All wrong doings of SP, BSP & Congress have been exposed after demonetisation: PM Modi
Those who have looted the country for several years would not go unpunished: PM
Education system in Uttar Pradesh is gripped in corruption and crime: PM Modi
Our Government would not tolerate wrong doings by SP, BSP with the farmers of UP: PM
Congress party never respected armed forces. They did not even take note of troubles our ex-servicemen faced: PM
Discrimination between rich & poor must end: PM Narendra Modi

भारत माता की जय। मंच पर विराजमान गोंडा श्रीमान पीयूष मिश्र जी, राष्ट्रीय सचिव श्रीमान महेंद्र सिंह जी, सांसद में मेरे साथी श्री विभीषण शरण सिंह जी, सांसद में मेरे साथी श्रीमान गजेंद्र सिंह जी, सांसद में मेरे साथी, श्रीमान कीर्तिवर्धन सिंह जी, श्रीमान पुरुषोत्तम खंडेलवाल जी, हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान सत्यदेव सिंह जी, बलरामपुर के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह, शेषनारायण जी, ब्रजबहादुर जी, अल्का मिश्रा जी, विधायक श्रीमान अवधेश कुमार जी, श्रीमान तुलसीराय चंदानी जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोंडा से हमारे युवा साथी, श्रीमान प्रतिभूषण जी, कटरा बाजार से श्रीमान बावन सिंह जी, मेहनौन से श्रीमान विनय द्विवेदी जी, करनैलगंज से श्रीमान अजय प्रताप सिंह, तरबगंज से श्रीमान प्रेमनारायण पांडे जी, उतरौला से श्रीमान रामप्रसाद वर्मा जी, मनकापुर से श्रीमान रमापति शास्त्री जी, गौरा से श्रीमान प्रभात कुमार वर्मा जी, तुलसीपुर से श्रीमान कैलाशनाथ शुक्ला जी, मेरे साथ बोलें भारत माता की जय। भारत माता की जय।

विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाइयों और बहनों।

मैं इधर-उधर चारों तरफ देख रहा हूं, मैं सोच रहा हूं, कि कितने दूर-दूर तक लोग खड़े हैं। उधर दूर इमारत पर देखो, उधर दूर सफेद इमारत पर पूरी छत भरी हुई है। भाइयों-बहनों। ये भारत का सीमावर्ती जिला शायद हिंदुस्तान के और कोने में या दिल्ली में एयर कंडीशन कमरों में बैठकरके राजनीति पर चर्चा करने वालों को अंदाज नहीं होगा कि ये कैसी आंधी चल रही है।

भाइयों-बहनों।

हमारे देश के सामान्य व्यक्ति इसकी सूझ-बूझ लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा, चाहे वो पढ़े-लिखे हों या न हों, स्कूल का दरवाजा भी देखा हो या न देखा हो, घर में कभी टीवी, रेडियो या अखबार आया हो या न आया हो, लेकिन भगवान शिव की तरह हिंदुस्तान के लोगों में एक तीसरा नेत्र होता है और उस तीसरे नेत्र से वो भलीभांति परख लेते हैं। सच क्या है? झूठ क्या है? सही क्या है? गलत क्या है? कौन रास्ता सही है? कौन रास्ता गलत है? ये मेरे देश का गरीब से गरीब इंसान से बहुत खूबी से समझ लेता है। भाइयों-बहनों हमारे देश में झूठ-मूठ आरोप लगाने वालों की कमी नहीं है। अनाप-शनाप बयानबाजी करने वालों की कमी नहीं है। हर दिन नया झूठ बोलने में माहिर लोगों की कमी नहीं है। झूठ फैलाना उसका भरपूर प्रयास भी होता है और अगर उस झूठ को सुनें, रोज चल रही झूठी बातों को देखे तो कोई भी इंसान डर जाएगा।

भाइयों-बहनों।

उसके बावजूद हमारे देश का गरीब से गरीब इंसान भी सच क्या है? इसको भलीभांति पकड़ लेता है। पिछले कुछ दिनों में जबसे मैंने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ कड़े कदम उठाना शुरू किया है, और जबसे आठ नवंबर रात को आठ बजे, टीवी पर आकर के जब मैंने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों और पांच सौ और हजार की नोट बंद हो गई। तबसे एक बहुत बड़ी ताकत देश को भ्रमित करने के लिए झूठ फैलाने के लिए जी-जान से जुटी हुई है। उनको देश की चिंता कम है। देश की इकोनॉमी चिंता कम है, आर्थिक स्थिति की चिंता कम है। नोटबंदी होने से क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, उसकी चिंता कम है। उनकी परेशानी ये है कि वो बड़े-बड़े लोग होने के बाद भी बच नहीं पाए, इसकी परेशानी है। मायावती जी, मुलायम सिंह जी ने पार्लियामेंट में कह दिया था, पब्लिक में कह दिया था, मोदी जी करना है तो करो, लेकिन सात-आठ दिन का बीच में एक मौका तो दे दो। कुछ समय तो दो। भाइयों-बहनों। जिन-जिन को परेशानी हुई है, जिन का लूट गया है, एक तरफ वो जमा हो गए हैं, इकट्ठे हो गए हैं, गले लग रहे हैं। आप देखते हैं, पिछले पंद्रह साल में सपा वाले एक बात बोलेंगे तो बसपा वाले उससे उल्टा बोलते हैं कि नहीं बोलते हैं ...। बसपा वाले एक बोले तो सपा वाले उल्टा बोलते हैं कि नहीं बोलते हैं ...। कोई बात ऐसी है जिसमें सपा-बसपा ने एक ही बात बोली हो। पंद्रह साल में एक ही अपवाद आया, जब नोटबंदी हुई तो दोनों एक ही प्रकार का बोलने लगे, ये मोदी बेकार है। कैसी बड़ी मुसीबत आई होगी, इसका आप अंदाज लगा सकते हैं।

