85% ಕಮಿಷನ್ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳುವ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಕರ್ನಾಟಕದ ಯುವಕರ ಭವಿಷ್ಯವನ್ನು ಸೃಷ್ಟಿಸಬಹುದೇ ಎಂದು ಶಿವಮೊಗ್ಗದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಪ್ರಶ್ನೆ
ಕರ್ನಾಟಕದ ಜನರು ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ನ ಹುಸಿ ಭರವಸೆಗಳನ್ನು ತಿರಸ್ಕರಿಸಲು ನಿರ್ಧರಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪರಿಸರ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಸೃಷ್ಟಿಸಿರುವ ಸುಳ್ಳಿನ ಬಲೂನ್ ಅನ್ನು ಗಾಳಿಗೆ ತೂರಲು ಅವರು ಮನಸ್ಸು ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

भारत माता की। भारत माता की। बजरंगबली की। बजरंगबली की।
मलेनाडिना मडिलु, सौंदर्यदा होनलु, शिवमोग्गदा जनतेगे नमस्कारगळु
राष्ट्रकवि कुवेम्पु की धरती को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। देवी सिंगधूरु चौडेश्वरी, आज मैं उन्हें भी प्रणाम करता हूं। शिवमोगा शहर में ही श्री कोटे आंजनेय भी हैं। उन्हें भी आज पूरा हिंदुस्तान प्रणाम कर रहा है। मैं महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व पूज्य श्रीधर स्वामी जी को भी श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। कुछ दिन पहले मैं रैयता बंधु येदियुरप्पा जी के जन्म दिवस पर शिवमोगा आया था। और कुछ दिन पहले ईश्वरप्पा के साथ फोन पर बात किया। पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को चार्ज कर दिया। शिवमोगा ने हम सभी को बार-बार बहुत प्रेम दिया है, बहुत स्नेह दिया है, बहुत आशीर्वाद दिया है। आज आपके इस उत्साह ने मेरा ये विश्वास पक्का कर दिया है कि कर्नाटका में बीजेपी सरकार की वापसी होने जा रही है। येदियुरप्पा जी ने जो संकल्प लिया है वो पूरा होने वाला है। आज पूरा कर्नाटका कह रहा है- ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, बहुमतदा बीजेपी सरकारा ! आपका कर्नाटका के एक-एक नागरिक का मुझ पर इतना प्यार है। इतना प्यार है कि भाषा हमारे प्रेम में रुकावट नहीं बन रही है। ये आपका प्यार मैं जीवनभर नहीं भूलूंगा।

सहोदर-सहोदरियरे,
यहां आने से पहले मैं बैंगलुरू में, फिर एक बार आज सुबह जनता जनार्दन के दर्शन के लिए निकला था। और यहां आना था तो जरा जल्दी ही निकल गया। कोई पोलिटिकल पार्टी 11 बजे के पहले कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं कर सकती। बड़े शहर में तो कभी नहीं कर सकती है। और आज सुबह-सुबह बैंगलुरू में बारिश हो रही थी। वरुण देवता आशीर्वाद देने के लिए पधार गए थे। और मैं सुबह-सुबह जनता-जनार्दन के दर्शन के लिए निकला और ईश्वर रूपी रूपी जनता जनार्दन ने पुष्प वर्षा करके अपना आशीर्वाद बरसाया।

