Text of Prime Minister's statement on the BRICS Business Council

Published By : Admin | July 16, 2014 | 01:20 IST

Excellencies, 

Distinguished members of the Business Council 

Ladies and Gentlemen,

I believe, economic forces are becoming increasingly important in global relationships. 

Domains like Trade, Technology, Tourism, Talent and Tradition have the power to redefine existing paradigms. 

I am thus pleased, that we established, the BRICS Business Council, in Durban, last year.

It is important, that our business leaders lead the effort in promoting trade, investment and manufacturing ties, among our countries.

I appreciate the work done by the Council.

Various enabling agreements, and MoUs; have already been signed between BRICS Development Banks, to promote intra-BRICS trade and investment. 

I would suggest the Business Council work in close coordination with the Development Banks, and, the Contact Group on Trade and Investment Issues. 

The suggestions presented in the Annual Report are important. The Council should work closely with BRICS Sherpas to see how these suggestions can be taken forward.

I am also happy to note that the Council has gone beyond BRICS to make concrete proposals for contributing to the growth, and development of the larger African region.

India remains committed to partnering with African countries in their developmental initiatives.

I once again, express my appreciation for the good work that has been done.

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India's enemies saw what happens when Sindoor turns into 'barood': PM Modi's strong message to Pakistan

Media Coverage

India's enemies saw what happens when Sindoor turns into 'barood': PM Modi's strong message to Pakistan
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The world and the enemies of the country have seen what happens when ‘Sindoor’ turns into ‘Barood’: PM Modi in Bikaner, Rajasthan
May 22, 2025
QuoteIn the last 11 years work has been done at an unprecedented pace for building modern infrastructure: PM
QuoteThe country has named the railway stations being modernised as Amrit Bharat stations, Today, more than 100 of these Amrit Bharat stations are ready: PM
QuoteWe are completing irrigation projects and linking rivers at the same time: PM
QuoteOur Government gave a free hand to the three Armed Forces, together the three Forces created such a ‘Chakravyuh’ that Pakistan was forced to kneel down: PM
QuoteThe world and the enemies of the country have seen what happens when ‘Sindoor’ turns into ‘Barood’: PM
QuoteOperation Sindoor has determined three principles to deal with terrorism: PM
QuoteNow India has made it clear, Pakistan will have to pay a heavy price for every terrorist attack, And this price will be paid by Pakistan's army, Pakistan's economy : PM
QuotePakistan will now have to pay a heavy price for playing with the lives of Indians: PM

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

थाने सगलां ने राम-राम!

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भजन लाल जी, पूर्व मुख्यमंत्री बहन वसुंधरा राजे जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे साथी अश्विनी वैष्णव जी, अर्जुन राम मेघवाल जी, राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी जी, प्रेम चंद जी, राजस्थान सरकार के अन्य मंत्रीगण, संसद में मेरे साथी मदन राठौर जी, अन्य सांसद और विधायकगण, और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

आप सभी यहां इतनी विशाल संख्या में आए हैं, और इतनी भयंकर गर्मी के बीच। और आज इस कार्यक्रम से, देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी लाखों लोग ऑनलाइन आज यहां हमारे साथ जुड़े हैं। अनेक राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर, अन्य जनप्रतिनिधि आज हमारे साथ हैं। मैं देशभर से जुड़े सभी महानुभावों का, जनता-जनार्दन का, अभिनंदन करता हूं।

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भाइयों और बहनों,

मैं यहां पर करणी माता का आशीर्वाद लेकर आपके बीच आया हूं। करणी माता के आशीर्वाद से विकसित भारत बनाने का हमारा संकल्प और मज़बूत हो रहा है। थोड़ी देर पहले, विकास से जुड़ी 26 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का यहां शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। मैं इन परियोजनाओं के लिए देशवासियों को, राजस्थान के मेरे भाई-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

विकसित भारत बनाने के लिए आज देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है। हमारे देश की सड़कें आधुनिक हों, हमारे देश के एयरपोर्ट आधुनिक हों, हमारे यहां रेल और रेलवे स्टेशन आधुनिक हों, इसके लिए पिछले 11 साल में अभूतपूर्व गति से काम किया गया है। आप कल्पना कर सकते हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर के इन कामों पर देश पहले जितना पैसा खर्च करता था, आज उससे 6 गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है, 6 गुना ज्यादा। आज भारत में हो रहे इन विकास कार्यों को देखकर दुनिया भी हैरान है। आप उत्तर में जाएंगे, तो चिनाब ब्रिज जैसा निर्माण देखकर लोग हैरान हैं। पूर्व की तरफ जाएंगे, तो अरुणाचल की सेला टनल, असम का बोगीबिल ब्रिज आपका स्वागत करते हैं। पश्चिम भारत में आएंगे, तो मुंबई में समंदर पर बना अटल सेतु नज़र आएगा। सुदूर दक्षिण में देखेंगे, तो पंबन ब्रिज मिलेगा, जो अपनी तरह का, देश का पहला ब्रिज है।

