Prime Minister Shri Narendra Modi reviewed the implementation of PM-SVANidhi Scheme of Ministry of Housing & Urban Affairs earlier today.
It was informed over 2.6 lakh applications have been received, over 64,000 have been sanctioned and over 5,500 have been disbursed. He expressed satisfaction on use of end-to-end IT solution through a web-portal and mobile App for administration of the Scheme to ensure transparency, accountability and speed.
While noting that the Ministry of Housing and Urban Affairs is working on a complete IT solution including mobile application for seamless implementation of the scheme, Prime Minister said that the scheme design should incentive use of end-to-end digital transactions by the street vendors. This should cover the entire gamut of their business – from procurement of raw material to collection of sale proceeds. Appropriate incentives and trainings should be conducted for this purpose. Use of digital payments would also help build a credit profile for the street vendor helping them in future financial needs.
Prime Minister said that the scheme should not be just seen from the perspective for extending loans to street vendors. It should also be seen as a part of an outreach to the street vendors for their holistic development and economic upliftment. One step in this direction would be by capturing their entire socio-economic details to facilitate necessary policy interventions. Such data could also be used by different Ministries of Government of India to benefit them under various Schemes for which they are eligible, on priority. These include housing under PMAY-U, cooking gas under Ujjawala, electricity under Saubhagya, health under Ayushman Bharat, skilling under DAY-NULM, Bank account under Jan Dhan etc.
Background
Government of India has launched PM SVANidhi Scheme to facilitate collateral free working capital loan upto Rs.10,000/- of one-year tenure, to approximately, 50 lakh street vendors, to resume their businesses. Incentives in the form of interest subsidy (@ 7% per annum) and cash back (upto Rs.1,200/- per annum) are being provided to promote good repayment behaviour and digital transactions respectively. The interest subsidy effectively works out to 30 % of the entire interest burden for a loan of Rs. 10,000 @ 24 % annual interest.
Therefore, in effect the vendor does not pay any interest, rather gets a subsidy on the loan amount if he repays in time and uses digital transactions for all receipts and payments. The scheme entails enhanced next tranche of loan on early or timely repayment. Loan processing has begun since July 02, 2020 through an IT platform “PM SVANidhi” with Small Industries Development Bank of India (SIDBI), which is the implementing agency for the scheme administration.
This is the right time to Create In India, Create For The World: PM Modi at WAVES Summit
May 01, 2025
Share
WAVES highlights India's creative strengths on a global platform: PM
World Audio Visual And Entertainment Summit, WAVES, is not just an acronym, It is a wave of culture, creativity and universal connectivity: PM
India, with a billion-plus population, is also a land of a billion-plus stories: PM
This is the right time to Create In India, Create For The World: PM
Today when the world is looking for new ways of storytelling, India has a treasure of its stories dating back thousands of years, this treasure is timeless, thought-provoking and truly global: PM
This is the time of dawn of Orange Economy in India, Content, Creativity and Culture - these are the three pillars of Orange Economy: PM
Screen size may be getting smaller, but the scope is becoming infinite, Screen is getting micro but the message is becoming mega: PM
Today, India is emerging as a global hub for film production, digital content, gaming, fashion, music and live concerts: PM
To the creators of the world — dream big and tell your story, To investors — invest not just in platforms, but in people, To Indian youth — tell your one billion untold stories to the world: PM
आज महाराष्ट्राचा स्थापना दिवस. छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या या भूमीतील सर्व बंधू-भगिनींना महाराष्ट्र दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!
आजे गुजरातनो पण स्थापना दिवस छे, विश्व भर में फैले सब गुजराती भाई-बहनों को भी गुजरात स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
वेव्स समिट में उपस्थित, महाराष्ट्र के गवर्नर सी. पी. राधाकृष्णन जी, महाराष्ट्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, एल मुरुगन जी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे जी, अजीत पवार जी, दुनिया के कोने-कोने से जुड़े क्रिएटिव वर्ल्ड के सभी दिग्गज, विभिन्न देशों से पधारे information, communication, art एवं culture विभागों के मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, दुनिया के कोने-कोने से जुड़े क्रिएटिव वर्ल्ड के चेहरे, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों !
साथियों,
आज यहां मुंबई में 100 से अधिक देशों के Artists, Innovators, Investors और Policy Makers, एक साथ, एक ही छत के नीचे, एकत्र हुए हैं। एक तरह से आज यहां Global Talent और Global Creativity के एक Global Ecosystem की नींव रखी जा रही है। World Audio Visual And Entertainment Summit यानि वेव्स, ये सिर्फ एक्रोनिम नहीं है। ये वाकई, एक Wave है, Culture की, Creativity की, Universal Connect की। और इस Wave पर सवार हैं, फिल्में, म्यूजिक, गेमिंग, एनीमेशन, स्टोरीटेलिंग, क्रिएटिविटी का अथाह संसार, Wave एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म है, जो आप जैसे हर आर्टिस्ट, हर Creator का है, जहां हर कलाकार, हर युवा, एक नए Idea के साथ Creative World के साथ जुड़ेगा। इस ऐतिहासिक और शानदार शुरुआत के लिए, मैं देश-विदेश से जुटे आप सभी महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आप सबका अभिनंदन करता हूं।
|
साथियों,
आज एक मई है, आज से 112 साल पहले, तीन मई 1913, भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिशचंद्र रिलीज हुई थी। इसके निर्माता दादा साहेब फाल्के जी थे, और कल ही उनकी जन्मजयंती थी। बीती एक सदी में, भारतीय सिनेमा ने, भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है। रूस में राजकपूर जी की लोकप्रियता, कान में सत्यजित रे की पॉपुलैरिटी, और ऑस्कर में RRR की Success में यही दिखता है। गुरु दत्त की सिनेमेटिक Poetry हो या फिर रित्विक घटक का Social Reflection, A.R. Rahman की धुन हो या राजामौली की महागाथा, हर कहानी, भारतीय संस्कृति की आवाज़ बनकर दुनिया के करोड़ों लोगों के दिलों में उतरी है। आज Waves के इस मंच पर हमने भारतीय सिनेमा के अनेक दिग्गजों को डाक-टिकट के माध्यम से याद किया है।
साथियों,
बीते वर्षों में, मैं कभी गेमिंग वर्ल्ड के लोगों से मिला हूं, कभी म्यूजिक की दुनिया के लोगों से मिला, फिल्म मेकर्स से मिला, कभी स्क्रीन पर चमकने वाले चेहरों से मिला। इन चर्चाओं में अक्सर भारत की क्रिएटिविटी, क्रिएटिव केपेबिलिटी और ग्लोबल कोलैबोरेशन की बातें उठती थीं। मैं जब भी आप सभी क्रिएटिव वर्ल्ड के लोगों से मिला, आप लोगों से Ideas लेता था, तो भी मुझे स्वयं भी इस विषय की गहराई में जाने का मौका मिला। फिर मैंने एक प्रयोग भी किया। 6-7 साल पहले, जब महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंति का अवसर आया, तो 150 देशों के गायक-गायिकाओं को गांधी जी का प्रिय गीत, वैष्णव जन को तेने कहिए, ये गाने के लिए मैंने प्रेरित किया। नरसी मेहता जी द्वारा रचित ये गीत 500-600 साल पुराना है, लेकिन ‘गांधी 150’ के समय दुनिया भर के आर्टिस्ट्स ने इसे गाया है और इसका एक बहुत बड़ा इंपैक्ट हुआ, दुनिया एक साथ आई। यहां भी कई लोग बैठे हैं, जिन्होंने ‘गांधी 150’ के समय 2-2, 3-3 मिनट के अपने वीडियोज बनाए थे, गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ाया था। भारत और दुनिया भर के क्रिएटिव वर्ल्ड की ताकत मिलकर क्या कमाल कर सकती है, इसकी एक झलक हम तब देख चुके हैं। आज उसी समय की कल्पनाएं, हकीकत बनकर वेव्स के रूप में जमीन पर उतरी है।
साथियों,
