नमस्कार बहुत स्वागत और अभिनंदन आप सभी का भारत समाचार पर मैं ब्रजेश मिश्रा हूं। आज मेरे साथ मौजूद हैं भारत के प्रधानमंत्री और काशी के सेवक नरेंद्र मोदी जी, मोदी जी आपका बहुत स्वागत और धन्यवाद हमारे दर्शकों के लिए आपने समय निकाला। प्रधानमंत्री जी 2014 और 2019 इंटेंशनली लड़ा बहुत ही इंटेंसिफाई तरीके से लड़ा अब ये चुनाव 2024 का आपको कितना चुनौतीपूर्ण लग रहा है, और बाकी चुनावों के मुकाबले इस चुनाव में आप क्या अंतर महसूस करते हैं?

पीएम मोदी: 2014 का जो चुनाव था मैं देश के लिए नया था और ज्यादातर मीडिया के माध्यम से मुझे बहुत ही नेगेटिव रूप में देश ने मेरे विषय में सुना था। तो लोगों के मन में क्यूरियोसिटी थी कि इसको इतना काला, इतना काला, इतना बुरा कह रहे तो देखो तो सही कैसा है। ये तो आम आदमी के लिए क्यूरियोसिटी थी। लेकिन क्योंकि गुजरात में देश भर के लोग होते हैं तो उनके माध्यम से कुछ ना कुछ बातें पहुंचती होगी तो धीरे-धीरे कान व कान लेकिन उस समय मीडिया ने मेरे खिलाफ जो 20 साल तक एक बॉर्डर बनाकर के रखा हुआ था, तो जनता के लिए बहुत मुश्किल था कि भाई सच क्या है तो वो पल थे। जब 2019 में मैं चुनाव में गया तो जनता के पास विश्वास था कि यार 2014 में हमने सही निर्णय किया। जनता खुद गर्व अनुभव करती थी कि हमारा निर्णय सही निकला। लोगों ने भले कुछ भी कहा हो लेकिन आदमी काम का है, ये विश्वास बहुत बड़ी ताकत बन गया। और 2024 का चुनाव जो है वो मैं साफ देख रहा हूं मोदी नहीं लड़ रहा है, बीजेपी नहीं लड़ रही है, 2024 का चुनाव 140 करोड़ देशवासी लड़ रहे हैं। शायद ये हिंदुस्तान का पहला चुनाव ऐसा है कि जिसकी ओनरशिप देश के नागरिकों ने ली है, देश के युवाओं ने ली है, देश की महिलाओं ने ली है, देश के गांव-गरीब-बस्ती में रहने वाले हमारे परिवारजनों ने ली है और लोगों को लगता होगा कि मैं कहता हूं कि मेरा परिवार, मेरा भारत, मेरा परिवार वो शब्द नहीं है मैं हिंदुस्तान के हर कोने में अनुभव कर रहा हूं कि जैसा एक परिवारजन अपने परिवार के व्यक्ति के लिए जी-जान से जुटता है वैसे ही 140 करोड़ परिवारजन मुझे अपने परिवारजन के रूप में मेरे लिए जुट रहे हैं। खुद खर्चा कर रहे हैं, दौड़ रहे हैं, दिव्यांग है, अशक्त है, बूढ़ी मां है जो भी मैं सुनता हूं, देखता हूं तो मुझे लगता है कि मैं तो कुछ नहीं हूं जी शायद ईश्वर ने मुझे निमित्त बनाया होगा ये सारा कमाल तो उन्हीं का है 140 करोड़..। मैं काश में देख रहा हूं मुझे कुछ नहीं करना पड़ता है जी सिर्फ नमस्ते करता हूं और भरपूर आशीर्वाद मिल जाते हैं।

 

ब्रजेश मिश्रा: रैलियों में जाते हैं प्रधानमंत्री युवाओं से मिलते हैं महिलाओं से ढेर सारी लाखों जनता से इंटरैक्ट करते हैं क्या वाइब्रेंसी फील कर रहे हैं आप, उनसे क्या महसूस कर रहे हैं उनकी आपसे क्या आकांक्षाएं हैं?

