These elections will decide if the ‘Tukde-Tukde’ gang and its sympathisers will prevail or the proponents of ‘Ek Bharat, Shreshth Bharat’ will prevail: PM Modi in Gujarat
While on one hand, we have given a free hand to our armed forces to act against terrorists, on the other hand, the Congress’ ‘Dhakosala Patr’ promises measures that will weaken our security apparatus: PM Modi
Congress is anti-middle class. Whenever it comes to power, both inflation and corruption soar in the country: Prime Minister Modi

 

भाइयो और बहनो, चरोतर में आने का अपना एक सुखद अनुभव है। इसके पूर्व दिशा में पावागढ़, पावागढ़ पर पर्वत माता कालका विराजमान हैं। पश्चिम दिशा अहमदाबाद में मां भद्रकाली उपस्थित हैं और दक्षिण में समंदर के तट पर सिकोतर मां हमें आशीर्वाद दे रही हैं। मां का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे ऐसी मैं मां को चरणों में विशेष प्रार्थना करता हूं। ये हमारी धरती संतराम मंदिर, सत केवल परंपरा और स्वामी नारायण। एक ही समय की इन तीनों परंपराओं ने भक्त युग में ना सिर्फ चरोतर को, ना सिर्फ खेड़ा डिस्ट्रिक्ट को, पूरे गुजरात की सामाजिक, सांस्कृतिक चेतना जगाने का काम किया था। इन तीनों महान परंपराओं, सत केवल हो, संतराम मंदिर हो, स्वामी नारायण मंदिर हो। मैं इन तीनों परंपराओं के चरणों में, आज आदरपूर्वक वंदन करता हूं। आज भगवान महावीर जी की जयंती भी है, मैं गुजरात के लोगों को, देश और दुनिया के लोगों को इस पावन दिन महावीर जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज के वैश्विक वातावरण में भगवान महावीर के संदेश हमें शांति प्रकृति और मानवीय प्रवृत्ति से जोड़ने की प्रेरणा देते हैं। साथियो, ये हमारा आणंद श्वेत क्रांति की जन्मभूमि है और आणंद के सभी लोग श्वेत क्रांति के नायक-नायिकाएं हैं। इस पूरे क्षेत्र के और विशेष कर की यहां गांवों के हमारे किसानों को, हमारे पशुपालकों को मैं आज सर झुका कर के नमन करता हूं। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, वीर विट्ठल भाई पटेल, इंदुलाल याग्निक, गोवर्धन राम त्रिपाठी अनगिनत महापुरुष। बहुरत्ना वसुंधरा किसको कहते हैं, इस भूमि के कण-कण में अनुभव करते हैं, उस भूमि को मेरा शत-शत प्रणाम।

भाइयो-बहनो, आणंद वो जगह है जिसने देश को नई दिशा दी है। आणंद, सम्मान और स्वाभिमान की भूमि है। इस मिट्टी ने सरदार साहब को गढ़ा है, करमसद की धरती ने वल्लभ भाई को सरदार बनाने की पहली शिक्षा दी थी। मैं जब पिछले साल यहां आया था तो हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास का मुझे अवसर मिला था। अमूल डेरी के विस्तार और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े प्लांट्स देशवासियों को समर्पित किए थे।

साथियो, बीते पांच वर्षों में आप सभी के सहयोग से मैंने देश के विकास के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। आपके ही आशीर्वाद से, आपके ही समर्थन से मैं सामान्य मानवी की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने की तरफ बड़े कदम उठा पाया। हम गरीबों के लिए पिछली सरकार के मुकाबले 6 गुना ज्यादा घर बना पाए हैं, ये संभव हुआ है आपके आशीर्वाद के कारण। हम गरीब बहन के किचन तक मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन पहुंचाने का काम भी कर पाए, अगर उसका यश किसी को जाता है तो आप सब के आशीर्वाद को जाता है। हर गांव-हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम भी मैं आपके आशीर्वाद से ही कर पा रहा हूं। आजादी के सात दशक बाद देश की गरीब बहन-बेटियों को शौचालय की सुविधा दे पाया हूं वो आप ही के सहयोग के कारण संभव हुआ है। देश भर के युवा साथियों को करीब सात लाख करोड़ रुपए बिना बैंक गारंटी के ऋण, स्वरोजगार के लिए दे पाया वो भी आपके आशीर्वाद की बदौलत।