जैसे नया सूरज उगते ही आकाश को रंग देता है, वैसे ही ये समिट अपने पहले पल से ही चमकने लगी है। "Right from the first moment, The summit is roaring with purpose." पहले एडिशन में ही Waves ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। हमारे Advisory Board से जुड़े सभी साथियों ने जो मेहनत की है, वो आज यहां नजर आ रही है। आपने बीते दिनों में बड़े पैमाने पर Creators Challenge, Creatosphere का अभियान चलाया है, दुनिया के करीब 60 देशों से एक लाख क्रिएटिव लोगों ने इसमें Participate किया। और 32 चैलेंजेज़ में 800 फाइनलिस्ट चुने गए हैं। मैं सभी फाइनलिस्ट्स को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आपको मौका मिला है- दुनिया में छा जाने का, कुछ कर दिखाने का।
|
साथियों,
मुझे बताया गया है कि यहां आपने भारत पैविलियन में बहुत कुछ नया रचा है, नया गढ़ा है। मैं इसे देखने के लिए भी बहुत उत्सुक हूं, मैं जरूर जाऊंगा। Waves Bazar का Initiative भी बहुत Interesting है। इससे नए क्रिएटर्स Encourage होंगे, वो नए बाजार से जुड़ पाएंगे। आर्ट की फील्ड में, Buyers और Sellers को कनेक्ट करने का ये आइडिया वाकई बहुत अच्छा है।
साथियों,
हम देखते हैं कि छोटे बच्चे के जीवन की शुरुआत, जब बालक पैदा होता है तब से, मां से उसका संबंध भी लोरी से शुरु होता है। मां से ही वो पहला स्वर सुनता है। उसको पहला स्वर संगीत से समझ आता है। एक मां, जो एक बच्चे के सपने को बुनती है, वैसे ही क्रिएटिव वर्ल्ड के लोग एक युग के सपनों को पिरोते हैं। WAVES का मकसद ऐसे ही लोगों को एक साथ लाने का है।
साथियों,
लाल किले से मैंने सबका प्रयास की बात कही है। आज मेरा ये विश्वास और पक्का हो गया है कि आप सभी का प्रयास आने वाले वर्षों में WAVES को नई ऊंचाई देगा। मेरा इंडस्ट्री के साथियों से ये आग्रह बना रहेगा, कि जैसे आपने पहली समिट की हैंड होल्डिंग की है, वो आगे भी जारी रखें। अभी तो WAVES में कई तरह की खूबसूरत लहरें आनी बाकी हैं, भविष्य में Waves अवॉर्ड्स भी लॉन्च होने वाले हैं। ये आर्ट और क्रिएटिविटी की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स होने वाले हैं। हमें जुटे रहना है, हमें जग के मन को जीतना है, जन-जन को जीतना है।
साथियों,
आज भारत, दुनिया की Third Largest Economy बनने की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट में नंबर वन है। दुनिया का सेकेंड लार्जेस्ट मोबाइल मैन्यूफैक्चरर है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भारत में है। विकसित भारत की हमारी ये जर्नी तो अभी शुरू हुई है। भारत के पास इससे भी कहीं अधिक ऑफर करने के लिए है। भारत, बिलियन प्लस आबादी के साथ-साथ, बिलियन प्लस Stories का भी देश है। दो हज़ार साल पहले, जब भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र लिखा, तो उसका संदेश था - "नाट्यं भावयति लोकम्" इसका अर्थ है, कला, संसार को भावनाएं देती है, इमोशन देती है, फीलिंग्स देती है। सदियों पहले जब कालिदास ने अभिज्ञान-शाकुंतलम लिखी, शाकुंतलम, तब भारत ने क्लासिकल ड्रामा को एक नई दिशा दी। भारत की हर गली में एक कहानी है, हर पर्वत एक गीत है, हर नदी कुछ न कुछ गुनगुनाती है। आप भारत के 6 लाख से ज्यादा गांवों में जाएंगे, तो हर गांव का अपना एक Folk है, Storytelling का अपना ही एक खास अंदाज़ है। यहां अलग-अलग समाजों ने लोककथाओं के माध्यम से अपने इतिहास को अगली पीढ़ी तक पहुंचाया है। हमारे यहां संगीत भी एक साधना है। भजन हों, गज़लें हों, Classical हो या Contemporary, हर सुर में एक कहानी है, हर ताल में एक आत्मा है।