पीएम मोदी: पहली बात है कि मेरे लिए जनता- जनार्दन वो ईश्वर का रूप है तो मैं जब जनता को देखता हूं तो मैं भीड़ नहीं देखता हूं, मैं चेहरे नहीं देखता हूं, मेरे मन में ईश्वर का कोई रूप दिखता है और मैं ऐसा जब वहां बैठता हूं या खड़ा रहता हूं तो ऐसा लगता है कि मैं मेरे ईश्वर के सामने, मेरे आराध्य के सामने, एक पुजारी की तरह, एक सेवक की तरह, प्रस्तुत हुआ हूं मुझे पक्का विश्वास है कि मेरी पूजा में कोई कमी नहीं रहेगी, मेरी सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी, मेरे समर्पण में कोई कमी नहीं रहेगी, मेरी त्याग- तपस्या में कोई कमी नहीं रहेगी और मैं ये मेरा जो ईश्वर है उसकी वैसे ही पूजा करूंगा, वैसे ही साधना करूंगा उसकी जो भी आवश्यकता है उसी लगन से मुझसे हो सकेगा एक सेवक की तरह करता रहूंगा।

 

ब्रजेश मिश्रा: आप तीसरे कार्यकाल के लिए जनता से समर्थन मांग रहे हैं, अगले 5 साल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इस देश के लिए क्या विजन है? क्या रोड मैप है आपका?

पीएम मोदी: आपने देखा होगा कि 2014 से लेकर 2024 तक मेरे हर कार्य में देश का सामान्य मानवी सेंटर में होता है, केंद्र में होता है। पहले मेरे मन में कोशिश रही कि उसकी कठिनाइयों को कम करूं मैं, रोजमर्रा की जिंदगी में उसको जो जरूरतें हैं ये देश उनका है, ये अंग्रेज हुकूमत नहीं कर रहे हैं जी, इस देश के लोग इस पर हुकूमत करते हैं। उसको छोटी- छोटी चीजों के लिए जद्दोजहद करना पड़े जी

 

ब्रजेश मिश्रा: मसलन छोटी चीजें मतलब..

पीएम मोदी: जैसे पानी, रहने के लिए घर, बच्चों के लिए शिक्षा, बुजुर्गों के लिए दवाई, दवाई हो पढ़ाई हो कमाई हो सिंचाई हो ये सारी चीजें ऐसी हैं जिसको मेरे देश के लोगों को 75 साल के बाद इसको पाने के लिए हाथ- पैर पसारने पड़े ये नहीं चल सकता, वो मेरे देश का मालिक है और चाहे मैंने टॉयलेट बनाने का काम किया हो या मकान बनाने का काम किया हो समाज में से 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आना जीवन में इससे बड़ा संतोष क्या हो सकता है जी? अब मेरा काम है वो 25 करोड़ किसी भी हालत में वापस गरीबी में नहीं जाने चाहिए इसलिए उनका हैंड होल्डिंग होना चाहिए। दूसरा पहले मुझे 25 करोड़ लोगों को बाहर लाने में मेहनत ज्यादा करनी पड़ी अब जो बाकी बचे हैं उनको मैं बहुत तेजी से ले आऊंगा क्योंकि उन्होंने भी देखा यार वो तो उसका जीवन बदल गया क्यों उसने दो चीज की थी उसको भी लगेगा यार मुझे मौका मिले तो मैं भी करूंगा, मैं भी निकल आऊंगा तो मेरे मन में एक भाव है और दूसरा ईज ऑफ लिविंग आज मध्यम वर्ग के परिवार हर 10 कदम पर कहीं ना कहीं सरकार आकर टांग अड़ाती है...

 

ब्रजेश मिश्रा: हां बिल्कुल..

पीएम मोदी: सरकार परेशान करती है ये कागज लाओ वो कागज लाओ..