साथियों, वैसे तो आज लंबा रोड शो होने वाला था। लेकिन बाद में पता चला कि आज नीट का एक्जाम है। मैंने पार्टी से कहा- हमारी एग्जाम तो 10 तारीख को है। इन बच्चों की एग्जाम आज है। और इसीलिए हमें पहले बच्चों के एग्जाम का ख्याल करना चाहिए और इसीलिए हमने सुबह-सुबह रोड शो कर दिया। और जल्दी-जल्दी पूरा कर दिया। भाइयों-बहनों, उसके बावजूद भी, संडे के दिन आज बैंगलुरू ने जो ताकत दिखाई है, जो विश्वास दिखाया है, जो प्यार दिखाया है। वो मेरे हृदय को छूने वाला था दोस्तों। मैं जीवनभर कर्नाटका का ऋणी रहूंगा। जिस तरह आप सभी, पूरे कर्नाटका की पूरी जनता, लगातार अपना आशीर्वाद दे रही है, अपना स्नेह दिखा रही है, लेकिन मैं आज शिवमोगा की इस धरती से, रैयता बंधु येदियुरप्पा जी की धरती से पूरे कर्नाटका को विश्वास देना चाहता हूं, असली गारंटी देना चाहता हूं कि आपने मुझे जो प्यार दिया है। आपने मुझे जो आशीर्वाद दिया है। मैं कर्नाटका का विकास करके आपको ब्याज समेत लौटाऊंगा।



सहोदर-सहोदरियरे,
कर्नाटका विधानसभा चुनाव प्रचार भी अब अपने आखिरी दौर की तरफ बढ़ रहा है। कांग्रेस ने अपना झूठ फैलाने के लिए जो इकोसिस्टम बनाया है, वो पिछले काफी समय से, कर्नाटका में एक गुब्बारा, एक ‘बलून’ फुला रहे थे। झूठ-झूठ की हवा भर-भर करके। उस गुब्बारे पर, इस ‘बलून’ पर एक से बढ़कर एक झूठी फूंकें मारकर हवा भरी जा रही थी। ऐसे-ऐसे झूठ, ऐसी-ऐसी बातें, जिनसे जमीनी सच्चाई बिल्कुल अलग थी। कर्नाटका की जनता जानती थी, कि कांग्रेस का इकोसिस्टम चाहे जितना बड़ा गुब्बारा फुला ले, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और चुनाव प्रचार होते ही कर्नाटका की जनता ने कांग्रेस का ये बलून, ये गुब्बारा, ये जनता ने ही उसको चूर-चूर कर दिया। अब कांग्रेस इतनी डरी हुई है, इतनी घबराई हुई है कि झूठ बोलने से गाड़ी नहीं चली। तो जो लोग इन दिनों चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं उनको भी लाना पड़ रहा है। अब कांग्रेस के नेता, अभी से एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने लगे हैं। कर्नाटका में चारों तरफ से एक ही आवाज़ आ रही है, कर्नाटका का एक ही संकल्प सुनाई दे रहा है, कर्नाटका का एक ही मंत्र गूंज रहा है- ई बारिया निर्धारा,ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, बहुमतदा बीजेपी सरकारा !

बंधु-भगिनियरे,
ये क्षेत्र देश के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। यहां जिस प्रकार फसलों की वैरायटी, क्रॉप की वैरायटी पाई जाती है, वो इस क्षेत्र को एग्रीकल्चर हब के रूप में पहचान देता है। कांग्रेस और बीजेपी सरकार होने से क्या अंतर आता है, इसका प्रमाण सुपारी Import से जुड़ी नीति है। अब आप ये सुपारी Import की कांग्रेस की नीति और बीजेपी की नीति की तुलना कीजिए। तो आपके यहां के किसानों के लिए हमारे दिल में क्या जगह है वो आपको पता चलेगा, और अभी नहीं, मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, येदियुरप्पा जी यहां कर्नाटका के मुख्यमंत्री थे, और सुपारी पर बड़ा संकट आ गया। येदियुरप्पा जी डेलिगेशन लेकर गुजरात आए और मुझे कहा- मोदी जी आप मुख्यमंत्री हैं, इतनी बड़ी सरकार है। कर्नाटका के सुपारी के किसानों की मदद कीजिए। और मुझे खुशी है मैं मुख्यमंत्री था तब भी मैंने येदियुरप्पा जी ने जो कहा वो सारा कर दिया था दोस्तों। यहां के सुपारी किसान, सुपारी के Import से होने वाले नुकसान से चिंतित थे। अब मुझे बताइए, जब इतनी सुपारी की पैदावार होती है, इतने किसान अपना सुपारी पर गुजारा करते हैं। और आप विदेश से सुपारी मंगवाओगे तो भारत के किसान का क्या होगा। कर्नाटका के किसान का क्या होगा। ये यहां के किसान के साथ अन्याय है कि नहीं है। मुझे जवाब दीजिए, अन्याय है कि नहीं है। यहां के किसान के साथ धोखा है कि नहीं है। ये सुपारी के किसान के खिलाफ षडयंत्र है कि नहीं है। उन्होंने विदेशों से कम कीमत वाली सुपारी Import से करने का निर्णय कर लिया और हमारे किसानों की कमाई, इनकम कम होती गई। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया।

