QuoteJungleraaj govt. had built an industry of kidnapping and extortion in Bihar: PM
QuoteThey were railway ministers so long but has the demands of Munger been met: PM
QuoteWe plan to do lot of work for Bihar and we need your help, you need to remove this disruptive govt: PM
QuoteMahaswarthbandhan has looted Bihar for 60 years; we must not give them another chance: PM
QuoteJungleraaj is at its peak in Bihar, there had been 4000 kidnappings between January to July this year: PM

भारत माता की जय

मंच पर विराजमान बिहार के हमारे वरिष्ठ साथी श्रीमान सुशील कुमार मोदी जी, बिहार विधान परिषद् के सदस्य श्रीमान कुशवाहा जी, हम पार्टी के अध्यक्ष और तारापुर से उम्मीदवार श्रीमान शकुनी चौधरी जी, सांसद श्री गजेन्द्र सिंह, श्री पाटिल, पूर्व सांसद श्री सूरजभान सिंह, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के महासचिव श्रीमान शिवराज सिंह जी, मुंगेर की सांसद श्रीमती वीणा देवी, भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार जी, रालोसपा के जिलाध्यक्ष श्रीमान रणधीर सिंह, मुंगेर नगर निगम की मेयर श्रीमती कुमकुम देवी, मुंगेर नगर निगम की डिप्टी मेयर सुश्री बेबी चंकी, सूर्यगढ़ से उम्मीदवार श्री प्रेम रंजन जी, भाजपा से लखीसराय के विधानसभा उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा जी, भाजपा मुंगेर से उम्मीदवार श्री प्रणव यादव जी, लोजपा से जमालपुर से उम्मीदवार श्री मानसुख कुंवर जी, सुभाष चन्द्र बोस जी, बहुत-बहुत धन्यवाद साथियों।

सभी को इस विराट जन समुदाय का आशीर्वाद मिला है और यह इस बात का सबूत है कि अब बिहार में क्या होने वाला है। एक सच बता दूँ, मैं गुजरात में कई वर्षों तक मुख्यमंत्री रहा और गुजरात में लम्बे अरसे तक लोगों ने भाजपा को सरकार बनाने का अवसर दिया लेकिन कभी सुबह 10-11 बजे ऐसी रैली करनी हो तो हम नहीं कर पाएंगे। हम शाम के समय का इंतज़ार करते हैं। मैं हैरान हूँ कि आप लोग सोते हो कि नहीं सोते हो। ये दृश्य अपने आप में इस बात का सबूत है कि हवा का रुख़ किस तरफ़ चल रहा है। देश के पोलिटिकल पंडितों को इस बार अपने सारे राजनीतिक समीक्षा के आधार बदलने के लिए बिहार ने मज़बूर कर दिया। लम्बे अरसे तक बिहार की राजनीति की चर्चा या तो कुछ नेताओं के इर्द-गिर्द रहती थी या कुछ जातियों के इर्द-गिर्द रहती थी; पहली बार बिहार का चुनाव युवाओं के जोश के आस-पास केन्द्रित हुआ है, पहली बार चुनाव विकास के विचार पर केन्द्रित हुआ है। मैं समझता हूँ कि हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक पंडितों को इस बात पर मुहर लगाने के दिन आ गए हैं।

आज 8 अक्टूबर है। मुझे मुंगेर की उस धरती पर आने का सौभाग्य मिला है जहाँ योग को आधुनिक रूप दिया गया। पूरे विश्व को मुंगेर ने आकर्षित किया और यही मुंगेर जैसी कई योगपीठ है देश में जिसने दुनिया के 190 से ज्यादा देशों को योग मनाने के लिए प्रेरित किया। मैंने 8 अक्टूबर को याद इसलिए किया क्योंकि 1979 में इसी दिन हमने हमारे प्राणप्रिय नेता आदरणीय जयप्रकाश नारायण को खो दिया था। जयप्रकाश नारायण जी में मौत से भी मुकाबला करने की ताक़त थी। उन्होंने अंग्रेज़ों के नाकों में दम कर दिया था। आजादी के बाद वे सुशासन के लिए लड़ते रहे, भ्रष्टाचार से लड़ते रहे, देश के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन खपा दिया और संपूर्ण क्रांति का मंत्र लेकर के देश के नौजवानों में एक नई चेतना भर दी थी लेकिन जयप्रकाश बाबू, कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि हमारे बीच से चले गए।