 

ब्रजेश मिश्रा: एनओसी लाओ वो एनओसी लाओ..ट्रू

पीएम मोदी: क्या लॉजिक है जी, टेक्नोलॉजी का जमाना है जनता- जनार्दन पर भरोसा करो वो हमसे ज्यादा ईमानदार है, वो हमसे ज्यादा समझदार है जब मैंने कहा अब देखिए आपको कैसी- कैसी चीजें हमारे देश में चलती थीं, दर्द होता है जी और आप मीडिया वालों ने भी ये कुछ नहीं किया आपको नेताओं की इधर- उधर करने में अपना टाइम बर्बाद किया। मुझे बताइए हमारा एक नागरिक जेरॉक्स का जमाना है, टेक्नोलॉजी का जमाना है बुरा हो सकता है मैं नहीं कहता बुरा नहीं हो सकता है लेकिन उसको एक सर्टिफिकेट को सर्टिफाई कराने के लिए किसी पॉलिटिकल लीडर के घर जाकर के ठप्पा मरवाना पड़ता है एमएलए, एमपी या कॉरपोरेटर के यहां उसको जाकर के अफसरों से सर्टिफाइड करना पड़ता है, मैंने कहा क्या जरूरत है वो खुद सेल्फ सर्टिफाई करके दे दे कि मेरा सर्टिफिकेट है, उसका ये जेरॉक्स कॉपी है और मैं सबमिट करता हूं जिस दिन उसका फाइनल इंटरव्यू होगा उस दिन ओरिजिनल दिखा दे भाई मैंने सब बंद कर दिया, इसका मतलब ईज ऑफ लिविंग आया सरकार उसकी जिंदगी से निकल गई। ऐसी बहुत सी चीजें आप जैसे पहले आपने देखा रेलवे स्टेशन पर कतारें लगी रहती थीं रिजर्वेशन के लिए उसको बेचारे को 100- 200 रुपये के रोजगार छोड़ कर के कतार में खड़ा रहना पड़ता था आरक्षण के लिए ट्रेन में, मैंने कॉमन सर्विस सेंटर शुरू कर दिए देश में करीब 5 लाख आप वहां पर जाकर टिकट निकाल सकते हो, आना पूरा दिन खराब करना कोई जरूरत नहीं है। मैंने डायलिसिस सेंटर शुरू किए थे हर जगह अब डायलिसिस के लिए मुझे मैन पावर तैयार करना पड़ा, नए नौजवानों को रोजगार देना, उनकी ट्रेनिंग करना, डायलिसिस के लिए सारे मशीन लाना आज मैंने देखा एक बार मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात कर रहा था डायलिसिस एक ऐसी चीज है कि जिसको किए बिना कोई चारा ही नहीं है जी.. चारा ही नहीं है। अपने गांव से डायलिसिस के लिए जाना 200 किलोमीटर दूर जाना 300 किलोमीटर दूर जाना रातभर वहां पड़े रहना सुबह नंबर लगे मुझे पीड़ा करता था मैंने आज हिंदुस्तान में हजारों अस्पतालों में डायलिसिस सेंटर खोल दिए, मुफ्त डायलिसिस करवाता हूं सबका अब ये सामान्य व्यक्ति में आपके हिसाब में जुड़ गया आपने इतने सालों से मीडिया में होंगे कभी डायलिसिस की स्टोरी नहीं की होगी, कभी आप डायलिसिस पेशेंट को नहीं मिले होंगे मतलब आप लोग भी जो मीडिया में अपने आपको बड़े तीसमार खां मानते हो आपको पता नहीं है मैं आप यानी मतलब मिस्टर बृजेश की बात नहीं कर रहा हूं आपको पता नहीं देश में क्या बदलाव हो रहा है? आज वो मैं एक एक बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में छोटा उदयपुर की एक मुस्लिम महिला मिली बोले साहब मेरा 2000 रुपये हर हफ्ते का बच रहा है और मेरा शौहर बच जाएगा और उसकी जिंदगी लंबी हो जाएगी ये आशीर्वाद है जी, अब देखिए हम आयुष्मान आरोग्य मंदिर बना रहे हैं देश में दो लाख के करीब बनाने का काम.. काफी बन चुके हैं आप देश के टॉप डॉक्टर से अपने गांव से अपनी बीमारी की चर्चा कर सकते हैं।

 

ब्रजेश मिश्रा: थ्रू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग..

