CAA is a testimony to Modi's guarantee: PM Modi in Lalganj, UP

Published By : Admin | May 16, 2024 | 11:10 IST
CAA is a testimony to Modi's guarantee: PM Modi in Lalganj
During the SP-Congress regime, common people’s security was left to the mercy of God: PM Modi in Lalganj, UP
We all must be extremely vigilant against the Congress-SP's triple dose of dangerous agendas: PM Modi in Lalganj, UP

राम राम!
सब भइया बहिनी के पांय लागी !
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय

दो दिन पहले ही मैं बनारस में था। वहां जो माहौल बना, जिस प्रकार से काशीवासियों ने लोकतंत्र का उत्सव मनाया और स्वाभाविक है कि प्रधानमंत्री वहां नामांकन करने गए थे। तो जरा मीडिया वालों का भी ध्यान ज्यादा रहता है। लेकिन सवाल काशी का नहीं है। हिंदुस्तान के हर कोने में कन्याकुमारी से कश्मीर तक और अटक से कटक तक सब ओर यही उमंग है और यही उत्सव है और लोकतंत्र की क्या ताकत है उसपर दुनिया का ध्यान गया है और मैं पहली बार देख रहा हूं कि दुनिया के अखबारों में पहले पेज पर भारत के लोकतंत्र के उत्सव की खबरें छाई हुई हैं। भारत की पहचान, भारत का महात्मय दुनिया के लिए भी कितना महत्व रखता है, इसका ये परिचय है। दुनिया देख रही है कि जनता-जनार्दन का आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी-एनडीए और हमारे सभी साथियों पर है। जहां भी जाते हैं एक ही स्वर सुनाई देता है। एक ही नारा गूंज रहा है। एक ही संकल्प चारो ओर लोग लेकर चल रहे हैं और वो है- फिर एक बार मोदी सरकार...

भाइयों और बहनों,

आखिर दुनिया को ये विश्वास कैसे है? ये रातों-रात तो नहीं हुआ है। दुनिया ये जनसमर्थन देख रही है...आपका प्रेम, आपका आशीर्वाद और आपका स्नेह दुनिया को अचरज कर रहा है। दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों को मोदी की गारंटी पर कितना भरोसा है।

साथियों,

मोदी की गारंटी का मतलब क्या होता है...इसका ताजा उदाहरण CAA कानून है और आपने देखा होगा की कल ही CAA कानून के तहत शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का काम शुरू हो गया है। पहले लॉट को ऑलरेडी नागरिकता दी गई और ये सभी भाई-बहन हिंदू हैं, सिख हैं, बौद्ध हैं, जैन हैं, पारसी हैं, ईसाई हैं और ये लोग हैं, जो शरणार्थी बनकर के लंबे अरसे से हमारे देश में रह रहे हैं। ये वो लोग हैं, जो धर्म के आधार पर हुए भारत के बंटवारे का शिकार हुए थे। और मजा देखिए, ये महात्मा गांधी का नाम लेकर के सत्ता की सीढ़ियां तो चढ़ जाते हैं। लेकिन महात्मा गांधी की बातों को याद नहीं रखते हैं। खुद महात्मा गांधी ने भरोसा दिया था कि वे कभी भारत आ सकते हैं। 70 वर्षों में हजारों परिवार, प्रताड़ना झेलकर अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए अपना धर्म अपनी संस्कृति अपनी परंपरा को बचाने के लिए मजबूरन भारत मां की कोख में आकर के शरण लिया। लेकिन कांग्रेस ने इनकी कभी सुध नहीं ली, क्योंकि ये कांग्रेस के वोट बैंक नहीं थे। ये लोग कौन हैं? ज्यादातर इनमें मेरे दलित भाई-बहन हैं, मेरे ओबीसी समाज के भाई-बहन हैं, मेरे पिछड़े भाई-बहन हैं। और इसलिए इनपर वहां तो जुल्म हुआ ही हुआ, वोटबैंक की राजनीति में डूबे हुए यहां के कांग्रेस की सरकारों ने भी और उनके साथियों ने भी इनपर जुल्म करने में कोई कमी नहीं रखी। लेकिन यहां सपा-कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों ने इनके साथ क्या किया? इन्होंने CAA के नाम पर ऐसा झूठ का पहाड़ खड़ा कर दिया, ऐसा झूठ चलाया... ऐसा झूठ चलाया...। सपा-कांग्रेस जैसे दलों ने यूपी सहित पूरे देश को दंगों की आग में झोंकने का भरपूर प्रयास किया। आज तक ये इंडी-गठबंधन वाले कहते हैं कि मोदी ये जो CAA लाया है ना, जिस दिन मोदी जाएगा, ये CAA भी जाएगा।