भाइयों-बहनों।

कोई भी डर जाए, इतना इन्होंने हमला बोला हुआ है, इतना झूठ फैलाया हुआ है, भ्रमित करने का प्रयास किया है लेकिन मैं देशवासियों को सर झुका करके नमन करता हूं, कि देश की जनता ने सच क्या है? ईमानदारी से देश की भलाई की कोशिश क्या है? उसका साफ पता चल रहा है। अभी उड़ीसा में चुनाव हुआ। अभी उड़ीसा में चुनाव हुआ। गरीबी इतनी वहां है कि हिंदुस्तान के सबसे गरीब अगर जिले खोजने हैं तो उड़ीसा में से वो जिले मिलते हैं, भुखमरी की चर्चा होती है तो लोग उड़ीसा का उदाहरण देते हैं। अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी, इसकी चर्चा होती है तो लोग उड़ीसा का नाम देते हैं। अभी वहां चुनाव हुआ वो प्रदेश जहां भारतीय पार्टी को झंडा रखने के लिए जगह नहीं मिलती थी, झंडा रखने की, लोगों की बात छोड़ दीजिए, लेकिन अभी चुनाव हुआ भारतीय जनता पार्टी के प्रति उड़ीसा के लोगों ने ऐसा जनसमर्थन दिया, ऐसा जनसमर्थन दिया, सारे देश के लोग चौंक गए। अगर उड़ीसा के गरीब लोग भी भाजपा के साथ चल पड़े तो पता नहीं आगे वाले दिनों में हिंदुस्तान में और दलों के पास कुछ बचेगा कि नहीं बचेगा। अभी कल महाराष्ट्र के चुनाव के नतीजे आए। पता है न क्या हुआ ...। क्या हुआ ...। पता है, कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है साफ हो गई। कांग्रेस को साफ कर दिया।

भाइयों-बहनों।

चाहे उड़ीसा हो, महाराष्ट्र हो, चंडीगढ़ हो, चाहे गुजरात के पंचायतों के चुनाव हों, चाहे कर्नाटक में स्थानीय निकायों के चुनाव हों, पिछले तीन महीने में जहां-जहां चुनाव हुए, वहां भारतीय जनता पार्टी की ताकत हो या न हो, जनता-जनार्दन ने अपने वो तीसरे नेत्र की ताकत से भारतीय जनता पार्टी को भरपूर आशीर्वाद दिया और भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाया। भाइयों-बहनों। जब महाराष्ट्र के लोग भारतीय जनता पार्टी का इतना समर्थन करते हैं, जब उड़ीसा के गरीब लोग, भारतीय जनता पार्टी का इतना समर्थन करते हैं, चाहे चंडीगढ़ के हाइली क्वालीफाइड पढ़े-लिखे लोग भारतीय जनता पार्टी का इतना समर्थन करते हैं तो इसका मतलब ये है कि अब मेरी जिम्मेवारी ज्यादा बढ़ जाती है। ये समर्थन से हमें सत्ता का नशा नहीं चढ़ता है, ये समर्थन से जनता के लिए ज्यादा काम करने की हमें प्रेरणा मिलती है, जी जान से काम करने की प्रेरणा मिलती है। ...और इसलिए भाइयों-बहनों। भ्रष्टाचार, कालाधन इसके खिलाफ मैंने जो लड़ाई छेड़ी है भाइयों-बहनों। मैं देश को लूटने वालों को छोड़ने वाला नहीं हूं। सत्तर साल तक गरीबों से जो लूटा गया है, वो गरीबों को मैं लौटाना चाहता हूं भाइयों।

