यह चुनाव 400 पार के नारे के साथ शुरू हुआ था। यह कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए दिया गया लक्ष्य था या फिर आपका विश्वास कि इतनी सीटें तो जीतेंगे ही। अब तक के मतदान के बाद भाजपा को कहां देखते हैं?

देखिए, 400 पार का नारा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का नारा नहीं है, वो भारत की जनता की आवाज है। इसके साथ लोगों का भावनात्मक जुड़ाव है। दशकों से भारत के लोगों के मन में ये भावना थी कि आर्टिकल 370 हटना चाहिए। हमने देश की भावना के अनुरूप काम किया। जब हमने इसे हटाया तो जनता ने तय किया कि जिस पार्टी ने ये काम किया है उसे वो 370 सीटें देंगे। चुनाव की घोषणा के बाद से मैं कई रैलियां और रोड शो कर चुका हूं। मैं जहां भी गया, मैंने प्यार, स्नेह और समर्थन का अभूतपूर्व प्रदर्शन देखा है। एक प्रकार से ये चुनाव जनता लड़ रही है। सुशासन के लिए लड़ रही है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए लड़ रही है। शायद ये पहली बार हो रहा है कि किसी सरकार की तीसरी पारी को लेकर जनता में इतना उत्साह है। दो चरणों के मतदान के बाद विपक्ष पूरी तरह से हताश और निराश है। विपक्ष पहले चरण में पस्त था और दूसरे चरण तक आते आते ध्वस्त हो गया। आप जो इनका बर्ताव और झल्लाहट देख रहे हैं वो इसी का नतीजा है।

हर चरण के साथ चुनाव का मुद्दा बदलता जा रहा है। आरोप प्रत्यारोप ज्यादा हावी हो रहा है। आपको नहीं लगता है कि चुनाव विकास के मुद्दे से भटक गया है?

चुनाव का मुद्दा पहले दिन से विकसित भारत ही है। हम लोगों के बीच जाकर उन्हें विकसित भारत का अपना विजन बता रहे हैं। जो काम हमने किए हैं वो बता रहे हैं। हमारे पास 10 वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड है। अगले 25 वर्षों का विजन है। आने वाले 5 साल का रोडमैप है, और पहले 100 दिन का प्लान है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के पास ना तो काम का कोई ट्रैक रिकॉर्ड है ना ही कोई विजन है। वो विभाजन की राजनीति और बांटने वाले विचार लेकर सामने आ रहे हैं। इंहेरिटेंस टैक्स, वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन (संपत्ति का बंटवारा) और एक्स रे के नाम पर घर-घर छापा मारने जैसे विचार रख रहे हैं। ऐसे विकृत विचार जब सामने लाए जा रहे हैं तो हमारा कर्त्तव्य है कि जनता को हम इनके बारे में आगाह करें और इसके बारे में बताएं कि ये कितने खतरनाक हो सकते हैं। कांग्रेस को मैंने तीन चुनौतियां दी हैं है। आज कांग्रेस और सहयोगी जवाब दें कि वो धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए संविधान नहीं बदलेंगे। वो जवाब दें कि एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण छीनकर धर्म के आधार पर नहीं बांटेंगे। मेरी तीसरी चुनौती है कि कांग्रेस लिखकर दे कि जहां उनकी राज्य सरकार है, वहां ओबीसी कोटा कम करके धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। जहां तक हमारी बात है हमारा एजेंडा हमेशा से ही विकास का है और हमारे संकल्प पत्र में बहुत स्पष्ट रोडमैप है, जिसको हम बार-बार दोहराते हैं।

कांग्रेस और विपक्ष कह रहा है कि भाजपा संविधान बदल देगी, आरक्षण खत्म कर देगी, आप भी कांग्रेस पर यही आरोप लगा रहे हैं। क्या जनता कंफ्यूज नहीं हो रही है?