साथियों,

आज भारत अपनी ट्रेनों के नेटवर्क को भी आधुनिक कर रहा है। ये वंदे भारत ट्रेनें, अमृत भारत ट्रेनें, नमो भारत ट्रेनें, ये देश की नई गति और नई प्रगति को दर्शाती है। अभी देश में करीब 70 रूट्स पर वंदेभारत ट्रेनें चल रही हैं। इससे दूर-सुदूर के इलाकों में भी आधुनिक रेल पहुंची है। बीते 11 साल में, सैकड़ों रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है। चौंतीस हज़ार किलोमीटर से ज्यादा के नए रेल ट्रैक बिछाए गए हैं। अब ब्रॉड गेज लाइनों पर मानव रहित क्रॉसिंग्स, वो बात इतिहास बन चुकी है, खत्म हो चुकी है। हम मालगाड़ियों के लिए अलग से स्पेशल पटरियां, Dedicated freight corridor का काम भी तेजी से पूरा कर रहे हैं। देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। और इन सबके साथ ही, हम एक साथ देश के करीब 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को भी आधुनिक बना रहे हैं।

साथियों,

आधुनिक हो रहे इन रेलवे स्टेशनों को देश ने अमृत भारत स्टेशन का नाम दिया है। आज इनमें से 100 से अधिक अमृत भारत स्टेशन बनकर के तैयार हो गए हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग देख रहे हैं कि इन रेलवे स्टेशनों का पहले क्या हाल था, और अब कैसे इनकी तस्वीर बदल गई है।

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साथियों,

विकास भी, विरासत भी, इस मंत्र का इन अमृत भारत रेलवे स्टेशनों पर, उसका नज़ारा साफ-साफ दिखाई देता है। ये स्थानीय कला और संस्कृति के भी नए प्रतीक हैं। जैसे राजस्थान के मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर महान राजस्थानी कला-संस्कृति के दर्शन होंगे, बिहार के थावे स्टेशन पर मां थावेवाली के पावन मंदिर और मधुबनी चित्रकला को दर्शाया गया है। मध्य प्रदेश के ओरछा रेलवे स्टेशन पर आपको भगवान राम की आभा का एहसास होगा। श्रीरंगम स्टेशन का डिजाइन, भगवान श्रीरंगनाथ स्वामी जी के मंदिर से प्रेरित है। गुजरात का डाकोर स्टेशन, रणछोड़राय जी से प्रेरित है। तिरुवण्णामलै स्टेशन, द्राविड़ वास्तुकला के अनुसार डिजाइन किया गया है। बेगमपेट स्टेशन पर आपको काकतीय साम्राज्य के समय का आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा। यानि हर अमृत स्टेशन पर आपको भारत की हज़ारों साल पुरानी विरासत के दर्शन भी होंगे। ये स्टेशन, हर राज्य में टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के माध्यम बनेंगे, नौजवानों को रोजगार के नए मौके देंगे। और मैं उन-उन शहर के नागरिकों को, रेलवे में यात्रा करने वाले पैसेंजर से प्रार्थना करूंगा, ये सारी संपत्ति के मालिक आप हैं, कभी भी वहां गंदगी ना हो, इस संपत्ति का नुकसान ना हो, क्योंकि आप उसके मालिक हैं।

साथियों,

इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए जो पैसा सरकार खर्च करती है, वो रोजगार भी बनाता है, व्यापार-कारोबार भी बढ़ाता है। जो हज़ारों करोड़ रुपए सरकार लगा रही है, ये पैसा मज़दूर की जेब में जा रहा है। ये दुकानदार को मिल रहा है, दुकान और फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को मिल रहा है। रेत-बजरी-सीमेंट, ये सारी चीजें ढोने वाले ट्रक-टैंपो चलाने वालों को भी इससे फायदा होता है। और जब ये इंफ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार हो जाता है, तो फिर अनेक गुना और फायदे होते हैं। किसान की उपज कम कीमत में बाज़ार तक पहुंचती है, वेस्टेज कम होती है। जहां सड़कें अच्छी होती हैं, नई ट्रेनें पहुंचती हैं, वहां नए उद्योग लगते हैं, पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलता है, यानि इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाले पैसे से हर परिवार का, खासतौर पर हमारे नौजवानों का सबसे अधिक फायदा होता है।

