The vision for 400+ seats for N.D.A. will enable India to become the 3rd largest economy on the back of solid decision-making & robust policy implementation
The last 10 years have seen unprecedented investments in Odisha, and we aim to make Odisha the gateway of an Atmanirbhar & Viksit Bharat
The PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana aims to facilitate self-sufficiency in electricity generation and provision, aiming to provide 300 units of free electricity to all
The members of the I.N.D.I alliance have become roadblock to the development of India, whose motto is 'Family First.
My duty is to work for the empowerment of all, and all the people of Odisha are Modi ka Parivar

जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !

जय मां बिरजा ! जय सियाराम !

एति उपस्तिथा समस्त भाई, भौनि मनंकु मोरा नमस्कार ! आज देश के लिए जीवन समर्पित करने वाले, विजनरी नेता, बीजू पटनायक जी की जन्म जयंती है। आज पूरा देश उन्हें आदर के साथ याद कर रहा है। ये संयोग है कि आज मुझे ओडिशा की धरती से ही उन्हें नमन करने का अवसर मिला है। मैं बीजू पटनायक जी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

इतनी विशाल संख्या में…जहां भी मेरी नजर जाती है, उत्साह और उमंग से भरे मेरे भाई-बहन दिखाई दे रहे हैं। इतनी विशाल संख्या में आपका यहां आना, पूरब का मूड दिखाता है, ओडिशा का संकल्प क्या है, ये आज साफ-साफ नजर आ रहा है। और ये संकल्प है- अबकी बार...400 पार ! अबकी बार… अबकी बार… अबकी बार...। 400 पार का संकल्प- भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने वाला है। 400 पार का संकल्प- देश में एक मजबूत और निर्णायक फैसले लेने वाली सरकार फिर एक बार बनाने के लिए है। 400 पार का संकल्प, किसान, नौजवान, नारीशक्ति और गरीबों का जीवन बदलने के लिए है। इसमें पूर्वी भारत की, ओडिशा की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। जरा एसपीजी के लोग…ये दो बच्चे कुछ चित्र लेकर आए हैं, अगर उनको एतराज न हो, देना चाहते हैं तो एसपीजी के लोग जरा कलेक्ट कर लें। वर्ना ये ऐसे ही हाथ…उनके हाथ को दर्द होता रहेगा। आपके प्यार के लिए, आपके शुभकामनाओं के लिए…पीछे अपना एड्रेस लिख दीजिए, मैं चिट्ठी लिखूंगा। आप पीछे अपना एड्रेस लिख दीजिए। जरा एसपीजी के लोग कलेक्ट कर लीजिए उनसे। अपना अता-पता लिख दीजिए भैया। लिख दिया है…तो लिख दीजिए। मैं जरूर आपको चिट्ठी लिखूंगा। अब हाथ नीचे करिए, दर्द हो जाएगा। ओडिशा की धरती में तो रग-रग कला भरी पड़ी है जी।    

साथियों, 

बीते 10 वर्षों से भाजपा सरकार, यहां ओडिशा में अभूतपूर्व निवेश कर रही है। हमारा प्रयास है कि ओडिशा, विकसित भारत का भी गेटवे बने। एक प्रकार से ओडिशा, विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत को ऊर्जा दे रहा है। पाइप से घरों में सस्ती गैस देना हो, सीएनजी आधारित यातायात हो, गैस आधारित इंडस्ट्री हो, इसके बड़े उद्योग ओडिशा में लग रहे हैं। यहां से गैस पाइपलाइन, पूर्वी भारत के अनेक राज्यों तक पहुंच रही है। ओडिशा पॉलीस्टर का भी एक बड़ा केंद्र बन रहा है। टेक्स्टाइल पार्क्स के लिए रॉ मटीरियल भी यहीं बन रहा है। 10 वर्षों में सिर्फ पेट्रोकेमिकल सेक्टर में ही ओडिशा में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है। ज्यादा निवेश मतलब नौकरी के ज्यादा मौके, नौकरी के ज्यादा अवसर। यानि ये विकास कार्य, ओडिशा के नौजवानों का भाग्य बदलने वाले हैं। 

साथियों,

आज जो ये विकास के बड़े-बड़े काम हो रहे हैं, ये पहले भी हो सकते थे। लेकिन 2014 से पहले के वर्षों में, कांग्रेस और उसके साथियों का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी तिजोरी में नोट भरने में लगा रहा। जो कांग्रेस सरकार, कोयले को लूट कर खा जाए, वो गरीबों को मुफ्त खाना खिलाने के बारे में कैसे सोच सकती है? जो कांग्रेस सरकार, यूरिया में घोटाला कर दे, वो किसानों को सस्ती दर पर यूरिया कैसे उपलब्ध कराती? जो कांग्रेस सरकार, भर्तियों में भी घोटाला कर दे, वो देश के नौजवानों को कैसे नौकरी देती?

