People of Uttarakhand know my connection and my love for the ‘Devbhoomi’ of this state: PM Modi
When congress was in power at both state and central levels, Uttarakhand was pushed back from all sides by applying double brakes: PM Modi
For the development of Uttarakhand, new resolutions have been taken keeping in mind the youth, women, farmers and everyone here: PM Modi

 

भारत माता की,

चार धाम की रक्षक देवी, माँ धारी देवी कमलेश्वर महादेव की पावन धरती का मेरा दाना सयौंणौं, दीदी भूलियौं, भुला भैजियौं थे म्यारु सीमान्या म्यारु प्रणाम। आशा करदु आप सब कुसल मंगल होला। जय बद्री विशाल, जय केदार!

जब वर्चुअल रैली होती है, और पिछले दिनों वर्चुअल रैली के माध्यम से आप से मिलता तो था, मैं दिल्ली में होता जरूर था, लेकिन मेरा मन उत्तराखंड के लिए ही भागता था। जब मनोरथ सच्चा हो, तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरी कर ही देते हैं। और उनके आशीर्वाद से इलेक्सन कमीशन ने भी और मौसम ने भी मुझे आपके बीच आने का सौभाग्य दिया आपके दर्शन करने का सौभाग्य दियाउत्तराखंड का हर नागरिक जानता है, मेरा इस देवभूमि से नाता क्या है। उत्तराखंड का हर नागरिक जानता है कि देवभूमि से मेरा लगाव कितना है। कोई कल्पना कर सकता है कि 2019 में चुनाव का आखिरी दौर चल रहा था, मैं खुद जिस काशी से चुनाव लड़ रहा था वहां पर मतदान होना था, लेकिन मेरा मन कर गया कि इस देवभूमि की माटी को माथे चढ़ाने का, यहां तो चुनाव हो गया था, यहां मतदान बाकी नहीं था, काशी में मतदान बाकी था, लेकिन बाबा केदार ने मुझे पुकारा और फिर मैं यहां चला आया। चुनाव के मैदान में भी और खुद का चुनाव होने के बावजूद भी मैं यहां आपके बीच चला आया था, कारण ये देव भूमि के प्रति मेरी भक्ति, ये देव भूमि के प्रति मेरा लगाव और ये देव भूमि भी है और वीर भूमि भी है। यहां से सदा सर्वदा एक ऊर्जा मिलती है प्रेरणा मिलती है।

भाइयों बहनों, 

मां गंगा, गढ़वाल की वीरांगना रानी कर्णावती, चौंदकोट की तीलू रौतेली, सुमाडी के पंथ्या दादा, मलेथा के माधो सिंह भंडारी ऐसे अनेक व्यक्तित्वों से प्रेरणा पाने वाली इस धरती को, यहां के लोगों को भी मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। भाइयों और बहनों, कल ही उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बहुत  बड़ी भूमिका निभाएगा। इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए, यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नए संकल्प लिए गए हैं। इसमें गरीब बहनों को ताकत देने का समाधान है। इसमें जिला-जिला मेडिकल कॉलेज या उसके जैसी सुविधा देने का संकल्प है इरादा है। कृषि भूमि सर्वेक्षण और बीमा में नई ड्रोन नीति लागू करके, यहां के किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी। मल्टी मोडल लॉजिस्टक्स पार्क और मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल से उत्तराखंड में नए उद्योगों के लिए, रोज़गार के हज़ारों नए अवसरों के रास्ते खोलने का इरादा भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प लेकर व्यक्त किया है। उत्तराखंड की धरोहर को बचाने और यहां हैरिटेज टूरिज्म को गांव-गांव पहुंचाने पर भी जोर है। मैं धामी जी और उत्तराखंड भाजपा की पूरी टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

