PM Modi appeals for making the "Swachhata hi Sewa" campaign a success
We need to demonstrate to the world Kashi's spirituality & the Indian culture during Pravasi Bharatiya Divas next year: PM
As a citizen of India, we have the right and duty to ensure that our name is on the voters' list, says PM Modi
It is our responsibility to ensure that all central flagship programmes reach their targeted beneficiaries: PM Modi to BJP Karyakartas

नमस्कार साथियो,

आज फिर एक बार मुझे काशी के कार्यकर्ताओं से बातचीत करने का अवसर मिल रहा है। सोमवार को जिले और महानगर के कार्यकर्ताओं से बात हुई, कल मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से बात हुई और संगठन को मजबूत करने, मतदाता पंजीकरण और वेरीफिकेशन के लिए अभियान, जनकल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ने से लेकर के आने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में काशीवासियों की भागीदारी, ऐसे अनेक विषयों पर मुझे आप सबसे बातचीत करने का मौका मिला। मुझे पूरा यकीन है कि आपलोगों तक इन चर्चाओं की जानकारी जरूर पहुंची होगी और इन पर आगे कैसे और क्या करना है, यह चर्चा भी हुई होगी।

आने वाले कुछ दिनों में, शायद आप बैठ करके इसकी चर्चा करेंगे भी और मैं मानता हूँ यही कसौटी है, यही टेस्ट है कि टीम काशी में को-ऑर्डिनेशन कैसा है। कल ही मैं मंडल के कार्यकर्ताओं से कह रहा था कि नीचे से ऊपर तक फीडबैक, सही जानकारियां जानी चाहिए और ऊपर से नीचे तक सही मार्गदर्शन, गाइडलाइन्स, और वो भी बहुत ही स्मूथ हो।बिना किसी लॉस फ्लो होता है, न डायवर्जन होता है न डायल्यूजन होता है।

और तब जाकर के एक टीम, एक ही मंच से, एक ही दिशा में अपनी-अपनी ताकत जोड़कर के कार्य को आगे बढ़ाती है।दूसरा, ऐसे कार्यकर्ता, जो पार्टी में कोई निश्चित दायित्व लेकर तो काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि व्यवस्था में सबका तो समावेश नहीं किया जा सकता है, लेकिन हम वो लोग नहीं हैं जो सिर्फ पदभार के लिए काम करते हैं। हम कार्यभार के लिए जीने वाले लोग हैं। पदभार ये व्यवस्था होती है, कार्यभार ये जिम्मेवारी होती है और हम जिम्मेवारियों के संस्कारों से पले-बढ़े हैं। कार्यभार को लेकर के जिंदगी भर जुटी हुई पांच-पांच, छह-छह पीढ़ी हमारे सामने है यानि जिनका मन जुड़ा हुआ है, जो समय देते हैं, ये सब लोग टीम काशी का उतना ही हिस्सा हैं, जितना कि नरेन्द्र मोदी है।

आइये, आज भी मुझे अच्छा लगेगा कुछ कार्यकर्ताओं से बात करते हुए।

पीएम मोदी- नमस्ते डॉक्टर मनोज

डॉक्टर मनोज – नमस्कार सर। वन्दे मातरम्। सबसे पहले मैं काशी की जनता की तरफ से आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ कि टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल जैसी बड़ी संस्था काशी में है जिससे गरीब भाइयों को मुंबई नहीं जाना पड़ेगा और यहीं इलाज संभव है। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवादसर। मेरा एक क्वेश्चन है कि आने वाले समय में काशी के लिए क्या-क्या चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हो रहीं हैं। क्योंकि इस वार्तालाप को पूरा विश्व देख रहा है, पूरा भारत वर्ष देख रहा हैतो चिकित्सा के क्षेत्र में क्या नए बदलाव, क्या नए आयाम आने वाले हैं, इसके बारे में सर विस्तृत रूप से चर्चा करें कि हमारे काशीवासियों को फायदा हो सके। धन्यवाद सर, वन्दे मातरम्।

