Congress shedding crocodile tears over Article 370, says PM Modi

Published By : Admin | October 14, 2019 | 13:58 IST
Today J&K and Ladakh is on the way to development, and the credit for this must go to the 130 crore Indian citizens: PM Modi
Why was the Valmiki community not allowed in J&K? It was because of Article 370. With one stroke, I have ended the decades of injustice on Valmiki community: PM
Cong shedding crocodile tears over Article 370, says PM Modi at Haryana rally
In Haryana, PM Modi says the country only wants development, and the BJP and its allies are honestly working towards it
Today Jammu, Kashmir and Ladakh have embarked on a new path of development and trust: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। 

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान किशन पाल जी, हरियाणा सरकार के सभी मंत्रिगण, मंच पर उपस्थित हरियाणा के सभी नेतागण, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी सम्माननीय उम्मीदवार, मंच पर उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनो। श्री राजा बलराम सिंह, राजा नाहर सिंह, ऐसे-ऐसे अनेक महापुरुषों की इस भूमि को मैं नमन करता हूं, वंदन करता हूं। यहां विराजित पथवारी माता को भी मैं सर झुका कर के प्रणाम करता हूं और यहां से वो जगह बहुत दूर नहीं है जहां पर आपातकाल के दौरान, इमरजेंसी के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरार जी भाई देसाई को गिरफ़्तार करके वहां 19 महीने बंद रखा गया था। भाइयो-बहनो जब मैं आपके बीच आता हूं हरियाणा आता हूं तो मुझे हमेशा लगता है कि मैं मेरे अपने घर में आया हूं। हरियाणा ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है इसलिए जब भी मैं यहां आता हूं तो एक अलग भावना मेरे भीतर उमड़ने लग जाती है, यहां का विकास यहां के लोगों के जीवन में बदलाव ये हमेशा-हमेशा मेरी प्राथमिकता रही है। भाइयो और बहनो, मुझे याद है 5 वर्ष पहले जब मैं हरियाणा में भाजपा सरकार बनाने की बात करता था तो हमारे सामने जो विरोधी दल खड़े थे उनके नेता थे वो मेरे मुंह में उंगली डाल-डाल कर पूछ रहे थे पिछले चुनाव में की तुम मोदी जी बताओ कि तुम वोट तो मांगने आए हो लेकिन तुम्हारा कैप्टन कौन है यह मुझे पूछते थे और तब मेरा जवाब होता था की हरियाणा की जनता का आशीर्वाद मिले तो हरियाणा को एक मजबूत, सक्षम कैप्टन भी मिलेगा और अकेला कैप्टन नहीं एक मजबूत टीम भी मिलेगी। आज 5 साल बाद कैप्टन भी पूरी बुलंदी के साथ आपके सामने है और मजबूत टीम भी अपने देखी है, यही टीम है जिसने विकास के मामले में हरियाणा को अग्रणी रखा है, अव्वल रखा है संयोग देखिए जो तब मुझसे कैप्टन को लेकर सवाल करते थे वो आज अपनी बिखरी टीम को ही समेटने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं। वो ख़ुद को जितना समेटने की कोशिश कर रहे हैं वो उतना ही वो रोज़ बिखरते चले जा रहे हैं। आप मुझे बताइए अपने-अपने स्वार्थ की वजह से अपने-अपने अहंकार के कारण अपने-अपने कुनबे की हिफ़ाज़त के लिए, और इसी वजह से बिखरते हुए ये लोग क्या हरियाणा के विकास के बारे में सोच पाएंगे हरियाणा का भला कर पाएंगे हरियाणा का विकास कर पाएंगे कोई संभावना है? स्वार्थ और भ्रष्टाचार की राजनीति यह हरियाणा की जनता का संस्कार नहीं है यह धरती तो भारत मां की जय बोलते हुए हाथ में तिरंगा के लिए जीने मरने का प्रण लेकर के चले हुए सीमा पर दुश्मनों के होश उड़ा देन वाले ये वीरों की धरती है बलिदानियों की धरती है त्याग और तपस्वियों की धरती है और यह धरती खेल की दुनिया में छा जाने वाले हमारे वीर बेटे-बेटियों की धरती है ये इस धरती का यहां के लोगों का सहयोग और समर्थन है जिन्होंने मनोहर लाल जी और उनकी टीम को ताक़त दी है। आपका यही आशीर्वाद हमें लोक सभा के चुनाव के दौरान भी मिला है विशेष तौर पर हमारे युवा साथियों ने, किसान और श्रमिक साथियों ने, हमारी बहनों ने, नई उम्मीदों और नए सपनों के लिए कमल के निशान पर बटन दबाया। 