भारत का संविधान हमारे लिए पूज्य है। एक देश, एक विधान और एक संविधान तो हमारी पार्टी और सरकार की मूल भावना में है। हमारी सरकार ने संविधान दिवस मनाना शुरू किया। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने संविधान लागू होने के 60 वर्ष पूरे होने पर संविधान गौरव यात्रा निकाली थी। मैंने ये बात कई अवसरों पर कही है कि संविधान की वजह से ही आज मैं इस जगह पर पहुंचा हूं। देखिए, पिछले 10 वर्षों से हम प्रचंड बहुमत के साथ सरकार चला रहे हैं। विपक्ष के जो आरोप हैं उनका मूल्यांकन हमारे काम के आधार पर करना चाहिए। साथ ही, ये भी देखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया है? कांग्रेस ने हमेशा संविधान का अपमान किया है। 70 सालों तक कश्मीर में भारत का संविधान लागू नहीं होने दिया, इमरजेंसी लागू करके भारत के लोकतंत्र पर हमला किया। शाहबानो के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए कानून लेकर आए। एससी, एसटी आरक्षण के खिलाफ नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी। 90 के दशक से पहले ये मंडल कमीशन के सुझावों को लागू करने से बचते रहे। 90 के बाद उनकी सरकार ने कई बार धर्म के आधार पर आरक्षण में सेंधमारी की कोशिश की। इन्होंने आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश की पर कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था। अब वही काम वो कर्नाटक में कर रहे हैं। कांग्रेस ने एससी-एसटी-ओबीसी के आरक्षण में से कोटा अपने वोटबैंक को देना तय किया है, इसके लिए कांग्रेस पार्टी संविधान बदलना चाहती है। ये मीडिया का काम है कि जनता को पार्टियों के काम के बारे में, उनके ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बताए जिससे जनता कनफ्यूज ना हो। मोदी गारंटी दे रहा है कि एससी-एसटी-ओबीसी और सामान्य वर्ग के जो गरीब लोग हैं, उनका जो आरक्षण संविधान के तहत मिला है, उसमें रत्ती भर भी हाथ नहीं लगाने दिया जाएगा।

कांग्रेस कहती है कि मुस्लिम सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े हैं इसीलिए उन्हें आरक्षण दे रहे हैं। जबकि भाजपा का कहना है कि तुष्टीकरण और वोट के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है। तो क्या यानी दोनों तरफ से ध्रुवीकरण का प्रयास हो रहा है?

इसे अच्छे से समझना चाहिए, हमारे देश में धर्म के नाम पर आरक्षण का कोई प्राविधान नहीं है। यह मोदी का विचार नहीं है, यह बाबा साहब अंबेडकर और हमारे संविधान बनाने वाले जो महान लोग थे, उनकी चर्चा से निकला हुआ विचार है। हम जब कांग्रेस और उसके सहयोगियों के काम के बारे में, उनके ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में लोगों को आगाह कर रहे हैं तो इससे ध्रुवीकरण नहीं होता है। यह तो हमारा कर्त्तव्य है कि हम कांग्रेस को एक्सपोज करें, जनता के सामने उनकी सच्चाई लाएं। ध्रुवीकरण किसकी नीति है, यह देश अच्छी तरह जानता है।

सच्चर कमीशन किसने बनाया था? किसने देश में आर्मी के हेड काउंट की बात की थी। आप सोच सकते हैं कि कोई पार्टी या उसकी सरकार कैसे देश की सेना में धार्मिक भेदभाव की बात करके उसमें हेड काउंट की बात कर सकती है। ऐसे हजारों उदाहरण मिल जाएंगे, जिसमें कांग्रेस पार्टी का कम्युनल एजेंडा सामने आ चुका है और देश को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। देश को बांटने, तोड़ने और कमजोर करने के कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे आज भी वैसे ही हैं। आप किसी एक समुदाय को दूसरे समुदाय से ज्यादा प्राथमिकता देते हैं तो इस विचार से हमारा विरोध है।

हमारा मॉडल है कि देश में हम सबकी मदद करेंगे, बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के मदद करेंगे। आज पीएम आवास में घर मिलते हैं तो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हर वर्ग को मिलते हैं। बिना भेदभाव के मिलते हैं। आज उज्जवला कनेक्शन मिलता है तो सबको मिलता है, आज नल से जल मिलता है तो हर वर्ग को मिलता है। इसमें किसी के हक का किसी को नहीं मिलता है। इसमें कोई पक्षपात नहीं होता है।

आपने हाल में पाकिस्तान और कांग्रेस को एक साथ खड़ा कर दिया। आपने कहा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है और पाकिस्तान रो रहा है। इसका आधार क्या है?