पीएम मोदी– डॉक्टर मनोज जी, मैं आपका आभारी हूँ क्योंकि आपने एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न को स्पर्श किया है। मध्यम वर्ग का परिवार हो, निम्न मध्यम वर्ग का परिवार हो, गरीब परिवार है, अगर परिवार में एक बार बीमारी घुस गयी तो परिवार के सारे सपने चूर-चूर हो जाते हैं, और कितना ही ताकतवर नागरिक क्यों न हो, इन चीजों पर वह अपने बलबूते कुछ नहीं कर सकता। उसे व्यवस्थाएं चाहिए, सरकारी व्यवस्थाएं चाहिए, सार्वजनिक व्यवस्थाएं चाहिए और हमारा यह मानना है कि प्रिवेंटिव हेल्थकेयर सेगमेंट में भी हमें बल देना चाहिए। हेल्थकेयर अफॉर्डेबल भी होना चाहिए। आज काशी आस-पास के क्षेत्र में लाखों-करोड़ों की जनसंख्या के लिए मेडिकल हब का काम कर रहा है।

विभिन्न राज्यों से काशी आकर लोग चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। आपको यह जानकार हर्ष होगा कि आने वाले समय में बीएचयू अस्पताल देश का एक सर्वोत्तम अस्पताल बनने वाला है। एक एमओयू किया गया है जिसके अनुसार यहाँ पर सुविधा में बहुत सारी बढ़ोतरी की जायेगी। अब बीएचयू को भी एम्स की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिससे सभी को आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएँ प्राप्त होंगी। बीएचयू में आधुनिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। कैंसर के उपचार की सुविधाएं भी विकसित हुई हैंऔर जिसके बारे आपतो स्वयं डॉक्टर हैं और अब तो काशी की सामान्य जनता भी जानने लगी है,अब मरीज को न सिर्फ अच्छा इलाज मिलेगा बल्कि कहीं दूर भी उसको जाना नहीं पड़ेगा।

टेली मेडिसिन के द्वारा कई राज्यों के मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल्स को भी काशी के साथ जोड़ दिया जाएगा ताकि सुदूर क्षेत्रों में भी जो लोग हैं वो भी इसका लाभ उठा पायें। बनारस में जल्द ही एक हेल्थ वेलनेस सेंटर भी खुलने जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों के लिए सीजीएचएस डिस्पेंसरी भी खुली है। यह बड़े गर्व की बात है कि आज भारत में हजारों डॉक्टर मुफ्त सेवा देकर प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके बच्चे का स्वास्थ्य सुधारने में प्रोएक्टिवली-सक्रिय योगदान दे रहे हैं। देश भर में लाखों लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।

आयुष्मान भारत के तहत देश भर में वेलनेस सेंटर का एक जाल बिछ रहा है, जिससे लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें। पहली बार दस करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा मिल रहा हैयानि करीब-करीब आधी आबादी, जिससे गरीब को बीमारी के खिलाफ लड़ाई में नया बल मिलेगाऔर मैं मानता हूँ कि जितना बीमारी के बाद उपचारों के लिए आधुनिकतम व्यवस्थाएं आवश्यक हैं, उतना ही प्रिवेंटिव हेल्थ केयर आवश्यक है।

टीकाकरण का काम शत-प्रतिशत होना चाहिए। स्वच्छता में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। पीने का पानी भी कभी कभी बीमारी का कारण बन जाता है। अगर हम समाज जीवन में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में, एक समाजसेवक के रूप में, इन छोटी- छोटी चीजों में भी अपना योगदान दें तो हम सब सामान्य मानवों की जिंदगी में बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। मनोज जी मैं आपका आभारी हूँ, आपने आज आरोग्य के विषय पर मुझे कुछ बातें करने का अवसर दिया।

पीएम मोदी- नमस्ते उपेन्द्र जी

उपेन्द्र नाथ राय– नमस्कार प्रधानमंत्री जी, मैं उपेन्द्र नाथ राय। 15 साल नौकरी करने के बाद इन्डियन नेवी से सर रिटायर हुआ 2001 में। उस वक्त पेंशन हम लोगों की बहुत कम थी और हमारे दो छोटे-छोटे बच्चे थे। मैं सोच रहा था उनको अच्छे से शिक्षा कैसे दिलाऊं, इसके लिए सर मैंने बहुत मेहनत की। बच्चे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराया। लास्ट में सर जाते-जाते लगा कि हमारे बच्चे की पढ़ाई रुक जायेगी, मगर सर आपके निर्णय से हमारी बहुत सारी समस्याएं खत्म हो गयीं।

