ನಿನ್ನ ಕನಸುಗಳನ್ನು ನನಸು ಮಾಡುವುದೇ ನನ್ನ ಜೀವನದ ಉದ್ದೇಶ. ನಿಮ್ಮಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬರ ಸೇವೆ ಮಾಡಲು ನಾನು ಇಲ್ಲಿದ್ದೇನೆ: ದುರ್ಗಾಪುರದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಶಿಕ್ಷಕರ ನೇಮಕಾತಿ ಹಗರಣದಲ್ಲಿ ಸಂತ್ರಸ್ತರ ಬದುಕು ಎಷ್ಟು ನಾಶವಾಗಿದೆ ಎಂಬುದು ನನಗೆ ಗೊತ್ತು: ಪಶ್ಚಿಮ ಬಂಗಾಳದ ರ್ಯಾಲಿಯಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

जय मां दुर्गा.. जय मां काली.. हर-हर महादेव। केन आछेन बर्धमानबाशी? केमन आछेन दुर्गापुरबाशी? आपनादेर शकोलके आमार बिनम्रो श्रध्या, प्रणाम ओ भालोबाशा। आज भी यहां इतनी बड़ी संख्या में आप सब हमें आशीर्वाद देने आए हैं, माताएं-बहनें भी बहुत बड़ी संख्या में आई है इस समय तो घर में माताओं-बहनों को बहुत काम रहता है। खाना पकाना, घर के काम करना ये सब छोड़के इतनी बड़ी तादाद में आप आए हैं ऐसा लग रहा है ये मेरा परिवार आज मुझे उनके दर्शन करने का अवसर मिला है।

साथियों,

मुझे देश ने इतना आशीर्वाद दिया है, आप सबने मुझे इतना आशीर्वाद दिया है शायद कोई इंसान अपने जीवन में ऐसी कल्पना तक नहीं कर सकता है, शायद दुनिया में कोई इंसान कल्पना नहीं कर सकता है कि ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन इतने आशीर्वाद बरसाए और लगातार बरसाए और सालों-साल ये आशीर्वाद बढ़ता ही जाए..बढ़ता ही जाए..बढ़ता ही जाए, जीवन में इससे बड़ा संतोष क्या होता है।

मेरे प्यारे देशवासियों,

आप भी जानते हैं अगर पद की लालसा हो, प्रतिष्ठा की लालसा हो, पीएम पद की लालसा हो, तो एक बार इंसान पीएम की शपथ ले ले फिर उसके जीवन में वो ऊंचाई तो प्राप्त हो ही जाती है इतिहास में नाम दर्ज हो ही जाता है। तो फिर लोगों को लगता है कि मोदी जी दो-दो बार पीएम रहे दुनिया में इतना नाम हो गया अरे कभी तो आराम करो, लेकिन मेरे देशवासियों मैं मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ, मैं खुद के लिए जीना नहीं चाहता हूं मैं तो आप सबकी चरण रज माथे पर चढ़ाकर आपकी सेवा का संकल्प लेकर ये महान भारत माता के 140 करोड़ देशवासियों की सेवा करने के लिए निकला हूं। मोदी का एक ही सपना है एक ही सपना और वो सपना है आपके सपनों को पूरा करना। मुझे ज्यादा से ज्यादा आशीर्वाद चाहिए ताकि मैं ज्यादा से ज्यादा आपकी सेवा कर सकूं, ज्यादा से ज्यादा देश की सेवा कर सकूं और आप तो जानते हैं मेरे पास है क्या ना आगे कुछ है ना पीछे कुछ है ना ही मुझे किसी के नाम कुछ करके जाना है। मेरे लिए तो आप ही मेरी परिवारजन है मेरा भारत- मेरा परिवार। अगर मेरा कोई वारिस है तो ये मेरे देश के हर परिवार के बच्चे मेरे वारिस हैं मैं उनके लिए कुछ छोड़ के जाना चाहूंगा। आप ही मेरे वारिस है मेरा अपना कोई वारिस नहीं है। मुझे अपने किसी के लिए कुछ ना करना है ना कुछ छोड़ना है। मुझे जो भी करना है सिर्फ और सिर्फ आपके लिए, आपके बच्चों के लिए, आप आपके बच्चों की विरासत के लिए करना है। मुझे आपके साथ-साथ उनका भी भविष्य बहुत उत्तम बनाना है (महात्मा जी आप प्रसाद लेकर आए हैं अच्छा भाई हमारे कैमरामैन जरा वो प्रसाद ले लीजिए। हां, मुझे मिल जाएगा माला आपकी मिल जाएगी, आप कब से वही से ले लेंगे आप वही रुकिए वो ले लेंगे आप कब से हाथ ऊपर के खड़े हैं थक जाएंगे इस उम्र में आप इतना आशीर्वाद दे रहे हैं मैं यहां से आपको प्रणाम करता हूं जी)