कांग्रेस पार्टी ने इस देश में आपातकाल लगाया था। हिंदुस्तान को जेलखाना बना दिया था और जयप्रकाश नारायण जी को जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया था और यहीं उनकी बीमारी आई और उन्हें ले गई। दुर्भाग्य देखिये कि को कभी जयप्रकाश नारायण जी का गीत गाते थे, यही लोग उस कांग्रेस के साथ बैठे हैं जिस कांग्रेस ने जयप्रकाश बाबू को जेल के अन्दर बंद कर दिया था। ये स्वार्थ की राजनीति नहीं है तो क्या है; ये जयप्रकाश नारायण जी के साथ धोखा नहीं है तो क्या है। राम मनोहर लोहिया जीवनभर गैर-कांग्रेसी विचारों के लिए जूझते रहे। उसी राम मनोहर लोहिया का नाम लेने वाले लोग आज कांग्रेस द्वारा पिलाये गए पानी को पीकर के हमें कोसते हैं। इसलिए मैं कहने आया हूँ कि हमें बिहार के भाग्य को बदलना है और मेरा यह विश्वास है कि बिहार के ये नौजवान बिहार की तक़दीर भी बदलेंगे, बिहार की तस्वीर भी बदलेंगे।

मैं आज मुंगेर की इस धरती पर आया हूँ तो यह स्वाभाविक है कि मुझे नंदलाल बोस जी को स्मरण करना चाहिए। यहाँ बहुत कम लोगों को उनके विषय में सुनने का अवसर मिला होगा। तारापुर में जन्मे नंदलाल बोस, जिस प्रकार बाबा अम्बेदकर ने भारत को संविधान दिया, उस संविधान को नया रूप-रंग देने का काम मुंगेर के लाल नंदलाल बोस ने किया। अलग-अलग खण्डों में 22 चित्र, जो आज भी हमारे संविधान का मूल तत्त्व है, वे 22 चित्र, उसकी सजावट, उसका रंग-रोगन इसी मुंगेर की धरती के बेटे नंदलाल बोस ने किया था। मैं आज उनको आदरपूर्वक नमन करता हूँ। कला, संस्कृति, ये बिहार के रग-रग में हैं और जब भी मौका मिला, इसने अपना असली रूप दिखाया है इसलिए पूरा देश बिहार का गौरवगान करता है, बिहार का आदर और सम्मान करता है।

भाईयों-बहनों, जब मैं जयप्रकाश जी को याद करता हूँ तो स्वाभाविक... पुराना मुंगेर जिला था; अब तो उसके हिस्से हो गए। सिमरिया में राष्ट्रकवि दिनकर का जन्म हुआ था और उनकी वह कविता जिसने पूरे देश के नौजवानों को प्रेरित किया था, “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है”, इसी को लेकर के इतिहास का नौजवान चल पड़ा था। इस बार इस चुनाव में बिहार के भाग्य को बदलने के लिए संकल्प लेना पड़ेगा।

मेरा जन्म गुजरात की धरती पर हुआ है। ये वो धरती है जहाँ चरखाधारी मोहन महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। ये वो धरती है जहाँ के चक्रधारी द्वारकाधीश भगवन श्रीकृष्ण थे। और देखिये आज भी इस धरती पर द्वारकाधीश की परंपरा कैसी चल रही है। श्रीकृष्ण के संस्कारों की छाया उस धरती को कितनी प्रेरणा देती है, यही तो कारण है कि वहां हमारे यहाँ जो यदुवंशी लोग हैं जिन्होंने देश को श्वेत क्रांति दी और आज दूध के क्षेत्र में अमूल जैसी कई डेयरियाँ गुजरात की प्रसिद्ध है। भारत में श्वेत क्रांति का केंद्र बिंदु गुजरात बन गया था। श्रीकृष्ण की परंपरा को उन्होंने गौ-पालन करके निभाया।