आपने जो वन रैंक वन पेंशन डिक्लेअर किया उसकी वजह से हमें दो लाख रुपया मिला जिससे बच्चे की पढ़ाई पूरी हो गयी और आज बहुत बढ़िया तरीके से सेटल हो गए हैं। इसके लिए मैं आपसे बहुत ही दिनों से संपर्क करना चाह रहा था। आज समय मिला सर इस संपर्क का, इसके लिए सर मैं बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ। और सर हमलोग जब नौकरी में थे, उस टाइम हम लोगों को वोटिंग करने के लिए बड़ी समस्याएँ होतीं थीं। बड़ी दिक्कत होती थी छुट्टियों की। इसके लिए यदि आपके पास कोई सलाह है तो बड़ी कृपा होगी। बताएं सर, धन्यवाद सर।

पीएम मोदी– उपेन्द्र जी आपने तो नेवी में काम किया है तो गुजरात में भी काफी समय रहे होंगे आप।

उपेन्द्र नाथ– जी सर

पीएम मोदी- कहाँ पोरबंदर में थे?

उपेन्द्र नाथ– जी सर पोरबंदर

पीएम मोदी– अच्छा कितना साल वहां

उपेन्द्र नाथ– वहां सर दो साल थे...

पीएम मोदी– अच्छा फिर तो आप भली-भाँति परिचित हैं सब चीजों से...

उपेन्द्र नाथ– जी सर

पीएम मोदी- उपेन्द्र जी मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि वन रैंक, वन पेंशन इस एक फैसले ने उपेन्द्र जी जैसे लाखों सेना के जवानों की जिंदगी में एक सकारात्मक बदलाव लाया है और सही समय पर पैसे मिलने से वे लोगों के काम भी आ सके।

आपने सर्विस वोटर रजिस्ट्रेशन के बारे में पूछा है जो कि निश्चय ही एक महत्वपूर्ण विषय है। वे लोग जो आर्मी, नेवी,एयरफोर्स,बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबीइन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत हैं उनके लिए चुनाव आयोग ने सर्विस वोटर रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया।इसका उपयोग उनके परिवार वाले भी कर सकते हैं। यह बहुत ही सरल है। एक वेबसाइट है www.servicevoter.nic.in. इस वेबसाइट पर जाकर इस विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

फौज हो या पैरा मिलिट्री में कार्यरत व्यक्ति, इसके माध्यम से अपने नेटिव प्लेस जहाँ का वो रहने वाला है, वहां की मतदाता सूची में वह अपना, अपने परिवार का नाम रजिस्टर करवा सकता है। और यही नहीं, बाद में पोस्टल बैलेट या प्रॉक्सी के माध्यम से भी वह वोट डाल सकता है।

कल ही कार्यकर्ताओं के साथ वोटर रजिस्ट्रेशन को लेकर मैंने बहुत विस्तार से बात की थी। एक नागरिक होने के नाते यह हम सभी का अधिकार भी है और कर्तव्य भी कि हम सुनिश्चित करें कि हमारा नाम मतदाता सूची में हो। हमारा ही नहीं हमारे आस-पास के लोगों का नाम भी मतदाता सूची में हो, ऐसी जागरूकता आवश्यक है।

मतदान के अधिकार पर हमें गर्व होना चाहिए क्योंकि इसके जरिये देश का भविष्य निर्धारित करने का एक बेहद बड़ा अवसर मिलता है। अक्सर देखते हैं कि लोग मतदाता सूची में नाम होने के प्रति सजग नहीं रहते। कई बार तो वो लोगों को तब पता चलता है उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है जब वो वोट डालने पहुँच जाते हैं। इसका नुकसान यह होता है कि लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार यानी मताधिकार से उन्हें वंचित रह जाना पड़ता है।

दरअसल यह बूथ के कार्यकर्ताओं की टोली का एक प्रमुख दायित्व है। बूथ कार्यकर्ता अपने बूथ के सभी परिवारों को आपस में बाँट कर यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम मतदाता सूची में है। आपने अच्छा सवाल उठाया। मैं चाहता हूँ हमारे जो एक्स सर्विस मैन हैं, उनतक भी ये बात पहुंचाएंगे और मैंने खुद देखा है कि एक्स सर्विस मेन, सोशल मीडिया में उनके ग्रुप बहुत अच्छे हैं, बहुत एक्टिव हैं। उपेन्द्र जी जरूर आप इसका उपयोग करें। नरेन्द्र मोदी ऐप पर भी इसकी जानकारियां मिले, इसका मैं प्रबंध करूंगा। आप नरेन्द्र मोदी ऐप पर से भी इन जानकारियों को प्राप्त करके हमारे सभी फौजी भाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