आपने 2014 में मुझे दिल्ली में भेजा, आपकी सेवा करने का अवसर दिया। Nine Years पहले सुपारी पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस -MIP, सिर्फ Hundred Rupees Per KG के आसपास थी। 100 Rupees Per KG था। हमने सोचा कि ये मेरे कर्नाटका के किसानों को मार देगा। हमने हिम्मत की। दुनिया के लोग राजी हों, नाराजी हों परवाह नहीं की। हमने आज सुपारी का मिनिमम इंपोर्ट प्राइस Three Hundred Fifty Rupees Per KG कर दिया। तो कोई बाहर से लाने की हिम्मत ही नहीं कर रहा है। इतनी कीमत से कोई ला ही नहीं सकता है। फायदा किसको हुआ। कर्नाटका के किसान को हुआ। सुपारी वाले किसान को हुआ। यानि हमने MIP को 3 गुणा से अधिक बढ़ाया है, ताकि कर्नाटका के सुपारी किसानों को कोई परेशानी ना हो।

स्नेहितरे,
बीजेपी सरकार एक तरफ अपने किसानों को Import से सुरक्षा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ Agriculture Export बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। कांग्रेस की सरकारों के दौरान हमारा Agriculture Export बहुत ही सीमित था। लेकिन आज भारत दुनिया के Top Ten, दुनिया के Top Ten Agriculture Exporter देशों में पहुंच गया है। कोरोना काल में भी भारत ने रिकॉर्ड Agriculture Export किया है, और जिसका सीधा-सीधा लाभ ये मेरे रैयता बंधुओं को हुआ है, मेरे किसान भाइयों को हुआ है। बीजेपी सरकार बीज से बाज़ार तक, हर प्रकार की सुविधा किसानों को दे रही है। पिछले 9 वर्षों में Two Thousand से अधिक, दो हजार से ज्यादा हमने बीज की वैरायटीज, नई- नई वैरायटी किसानों के लिए उपलब्ध कराई है। नौ साल में दो हजार नई वैरायटी बीज की। ये भी अपने आप में एक रिकार्ड है। बड़े-बड़े संकटों के बावजूद हमने देश में फर्टिलाइज़र की कभी कमी नहीं होने दी। रूस-यूक्रेन संकट के कारण दुनिया में फर्टिलाइज़र की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हो गई। लेकिन हमने देश के किसानों पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया। यूरिया की बढ़ती कीमतों की वजह से Two Lakh Crore Rupees, दो लाख करोड़ रुपये, उससे भी ज्यादा का बोझ, जो किसानों पर पड़ने वाला था, लेकिन ये आपका बेटा दिल्ली में बैठा था न, आ वो बोझ आप पर नहीं पड़ने दिया, बोझ सरकार खुद उठा रही है।