साथियो, तब मैंने कहा था कि हरियाणा ने जो मेरी परवरिश की है हरियाणा ने जो संस्कार मुझमें गढ़े हैं उनका मान और सम्मान मैं सर्वोच्च रखूंगा ये मैंने आपको वादा किया है। नई सरकार बने अभी बहुत समय नहीं बीता है लेकिन आपके सामने रखा हर संकल्प मैं तेज़ी से पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं आपने मुझे 5 साल का वक़्त दिया है अभी 5 महीने भी नहीं हुए हैं और मैं एक के बाद एक क़दम उठाता चला जा रहा हूं। भाइयो और बहनो, आज आप देख रहे हैं कि कैसे पूरी दुनिया, दुनिया के बड़े-बड़े नेता भारत के साथ खड़े होने के लिए, भारत के साथ आने के लिए आज दुनिया में हर कोई आतुर नज़र आता है। आपने जो जनादेश दिया है उससे दुनिया में यह संदेश है और यह संदेश साफ़-साफ़ दिया है कि अब भारत का समाज बटा हुआ नहीं है बल्कि एक जुट होकर विकास और विश्वास की नीति के साथ खड़ा है आगे बढ़ रहा है तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है। साथियो, आपके इसी विश्वास और उसके साथ जो ऊर्जा मिली है उस ऊर्जा का ही परिणाम है कि भारत आज वो फ़ैसले ले रहा है जिसकी पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैं किस फ़ैसले की बात कर रहा हूं, आपको पता है, कौन से वाले फ़ैसले की बात कर रहा हूं? देखिए यह जनता की आवाज़ देखिए और जनता तो ईश्वर का रूप होती है जब रूप बोल जाता है यह फ़ैसला है आर्टिकल 370 का। यह हरियाणा की, पूरे देश की भावना थी कि जम्मू-कश्मीर को अलगाव और हिंसा से निकाल कर सद्भाव और सशक्तिकरण की तरफ़ ले जाया जाए। आज जम्मू कश्मीर और लद्दाख विकास और विश्वास के एक नए रास्ते पर चल पढ़ा है और इसका श्रेय किसको जाता है किसको जाता है? मोदी को नहीं जाता है यह बल्लभगढ़ के लोग फ़ेल हो गए। इसका श्रेय आप 130 करोड़ देशवासियों को जाता है, हिंदुस्तान के मतदाताओं को जाता है की आपने कमल पर बटन दबाया और मुझे यह ताक़त मिली है आपके सपने को पूरे करने की। आज पूरा देश यह भी देख रहा है कि जिनके हितों पर इस फ़ैसले से चोट हुई है वो सदमे में हैं, तिलमिलाए हुए हैं। यह लोग इस फ़ैसले पर सवाल उठा रहे  हैं विदेशों में जाकर मदद मांग रहे हैं। मैं ज़रा जिनको नींद नहीं आती है, जिनके पेट में चूहे दौड़ रहे हैं अगर ऐसे लोगों को आर्टिकल 370 और 35ए से इतना ही लगाव है, इतना ही मोह है तो मैं आज उनको ज़रा आह्वान करता हूं, चैलेंज करता हूं। अगर इतना ही 370 आपको प्यारा लगता है तो हिम्मत के साथ हरियाणा के लोगों के बीच में जाओ और बताओ कि अगर आप चुनाव जीत कर के आएंगे 370 वापिस लाएंगे 35 ए वापिस लाएंगे, मोदी ने जो किया है उसको उलटा कर देंगे। लोकसभा के चुनाव आएं तब तक मैनिफ़ेस्टो में लिखो की हम अगर आए तो 370 वापिस लाएंगे क्या है किसी में ताक़त यह करने की तो ये घड़ियाली आंसू बहा रहे  हैं कि नहीं बहा रहे हैं, यह झूठी बातें बोल रहे हैं कि नहीं बोल रहे हैं उनको भी पता है आर्टिकल 370 को जनता जनार्दन का इतना प्यार, इतना उमंग और उत्साह मिला है की मोदी आर्टिकल 370 और 35 ए का निर्णय कर पाया है। आर्टिकल 370 के समर्थकों को मैं कहना चाहता हूं कि वो हरियाणा के गांव-गांव में जाकर इसके फ़ायदा जरा लोगों को समझाएं और मैं उनसे कहना चाहता हूं जिन माताओं ने अपने वीर खोए हैं कश्मीर की धरती पर, घर में जवान पत्नी,  छोटे-छोटे बच्चे उनसे विदाई लेकर के जो मेरा वीर जवान हरियाणा का नवजवान जम्मू कश्मीर की रक्षा कर रहा था वहां के निर्दोष नागरिकों की रक्षा कर रहा था, जिनको आतंकियों ने गोली से भून दिया और जो शरीर तिरंगे में लिपटकर वापिस लौटा था उन माताओं को पूछो कि तुम्हारा 370 के प्यार में कितने माताओं के बेटों को रौंद डाला है कितनी बहनों को विधवा कर दिया है। 