साथियों, 

आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने देश में ऐसी व्यवस्थाओं का निर्माण किया, जिसमें गरीब पर, नौजवान पर, आदिवासियों पर अविश्वास पैदा हो। गरीब, कांग्रेस सरकार से कुछ भी मदद मांगने जाता था तो कांग्रेस सरकार कहती थी...कुछ गारंटी लेकर आओ। उस समय रिवाज था हर किसी से गारंटी मांगी जाती थी। बैंक में खाता खोलना है...कांग्रेस कहती थी गारंटी लाओ। बैंक से रोजगार के लिए कर्ज चाहिए... कांग्रेस कहती थी गारंटी लाओ। नौकरी के लिए अप्लाई करना हो... कांग्रेस कहती थी किसी अफसर की गारंटी लाओ। अब संयोग देखिए कि 2014 के बाद एक गरीब का बेटा केंद्र सरकार में आ गया। और जब एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना तो उसने कहा- गरीब की सबसे बड़ी गारंटी मोदी बनेगा। जिस गरीब के पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था, उसकी गारंटी मोदी ने ले ली।। हमने जनधन बैंक खाते खोले। मोदी सबकी गारंटी बना। पहले बहनों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं होती थी। गरीब, दलित, ओबीसी, आदिवासी, के पास बैंक को देने के लिए क्या था? हमने बिना गारंटी लोन देने वाली मुद्रा योजना शुरु की। पहले हमारे विश्वकर्मा साथियों की गारंटी लेने वाला भी कोई नहीं था। हमने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत उनकी गारंटी ली, उन्हें बैंक से मदद दिलाई। ऐसी योजनाओं की वजह से ही आज गरीब का आत्मविश्वास बढ़ा है, उसे ऐहसास हुआ है कि सरकार उसके साथ है। मोदी गरीब के साथ है। 

साथियों, 

जिन्हें कभी किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूछा है। ओडिशा में अनेक ऐसी जनजातियां हैं, जो सबसे पिछड़ी हुई हैं। इन जनजातियों की सुध किसी ने नहीं ली। मोदी ने पहली बार इन आदिवासी बहन-भाइयों के लिए भी, 24 हजार करोड़ रुपए की पीएम-जनमन योजना शुरु की है। रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले काम करने वालों को भी परेशान हाल छोड़ दिया गया था। आज उन्हें भी पीएम स्वनिधि योजना से लाभ मिल रहा है। हमारे छोटे किसानों तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचता ही नहीं था। आज पीएम स्वनिधि योजना के तहत उन्हें भी पैसा मिल रहा है। हमारे मछुआरे साथियों के हिस्से में तो कुछ भी नहीं आता था। पहली बार उनके लिए अलग मंत्रालय, उनके लिए अलग बजट हमने बनाया। पहली बार उनके लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना बनाई। पक्का घर, घर पर नल से जल, गैस कनेक्शन- ये कभी गरीब के लिए तो सपना होता था। आज वो हकीकत बन रहा है। जब ऐसे काम होते हैं, तभी लोग कहते हैं- जब ऐसे काम होते हैं, तभी लोग कहते हैं- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरु होती है। मेरे नौजवान साथियों, आपका ये उत्साह, आपका ये उमंग, आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर। मैं आपका ये प्यार कभी भूल नहीं सकता हूं। आपका ये जोश मुझे भी काम करने की प्रेरणा देता है। साथियों, मैं आपका जितना धन्यवाद करूं उतना कम है। 

मेरे साथियों बोलिए…भारत माता की। दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके बोलिए… भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। अब मैं एक महत्वपूर्ण बात आपको बताना चाहता हूं। बताऊं? याद रखोगे, ये आपके फायदे वाली है। फायदा उठाओगे, देखिए ओडिशा तो हमारा भगवान सूर्यदेव की भूमि है। सूर्यदेव की प्रेरणा से ही मोदी ने देश को एक और गारंटी दी है। सुनिए, ये आपके काम की बात लेकर आया हूं। और मोदी की गारंटी है मुफ्त बिजली देने की। जीरो बिल। और घर में बिजली तो आएगी, लेकिन ज्यादा बिजली होने पर बेचकर कमाई भी होगी। भाजपा सरकार ने पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना बनाई है। घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। हर परिवार अपनी ज़रूरत पूरी करके, अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच भी सकेगा। यही नहीं, हम किसानों को, अन्नदाता को भी ऊर्जादाता बना रहे हैं। वे भी खेत की मेढ पर या खाली ज़मीन पर सोलर पैनल लगा सकते हैं।

साथियों,

मोदी, भारत को विकसित बनाने का संकल्प ले रहा है- ताकि देश का हर परिवार, हर नौजवान का भविष्य समृद्ध हो। साथियों, आपका जोश मुझे मंजूर है। अब आप इससे आगे तो आ नहीं सकते हो…आपका इतना उत्साह है, इतना जोश है…कि यहां छोड़ो, दिल्ली में कुछ लोगों की नींद खराब हो जाती है। आपके प्यार का कोई जवाब नहीं है दोस्तों…मेरे पास आपके उत्साह के लिए धन्यवाद कहने जैसा शब्द भी छोटा पड़ रहा है। साथियों, ये भगवान जगन्नाथ की कृपा के बिना इतना प्यार किसी इंसान को नहीं मिल सकता। ये भगवान जगन्नाथ की कृपा है कि आप मुझे इतना प्यार दे रहे हैं, इतना आशीर्वाद दे रहे हैं।  