लेकिन यहाँ के एक नेता क्या-क्या खा गए और उन्होंने यदुवंशियों का अपमान किया है। लालू जी चुनाव आते हैं, जाते हैं लेकिन आप ये मत भूलिये कि यही यदुवंश के लोग थे जो आपके साथ खड़े रहे थे और तब जाकर आपको सत्ता के सिंहासन तक जाने का अवसर मिला था। आज यदुवंश के लोग अगर आपको सवाल करते हैं तो आप उन पर क्या-क्या आरोप लगते हो। इतना गंभीर आरोप उन्होंने लगाया है कि यदुवंशी क्या खाते हैं। ये यदुवंश का अपमान है कि नहीं? ये बिहार का अपमान है कि नहीं? और जब यदुवंश का गुस्सा भड़क गया तो वो कह रहे हैं कि मेरे भीतर शैतान प्रवेश कर गया। मेरे मन में एक सवाल उठता है कि शैतान को यही ठिकाना मिला क्या, पूरे हिन्दुस्तान में, पूरे विश्व में कोई ठिकाना नहीं मिला; मिला तो सिर्फ़ लालू जी का ठिकाना मिला। मुझे बताईये, आपके घर, आपके गाँव, आपके मोहल्ले आया आपके शरीर में शैतान आने की हिम्मत कर सकता है? जैसे रिश्तेदार आता है और हम पहचान लेते हैं; उन्होंने शैतान को पहचान भी लिया। अब मुझे बताईये कि जहाँ शैतान रहने की हिम्मत कर सकता है, जहाँ शैतान को रहने के लिए अच्छी खातिरदारी मिल सकती है, ऐसे लोगों के लिए बिहार में कोई जगह हो सकती है क्या? इसलिए शैतान ने जिसका पता ढूंढ लिया है, उस पते पर कभी हम देखेंगे भी नहीं।

अब तो बिहार को बचाना है, इसे आगे बढ़ाना है। अब तक तो हम सोचते थे कि हमारी लड़ाई इंसानों से है, पहली बार पता चला कि इंसानों के अन्दर शैतान पहुँच जाता है और वो हमारे पीछे पड़ा हुआ है। आप कल्पना कीजिये, बिहार में आजादी के बाद राज किसने किया? 35 साल तक राज किया कांग्रेस ने, और 25 साल तक राज किया इन बड़े-छोटे भाईयों ने। जिन्होंने ये 60 साल बिहार को लूटा है, अब वो आकर के स्वार्थबंधन बना रहे हैं और छोटा नहीं, ‘महास्वार्थबंधन’। भाईयों-बहनों, क्या बिहार को और अधिक बर्बाद होने देना है? बिहार को तबाही से मुक्त कराना है? 60 साल तक जिन्होंने बिहार के भविष्य को रौंद डाला है, क्या ऐसे ‘महास्वार्थबंधन’ को अब बिहार में जगह देनी चाहिए? हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति होनी चाहिए कि नहीं?

इस कांग्रेस पार्टी की जब सामने से आने की ताकत ख़त्म हो गई है तो पिछले दरवाजे से आ गए हैं। आज कांग्रेस के नेता अपने किसी नेता का गुणगान गाने की ताकत खो चुके हैं। कांग्रेस का ऐसा हाल कभी देश ने देखा नहीं था और उसका कारण हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में छोटा या बड़ा राजनेता हो; किसी कस्बे या विचारधारा का हो; सार्वजनिक जीवन में अहंकार कितना विनाश करता है, उसका उदाहरण कांग्रेस पार्टी है। ये जनता है, चुप रहती लेकिन समय आने पर चुन-चुन कर हिसाब चुकता करती है। लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के अहंकार का क्या हुआ, ये सब जानते हैं इस बार बिहार के चुनाव में अहंकार कैसे पराजित होने वाला है, ये बिहार के नौजवान करके दिखाने वाले हैं।

कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि ये चुनाव सीधा-सीधा दो बातों पर है; निर्णय आपको करना है। एक तरफ जंगलराज है और एक तरफ विकासराज है। जंगलराज और विकासराज के बीच की लड़ाई है। आप मुझे बताईये कि जंगलराज फिर से आने देना चाहिए? अभी भनक आ गई है। बिहार सरकार के खुद के आंकड़े, जनवरी से जुलाई के आंकड़े कह रहे हैं कि बिहार में जंगलराज का जो सबसे बड़ा उद्योग लगा था वह था - अपहरण करो, फ़िरौती लो। जनवरी से जुलाई के आंकड़े जो बिहार सरकार ने घोषित किये हैं, उसके हिसाब से 4000 घटनाएं अपहरण की हुई हैं। अब आप मुझे बताईये कि क्या फिर से ये अपहरण के दिन आने देने हैं?