साथियों,

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हो रहा है, उसका हमारे राजस्थान को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। आज राजस्थान के गांव-गांव में अच्छी सड़कें बन रही हैं। बॉर्डर के इलाकों में भी शानदार सड़कें बन रही हैं। इसके लिए बीते 11 साल में अकेले राजस्थान में करीब-करीब 70 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। राजस्थान में रेलवे के विकास के लिए भी केंद्र सरकार इस साल करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। ये 2014 से पहले की तुलना में 15 गुना अधिक है। अभी थोड़ी देर पहले ही, यहां से मुंबई के लिए एक नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है। आज ही कई इलाकों में स्वास्थ्य, जल और बिजली से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य है, हमारे राजस्थान के शहर हो या गांव, तेजी से उन्नति की ओर बढ़ सकें। राजस्थान के युवाओं को उनके शहर में ही अच्छे अवसर मिल सकें।

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साथियों,

राजस्थान के औद्योगिक विकास के लिए भी डबल इंजन सरकार तेजी से काम कर रही है। अलग-अलग सेक्टर्स के लिए यहां भजनलाल जी की सरकार ने नई औद्योगिक नीतियां जारी की हैं। बीकानेर को भी इन नई नीतियों का लाभ मिलेगा, और आप तो जानते हैं, जब बीकानेर की बात आती है, तो बीकानेरी भुजिया का स्वाद, और बीकानेरी रसगुल्लों की मिठास, विश्वभर में अपनी पहचान बनाएगी भी और बढ़ाएगी भी। राजस्थान की रिफाइनरी का काम भी अंतिम चरण में है। इससे राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों का प्रमुख हब बनेगा। अमृतसर से जामनगर तक जो 6-लेन का इकोनॉमिक कॉरिडोर बन रहा है, वो राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर से गुजर रहा है। दिल्ली-मुबंई एक्सप्रेसवे का काम भी राजस्थान में लगभग पूरा हो गया है। कनेक्टिविटी का ये अभियान, राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

साथियों,

राजस्थान में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इस योजना से राजस्थान के 40 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इससे लोगों का बिजली बिल जीरो हुआ है, और लोगों को सोलर बिजली पैदा करके कमाई का नया रास्ता भी मिला है। आज यहां बिजली से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनसे भी राजस्थान को और ज्यादा बिजली मिलेगी। बिजली का बढ़ता उत्पादन भी राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई गति दे रहा है।

साथियों,

राजस्थान की ये भूमि, रेत के मैदान में हरियाली लाने वाले महाराजा गंगा सिंह जी की भूमि है। हमारे लिए पानी का क्या महत्व है, ये इस क्षेत्र से बेहतर भला कौन जानता है। हमारे बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, पश्चिम राजस्थान के ऐसे अनेक क्षेत्रों के विकास में पानी का बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए, एक तरफ हम सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं और साथ ही, नदियों को जोड़ रहे हैं। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से राजस्थान के अनेक जिलों को लाभ होगा, यहां की धरती, यहां के किसानों को फायदा होगा।

साथियों,

राजस्थान की ये वीर धरा हमें सिखाती है, कि देश और देशवासियों से बड़ा और कुछ नहीं। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने, धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वो गोलियां पहलगाम में चली थीं, लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था, कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे, उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे। आज आपके आशीर्वाद से, देश की सेना के शौर्य से, हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं, हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी थी, और तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया।

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साथियों,

22 तारीख के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। दुनिया ने, और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया कि जब सिंदूर, जब सिंदूर बारूद बन जाता है, तो नतीजा क्या होता है।

वैसे साथियों,

ये संयोग ही है, 5 साल पहले जब बालाकोट में देश ने एयर स्ट्राइक की थी, उसके बाद, मेरी पहली जनसभा राजस्थान में ही सीमा पर हुई थी। वीरभूमि का, वीरभूमि का ही ये तप है कि ऐसा संयोग बन जाता है, अब इस बार जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उसके बाद मेरी पहली जनसभा फिर यहां वीरभूमि, राजस्थान की सीमा पर, बीकानेर में आप सभी के बीच हो रही है।