भाइयो और बहनो, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए अपनों को खोया है उनको कांग्रेस के नेता बताएं कि आर्टिकल 370 से उनको इतना मोह क्यों है। हरियाणा कि बेटियों को यहां के दलितों को भी ज़रा जा कर के बताना चाहिए की जम्मू कश्मीर में 370 ने वहां कैसे इन वर्गों का हित किया है। मैं ज़रा यहां के नेताओं से पूछना चाहता हूं आज वोट लेने के लिए वाल्मीकि के नाम पर वाल्मीकि जयंती के नाम पर भांति-भांति के झूठ फैला रहे हैं अरे आज़ादी के 70 साल हो गए, बनारस जहां से मैं लोक सभा का सदस्य जनता ने मुझे चुन कर के भेजा है बनारस की जनता ने मुझे प्यार दिया है संत रविदास की भूमि है इतने-इतने उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री बन कर के गए हर दल से नेता चुन कर आए क्या कारण था इतने बड़े महापुरुष संत रविदास उनके स्थान का भव्य निर्माण क्यों नहीं किया ये मोदी आया है आज बनारस में संत रविदास का ऐतिहासिक स्मारक बन रहा है, तीर्थ बन रहा है और यह मेरा सौभाग्य है कि वहां के समाज के नेताओं ने मुझे उसकी भूमि पूजन करने का सौभाग्य दिया था मैं ज़रा लोगों के आंख में धूल झोंकने वाले नेताओं से पूछना चाहता हूं दलितों को गुमराह करने वालों को पूछना चाहता हूँ वाल्मीकि समाज को उकसाने के लिए यह झूठ का सहारा  लेने वालों से मैं पूछना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर की धरती पे मेरे जो वाल्मीकि भाई-बहन रहते थे अगर उनका बेटा ग्रेजूएट हो जाए डबल ग्रेजूएट हो जाए इंजीनियर हो जाए लेकिन वाल्मीकि परिवार के बेटों को जम्मू कश्मीर सरकार में उसके हक़ की नौकरी भी नहीं दी जाती थी और कारण क्या था कारण 370 था 35ए था और उसके कारण जम्मू कश्मीर की धरती पर वाल्मीकि समाज की 4-4 पीढ़ी कितनी ही पढ़ाई क्यों ना की हो झाड़ू लगाना, टॉयलेट साफ़ करना इसके सिवाय वहां की सरकार ने कोई भी काम देने के लिए उन्हें योग्य नहीं माना। हर बार 370 का बहाना बताया, और ये बात दिल्ली में बैठी हुई सरकारों ने, उस सरकार का झंडा लेकर चलने वाले हरियाणा के उन नेताओं ने पाप किया था। भइयो-बहनो, ये मोदी है जिसने आर्टिकल 370 हटाकर के 4-4- पीढ़ी से मेरे उन भाइयो-बहनो पर जुल्म होते थे एक झटके से चार पीढ़ी का न्याय मैंने खत्म कर दिया है। साथियो, कांग्रेस और उसके जैसे दल ये नहीं कर सकते हैं क्योंकि ये जो मगर के आंसू, घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं वो सिर्फ सतही हैं। ये वोट बैंक की राजनीति को जिंदा रखने का उनका विफल प्रयास है, सिर्फ विरोध के लिए विरोध इनकी आदत बन चुकी है, यही उनकी परंपरा है यही उनकी आदत है यही उनके तरीके हैं। आप याद कीजिए रफायल लड़ाकू विमान को लेकर इन्होंने लोकसभा के चुनाव के दौरान कैसी हाय-तौबा मचाई थी, छाती पीट रहे थे छाती, इन लोगों ने पूरा जोर लगा दिया था कि राफयल विमान से समझौता रद्द हो जाए, भारत में नया लड़ाकू विमान ना आने पाए लेकिन आज मुझे खुशी है कि इन लोगों की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत को पहला लड़ाकू विमान सौंपा जा चुका है भाइयो-बहनो। 