आपको याद है आने वाले दिनों में त्यौहार का मौसम है, दुर्गापूजा की धूम होगी, विजयादशमी का महोत्सव आएगा, रामलीला चलेगी; आपमें से बहुत लोग होंगे जिनका जन्म भी नहीं हुआ होगा या बहुत बचपन के दिन होंगे; दुर्गा मंडप में जाना हो और मां शाम को रोकती थी और कहती थी कि अब सूरज ढालने वाला है और बाहर नहीं जा सकते; मां को यहीं से नमन कर लो; ये दिन थे कि नहीं थे? रामलीला हुआ करती थी लेकिन शाम के समय में लोग जाने से डरते थे। त्यौहार के दिनों में कोई अगर नई गाड़ी खरीद ले तो बेचारे तो चिंता रहती थी कि यहाँ के किसी नेता को पता चल गया तो उसके चेले-चपाटे यहाँ से आकर के गाड़ी उठाकर ले जाएंगे। गाड़ी भी जाएगी, पैसे भी जाएंगे और मांगने गए तो जान भी चली जाएगी। ये दिन बिहार ने देखे हैं कि नहीं देखें हैं? इसलिए मैं कहता हूँ कि बिहार में चुनाव विकासराज के लिए होना चाहिए न कि जंगलराज के लिए।

भाईयों-बहनों, बिहार एक ऐसा प्रदेश है जहाँ कुछ इलाकों में इतना पानी है, जिस पानी के लिए हिन्दुस्तान के बहुत सारे इलाके तरसते हैं और बिहार एक ऐसा प्रदेश है जहाँ नौजवान भरे पड़े हैं। यहाँ किसी को कुछ भी न आए और सिर्फ़ यहाँ के पानी और जवानी पर ध्यान केन्द्रित कर दिया जाए तो बिहार का जीवन बदल जाएगा। यहाँ ऐसी सरकारें आई हैं जब बिहार का पानी भी बर्बाद हुआ और यहाँ की जवानी भी पलायन कर गई। मुझे बिहार का पानी और यहाँ की जवानी, इन दोनों पर मेरा भरोसा है जो न सिर्फ़ बिहार को बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को बदलेंगे। मैं यह विश्वास लेकर यहाँ आया हूँ।

पानी का सही प्रबंध हो और जवानी को सही अवसर मिले; देश कहाँ से कहाँ पहुँच जाएगा लेकिन पानी गया तो गया और हम तो जानते हैं कि बिहार में एक और उद्योग चल पड़ा है, रेत की चोरी करने का सारी नदियों का कितना बुरा हाल है। नदी के किनारे पर रहने वाले लोग बालू चोरों के कारण कितने परेशान हैं, वो यहाँ के लोग भली-भांति जानते हैं। पानी तो नहीं बचा, बालू तक नहीं बचने दिया इन लोगों ने और यह बिहार की बर्बादी का कारण बना। ये आवश्यक है कि हमें बिहार के विकास की ओर ध्यान केन्द्रित करना है। मैं जरा पूछना चाहता हूँ इन नेताओं से कि मोदी-मोदी की माला जपते रहते हैं। आपका प्यार अलग है; आप मोदी-मोदी बोलते हो तो उनकी नींद खराब होती है।