पीएम मोदी: टेलीमेडिसिन, मैं टेक्नोलॉजी का उपयोग करता हूं उस पर भरोसा होने लगा है उसकी प्राइमरी जो रिक्वायरमेंट है वहीं हो जाती है उसको शहर- गांव जाने की जरूरत नहीं है जी, निर्णय छोटे होते हैं जी। मैंने देखा है दिल्ली एम्स में लोग अपना नंबर लगे इसलिए दो- दो, तीन- तीन दिन वहां बाहर फुटपाथ पर पड़े रहते थे, नथिंग टू डू वो ऑनलाइन करे, अपना टोकन मिल जाए, टोकन मिले उस समय वो आ जाए यानी सामान्य मानवी की जिंदगी..

 

ब्रजेश मिश्रा: उसमें बदलाव आया..

पीएम मोदी: ईज ऑफ लिविंग, ये बहुत बड़ा काम है। दूसरा अब मुझे 2047 ये मेरा लक्ष्य है, मेरे देश के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय दुनिया के जो समृद्ध देशों की होती है उतनी मुझे करनी है। दुनिया में ओलंपिक होता है और मेरा देश दो- दो दिन तक इंतजार करता है कि यार कोई गोल्ड मेडल आए..

 

ब्रजेश मिश्रा: ..कि कोई टैली तो बढ़े..

पीएम मोदी: मुझे आज दुनिया में गोल्ड मेडल में मेरे बच्चे आगे बढ़े, मैं चाहता हूं। नोबेल प्राइज में कभी नाम ही नहीं आता हिंदुस्तान का मैं चाहूंगा मेरे देश के लोगों की रिसर्च के ऊपर दुनिया बनी होनी चाहिए, मैं समझता हूं भारत के लोगों के पास सामर्थ्य है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना आ रहा है पूरी दुनिया का नेतृत्व भारत करेगा, आज फिनटेक- यूपीआई दुनिया जब देखती है कि अरबों- खरबों का कारोबार गांव का गरीब आदमी भी रेहड़ी- पटरी वाला भी मोबाइल से कर लेता है ये रिवॉल्यूशन है। आंखों के सामने हम देख रहे हैं। मैं 2047 में दुनिया का समृद्ध देश तो बनेगा ही बनेगा लेकिन दुनिया की जरूरतों को पूरे करने का सामर्थ्य, दुनिया भारत से प्रेरणा ले कि हां भाई हमें आगे बढ़ना है तो भारत की तरह बढ़ना है, उस दिशा में मैं ले जाना चाहता हूं।

 

ब्रजेश मिश्रा: विपक्ष इस चुनाव में जिन मुद्दों का और जिन एजेंडों के आधार पर आगे बढ़ रहा है, आप और आपकी पार्टी कितना सहज पाते हैं उन मुद्दों को जो विपक्ष रेज कर रहा है और इसी में एक सवाल और है कि आपको 400 क्यों चाहिए और 400 का लक्ष्य आपने क्यों रखा इसके पीछे आधार क्या है?

