ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಮತ್ತು ಎಡಪಕ್ಷಗಳ ವಿಶ್ವಾಸಾರ್ಹತೆ ಎಷ್ಟಿದೆ ಎಂದರೆ ದಶಕಗಳ ಆಡಳಿತದ ನಂತರವೂ ಅವರ ಸಾಧನೆಗಳೆಂದು ಪರಿಗಣಿಸಲು ಏನೂ ಇಲ್ಲ ಎಂದು ಅಟ್ಟಿಂಗಲ್‌ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ.
ಏಪ್ರಿಲ್ 26 ರಂದು ಕಮಲದ ಗುಂಡಿಗೆ ನಿಮ್ಮ ಮತವು ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರದ ವಿರುದ್ಧ ನಡೆಯುತ್ತಿರುವ ಈ ಚಳುವಳಿಯನ್ನು ಬಲಪಡಿಸುತ್ತದೆ: ಅಟ್ಟಿಂಗಲ್ ರ್‍ಯಾಲಿಯಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

जय-जय पद्मनाभ!
तिरुवनन्तपुरथे एन्टे सहोदरी-सहोदरनमारे, एल्लावरक्कुम एन्टे नमस्कारम। चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर आज मुझे पद्मनाभ स्वामी और माता भद्रकाली की धरती पर आने का अवसर मिला है। इस भूमि पर श्री नारायण गुरू जी, महात्मा अय्यंकाली जी और श्री विद्यादिराजा का आशीर्वाद रहा है। कल मलयाली नववर्ष विशू का पर्व भी था, ऐसे शुभ समय में केरला की जनता का ये आशीर्वाद हमें मिल रहा है। ये आशीर्वाद केरला में नई शुरुआत का आशीर्वाद है। ये आशीर्वाद बदलाव का आशीर्वाद है। आपका ये विश्वास बता रहा है कि- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! दूसरा मैं क्षमा चाहूंगा। एक तो मुझे आने में विलंब हुआ, दूसरा मंच पर जो प्रोटोकॉल थे उसको मैं निभा नहीं पाया। कई साथियों के साथ अन्याय हुआ होगा। वे सब मुझे क्षमा करें। क्योंकि मुझे अभी तमिलनाडु जाना है और वहां हेलिकॉप्टर उड़ेगा, नहीं उड़ेगा, ये चिंता का विषय होने के कारण मैं एकदम जल्दी-जल्दी में तुरंत आके माइक ले लिया। तो मंच के सभी लोग मुझे क्षमा करेंगे, और आप सब भी क्षमा करेंगे। मेरे साथ बोलिए...भारत माता की।

साथियों,
इस शुभ माहौल में कल दिल्ली में बीजेपी ने अपना संकल्प-पत्र जारी किया है। बीजेपी का संकल्प-पत्र यानी, मोदियुडे गारण्टी। मोदियुडे गारण्टी- Next five years में भारत world’s third largest economy बनेगा। मोदियुडे गारण्टी- भारत world class infrastructure का सेंटर बनेगा। मोदियुडे गारण्टी- भारत स्पेस सेक्टर में गगनयान जैसी monumental achievements हासिल करेगा। मोदियुडे गारण्टी- पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों को मिलना जारी रहेगा। और इस सबके साथ ही, गरीबों के लिए Three Crore नए घर भी बनेंगे, Seventy Years के ऊपर के हर सिटिज़न को free treatment की सुविधा मिलेगी, और Ten Crore बहनों के सेल्फ हेल्प ग्रुप को हम आईटी, हेल्थ, टूरिजम, रिटेल और ऐसे अन्य सेक्टर्स की ट्रेनिंग देंगे। यानी, बीजेपी के development vision में केरला के हर वर्ग, हर समाज के लिए एक व्यापक रोडमैप मौजूद है। सबसे पहले तो इधर-उधर जिधर मेरी नजर जा रही है। छोटी-छोटी गुड़िया, सब ... कर रही है। मेरा इन सभी गुड़ियां को बहुत-बहुत आशीर्वाद। अब आपलोग बैठिए। आपलोग बहुत समय से हाथ हिला रहे हैं, बैठिए।

साथियों,
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टों में घोषणा की है कि हम अपनी विरासत से ग्लोबल टूरिस्ट को जोड़ेंगे और अपनी विरासत को वर्ल्ड हेरिटेज के स्तर पर ले जाएंगे, उस ऊंचाई तक पहुंचाएंगे। यहां केरला में तो इसकी बहुत ज्यादा संभावना है। बीजेपी का प्लान, बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के ओवरऑल डवलपमेंट है। भाजपा केरला में इको-टूरिज्म के नए सेंटर्स भी बनाएगी। इससे होम स्टे के जो अवसर बनेंगे उसका बड़ा लाभ हमारे ट्राइबल परिवारों को मिलेगा। बीजेपी गवर्नमेंट होम स्टे के लिए महिलाओं को Financial Help भी देगी।