भाईयों-बहनों, बिहार के ये दोनों महाशय रेल मंत्री थे कि नहीं? इतने साल रेल मंत्री रहे कि नहीं रहे? कोई मुझे बताये कि मुंगेर के रेल पुल का काम कर पाए? ये पूरा होना चाहिए कि नहीं? उन्होंने किया? वो तो बिहार के थे, रेल मंत्री रहे लेकिन मुंगेर का पुल नहीं बना; पटना का पुल लटका पड़ा है। ये इनके इरादे हैं और इसलिए मैं ये कहने आया हूँ कि हमें विकास की गाड़ी को तेज़ चलाना है। मैं आपको एक बात और बताना चाहता हूँ। 11वीं, 12वीं पंचवर्षीय योजना, क्या हुआ? यहां के मुख्यमंत्री जी ने 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था। 2010 के चुनाव में आपको बिजली देने का वादा किया था? अगर बिजली नहीं दूंगा तो 2015 में नहीं आऊंगा, वोट नहीं मांगूंगा; ये कहा था? उन्होंने वचन का पालन किया? आपके साथ धोखा किया कि नहीं? बिजली तो छोड़ो, उन्होंने कैसी सरकार चलाई है; मैं बता रहा हूँ।

11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना, बिहार को गाँवों में बिजली के लिए 8215 करोड़ रुपये दिल्ली से मिले लेकिन ये लोग बिहार में ऐसी सरकार चला रहे हैं, 8000 करोड़ में से सिर्फ़ 1300 करोड़ का खर्च कर पाए। खर्च करने की भी ताकत नहीं है; न ताकत है और न इरादा है और जब तक उनका बंटवारा तय नहीं होता बात आगे चलती नहीं और इसलिए काम आगे रुकी पड़ी है। मैंने सपना देखा है कि 2022 में जब आज़ादी के 75 साल होंगे, मैं हिन्दुस्तान के हर गाँव में 24 घंटे बिजली पहुँचाना चाहता हूँ। मैं जहाँ जाता हूँ, बिजली की बात को आगे बढ़ा रहा हूँ और एक बार बिजली आती है तो सिर्फ़ दीया जलता है, ऐसा नहीं है; पूरी ज़िन्दगी रौशन हो जाती है, पीढ़ी रौशन हो जाती है; रोजगार मिलते हैं; शिक्षा मिलती है; कारखाने लगने लगते हैं; किसान को अपने उत्पाद में मूल्य वृद्धि का अवसर मिलता है और इसलिए बिजली को आगे बढ़ाना, बिजली से जीवन में सुधार लाना, एक बहुत बड़े काम का बीड़ा हमने उठाया है और काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 30 सालों में जितनी बिजली का उत्पादन नहीं हुआ, उतनी बिजली का उत्पादन हमने एक साल में करके दिखाया है। अगर काम करने वाली सरकार हो तो काम कैसे होता है, ये हमने करके दिखाया है।

मैं जंगलराज का उदाहरण देना चाहता हूँ। मैं आपको याद कराना चाहता हूँ। जनवरी 2014, याद कीजिये, सुकराबाद पुलिस स्टेशन; 70 साल के एक बुजुर्ग श्री देविका चौधरी जी को पुलिस उठाकर ले गई क्योंकि बिजली को बिल झूठा आया था (बिजली आई नहीं लेकिन बिजली को बिल जरूर आया)। सुकराबाद पुलिस स्टेशन में 70 साल के बुजुर्ग श्री देविका चौधरी जी को इतना मारा गया कि उनकी मौत हो गई। भाईयों-बहनों, पुलिस थाने में बुलाकर निर्दोष लोगों को मरने का कारोबार चला लेकिन इन नेताओं को कोई चिंता नहीं थी। एक ऐसी सरकार जो यहाँ के समाज और जीवन को तबाह कर रही है, इससे बिहार को बचाना है।