पीएम मोदी- आनंद जी नमस्ते

आनंद श्रीवास्तव – सादर प्रणाम आपको। आपसे कुछ कहना चाहता हूँ कि मैं जहाँ भी जाता हूँ, वहां ये प्रयास करता हूँ कि उस जगह के बारे में कोईभी विशेष बात हो, कुछ हो रहा हो, मैं उस कार्य से जुड़े लोगों की फोटो लेता हूँ, लाइव कर देता हूँ। उदहारणस्वरूप मैं मिर्जापुर गया, विन्ध्याचल दर्शन करने जा रहा था, उस रास्ते को हम डेढ़ घंटे में तय करते थे, 18 किलोमीटर का रास्ता था वो लेकिन मैं इस बार 18 मिनट में पहुँच गया।

35 साल की उम्र हुई मेरी और पता नहीं सैकड़ों बार दर्शन करने गया होऊंगा माता का, कभी मुझे वहां का रूट अच्छी नहीं दिखाई दियाऔर फोर लेन रोड, इतना स्मूथ रोड, बहुत ही ईजिली पहुँच गया। जब से उस रोड को आपने बनवाया है और शुरू हुआ है मैं आठ से दस बार जा चुका हूँ माता के दर्शन के लिए और परिवार को लेकर भी गया हूँ। मैं आपसे यह कहना चाहता हूँ कि जो भी लोग इस कार्य में लगे हुए हैं इस स्वच्छता के कार्य में , मैं उनके साथ लग कर उनका सहयोग करता हूँ। उनका वीडियो लेता हूँ, उनकी फोटो लेता हूँ, मैं उनके साथ सोशल मीडिया लाइव करता हूँ और पोस्ट भी करता हूँ।

आपसे ये अनुरोध है कि सोशल मीडिया का प्रयोग करके हम किस प्रकार से सभी सकारात्मक माहौल बना पायें। लोगों को उपयोगी जानकारियां दे पायें व इस माध्यम का बहुत अच्छा प्रयोग कर पायें। इसे कृपया बताएं।

पीएम मोदी- आनंदजी मुझे लगता है कि आप सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैंऔर मोबाइल फोन का बड़ा अच्छा उपयोग कर रहे हैं। मैं जानता हूँ आपके वीडियो काफी पॉपुलर होते हैं। एक तरह से आप-घूमते फिरते बिना तनखे के पत्रकार बन गए हैं। अच्छा काम कर रहे हैं और सकारात्मक कर रहे हैं वर्ना कुछ लोग तो सारी गंध फैलाने का ही काम करते हैं। मुझे अच्छा लगा कि कुछ लोग तो सकारात्मक, अच्छी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं। मैं पिछले काफी दिनों से कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूँ कि वो बदलते भारत को दिखाने वाले छोटे-छोटे वीडियो अपने मोबाइल से रिकॉर्ड करें और सोशल मीडिया पर शेयर करें।

जब आनंद जी वाराणसी के रेलवे स्टेशन के फोटो को और ऊर्जा गंगा के तहत चल रहे गैस पाइप लाइन कार्य की प्रगति का वीडियो शेयर करते हों, तो जो भी इसे देखता है उसे गर्व होता है, देश की क्षमताओं पर भरोसा बढ़ता है। आज भारत ऐतिहासिकऔर अप्रत्याशित प्रगति कर रहा है और मैं आपको बताऊँ, आनंद जीआप वो काम कर रहे हैं। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम जी जहाँ भी होंगे उनकी आत्मा को शांति मिलती होगी क्योंकि वो हमेशा कहा करते थे कि देश में सकारात्मक खबरों का वातावरण पैदा करना चाहिए। नकारात्मक बातों को इतनी हमारे यहाँ तवज्जो दी जाती है जो देश के सामान्य उभरते हुए इंसान को निराश कर देती है, घर बैठने के लिए मजबूर कर देती है।

