For Congress, EVM, Army, Courts, are wrong, only they are right: PM Modi

Published By : Admin | May 9, 2018 | 12:06 IST
Congress culture, Communalism, Casteism, Crime, Corruption and Contractor system- 6 Cs which Congress party stand for: PM Modi
In the NDA Government, our remote control and the high command are the 125 crore people of India: PM Modi
PM takes a dig at Congress President’s “I am going to be PM” remark, attacks Congress for its arrogance
Congress party is heavily involved in deal-making, alleges PM Modi
Our aim is India First. Congress aim is Family First: PM Modi in Belagavi
Why does the Congress need fake voter IDs? What is the Congress trying to do in Karnataka, asks the PM
A raid was conducted in the resort in which the Karnataka chief minister was staying. Lakhs of rupees were found there, says PM Modi
The 21st century is about embracing technology, we have used technology in the working of the government, which has helped bring transparency: PM
Congress party is shrinking, it has been removed from every corner from India, says the Prime Minister

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मैं हैलीपेड से यहां आया। पूरे रास्तेभर जिस प्रकार से लोग स्वागत करने के लिए, आशीर्वाद देने के लिए खड़े थे। और यहां भी, ये जो जनसागर देख रहा हूं।

भाइयो बहनो।

चुनाव हारने के बाद जो लोग ईवीएम को गालियां देते हैं, ईवीएम को बदनाम करते हैं, वे जरा चिकमंगलुर आकरके नजारा ...।

मेरे चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है। चुनाव प्रचार तो कल तक चलेगा लेकिन इतने दिन के अनुभव से मैं कहता हूं कि 12 मई को यहां के मतदाता कमल के फूल पर बटन दबा करके कांग्रेस पार्टी का खात्मा करा देंगे।  

भाइयो बहनो।

जब कांग्रेस पार्टी का चुनाव हारना तय हो जाता है, जब ये पक्का हो जाता है कि कांग्रेस पार्टी बच नहीं सकती है तो उनके गाजे-बाजे बजाने वाले, उनका इको-सिस्टम, उनके गीत गाने वाले, उनके झूठ में हां में हां मिलाने वाले तुरंत मैदान में आ जाते हैं। इस चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिलेगा, हंग एसेंबली आएगी। कर्नाटक में कोई सरकार बना नहीं सकता है। ऐसे भांति-भांति के झूठ हर चुनाव में चलाते हैं। यहां भी शुरू कर दिया है। इसका मतलब भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।

बंधु भगनी।

ये आदिशंकर की तपोभूमि है। ये वेदों की धरती है। और यहीं से वैदिक ज्ञान की धारा, अद्वैत का सिद्धांत सारी दुनिया में फैला था।

शारदा पीठ, रंभापुरी मठ। ऐसे महान संस्थान, ये पुरातन ज्ञान का प्रचार प्रसार करने में आज भी जी जान से जुटे हुए हैं।

जिस भूमि से अद्वैत का सिद्धांत मिला, जिस भूमि से एकता का सिद्धांत मिला, जिस भूमि से समता और समरसता का सिद्धांत मिला।  उसी धरती पर कर्नाटक की सरकार भाई-भाई के बीच में दीवार पैदा करने में लगी है, जाति-जाति के बीच झगड़ा करा रही है, संप्रदायों के बीच तनाव पैदा कर रही है। जाति के नाम पर, भाषा के नाम पर, संप्रदाय के नाम पर बांटने का पाप, ये कांग्रेस की सरकार कर रही है।

बंधु भगिनी।

कांग्रेस सिर्फ बंटवारा करना, तोड़ने का ही काम कर रही है, ऐसा नहीं है। ये कांग्रेस सरकार आस्था के स्थानों को, समाज सेवा में जुटे हजारों इन महान संस्थानों पर भी कब्जा करने की साजिश कर रही है। जो फैसला लिया गया, उससे वो आगे तो नहीं बढ़ पाए। लेकिन हाईकोर्ट ने उनको लाल-लाल आंख दिखाई। लेकिन कर्नाटक के भाइयो बहनो। जरा चौकन्ने रहना। इनके इरादे नेक नहीं हैं अगर गलती से दोबारा जब भी मौका मिल गया तो ये कब्जा किए बिना रहने वाले नहीं हैं।