भाइयो और बहनो, पांच वर्ष पहले आपने अपने एक वोट से दिल्ली की सल्तनत को बदल डाला और एक चौकीदार को बिठा दिया। आपके सहयोग से हमने, वहां जा कर के ना सरकार बदली है ना बोर्ड बदला है, हमने सरकार की पूरी सोच बदल डाली है, काम करने का तरीका बदल डाला है। मैं आपको वादा करने आया हूं आज, सरदार वल्लभ भाई की मिट्टी की कसम देकर के वादा करता हूं। मैं सरदार साहब के सारे सपने पूरे करने के लिए अपने आप को खपा दूंगा। दिल्ली से चलने वाली सरकार, उसको हम दिल्ली से बाहर ले गए, पूरे हिंदुस्तान के हर कोने में मैंने दिल्ली को लाकर के खड़ा कर दिया है। सरकारी योजनाओं को सरकार के दफ्तर से निकालकर, जन भागिदारी और जन आंदोलन से जोड़ दिया, सामान्य मानवी पर विश्वास किया, देश के सामर्थ्य पर विश्वास किया। साथियो, बीते पांच वर्ष हम आवश्यकताओं को पूरा करने की तरफ बढ़े, अब हमें आकांक्षाओं की पूर्ती के लिए आगे बढ़ना है। बीते पांच वर्ष में भारत आत्मविश्वास से भरा, अब विकसित भारत की तरफ कदम बढ़ाने हैं। बीते पांच वर्ष में हमने सरदार साहब के एक भारत-श्रेष्ठ भारत की सोच को बुलंदी दी, अब उसको मजबूती देनी है। लेकिन साथियो, आपको इन प्रयासों के बीच सावधान भी रहना है, सतर्क रहना है। कांग्रेस ने सरदार पटेल का अपमान तो हमेशा किया, मणि बहन का भी वही हाल किया। अब सरदार साहब के संस्कारों को भी, उनके विचारों को भी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के नेता, ये परिवार उसको भी रौंदने का प्रयास कर रहा है। कांग्रेस, उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है, जो मेनिफेस्टो सिवाए ढकोसलापत्र के कुछ नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने ऑफिशियली घोषित किया है की कांग्रेस राष्ट्रद्रोह का कानून हटाना चाहती है ताकी जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज मजबूत हों और देश के अन्य भागों में नक्सवादी मजबूत हों। टुकड़े-टुकड़े गैंग, देश के टुकड़े करने की अपनी शरारतें, खुलेआम हिम्मत से कर पाएं, ये कांग्रेस ने विधिवत रूप से आज देश के सामने कहा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के एकीकरण के लिए जीवन लगा दिया, कांग्रेस अलगाववादियों को गले लगाने के लिए बेचैन बन गई है। कांग्रेस ने जिस कश्मीर समस्या को पैदा किया आज उसी जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने वालों के साथ खड़ी है।

भाइयो-बहनो, कश्मीर में साथी दल का एक केंडीडेट बोल रहा है और भाइयो-बहनो, मीडिया ने जिसको थोड़ी देर चलाया बाद में बंद कर दिया। वो कह रहा है अगर कोई पाकिस्तान को गाली देगा तो मैं उससे ज्यादा गाली भारत को दूंगा। ये कांग्रेस के साथ खड़ा हुआ व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है क्या ऐसे लोगों को वोट देने की गलती आणंद कर सकता है? छोटा उदयपुर कर सकता है? खेड़ा कर सकता है? इस क्षेत्र का, गुजरात का एक भी नागरिक कर सकता है? इसलिए आज जब भी मैं कहता हूं की अगर सरदार पटेल साहब देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश की स्थिति अलग होती और जब मैं ये बोलता हूं तो ये बात सुनकर नामदार और उनके रागदरबारियों में खलबली मच जाती है। मत भूलिए कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कदम-कदम पर सरदार साहब का अपमान किया। जब आपके इस सेवक ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का संकल्प पूरा किया तब भी कांग्रेस ने और उनके रागदरबारियों ने इस बात को भी अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। आप मुझे बताइए दोस्तों, मैंने उतना ऊंचा कोई खंभा खड़ा कर दिया होता और दुनिया को मैं बताता की दुनिया का सबसे ऊंचा खंभा हमारे यहां बना है तो ये लोग तालियां बजाते की नहीं बजाते? उनके पेट में दर्द है ये दुनिया का सबसे ऊंचा स्टेचू तो भले बना लेकिन दुख इस बात का है की सरदार वल्लभ भाई पटेल का बना।