आप अपने तरीके से डॉक्टर अब्दुल कलाम जी ने जो सपना देखा था कि सकारात्मक चीजों की बातें करों, सकारात्मक चीजें फैलाओ, और जब आप प्रकाश की चर्चा करते हो तो अंधेरे के लिए जगह बचती नहीं है। और मुझे विश्वास है भारत में अब हर गाँव में जब बिजली है,भारत में हर गाँव में स्कूल है, शौचालय है, भारत दुनिया में सबसे अधिक मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग वाला देश बन गया है, भारत दुनिया में सबसे बढ़ने वाली एविएशन मार्केट हो गया है, भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थ व्यवस्था है, भारत दुनिया में सबसे अधिक तेजी से गरीबी मिटा रहा है, भारत में जितने लोग एयरकंडिशन्ड ट्रेन में चढ़ते हैं उससे अधिक लोग हवाई जहाज पर चढ़ते हैं-अब जरा सोचिये, ये बातें किस भारतीय को गर्व से नहीं भर देंगी। सरकार की योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना हम सब जागरूक नागरिकों का कर्तव्य है ताकि समाज का हर वर्ग इन योजनाओं का लाभ उठा सके।

मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूँ, मोहल्ले में तू-तू मैं-मैं दुनिया के हर देश के हर कोने में होती होगी, अड़ोस-पड़ोस के बीच में भी कभी-कभी लाठी लेकर रोड पर आ जाते होंगे, मोहल्ले की घटना होती थी, गाँव को भी पता नहीं होता था लेकिन आजकल ये मोबाइल फोन का उपयोग करने के कारण कुछ लोग उसको अपलोड करते हैं और कभी-कभी मोहल्ले में दो परिवारों की लड़ाई भी नेशनल न्यूज बन जाती है और चौबीस घंटे चल पड़ती है। ऐसी स्थिति में अच्छी, पॉजिटिव चीजें जो समाज को ताकत दे जब हम करते हैं और जब शेयर करते हैं तो क्रिएटिविटी का बहुत बड़ा रोल है। आपने सोशल मीडिया पर देन एंड नाऊ वाली कोई फोटो देखी होगी। एक फोटो में पहले काशी की सड़कों पर बिजली के तारों का जंजाल दिखाया गया और उसके पास में अंडरग्राउंड वायरिंग का काम होने के बाद की फोटो दिखाई गयी। ये सचमुच में जब फर्क किसी को दिखता है तो कहता है, हाँ यार कुछ हुआ है।

पिछले चार वर्षों में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काशी के विकास के लिए काम कर रही है। आज काशी में सड़कों से लेकर, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक आपको विकास दिखाई देगा। काशी में काफी तेजी से बदलाव आ रहा है और सिर्फ वाराणसी महानगर में ही नहीं, पूरे वाराणसी में बदलाव स्पष्ट देखा जा सकता है। हमारा देश कैसे बदल रहा है, हमारी काशी कैसे बदल रही है, इन सबकी जानकारी आपको नरेन्द्र मोदी ऐप से भी मिल सकती है। वहां इन्फो ग्राफिक्स हैं, छोटे-छोटे वीडियोज हैं जिन्हें आप खुद देखें और आगे फॉरवर्ड भी कर सकते हैं, शेयर भी कर सकते हैं।

ऐप पर वॉलंटियरिंग के लिए भी काफी सारी चीजें हैंऔर जाते-जाते मैं आपसे दो चीजें शेयर करते जाना चाहता हूँ। पहला, अगले 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा का एक देशव्यापी अभियान शुरू हुआ है। इस दौरान हम सब मिलकर काशी में क्या-क्या कर सकते हैं, इसकी योजना अभी से बनाना शुरू कर दें।

दूसरा, आगामी 21 से 23 जनवरी तक, प्रवासी भारतीय दिवस काशी में आयोजित होने वाला है। दुनिया भर के भारतवासी काशी आयेंगे। वे काशी की कौन सी छवि लेकर जायेंगे, इस पर हम अभी से सोचें और उसमें कुछ योगदान दें।

अब तक कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने काशी में आकर भारतीय संस्कृति के दर्शन किये हैं। इस बार अपने ही परिवार के वे लोग, एक प्रकार से भारतीय लोग, कोई दो पीढ़ी पहले गया, कोई चार पीढ़ी, वे विश्व भर में नाम रोशन कर रहे हैं। ये वे भारतीय हैं जो बरसों बाद अपनी मिट्टी के दर्शन करेंगे। कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो अपने आप को हिंदुस्तान का कहते होंगे मगर उन्हें कभी भारत को देखने का सौभाग्य नहीं मिला होगा। काशी के पास इन सब लोगों से संवाद करने का सुनहरा अवसर होगा।

हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें महान भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अनुभव करवा सकें। काशी का हर घर, हर गली, हर मोहल्ला भारतीय संस्कृति में रंगा हो, काशी का हर घर मेहमान नवाजी के लिए तैयार हो। मुझे याद है जब शहर से कोई रिश्तेदार घर आता था, तो घर के ही अलग-अलग परिवारों में इस बात की जिद होती थी कि कम से कम हमारे घर में एक दिन के लिए तो ठहरें। दुनिया भर के भारतवासियों के लिए भी काशी के मन में ऐसी ही ललक पैदा हो।

हजारों की संख्या में काशीवासी अपने यहाँ मेहमानों को ठहराएँ, साथ ही उन्हें यहाँ की कला-संस्कृति से अवगत करवाएं। पूरी काशी स्वच्छ और सुन्दर हो, इसके लिए अभी से तैयारियां करवाएं। और मैं ये भी कहना चाहूंगा, आप सोशल मीडिया पर हैं, कभी-कभी लोग मर्यादाएं चूक जाते हैं, किसी भी झूठी बात को सुना तो उसको आगे कर दिया, देखते भी नहीं है कि मैं इससे समाज का कितना नुकसान कर रहा हूँ।

कुछ लोग तो ऐसे शब्द प्रयोग करते हैं कि किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देता है। बहलावे के लिए कुछ भी लिख देते हैं, कुछ भी बोल देते हैं। मैं समझता हूँ ये किसी एक राजनीतिक दल का विषय नहीं है, किसी एक विचार का विषय नहीं है। ये सवा सौ करोड़ देशवासियों को, हम सबको अपने आपको प्रशिक्षित करना होगा कि हम इस टेक्नोलॉजी का, इस विज्ञान का उपयोग कभीभी गंदगी फैलाने में न करें। हमारा स्वच्छता अभियान दिमागी स्वच्छता से जुड़ा हुआ होना चाहिए।

कितनी उत्तम चीजें हमारे पास हैं, कितनी उत्तम बातें हैं, हम उसी को शेयर करेंगे, एक ऐसा पवित्र माहौल बना सकते हैं। इसलिए मैं चाहता हूँ कि जिस सड़क पर आपको घंटे लगते थे उसे आपने मिनटों में तय कर लिया, इस बात को दुनिया को बताया, ऐसी बहुत सारी और बाते हैं। सिर्फ आप नहीं, सकारात्मक खबरें देने वाले की टोली बनाइये, सच्ची हो, सकारात्मक हो। किसी की भलाई के लिए मैं नहीं कह रह हूँ, किसी राजनीतिक दल की भलाई के लिए मैं नहीं कह रहा हूँ, सरकार की भलाई के लिए नहीं कह रहा हूँ, समाज की ताकत बनती है, बहुत नाम होगा देश का।

आपने देखा होगा, कभी किसी ऑटो रिक्शे में कोई अपना पर्स भूल जाता है, अन्दर एक लाख-दो लाख रुपया है और ऑटो रिक्शा वाला उसे ढूंढ़ करके जब पहुँचाता है, आपने देखा वो खबर हिंदुस्तान के किसी कोने में जायेगी, नया विश्वास देती है। उसमें सरकार की जय-जयकार नहीं है, आपकी आवाज की ताकत की जय-जयकार है। इसलिए मैं कहता हूँ सकारात्मक चीजों पर बल दीजिये और जो भी गंध फैलाने वाले लोग हैं उनको तवज्जो ही मत दीजिये, नेगलेक्ट कीजिये, अपना काम करते रहिये, पॉजिटिव करते रहिये। आप देखिये, धीरे-धीरे इतनी बढ़िया टेक्नोलॉजी है, समाज के हर व्यक्ति को ताकत दे सकती है। आप सबसे आज बात करने का मुझे मौका मिला, मुझे अच्छा लगा, हम सब इसी तरह से, संगठन के, देश के काम को मिलजुल कर आगे बढ़ाते रहे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।
सभी काशीवासियों को नमस्कार।

Explore More
78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।