भाइयों-बहनों

हम देश के सामान्य आदमी की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं। जब अटल बिहारी वाजपेयी हमारे देश के प्रधानमंत्री थे, ये उत्तरप्रदेश और ये इलाका जिसने अटलजी को सबसे ज्यादा आशीर्वाद दिए हैं, यही क्षेत्र रहा है जिसने अटल जी के प्रति अपना जो प्यार है उसमें कभी कमी नहीं होने दी। उन अटल बिहारी वाजपेयी के जो सपने हैं, उन सपनों को पूरा करना इसके लिए हम कोशिश कर रहे हैं भाइयों। भाइयों-बहनों। ये गोंडा कुछ चीजों में तो देश से कुछ अद्भुत ही कर देता है, एक थोक व्यापार होता है, एक छुटक व्यापार होता है, छुटक बोलते हैं। आंय ...रिटेल। आंय ...फुटकर। एक थोक व्यापार होता है, एक फुटकर व्यापार होता है। मैं देख रहा हूं, हिंदुस्तान में परीक्षाओं में छिटपुट चोरी की घटनाएं तो सब जगह होती हैं। कोई विद्यार्थी करता होगा। एक आध मास्टर जी गड़बड़ करते होंगे लेकिन गोंडा में तो चोरी का बिजनेस चलता है, व्यापार चलता है। यहां चोरी करने की नीलामी होती है।

भाइयों-बहनों।

कॉन्ट्रैक्ट, टेंडर निकलते हैं, टेंडर कि हमारे यहां अगर परीक्षा का केंद्र लगा दोगे तो इतनी बोली जाती है, तुम परीक्षा का केंद्र लगा दो, बाबू को इतना पैसा मिल जाएगा। और जो केंद्र मिलता है वो हर विद्यार्थी के मां-बाप को कहता है कि देखिए तीन हजार डेली का, दो हजार डेली का, पांच हजार डेली का, अगर गणित का पेपर है तो इतना, विज्ञान का पेपर है तो इतना, होता है कि नहीं होता है भाइयों ...। होता है कि नहीं होता है ...। आप मुझे बताइए। इससे किसी का भी भला होता है क्या ...। जो चोरी करके निकलता है उसका भी भला होता है क्या ...। जो मां-बाप के जेब से इतना रुपया जाता है उनका भला होता है क्या ...। जो मां-बाप पैसे नहीं दे पाते, होनहार बच्चा है वो रह जाता है, उसका भला होता है क्या ...। ये ठेकेदारी बंद होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। ये बेईमानी बंद होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। ये परीक्षा केंद्रों की नीलामी बंद होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। मैं इस विषय पर बोलूं कि न बोलूं ...। मैं डर रहा था, मैं सच बताता हूं, मैं इस पर बोलने से डर रहा था, इसलिए डर रहा था क्योंकि मेरा भाषण पूरे देश में टीवी पर लोग देखते हैं तो कुछ लोगों को कहीं आइडिया मिल जाएगा, अच्छा-अच्छा बेईमानी का ये भी रास्ता है क्या ...। मुझे डर लग रहा था कि कोई लोग ये सपा का कारोबार का कैसा है, कहीं सीख न लें। इसका मुझे डर लग रहा था।

लेकिन भाइयों-बहनों।

ये मेरे देश की भावी पीढ़ी को, ये तबाह करने वाला कारोबार है। ये कारोबार बंद होना चाहिए श्रीमान अखिलेश जी। आपका तो कुनबा इतना आगे निकल चुका है कि आप तो ऑस्ट्रेलिया में जाकर के पढ़ने चले गए। आपके बच्चे भी बड़े-बड़े स्कूलों में भारी फीस देकर के पढ़ रहे हैं, लेकिन मेरे गोंडा के गरीब बच्चों का क्या होगा ...। ये मेरा दर्द है। ...और इसलिए भाइयों-बहनों। शिक्षा के साथ ये जो अपराध जुड़ गया है, वो समाज को आने वाली पीढ़ियों तक तबाह करके रख देता है। भाइयों-बहनों। मैंने देखा हमारे सांसद महोदय बार-बार, हमारे कीर्ति जी वो नया-नया सोचने के स्वभाव के हैं। मैं जब भी उनको मिला हूं हर बार कोई नया आइडिया लेकर आते हैं। वो एक बार मेरे से चर्चा कर रहे थे कि साहब हमारे यहां ये जो गन्ना किसान है। आपको ये तो पता है कि गन्ना किसानों को बकाया नहीं मिलता है। लेकिन एक बात आपने सोची है. मैंने कहा क्या? गन्ना की तौल में भी चोरी होती है हमारे यहां। होती है ना ...। किसान को तो वहीं आधा मार दिया जाता है। मैंने ये तो देखा था कि कुछ जगह पर गन्ना आएगा, गन्ना ले तो लेंगे, लेकिन तौल का हिसाब देर से लगाएंगे, क्योंकि कुछ समय अगर वो धूप में रह गया तो वैसे ही उसका वजन कम हो जाता है। ...और वजन कम हो जाता है तो पैसा कम देना पड़ता है। लेकिन ये तो कांटे पर भी चोरी करके हैं।