भाइयो और बहनो, ये कितना ही विरोध करें कितनी ही साजिशें करें राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सेना के सशक्तिकरण के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रतिबद्ध है और हम उसे लगातार गति भी दे रहे हैं। मुझे कोई हक नहीं है कि हरियाणा का मेरा वीर जवान, हरियाणा की वीर माताओं का बेटा, हिंदुस्तान की वीर माताओं का बेटा जो देश की रक्षा के लिए लड़ रहा है वो बारूद और हथियार के बिना दुश्मनों के शिकार हो जाएं ये मोदी को मंजूर नहीं है दोस्तों। हमारे अपने तेजस लड़ाकू विमान को इन लोगों ने डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी पता नहीं किसका दबाव था। हमारी सरकार ने सारी रुकावटें दूर करके तेजस विमान को पंख लगाए, आज तेजस भारतीय वायुसेना की शान बन रहा है। साथियो, आधुनिक विमानों और हेलिकॉप्टर से लेकर नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम तक, समंदर में नई ताकतों से लेकर अंतरिक्ष ने नई मिसाइलों तक, बुलेटप्रूफ जैकेट से लेकर गोला-बारूद तक हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं। अपनी सेनाओं के साथ ही अपने वीर बेटे-बेटियों को हम मजबूत कर रहे हैं। देश के जिन वीर सपूतों के हाथ पहले की सरकारों ने बांध रखे थे उन्हें भाजपा सरकार ने खुली छूट दे दी है। आप के तो हर गांव में जवान हैं वो बताते होंगे, मोदी ने कह दिया है। आपको सर्जिकल स्ट्राइक याद है ना, अरे बालाकोट का याद कीजिए कैसे आतंकियों को घर में घुसकर मारा, याद है ना

भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके जैसे दलों की करनी कैसे रही है इसका जीता जागता सुबूत रहा है वन रैंक वन पेंशन। ये लोग आपसे झूठ बोलते रहे लेकिन वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं किया, आज ना ये सिर्फ सच्चाई है बल्कि हरियाणा के भी करीब-करीब दो लाख पूर्व फौजियों को इसका लाभ मिल चुका है। अब तक उन्हें अकेले हरियाणा में 9 सौ करोड़ से ज्यादा का एरियर उनके यहां जमा हो चुका है। भाइयो-बहनो, देश में हो रहे हर सुधार के सामने हर परिवर्तन के सामने कांग्रेस और उसके दल दीवार बन कर के खड़े हो जाते हैं। आपने देखा है कि कैसे तीन तलाक के खिलाफ कानून को इन्होंने हर बार रोका, हर तरह के बहाने बनाकर के रोका, मुस्लिम बहन-बेटियों को अधिकार मिले, उनके जीवन का एक बड़ा डर खत्म हो और वो भी खुलकर के जियें इन लोगों को, ये सारे दलों को इससे भी दिक्कत थी। ये लोग जमीन से इतना कट चुके हैं कि वास्तविक सच्चाई इन्हें नजर ही नहीं आ रही है। जब तीन तलाक की बात होती थी तो उनको लगता था कि इससे मुस्लिम बैंक की उनकी राजनीति चलेगी और उनको लगता था कि जो मुस्लिम पति हैं वे खुश हो जाएंगे तीन तलाक के मुद्दे पर हमारे विरोधियों का साथ देंगे लेकिन हमारे विरोधी दल को एक मंजिल ही काम करता है बाकी के मंजिलों में विचार ही नहीं आता है। ये भूल गए कि मुसलमान पति के नाते हो सकता है कि तीन तलाक उसको अच्छा लगे, वो भी सबको नहीं लगता था। एक-आध दो परसेंट लोगों को शायद अच्छा लग भी जाए लेकिन उस मुसलमान को भी विचार आता था कि मैं पति तो हूं लेकिन मैं पिता भी हूं, मेरी बेटी अगर कहीं से तीन तलाक के कारण वापस आई तो उस बेटी का क्या होगा। उस मुसलमान को ये भी पता था कि मैं किसी बहन का भाई भी हूं, अगर मेरी बहन तीन तलाक के कारण बीच जिंदगी में घर लौट आई तो मेरी बहन का क्या होगा और इसलिए पति मुसलमान था यही कांग्रेस वालों की सोच थी, तलाक के पक्ष में खड़े हुए लोगों की सोच थी लेकिन मुसलमान पुरुष भी सोचने लगा कि इसके हटने से उनकी बेटी भी सुरक्षित हो जाएगी, उनकी बहन भी सुरक्षित हो जाएगी और इसलिए इतना बड़ा फैसला हुआ हिंदुस्तान में कोई आवाज नहीं उठी भाइयो-बहनो। 

मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं कुछ दिनों पहले इस सरकार ने पशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए देश का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है। पलवल समेत पूरे हरियाणा में तो पशुधन गांव गरीब का बहुत बड़ा सहारा है। आप भली-भांति समझते हैं कि पशुओं में खुर और मुंह की बीमारियां जिसको लोग अंग्रेजी में फुट एंड माउथ डिसीज से कितना बड़ा नुकसान होता है। कहां तो इनको खुले मन से ये कहना चाहिए था कि देश के 50 करोड़ पशुओं के मुफ्त टीकाकरण का अभियान सफल रहे लेकिन ये लोग इस पर भी तरह-तरह की बाते फैला रहे हैं। भाइयो-बहनो, देश की राय साफ है अब सिर्फ विरोध और प्रतिरोध की राजनीति नहीं चलेगी, अब देश सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है और मैं ये संतोष के साथ कह सकता हूं कि भाजपा और उसके साथी इसके लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। 

साथियो, भाजपा के लिए उसका संकल्पपत्र, समर्पण का दस्तावेज होता है, हम हर संकल्प को पूरा करने का काम तेजी से कर रहे हैं। सरकार बनते ही शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का फैसला लिया गया, इतना ही नहीं जो हमारे पुलिस के केंद्रिय बल के जवान नक्सलियों और आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो जाते थे उनके बच्चों को भी इसके दायरे में लाया गया और ये लाभ उनके बच्चों को देने का भी निर्णय कर लिया। हमारे किसान, हमारे व्यापारी, हमारे श्रमिक साथी, हमारी बहनें जो देश के विकास का मजबूत स्तंभ है, उनको मजबूत करने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। भाइयो-बहनो, लोकसभा चुनाव के दौरान हमने आपसे कहा था कि भाजपा की सरकार केंद्र में बनी तो हरियाणा के हर किसान परिवार को बैंक खाते में सीधी मदद मिलेगी। हमने कहा था कि छोटे किसानों, खेत मजदूरों को, छोटे व्यापारियों को, छोटे दुकानदारों को हर महीना पेंशन की सुविधा दी जाएगी। हमने ये भी कहा था कि देश के व्यापारियों, कारोबारियों के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन करेंगे। साथियों आज जब किसानों, पशुपालकों, श्रमिकों, कर्मचारियों, उद्यमियों की इस धरती पर आया हूं तब मैं कह सकता हूं कि इतने कम समय में ये सारे संकल्प सिद्ध हो चुके हैं। जो हमारा श्रमिक वर्ग है जो पसीना बहाता है उसके लिए भी पहली बार सार्थक कार्य हो रहा है। श्रमिक साथियों को जीवन के हर कदम पर जरूरी सुरक्षा मिले इस पर हमारा जोर है, 60 वर्ष की आयु के बाद तीन हजार की नियमित पेंशन इसी सुरक्षा चक्र का हिस्सा है, अभी तक देश के करीब 37 लाख श्रमिक साथी जुड़ चुके हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत अभियान और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को मुफ्त इलाज, इस सुविधा का बड़ा लाभार्थी भी हमारा ये श्रमिक वर्ग है। 