भाइयों और बहनों,

मोदी विकसित भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं आखिर क्यों? ये मैं अपने लिए नहीं कर रहा हूं मैं अपनों के लिए कर रहा हूं। और मेरे अपने मतलब मेरा भारत- मेरा परिवार। आपके सपनों के लिए संकल्प लेकर के जी रहा हूं। मेरे प्यारे भाई-बहन जब मैं गरीबी देखता हूं, जब मैं आपकी परेशानियां देखता हूं, तो मेरी छटपटाहट बहुत बढ़ जाती है। मैं और ज्यादा बेचैन हो जाता हूं क्योंकि मेरे लिए जब ये सब देखता हूं तो मुझे मेरे जीवन के वो दिन याद आ जाते हैं। क्योंकि मैंने बचपन में ये ही देखा है मेरे आसपास भी ये ही देखा परिवार में भी ये ही देखा जिंदगी जीने के लिए परिवार के लोगों को कितनी मशक्कत करनी पड़ती है कितना जूझना पड़ता है वो मैंने देखा है जिया है। लेकिन मैं नहीं चाहता कि अब एक भी भारतीय ऐसी गरीबी में जीने के लिए मजबूर हो। मेरा भारत- मेरा परिवार अब गरीबी की जिंदगी नहीं जिएगा। आज मुझे ये देखकर संतोष होता है कि पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं ये मैं संतोष मान के सोने वाला नहीं हूं, हां मेरा विश्वास बढ़ गया है कि मैं अगर इतनी मेहनत करता हूं अगर 25 करोड़ लोग निकल सकते हैं गरीबी से बाहर आने वाले 5 साल मेहनत जरा ज्यादा करूंगा ताकि सब के सब गरीबी से बाहर आ जाए। जब उनकी गरीबी दूर हो सकती है तो ये तय है कि भारत से हम हर किसी की गरीबी हटा सकते हैं। इसलिए मैं जी तोड़ मेहनत कर और मैंने देखा है कि मेरी मेहनत में रंग भर दिया है मेरे देश के गरीबों ने, मेरी मेहनत को नई ताकत दी है मेरे देश के गरीबों ने क्योंकि जब मैंने उनको कहा कि मैं आपको हथियार दूंगा मैं आपको अवसर दूंगा आपकी मेहनत गरीबी को परास्त करेगी और उन्होंने मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर के चल दिए और 25 करोड़ लोग गरीबी को ध्वस्त कर करके बाहर निकल आए। और इसलिए इस सफलता में उन गरीबों का सबसे बड़ा योगदान है जो मेरी बात मान करके मेरे साथ मेहनत के लिए आगे आए। और जब मैं उनको कहता था आप पहले इतनी मेहनत करते हो तो नहीं बोले साहब आपको देखते हैं ना इसलिए हमको लगता है कि आप हमारे लिए इतनी मेहनत करते हैं तो हमें हमारे लिए और ज्यादा करनी चाहिए और इसलिए एक प्रकार से हर किसी को मेहनत का चेप लग गया और हर कोई मेहनत करने लग गया तो गरीबी जाने लगी भाइयों। मैं जानता हूं कि भारत विकसित होगा तो उसका लाभ हमारे देश के प्रत्येक नागरिक को होने वाला है आपको होने वाला है। भारत विकसित होगा तो हर भारतीय की आय बढ़ेगी और जब हर भारतीय की आय बढ़ेगी तो मेरे बंगाल के लोगों की भी आय बढ़ेगी मेरे दुर्गापुर के लोगों की आय बढ़ेगी हमारे दिलीप जी इतनी मेहनत कर रहे हैं यहां तो वर्धमान में और ज्यादा बढ़ेगी मैं चाहता हूं धान के कटोरे के रूप में वर्धमान की फिर से जय जयकार हो। मैं चाहता हूं इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में दुर्गापुर की पहचान देश में ही नहीं दुनिया में सशक्त हो।