भाइयों-बहनों।

मैं गन्ना किसानों को जो हमारे कीर्ति जी इस विषय को लेकर काफी काम करते हैं। मैं एक टेक्नोलोजी को जानने वालों का एक टास्क फोर्स बनाउंगा। इसका लाभ सिर्फ गोंडा को नहीं पूरे देश को होगा। ये गन्ना खेत से निकलता है और चीनी मिल के पास पहुंचता है, उसको तौलने का आधुनिक टेक्नोलोजी क्या हो, और जो तौलने का काम होता है वो सीधा ही सीधा कंप्यूटर में रिकॉर्ड कैसे हो जाए, और बाद में उसमें कोई लीपापोती करने की संभावना न रहे, टेक्नोलोजी का पूरा अध्ययन करके ये काम करके मैं रहूंगा जी। ये किसानों के साथ धोखेबाजी नहीं चलेगी, किसान इतनी मजदूरी करता है, मेहनत करता है, दिनरात लगा रहता है और उसके साथ चीनी मिल वालों का राजनेताओं के साथ गठबंधन हो और ये पाप चलता रहेगा क्या ...।

भाइयों-बहनों।

आपके साथ जो अन्याय हो रहा है ये अन्याय मिटना चाहिए कि नहीं मिटना चाहिए ...। ये सपा हो या बसपा यही कारोबार चलाया है कि नहीं चलाया है ...। यही चलाया है कि नहीं चलाया ...। भाइयों-बहनों। अन्याय के खिलाफ, ये लड़ाई गरीबों की भलाई के लिए है। किसानों का हक दिलाने के लिए है और मैं जनता-जनार्दन के लिए जीता हूं। जनता-जनार्दन के लिए कुछ करना चाहता हूं। मैं हैरान हूं जी, गन्ने की खेती ऐसी है कि जिसमें सुरक्षा का तत्व ज्यादा है, बारिश ज्यादा हो जाए, तेज हवा चल जाए, ओले भी गिर जाएं, गन्ने को कुछ नहीं कर पाते, गन्ना टिका रहता है, मजबूत होता है और इसलिए किसी किसान को गन्ने का बीमा लेने की जरूरत नहीं लगती है। सही है कि नहीं है भाइयों ...। मैं जो बता रहा हूं सही है कि नहीं है ...। बीमा किसको जरूरत पड़ती है, चावल की खेती करते हों, गेहूं की करते हों, फल-फूल की करते हों, सब्जी की करते हों, धान की करते हों, जहां पर प्राकृतिक आपदा आ जाए तो सबकुछ तबाह हो जाता है। गन्ना तबाह नहीं होता है और इसलिए गन्ने का किसान उसको बीमा लेने के लिए मजबूर करना, ये गन्ना किसानों के साथ अन्याय है।

भाइयों-बहनों।

हम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए, आजादी के बाद किसानों का भला करने वाली, किसानों को सुरक्षित करने वाली, संकट के समय किसान को मदद करने वाली ये बहुत ही उत्तम योजना है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऐसी है कि मान लीजिए किसान ने जून महीने में खेत जोतने का काम कर दिया, ट्रैक्टर किराए पर लाया था तो किराया भी दे दिया, अच्छी क्वालिटी के बीज भी लाकर के रख लिए, पूरे सीजन के लिए मजदूर लाने थे, मजदूर भी लाकर के रख लिए, सबकुछ तैयारी हो गई, अब जून महीने में बुआई करनी है लेकिन बारिश नहीं आई, पानी नहीं है तो सोच रहा है चलो जुलाई में करेंगे, जुलाई में भी पानी नहीं आया। अब बुआई करके क्या करेगा। वो सोच रहा है चलो पंद्रह दिन और इंतजार करें। अगस्त महीना जाने को आ गया लेकिन बुआई नहीं हुई। अब मुझे बताइए। जून महीना, जुलाई महीना, अगस्त महीना, खेत जोत के रखा है, बीज लाकर के रखे हैं, सारी तैयारियां हो चुकी हैं, लेकिन पानी नहीं आया, क्या किसान बुआई करेगा क्या ...। बुआई करेगा क्या ...। उसका तो सब तबाह हो गया कि नहीं हो गया ...। उसका साल बर्बाद हो गया कि नहीं हो गया ...। अब सिर पकड़ के बेचारा रोएगा कि नहीं रोएगा ...।

भाइयों-बहनों।

हम ऐसा प्रधानमंत्री बीमा लाए हैं कि अगर वो बुआई नहीं कर पाया प्राकृतिक संकट के कारण बुआई नहीं कर पाया तो भी किसान को बीमा का पैसा मिलेगा। उसके साल का जो खर्चा है उसका बोझ हल्का कर दिया जाएगा। मुझे बताइए भाइयों। ये किसान का भला होगा कि नहीं होगा ...। इतना ही नहीं अगर जलभराव हो गया और जलभराव के कारण उसकी खेती को नुकसान हो गया तो भी बीमा मिलेगा। ये पहले किसी ने सोचा था क्या ...। नहीं हुआ था, हमने किया, तीसरी बात, मान लीजिए बुआई बहुत अच्छी हो गई। बारिश भी अच्छी हो गई, जितनी चाहिए उतनी बारिश हुई, जब चाहे तब हुई और सोलह आने फसल हो गई। सोलह आने, यानी की किसान खुशहाल हो गया, परिवार खुशहाल हो गया, कटाई भी हो गई और फसल का ढेर खेत में पड़ा है, बस अब मंडी जाकर के बेचना ही है, ट्रैक्टर आने वाला ही है, बैल गाड़ी तैयार है, सबकुछ तैयार, बस दो-चार दिन में मंडी में जाकर के माल बेच देना है, और अचानक अचानक बारिश आई गई, ओले गिर गए, प्राकृतिक आपदा आ गई, सारा पका-पकाया ढेर पानी में तबाह हो गया, ओले में तबाह हो गया।