इस बयान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो तथ्यों पर आधारित न हो। चुनाव शुरू होने के बाद से जो कुछ हुआ है, उस पर गौर करेंगे तो ये स्पष्ट हो जाएगा। ऐसा क्यों हो रहा है कि पाकिस्तान के नेता राहुल गांधी के पक्ष में बोल रहे हैं? ऐसा क्यों है कि पाकिस्तान ने ऐसे समय पर राहुल गांधी और भारतीय चुनावों के बारे में बयान दिए हैं जब जमीनी स्तर पर फीडबैक भारी मात्रा में भाजपा के पक्ष में है? जो लोग भारत की तरक्की नहीं चाहते वे देश में मजबूत सरकार नहीं बल्कि कमजोर सरकार चाहते हैं। वे कह रहे हैं कि लोगों को राहुल गांधी का समर्थन करना चाहिए क्योंकि मोदी की नीतियां पाकिस्तान के अनुकूल नहीं हैं। ये बात बिल्कुल सही है, क्योंकि अब देश में वो सरकार नहीं है जो आतंक के आकाओं को डोजियर देती थी, अब हम आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं। मोदी की नीतियां यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि भारत, उसके लोग और उनके हित सुरक्षित रहे। मोदी की नीति है नेशन फर्स्ट, आलवेज फर्स्ट की है। एक गौर करने वाली बात यह भी है कि आप कांग्रेस के नेताओं के बयान देखिए, उनके काम देखिए। वो कई बार देश के खिलाफ पाकिस्तान की भाषा बोल चुके हैं। मैं तो बस जनता के बीच यह बात सामने ला रहा हूं कि पाकिस्तान और कांग्रेस का ये रिश्ता है क्या?

आपकी सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं जिससे अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब सीधे तौर पर लाभान्वित हुए हैं। दावा है कि पिछली सरकारों के मुकाबले कई गुना बढ़ोतरी हुई है। फिर भी क्या कारण है कि मुस्लिम समुदाय भाजपा से दूर दूर दिखता है?

हमारे लिए देश के सभी नागरिक, सभी वर्ग बराबर हैं। हम सबके लिए काम करते हैं। हमारा विरोध तुष्टीकरण से है बाकी हमारा तो मूल मंत्र ही है - सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास और सबका विश्वास। हम देश के नागरिकों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं। जहां पर वोट का सवाल है, हमने 2014 में रिकॉर्ड सीटें जीतीं, 2019 के चुनाव में हमारी सीटों की संख्या और वोट प्रतिशत बढ़ गए। 2024 के चुनाव में आप देखिएगा कि हमारा मत प्रतिशत और सीटें और भी बेहतर होने वाली हैं। अब जब किसी पार्टी का इतना वोटशेयर और सीट शेयर बढ़ता है तो यह समाज के सभी वर्गों, सभी पंथों का समर्थन के बिना संभव नहीं है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मुस्लिम समाज का भी वोट और समर्थन भाजपा को बढ़ा है। हमने तीन तलाक को खत्म किया। इससे सिर्फ मुस्लिम माताओं-बहनों को ही सुरक्षा नहीं मिली, बल्कि उनके परिवार को भी बड़ी राहत मिली। हज यात्रा में वीवीआईपी के नाम पर जो घालमेल होता था, सरकार ने उसे खत्म किया। हमने बिना मेहरम हज यात्रा की व्यवस्था बनाई। हमारी योजनाएं धर्म आधारित नहीं होती। पिछले 10 वर्षों में हमारी योजनाओं ने मुस्लिम समाज के लोगों का जीवन सकारात्मक रूप से बदला है। इस बात को मुसलमान भी महसूस करते हैं।

आपका मानना है कि सरकार को जितना बड़ा जनादेश, देश उतना मजबूत। दूसरी अवधारणा है कि विपक्ष जितना मजबूत, लोकतंत्र उतना ज्यादा मजबूत होता है। ऐसी स्थिति में अगर राजग बहुत बड़ा जनादेश हासिल करता है तो लोकतंत्र की मजबूती का विमर्श कैसे बदलेगा?