सदियों का इतिहास है। यहां के धर्मस्थलों ने कोई भेदभाव किए बिना कर्नाटक के लोग हों या कर्नाटक के बाहर के लोग हैं, हर किसी को मानव के रूप में देखा। और हर किसी के कल्याण के लिए काम किया। ऐसे धर्मस्थलों के बीच भी भेदभाव करना, उनके अंदर आपसी झगड़े कराना, ये पाप भी कांग्रेस के नेताओं ने कराया है।

कांग्रेस के जहन में जो धमनी और शिरा, दो वेन होती है। एक वेन सत्ता भूख की है और दूसरी वेन सत्ता सुख की है।

और इसलिए भाइयो बहनो।

1978 में ...। 1978 में आपने देखा होगा। जब उत्तर भारत में से कांग्रेस पार्टी का सफाया हो गया तो मैडम इंदिरा जी यहां दौड़के आ गईं। और कैसे-कैसे वादे किए थे। कैसे-कैसे जनता की आंख में धूल झोंक करके दिल्ली पहुंचने के लिए आपका उपयोग किया था। आपके वोट लेकरके गए। फिर कभी भी चिकमंगलूर में पैर रखा था क्या ...। रखा था क्या ...। ऐसे परिवार पर पार्टी पर भरोसा करोगे ...। पार्टी पर भरोसा करोगे ...। ऐसे नेता पर भरोसा करोगे ...। उनकी बहू, वो भी मुसीबतों में फंसी तो फिर कर्नाटक के भले-भोले अच्छे लोगों के पास जाकरके आंसू बहाए। बेल्लारी पहुंच गईं। बेल्लारी का भला किया ...। बेल्लारी का भला किया क्या ...। जोर से बताइए। भला किया गया क्या ...। अरे 3 हजार करोड़ का पैकेज दिया था। यहां उनकी सरकार बनी। ये 3000 करोड़ रुपए का पैकेज कौन खा गया, पता ही नहीं चला।

 

ये नामदार ...। ये नामदार 2004 से अमेठी से एमपी है। जरा अमेठी का हाल जाकर देखो। जो थी उससे भी बुरा हाल करके छोड़ा है। ऊपर से जमीन हथियाने का काम जोरों से चला है। कांग्रेस में उनका प्रमोशन कुछ भी न करें तो भी होता रहता है क्योंकि वो नामदार हैं। और इसलिए 2007 में उन्हें महासचिव बनाया। बड़े ढोल पीटे गए। नई दुनिया, नया नेता, नया लोग, नई सोच, ऐसे-ऐसे लोग। हिन्दुस्तान के कोने-कोने में गाजे-बाजे ढोल पीट रहे थे। 2007 में उन्होंने कहा था कि वे कांग्रेस में युवा नेतृत्व लाएंगे। युवा नीति बदल देंगे। आज 11 साल हो गए। सारा वहीं का वहीं ठप पड़ा है।

न उनको कांग्रेस की चिंता है, न उनको सवा सौ साल पूरी कांग्रेस की परंपरा की चिंता है। न उनको कांग्रेस के बुजुर्ग, बड़े, सीनियर नेताओं की परवाह है। न उन्हें देश की परवाह है। सुबह शाम, सोते समय, जागते समय, खाते समय, नहाते समय, आते समय, जाते समय, हर वक्त दिमाग में यही चल रहा है प्रधानमंत्री की कुर्सी, प्रधानमंत्री की कुर्सी, प्रधानमंत्री की कुर्सी। उनको लगता है। ये प्रधानमंत्री पद की कुर्सी इस एक परिवार के लिए रिजर्व है, आरक्षित है। उसमें कोई आकरके बैठ नहीं सकता है, ये तो उनका पैतृक हक है।