भाइयो-बहनो, आज दुनिया में जब भी चर्चा होती है, किसी बच्चे को पूछा जाए एग्जाम में, किसी को भी दुनिया में। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टेचू कौन है, कहां है तो क्या लिखेगा, किसका नाम आएगा?  भारत का नाम आएगा की नहीं आएगा? गुजरात का नाम आएगा कि नहीं आएगा? सरदार पटेल का आएगा कि नहीं आएगा? हमें खुशी होगी कि नहीं होगी, हमारा माथा गर्व से ऊंचा होगा कि नहीं होगा? इनको दर्द क्यों होता हैं, इनकी नींद हराम क्यों होती है? मैं आपसे चाहता हूं, भाइयो-बहनो, ऐसे लोगों को सबक सिखाओगे कि नहीं? ऐसा ढीला बोलोगे तो सबक कैसे सिखाओगे। ऐसे लोगों को सबक सिखाओगे कि नहीं, पक्का सिखाओगे, जम कर के सिखाओगे? 23 तारीख को ऐसे लोगों का जमानत समाप्त हो जानी चाहिए, भाइयो-बहनो। मेरे लिए राजनीति नहीं है, सरदार साहब का अपमान, देश का बच्चा जो देश को प्यार करता है कभी स्वीकार नहीं कर सकता है।    

साथियो, कांग्रेस के परिवार के सामने जो भी खड़ा हुआ है उसके पीछे ये पूरी दुनिया में फैले अपने रागदरबारियों को लगा देते हैं। अब सरदार साहब के बाद मोरारजी भाई की बारी आई और आज इनके निशाने पर आपका ये चौकीदार है। दो दशक से मुझे कैसे गालियां दी जा रहा हैं इसके गवाह आप हैं। यही किया कि नहीं है इन लोगों ने, झूठे आरोप लगाए कि नहीं लगाए, दिन-रात गंदी हरकतें की या नहीं की? लेकिन अब कांग्रेस सारी सीमाएं तोड़ने पर अड़ गई है, कांग्रेस के नामदार ने पूरे ओबीसी समाज को, पिछड़े समाज को ही चोर कह डाला। नरेंद्र मोदी से बदला लेने के लिए समाज के ईमानदार लोगों का इतना अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। साथियो, जब सिर्फ वंशवाद ही विजन बन जाए, देश का डिवीजन यही उनका विजन हो, समाज का डिवीजन यही उनका विजन हो, तब गाली-गलौज की नीति ही उनके लिए एक मात्र सहारा बन जाता है। और कांग्रेस सिर्फ मुझे ही गाली देती है, ऐसा नहीं है, गलती मत करना, कांग्रेस ने किसी को नहीं छोड़ा है। कांग्रेस ने गरीबों का ये कह कर अपमान किया की गरीबी एक मानसिक अवस्था है, कांग्रेस के लोग नार्थ-ईस्ट के पहनावे का अपमान करते हैं, उसे अजीबोगरीब बताते हैं। कांग्रेस की सरकार देश के बहुसंख्यक समाज को आतंक से जोड़ती है, हिन्दू आतंक, ऐसी थ्योरियां बढ़-चढ़ कर के दुनिया के सामने पेश करती है।