भाइयों-बहनों।

हम ऐसा बीमा लाए हैं, कि फसल कटाई के बाद खेत के अंदर अगर आपका माल पड़ा है, आपके पास पड़ा हुआ है, आपका धान, आपके गेहूं, आपका चावल, आपकी उपज पड़ी है और प्राकृतिक आपदा के कारण अगर नुकसान हो गया। पंद्रह दिन के भीतर भीतर अगर ऐसा संकट आया तो उसका भी बीमा मिलेगा, किसान को बचा लिया जाएगा, ये काम हमने किया। लेकिन भाइयों-बहनों छत्तीगढ़ में भाजपा की सरकार है, वहां पचास प्रतिशत से ज्यादा किसानों का बीमा ले लिया गया। राजस्थान में भाजपा की सरकार है, पचास प्रतिशत किसानों का बीमा ले लिया गया। गुजरात में भाजपा की सरकार है वहां भी पचास प्रतिशत लोगों का ले लिया गया, हरियाणा में भी पचास प्रतिशत से ज्यादा लोगों का बीमा हो गया। ये अखिलेश जी को किसानों से क्या दुश्मनी है, किसानों के प्रति क्या गुस्सा है कि अबतक उत्तरप्रदेश में चौदह प्रतिशत से ज्यादा बीमा नहीं लिया गया। ये किसानों के साथ अन्याय है कि नहीं है भाइयों। ...और ये बीमा ऐसा है कि सौ रुपयों में किसान को सिर्फ दो रुपये या डेढ़ रुपया देना है बाकी सब सरकार देने वाली है, लेकिन ये समाजवादी सरकार उसके समाजवाद में किसान नजर नहीं आता है और उसी का परिणाम है भाइयों कि वो बीमा नहीं लेते हैं। और बीमा की योजना बनाने राज्य को भारत सरकार पैसे दे रही है। उन्होंने योजना बनाई तो गन्ने वाले को भी उसमें डाल दिया और उसके कारण और किसानों के लिए बीमा महंगा हो गया। हमने उनको चिट्ठी लिखी, सितंबर महीने में चिट्ठी लिखी की आप गन्ना किसानों को बेकार में लूट रहे हो, उन पर बोझ डाल रहे हो और किसानों को भी मुसीबत कर रहे हो, मेहरबानी करके गन्ना किसानों को ये बीमा से बाहर निकालो। उन पर ये अत्याचार मत करो। भाइयों-बहनों। उन्होंने हमारी बात नहीं मानी क्या ये आपका भला करेंगे ...। ये इनको आपकी समस्या की समझ भी नहीं है, ये मुसीबत है भाइयों।

भाइयों-बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को विशेष रूप से बधाई देता हूं। उन्होंने एक बहुत बड़ा संकल्प किया है। उन्होंने कहा है कि ये सरकार बनने के बाद छोटे किसानों का जो कर्ज है वो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा भाइयों-बहनों। मैं यूपी से, काशी से सांसद बनकर के देश की सेवा का अवसर मुझे मिला है, और उत्तरप्रदेश से इतनी बड़ी मात्रा में सांसद चुने गए कि आज देश को स्थिर सरकार मिल गई और मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका मिल गया। ये उत्तर प्रदेश के कारण हुआ है। उत्तर प्रदेश का मुझ पर कर्ज है, ये कर्ज मैं चुकाना चाहता हूं भाइयों और बहनों। ...और इसलिए उत्तर प्रदेश के सांसद के नाते मैं आप सब उत्तर प्रदेश के किसानों को विश्वास दिलाता हूं, सारे उत्तर प्रदेश के किसानों को विश्वास दिलाता हूं, कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश इकाई ने जो संकल्प किया है। 11 तारीख को चुनाव के नतीजे आएंगे, 13 तारीख को विजय की होली मनाएंगे। रंगारंग वाली होली मनाएंगे, केसरिया रंग से रंगी होली मनाएंगे। उसके बाद भाजपा की नई सरकार बनाएंगे, भाजपा की नई सरकार बनाकर के उसकी पहली मीटिंग होगी और ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, ये मेरी जिम्मेवारी होगी कि नई सरकार की पहली मीटिंग में पहला निर्णय किसानों की कर्ज माफी का कर दिया जाएगा।