भाइयों-बहनों,

क्या इस देश में कोई माई का लाल पैदा हुआ है, जो CAA को खत्म कर सके। ये देश की जनता जान गई है, देश का हर नागरिक जान गया है कि आप लोगों ने वोट बैंक की राजनीति करके और हिंदु-मुसलमान को लड़ा-लड़ा करके और सेक्यूलरिज्म का ऐसा चोला पहन लिया था कि आप की अंदर की पाप की सच्चाई बाहर नहीं आती थी। ये मोदी है, जिसने आपका ये नकाब उतार दिया है। आप ढोंगी हैं, आप सांप्रदायिक हैं, आपने देश को 7 दशक तक सांप्रदायिकता की आग में झुलसने के लिए मजबूर कर दिया है।

मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं मेरे भाइयों-बहनों ये मोदी की गारंटी है। देश-विदेश कहीं से भी जो भी ताकत इकट्ठी करनी है कर लो, मैं भी मैदान में हूं, तुम भी मैदान में हो, आप CAA नहीं मिटा नहीं पाओगे। आने वाले कुछ महीनों में ही पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली-पंजाब तक...जो हजारों शरणार्थी परिवार मां भारती की गोद में रह रहे हैं। अनाथ की तरह रह रहे हैं, वो सम्मान के साथ रहेंगे। उनके पास उनकी एक पहचान होगी। वे मां भारती के बेटे कहने के हकदार हो जाएंगे। हमारे उत्तर प्रदेश में भी ऐसे लाखों परिवार बसे हुए हैं जी।

साथियों,

मोदी की एक और गारंटी आज कश्मीर में भी दिख रही है। पिछले 5-6 दशकों में कश्मीर, देश के हर चुनाव का मुद्दा होता था। सभी दल कश्मीर के मुद्दे को भुनाते थे। आपने देखा होगा हर चुनाव में सभी दल कश्मीर के मुद्दे को भुनाते थे। आपने देखा होगा हमारे विरोधी लोग हैं ना उनकी बोलती बंद हो गई है। उनके मुंह पर ताला लग गया है। और दबी जुबान में उन इलाकों में जाकर कहते हैं कि चिंता मत करो, मोदी भले कुछ भी चिल्लाता रहे। मोदी ने भले ही 370 हटाया, जैसे ही हमको मौका मिलेगा ना। हम 370 भी वापस ले आएंगे।

भाइयों-बहनों

सवाल मोदी का नहीं है, जिस प्रकार से श्रीनगर में ये चौथे चरण के समय मतदान हुआ। 40 साल के बाद वहां भारत के लोकतंत्र का उत्सव मनाया गया। भारत के संविधान का गौरवगान किया गया और मतदान करके लोग गर्व अनुभव कर रहे थे कि वे हिंदुस्तान की सरकार बनाने जा रहे हैं। श्रीनगर के लोगों के जीवन में एक बहुत बड़ा दिन था। श्रीनगर के लोगों का उत्साह साफ दिखाता है कि अब कोई भी 370 वापस लाकर के वोट बैंक की राजनीति नहीं कर पाएगा।