साथियों,

बीते 10 साल में महिला स्वयं सहायता समूहों से 10 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। मोदी ने इन्हें लाखों करोड़ रुपए की मदद दी है, आज ये स्वयं सहायता समूह अपना व्यापार-कारोबार फैला रहे हैं मोदी ने इन समूहों की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। मोदी गांव-देहात की अपनी बहनों को ड्रोन पायलट बनाने में भी जुटा है इतना कुछ मैं क्यों कर रहा हूं, ताकि मेरी बहनों-बेटियों आर्थिक रूप से और सक्षम बने उनकी आमदनी बढ़े। लेकिन, साथियों, ये टीएमसी, ये लेफ्ट और कांग्रेस वाले कर क्या रहे हैं ये दिन-रात क्या कर रहे हैं मोदी का सिर लाठी मारकर फोड़ देंगे ये कहते हैं मोदी को गोली मार दो लेकिन मैं भी डरने वालों में से नहीं हूं। और ये नामदार लोग समझ ले कामदार कभी डरते नहीं हैं। ये नामदार लोग समझ लें गरीब ने कभी डर करके जिंदगी जी नहीं है। और मैं गरीबी से निकला हूं तो डरना तो मेरी डिक्शनरी में ही नहीं है। और हम गरीब लोग जिद्द के बड़े पक्के होते हैं एक बार ठान लिया मतलब ठान लिया मैंने भी ठान लिया है जितनी नफरत मुझसे करोगे जितनी गालियां मुझे दोगे मैं उससे ज्यादा देशवासियों की सेवा करूंगा।

साथियों,

लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी के पास विकास का विजन ही नहीं है लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी किसी राज्य का क्या हाल कर सकती है ये आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। ये बगल में त्रिपुरा लेफ्ट वालों ने तबाह करके रखा था 35 साल राज किया और पिछले पांच साल में बीजेपी ने पूरे त्रिपुरा की जिंदगी बदल दी दोस्तों। लेफ्ट वाले गए तो विकास का सूरज उगने लगा। आपके सामने जीता-जागता उदाहरण है देश का विकास करना ये इनके वश की बात नहीं है इन्हें बस एक ही काम आता है वोट के लिए समाज को बांटो देश को बांटो। मैंने कल टीवी पर देखा यहां बंगाल में टीएमसी के एक एमएलए ने सरेआम धमकी दी। वो कह रहे थे कि हिंदुओं को दो घंटे में भागीरथी में बहा देंगे। ये कौन सी भाषा है भाई? ये कौन सा पॉलिटिकल कल्चर है? हिंदुओं को बहा दोगे? वाकई क्या हालत हो गई है बंगाल में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है? ऐसा लग रहा है यहां हिंदुओं को बंगाल में टीएमसी की सरकार ने यहां हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना करके रख दिया है। ये कैसे लोग हैं जय श्रीराम के उद्घोष से उनको आपत्ति है, जय श्री राम बोलो तो उनको बुखार आ जाता है। इनको राम मंदिर के निर्माण से आपत्ति है, इन लोगों को रामनवमी की शोभा यात्रा से आपत्ति है। मैं आज पूछना चाहता हूं टीएमसी सरकार से यहां संदेशखाली में हमारी बहनों के साथ हमारी दलित बहनों के साथ इतना बड़ा अपराध हुआ पूरा देश कार्रवाई की मांग करता रहा टीएमसी उसके गुनहगार को बचाती रही क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि उस गुनहगार का नाम शाहजहां शेख था।