साथियों,

हमने मुफ्त राशन वाली योजना…यहां जो मेरे गरीब परिवार के भाई-बहन हैं, मोदी जो मुफ्त राशन भेजता है वो मिलता है न? मुफ्त राशन मिलता है न? समय पर मिलता है न? अच्छी क्वालिटी का मिलता है न? गरीब का पेट भरता है कि नहीं भरता है, गरीब के घर का चूल्हा जलता है कि नहीं जलता है। और इसीलिए मोदी को आशीर्वाद मिलता है, और इसीलिए मोदी ने कहा है कि ये गरीब को राशन वाली योजना अगले 5 साल के लिए आगे बढ़ा दी जाएगी। साथियों, हम हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए भी तेजी से काम कर रहे हैं। हम गांव-गांव में महिला स्वयं सहायता समूहों को मदद दे रहे हैं ताकि हमारी बहनें, लखपति दीदी बनें। मैं देशभर में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रहा हूं। गांव-गांव लखपति दीदी बनेगी। लेकिन साथियों, इंडी गठबंधन के भ्रष्टाचारियों को ये पसंद नहीं आ रहा। इन लोगों के पास हमारे संकल्पों, हमारी सिद्धियों, हमारी नीति और हमारी निष्ठा के जवाब में कुछ नहीं है। इसलिए इंडी गठबंधन के लोगों ने अब मोदी पर हमले और बढ़ा दिए हैं। ये कह रहे हैं कि मोदी का परिवार नहीं है, इसलिए मोदी को हटाना है। इंडी गठबंधन के ये परिवारवादी कहते हैं कि इनकी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। अगर ये वाकई विचारधारा की लड़ाई है तो इंडी गठबंधन वाले जरा कान खोलकर सुन लो…पैर जमीन पर आ जाएंगे। आपकी विचारधारा, इंडी गठबंधन की विचारधारा है- फैमिली फर्स्ट, परिवार प्रथम। मोदी की विचारधारा है- नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम। ये लोग सिर्फ अपने परिवार के लिए ही जीते हैं और मोदी- भारत के हर परिवार के लिए खटता है, खपता है। ये परिवारवादी, अपने बेटे-बेटियों, नाती-पोतों, भाई-भतीजों के फ्यूचर की ही सोचते हैं। ये इंडी गठबंधन भी इसीलिए बनाया गया है। लेकिन मोदी, देश के करोड़ों बेटे-बेटियों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए डटा है। इसलिए, इंडी गठबंधन के परिवारवादी कहते हैं, उनका लक्ष्य एक ही है, मोदी को हटाना है। जबकि मोदी का लक्ष्य भारत को तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाना है, भारत को विकसित बनाना है। इन्होंने अपने बच्चों के लिए ही महल बनाए हैं। जबकि मोदी ने अपने गरीब से गरीब परिवार के बच्चों के लिए पक्के घर बनाए हैं। परिवारवादियों ने सत्ता में रहते हुए, अपने परिवार की गरीबी हटाई है। मोदी के सेवाकाल में 25 करोड़ परिवारजनों ने खुद को गरीबी से बाहर निकाला है।

इसलिए मैं कहता हूं- 

साथियों, इसलिए मैं कहता हूं-मेरा भारत- मेरा परिवार ! मेरा भारत- मेरा परिवार ! मेरा भारत- मेरा परिवार !

यही बात इन परिवारवादियों को खटक रही है। लेकिन मैं देख रहा हूं, कल से ही देश का हर गरीब, हर किसान, हर नौजवान, हर बहन-बेटी कह रही है-

मैं हूं मोदी का परिवार ! 

मैं हूं मोदी का परिवार ! 

आप मेरे साथ बोलिए...

मुन् मोदी परिवार र

मुझे विश्वास है कि, भारत के हर परिवार को सशक्त करने के लिए, आपका आशीर्वाद हमें लगातार मिलता रहेगा। ओडिशा में आप सभी ज्यादा से ज्यादा कमल खिलाएं। आप यहां इतनी बड़ी संख्या में आए, इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार ! सब अपना हमारे ओडिशा के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने मोबाइल फोन को निकालिए, मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट चालू कीजिए। यहां पर भी बैठे लोग मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट चालू करें। ये रोशनी ओडिशा के उज्ज्वल भविष्य के लिए है। ये चमकते तारे भारत का भाग्य बदलने के लिए है। ये हर नौजवान की ऊर्जा देश को नई ऊर्जा देने वाली है। 

पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिए…जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ। 

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। 

बहुत-बहुत धन्यवाद। 

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!