भारत ने पिछले 10 साल में देखा है कि एक स्थिर और मजबूत सरकार के क्या फायदे होते हैं। आज इसी वजह से भारत को देखने का दुनिया का तरीका भी बदल गया है। दुनिया अब भारत को एक नए नजरिए से देख रही है। उनको भी दिख रहा है कि एक मजबूत सरकार है तो भारत भी मजबूत है।

विपक्ष को मजबूत और प्रभावशाली होने के लिए संख्या की जरुरत नहीं होती है, इसके लिए नीयत की जरुरत होती है। जब 1984 में हमारे सांसदों की संख्या 2 थी तभी भी हम प्रभावशाली थे, जब 1991 में हमारी संख्या 120 हुई तब भी हम प्रभावशाली विपक्ष के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। लेकिन आज जो पार्टियां विपक्ष में है उनकी सक्रिय और रचनात्मक विपक्ष के तौर पर काम करने की मंशा नहीं है। उनकी सक्रिय विपक्ष की भूमिका निभाने की नीयत ही नहीं है। सिर्फ मोदी का विरोध करने के लिए देश हित को ताक पर रख देना, यह कैसी नीति है। मोदी देश के लिए जीता है, कांग्रेस परिवार के लिए। मजबूत विपक्ष बनने के लिए पहले इन्हें अपनी नीति और नीयत बदलनी होगी। देश प्रथम की सोच रखनी होगी, तुष्टीकरण और ध्रुवीकरण के जाल से निकलना होगा।

सूरत में भाजपा का उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए। इंदौर में अंतिम मौके पर कांग्रेस का उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले लेता है। ऐसी घटनाओं को आप कैसे देखते हैं?

हर पार्टी को अपने अच्छे कार्यकर्ताओं को टिकट देना चाहिए। अब कांग्रेस ऐसे कार्यकर्ताओं को टिकट देती है जो अपनी हार देख कर खुद ही मैदान छोड़ कर भाग जाते हैं तो इसमें भाजपा क्या कर सकती है। कांग्रेस और विपक्ष को यह मंथन करना चाहिए कि आज ये स्थिति क्यों हो गई है, जो उन्हें ढूंढ़ने से भी सही उम्मीदवार भी नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस के प्रत्याशी भी जानते हैं कि कांग्रेस की बातें फर्जी हैं, वादे फर्जी हैं। विपक्ष के नेता जब ये झूठे वादे लेकर जनता के बीच जाते हैं तो उन्हें सवालों का सामना करना पड़ता है। उनके कार्यकर्ताओं के लिए अपने नेताओं को डिफेंड कर पाना मुश्किल हो रहा है।

रोजगार को लेकर भी विपक्ष नए नए आंकडे दे रहा है। कांग्रेस की ओर से अप्रेंटिस के दौरान युवाओं को लाख रुपया, महिलाओं को लाख रुपया सालाना देने की बात की जा रही है। ऐसे लुभावने वादों से भाजपा के अंदर थोड़ी घबड़ाहट तो होगी ?

पहली बात तो यह है कि कांग्रेस के जो वादे हैं उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती है ये सिर्फ बोलने वाली बातें होती है। कांग्रेस पार्टी को खुद भी पता है कि वो देश में कभी सत्ता में नहीं आने वाली है। जहां वो सत्ता में हैं वहां पर भी ऐसे झूठे वादों और भुला दिए गए वादों की लिस्ट काफी लंबी है। रही रोजगार की बात तो हम कई फ्रंट्स पर काम कर रहे हैं। हम युवाओं को सरकारी नौकरी दे रहे हैं, प्राइवेट सेक्टर को बढ़ा रहे हैं और ऐसे सेक्टर को खोल रहे हैं जिनसे युवाओं के लिए अवसरों की कोई कमी ना हो। उन्हें नए सेक्टर्स के अवसर मिलें। पिछले 10 वर्षों में रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि हुई है। हमने रोजगार मेले से पब्लिक सेक्टर में लाखों नौकरियां दी हैं। आज श्रम बल भागीदारी दर 49.8% से बढ़कर 57.9% हो गई है और बेरोजगारी दर 6% से घटकर 3.2% हो गई है। ईपीएफओ ने 2017 से 2024 के बीच 7 करोड़ से अधिक नए सब्सक्राइबर जोड़े हैं। अब स्पेस सेक्टर्स, ड्रोन जैसे कई नए सेक्टर्स खुल गये हैं। जिससे युवाओं को इनमें काम करने का, रोजगार पाने का अवसर मिल रहा है। ये सेक्टर्स पहले मौजूद नहीं थे।

कांग्रेस ने तीस लाख सरकारी नौकरी और राजद ने एक कदम आगे बढ़ते हुए एक करोड़ नौकरी का वादा किया है। जबकि भाजपा के घोषणापत्र में स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में रोजगार की बात कही गई है। क्या आपको लगता है कि विकास के साथ सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ने वाले हैं?