...और इसलिए भाइयों-बहनों।

लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, शास्त्री जी ने कहा था, जय जवान जय किसान, वाजपेयी जी ने कहा था, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान। शास्त्री जी का और अटल जी का ये जो मंत्र है इसको साकार करने में हम पूरी तरह से लगे हुए हैं। पिछले दिनों देखा होगा आपने हमारे देश के वैज्ञानिकों ने विश्व को अचंभे में डाल दिया, 104 सैटेलाइट एक साथ अंतरिक्ष में छोड़े एक साथ। दुनिया को अचरज हो रहा है। अटल जी ने कहा था जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान आज हम उसको आगे बढ़ा रहे हैं। लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था जय जवान, आपने देखा हमारे देश के जवानों को इनका हौसला इतना बुलंद है जो लोग फौज में हैं वो भी कहते हैं कि ऐसा मौका पहले मिला होता तो तस्वीर कुछ और होती। हमारे फौज के जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक किया। सीमा के उसपार जाकर के दुश्मनों के घर में जाकर के उनको दिन में तारे दिखाने की ताकत दिखा दी भाइयों। चुन-चुन कर साफ करके आ गए और दिन रात राजनीति, राजनीति करने वालों को राष्ट्रभक्तों का ये पराक्रम समझ नहीं आया। सवाल पूछने लगे, मोदी जी सबूत लाओ, सबूत, सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था क्या सबूत लाओ।

भाइयों-बहनों।

ये फौज का अपमान है कि नहीं है ...। ये फौज के साथ अन्याय है कि नहीं है ...। अभी तक पाकिस्तान भी ऐसा सवाल नहीं उठा पाया, लेकिन मेरे देश के कुछ राजनेता अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण देश की सेना के इस महान पराक्रम को भी राजनीति की दायरे में बांधने की कोशिश कर रहे हैं, इससे बड़ा देश का कोई दुर्भाग्य नहीं हो सकता है।

भाइयों-बहनों।

हमारे फौज के जवान वन रैंक वन पेंशन चालीस साल से लड़ाई लड़ रहे थे, चालीस साल से और ये लोग सरकार में बैठे थे, ये मुलायम सिंह कभी देश के रक्षा मंत्री हुआ करते थे, जिनको गले लगे हैं न अखिलेश जी। वो तो सत्तर साल तक देश का शासन करके आए हैं लेकिन भाइयों-बहनों। इनको कभी वन रैंक वन पेंशन का फौज के जवानों की न्यायिक मांग इसको पूरा करने की कभी इच्छा नहीं हुई। इतना ही नहीं इनको अंदाज भी नहीं था कि फौज का इश्यू क्या है? प्रश्न क्या है? कभी अध्ययन ही नहीं किया। अगर ये करते हैं तो कितना आर्थिक बोझ आता है, इसका भी अध्ययन नहीं किया। और जाते-जाते राजनीति करने के लिए क्या किया? मजाक उड़ाया मजाक, मेरे देश के फौजियों का ऐसा अपमान जितना इन लोगों ने किया है। शायद ही किसी ने किया होगा। उन्होंने क्या किया, पांच सौ करोड़ रुपये बजट में लिख दिए कि वन रैंक वन पेंशन में पांच सौ करोड़। भाइयों-बहनों। आप मुझे बताइए। इससे बड़ा फौज का कोई अपमान हो सकता है क्या ...। जब मैं आया मैंने जरा हिसाब-किताब लगाना शुरू किया, मुझे पहले तो लगता था चार-छह महीने में काम कर लूंगा। मैं कोशिश कर दूंगा लेकिन जब जांच-पड़ताल शुरू की तो भाइयों-बहनों इनको सरकार के पास कोई जानकारियां ही नहीं थीं, मैंने जानकारी जुटानी शुरू कर दी। कितने फौजी, कितना पेंशन है, लिस्ट कहा हैं, कई परवाह ही नहीं थी, सब इधर-उधर बिखरा पड़ा था। हिसाब लगाने में एक साल लग गया। हिसाब लगाने में ये हाल करके रखा था। और जब मैंने वन रैंक वन पेंशन लागू किया तो भाइयों-बहनों उसके लिए जरूरत थी बारह हजार करोड़ रुपयों की, कहां पांच सौ करोड़ और कहां बारह हजार करोड़। लेकिन उनको गंभीरता नहीं थी, कोई गंभीरता नहीं थी।