आजमगढ़ के, यूपी के हमारे सैनिक परिवारों की माताएं-बहनें चिंता में रहती थीं...ना जाने कब कश्मीर की धरती पर आतंकी धमाका कर दें...ना जाने कब पत्थरबाजी हो जाए...और ना जाने कब बुरी खबर आ जाए कोई ठिकाना नहीं था। लेकिन मोदी ने कश्मीर में शांति की गारंटी दी थी। मोदी ने 370 की दीवार गिराई दी... 370 की दीवार गिराई। पहले चुनाव आते थे तो हड़तालें होती थीं, मतदान करने वालों को मौत की मुसीबत आ जाती थी। आतंकी धमकी देते थे। लेकिन इस बार श्रीनगर में पिछले अनेक चुनावों के रिकॉर्ड टूट गए भाई।

साथियों,

ऐसा काम वही कर सकता है...जिसकी रग-रग में राष्ट्र प्रथम का संकल्प बह रहा हो। आप याद करिए...10 साल पहले देश में एक सामान्य व्यक्ति की सुरक्षा भगवान भरोसे होती थी। कभी बम धमाके, कभी आतंक, कभी स्लीपर सेल, कभी दंगे और आजमगढ़ की तो पहचान ही बदल दी गयी थी। ना जाने किस-किस नाम से आजमगढ़ को बुलाया जाने लगा था, कितना बदनाम करके छोड़ा था। देश में कहीं भी धमाके होते थे..तो सबसे पहले सबका ध्यान आज़मगढ़ की तरफ जाता था, लोग आजमगढ़ की चर्चा करते थे। और तब यहां समाजवादी पार्टी की सरकार आजमगढ़ की प्रतिष्ठा के लिए ना कुछ सोचती थी ना कुछ करती थी? तब सपा के शहजादे आतंक के समर्थन में दंगाइयों का सम्मान करते थे...धमाके करने वाले आतंकियों को छोड़ा जाता था। स्पीपर सेल्स को राजनीतिक कवर दिया जाता था। इसी रवैये के कारण देश में आतंकवाद फला-फूला। अनेक माताओं ने अपने बच्चों को बर्बाद होते देखा और आज भी इनका रवैया वैसा ही है।

भाइयों और बहनों,

सपा-कांग्रेस...दल दो हैं, लेकिन दुकान एक ही है। ये झूठ का सामान बेचते हैं। ये तुष्टिकरण का, परिवारवाद का और भ्रष्टाचार का सामान बेचते हैं। अब ये लोग तुष्टीकरण की ट्रिपल डोज लेकर आए हैं...एक तरफ ये लोग पिछडे, दलित, आदिवासी का आरक्षण छीन कर अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं...दूसरी तरफ ये इंडी गठबंधन वाले आपकी संपत्ति का आधा हिस्सा छीनकर उसको भी अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं, साथ ही ये लोग देश के बजट को भी बांटना चाहते हैं और बजट का 15 प्रतिशत भी माइनॉरिटी के नाम पर ही अलॉट करना चाहते हैं। मैं आप सबको कहना चाहता हूं। देश की एकता के लिए, देश में सच्चे अर्थ में संविधान का सम्मान करने के लिए, देश में सच्चे अर्थ में बाबासाहेब अम्बेडकर की भावनाओं को जीने के लिए हमें इनसे बहुत चौकन्ना रहने की जरूरत है। देश को आज सबसे ज्यादा एकता की जरूरत है। 70 साल तक वे हिंदु-मुसलमान, हिंदु-मुसलमान करते रहे। आओ एक बनकर के चले और दुनिया में देश का नाम रोशन करके रहें।

साथियों,

इंडी गठबंधन तुष्टिकरण के दलदल में पूरी तरह धंस चुकी है। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता, राममंदिर को लेकर आए दिन घटिया बातें कर रहे हैं। कांग्रेस के शहजादे ने तो राममंदिर को गालियां देने का मिशन ही चला रखा है। सिर्फ वोट बैंक को खुश करने के लिए ये लोग हमारी आस्था पर चोट कर रहे हैं।