स्नेहितरे,
कांग्रेस सरकारों के पास सूखे (Drought), बाढ़ (Flood) और दूसरी आपदाओं से किसानों को सुरक्षा देने की कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। आज पीएम फसल बीमा योजना के तहत देश में One Lakh, Thirty Thousand Crore Rupees, एक लाख तीस हजार करोड़ रुपया, बीमा योजना से किसानों को मदद दी गई है, मुआवजा दिया गया है। इसमें कर्नाटका के किसानों को भी दस हजार करोड़ रुपये, Ten Thousand करोड़ रुपए मिले हैं। कांग्रेस के कमीशन काल में देश के करोड़ों किसान बैंकिंग सिस्टम से बाहर थे। हमने करोड़ों छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। कांग्रेस कर्जमाफी के नाम पर अपने लोगों की, बिचौलियों की तिजोरियां भरती थी। हमने पीएम किसान सम्मान निधि से Eighteen Thousand करोड़ रुपए सीधे कर्नाटका के किसानों के बैंक खातों में जमा किए हैं।

स्नेहितरे,
शिवमोगा के पास कर्नाटका की महान महिला संत अक्का महादेवी की जन्मभूमि है। उनकी महिमा और उनके तेज के बारे में सुनकर स्वयं जगद्गुरु बसवेश्वरा उन्हें अक्का कहते थे। ये हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसी महान संत का आशीर्वाद मिला, जिनके शब्द आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। लेकिन एक ये भी सत्य है कि कांग्रेस के दशकों के शासन में बेटियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को पीछे धकेल दिया गया। दशकों तक, कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं बनवाया। टॉयलेट ना होने की वजह से बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इससे बेटियों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ता था। बीजेपी ने बेटियों के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए अभियान चलाया है। अब, ज्यादा से ज्यादा लड़कियां स्कूल जा रही हैं, हमारी बेटियां स्कूल जा रही हैं और अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं।

स्नेहितरे,
बीजेपी आज ऐसी आधुनिक व्यवस्था बना रही है जिसमें हमारी बेटियों को हायर एजुकेशन हासिल करने में कोई परेशानी ना हो। ये व्यवस्था बेटियों को साइंस और टेक्नॉलजी के फील्ड में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। आज हमारी बहनें-बेटियां हर फील्ड, हर सेक्टर में एक नई लहर पैदा कर रही हैं। वो भारत में हो रहे startup revolution में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बेटियों के सामने तीनों सेनाओं में भर्ती से जुड़ी जो बाधाएं थीं, उन्हें भी बीजेपी सरकार ने हटा दिया है। यहां तक कि अब उनके लिए सैनिक स्कूल भी खुल गए हैं। आज हर बेटी के पास अक्का महादेवी जैसी शक्ति है। अक्का महादेवी का आशीर्वाद है। और मुझे विश्वास है, यही नारी शक्ति 21वीं सदी में भारत को सबसे आगे ले जाएगी।

स्नेहितरे,
आज मैं कर्नाटका के फर्स्ट टाइम वोटर्स, जो पहली बार मतदान करने वाले हैं, जिनकी 18 साल की उमर हुई है, मैं आज इन फर्स्ट टाइम वोटरों से सवाल करना चाहता हूं। मेरे सवाल को समझें, सोचें। क्या कर्नाटका का विकास ऐसी कांग्रेस पार्टी कर सकती है, जिसका लक्ष्य भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण हो? कर सकती है क्या? कांग्रेस भला कर सकती है क्या? जरा पूरी ताकत से बताइए, कर सकती है क्या? कांग्रेस हमारे नौजवानों का भविष्य बना सकती है? आपके पिता जी को, माता जी को, दादा-दादी को जो मुसीबतें झेलनी पड़ी…ये मोदी आपको ऐसी मुसीबतों से गुजरने देना नहीं चाहता है। आपके माता-पिता को जो तकलीफ पड़ी, वो तकलीफें मोदी हटाना चाहता है ताकि आप आगे बढ़ सकें।