भाइयों-बहनों।

मैंने फौज के लोगों को बुलाया। मैंने कहा भाइयों देखिए ये आपके साथ धोखा हुआ है, अन्याय हुआ है। मैं आपके साथ न्याय करना चाहता हूं, लेकिन मेरी मुसीबत है आप मेरी मदद कीजिए। उन्होंने कहा क्या? मैंने कहा, देखो भाई ये कांग्रेस वाले तो पांच सौ करोड़ रुपया बोल के गए हैं, बारह हजार करोड़ चाहिए, अब भारत जैसा देश, मुझे गरीबों के लिए भी काम करना है, गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंता करनी है, गरीबों की दवाई की चिंता करनी है, गरीबों के घर की चिंता करनी है, किसानों की भलाई के लिए काम करना है। एक साथ बारह हजार करोड़ रुपया खजाने से निकालना मुश्किल है, मेरी एक मदद कीजिए, मेरे देश के फौजियों ने एक मिनट नहीं लगाया, चालीस साल से लटका हुआ सवाल था। उन्होंने यही कहा प्रधानमंत्री जी बताइए कि हम क्या सेवा कर सकते हैं? ...और मैंने कहा कोई ज्यादा नहीं सिर्फ मैं एकमुश्त बारह हजार करोड़ नहीं दे पाऊंगा। दो-तीन किश्त में दे दूंगा, बस इतना मान लीजिए।

भाइयों-बहनों।

मेरे देश के फौजियों ने एक मिनट नहीं लगाया। सरकार की बात मान ली और अब तक बारह हजार करोड़ में से सात हजार करोड़ रुपया फौजियों के घर में उनके बैंक में, सीधे जमा हो गए और बाकी जो बचा है। वो भी इस बजट में तय किया है। आने वाले दिनों में पहुंच जाएगा। काम ऐसे किया जाता है भाइयों। आप मुझे बताइए। भाइयों-बहनों उत्तर प्रदेश में अगर आपके साथ कोई अन्याय हुआ, किसी ने आपकी जमीन का कब्जा कर लिया, किसी ने आपके घर का कब्जा कर लिया, किसी ने आपके बेटे को मार दिया, किसी ने बहन-बेटी पर बलात्कार कर दिया। आप अगर पुलिस थाने में गए तो आपकी शिकायत वहां रजिस्टर होती है क्या, लिखा जाती है क्या ...। सच बताइए लिखी जाती है क्या ...। थाने में आपकी शिकायत दर्ज होती है क्या ...। होती है क्या ...। थाने वाला कहता है कि जरा हमें देखना पड़ेगा, यहां के सपा का जो है उसको जरा पूछना पड़ेगा। भाइयों-बहनों। ये थाना जनता की भलाई के लिए होता है कि सपा वालों की दादागीरी के लिए होता है ...। आप मुझे बताइए थाने से सपा वालों के दादागीरी का केंद्र चलता है कि नहीं चलता है ...। थाने में सपा का कार्यालय चलता है कि नहीं चलता है ...। ये बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...।

भाइयों-बहनों।

ये हमारा गोंडा जिला सीमावर्ती जिला है, नेपाल से सटा हुआ है। आपने देखा होगा अभी कानपुर में रेल अकस्मात हुआ, उसमें कुछ लोग पकड़े गए हैं, सैकड़ों लोग मारे गए और वो अकस्मात से नहीं पुलिस ने जो खोजकर के निकाला है एक षड़यंत्र के तहत हुआ है और षड़यंत्र करने वाले कहां बैठे थे। सीमा के उस पार। भाइयों-बहनों। अगर सीमा पार के जो हमारे दुश्मन हैं। वे अपना कारोबार सीमा के उसपार से चलाना चाहते हैं तो गोंडा जिले में ज्यादा सतर्कता जरूरी है कि नहीं है ...। अगर यहां ऐसे लोग चुनकर के आएंगे जो ऐसे लोगों की मदद करेंगे तो मेरा गोंडा सुरक्षित रहेगा क्या ...। अगर गोंडा असुरक्षित हुआ तो हिंदुस्तान सुरक्षित रहेगा क्या ...। भाइयों-बहनों गोंडा में तो देशभक्ति से भरे हुए लोग इन्हीं को सत्ता में बिठाना चाहिए। तभी भाइयों-बहनों गोंडा का भलाकर सकते हैं और इसीलिए चुनाव में कोई गलती नहीं होनी चाहिए।

भाइयों-बहनों।

उत्तरप्रदेश के किसी और इलाके में एकाध गलती हो जाए तो बहुत नुकसान नहीं होता है लेकिन गोंडा जिले में ऐसी एक भी गलती हो जाए तो देश का बहुत नुकसान हो जाता है और इसलिए मेरे गोंडा वासियों सपा हो या बसपा एक भी जीतना नहीं चाहिए इस चुनाव में आपको शतप्रतिशत भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाना चाहिए। भारी मतदान करके और भाइयों-बहनों अब तक जो चार चरण की खबरें आई हैं वो तो यहां के मुख्यमंत्री जी का चेहरा देखकर के ही पता चल जाता है कि चार चरण में क्या हुआ है। और जिनको उन्होंने गले लगाया है, देश के लोगों ने चाहे उड़ीसा हो, महाराष्ट्र हो उनको विदाई दे दी है।