साथियो, कांग्रेस सरकार के समय कैसे देश की सुरक्षा को ताक पर रखा गया, उसका भी उदाहरण आपको देता हूं। इन्होंने मध्यम वर्ग को भी नहीं छोड़ा, मध्यम वर्ग को कहते हैं सेल्फिश है स्वार्थी है। क्या मध्यम वर्ग सेल्फिश है क्या? अगर कानून का पालन करता है तो मध्यम वर्ग, ज्यादा से ज्यादा टैक्स देता है तो मध्यम वर्ग, समाज पर-सरकार पर सबसे कम बोझ पड़ता है तो मध्यम वर्ग का, लेकिन ये लोग मध्यम वर्ग को स्वार्थी कहते हैं। क्या ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? भइयो-बहनो, मैं आज एक जानकारी यहां देना चाहता हूं, गुजरात की धरती से, देश के लिए भी नई जानकारी होगी, इनको भी आश्चर्य होगा। हमारे देश में ऐसे-ऐसे संगठन पैदा हो जाते हैं, 5-50 लोग की टोली मिलकर सरकारी कानून में रजिस्ट्री करवा दें, संस्थाएं चलाएं और विदेशों से हजारों-करोड़ रुपए ले रहे थे हजारों-करोड़, लेकिन ये पैसे कहां खर्च हो रहे थे, किन इलाकों में खर्च हो रहे थे, दूर-दराज इलाकों में ये करने वाले लोग कौन थे, इनका मकसद क्या था, कांग्रेस सरकार के ये सब रागदरबारी होने के कारण इतनी बड़ी सरकार, इतना बड़ा देश कभी इनसे हिसाब ही नहीं मांगा। भाई विदेशों से पैसे लाते हो, करते क्या हो, क्योंकि ये उनके काम आते थे। हर गलत काम के लिए इनका इस्तेमाल होता था और इसके पीछे भी कांग्रेस राजनीतिक स्वार्थ था। 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद, ऐसे सभी संगठनों को जो विदेशों से पैसे लाते हैं, हमने कहा भाई, कानून कहता है आपको हर वर्ष हिसाब देना पड़ेगा, आपने दिया क्यों नहीं। आप मुझे बताइए हिसाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? आज मध्यम वर्ग को अपनी कमाई का एक-एक हिसाब देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है? ये कौन से खेत की मूली हैं जो उनसे हिसाब ही ना मांगा जाए। आप हैरान रह जाएंगे, जब मैंने विदेशों से रुपए लाकर कौन क्या खेल रहा है, कहां खेल रहा है, किसके लिए खेल रहा है, देश के स्वाभिमान से कौन खिलवाड़ कर रहा है, उसके जब सवाल पूछे। आप चौंक जाएंगे भाइयो-बहनो, 20 हजार संगठन ऐसे निकले जिन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया। विदेशों से पैसे लाकर के बैठ गए, कोई हिसाब देने के लिए तैयार नहीं और मैंने कानून को ऐसे ताकत से लागू किया की अब वो 20 हजार सरकारी दफ्तर में आना ही बंद कर दिया। उनका विदेशों से पैसा आना भी बंद हो गया और भागे-भागे फिर रहे हैं। आप मुझे बताइए, ऐसे लोगों का हिसाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए, गलत करते हैं तो सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? और ये 20 हजार संगठन मोदी के पीछे पड़ जाएं तो मोदी को डरना चाहिए क्या? मोदी की रक्षा कौन करेगा, मोदी को आशीर्वाद कौन देगा? आपके आशीर्वाद होंगे तो भाइयो-बहनो, मैं इनसे पाई-पाई का हिसाब ले कर रहूंगा। मैं जानता हूं ये दुश्मनी कितनी महंगी पड़ती है लेकिन मैं देश के लिए पैदा हुआ हूं, देश के लिए जी रहा हूं और इसलिए ऐसी चीजों की परवाह नहीं करता हूं।