हमारी सरकार ने 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रूपये का पैकेज बिहार के विकास के लिए दिया। उनको इससे भी बुरा लग गया। अब वे यह कोशिश करने लग गए कि ये पैकेज बिहार को न मिले। अब बिहार की जनता उन्हें पैकेज रोकने का अवसर नहीं देने वाली क्योंकि बिहार को अब विकास चाहिए। और हमने जो पैकेज कहा है, उसमें एक-एक चीज़ लिख-लिख कर कहा है, ज़िम्मेवारी के साथ कहा है। मुंगेर में पुल बनाना, 2300 करोड़ रूपया; नेशनल हाईवे – 80 मुंगेर सेक्शन को चार लेन करना, 1200 करोड़ रूपया; क्यूल-गया रेलवे लाइन 123 किमी, 1300 करोड़ रूपया; क्यूल-तिलैया रेलवे लाइन का विद्युतीकरण, 87 किमी, 85 करोड़ रूपया; तीन पहाड़ राजमहल सहित अम्मापाली हाट, क्यूल रेलवे लाइन का विद्युतीकरण आदि, 247 किमी और करीब-करीब 280 करोड़ रूपया। पैकेज में मुंगेर को क्या मिलेगा, इसका पूरा खांका बनाकर घोषित किया है और दिल्ली सरकार इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हमें मौका दीजिए। बिहार में मुझे रोड बनाना है, शिक्षा पर काम करना है, आरोग्य का काम करना है, बिजली का काम करना है, नदियों का काम करना है, किसानों के कल्याण का काम करना है। आप बस एक काम कर दीजिये, ये जो रूकावट करने वाली सरकार है, उसे हटा दीजिये और बिहार में यहाँ आकर शैतान बैठना नहीं चाहिए। अब शैतान को बिहार में नहीं बल्कि हिन्दुस्तान में कहीं पर भी ठिकाना नहीं मिलना चाहिए। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि भारी संख्या में मतदान कीजिये, एनडीए के सभी साथी दलों के साथ भाजपा को विजयी बनाईये। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बांधकर पूरी ताक़त से बोलिये-

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Together, let us build a Resilient, Revolutionary and Steel-Strong India: PM Modi at the India Steel 2025
April 24, 2025
QuoteSteel has played skeleton like role in the modern economies of the world, steel is the power behind every success story: PM
QuoteWe are proud that today India has become the second largest steel producer in the world: PM
QuoteWe have set a target of producing 300 million tonnes of steel by 2030 under the National Steel Policy: PM
QuoteGovernment policies for the steel industry are playing an important role in making many other Indian industries globally competitive: PM
QuoteFor all our Infrastructure projects the goal should be ‘Zero Import’ and ‘Net Export’: PM
QuoteOur steel sector has to be ready for new processes, new grades and new scale: PM
QuoteWe have to expand and upgrade keeping the future in mind, We have to become future ready from now itself: PM
QuoteIn the last 10 years, many mining reforms have been implemented, availability of iron ore has become easier: PM
QuoteNow is the time to make proper use of allotted mines and the resources of the country, Green-field mining needs to be accelerated: PM
QuoteTogether, let us build a Resilient, Revolutionary and Steel-Strong India: PM

सभी सम्मानित अतिथि, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी, इंडस्ट्री लीडर्स, इंटरनेशनल डेलिगेट्स और मेरे साथियों, नमस्कार।

आज और अगले 2 दिन, हम भारत के सनराइज सेक्टर, स्टील सेक्टर के सामर्थ्य और उसकी संभावनाओं पर व्यापक चर्चा करने वाले हैं। एक ऐसा सेक्टर, जो भारत की प्रगति का आधार है, जो विकसित भारत की मजबूत नींव है, और जो भारत में बड़े बदलाव की नई गाथा लिख रहा है। मैं आप सभी का इंडिया स्टील 2025 में अभिनंदन करता हूं। मुझे विश्वास है, ये आयोजन नए आइडियाज साझा करने के लिए, नए पार्टनर बनाने के लिए और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक नए लॉंच पैड का काम करेगा। ये स्टील सेक्टर में एक नए अध्याय की शुरुआत का आधार बनेगा।

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साथियों,

स्टील की भूमिका दुनिया की आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में skeleton की तरह रही है। स्काई-स्क्रैपर्स हों या शिपिंग, हाईवेज़ हों या हाई-स्पीड रेल, स्मार्ट सिटी हों या इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, हर सक्सेस स्टोरी के पीछे स्टील की ताकत है। आज भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के संकल्प को सिद्ध करने में जुटा है। इस लक्ष्य को साधने में स्टील सेक्टर की भी भूमिका कम नहीं है। हमें गर्व है कि, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बन चुका है। हमने नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। आज हमारी प्रति व्यक्ति स्टील की खपत लगभग ninety eight किलोग्राम है, और ये भी बढ़कर 2030 तक one hundred sixty किलोग्राम हो जाने की संभावना है। स्टील का ये बढ़ता consumption देश के इन्फ्रा और economy के लिए golden standard का काम करता है। ये देश की दिशा, सरकार की efficiency और effectiveness की भी एक कसौटी है।