भाइयों-बहनों।

ये चुनाव उत्तर प्रदेश के लिए, देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, गरीबों की भलाई करने के लिए सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में काम करने की जरूरत है और आपने मुझे सांसद बनाया है। मैं उस काम को करना चाहता हूं। आप मुझे बताइए। हमारे देश में ऐसा भेदभाव बना दिया कि जिसक पास गाड़ी है वो अमीर, जो पैदल चल रहा है वो गरीब, जिसका बच्चा बड़े स्कूल में पढ़ता है वो अमीर, जिसका बच्चा सरकारी स्कूल में जाता है, गरीब। जिसका बैंक में खाता है वो अमीर, जिसका खाता नहीं, गरीब। जो अपनी जेब में कार्ड रखता है, कार्ड से पैसे देता है वो अमीर और जो बेचारा थैला भरके नोटे गिनते रहता है वो गरीब। ये भेदभाव मिटना चाहिए कि नहीं मिटना चाहिए ...। मैंने बैंक में गरीबों का खाता खोल दिया ताकि वो भी सीना तान करके कह दे फलाने बैंक में मेरा खाता है। सिर्फ अमीरों का नहीं होता है, मेरा भी होता है। ये बड़े-बड़े अमीर जेब में फलाने कार्ड, ढिकने कार्ड लेकर के घूम रहे थे। मैंने बीस करोड़ गरीबों के हाथ में रूपे कार्ड दिए वो भी उसको दिखाता है देख तेरे पास है। ये मोदी ने मुझे दिया है। मैं भी अमीरों की बराबरी कर सकता हूं, ये काम मैं कर रहा हूं। अमीर घर में गैस का चूल्हा रखता है और दुनिया को दिखाता है, मेरे गैस का चूल्हा है, मेरा गरीब लकड़ी का चूल्हा जलाता है। धुएं में चार सौ सिगरेट का धुआं, मां के शरीर में जाता है। गरीब मां को लकड़ी लानी पड़ती है, तब जाकर के बच्चों को खाना खिलाती है। एक दिन में चार सौ सिगरेट का धुआं, मेरी गरीब मां जब लकड़ी का चूल्हा जलाती है, तब उसके शरीर में जाता है, क्या गुनाह है मेरी गरीब मां का ...। क्या उसको गैस का सिलेंडर नहीं मिलना चाहिए ...। क्या उसको गैस का कनेक्शन नहीं मिलना चाहिए ...। क्या अमीरों के लिए है ...। भाइयों-बहनों। मैंने निर्णय कर दिया, तीन साल में पांच करोड़ गरीब मांओं को ये लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति दिलाऊंगा। मुफ्त में गैस का कनेक्शन दूंगा और उनके शरीर में जो चार सौ सिगरेट का धुआं जाता है, उन मां-बहनों को बचा लूंगा।

...और भाइयों-बहनों। ये काम कर दिया, अब तक मैंने पौने दो करोड़ से ज्यादा लोगों को गैस का कनेक्शन दे दिया, गोंडा जिले में भी गरीब परिवारों को सामने से गैस का कनेक्शन देने का काम चालू हो गया। अनेक गरीब परिवारों में आज गैस का चूल्हा जलने लग गया।  भाइयों-बहनों। ये गरीब और अमीर की खाई खत्म होनी चाहिए। गरीब को भी जीने की प्राथमिक व्यवस्थाएं मिलनी चाहिए। उसके लिए मैं काम कर रहा हूं और उसके लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। इसके लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। मेरे साथ पूरी ताकत से भारत माता की जय बोलकर के मुझे आशीर्वाद दीजिए और मतदान के दिन कमल के निशान पर बटन दबाकर के आपके भाग्य का फैसला कीजिए। मैं आपके साथ खड़ा हूं। बोलो भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi meets the Amir of Kuwait
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi met today with the Amir of Kuwait, His Highness Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah. This was the first meeting between the two leaders. On arrival at the Bayan Palace, he was given a ceremonial welcome and received by His Highness Ahmad Al-Abdullah Al-Ahmad Al-Sabah, Prime Minister of the State of Kuwait.

The leaders recalled the strong historical and friendly ties between the two countries and re-affirmed their full commitment to further expanding and deepening bilateral cooperation. In this context, they agreed to elevate the bilateral relationship to a ‘Strategic Partnership’.

Prime Minister thanked His Highness the Amir for ensuring the well-being of over one million strong Indian community in Kuwait. His Highness the Amir expressed appreciation for the contribution of the large and vibrant Indian community in Kuwait’s development.

Prime Minister appreciated the new initiatives being undertaken by Kuwait to fulfill its Vision 2035 and congratulated His Highness the Amir for successful holding of the GCC Summit earlier this month. Prime Minister also expressed his gratitude for inviting him yesterday as a ‘Guest of Honour’ at the opening ceremony of the Arabian Gulf Cup. His Highness the Amir reciprocated Prime Minister’s sentiments and expressed appreciation for India's role as a valued partner in Kuwait and the Gulf region. His Highness the Amir looked forward to greater role and contribution of India towards realisation of Kuwait Vision 2035.

 Prime Minister invited His Highness the Amir to visit India.