पार्लियामेंट में 40 सीट मुश्किल से आई है। हिन्दुस्तान के सभी राज्यों में पिछले 4 साल में सफाया हो गया। कांग्रेस पार्टी लगातार 25-30 चुनाव हार चुकी है। एक के एक राज्य उसके हाथ से गए हैं लेकिन उनका अहंकार देखो। ये नामदार का अहंकार, सांतवे आसमान पर है कि वो यहां पर आकरके पीएम बन जाउंगा 2019 में ये अहंकार नहीं तो क्या है। इस परिवार में तो दूर-दूर तक भी लोकतंत्र से कोई लेना-देना नहीं है। और इसलिए लोकतंत्र की हर बात को नकारने के, इनकार करने के वो मौके ढूंढते रहते हैं।

आपने देखा होगा। पिछले कई चुनावों से कांग्रेस लगातार हार रही है। और चुनाव के पराजय के बाद तुरंत कांग्रेस लोकतंत्र को स्वीकर करने के बजाए ईवीएम को ..., ईवीएम को दोषी ठहराने के लिए जोर जोर से झूठ बोलती है। इलेक्शन कमीशन जैसी महान संस्था, भारत के इलेक्शन कमीशन का आज सारी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में गुणगान होता है, जय जयकार होता है। उनकी निष्पक्षता की गौरव गाथा होती है। किसी की भी सरकार रही हो, हमारे देश के इलेक्शन कमीशन की तारीफ हुई है। लेकिन जब से कांग्रेस हार रही है, वो इलेक्शन कमीशन को भी बदनाम करने में भी जुटी हुई है। इनके लिए तो ईवीएम रोंग, कांग्रेस राइट। इलेक्शन कमीशन रोंग, कांग्रेस राइट। जब सीएजी घोटालों को एक्सपोज करता है तो ये कांग्रेस का पूरा इको सिस्टम हमारे देश के सीएजी को बदनाम करने के लिए मैदान में आता है। सीएजी रोंग, कांग्रेस राइट। कांग्रेस जब खुद फंस जाती है। कानून का शिकंजा आता है तो शुरू कर देती है सीबीआई गलत, एनआईए गलत, ईडी गलत, अकेली कांग्रेस राइट।

जब हिन्दुस्तान की आर्मी कांग्रेस सरकारों के कुकर्मों में साथ देने से मना करती है तो ये कांग्रेस वाले बेशर्मी के साथ आर्मी के खिलाफ, आर्मी चीफ के खिलाफ उसको डिस्क्रेडिट करने में लगे रहते हैं, बोफोर्स के जमाने से सुनते आए हैं। जब भारत की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है। तब ये कांग्रेस बेशर्मी से आर्मी रोंग, कांग्रेस राइट। ये बोलने का दुस्साहस करती है।

इस देश में चुने हुए उपराष्ट्रपति अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हैं। और कांग्रेस के गलत कामों में अपने आपको नहीं जोड़ते हैं तो अब वो उपराष्ट्रपति को भी गालियां देने लगे हैं।

अब हमारे सुरक्षा बल, हमारी पुलिस, हमारी सुरक्षा बल के जवान अगर आतंकियों को मारते हैं, माओवादियों को मारते हैं, देश के दुश्मनों को मारते हैं तो ये कांग्रेस वाले हमारे सुरक्षाबलों को मनोबल तोड़ने के लिए उन पर भी सवालिया निशान पैदा करते हैं।

कांग्रेस सरकारों के जमाने में रिजर्व बैंक के साथ जो खिलवाड़  होता था वो बंद हो गया तो ये कांग्रेस के लोग रिजर्व बैंक को भी बदनाम करने में लगे हैं।