भाइयों-बहनों, क्या Eighty Five Percent कमीशन खाने वाली कांग्रेस, कर्नाटका के नौजवानों का भविष्य बना सकती है? बना सकती है? जोर से बताइए…बना सकती है? कभी नहीं बना सकती दोस्तों। कांग्रेस ने कभी देश के नौजवानों के बारे में नहीं सोचा। ये बीजेपी की सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में देश में हर Two Days में, हर दूसने दिन एक नया कॉलेज बना है। ये बीजेपी सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में Every Week, हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। ये बीजेपी सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में देश में Three Hundred से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। ये बीजेपी है जिसने देश के युवाओं को कदम-कदम पर अपने कागज अटेस्ट कराने की परेशानी से मुक्ति दिलाई। ये बीजेपी है जिसने ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों से इंटरव्यू की परंपरा और भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद कर दिए हैं। ये बीजेपी है जिसने देश के नौजवानों की इस समस्या को समझा। कांग्रेस कभी नहीं समझ पाई कि बैंक से मदद लेते हुए नौजवानों को कोई गारंटी देने में कितनी दिक्कत आती है। देश के नौजवानों की ये परेशानी हमने समाप्त कर दी। बीजेपी सरकार, नौजवानों की गारंटी खुद मोदी ले रहा है, मुद्रा योजना के द्वारा ले रहा है। आज मुद्रा योजना के तहत देश के नौजवानों को बिना गारंटी Twenty Lakh Crore Rupees, 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी गई है। इस योजना ने देश के करोड़ों नौजवानों को अपना रोजगार शुरू करने में मदद की है। इसका लाभ कर्नाटका के, शिवमोगा के भी हजारों युवाओं को मिला है।

स्नेहितरे,
कांग्रेस की पॉलिटिक्स भी पेपर पर होती है और विकास भी पेपर पर ही होता है। अब जो मैं बताने जा रहा हूं, वो कर्नाटका के युवा साथियों को बहुत ध्यान से सुनना चाहिए। कांग्रेस ने यहां कर्नाटका में वादा किया है कि अगले Five Years में प्राइवेट सेक्टर में Ten Lakhs नौकरियां देगी। यानि पांच साल में 10 लाख नौकरियां देंगे। ये कांग्रेस ने गारंटी दी है। देखिए झूठ कैसा बोलते हैं। कर्नाटका का युवान समझता है। ये झूठ पकड़ जाएगा। यानि पांच साल में 10 लाख नौकरी, यानी हर साल Two Lakh Jobs. ये कांग्रेस का झूठ देखिए हर साल Two Lakh Jobs. अब मैं आपको बताता हूं कि कांग्रेस कैसे लोगों को धोखा दे रही है। कर्नाटका में बीजेपी सरकार सिर्फ साढ़े 3 साल से है। येदियुरप्पा जी और बोम्मई जी ने मिलकर के साढ़े तीन साल उनको मौका मिला। यह ऐसा समय है जब पूरी दुनिया महामारी के संकट और उसके प्रभावों से जूझ रही है। इसके बावजूद कर्नाटका की बीजेपी सरकार में हर साल कर्नाटका में Thirteen Lakhs से ज्यादा Formal jobs बढ़ी हैं। 13 लाख से ज्यादा हर वर्ष। अब आपको समझ आया, कहां उनकी बातें और कहां हमारा काम। हमने कर्नाटका के युवाओं के लिए हर साल Thirteen Lakhs से ज्यादा Formal Jobs बनाई हैं। और कांग्रेस आपसे वादा कर रही है कि वो हर साल Two Lakhs, Formal jobs उपलब्ध कराएगी। इसलिए ही मैं कहता हूं कि कांग्रेस सरकार, कर्नाटका को रिवर्स गियर में डाल देगी। रिवर्स गियर में। इसलिए कर्नाटका के लोगों को कांग्रेस से बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

