Published By : Admin |
December 8, 2008 | 09:14 IST
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Bhilad RTO check post earns triple revenue than its counterpart in Maharashtra during past eight months :
Bhilad check post continues to make highest income in comparison to 13 other inter-state check posts :
It is a result of Gujarat Chief Minister Shri Narendra Modi's financial discipline that has made the Bhilad Regional Transport check post bordering Gujarat- Maharashtra on National Highway No. 8, to make an income of Rs. 54 crore 18 lakh 83 thousand 499 during the first eight months of fiscal year 2008-2009. On the other hand, the income made by the Maharashtra RTO check post located on the same Highway has been of Rs.16 crore 17 lakh 67 thousand 238, accounts for less than Rs. 35 crores made by the Bhilad check post during the corresponding period.
Interestingly, nearly 12,000 vehicles enter Maharashtra after passing through the Bhilad check post on a daily basis. A similar number of vehicles enter Gujarat through Achhad check post, located hardly one and a half kilometers from Bhilad.
Bhilad Regional Transport check post has once again created a history of sorts by making an income of Rs. 54, 18 83, 499, considered to be the highest among all the 13 check posts located at 13 different inter-state borders in Gujarat form April 2008 to November 2008.
Immediately after taking over the reins of Gujarat, the Chief Minister, Mr Narendra Modi, brought about financial discipline among the staff manning such check posts and also stepped up vigilance and brought about leakages to a standstill, which is being held responsible for the check post making such a huge revenue income each year.
Since Shri Modi took over in 2001-2002, the Bhilad check post has earned an income of Rs 5.23 billion which is considered to be Rs 3.70 billion more than the Maharastra-based Achhad check post.
Interestingly Achhad check post has registered as many as 323 cases for the breach of Motor Vehicle Act during the past eight months where as the Bhilad officials registered almost equal number of cases on a daily basis
Gujarat Information Bureau, Government of Gujarat, Gandhinagar.
Text of PM’s interaction with the 17 awardees of Rashtriya Bal Puraskar on the occasion of 3rd Veer Baal Diwas
December 26, 2024
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पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I have written three Books, my main cause of writing books is i love reading. And I myself have this rare disease and I was given only two years to live but with help of my mom, my sister, my School, …… and the platform that I have published my books on which is every books, I have been able to make it to what I am today.
प्रधानमंत्री जी – Who inspired you?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I think it would be my English teacher.
प्रधानमंत्री जी – Now you have been inspiring others. Do they write you anything, reading your book.
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Yes I have.
प्रधानमंत्री जी – So what type of message you are getting?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – one of the biggest if you I have got aside, people have started writing their own books.
प्रधानमंत्री जी – कहां किया, ट्रेनिंग कहां हुआ, कैसे हुआ?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – कुछ नहीं।
प्रधानमंत्री जी – कुछ नहीं, ऐसे ही मन कर गया।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां सर।
प्रधानमंत्री जी – अच्छा तो और किस किस स्पर्धा में जाते हो?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं इंग्लिश उर्दू कश्मीरी सब।
प्रधानमंत्री जी – तुम्हारा यूट्यूब चलता है या कुछ perform करने जाते हो क्या?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर यूट्यूब भी चलता है, सर perform भी करता हूं।
प्रधानमंत्री जी – घर में और कोई है परिवार में जो गाना गाते हैं।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं सर, कोई भी नहीं।
प्रधानमंत्री जी – आपने ही शुरू कर दिया।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां सर।
प्रधानमंत्री जी – क्या किया तुमने? Chess खेलते हो?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।
प्रधानमंत्री जी – किसने सिखाया Chess तुझे?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Dad and YouTube.