साथियों,

आज हमारी स्टील इंडस्ट्री अपने भविष्य को लेकर नए भरोसे से भरी हुई है। क्योंकि, आज देश के पास पीएम-गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान जैसा आधार है। पीएम-गतिशक्ति के जरिए अलग-अलग utility services को, logistics modes को integrate किया जा रहा है। देश के mine areas और steel units को बेहतर multi-modal connectivity के लिए map किया जा रहा है। देश के पूर्वी भाग में, जहां ज़्यादातर स्टील सेक्टर मौजूद है, वहाँ क्रिटिकल इनफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए नए प्रोजेक्ट्स लाये जा रहे हैं। हम 1.3 ट्रिलियन डॉलर की National Infrastructure Pipeline को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आज देश के शहरों को स्मार्ट सिटीज़ बनाने के लिए large scale पर काम हो रहा है। Roads, railways, airports, ports और pipeline के development का ये unprecedented pace, स्टील सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बना रहा है। आज देश में पीएम आवास योजना के तहत करोड़ों घर बन रहे हैं। जल जीवन मिशन का इतना बड़ा इनफ्रास्ट्रक्चर गाँव-गाँव में बिल्ड हो रहा है। अक्सर हमारे देश में ऐसी योजनाओं को केवल वेलफेयर के चश्मे से देखा जाता है। लेकिन, गरीब कल्याण की ये योजनाएँ भी स्टील इंडस्ट्री को नई ताकत दे रही हैं। हमने ये भी तय किया है कि, सरकारी प्रोजेक्ट में सिर्फ़ ‘मेड इन इंडिया’ स्टील ही इस्तेमाल हो। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि, बिल्डिंग Construction और इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टील की जो खपत है, उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा सरकार से जुड़े initiatives का है।

साथियों,

स्टील कितने ही सेक्टर्स की ग्रोथ का प्राइमरी कॉम्पोनेंट है। इसलिए, स्टील इंडस्ट्री के लिए सरकार की नीतियाँ भारत की दूसरी कई इंडस्ट्रीज़ को ग्लोबली competitive बनाने में अहम रोल अदा कर रही हैं। हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, construction, मशीनरी और ऑटोमोटिव सेक्टर, आज इन सब को भारतीय स्टील इंडस्ट्री से शक्ति मिल रही है। इस बार बजट में हमारी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने के लिए National Manufacturing Mission की भी घोषणा की है। ये मिशन small, medium और large, सभी इंडस्ट्रीज़ के लिए है। National Manufacturing Mission भी हमारी स्टील इंडस्ट्री के लिए नए अवसर खोलेगा।

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साथियों,

भारत लंबे समय तक हाई-ग्रेड स्टील के लिए आयात पर निर्भर रहा है। डिफेंस और strategic sectors के लिए इस स्थिति को बदलना जरूरी था। आज हमें इस बात का गर्व होता है, कि भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में जिस स्टील का इस्तेमाल हुआ है, वो भारत में बना है। हमारे ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन की सफलता में भारतीय स्टील का सामर्थ्य जुड़ा है। Capability और Confidence, अब दोनों हमारे पास हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ। PLI स्कीम के तहत हाई-ग्रेड स्टील के उत्पादन के लिए हजारों करोड़ रुपए की मदद दी जा रही है। और ये तो अभी शुरुआत है, हमें लंबी दूरी तय करनी है। देश में ऐसे कितने ही मेगा-प्रोजेक्ट्स शुरू हो रहे हैं, जिनमें हाइ-ग्रेड स्टील की डिमांड और ज्यादा बढ़ने वाली है। इस बार के बजट में हमने ‘शिप बिल्डिंग’ को इनफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर शामिल किया है। हम देश में आधुनिक और बड़े शिप्स बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमारा टार्गेट है, भारत में बने शिप्स दुनिया के दूसरे देश भी खरीदें। इसी तरह, पाइपलाइन ग्रेड स्टील और corrosion resistant alloys की डिमांड भी देश में बढ़ रही है।

