर खुद जेल में सुरक्षा का माहौल ढूंढ़ते हैं।

भाइयो-बहनो, हमारी सरकार ने देश के प्रत्येक नागरिक के लिए इसी सेवा भाव से काम किया है। हां, आपके इस चौकीदार की वजह से इनके कई तरह के खेल बंद हो गए हैं और इसीलिए ये तिलमिलाए हुए हैं। मेरे खिलाफ कितनी ही तरह की साजिश रच रहे हैं लेकिन जिस पर आपका ये आशीर्वाद हो उसे ये सारे महामिलावटी मिलकर भी कुछ नहीं कर सकते।

साथियो, आज यहां से मैं अपनी मुस्लिम बहनों को और पूरे हिंदुस्तान की मुस्लिम बहनों से एक बात जरूर कहना चाहता हूं। आज दुनिया के अनेक मुस्लिम देशों में तीन तलाक की परंपरा नहीं है। वहां बेटियों को तीन तलाक के नाम पर बर्बाद नहीं किया जाता हैं। मुस्लिम देशों में भी नहीं होता हैं। हम भी भारत की मुस्लिम बहनों को वही अधिकार देना चाहते हैं जो दुनिया के मुस्लिम देशों में बहनों को मिला हुआ हैं। ये अधिकार उनकी भावनाओं, उनकी संस्थाओं के अनुरूप ही देने वाला कानून हम पार्लियामेंट लाए हैं। हम किसी की भी धार्मिक भावना का अनादर नहीं करते, हम सिर्फ भारत के संविधान के अनुसार चलते हैं और भारत का संविधान पुरुष हो, स्त्री हो सब को समान अधिकार देता है। हम महिलाओं को भी समान अधिकार मिले, मानवता पूर्ण न्याय हो इसके लिए काम कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथी ये महामिलावटी लोग, इन बहनों जो तीन तलाक के कारण बर्बाद हुई है, जो नौजवान बेटियां, जो तीन तलाक से कांप रही है उनको डर के साये में जीने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ये तीन तलाक के खिलाफ जो हम कानून लाए हैं उसको रोकने के लिए ये महामिलावटी लोग दिन-रात कोशिश रहे हैं। भाइयो-बहनो, मैं आपको विश्वास देता हूं मैं ऐसे लोगों को सफल नहीं होने दूंगा।

साथियो, ये लोग कितने मौकापरस्त हैं, इस बात को भी हमेशा याद रखिए। भाइयो और बहनो, जब बुआ-बबुआ एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे, तब उसी दौर में इस जिले का नाम संत रविदास नगर रखा गया था। लेकिन बुआ ने, बुआ के बबुआ ने अपने अहंकार में इस जिले के नाम से संत रविदास का नाम हटवा दिया। क्या ये संत रविदास का अपमान नहीं था? अब आज देखिए, बुआ, अपने उसी बबुआ के लिए वोट मांगती रही है।

साथियो, संत रविदास, संत कबीर जैसे हमारे गुरुओं की इस समृद्ध विरासत को भी वही सरकार सम्मान दे सकती है जो भारत की संस्कृति और परंपराओं को सर्वोपरि रखती है। ऐसे ही हमारी एक और समृद्ध विरासत है जिसका विस्तार भदोही सहित इस पूरे क्षेत्र में फैला है। आपके ही प्रयासों से आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा कालीन उत्पादक देश है। हाथ से बने कालीन के मामले में हम दुनिया में टॉप पर हैं। अब दुनिया के आधे बाज़ार पर हमारी हिस्सेदारी हो, इसके लिए हम तमाम बुनकर और व्यापारी साथियों के साथ मिलकर के प्रयास कर रहे हैं। वाराणसी में आधुनिक हस्तकला संकुल और कई जगहों पर कॉमन फैसिलिटी सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर का लाभ भी बुनकरों को मिल रहा है। इसके अलावा भदोही-मिर्जापुर मेगा कार्पेट क्लस्टर में बुनकरों को आधुनिक लूम भी दिए जा रहे हैं। लूम चलाने का कौशल पैदा हो इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। मुझे बताया गया है की यूपी सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना से भी हमारे भदोई को और इस पूरे क्षेत्र को फायदा मिल रहा है।
साथियो, हमारी हमेशा से सोच रही है की देश में कारोबारियों को आसानी से पैसा मिले, सस्ती दर पर कर्ज मिले, कैश फ्लो बना रहे, मार्केट मिले, अच्छी तकनीक मिले और यह सरकारी दखल बंद हो और इसी सोच के साथ देश में कानूनों का जाल खत्म किया गया है। जीएसटी ने आपको कच्चे-पक्के की मजबूरी से भी मुक्ति दिलाई है। अब आपको हर राज्य में अलग-अलग चुंगी नाके का टैक्स नहीं देना होता। ई-वे बिल से अब आपका सामान आसानी से पूरे देश में जा रहा है। आपके सुझावों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल तमाम नियमों को और आसान बना रही है और आगे भी आसान बनाने का काम जारी रहेगा। छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया। 1.5 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली इकाइयां 1% दर से जीएसटी भुगतान की कम्पोजिशन योजना का फायदा उठा रही हैं। हम इस प्रक्रिया को लगातार सरल बना रहे हैं। जीएसटी से जुड़े कारोबारी को लोन के ब्याज में छूट से लेकर एक्सपोर्ट तक में मदद की जा रही है। व्यापारियों के पैसे न फंसे इसके लिए भी व्यवस्था की गई है।

साथियो, 23 मई को चुनाव का नतीजा आएगा, 23 मई शाम तक पता चल जाएगा फिर एक बार.. मोदी सरकार, एक बार.. मोदी सरकार। 23 मई को सरकार में वापसी के बाद हमारी सरकार राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड भी बनाएगी। व्यापारी वर्ग के लिए अब केंद्र में एक अलग विभाग भी बनाया जा रहा है जो आपकी जरूरतों का ध्यान रखेगा।

साथियो, भारत महामिलावट से नहीं नेक नीयत वाली मजबूत सरकार से ही विकास कर सकता है, देश के विकास से जुड़े तमाम संकल्प तभी पूरे होंगे, जब आप सभी भदोही और फूलपुर में कमल के निशान पर बटन दबाएंगे। आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। आपका एक-एक वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। लेकिन भाइयो-बहनो, आप देश मजबूत बनाना चाहते हो, देश मजबूत बनाना चाहते हो, देश और मजबूत चाहते हो? तो शुरुआत कहां से होती है, शुरुआत कहां से होती है? शुरुआत होती है मेरा बूथ सबसे मजबूत, मेरा बूथ सबसे मजबूत, मेरा बूथ सबसे मजबूत। घर-घर जाएंगे, मतदाताओं को मिलेंगे, मतदाताओं को मतदान के लिए निकालेंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे, ज्यादा से ज्यादा बहुमत से जिताएंगे, पक्का? मैं तो चाहूंगा की पूरा उत्तर प्रदेश, बनारस से भी ज्यादा लीड से जीते। मुझे ज्यादा खुशी होगी अगर मुझसे भी ज्यादा वोट से मेरे साथी जीतेंगे, मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी। ये दिखाओगे कर के। भाइयो-बहनो, हर बूथ में सबसे ज्यादा वोटिंग होना चाहिए। इसी विश्वास के साथ भाइयो-बहनो, आप सभी इतनी मात्रा में आकर, इतनी कड़ी धूप में भी हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए मैं हृदय से आपका धन्यवाद करता हूं। मेरे साथ बोलें
भरता माता की... जय
भरता माता की... जय
भरता माता की... जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!