साथियों,

उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है। आज पौढ़ी गढ़वाल के ऐसे ही वीर सपूत जनरल बिपिन रावत जी की स्मृतियां मुझे भावुक कर रही हैं। उन्होंने देश को दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास केवल पहाड़ जैसा साहस होता है, बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है। लेकिन भाइयों बहनों, मेरे मन में एक गहरी तकलीफ़ भी है। मुझे ये ज़िक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि काँग्रेस पार्टी अपने प्रचार में जनरल बिपिन रावत जी के कट आउट लगाकर, उनकी फोटो लगाकर वोट मांग रही है। कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा ! उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते, सेना को लेकर इन लोगों का रवैया क्या रहा है। जब भारत के वीरों ने आतंकी अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, तो ये लोग सेना पर सवाल उठा रहे थे। दिल्ली के कुछ नेताओं ने तो बाकायदा टीवी पर जाकर सेना से सबूत मांगे थे। इन लोगों ने जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस बनाए जाने पर भी खूब सियासत की थी। इसी काँग्रेस पार्टी के नेता ने बिपिन रावत जी को सड़क का गुंडा तक कह डाला था। ये है देश के सैनिकों के लिए इन लोगों की नफरत ! आज अगर वोट के लिए ये लोग जनरल रावत का सियासी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं, तो उन्हें जवाब देने की ज़िम्मेदारी उत्तराखंड के लोगों की है। जवाब देंगे ना… जवाब देंगे ना… करारा जवाब देंगे ना…, आगे से ऐसी गलती ना करे ऐसा जवाब देंगे ना… 

भाइयों बहनों,

जिनकी सोच केवल सत्ता के सुख तक सीमित हो, वो बलिदान और देश-सेवा का मूल्य नहीं समझते। इतने सालों तक ये सत्ता में थे, लेकिन वन रैंक वन पेंशनको लेकर झूठ बोलते रहे। आंख में धूल झोंकते रहे ये हमारी ही सरकार है, जिसनेवन रैंक, वन पेंशनकी व्यवस्था लागू की। ये भी भाजपा सरकार ही है, जो देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों के सम्मान मेंसैन्य धामबना रही है। और मैंने एक बार कहा था, उत्तराखंड यानि चार धाम, ये इतना ही सोच काफी नहीं है, उत्तराखंड में चार धाम तो सदियों से है ही है हमारी प्रेरणा भी है, लेकिन उत्तराखंड में एक पांचवां धाम भी है सैन्य धाम, वीर सपूतों का धाम, वीर माताओं का धाम। उत्तराखंड का ये गौरव उन लोगों की समझ में नहीं आयेगा जो देश की सेना और शहीदों का मज़ाक उड़ाते हैं। 

साथियों,

जब अलग उत्तराखंड राज्य बना था, अटल विहारी वाजपेयी ने आपके सपनों को साकार करने के लिए बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया था। तो ये संकल्प उत्तराखंड के लोगों ने और भाजपा ने मिलकर पूरा किया था। उत्तराखंड के स्वर्णिम भविष्य के लिए सपने भी हमने मिलकर देखे थे। उत्तराखंड में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अच्छी सड़कें हों, शिक्षा स्वास्थ्य की आधुनिक सुविधाएं हों, आपका जीवन आसान बने, युवाओं का भविष्य बेहतर बने, ऐसे अनेक संकल्प हमने मिलकर लिए थे। लेकिन दुर्भाग्य से, इस प्रदेश की कमान कई साल के लिए उनके हाथों में चली गई जिन्होंने हमेशा उत्तराखंड को अस्तित्व में आने से ही रोका था, इसका जन्म ही रोक दिया था। उन्होंने हमारे इन सपनों को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जब केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी सरकार थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर हर तरफ से पीछे धकेला गया। ब्रेक लगानी ही जानते हैं वो2014 के बाद एक ब्रेक हटा, लेकिन देहरादून वाला ब्रेक लगा हुआ था। दिल्ली वाला ब्रेक हटा था। उत्तराखंड-वासियों ने 2017 में वो ब्रेक भी हटा दिया, उसको भी यहां से निकाला और डबल इंजन की सरकार यहां पर काम पर लग गई। 

भाइयों और बहनों,

इन पांच सालों में आपकी डबल इंजन सरकार ने इतना काम किया है, कि अब ब्रेक लगाने वालों को भी वही वादे करने पड़ रहे हैं। जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम करना शुरू कर दिया है। जब ये सत्ता में थे, तब इनको कभी चार धामकी याद नहीं आई। जिन्हें यहां आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चार धाम की याद क्यों रही है ? क्योंकि, उन्हें ये कुर्सी हासिल करने का रास्ता लग रहा है। जबकि भाजपा के लिए चार धाम और देव भूमि का विकास आस्था, संस्कृति और जनसेवा का हमारा संकल्प है, हमारा समर्पण है। 