पीएम मोदी: पहली बात ये है क्या इस देश का मीडिया ये विपक्ष- विपक्ष कर- करके उनकी गंध को फैलाने का काम क्यों कर रहे हो, जो लोग बोलते हैं उनको भी तो कभी पूछो कि तुम्हारा इस एजेंडा के पीछे लॉजिक क्या है? तुम जब सरकार में थे तब तुमने इसमें क्या किया था? अब तुम कहते हो कि ये करना चाहते तो कैसे करोगे? मोदी ने क्या नहीं किया, इसकी सूची लेकर घूम रहे हो। मान लीजिए वो कहेंगे कि फलानी जगह पर मोदी ने तालाब नहीं बनाया ठीक है, क्या किसी मीडिया ने पूछा कि 60 साल तुम थे, तुमने तालाब क्यों नहीं बनाया? क्या वो तालाब तो बनाया था मोदी ने आकर भर दिया क्या? आप लोगों में वो हिम्मत नहीं है उनको पूछने की और उनके झूठ को लेकर के दुनियाभर में टहलते रहते हो और हम जैसे लोग जो इजीली अवेलेबल है उनके मुंह में उंगलिया डाल- डाल करके पूछ रहे हो तो पहली बात ये है कि विपक्ष का कोई एजेंडा ही नहीं है, विपक्ष गालियां दे रहा है, अब विपक्ष का हाल देखिए उन्होंने इंडी अलायंस बनाया मैं हकीकतों के आधार पर बोल रहा हूं और उसमें आप भी सहमत होंगे इसलिए नहीं कि मैं कह रहा हूं आप भी सहमत.. जैसे इंडी अलायंस बोर्ड लग गया, क्या इंडी अलायंस बना क्या? जितनी बार वो इकट्ठे हुए तीन या चार बार इकट्ठे हुए फोटो ऑफ हुआ हर बार संख्या कम होती गई। दूसरा पहले अध्यक्ष आता था फिर महासचिव आने लगा फिर उससे भी जूनियर आने लगा अब तो आना ही बंद हो गया मतलब इंडी अलायंस शेप ही नहीं ले पा रहा है। इतना बड़ा देश का चुनाव है और आप गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ना चाहते आप गठबंधन नहीं बना पाए फिर गठबंधन में लेटर एंड स्पिरिट भी होता है, लेटर एंड स्पिरिट होता है तो आपका काम था कि आप साथ मिलकर के चलें, कम से कम एक- दूसरे का सहयोग करें। फर्स्ट फेज का चुनाव आपका सबसे बड़ा विश्वस्त साथी लेफ्ट आपकी आइडियोलॉजी पर पूरा का पूरा कब्जा लेफ्ट का लेकिन आपने केरल में जाकर लेफ्ट के खिलाफ चुनाव भी लड़ा, लेफ्ट के खिलाफ अनाप- शनाप भाषा बोली, लेफ्ट वालों ने भी शायद हिंदुस्तान में किसी राज्य में ऐसी गंदी भाषा नहीं बोली गई जो केरल के चुनाव में बोली गई है कांग्रेस और लेफ्ट के बीच में, मीडिया ने रिपोर्ट नहीं किया इसको, इसका मतलब आपने इंडी अलायंस के स्पिरिट को पहले दिन पीठ में छुरा भोक दिया वो चल नहीं सकता है मतलब आप रणनीति के तहत भी इकट्ठे नहीं हो पा रहे हैं, नीति के तहत तो कोई आपके पास से अपेक्षा ही नहीं है और इसलिए आप इंडी अलायंस के नाम पर अपने- अपने कुनबे को बचाने में लगे हो और कुनबा भी कैसा जैसे उनका एक साथी है एसपी जो आपके उत्तर प्रदेश से है, क्या उत्तर प्रदेश में यादव समाज में होनहार नौजवान नहीं हैं क्या? क्या यादव समाज में देश को नेतृत्व कर सके ऐसे लोग नहीं है क्या? एक ही कुनबे के सभी यादवों को टिकट देना और पूरे उत्तर प्रदेश से एक भी यादव की तरफ ना जाना मतलब कुनबा बचाना इसलिए वो चुनाव जीतने के लिए काम नहीं कर रहे वो सिर्फ कुनबा कैसे बच जाए? तीसरा इंडी अलायंस देखेंगे आप तस्वीर ज्यादातर वो लोग हैं जमानत पर आए हुए हैं, ज्यादातर वो लोग हैं जिनको सजाएं हो चुकी हैं, ज्यादातर वो लोग हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और ज्यादातर वो लोग हैं जिनके बेटों के लिए वो जूझ रहे हैं ना वो देश के लोकतंत्र के लिए जूझ रहे हैं, ना देश को अच्छी सरकार देने के लिए जूझ रहे हैं ना ही वो देश में सामने जो 140 करोड़ देशवासी हैं उनके बच्चों के भविष्य के लिए उनके पास एक मिनट नहीं है, एक पल नहीं है। 400 का सवाल है भारतीय जनता पार्टी और एनडीए 2019 से 2024 हम 400 सीट के साथ पार्लियामेंट में हैं, बीजेपी- एनडीए- एनडीए प्लस पूरे 5 साल मेरे पास 400 का समर्थन रहा है तो 400.. अब सवाल ये है कि आपका बेटा बड़ा तेजस्वी है 90 मार्क्स ले आया फिर भी आप उसको कहेंगे देखो बेटे अगली बार 95 लाना है, कहोगे कि नहीं कहोगे? आप ये कहोगे नहीं नहीं 90 हो गए तेरे और साथियों को तो 50 भी नहीं आता है क्या मेहनत करते हो जाओ 60 आएंगे तो भी चलेगा, कोई नहीं कहता हर कोई कहता है नहीं यार 95 आना चाहिए अगर मेरे पास 400 है तो मैं तो चाहूंगा कि 400 से पार जाऊं, दूसरा 400 पार का नारा देश की जनता से आया था हमारी तरफ से नहीं आया हमने जो नारा दिया वो धारा 370 का स्मरण कराने के लिए 370 पार, बीजेपी 370 पार एनडीए 400 पार, ये था।