जब वर्ल्ड बैंक ...। जब वर्ल्ड बैंक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की इज्जत का, भारत के काम का गौरव गान करती है, भारत के 42 अंक सुधर जाती है। तो कांग्रेस वाले वर्ल्ड बैंक को भी कटघरे में खड़ा करके, उस पर भी शक करते हैं। और जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी वर्ल्ड बैंक हो, आईएमएफ हो, मूडीज हो, दुनिया की कोई भी क्रेडिट एजेंसी हो, भारत की नहीं, भारत के बाहर की एजेंसी हो और वे भी भारत के लिए अच्छी बात बताएं तो ये बेशर्मी से कह देते हैं कि मोदी ने दुनिया की सारी एजेंसियों को खरीद लिया है।

 

भाइयो बहनो।

कांग्रेस एक खतरनाक खेल खेल रही है। मैं देश के नागरिकों को बताना चाहता हूं, सजग करना चाहता हूं।  मैं ...। कांग्रेस जो खतरनाक खेल रही है। उसके प्रति देश को जगाना चाहता हूं। आपको पता होगा। कांग्रेस के भूतपूर्व प्रमुख ...। मां और बेटा जब से 5 हजार करोड़ के घोटाले में जमानत पर छूटे हैं। तब से उन्होंने देश की न्यायपालिका पर हमला बोल दिया है। इनको लगता है। हम तो नामदार है। पीएम पद तो हमारे लिए आरक्षित है। ये ज्यूडिसरी क्या होती है, जो हमें कोर्ट में बुलाए। और हमें कोर्ट में खड़ा करे। हमारे खिलाफ वारंट निकाले, जमानत के लिए मजबूर करे। और इसलिए जो सबसे सर्वोच्च न्यायाधीश हैं। उन्हीं पर महाभियोग लगा दो ताकि नीचे के सारे जज डर जाए और उन पर कोई आंच न आए। और इसलिए ये खेल खेला जा रहा है।

कर्नाटक की जनता ने ये कांग्रेस को बाजे गाजे के साथ विदा करना तय कर लिया है। अब पराजय सामने दिख रहा है। जनता जाग गई है। और इसलिए उनका झूठ नहीं चला, उनका जातिवाद नहीं चला, उनके धन के भंडर नहीं चले। और इसलिए उन्होंने एक नया खेल शुरू किया है। मैं पूरे कर्नाटक की जनता को आने वाली 12 तारीख तक ...। जागते रहो ...। जागते रहो ...। जागते रहो ...।

चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है। चुनाव एक पवित्रता का माहौल होता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों के भाग्य के लेख चुनाव में लिखे जाते हैं। एक-एक मतदाता अत्यंत पवित्रतापूर्वक, पवित्र भाव से सारे काम छोड़ करके वोट डालने जाता है। लेकिन पानी में, पानी के बिना जब मछली छटपटाती है। ये कांग्रेस पार्टी पराजय को देख करके छटपटा रही है। और अलोकतांत्रिक हथकंडे अपनाने के लिए बेशर्मी से कांड कर रही है।

कल रात से मीडिया में जो खबरें चल रही है। वो खबरें आपने देखी होगी। आपने देखा होगा कि किस प्रकार से फर्जी वोटर आई कार्ड बनाए गए हैं। किस प्रकार से फर्जी वोटरों के नाम लिखे गए हैं। हजारों की तादात में कल ये आईकार्ड पकड़े गए। इतना ही नहीं उसके छोटे-छोटे बंडल बनाए हैं। ये किसको देना है, उसकी योजना बनाई गई है। कंप्यूटर पकड़ा गया है। प्रिंटिंग मशीन पकड़ी गई है।

भाइयो बहनो।

हजारों की तादात में फर्जी आई कार्ड बनाकरके कांग्रेस का चुनाव जीतने का ये तरीका ...। कर्नाटक की जनता को कांग्रेस को कभी माफ नहीं करना चाहिए। दो बड़े स्टील बक्शे मिले हैं। उसमें एक लाख वोटरों के लिए काम आने वाली पर्चियां मिली हैं। चार लाख वोटरों वाली सीट में से उसमें एक लाख फर्जी पर्चियां ...। कैसा कांग्रेस पराजय से डरते हुए कैसे पाप कर रही है। इसकी कल्पना कर सकते हैं। ये तो एक पकड़ा गया है। पता नहीं और क्या-क्या पाप किए होंगे। और इसलिए कहता हूं 12 तारीख तक जागते रहो।