भाइयों-बहनों,

कल जब मैं एयरपोर्ट पर उतरा तो एयरपोर्ट पर अपने कुछ कार्यकर्ता आए थे मिलने। मुझसे मिलना हुआ उनसे बातें हो रही तो उन्होंने मुझे एक गाना सुनाया एक गीत दिया संदेशखाली की बेटियों ने वो कोई संगीतकार लोग नहीं है वो कवि लोग नहीं है। वहां पर मजदूरी करने वाली बहनें ऐसी बहनें टेबल थपथपा कर संदेशखाली की मुसीबतों का एक गीत वो गा रही थी। वो गीत मैंने सुना बंगाली में गीत है लेकिन मैं अपने आंसू रोक नहीं पाया। मैं तो हर बंगाली को कहूंगा वो संदेशखाली पर उस बहनों का गीत जरूर सुनें। इतना भाव विभोर करने वाला वो गीत है जो बंगाली नहीं है वो भी समझ जाएगा और मैं उन तीन-चार बेटियां जो गा रही हैं ना उनको मैं बहुत बधाई देता हूं कि उन्होंने किस प्रकार से अपनी बात को पहुंचाया है।

साथियों,

ये टीएमसी तुष्टीकरण में लगी है आप मुझे बताइए क्या वोट बैंक इंसान से भी बड़ा हो सकता है क्या? क्या ये तुष्टीकरण मानव धर्म से भी बड़ा हो सकता है क्या? साथियों, अभी एक नया बात लेकर के आए हैं वोट के भूखे लोग। अब दो चरण में उनकी दुनिया डूब चुकी तो खुलेआम एक नया खेल लेकर के आए हैं और पढ़े-लिखे कांग्रेस का खासमखास परिवार उसका प्रवक्ता है अब ये कहते हैं मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करो। जिहाद क्या होता है ये हमारे देश के लोग भली भांति जानते हैं हमारे देश में दशकों से ये वोट जिहाद का खेल पर्दे के पीछे चलता था चुपचाप चलता था, पहली बार वो इतने हताश और निराश हो चुके है कि खुलेआम अब वोट जिहाद की सार्वजनिक माइक पर घोषणा कर रहे हैं। इसलिए वोट जिहाद की इस अपील पर कांग्रेस का शाही परिवार चुप है। यहां टीएमसी का परिवार चुप है, लेफ्ट का परिवार चुप है यानी कांग्रेस हो, लेफ्ट हो, टीएमसी हो ये इंडी एलायंस के जो भी चट्टे-बट्टे हैं सारे के सारे वोट जिहाद से सहमत हैं जो लोग वोट जिहाद करने वाले हैं क्या आप उनको उत्तर देंगे कि नहीं देंगे..उत्तर देंगे कि नहीं देंगे कैसे उत्तर देंगे? कैसे उत्तर देंगे? पूरी ताकत से वोट करके उत्तर देंगे? और हम हमारा वोट देश के लिए देंगे। हम प्रतिक्रिया नहीं करते हैं हम विकसित भारत के लिए वोट करेंगे।