 

ब्रजेश मिश्रा: जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव या विपक्ष के दूसरे नेता साथ आते हैं और आपकी व्यक्तिगत आलोचना भी होती है, आपके काम की भी आलोचना होती है, मन में गुस्सा आता है?

पीएम मोदी: पहली बात है लोकतंत्र में आलोचना अनिवार्य है वरना लोकतंत्र बर्बाद हो जाएगा जी, लोकतंत्र में आलोचना होनी चाहिए, तीखी आलोचना होनी चाहिए, मोदी के बाल नोच लेने चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है आलोचना नहीं होती है, आरोप होते हैं। आलोचना और आरोप में बहुत फर्क होता है, आलोचना करने के लिए रिसर्च करनी पड़ती है मोदी ने कहा कि 11 करोड़ टॉयलेट बने तो रिसर्च करनी पड़ती है चलो इस गांव में कितने बने, इस जिले में कितने बने, इस राज्य में कितने बने मोदी झूठ बोल रहा है 10 करोड़ बने 11 करोड़ बोल रहा है आलोचना होती है, नहीं कर रहे हैं जी मैं तो चाहूंगा कि परमात्मा विपक्ष को बहुत ताकत दें ताकि वो आलोचना करने का सामर्थ्य आए उसमें, लोकतंत्र में वाद- विवाद- संवाद अनिवार्य है। मुझे दुख इस बात का रहा कि 2014 से 2024 मुझे ये सौभाग्य ही नहीं मिला आलोचना का, मैं आलोचना का सौभाग्य ढूंढ रहा हूं जी अगर 5-15 भी लोग इस बार अच्छे जीत करके आए अपोजिशन में और बढ़िया मेहनत करके आलोचना करो और सरकार को मजबूर करें लोकतंत्र तब मजबूत होता है जी मैं तो मीडिया से भी कहता हूं कि आप लोगों के जो कूड़ा- कचरा लेकर के घूमते रहते हो आप रिसर्च करो, रिसर्च करके मुद्दे ले आओ, मुद्दे लेकर के आलोचना करो सरकार की, मैं पक्का मानता हूं कितने भी तीसमार खां सरकार होगी ना लाइन पर आ जाएगी..

 

ब्रजेश मिश्रा: और आप आलोचना पसंद करते हैं, बुरा नहीं मानते हैं?

पीएम मोदी: अनिवार्य मानता हूं पसंद छोड़िए अनिवार्य मानता हूं। मैंने इंडी अलायंस पर आरोप नहीं लगाया मैंने इंडी अलायंस का एनालिसिस किया, क्या किया पहले में कितने थे, दूसरे में कितने थे, तीसरे में कितने थे? उन्होंने केरल में क्या, उन्होंने उत्तर प्रदेश में क्या किया? मैं एक- एक उदाहरण के साथ बता रहा हूं मैं आलोचना कर रहा हूं मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं।

 

ब्रजेश मिश्रा: अब दो छोटे- छोटे सवाल हैं आपको जब तानाशाह कहते हैं लोग और आरोप भी लगाते हैं आपको गुस्सा आता है, मन में क्या चलता है? रिएक्शन क्या होता है आपका?

पीएम मोदी: पहली बात ये है आपको इतना ही सम्मान देता हूं जो मैं देश के किसी भी नागरिक को देता क्यों इसलिए कि आप जब सार्वजनिक जीवन में है, आपके लिए 140 करोड़ देशवासी आपका परमात्मा है तो आपने अपना फोकस नहीं बदलना चाहिए, आपने जिस लक्ष्य पर चले आप इधर-उधर जाएंगे कि यार ये बोला तो मैं उधर देखूं वो बोला तो उधर, नहीं जी मुझे तो वहां जाना है तो मैं एक प्रकार से बड़े विरक्त भाव से और लक्ष्य के प्रति समर्पित भाव से जी रहा हूं और एक प्रकार से कभी-कभी तो मैं सोचता हूं कि जो आलोचना आरोप होते हैं, गालियां पड़ती हैं, वो मेरे हेल्थ को भी अच्छा लगती है।

 

ब्रजेश मिश्रा: आप वैचारिक धरातल पर बीजेपी को कहां ले जाना चाहते हैं, ये मेरा अंतिम सवाल है?