बंधु-भगिनियरे,
जैसी कांग्रेस की नीतियां हैं, उससे Investors कर्नाटका से बाहर ही जाएंगे। बीजेपी सरकार ने कर्नाटका में Investment बढ़ाने के लिए जो कानून बनाए उनको कांग्रेस खत्म करना चाहती है। जब Investors पड़ोस के राज्यों में चले जाएंगे तो कर्नाटका के युवा, कर्नाटका के श्रमिकों को बहुत नुकसान होगा। शिवमोगा तो ऑटोमोबाइल पार्ट्स का हब है। यहां अनेक foundries हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। एक तरफ बीजेपी मेड इन इंडिया को प्रमोट कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस investment को रोकने की साजिश कर रही है।

बंधु-भगिनियरे,
शिवमोगा, वेस्टर्न घाट के लिए मशहूर मले-नाडू का गेटवे है। यहां मशहूर जोग जलपाता है। और यहां तो घर-घर में जानते हैं- गंगा स्नाना, तुंगा पाना यानि जिसने गंगा स्नान नहीं किया और तुंगा नदी का पान नहीं पिया, उसके जीवन में कुछ ना कुछ अधूरा है। राष्ट्रकवि कुवेम्पु की राष्ट्रभक्ति की विरासत, और "येसुरु बिट्टरू - ईसुरू बिडेवू" इस नारे से आज़ादी की अलख जलाने वाला गांव भी यहीं है। बीजेपी सरकार, हमारी पुरातन संस्कृति को, विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी हुई है। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने इसमें तुष्टिकरण की ही राजनीति की। कांग्रेस ने हमारी आस्था, आध्यात्म के हर प्रतीक को या तो बेहाल छोड़ा या फिर उनको विवादों में रहने दिया। आज बीजेपी सरकार हमारी संस्कृति-सभ्यता के ऐसे हर स्थान को भव्य बनाने में जुटी है।

स्नेहितरे,
कर्नाटका में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनना तय हो चुका है। लेकिन इसके लिए ये बहुत जरूरी है कि बीजेपी का हर समर्थक वोट देने जरूर जाए। वोट देने जाएंगे न। लोगों को ले जाएंगे न। शहर हो या गांव, आपका एक-एक वोट, कर्नाटका में बीजेपी की मजबूत सरकार बनाने में मदद करेगा। इसलिए मेरे कर्नाटका के भाइयों-बहनों, ऐसा तो नहीं होगा न रोड शो जबर्दस्त हो गया, सभा जबर्दस्त हो गई, मोदी जी आ गए, येदियुरप्पा जी आ गए, ईश्वरप्पा जी आ गए, अब चलो सो जाओ, ऐसा तो नहीं करेंगे न। नहीं करेंगे न। बूथ-बूथ पर जाएंगे, मतदाताओं से मिलेंगे, मतदान करवाएंगे। हर बूथ को जीतेंगे। मैं रिजल्ट देखने वाला हूं। हर बूथ को जीतेंगे। पक्का करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। (क्यों भई बंद हो गए।) मेरा एक काम करेंगे। ऐसे नहीं, हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए, मेरा एक काम करेंगे। और जोर से बोलिए, आवाज दिल्ली तक जानी चाहिए, मेरा काम करेंगे। ये मेरा पर्सनल काम है, करेंगे, पक्का करेंगे। अच्छा मुझे मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करके बताइए। ताकि मुझे दूर-दूर दिखाई दे। हर कोई अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करिए। हर कोई अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करिए। हरेक के मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू हो। अच्छा मैं काम बताऊं आपको। मेरा काम बताऊं। आप करेंगे। आपको घर-घर जाना है। जाकर के कहना है कि मोदी जी शिवमोगा आए थे। और आपको नमस्कार भेजा है। ये कह देंगे। मेरा नमस्कार पहुंचाएंगे। मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे। जब हर घर मेरा नमस्कार पहुंचेगा, हर परिवार से मुझे आशीर्वाद मिलेगा। उस आशीर्वाद से मुझे नई ऊर्जा मिलेगी। और उस ऊर्जा से मैं आपकी सेवा ज्यादा करूंगा।

बोलो भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की। बजरंगबली की। बजरंगबली की। बजरंगबली की। बजरंगबली की।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!