साथियों,

टीएमसी हो, कांग्रेस हो या लेफ्ट हो ये जो इंडी एलायंस है ये अपने वोट बैंक के हितों के लिए कुछ भी कर सकते हैं। आप देखिए कांग्रेस के नेता घोषणा कर रहे हैं कि आपके मकान, आपकी दुकान, आपके खेत, बहनों के गहने सबका एक्सरे करेंगे। बताइए आपके लॉकर का एक्सरे होगा, आपके घर में क्या पड़ा हो उसका एक्सरे होगा, आपकी दुकान में क्या है एक्सरे होगा, आपके पास क्या कमाई हुई है उसका एक्सरे करेंगे ये लोग आपकी कमाई का एक हिस्सा जब्त करेंगे और फिर अपनी ये जिहाद वोट बैंक वाली खास वोट बैंक है ना उनको वो देना चाहते हैं, क्या आप अपनी संपत्ति लूटने देंगे? आप अपने गहने लूटने देंगे? आप अपना मंगलसूत्र छीनने देंगे? क्या टीएमसी और लेफ्ट ने कांग्रेस के इस खतरनाक खेल का विरोध किया क्या? क्योंकि इन सबका पर्दे के पीछे एक ही एजेंडा है।

साथियों,

हमारे संविधान की मूल भावना है कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। ये निर्णय संविधान सभा ने बहुत सोच-विचार कर किया था। बाबा साहेब अंबेडकर ने भी जीवन भर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ बहुत कुछ कहा है, लेकिन कांग्रेस देश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने की साजिश कर रही है। ये एससी, एसटी, ओबीसी के हक का आरक्षण उनसे छीन करके अपने खास वोट बैंक जिहादी वोट जहां से मिलने वाला है उनको देने के लिए संविधान बदलना चाहते हैं। मैंने सोचा कांग्रेस इतना पागलपन क्यों है उसके विषय में, तो मैंने कुछ लोगों को पूछा मैंने कहा भाई क्या ये क्यों ऐसा कर रहे हैं बोले उनका सीधा-सीधा हिसाब है कि वो अब दलितों को आदिवासियों को और ओबीसी उनको जबरदस्त सजा करना चाहते हैं। मैंने कहा दलित, आदिवासी और ओबीसी को सजा क्यों? बोले सजा इसलिए करना चाहते हैं कि मोदी आज जो बैठा है ना उसका कारण अब दलित मोदी को वोट देता है, आदिवासी मोदी को वोट देता है, ओबीसी मोदी को वोट देता है और इसलिए 50 साल तक जो कांग्रेस के साथ रहे वो दलित, आदिवासी और ओबीसी कांग्रेस से खिसक गए मोदी के साथ चले गए मोदी का काम देख करके चले गए तो अब उनको लगता है कि अब दलितों को आदिवासियों को और ओबीसी को सजा करें। और उनके पास जो सबसे बड़ा हथियार है आरक्षण का, वो लूट लें और मुसलमानों को खुश करें धर्म के आधार पर ये आरक्षण उनको दे दे ताकि उनकी वोट बैंक की राजनीति चलती रहे और इन्होंने ये पाप कर्नाटक में ऑलरेडी शुरू कर दिया है टीएमसी, लेफ्ट इतने बड़े भयंकर पाप में भी चुप है और मैं पिछले 10 दिन से लगातार कांग्रेस को तीन चैलेंज कर रहा हूं लेकिन वो मौन रख करके बैठ गए हैं, मेरा पहला चैलेंज है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन वाले देश को लिखित में विश्वास दें कि वे धर्म के आधार पर आरक्षण में संविधान में कोई भी परिवर्तन नहीं करेंगे। दूसरा मेरा चैलेंज है ये लिखित में देश को वादा करें कि एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण छीनकर धर्म के आधार पर किसी को भी नहीं बांटेंगे। मेरा तीसरा चैलेंज है वो लिखित में दे जहां इनकी राज्य सरकारें हैं वहां ओबीसी का कोटा काट करके धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। मेरी तीन साफ-साफ मांग है भाई मेरी चुनौती है उनको मेरी चैलेंज है 10 दिन हो गए मुंह पर ताला लगा करके बैठ गए हैं और पैर कांपने लगे हैं। जवाब क्या दें और इसलिए देश के हर एससी-एसटी-ओबीसी को ये इंडी गठबंधन के इरादों से सावधान रहना है। ये आपको सजा देने के मूड में है आपके पास जो है वो लूटने के मूड में है।