साथियों,

केदारधाम में हमने 2017 में पुनर्विकास के काम शुरू किए थे, और ज़्यादातर परियोजनाएं पूरी भी हो गई हैं। बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए भी कई सौ करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। चार धाम प्रोजेक्ट के तहत 12 हजार करोड़ की लागत से ऑल-वेदर रोड बनाई जा रही है। चार धाम प्रोजेक्ट में गढ़वाल का बड़ा हिस्सा कवर होता है, इसलिए इसका बहुत बड़ा लाभ पूरे गढ़वाल को मिलेगा। इसी तरह, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर भी तेजी से काम हो रहा है। अब पहाड़ों पर एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल नहीं रहेगा। यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी, रोजगार भी बढ़ेगा, और पढ़ाई की, इलाज की सुविधा भी बढ़ेगी। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हेली सर्विस शुरू की जा रही है। 

भाइयों बहनों,

इस बार केंद्र सरकार जो बजट लेकर आई है, उसका भी बहुत बड़ा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। देश के पहाड़ी इलाकों के लिए खास तौर पर बजट में पर्वतमाला प्रोजेक्ट की घोषणा की गई है। इसके तहत पहाड़ों पर आवागमन के लिए रोपवे जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। जिन सीमावर्ती इलाकों को काँग्रेस सरकार ने जानबूझ कर विकास से वंचित रखा था, उनके विकास के लिएवाइब्रेंट विलेजयोजना शुरू की जाएगी। किसानों के लिए गंगा के किनारे-किनारे नेचुरल फ़ार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उत्तराखंड को तो प्राकृतिक खेती नैचुरल फ़ार्मिंग के लिए प्रकृति का असीम आशीर्वाद मिला हुआ है। लेकिन, ये लाभ आप तक तभी पहुंचेगा जब दिल्ली से चलने वाली विकास की धारा को देहरादून से भी ताकत मिले। ऐसे लोग न आ जाएं कि दिल्ली से आ रही विकास की धारा को वहीं ठप कर दें। वरना फिर उत्तराखंड जो पहले की हालत थी उसी तरह डूब जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि आप 14 तारीख को बेईमानी और भ्रष्टाचार को ही रोक दें ब्लॉक कर दें उसको। 14 तारीख को आप वंशवाद और परिवारवाद को ब्लॉक कर दें। 14 फरवरी को आप संप्रदायवाद और तुष्टीकरण को देवभूमि से बाहर का रास्ता दिखा दें। करेंगे ना… बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए कि नहीं दिखाना चाहिए…  

साथियों,

काँग्रेस पार्टी की एक ही पहचान है, सत्ता आती है तो इनका भ्रष्टाचार बेलगाम हो जाता है, और सत्ता जाती है पूरी ताकत षड्यंत्रों में लगा देते हैं,  बौखला जाते हैं, जितना बुरा कर सकते हैं बुरा करने के रास्ते पकड़ लेते हैं। पिछले दस सालों से लोकसभा में उत्तराखंड के लोग इन्हें शून्य दे रहे हैं शून्य, बिग जीरो। विधानसभा में भी पांच साल से ये सत्ता से बाहर हैं। इसलिए, कांग्रेस के लोग उत्तराखंड के लोगों से भड़के हुए हैं। सत्ता तक पहुंचने के लिए अब ये देवभूमि की संस्कृति और पहचान को मिटाने की साजिश कर रहे हैं। ये लोग तुष्टीकरण और वोट बैंक वाला फॉर्मूला आजमा रहे हैं। ये लोग देवभूमि के लिए किस तरह की यूनिवर्सिटी का समर्थन कर रहे हैं, ये आप देख रहे हैं। आपने सुना है न…  क्या करना चाहते हैं.. सुना है न… इससे उत्तराखंड को बचाना है कि नहीं बचाना है… भाइयों-बहनों अगर ये वापस आ गए, तो अपनी सारी बौखलाहट यहाँ की जनता पर निकालेंगे।