पीएम मोदी: मैं कौन होता हूं बीजेपी को वैचारिक धरातल पर ले जाऊं, वेद से विवेकानंद तक जो भी कहा गया है उससे बड़ी विचारधारा क्या हो सकती है, वेद से विवेकानंद तक इतना कहा गया है जो पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान कर सकता है ना सिर्फ भारत की आवश्यकता है हम उसको समर्पित भाव से काम करें और जहां तक हमने इन्हीं वेद से विवेकानंद तक जो कुछ भी हमने पाया है उसको अगर मैंने शब्दों में ढाला है तो शब्दों में ये ढाला है ‘सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास- सबका प्रयास’..

 

ब्रजेश मिश्रा: काशी के जनसेवक मोदी जी 4 जून को क्या एक्सपेक्ट करते हैं?

पीएम मोदी: 4 जून को 140 करोड़ देशवासियों का भव्य विजय होगा, 140 करोड़ देशवासियों ने जो सपने संजोए हैं उन सपनों को नई ऊर्जा मिलेगी, नया सामर्थ्य मिलेगा और भारतीय जनता पार्टी के रूप में अगर आप कहें तो हम पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ करके देश की जनता के आशीर्वाद प्राप्त कर- करके फिर से एक बार हम सरकार बनाएंगे, एनडीए बहुत ताकत के साथ उभरेगा और चुनाव के बाद एनडीए प्लस भी बहुत बड़ी मात्रा में हो जाएगा और देश का दुर्भाग्य होगा इस देश में इस बार चुनाव में मान्य विपक्ष भी बनने की संभावना नहीं होगी, वो इतने कम नंबर में आएंगे

 

ब्रजेश मिश्रा: ये मोदी का प्रेडिक्शन है..

पीएम मोदी: कि उनके लिए मान्य विपक्ष बनना बड़ा मुश्किल हो जाएगा। मोदी प्रेडिक्शन नहीं करता है जी मैं जो देखता हूं जो मैं सुनता हूं जो टीवी वाले बताते हैं जो इसके जिज्ञाता लोग बताते हैं वो उनका काम है..मेरा काम नहीं है।

 

ब्रजेश मिश्रा: प्रधानमंत्री जी आपका बहुत धन्यवाद हमें समय देने के लिए

पीएम मोदी: बहुत- बहुत नमस्कार


ब्रजेश मिश्रा: मैं आपका अभिनंदन करता हूं आपने हमारे दर्शकों के लिए समय निकाला आपका धन्यवाद


पीएम मोदी: थैंक्यू..थैंक्यू

Explore More
78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

Media Coverage

"91.8% of India's schools now have electricity": Union Education Minister Pradhan
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Naming the islands in Andaman and Nicobar after our heroes is a way to ensure their service to the nation is remembered for generations to come: PM
December 18, 2024
Nations that remain connected with their roots that move ahead in development and nation-building: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi today remarked that naming the islands in Andaman and Nicobar after our heroes is a way to ensure their service to the nation is remembered for generations to come. He added that nations that remain connected with their roots that move ahead in development and nation-building.

Responding to a post by Shiv Aroor on X, Shri Modi wrote:

“Naming the islands in Andaman and Nicobar after our heroes is a way to ensure their service to the nation is remembered for generations to come. This is also part of our larger endeavour to preserve and celebrate the memory of our freedom fighters and eminent personalities who have left an indelible mark on our nation.

After all, it is the nations that remain connected with their roots that move ahead in development and nation-building.

Here is my speech from the naming ceremony too. https://www.youtube.com/watch?v=-8WT0FHaSdU

Also, do enjoy Andaman and Nicobar Islands. Do visit the Cellular Jail as well and get inspired by the courage of the great Veer Savarkar.”