साथियों,

मोदी जिंदा है ना तब तक मैं लूटने नहीं दूंगा। मेरे दलित, आदिवासी, ओबीसी भाई मुझ पर विश्वास करें मोदी जिंदा है वो आपका हक की एक भी चीज लूटने नहीं देंगे। साथियों, बंगाल साक्षी है कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को विभाजन किया था। पड़ोसी देशों में जो हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी ये सारे अल्पसंख्यक वहां पर रहते थे तब उनको संरक्षण देने का वादा किया गया था। 1947 में वादा हुआ है, उस वादे को निभाने के लिए आज 75 साल तक काम नहीं हुआ अब मोदी ने किया सीएए कानून लाया इनमें बहुत बड़ी संख्या में मेरे दलित परिवार है नाम शुद्र परिवार है, संथाल परिवार है जिनके साथ वहां जुल्म हुआ, वो यहां आने के लिए मजबूर हुए। लेकिन टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस ये पूरा इंडी गठबंधन सीएए को खत्म करने की घोषणा कर रहे हैं। आप सावधान रहिए ये अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

साथियों,

मीडिया के कई साथी एक्सपर्ट के साथ अब भी ये अनुमान लगा रहे हैं कि चुनाव कौन जीतेगा? अब ना किसी ओपिनियन पोल की जरूरत है ना किसी एग्जिट पोल की जरूरत है मैं उन्हें कब से बता रहा हूं देश बता रहा है कि भाई रिजल्ट क्लियर है मैंने तो पहले ही कहा था कि इनकी बड़ी ने मैंने पार्लियामेंट में कहा था तब तो चुनाव को दो महीने की तीन महीने की देर थी मैंने कहा था इनकी सबसे बड़ी नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करेगी। वो डर के मारे भाग जाएगी और वो भाग करके राजस्थान गई और राजस्थान से राज्यसभा में आई। और हुआ भी यही। मैंने पहले ही बता दिया था कि शहजादे वायनाड में हारने वाले हैं और हार के डर से जैसे ही वायनाड में मतदान समाप्त होगा वो दूसरी सीट खोजने लग जाएंगे। और अब दूसरी सीट पर भी उनके सारे चेले चपाटे कह रहे थे अमेठी आएंगे अमेठी आएंगे लेकिन अमेठी से भी इतना डर गए इतने डर गए वहां से भागकर अब रायबरेली में खोज रहे हैं रास्ता। ये लोग घूम-घूमकर सबको कहते हैं डरो मत मैं भी आज उन्हें कहता हूं और बड़े जी भर के कहता हूं अरे डरो मत भागो मत। और आज मैं एक और बात कहूंगा कांग्रेस इस बार पहले से भी कम सीटों पर सिमटने जा रही है। वो पहले से कम सीट लड़ रहे हैं तो अपने आप भी कम जाना तय है अब देश भी समझ रहा है ये लोग चुनाव जीतने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं ये सिर्फ और सिर्फ देश को बांटने के लिए चुनाव के मैदान का उपयोग कर रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

इंडी गठबंधन सिर्फ एक वोट बैंक के लिए समर्पित है जबकि हम सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम करने वाले लोग हैं। मोदी ने 10 साल में बंगाल के गरीबों के लिए दलित, आदिवासी, पिछड़ों के लिए 38 लाख से ज्यादा पक्के घर बनाए हैं, करीब-करीब आधा करोड़ मोदी आज बंगाल के 6 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दे रहा है, मोदी ने बंगाल के 80 लाख से ज्यादा घरों तक नल से जल पहुंचाया है, मोदी ने बंगाल के 5 करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले, मोदी ने पीएम सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत जीवन ज्योति योजना के तहत मामूली प्रीमियम पर गरीबों का बीमा किया, मुश्किल समय में ऐसे गरीबों को अकेले बंगाल में साढ़े चार सौ करोड़ रुपए की क्लेम राशि दी गई है, मोदी ने वर्धमान के लाखों किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करीब 500 करोड़ रुपए इस वर्धमान इलाके में दिए इसका लाभ यहां जो आलू के किसान हैं उनको मिला है।