साथियो, दशकों तक कांग्रेस ने देश को अपने ही तरीके से चलाया, उसने अपने वर्षों के शासन में भरपूर मलाई खाई, दूध वाली नहीं कागज वाली और खाई इतना ही नहीं अपने रागदरबारियों को भी खिलाई। जिन्होंने मलाई खाई है वो कांग्रेस सत्ता में नहीं है तो भी वो पूरा अपना कर्ज चुका रहे हैं। इन लोगों के साथ मिलकर कांग्रेस झूठ का एक ऐसा तंत्र चला रहा है, मैं आपको इनके काम करने के तरीके बताता हूं। मैं जब गुजरात में था तब भी यही खेल खेलते थे। ये क्या करते हैं, सबसे पहले, आपके पास समय है ना, आराम से बोलूं ना? आज मेरा भी मन कर रहा है, आपका इतना प्यार है मैं कैसे जाऊं?

सबसे पहले ये लोग आपस में मिलीभगत करके किसी मलाई खाने वाले के यहां एक झूठा आर्टिकल तैयार करवाते हैं, फिर कोई मिल जाए उसके यहां छपवा देते हैं और वो जब छप जाता है तो उसको लेकर दुनिया में पहुंचाते हैं, उस आर्टिकल को पहुंचाते हैं उसका प्रचार करते हैं, वाट्स ऐप पर डाल देते हैं, घर-घर पहुंचाते हैं, कुछ मीडिया वाले भी उठा लेते हैं, अखबार वाले भी उठा लेते हैं और उसके बाद क्या करते हैं। दूसरे दिन वो उन मुद्दों की प्रेस कांप्रेंस करते हैं, उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है, कहते हैं की फलाने अखबार में छपा है। अखबार कौन है, क्या है, कितना सर्क्यूलेशन है कोई लेना-देना नहीं है, प्रेस कांफ्रेंस करते हैं फिर उनकी प्रेस कांफ्रेंस छपती है। फिर वो किसी को ढूंढ के ले आते हैं, उसको कहते हैं पीआईएल करो, कोर्ट में एक पीआईएल करवा देते हैं और पीआईएल होती है तो 3-4 दिन उसकी बहस चलती है और कांग्रेस के बड़े-बड़े वकील, ऐसे कोई अनाम व्यक्ति के लिए कोर्ट में जा कर काला कोट पहन कर के खड़े हो जाते हैं। इसके बाद जैसे ही पीआईएल पर सुनवाई शुरू हो जाती है, कांग्रेस उस मुद्दे को और ज्यादा उछालने लगती है। ये पूरी माडस ऑपरेंडी, ये पूरी पैटर्न है कांग्रेस की। जब हम गुजरात में चुनाव लड़ते थे, हर बुधवार को ये खेल शुरू होता था और अगले मंगलवार तक चलता था। दिल्ली में सप्ताह में दो बार ये खेल, खेले जा रहे हैं। हाल के दिनों में देखो, कई विषय आपको मिलेंगे, कांग्रेस के कई झूठ आपको मिलेंगे जो ऐसे ही तैयार किए गए, ऐसे ही उनका ढिंढोरा पीटा गया। हर कुछ हफ्तों पर कांग्रेस का ये ईको-सिस्टम नए विषय उछालने लगता है और इसलिए ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा झूठ आज-कल सोशल मीडिया में डाल देते हैं, आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस को तो आप जानते ही हैं उनके रागदबारियों को भी पहचानने की जरूरत है। पहले मोदी के विरोध में वो आए दिन गुजरात को बदनाम करते थे। यहां तक, जैसे हिंदुस्तान गुजरात में है ही नहीं, ऐसा बर्ताव कर रहे थे, गुजरात को दुश्मन बना दिया था कांग्रेस ने और जब मोदी भारत की सेवा करने में लगा है तो मोदी का विरोध करने में सीमाएं लांघ कर के भारत का विरोध करने लग गए हैं भाइयों, भारत को बदनाम करने लग गए हैं। ऐसी कांग्रेस को कोई देश भक्त माफ कर सकता है?