साथियों,

चुरू में मैंने कहा था, एयर स्ट्राइक के बाद मैं आया था, तब मैंने कहा था - 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा’। आज मैं राजस्थान की धरती से देशवासियों से बड़ी नम्रता के साथ कहना चाहता हूं, मैं देश के कोने-कोने में जो तिरंगा यात्राओं का हूजूम चल रहा है, मैं देशवासियों से कहता हूं – जो, जो सिंदूर मिटाने निकले थे, जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, आज कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया है। जो सोचते थे, जो सोचते थे, भारत चुप रहेगा, आज वो घरों में दुबके पड़े हैं, जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।

मेरे प्यारे देशवासियों,

ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये न्याय का नया स्वरूप है, ये न्याय का नया स्वरूप है, ये ऑपरेशन सिंदूर है। ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये समर्थ भारत का रौद्र रूप है। ये भारत का नया स्वरूप है। पहले, पहले घर में घुसकर किया था वार, पहले घर में घुसकर किया था वार, अब सीधा सीने पर किया प्रहार है। आतंक का फन कुचलने की, आतंक का फन कुचलने की, यही नीति है, यही रीति है, यही भारत है, नया भारत है। बोलो-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

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साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो करारा जवाब मिलेगा। समय हमारी सेनाएं तय करेंगी, तरीका भी हमारी सेनाएं तय करेंगी, और शर्तें भी हमारी होंगी। दूसरा- एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। और तीसरा- हम आतंक के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे, उन्हें अलग-अलग नहीं देखेंगे, उन्हें एक ही मानेंगे। पाकिस्तान का ये स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर वाला खेल अब नहीं चलेगा। आपने देखा होगा, पूरी दुनिया में पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए हमारे देश के सात अलग-अलग प्रतिनिधि मंडल पूरे विश्वभर में पहुंच रहे हैं। और इसमें देश के सभी राजनीतिक दलों के लोग हैं, विदेश नीति के जानकार हैं, गणमान्य नागरिक हैं, अब पाकिस्तान का असली चेहरा पूरी दुनिया को दिखाया जाएगा।

साथियों,

पाकिस्तान, भारत से कभी सीधी लड़ाई जीत ही नहीं सकता। जब भी सीधी लड़ाई होती है, तो बार-बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ती है। इसलिए, पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ लड़ाई का हथियार बनाया है। आजादी के बाद, पिछले कई दशकों से यही चला आ रहा था। पाकिस्तान आतंक फैलाता था, निर्दोष लोगों की हत्याएं करता था, भारत में डर का माहौल बनाता था, लेकिन पाकिस्तान एक बात भूल गया, अब मां भारती का सेवक मोदी यहां सीना तानकर खड़ा है। मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है, लेकिन मोदी का लहू गर्म होता है, और अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है। अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है, हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। और ये कीमत, पाकिस्तान की सेना चुकाएगी, पाकिस्तान की अर्थव्य़वस्था चुकाएगी।

साथियों,

जब मैं दिल्ली से यहां आया तो बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पर उतरा। पाकिस्तान ने इस एयरबेस को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी। लेकिन वो इस एयरबेस को रत्तीभर भी नुकसान नहीं पहुंचा पाया। और वहीं यहां से कुछ ही दूर सीमापार पाकिस्तान का रहीमयार खान एयरबेस है, पता नहीं आगे कब खुलेगा, ICU में पड़ा है। भारत की सेना के अचूक प्रहार ने, इस एयरबेस को तहस-नहस कर दिया है।

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साथियों,

पाकिस्तान के साथ ना ट्रेड होगा, ना टॉक, अगर बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की, PoK की, और अगर पाकिस्तान ने आतंकियों को एक्सपोर्ट करना जारी रखा, तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा। पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा, भारतीयों के खून से खेलना, पाकिस्तान को अब महंगा पड़ेगा। ये भारत का संकल्प है, और दुनिया की कोई ताकत हमें इस संकल्प से डिगा नहीं सकती है।

भाइयों और बहनों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए सुरक्षा और समृद्धि, दोनों ज़रूरी है। ये तभी संभव है, जब भारत का कोना-कोना मजबूत होगा। आज का ये कार्यक्रम, भारत के संतुलित विकास का, भारत के तेज विकास का उत्तम उदाहरण है। मैं एक बार फिर इस वीर धरा से सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए, दोनों मुट्ठी बंद करके, पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।