साथियों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आई हैं। मोदी आपका जीवन बेहतर बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहा है। आज हर गरीब को मुफ्त अनाज मिल रहा है...आज हर गरीब को मुफ्त इलाज मिल रहा है...पक्का घर, घर में नल, नल में जल, सस्ता सिलेंडर...ऐसी अनेक सुविधाएं आप तक पहुंची हैं। क्या समाजवादी सरकार में, कांग्रेस की सरकार में उन लोगों ने आपकी कभी चिंता की थी? उन्होंने आपको अपने हाल पर छोड़ दिया था। ये मोदी है, जो आपके जीवन से हर चिंता को दूर कर रहा है।

अभी मोदी ने एक और बड़ा फैसला लिया है। जो आप सबके काम आने वाला है। आप किस जात में पैदा हुए, किस बिरादरी में पैदा हुए, आप धनी हैं नहीं हैं, गांव में रहते हैं, शहर में रहते हैं, कुछ नहीं सबके-सब अब आपके घर में और खास कर हर परिवार में बुजुर्ग लोग होते ही होते हैं। मां-बाप, चाच-चाची, नाना-नानी बुजुर्ग लोग होते ही होते हैं और 70 साल के बाद छोट-मोटी कोई बीमारी भी होती है। दवाई का खर्च भी होता है। अब जो बेटा और बेटी कमाते हैं, उनके मन में ये रहता है खिलाने-पिलाने में तो कोई प्रोब्लम नहीं है, लेकिन अगर दवाई का बोझ जाए तो बेटा-बेटी चिंता में लग जाते हैं कि कैसे करेंगे भाई। उनके सामने प्रशन होता है कि बच्चों की परवरिश करें या फिर बुजुर्गों की चिंता करें। जिम्मेवारी भी है, दोनों जिम्मेवारी है, लेकिन अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। ये चिंता अब आपका बेटा मोदी करेगा। 70 साल से ऊपर के आपके परिवार में जो भी लोग होंगे। उन सबकी बिमारी में इलाज के खर्च की जिम्मेवारी मोदी की। ये मोदी की गारंटी है। घुटने की दिक्कत हो...हार्ट की परेशानी हो...कोई भी बीमारी हो...हर बुजुर्ग का इलाज होगा...और वो भी मुफ्त।

साथियों,

मोदी ने एक और योजना शुरू की है। इसमें बिजली बिल जीरो हो जाता है। बिजली बिल जीरो, इतना ही नहीं बिजली बिल जीरो हो जाएगा, लेकिन बिजली इस्तेमाल करने वाला हीरो बन जाता है। सिर्फ निरहुआ हीरो हो गया ऐसा नहीं, आप भी हीरो बन जाएंगे। इस योजना को मैं समझाता हूं। और ऑलरेडी चालू कर दिया है मैंने ऐसा नहीं की चार जून के बाद करूंगा। योजना का नाम है- पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। आप ऑनलाइन जाकर के अभी से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हो, रजिस्ट्रेशन चालू है। मोदी आपको 75 हजार रुपए देगा...आपकी जरूरत के हिसाब से 75 हजार तक मोदी देगा..कितना...कितना...उसमें से आप घर पर सोलर पैनल लगाएंगे। और जो सोलर की बिजली होगी उसे आप अपने परिवार के लिए उपयोग करेंगे और जो ज्यादा बिजली होगी वो योगी जी की सरकार खरीद लेगी। इससे आपका बिजली बिल तो जीरो हो जाएगा, आप बिजली बेच करके कमाई करना शुरू कर दोगे। ये काम मोदी आपके लिए कर रहा है और आप रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाइन जाइये सारी चीजें मौजूद हैं।