साथियो, देश के मिडिल क्लास के साथ कांग्रेस की दुश्मनी रही है लेकिन अब कांग्रेस ने खुलकर कह दिया है की वो देश के मध्यम वर्ग को लालची मानती है स्वार्थी मानती है। उनका मेनिफेस्टो देखिए कांग्रेस का 50 पन्नों का ढकोसलापत्र है, एक बार भी मध्यम वर्ग शब्द नहीं है उसमें। आप मुझे बताइए, आप गुनहगार हैं क्या? इस देश को आपके लिए सोचना चाहिए कि नहीं सोचना चाहिए? राजनीतिक दलों को आपके लिए सोचना चाहिए कि नहीं सोचना चाहिए? आपके सपनों पर सोचना चाहिए कि नहीं सोचना चाहिए? इनको परवाह ही नहीं है, उनको तो लगता है मिडिल क्लास की कोई जरूरत ही नहीं है। वो अब खुलेआम कह रहे हैं की हम जो योजनाएं लाए हैं उसको पूरा करने के लिए मिडिल क्लास पर दो गुना-चार गुना टैक्स लगाने की दिशा में जाएंगे। अगर मिडिल क्लास खत्म हो जाएगा तो ये देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा, लिख कर के रखो। देश आगे बढ़ रहा है, ये मध्यम वर्ग के लोगों की मेहनत से बढ़ रहा है। मिडिल क्लास से कांग्रेस की दुश्मनी है इसलिए जब-जब कांग्रेस आती है, आपने देखा होगा महंगाई लेकर के आती है। कांग्रेस के शासन में 10 प्रतिशत की दर से महंगाई बढ़ रही थी, जिसको हमने चार प्रतिशत से नीचे रखा है। इतना ही नहीं, पीएम आवास योजना के तहत पहली बार मिडिल क्लास के लिए होम लोन में छूट दी। आज मिडिल क्लास को होम लोन पर 5 से  6 लाख तक की बचत हो रही है। एजुकेशन लोन पर पहले जो ब्याज लगता था 15 प्रतिशत से आज हमने कम कर लगभग 11 प्रतिशत कर दिया है। इतना ही नहीं दवाइयां सस्ती की गई हैं, हार्ट और नी सर्जरी 70-80 प्रतिशत तक सस्ते हुए हैं यानी स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च बहुत कम हुआ है। देश का मध्यम वर्ग, देश का ईमानदार करदाता, अच्छी सड़कें चाहता है, ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधाएं चाहता है, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर चाहता है। बीते पांच वर्षों में हमने इस ओर पूरा ध्यान दिया है, लोगों के जीवन भर की कमाई किसी गलत बिल्डर के पास ना पहुंचे, उसे समय पर अपना फ्लैट मिले उसके लिए हमारी सरकार ने रेरा कानून भी बनाया है। आज देश के तीस हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स इसमें रजिस्टर हुए हैं।

साथियो, भाजपा सबको सुरक्षा-सबको सम्मान देने में विश्वास रखती है। इसी का परिणाम है की जिन लाखों लोगों को मुद्रा ऋण मिले हैं उनमें दलित भी है, ओबीसी भी है, आदिवासी भी है, महिलाएं भी हैं। आयुष्मान भारत के तहत जिन गरीबों को पांच लाख रुपए इलाज के लिए सुनिश्चित हुए हैं वो भी समाज के हर तबके को है। घर हो, गैस हो, शौचालय हो वो किसी की जाति पूछ कर नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए सरकार ने बेटियों के साथ राक्षसी कृत्य करने वाले, बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा देने का कानून, ये मोदी में दम है।

भाइयो-बहनो, आणंद जिले को एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाई-वे और स्टेट हाई-वे की संपर्क सेवा से बहुत गति मिली है। दिल्ली-मुंबई फ्लैट कोरिडोर हो, वासद-वडोदरा छे लेन रास्ता हो, इस क्षेत्र को बहुत लाभ होने वाला है। अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का काम भी प्रगति पर है इसका सीधा फायदा आणंद को मिलेगा। भाइयो-बहनो, अमूल आज सिर्फ खेड़ा का, गुजरात का ही गौरव नहीं रहा है बल्कि देश का ब्रांड बन गया है। अमूल ने दूध-दही मक्खन से आगे बढ़ते हुए अब आइसक्रीम, चॉकलेट, ना जाने कितने प्रोडक्शन में हाथ आजमाया है भाइयो-बहनो।