|
साथियों,
हमारे यहां नाद ब्रह्म यानि साउंड ऑफ डिवाइन की कल्पना है। हमारे ईश्वर भी खुद को संगीत और नृत्य से अभिव्यक्त करते हैं। भगवान शिव का डमरु - सृष्टि की पहली ध्वनि है, मां सरस्वती की वीणा - विवेक और विद्या की लय है, श्रीकृष्ण की बांसुरी - प्रेम और सौंदर्य का अमर संदेश है, विष्णु जी का शंख, शंख ध्वनि- सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान है, इतना कुछ है हमारे पास, अभी यहां जो मन मोह लेने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई, उसमें भी इसकी झलक दिखी है। और इसलिए ही मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है। ये Create In India, Create For The World का सही समय है। आज जब दुनिया Storytelling के लिए नए तरीके ढूंढ रही है, तब भारत के पास हज़ारों वर्षों की अपनी कहानियों का खज़ाना है। और ये खजाना Timeless है, Thought-Provoking है और Truly Global है। और ऐसा नहीं है कि इसमें कल्चर से जुड़े विषय ही हैं, इसमें विज्ञान की दुनिया है, स्पोर्ट्स है, शौर्य की कहानियां हैं, त्याग-तपस्या की गाथाएं हैं। हमारी स्टोरीज में साइंस भी है, फिक्शन भी है, करेज है, ब्रेवरी है, भारत के इस खजाने की बास्केट बहुत बड़ी है, बहुत विशाल है। इस खजाने को दुनिया के कोने-कोने में ले जाना, आने वाली पीढ़ियों के सामने नए और Interesting तरीके से रखना, ये waves platform की बड़ी जिम्मेदारी है।
साथियों,
आप में से ज्यादातर लोगों को पता है कि हमारे यहां पद्म अवार्ड आजादी के कुछ साल बाद ही शुरू हो गए थे। इतने सालों से ये अवार्ड दिए जा रहे हैं, लेकिन हमने इन अवार्ड्स को पीपल्स पद्मा बना दिया है। जो लोग देश के दूर-दराज में, कोने-कोने में देश के लिए जी रहे हैं, समाज की सेवा कर रहे हैं, हमने उनकी पहचान की, उनको प्रतिष्ठा दी, तो पद्मा की परंपरा का स्वरूप ही बदल गया। अब पूरे देश ने खुले दिल से इसे मान्यता दी है, अब ये सिर्फ एक आयोजन ना होकर पूरे देश का उत्सव बन गया है। इसी तरह वेव्स भी है। वेव्स क्रिएटिव वर्ल्ड में, फिल्म में, म्यूजिक में, एनीमेशन में, गेमिंग में, भारत के कोने-कोने में जो टैलेंट है, उसे एक प्लेटफार्म देगा, तो दुनिया भी इसे अवश्य सराहेगी।
साथियों,
कंटेंट क्रिएशन में भारत की एक और विशेषता, आपकी बहुत मदद करने वाली है। हम, आ नो भद्र: क्रतवो यन्तु विश्वत: के विचार को मानने वाले हैं। इसका मतलब है, चारों दिशाओं से हमारे पास शुभ विचार आएं। ये हमारी civilizational openness का प्रमाण है। इसी भाव के साथ, पारसी यहां आए। और आज भी पारसी कम्यूनिटी, बहुत गर्व के साथ भारत में थ्राइव कर रही है। यहां Jews आए और भारत के बनकर रह गए। दुनिया में हर समाज, हर देश की अपनी-अपनी सिद्धियां हैं। इस आयोजन में यहां इतने सारे देशों के मंत्रीगण हैं, प्रतिनिधि हैं, उन देशों की अपनी सफलताएं हैं, दुनिया भर के विचारों को, आर्ट को वेलकम करना, उनको सम्मान देना, ये हमारे कल्चर की ताकत है। इसलिए हम मिलकर, हर कल्चर की अलग-अलग देशों की उपलब्धियों से जुड़ा बेहतरीन कंटेंट भी क्रिएट कर सकते हैं। ये ग्लोबल कनेक्ट के हमारे विजन को भी मजबूती देगा।