साथियो, बाते पांच सालों में जितने भी प्रयास केंद्र में हुए है उनको हरियाणा में तेजी से साकार करने का काम मनोहर लाल जी और उनकी समर्पित टीम ने किया है। बीते पांच वर्षों में हरियाणा में करीब-करीब नौ लाख शौचालय बनाए गए हैं, आज हरियाणा का हर गांव खुले में शौंच से मुक्त है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 32 हजार से ज्यादा घर हमारे हरियाणा में बनाए गए हैं। साल 2022 तक हरियाणा और हिंदुस्तान के हर गरीब के पास अपना घर हो इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की योजना के तहत तो हरियाणा ने कमाल कर दिया है, मैं हरियाणा को जितनी बधाई दूं, कम है। जिस तरह आप लोगों ने काम किया है वो देश के अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन रहा है। आयुष्मान भारत योजना का पहला लाभार्थी भी हरियाणा में ही था, अब राज्य के करीब 25 हजार गरीब इस योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। बीज से लेकर बाजार तक यहां की सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी है। भावांतर योजना का भी बहुत बड़ा लाभ हमारे किसान भाइयो-बहनो को मिला है। सूरजमुखी, सरसों, बाजरे और अन्य फसलों को एमएसपी पर खरीदने पर भी किसानों को काफी मदद मिली है। भाइयो-बहनो, हरियाणा में सरकारी भर्ती का मतलब पहले होता था रिश्वतखोरी और युवाओं से लूट। नौकरी के लिए जितने तरह के खेल होते थे उन्होंने यहां के कई नेताओं को जेल तक पहुंचाया है, ये स्थिति अब बदल चुकी है। पांच साल पहले तक जो खर्ची और पर्ची, मुझे बराबर याद है मैं हरियाणा में काम करता था, खर्ची और पर्ची ये घर-घर की प्रथा थी। उस खर्ची और पर्ची से परेशान हरियाणा का हर घर था उसी कल्चर ने हरियाणा को बदनाम किया था। आज मैं मनोहर लाल जी को बधाई देता हूं। इतनी बड़ी बीमारी को ये मनोहर लाल जी की ईमानदारी ने आज ठीक करके रख दिया है। अब हरियाणा के युवा साथियों को सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए किसी के आगे-पीछे चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही हरियाणा सरकार ने किसान की कीमती जमीन और नवजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का गोरखघंघा भी बंद कर दिया है। 

भाइयो-बहनो, ईमानदारी और निष्ठा से हो रहा हरियाणा का विकास, यहां की सुधरती कनेक्टिविटी में भी दिखता है। पलवल हो, बल्लभगढ़ हो, फरीदाबाद हो यातायात की कनेक्टिविटी की एक से एक आधुनिक सुविधाएं यहां तैयार हो रही हैं। कुण्डली, मानेसर, पलवल एक्सप्रेस-वे का काम या फिर पृथला से सोनीपत तक की नई रेलवे लाइन, कुण्डली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस वे हो या फिर ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए मंजावली पुल का निर्माण हो, इस क्षेत्र की हर जरूरत को देखते हुए, समझते हुए हजारों करोड़ों की परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। बेहतर होती इस कनेक्टिविटी का फायदा यहां के लोगों को यहां के उद्योगों को मिल रहा है। जिन परियोजनाओं पर अभी काम हो रहा है उनके पूरा होने के बाद तो फरीदाबाद ही नहीं हरियाणा की अर्थव्यवस्था भी बहुत तेजी से बदलने वाली है, बड़ा प्रभाव नजर आने वाला है। साथियो, आपकी हर आकांक्षा को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार दिन रात मेहनत करती रहेगी। 21 अक्टूबर को आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि हरियाणा के विकास का ये डबल इंजन और मजबूती से आगे बढ़े। एक दिल्ली में मोदी सरकार का डबल इंजन और दूसरा हरियाणा में मनोहर सरकार का इंजन, डबल इंजन की ताकत से बढ़ना है। 

आपको भारी संख्या में मतदान केंद्र पहुंचना है, लोकसभा चुनाव के दौरान हुई उस वोटिंग के उस रिकॉर्ड को भी तोड़ना है। हर पोलिंग बूथ तय करे, अगर पिछली बार 700 लोगों ने वोट किया था तो इस बार 700 लोगों से ज्यादा वोट करेंगे। पिछली बार 600 लोगों ने वोट किया था बूथ में, इस बार 600 लोगों से ज्यादा लोग वोट करने जाएंगे बूथ में। कमल के निशान पर बटन दबाएं और हरियाणा में फिर एक बार भाजपा सरकार, मनोहर सरकार की भावना को साकार करें। एक बार फिर आप सभी का आशीर्वाद हमें मिले और इतनी बड़ी तादाद में आ कर के आज आपने जो मुझे आशीर्वाद दिया है इसके लिए मैं हृदय से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!