भाइयों बहनों,

इन्होंने सालों तक पहाड़ के लोगों को पानी की सुविधा से वंचित रखा। पानी के लिए माताओं-बहनों को सर पर घड़ा रखकर कोसों जाना पड़ता था। हमने जल जीवन मिशन के जरिए घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने का अभियान शुरू किया। आज उत्तराखंड में करीब 8 लाख घरों तक पाइप से पानी पहुंच रहा है।

मैंने अभी थोड़े दिन पहले उत्तराखंड की पांच-छह बुजुर्ग माताएं, कुछ बहनें, उन्होंने छोटा-छोटा वीडियो डाला हुआ है, तो मेरे पास वो भी आया घूमता फिरता और उत्तराखंड की माताएं, बहनें जिस प्रकार से मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, क्या-क्या मिला उसका वर्णन कर रही हैं। पानी के विषय में भाव-विभोर होकर के बोल रही हैं। माताएं, बहनें ये आपके आशीर्वाद है न, मैं आपको निराश नहीं होने दूंगा, मैं जी-जान से आपके लिए काम करता रहूंगा। ये आपका स्नेह, ये आपका आशीर्वाद मुझे शक्ति देता है, ऊर्जा देता है दिन-रात माताओं, बहनों आपके लिए काम करने के लिए मेरा मन दौड़ता रहता है काम करने के लिए दौड़ता रहता है। आज उत्तराखंड में करीब 8 लाख घरों तक पाइप से पानी पहुंच रहा है। इन्होंने दशकों तक पहाड़ के ग्रामीणों को पत्थरों पर पैदल चलने के लिए मजबूर किया। हमने पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इतनी सड़कें बनाईं, जितनी उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक नहीं बनीं। इन्होंने अस्पताल और इलाज के अभाव में लोगों को पहाड़ से पलायन करने को मजबूर किया। भाजपा सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को एम्स दिया था। हमने नए अस्पताल दिए, नए मेडिकल कॉलेज दिए। उत्तराखंड में हमारी डबल इंजन की सरकार ने एक और अभूतपूर्व काम किया है। उत्तराखंड की पूरी सवा करोड़ की आबादी को अटल आयुष्मान योजना के माध्यम से 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। हमने गरीबों को मुफ्त टीका दिया। कोरोना काल में हर गरीब को मुफ्त राशन दिया। चाहे किसान हो, गरीब हो, बिना किसी लीकेज के कोई कट कंपनी की इंट्री के बिना हमारी सरकार बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रान्सफर कर रही है। इन सारे कामों को देखकर ये बौखलाए रहते हैं। इसलिए उत्तराखंड के लोगों को याद रखना है, अगर ये गलती से भी सत्ता में गए, तो ये भाजपा सरकार के सारे काम रोक देंगे। जो आपके लिए अच्छे-अच्छे काम हो रहे हैं उन्हीं को रोक देंगे, क्या ऐसा होने देना है क्या ?... ऐसा होने देना है क्या?... ऐसा होने देंगे क्या ? उनके ये सारे इरादे फेल करेंगे कि नहीं करेंगे?     

भाइयों बहनों,

उत्तराखंड के विकास का ये पुण्य कार्य हमें निरंतर करते रहना है। और मेरे लिए तो ये पुण्य कार्य है ही है। आप लोगों की सेवा करना ये मेरे लिए पुण्य कार्य है और इसलिए, 14 तारीख को हमारा संकल्प होगा, उत्तराखंड के विकास के लिए- कमल का बटन दबाना! उत्तराखंड के युवाओं के लिए, उज्ज्वल भविष्य के लिए 14 तारीख को- कमल का बटन दबाना ! यहां पर्यटन और रोजगार के विकास के  लिए 14 तारीख को - कमल का बटन दबाना ! जो काम चल रहे हैं, उन्हें तेज गति से आगे बढ़ाकर पूरा करने के लिए 14 तारीख को- कमल में बटन दबाना! इसलिए, याद रखिए, 14 फरवरी को- पहले मतदान,फिर जलपान!

आप सब, मैं उत्तराखंड में कई स्थानों पर गया हूं, कई कार्यक्रम में गया हूं, लेकिन आप लोगों ने आज जो ये मियाज दिखाया है, चारों तरफ लोग ही लोग है मैं देख रहा हूं उसके पार भी लोग खड़े हैं, ये दृश्य अपनेआप में दिखा रहा है कि उत्तराखंड में फिर एक बार भाजपा सरकार        


बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।