भाइयो बहनो।

इसके बाद एक और संकट देख रहा हूं। जिन एड्रेस पर फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए हैं। अब चुनाव के बाद। ये फर्जी नाम वाले उन घरों पर कब्जा करने के लिए क्लेम करेंगे। उसका हक बताएंगे और प्रूफ के रूप में ये फर्जी वोटर कार्ड दिखाएंगे। कितने परिवारों के मकानों पर ये कब्जा कर लेंगे। आप कल्पना कर सकते हो।

भाइयो बहनो।

पिछले कुछ महीनों से कर्नाटक में और देश में बादामी का नाम गूंज रहा है। बादामी सबको पता है बादामी।

भाइयो बहनो।

वहां जो उम्मीदवार गए हैं।उन्होंने शानदार बदामी को भी बदनामी देने का काम शुरू किया है।

भाइयो बहनो।

आपने देखा होगा। कल इनकम टैक्स की एक रेड हुई। बादामी के एक होटल में और ये होटल वो है, जहां कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री जी उसमें गए थे और फिर वहां निकले थे। और जब इनकम टैक्स ने रेड की तो करोड़ों रुपए के कारोबार के कागज हाथ लगे, लाखों रुपये हाथ लगे। जरा ये उम्मीदवार, वहां क्या खेल खेल रहे थे। क्या ये चुनाव, ये लोकतंत्र का पवित्र उत्सव। क्या सत्ता पाने के लिए ये खेल खेले जाएंगे। मैं कर्नाटक के स्थानीय मीडिया को अंतकरणपूर्वक अभिनंदन करता हूं क्योंकि कर्नाटक के स्थायी मीडिया ने इनकी इतनी दादागिरी के बावजूद भी सत्य लोगों तक पहुंचाने की हिम्मत दिखाई है। इसलिए मैं कर्नाटक की मीडिया को ह्रदय से अभिनंदन करता हूं।

 

भाइयो बहनो।

चुनाव घोषित होने के बाद मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि 130 करोड़ से ज्यादा रुपये जब्त किए गए हैं। इतना ही नहीं सोना भी पकड़ा गया है। ये पाप ये  सरकार करवा रही है। हजारों फर्जी आईकार्ड, लाखों पर्चियां, ये लाखों रुपये, ये करोड़ों रुपए का कारोबार, ये 130 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश, ये गोल्ड क्वाइन। ये सब क्या है। अरे सीधा रुपैया, सीधा रुपैया ...। ये 10 पर्सेंट ...।

भाइयो बहनो।

ये कांग्रेस का परिवार। ये परिवार के लिए ही सरकारें बनती है। ये परिवार के लिए ही सरकारें टूटती है। ये परिवार के लिए ही सरकारों को चूसते हैं। ये परिवार के लिए ही विपक्षी सरकारें चुभती हैं।

भाइयो बहनो।

कॉफी। यहां की कॉफी अच्छे-अच्छों की थकान उतार देती है, नई चेतना भर देती है। लेकिन ये कॉफी बोर्ड अब तक राजकीय खेल का मैदान बना था। पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हमने कॉफी बोर्ड का चेयरमैन एक किसान को बनाया है ताकि वो किसान का दर्द ...।

भाइयो बहनो।

ये हमारा क्षेत्र। 5 नदियां निकलती हैं, 5। लेकिन उसके बाद भी खेत सूखा है। लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। अरे मुख्यमंत्री जी, आप ट्विटर पर तो बैठे रहते हो, अरे 5 साल उनके लिए भी कुछ करना चाहिए था। ये अपर भदरा प्रोजेक्ट। ये अपर भदरा प्रोजेक्ट, भारतीय जनता पार्टी येदुरप्पा की सरकार ने शुरू किया था। कांग्रेस ने आकर के ठंडे बस्ते में ...।