|
साथियों,
मैं आज दुनिया के लोगों को भी ये विश्वास दिलाना चाहता हूं, भारत के बाहर के जो क्रिएटिव वर्ल्ड के लोग हैं, उन्हें ये विश्वास दिलाना चाहता हूं, कि आप जब भारत से जुड़ेंगे, जब आप भारत की कहानियों को जानेंगे, तो आपको ऐसी-ऐसी स्टोरीज मिलेंगी, कि आपको लगेगा कि अरे ये तो मेरे देश में भी होता है। आप भारत से बहुत नैचुरल कनेक्ट फील करेंगे, तब आपको Create In India का हमारा मंत्र और सहज लगेगा।
साथियों,
ये भारत में Orange Economy का उदय काल है। Content, Creativity और Culture - ये Orange Economy की तीन धुरी हैं। Indian films की reach अब दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच रही है। आज Hundred Plus देशों में भारतीय फिल्में release होती हैं। Foreign audiences भी अब Indian films को सिर्फ सरसरी तौर से देखते नहीं, बल्कि समझने की कोशिश करता है। इसलिए आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक Indian content को subtitles के साथ देख रहे हैं। India में OTT Industry ने पिछले कुछ सालों में 10x growth दिखाई है। Screen size भले छोटा हो रहा हो, पर scope infinite है। स्क्रीन माइक्रो होती जा रही है पर मैसेज मेगा होता जा रहा है। आजकल भारत का खाना विश्व की पसंद बनता जा रहा है। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत का गाना भी विश्व की पहचान बनेगा।
साथियों,
भारत की Creative Economy आने वाले वर्षों में GDP में अपना योगदान और बढ़ा सकती है। आज भारत Film Production, Digital Content, Gaming, Fashion और Music का Global Hub बन रहा है। Live Concerts से जुड़ी इंडस्ट्री के लिए अनेक संभावनाएं हमारे सामने हैं। आज ग्लोबल एनीमेशन मार्केट का साइज़ Four Hundred And Thirty Billion Dollar से ज्यादा का है। अनुमान है कि अगले 10 सालों में ये डबल हो सकता है। ये भारत की एनीमेशन और ग्राफिक्स इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा अवसर है।
साथियों,
ऑरेंज इकोनॉमी के इस बूम में, मैं Waves के इस मंच से देश के हर युवा क्रिएटर से कहूंगा, आप चाहे गुवाहाटी के म्यूज़िशियन हों, कोच्चि के पॉडकास्टर हों, बैंगलुरू में गेम डिज़ाइन कर रहे हों, या पंजाब में फिल्म बना रहे हैं, आप सभी भारत की इकोनॉमी में एक नई Wave ला रहे हैं - Creativity की Wave, एक ऐसी लहर, जो आपकी मेहनत, आपका पैशन चला रहा है। और हमारी सरकार भी आपकी हर कोशिश में आपके साथ है। Skill India से लेकर Startup Support तक, AVGC इंडस्ट्री के लिए पॉलिसी से लेकर Waves जैसे प्लेटफॉर्म तक, हम हर कदम पर आपके सपनों को साकार करने में निरंतर लगे रहते हैं। हम एक ऐसा Environment बना रहे हैं, जहां आपके idea और इमेजिनेशन की वैल्यू हो। जो नए सपनों को जन्म दे, और आपको उन सपनों को साकार करने का सामर्थ्य दे। वेव्स समिट के जरिए भी आपको एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। एक ऐसा प्लेटफॉर्म, जहां Creativity और Coding एक साथ होगी, जहां Software और Storytelling एक साथ होगी, जहां Art और Augmented Reality एक साथ होगी। आप इस प्लेटफॉर्म का भरपूर इस्तेमाल करिए, बड़े सपने देखिए, उन्हें पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दीजिए।