साथियों,

आज भाजपा सरकार में यूपी का तेजी से विकास हो रहा है। मंदुरी एयरपोर्ट बना है... महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी बनी है... किसान कल्याण के काम हो रहे हैं। लेकिन यूपी के शहजादे को इन कामों से पेट में क्यों दर्द होने लगता है। इन्हें लगता है कि इस क्षेत्र का विकास हो गया, तो इनकी दुकान कैसे चलेगी…आपने तो सपा के गुंडाराज के वो पुराने दिन देखे हैं। बाज़ार शाम 7 बजे ही बंद हो जाते थे...माताएं-बहनें बाहर नहीं निकल पाती थीं...पढ़ाई-लिखाई तक के लिए बेटियों का निकलना मुश्किल होता था।

भाइयों और बहनों,

आज भाजपा सरकार में यूपी इन सारे संकटों से बाहर निकल आया है। योगी जी यहां दंगाइयों की, माफियाओं की, अपहरण-फिरौती गैंग की...मेरा जो स्वच्छता अभियान है, ना योगीजी ने उत्तर प्रदेश में बराबर चलाया है। अब यूपी में तेजी से आधुनिक सुविधाएं बनाई जा रही हैं। मुबारकपुर का साड़ी उद्योग हो या फिर निज़ामाबाद के मिट्टी के बर्तन...या फिर यहां का गुड़...ऐसे हर उत्पाद को दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इसलिए मैं वोकल फॉर लोकल के मंत्र को आगे बढ़ा रहा हूं।

भाइयों और बहनों,

आजमगढ़ को, पूर्वांचल को, देश का विकास इंजन बनाने के लिए आपके वोट बहुत महत्वपूर्ण है। अब उनका हाल देखिए मैं अभी द्वारका जी के दर्शन करने गया था। समंदर के अंदर जाकर के मैंने भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने द्वारका नगरी बनाई थी। वहां अपनी श्रद्धा अर्पित करने गया था। तो कांग्रेस वाले इसका भी मजाक उड़ा रहे थे। और मजा ये है कि बिहार में आरजेडी वाले और उत्तर प्रदेश में सपा वाले उनके परिवार के जो मुखियां हैं, वो अपने परिवार को यदुवंशी कहते हैं। अरे कैसे यदुवंशी हो यार तुम, जिसके साथ बैठते हो वो तो भगवान श्री कृष्ण को गाली दे रहा है रे। और हम यदुवंश का महात्मय देखिए मध्य प्रदेश में वोट के लिए नहीं हमारा मुख्यमंत्री है मोहन यादव। यदुवंश का महात्मय कौन समझता है, वो आप जानते हैं।

भाइयों-बहनों

आपको लालगंज से हमारी बहन नीलम सोनकर जी को भारी बहुमत देकर संसद भेजना है। और हां, अब त आजमगढ़ वालन के पास भोजपुरी क साधक हौ, सेवक हौ। निरहुआ क तप अउर तपस्या आप लोगन के सामने ह। परिवारवादी आपके वोट की कीमत नहीं समझ सकते। आप निरहुआ जी को रिकॉर्ड वोटों से विजयी बनाइए...बाकी हम त बगल में बनारस में हइये हई।

मेरा एक और काम करिएगा। एक मतदान ज्यादा होना चाहिए, सुबह 10 बजे से पहले मतदान होना चाहिए। मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। हर पोलिंग बूथ जीतना चाहिए...करेंगे। करेंगे। मेरा एक काम करेंगे , सबके सब हाथ ऊपर करके बताते हैं, तो बताऊंगा। मेरा एक काम करेंगे, जरा मुझे जवाब दीजिए, मेरा एक काम करेंगे। एक काम करना ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाना। ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना और कहना की अपने मोदी जी आए थे और मोदी ने परिवार में सबको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे, हरेक को मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। हरेक को मेरा राम-राम पहुंचा देंगे।

बोलिए, भारत माता की जय...

भारत माता की जय...

भारत माता की जय...

बहुत-बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!