देखिए जब किसी को पता होता है कि उसके कहने का कोई मतलब नहीं है तो वो कुछ भी बोलता है। ऐसे लोग जानबूझकर कुछ बातें करते हैं जिसका सिर पैर ना हो, लेकिन अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए बोलते हैं।

जब ये लोग सत्ता में थे तो इन्होंने कुछ नहीं किया अब सिर्फ बातें कर रहे हैं। हमारे पास इसके लिए एक पूरा रोडमैप है कि कैसे हम देश में निवेश लाएंगे, हम देश को मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाएंगे। इससे रोजगार ही तो बढ़ेंगे। स्वरोजगार की जो क्रांति देश में चल रही है उसको गति देने लिए हमने मुद्रा लोन की सीमा को अब दोगुना कर 20 लाख तक बढ़ाने की योजना बनाई है। हम ग्रामीण उद्योग को बढ़ाने, फूड प्रोसेसिंग, भारत आधारित ग्लोबल वैल्यू चेन बनाने, निर्यात बढ़ाने की बात अपने संकल्प पत्र में कर चुके हैं। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा, हर तरह की नौकरियों के अवसर बढ़ते जाएंगे चाहे वो प्राइवेट सेक्टर हो, पब्लिक सेक्टर हो या फिर स्टार्ट अप और उद्यम हो।

इस चुनाव में भाजपा का फोकस दक्षिण पर था। तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना क्या आपकी अपेक्षा पर खरा उतर रहा है?

इस बार जो चुनाव के नतीजे आएंगे वो सबको चौंका देंगे। दक्षिण भारत में भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है। दक्षिण भारत में नंबर 1 पार्टी रहेगी। इस बार भाजपा और दूसरे दलों में अंतर बहुत बड़ा होगा।

उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस एक साथ है और कहा जा रहा है अलग रहकर बसपा भाजपा को मदद पहुंचा रही है। आप क्या कहेंगे?

देखिए, वास्तविकता ये है कि इंडी एलायंस जैसी चीज कुछ देश में है नहीं। पश्चिम बंगाल देखिए ये लोग अलग-अलग लड़ रहे हैं। यूपी में दो लड़कों की फिल्म पिछली बार फ्लॉप हो चुकी है। अब बसपा इनके गठबंधन से अलग लड़ रही है। जब साथ लड़े थे तो भी हारे थे और आज अलग लड़ रहे हैं तो भी हारेंगे। चुनाव का नतीजा तो वही रहेगा लेकिन एक बात मैं कहना चाहता हूं कि हर पार्टी की अपनी राजनीति होती है, अपनी विचारधारा होती है। सभी कांग्रेस के हिसाब से चलें, इसके लिए राजनीतिक दल बाध्य नहीं हैं। राजनीतिक दल अपने हिसाब से फैसले लेते हैं।

राम मंदिर का जिक्र भाजपा नेताओं के भाषण में बार बार आता है। अब जबकि राम मंदिर बन चुका है, करोड़ों लोग दर्शन कर चुके हैं तो क्या ऐसा लगता है कि राजनीति में इसका प्रभाव थोड़ा कम हो रहा है?

राममंदिर हमारे लिए भावना और आस्था से जुड़ा मुद्दा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का संकल्प राष्ट्र का था। बीते 10 वर्षों में हमने भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने, समेटने की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। मैं अभी कल ही (रविवार) राममंदिर के दर्शन करके आया हूं, मैं अभी भी भाव विभोर हूं। राममंदिर से लोगों का जुड़ाव बहुत अलग स्तर पर है। राम मंदिर का प्रभाव जन-जन में ना कम हुआ है, ना हो सकता है। राममंदिर को लेकर लोगों की आस्था का स्तर ही बहुत बड़ा है और ये आने वाले लंबे समय तक ऐसे ही रहने वाली है। वहीं कांग्रेस को देख लीजिए कि लोगों के जनमन से जुड़ा इतना बड़ा काम देश में हुआ और कांग्रेस के लोग वहां गए तक नहीं। इन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम और उनके मंदिर को लेकर क्या कहा और किया, ये सब जानते हैं। इन्हें प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण मिला पर ये लोग अपने वोट बैंक के डर से वहां नहीं गए। कांग्रेस के एक पूर्व नेता जो अब पार्टी छोड़ चुके हैं, उन्होंने जो खुलासा किया है, वो बेहद खतरनाक इशारा कर रहा है। ये परिवार के सलाहकार रह चुके हैं, जो बता रहे हैं कि शहजादे ने राम मंदिर पर फैसले को पलटने की मंशा जताई थी। उनके पिताजी शाहबानो केस में ऐसा कर चुके हैं। उसी तरह वो कोर्ट का फैसला पलटने की तैयारी में हैं। उन्हें देश को जवाब देना चाहिए कि उनकी मंशा क्या है।