साथियो, आज मैं पशुपालकों का भी विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। आपके श्रम से आज भारत, दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक बना है। आपको फंड की कमी ना आए इसलिए पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। इतना ही नहीं इस बार के बजट में राष्ट्रीय कामधेनू आयोग बनाने का फैसला भी लिया गया है। ये आयोग पूरी तरह से हमारे पशुधन की रक्षा-सुरक्षा से लेकर नियम कायदों को लागू कराने का काम करेगा। भाइयो-बहनो, पिछली बार गुजरात ने 26 की 26 सीटों पर कमल खिलाया था, ये रिकॉर्ड दोबारा दोहराना है और चौकीदार को सशक्त बनाना है। भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए, ये कांग्रेस के लोग सेना को सवाल पूछते हैं, सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करते हैं। पुलवामा में हमारे वीरों को मार दिया, क्या मोदी चुप बैठेगा क्या? मोदी को चुप बैठने के लिए आपने भेजा है क्या? मोदी माला जपेगा क्या, मारा, मारा, मारा जपेगा क्या? ये सरदार पटेल की धरती में पैदा हुआ मोदी है।

भाइयो-बहनो, हमारी सेना ने पुरी के हमले के बाद जाकर के सर्जिकल स्ट्राइक किया तो उन्होंने उस पर सवाल खड़े किए और अभी जब पुलवामा में हुआ तो पाकिस्तान को पता था की मोदी है कुछ तो करेगा, तो उन्होंने क्या किया? सीमा पर सेना तैनात कर दी, सारी चीजें लगा दीं, मोदी को भी मालूम था और इसलिए मोदी ने क्या किया, ऊपर से…। आतंकवादियों को पालने पोसने वालों के लेने के देने पड़ गए और सब साफ कर दिया दोस्तों। आप मुझे बताइए, आपको सेना पर भरोसा है, सेना की बात पर भरोसा है, सेना के पराक्रम पर भरोसा है?  देश के बच्चे-बच्चे को भरोसा है लेकिन स्वार्थ की राजनीति में अंधे पड़े इन लोगों को भरोसा नहीं है। क्या ऐसे लोग देश की रक्षा कर सकते हैं? आप मुझे बताइए, मोदी को ऐसा करना चाहिए था कि नहीं करना चाहिए था? मैं सही दिशा में हूं, मैं सही कर रहा हूं, मुझे पूरी ताकत से करना चाहिए? आपने मुझे चौकीदार बनाया, मैं सच्चा चौकीदार हूं कि नहीं हूं? चौकीदारी कर रहा हूं कि नहीं कर रहा हूं, मेरी चौकीदारी से आप खुश हैं? आप भी मेरे…चौकीदार, आप भी मेरे…चौकीदार।

मैं आज एक संकल्प कराना चाहता हूं, आप करेंगे और सब के सब करेंगे, हाथ ऊपर कर के करेंगे, सभी लोग पूरी ताकत से करेंगे?

अपना हाथ ऊपर कीजिए, मोबाइल फोन में जो लाइट है उसे भी चालू कीजिए। आपकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए। मैं जब नारा बुलवाऊंगा तो आपको कहना है घर-घर में है चौकीदार। क्या बोलना है आपको? घर-घर में है चौकीदार।

भ्रष्टाचारियों होशियार… घर-घर में है चौकीदार, भगोड़ों पर कानून की मार…घर-घर में है चौकीदार, बंद हुआ काला कारोबार…घर-घर में है चौकीदार, देशद्रोहियों पर कड़ा प्रहार…घर-घर में है चौकीदार, आतंक पर हो आखिरी वार…घर-घर में है चौकीदार, दुश्मन हो जा खबरदार…घर-घर में है चौकीदार, घुसपैठिये भागे सीमा पार…घर-घर में है चौकीदार, टूटेगी जात-पात की दीवार…घर-घर में है चौकीदार, वंशवाद की होगी हार…घर-घर में है चौकीदार। बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।