साथियों,

लेकिन मुझे अफसोस होता है कि मोदी के हर प्रयासों पर टीएमसी हर तरह से डाका डालने पर तुली है। केंद्र सरकार की हर योजना में यहां टीएमसी के तोलाबाज लूटपाट मचा रहे हैं। टीएमसी के तोलाबाजों ने शिक्षकों की भर्ती में लाखों नौजवानों के साथ धोखा किया है और कैसा भ्रष्टाचार हुआ वो तो नोटों के बंडल के बंडल देखे आपने मशीन मशीन थक जाते थे नोट गिनने वाले मशीन थक जाते थे बंगाल में, इतने रुपए मार लिए वर्धमान तो ऐसे भ्रष्ट टीएमसी नेताओं को अब जनता भी पहचानती है जान गई है लेकिन..

साथियों,

मैं जानता हूं शिक्षक की भर्ती का जो घोटाला हुआ उसमें जो पीड़ित है उनकी जिंदगी कितनी बदहाल हुई है और मैं मेरे अध्यक्ष जी यहां बैठे हैं बंगाल के मैं उनको एक सुझाव देता हूं कि ये जो शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है लेकिन उसमें बहुत निर्दोष लोग भी हैं जो सचमुच में शिक्षक की नौकरी के हकदार है। ये बाकियों के पाप के कारण ये निर्दोष लोग भी मुसीबत में घिर गए हैं। मैंने पश्चिम बंगाल के हमारे बीजेपी के अध्यक्ष जी से कहा है कि हम पार्टी के तौर पर ये जो शिक्षक भर्ती में जिनकी नौकरी गई है उसमें नेक ईमानदार लोग हैं हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं। मैंने बंगाल बीजेपी से कहा है कि प्रदेश स्तर पर एक लीगल सेल और एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाया जाए इससे उन लाभार्थियों को मदद होगी जो डॉक्यूमेंट्स सही होने के बाद भी इस घोटाले के शिकार हुए हैं। बीजेपी ऐसे अभ्यर्थियों को कानूनी सहायता भी देगी और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से काम करेगी। हम ईमानदार के साथ खड़े रहेंगे और मेरा बंगाल यूनिट भले चुनाव चलता रहे लेकिन ये काम करेगा और जिन शिक्षक ईमानदार शिक्षक जिन्होंने भ्रष्ट किया है वो सजा भुगतेंगे लेकिन बहुत ईमानदार लोग है जिनके पास सच्ची डिग्री है इन दिनों वो भी फंस गए हैं जो सच्चे लोग हैं उनको न्याय के लिए हमारा पश्चिम बंगाल काम करेगा, ये मोदी की गारंटी है। टीएमसी के तोलेबाजों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।

हर लूट की हर घोटाले की जांच होगी जरूर होगी।

साथियों,

बंगाल के विकास के लिए आपको हर बूथ पर बीजेपी को जिताना है वर्धमान पूर्व से हमारे साथी असीम कुमार सरकार जी और वर्धमान दुर्गापुर से मेरे बहुत निकट साथी भाई दिलीप घोष इनको विजय बनाना और इनको मिलने वाला हर मोदी की शक्ति बढ़ाएगा, मोदी को मजबूत देगा उनको दिया एक-एक वोट सीधा मोदी के खाते में जाएगा तो ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, पोलिंग बूथ जीतेंगे सुबह 10 बजे के पहले मतदान हो जाएगा पक्का हो जाएगा। अच्छा मेरा एक और काम करेंगे हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे सबके सब करेंगे यहां से जाने के बाद घर-घर जाना सब परिवारों में जाना और कहना मोदी जी आए थे और मोदी जी ने सबको जय श्री राम कहा है।

बोलिए भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।