आपकी सरकार बार बार तीसरे कार्यकाल में तीसरी सबसे बडी आर्थिक शक्ति बनाने की बात कह रही है। जबकि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और कुछ अर्थशात्रियों का कहना है कि प्रधानमंत्री कोई भी बने यह तो होगा ही। आप क्या कहेंगे ?

यह आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है। इसके लिए मैं आपको दो बहुत छोटे-छोटे उदाहरण दूंगा। पहला जब श्री पी. चिदंबरम 2014 में अपना आखिरी बजट प्रस्तुत कर रहे थे तब उन्होंने यह लक्ष्य रखा था कि हम 2043 तक भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की टॉप थ्री तक ले जाएंगे। जब हमने टारगेट रखा है तो हमने यह लक्ष्य अपने तीसरे कार्यकाल के लिए रखा है। यानी इनके टारगेट से करीब 15 साल पहले। कांग्रेस ने जब सत्ता छोड़ी, तब हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर पर थी। आज देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवे नंबर पर हैं और आईएमएफ के हिसाब से हम अगले वर्ष दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे। कांग्रेस और भाजपा के लक्ष्यों को देखकर आपको दोनों के लक्ष्य निर्धारण और महत्वाकांक्षा का अंतर पता चल जाएगा।

दूसरा उदाहरण है डिजिटल पेमेंट्स। जब हमने इसकी शुरुआत की तो ये लोग हमारी आलोचना करते थे कि देश के गांवों में तो इंटरनेट नहीं है। देश के लोगों को अनपढ़ बताकर उनको छोटा करके आंका था। आज स्थिति ये है कि दुनिया के डिजिटल पेमेंट्स् का 46 प्रतिशत यानी करीब आधा हिस्सा भारत के यही लोग कर रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के अप्रोच का ये अंतर है। इनका मानना है कि अगर बिना कुछ किए ही यह सारे लक्ष्य संभव हैं तो भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले देश आज कहां पहुंच गये हैं। अगर इन्होंने इस सोच को छोड़कर कुछ ज्यादा मेहनत की होती तो भारत आज उन देशों के साथ खड़ा होता। आज भारत भी बहुत आगे पहुंच गया होता। शायद इसी सोच ने कांग्रेस को कुछ ना करने के लिए प्रेरित किया है। उन्हें लगता है सब अपने आप हो जाएगा। इनकी सोच रहती तो भारत कभी विकसित देश बनने का संकल्प नहीं लेता, लेकिन हम ये सुनिश्चित करेंगे कि आज की युवा पीढ़ी विकसित भारत देखे, उसका अनुभव करे, उसका लाभ ले।

वर्ष 2019 में पहली बार विदेश नीति भी घरेलू राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया था। आपको क्या लगता है, विदेश नीति से जनता के हित सीधे तौर पर सधते हैं?

मैं तो मानता हूं कि अगर विदेश नीति घरेलू राजनीति का मुद्दा बन जाए तो हमारे देश के लिए बहुत अच्छी बात है। ये दिखाता है कि हमारे लोग कितने जागरुक हैं। वो जानना चाहते हैं कि देश और दुनिया में क्या हो रहा है। वो देश की विदेश नीति को लेकर कितनी रुचि ले रहे हैं। वो दुनिया में भारत के बढ़ते कद, मान-प्रतिष्ठा को लेकर बहुत गर्व महसूस करते हैं। मैं आपको 2014 में ले जाना चाहता हूं। उस समय यही लोग कहते थे कि नरेंद्र मोदी तो सिर्फ एक राज्य का मुख्यमंत्री है उसे विदेश नीति नहीं आती है और आज देखिए कितना बड़ा फर्क आ गया है।