प्रधानमंत्री जी – ओहो।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – and my Sir
प्रधानमंत्री जी – दिल्ली में तो ठंड लगता है, बहुत ठंड लगता है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – इस साल कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मनाने के लिए मैंने 1251 किलोमीटर की साईकिल यात्रा की थी। कारगिल वार मेमोरियल से लेकिर नेशनल वार मेमोरियल तक। और दो साल पहले आजादी का अमृत महोत्सव और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती मनाने के लिए मैंने आईएनए मेमोरियल महिरांग से लेकर नेशनल वार मेमोरियल नई दिल्ली तक साईकलिंग की थी।
प्रधानमंत्री जी – कितने दिन जाते थे उसमे?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – पहली वाली यात्रा में 32 दिन मैंने साईकिल चलाई थी, जो 2612 किलोमीटर थी और इस वाली में 13 दिन।
प्रधानमंत्री जी – एक दिन में कितना चला लेते हो।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – दोनों यात्रा में maximum एक दिन में मैंने 129.5 किलोमीटर चलाई थी।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नमस्ते सर।
प्रधानमंत्री जी – नमस्ते।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने दो international book of record बनाया है। पहला रिकॉर्ड मैंने one minute में 31 semi classical का और one minute में 13 संस्कृत श्लोक।
प्रधानमंत्री जी – हम ये कहां से सीखा सब।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैं यूट्यूब से सीखी।
प्रधानमंत्री जी – अच्छा, क्या करती हो बताओं जरा एक मिनट में मुझे, क्या करती हो।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। (संस्कृत में)
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नमस्ते सर।
प्रधानमंत्री जी – नमस्ते।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने जूड़ो में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल लाई।
प्रधानमंत्री जी – ये सब तो डरते होंगे तुमसे। कहां सीखे तुम स्कूल में सीखे।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नो सर एक्टिविटी कोच से सीखा है।
प्रधानमंत्री जी – अच्छा, अब आगे क्या सोच रही हो?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं ओलंपिक में गोल्ड लाकर देश का नाम रोशन कर सकती हूं।
प्रधानमंत्री जी – वाह , तो मेहनत कर रही हो।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – जी।
प्रधानमंत्री जी – इतने हैकर कल्ब है तुम्हारा।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – जी अभी तो हम law enforcement को सशक्त करने के लिए जम्मू कश्मीर में trainings provide कर रहे हैं और साथ साथ 5000 बच्चों को फ्री में पढ़ा चुके हैं। हम चाहते हैं कि हम ऐसे models implement करे, जिससे हम समाज की सेवा कर सकें और साथ ही साथ हम मतलब।
प्रधानमंत्री जी – तुम्हारा प्रार्थना वाला कैसा चल रहा है?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – प्रार्थना वाला अभी भी development phase पर है! उसमे कुछ रिसर्च क्योंकि हमें वेदों के Translations हमें बाकी languages में जोड़नी है। Dutch over बाकी सारी कुछ complex languages में।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने एक Parkinsons disease के लिए self stabilizing spoon बनाया है और further हमने एक brain age prediction model भी बनाया है।
प्रधानमंत्री जी – कितने साल काम किया इस पर?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैंने दो साल काम किया है।
प्रधानमंत्री जी – अब आगे क्या करोगी?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर आगे मुझे रिसर्च करना है।
प्रधानमंत्री जी – आप हैं कहां से?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैं बैंगलोर से हूं, मेरी हिंदी उतनी ठीक नहीं है।
प्रधानमंत्री जी – बहुत बढ़िया है, मुझसे भी अच्छी है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Thank You Sir.
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I do Harikatha performances with a blend of Karnataka music and Sanskritik Shlokas
प्रधानमंत्री जी – तो कितनी हरि कथाएं हो गई थी।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Nearly hundred performances I have.
प्रधानमंत्री जी – बहुत बढ़िया।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – पिछले दो सालों में मैंने पांच देशों की पांच ऊंची ऊंची चोटियां फतेह की हैं और भारत का झंडा लहराया है और जब भी मैं किसी और देश में जाती हूं और उनको पता चलता है कि मैं भारत की रहने वाली हूं, वो मुझे बहुत प्यार और सम्मान देते हैं।
प्रधानमंत्री जी – क्या कहते हैं लोग जब मिलते हैं तुम भारत से हो तो क्या कहते हैं?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – वो मुझे बहुत प्यार देते हैं और सम्मान देते हैं, और जितना भी मैं पहाड़ चढ़ती हूं उसका motive है एक तो Girl child empowerment और physical fitness को प्रामोट करना।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I do artistic roller skating. I got one international gold medal in roller skating, which was held in New Zealand this year and I got 6 national medals.
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं एक Para athlete हूं सर और इसी month में मैं 1 से 7 दिसम्बर Para sport youth competetion Thailand में हुआ था सर, वहां पर हमने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है सर।
प्रधानमंत्री जी – वाह।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं इस साल youth for championship में gold medal लाई हूं। इस मैच में 57 केजी से गोल्ड लिया और 76 केजी से वर्ल्ड रिकॉर्ड किया है, उसमें भी गोल्ड लाया है, और टोटल में भी गोल्ड लाया है।
प्रधानमंत्री जी – इन सबको उठा लोगी तुम।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं सर।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – one flat पर आग लग गई थी तो उस टाइम किसी को मालूम नहीं था कि वहां पर आग लग गई है, तो मेरा ध्यान उस धुएं पर चला गया, जहां से वो धुआं निकल रहा था घर से, तो उस घर पर जाने की किसी ने हिम्मत नहीं की, क्योंकि सब लोग डर गए थे जल जाएंगे और मुझे भी मना कर रहे थे कि मत जा पागल है क्या, वहां पर मरने जा रही, तो फिर भी मैंने हिम्म्त दिखकर गई और आग को बुझा दिया।
प्रधानमंत्री जी – काफी लोगों की जान बच गई?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – 70 घर थे उसमे और 200 families थीं उसमें।
प्रधानमंत्री जी – स्विमिंग करते हो तुम?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।
प्रधानमंत्री जी – अच्छा तो सबको बचा लिया?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।
प्रधानमंत्री जी – डर नहीं लगा तुझे?
पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं।
प्रधानमंत्री जी – अच्छा, तो निकालने के बाद तुम्हे अच्छा लगा कि अच्छा काम किया।