भाइयो बहनो।

हमारे यहां सुपारी की खेती होती है। पूरे देश में जितनी सुपारी होती है, आधी सुपारी अकेले कर्नाटक में होती है। मेरे यहां के किसानों का जीवन-मरण सुपारी की खेती पर निर्भर है। लेकिन यूपीए की कांग्रेस की सरकार, ये नामदार लोगों ने, ये सोनिया बेन की सरकार ने कोर्ट में एफीडेविट किया कि सुपारी आरोग्य के लिए हानि करता है। उसको बंद करना चाहिए।

और येदुरप्पा जी ने महाकाव्य नहीं लिखा है। वो कवियों का काम होता है। सरकार को तो वचन देना होता है, वादा करना होता है, वादा निभाना होता है। कविताएं लिखने के लिए तो साहित्य परिषद में जाना होता है।

येदुरप्पा जी ने भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टों में वादा किया है कि कॉफी वाले किसान हो, सुपारी पैदा करने वाले किसान हो, गन्ना पैदा करने वाले किसान हो, मसाला पैदा करने वाले किसान हो, धान पैदा करने वाले किसान हो, हर किसान के कल्याण के लिए स्वयं के सीएम ऑफिस में एक रायता विभाग शुरू करेंगे और उनकी चिंताओं को दूर करेंगे।

भाइयो बहनो।

समुद्री तट का विकास। सागरमाला प्रोजेक्ट। फिशरमैन के लिए नए हार्बर, ब्लू इकोनामी का रिवोल्यूशन। ये हमारे भारत सरकार के एजेंडा में भी है। और येदुरप्पा जी 15 तारीख के बाद सरकार बनाएंगे, उन्होंने भी वादा किया है। कर्नाटक के कोस्टल इलाके में 8 पोर्ट का कैपेसिटी एक्सपेंशन, करीब 3 हजार करोड़ रुपये की लागत और 300 लाख टन की क्षमता का निर्माण करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। बेलीकेरी में एक नया पोर्ट बनाने का भी हमारा फैसला है।

भाइयो बहनो।

कर्नाटक का संपूर्ण विकास हो। इस दिशा में, हम वचन लेकरके आए हैं, वादे लेकरके आए हैं। और समय सीमा में उन्हें पूरा करेंगे, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

भाइयो बहनो।

आज तो ऐसी सरकार यहां चल रही है। वो 5 साल में पिछले 4 साल दिल्ली सरकार से मुकाबला करने में उसने टाइम खराब किया। उनको कर्नाटक में इंटरेस्ट नहीं था, राजनीतिक वायुमंडल खराब करने में इंटरेस्ट था। आप मुझे बताइए। अगर कर्नाटक को येदुरप्पा का इंजन लग जाए और दिल्ली में मोदी का इंजन उसके साथ जुड़ जाए। और अगर डबल इंजन मिल जाए ...।

भाइयो बहनो।

मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। हिंदी में पूछूंगा तो आप जवाब दोगे ...। सब जवाब दोगे ...। आप घर-घर जाएंगे ...। घर-घर जाएंगे ...। मतदाताओं को मिलेंगे ...। मत करवाएंगे ...। भारी मतदान करवाएंगे ...। ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे ...। हर बूथ में बीजेपी को जिताएंगे ...। आप पूरी ताकत बूथ में लगाएंगे। 12 तारीख को जो आप मेहनत करेंगे। 15 तारीख को उसके नतीजे आएंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।

और इसलिए मेरे प्यारे भाइयो बहनो।

स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित कर्नाटक निर्मिष सोना, बन्नी एल्लरू कै जोड़ि सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए। सरकारा बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकारा बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सब अपनी मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाइए। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!