|
साथियों,
मेरा पूरा विश्वास आप पर है, कंटेंट क्रिएटर्स पर है, और इसकी वजह भी है। Youth की spirit में, उनकी वर्किंग स्टाइल में, कोई barriers, कोई baggage या boundaries नहीं होती, इसीलिए आपकी creativity बिल्कुल free-flow करती है, इसमें कोई hesitation, कोई Reluctance नहीं होता। मैंने खुद, हाल ही में कई young creators से, gamers से, और ऐसे ही कई लोगों से personally interaction किया है। Social media पर भी मैं आपकी creativity को देखता रहता हूं, आपकी energy को feel करता हूं, ये कोई संयोग नहीं है कि आज जब भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी young population है, ठीक उसी वक्त हमारी creativity की नई-नई dimensions सामने आ रही हैं। Reels, podcasts, games, animation, startup, AR-VR जैसे formats, हमारे यंग माइंड्स, इन हर format में शानदार काम कर रहे हैं। सही मायने में वेव्स आपकी जनरेशन के लिए है, ताकि आप अपनी एनर्जी, अपनी Efficiency से, Creativity की पूरी इस Revolution को Re-imagine कर सकें, Re-define कर सकें।
साथियों,
Creativity की दुनिया के आप दिग्गजों के सामने, मैं एक और विषय की चर्चा करना चाहता हूं। ये विषय है- Creative Responsibility, हम सब देख रहे हैं कि 21वीं सेंचुरी के, जो की टेक ड्रिवन सेंचुरी है। हर व्यक्ति के जीवन में टेक्नोलॉजी का रोल लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मानवीय संवेदनाओं को बनाए रखने के लिए extra efforts की जरूरत हैं। ये क्रिएटिव वर्ल्ड ही कर सकता है। हमें इंसान को रोबोट्स नहीं बनने देना है। हमें इंसान को अधिक से अधिक संवेदनशील बनाना है, उसे और अधिक समृद्ध करना है। इंसान की ये समृद्धि, इंफॉर्मेशन के पहाड़ से नहीं आएगी, ये टेक्नोलॉजी की स्पीड और रीच से भी नहीं आएगी, इसके लिए हमें गीत, संगीत, कला, नृत्य को महत्व देना होगा। हज़ारों सालों से ये, मानवीय संवेदना को जागृत रखे हुए हैं। हमें इसे और मजबूत करना है। हमें एक और अहम बात याद रखनी है। आज हमारी यंग जेनरेशन को कुछ मानवता विरोधी विचारों से बचाने की ज़रूरत है। WAVES एक ऐसा मंच है, जो ये काम कर सकता है। अगर इस ज़िम्मेदारी से हम पीछे हट गए तो, ये युवा पीढ़ी के लिए बहुत घातक होगा।
साथियों,
आज टेक्नोलॉजी ने क्रिएटिव वर्ल्ड के लिए खुला आसमान बना दिया है, इसलिए अब ग्लोबल कोऑर्डिनेशन भी उतना ही जरूरी है। मुझे विश्वास है, ये प्लेटफॉर्म, हमारे Creators को Global Storytellers से कनेक्ट करेगा, हमारे Animators को Global Visionaries से जोड़ेगा, हमारे Gamers को Global Champions में बदलेगा। मैं सभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स को, ग्लोबल क्रिएटर्स को आमंत्रित करता हूं, आप भारत को अपना Content Playground बनाएं। To The Creators Of The World - Dream Big, And Tell Your Story. To Investors - Invest Not Just In Platforms, But In People. To Indian Youth - Tell Your One Billion Untold Stories To The World!
आप सभी को, पहली Waves समिट के लिए फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।