विदेश नीति को हम प्रोटोकॉल की दुनिया से बाहर ले आए हैं। जन-जन के जीवन में ले आए हैं। आप जी-20 समिट देखिए। जी-20 में इस बार ऐसा नहीं कि सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें होती रहीं। इससे भारत के करोड़ों लोग जुड़े। आज दुनिया में कहीं भी संकट की स्थिति आती है तो हमारी सरकार प्रो-एक्टिव होकर भारत के लोगों को बाहर निकालती है। उन्हें हम सही सलामत वापस लाते हैं। लोग देखते हैं कि ये हमारी विदेश नीति की सफलता है कि भारत के साथ पूरी दुनिया में इतना अच्छा व्यवहार होता है। आप देखिए आजादी के बाद से मुस्लिम देशों के सर्वोच्च पुरस्कार सबसे ज्यादा मुझे मिले हैं। लोगों ये समझ रहे हैं कि ये भारत का सम्मान हो रहा है। दशकों से हमारी सांस्कृतिक विरासत वाली मूर्तियां, शिल्प विदेशों में पड़े थे, किसी ने उन्हें भारत वापस लाने की कोशिश नहीं की पर जब हमारे देशों से संबंध सुधऱते हैं तो ये सारी चीजें बहुत बड़ी संख्या में वापस लौट रहे हैं। यही मूर्तियां हमारे मंदिरों में प्रस्थापित हो रही हैं। लोग ये देख रहे हैं कि इससे हमारा गौरव बढ़ रहा है। आज हम जब किसी देश के साथ कोई डील करते हैं तो हमें बेहतर टेक्नोलॉजी मिलती है, बेहतर ट्रेड डील होती है। जिससे हमारे देश का देशवासियों का फायदा होता है, देश का डिफेंस सेक्टर मजबूत होता है। ये सारी चीजें लोगों को सीधा प्रभावित करती हैं। जिसके कारण लोगों में विदेश नीति का महत्व बढ़ा है।

अनुच्छेद 370 और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार – 2 ने पहले सौ दिनों में फैसला लिया था। क्या फिर से पहले सौ दिनों के एजेंडे में यूसीसी, वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे बड़े फैसले हो सकते हैं?

आपको तो पता ही है कि हमारा ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। मैं सौ दिन में काफी चीजें करता हूं आज भी मैं और हमारी टीम इस पर काम कर रहे हैं। इसमें क्या होगा वो आपको उस समय ही पता चलेगा। यूसीसी और वन नेशन वन इलेक्शन हमारे संकल्प पत्र का हिस्सा है तो हम इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री के रूप में आपके दो कार्यकाल हुए हैं। आप खुद से कितने संतुष्ट हैं। ऐसा कोई विषय जो आपको लगता है कि इसी कार्यकाल में पूरा हो जाना चाहिए था?

देखिए सबसे पहले तो मुझे लगता है कि सबसे बड़ा काम यह हुआ है कि हम लोगों के जीवन स्तर में सुधार ला सके हैं। जो गरीब थे जिनका सरकार से, सिस्टम से विश्वास उठ गया था, हमने उनका भरोसा जीता है। पहले जो सोच थी कि यहां तो भ्रष्टाचार ही रहने वाला है, गरीब की कोई नहीं सुनेगा, इसमें बदलाव हुआ है। आज सिस्टम ज्यादा जवाबदेह है। गरीब को बिना किसी बिचौलिए, किसी भ्रष्टाचार के सारी सुविधा मिल रही है। उसे घर मिल रहा है, बिजली मिल रही है, गैस कनेक्शन मिल रहा है, नल से जल मिल रहा है, सारी योजनाओं का लाभ हो रहा है। गरीब की आकांक्षाएं सरकार समझ पा रही है। देश की सरकार के प्रति, व्यवस्था के प्रति गरीब का विश्वास बढ़ा है तो ये बहुत बड़ी चीज है। जब गरीब को सुविधाएं मिली हैं तो वो बेहतर ढंग से गरीबी से लड़ पा रहा है और 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये बहुत बडी चीज है। जहां तक संतुष्ट होने की बात है तो मैं संतुष्टि में विश्वास नहीं करता हूं, मैं अपने लिए नए लक्ष्य बनाता हूं और प्रयास करता हूं। एक तरह से संतुष्ट ना होना मुझे ताकत देता है जिससे मैं और ज्यादा मेहनत कर सकूं और ज्यादा काम कर सकूं।