आज देश में रेल इनफ्रास्ट्रक्चर भी अभूतपूर्व गति से expand हो रहा है। ऐसी सभी जरूरतों के लिए Goal होना चाहिए- ‘ज़ीरो इम्पोर्ट’ और net export! अभी हम 25 मिलियन टन स्टील के एक्सपोर्ट का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हम 2047 तक अपनी क्षमता 500 मिलियन टन तक पहुंचाने के लिए भी काम कर रहे हैं। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि, हमारा स्टील सेक्टर new processes, new grades और new scale के लिए तैयार हो। हमें भविष्य को ध्यान में रखकर expand और upgrade करना होगा। हमें अभी से future ready बनना होगा। स्टील इंडस्ट्री के इस ग्रोथ potential में employment generation की, रोजगार के अवसर की, अनंत संभावनाएं हैं। मैं प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर, दोनों से आह्वान करता हूं, आप नए ideas develop करें, उन्हें nurture करें और share करें। Manufacturing में, R&D में, Technology upgrade में, हमें मिलकर आगे बढ़ना है। देश के युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के नए अवसर बनाने हैं।

साथियों,

स्टील इंडस्ट्री की विकास यात्रा में कुछ चुनौतियां भी हैं और आगे बढ़ने के लिए इनका समाधान करना भी आवश्यक है। Raw Material Security एक बड़ी चिंता है। हम अभी भी निकेल, कोकिंग कोल और मैंगनीज के लिए आयात पर निर्भर हैं। और इसलिए, हमें ग्लोबल साझेदारियों को मज़बूत करना होगा, Supply chains को secure बनाना होगा, Technology अपग्रेड करने पर फोकस करना होगा। हमें और तेजी से energy-efficient, low-emission और digitally advanced टेक्नॉलजी की ओर बढ़ना होगा। AI, ऑटोमेशन, री-साइक्लिंग और by-product utilization स्टील इंडस्ट्री का भविष्य तय करेगी। इसलिए हमें इनमें इनोवेशन के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे। हमारे ग्लोबल पार्टनर्स और भारतीय कंपनियां साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, तो इन चुनौतियों का और तेजी से समाधान होगा।

साथियों,

आप सभी जानते हैं, कोल आयात, खासकर कोकिंग कोल आयात का असर, cost और economy, दोनों पर पड़ता है। हमें इसके alternatives तलाशने होंगे। आज DRI route और अन्य आधुनिक technologies उपलब्ध हैं। हम इन्हें और बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए हम coal gasification का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। Coal gasification के जरिए हम देश के कोल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं, आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं। मैं चाहूँगा, स्टील इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स इस प्रयास का हिस्सा बनें, इस दिशा में जरूरी कदम उठाएँ।

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साथियों,

एक और अहम विषय,unused greenfield mines का भी है। पिछले 10 वर्षों में देश ने कई mining reforms किए हैं। Iron ore की availability आसान हुई है। अब इन alloted mines का, देश के इन संसाधनों का सही इस्तेमाल करना और समय पर करना, ये बहुत जरूरी है। इसमें जितनी देरी होगी, देश का तो नुकसान होगा ही होगा, इंडस्ट्री का भी उतना ही नुकसान होगा। इसलिए, मैं चाहूँगा ग्रीन-फील्ड माइनिंग को तेज किया जाए।

साथियों,

आज का भारत केवल डोमेस्टिक ग्रोथ की नहीं सोच रहा, बल्कि ग्लोबल लीडरशिप के लिए भी तैयार हो रहा है। आज दुनिया हमें हाई-क्वालिटी स्टील के trusted supplier के रूप में देखती है। जैसा कि मैंने कहा, हमें स्टील के world-class standards को बनाए रखना होगा, खुद को upgrade करते रहना होगा। Logistics में सुधार, Multi-modal transport networks का विकास और लागत कम से कम, ये भारत को Global Steel Hub बनाने में मदद करेंगे।

साथियों,

इंडिया स्टील का ये प्लैटफ़ार्म हमारे पास एक अवसर है, जहां से हम अपनी क्षमताओं का विस्तार करेंगे, जहां से हमारे आइडियाज को जमीन पर उतारने का रास्ता बनाएंगे। मैं आप सभी को इस अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। आइए मिलकर, एक Resilient, Revolutionary और Steel-Strong भारत का निर्माण करें। धन्यवाद।