Following is the clipping of the interview:

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Source: Dainik Jagran

  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🇮🇳🙏
  • PawanJatasra January 27, 2025

    🇳🇪🇳🇪
  • Dheeraj Thakur January 19, 2025

    जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur January 19, 2025

    जय श्री राम ।
  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 01, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • Rahul Naik December 07, 2024

    🙏🙏
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 19, 2024

    जय श्री राम 🚩
  • sonika sharma October 07, 2024

    जय हो
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PM reviews status and progress of TB Mukt Bharat Abhiyaan
May 13, 2025
QuotePM lauds recent innovations in India’s TB Elimination Strategy which enable shorter treatment, faster diagnosis and better nutrition for TB patients
QuotePM calls for strengthening Jan Bhagidari to drive a whole-of-government and whole-of-society approach towards eliminating TB
QuotePM underscores the importance of cleanliness for TB elimination
QuotePM reviews the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan and says that it can be accelerated and scaled across the country

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired a high-level review meeting on the National TB Elimination Programme (NTEP) at his residence at 7, Lok Kalyan Marg, New Delhi earlier today.

Lauding the significant progress made in early detection and treatment of TB patients in 2024, Prime Minister called for scaling up successful strategies nationwide, reaffirming India’s commitment to eliminate TB from India.

Prime Minister reviewed the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan covering high-focus districts wherein 12.97 crore vulnerable individuals were screened; 7.19 lakh TB cases detected, including 2.85 lakh asymptomatic TB cases. Over 1 lakh new Ni-kshay Mitras joined the effort during the campaign, which has been a model for Jan Bhagidari that can be accelerated and scaled across the country to drive a whole-of-government and whole-of-society approach.

Prime Minister stressed the need to analyse the trends of TB patients based on urban or rural areas and also based on their occupations. This will help identify groups that need early testing and treatment, especially workers in construction, mining, textile mills, and similar fields. As technology in healthcare improves, Nikshay Mitras (supporters of TB patients) should be encouraged to use technology to connect with TB patients. They can help patients understand the disease and its treatment using interactive and easy-to-use technology.

Prime Minister said that since TB is now curable with regular treatment, there should be less fear and more awareness among the public.

Prime Minister highlighted the importance of cleanliness through Jan Bhagidari as a key step in eliminating TB. He urged efforts to personally reach out to each patient to ensure they get proper treatment.

During the meeting, Prime Minister noted the encouraging findings of the WHO Global TB Report 2024, which affirmed an 18% reduction in TB incidence (from 237 to 195 per lakh population between 2015 and 2023), which is double the global pace; 21% decline in TB mortality (from 28 to 22 per lakh population) and 85% treatment coverage, reflecting the programme’s growing reach and effectiveness.

Prime Minister reviewed key infrastructure enhancements, including expansion of the TB diagnostic network to 8,540 NAAT (Nucleic Acid Amplification Testing) labs and 87 culture & drug susceptibility labs; over 26,700 X-ray units, including 500 AI-enabled handheld X-ray devices, with another 1,000 in the pipeline. The decentralization of all TB services including free screening, diagnosis, treatment and nutrition support at Ayushman Arogya Mandirs was also highlighted.

Prime Minister was apprised of introduction of several new initiatives such as AI driven hand-held X-rays for screening, shorter treatment regimen for drug resistant TB, newer indigenous molecular diagnostics, nutrition interventions and screening & early detection in congregate settings like mines, tea garden, construction sites, urban slums, etc. including nutrition initiatives; Ni-kshay Poshan Yojana DBT payments to 1.28 crore TB patients since 2018 and enhancement of the incentive to ₹1,000 in 2024. Under Ni-kshay Mitra Initiative, 29.4 lakh food baskets have been distributed by 2.55 lakh Ni-kshay Mitras.

The meeting was attended by Union Health Minister Shri Jagat Prakash Nadda, Principal Secretary to PM Dr. P. K. Mishra, Principal Secretary-2 to PM Shri Shaktikanta Das, Adviser to PM Shri Amit Khare, Health Secretary and other senior officials.