साथियों,
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में संकल्प लिया है कि हम कोस्ट लाइन प्रोटेक्शन के लिए काम करेंगे। ये केरला के मेरे फिशरमेन साथियों को बहुत फायदा पहुंचाएगा। इनकी आजीविका को जो LDF-UDF ने पिछले बरसों में बर्बाद किया है, उसे हम बचाने का भरपूर प्रयास करेंगे। हम फिशरीज के प्रोडक्शन और प्रोसिंसिंग के लिए नए क्लस्टर्स बनाएंगे। हम केरला के फिशरमैन परिवारों की Quality Of life सुधारेंगे, उनकी Dignity बढ़ाने के लिए काम करेंगे।

साथियों,
तेजी से आगे बढ़ता हुआ भारत, मॉर्डन इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए Invest कर रहा है। अगले कुछ वर्षों में आप भारतीय रेल का कायाकल्प होते हुए देखेंगे। वंदेभारत ट्रेनों के तीन स्वरूप- स्लीपर, चेयरकार और मेट्रो, तीनों ही भविष्य में भारत की शान बढ़ाएंगे। अब बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में एक और बड़ी घोषणा की है। आप जानते हैं भारत के पश्चिम में अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का काम चल रहा है। वो आने वाले कुछ समय में पूरा भी होगा। बुलेट ट्रेन दौड़ना भी शुरू होगी। लेकिन उसमें से जो हमने सीखा है, समझे हैं, उसके आधार पर भारत के उत्तर में, भारत के पूरब में और भारत के साउथ में भी बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल में बहुत जल्द बुलेट ट्रेन से जुड़ा सर्वे का काम शुरू कराया जाएगा।

साथियों,
केरला का विकास वही पार्टी कर सकती है, जिसकी अपनी विश्वसनीयता हो, जिसकी अपनी credibility हो। आप मुझे बताइये,क्या आप कांग्रेस और LDF पर विश्वास कर सकते हैं क्या? न इनके काम की कोई क्रेडेबिलिटी है, न इनके पॉलिटिकल कैरक्टर की कोई क्रेडेबिलिटी है। ये लोग केरला में आपस में सबसे बड़े दुश्मन की तरह लड़ते हैं। लेकिन, दिल्ली में यही कांग्रेस और लेफ्ट दोस्ती बढ़ाने के लिए मीटिंग्स करते हैं। यहां केरला में ये दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन, यहां से कुछ ही दूर पर तिरुनेवेली में कांग्रेस और लेफ्ट एक ही अलायंस का हिस्सा हैं।

साथियों,
कांग्रेस और लेफ्ट की विश्वसनीयता इतनी है कि दशकों तक सरकार चलाने के बाद भी इनके पास गिनाने के लिए अपने काम नहीं हैं। ये जनता के बीच में जाते हैं तो झूठ बोलकर केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रेडिट खाने का प्रयास करते हैं। यहां तो बारी-बारी से UDF-LDF की सरकार रही है, मैं इनका रिपोर्ट कार्ड आपको बताता हूं। आज केरला में, वरकला और नेडुमंगाड जैसी जगहों में ड्रग्स का खुला कारोबार फैल रहा है, ड्रग्स माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है। केरला के युवाओं का भविष्य खत्म किया जा रहा है। इसका क्रेडिट किसका है? ये पाप के लिए जिम्मेवार कौन है। आज केरला के कई हिस्सों में पानी का संकट पैदा हो चुका है। लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। इस पाप के लिए कौन जिम्मेवार है। इसका क्रेडिट किसका है? आज केरला की कॉयर industry बंद होने की कगार पर है। कॉयर industry के वर्कर्स के आगे जीवनयापन का संकट है। इस पाप के लिए कौन जिम्मेवार है। इसका क्रेडिट कौन लेगा?

साथियों,
आज देश में कांग्रेस और लेफ्ट में कोई अंतर नहीं बचा है। लेफ्ट और कांग्रेस, दोनों का बस नाम ही बचा है। दोनों को देश ने रिजेक्ट कर दिया है। कांग्रेस-लेफ्ट दोनों विकास विरोधी हैं। कांग्रेस-लेफ्ट दोनों ही भ्रष्टाचार में एक दूसरे का मुकबला करते हैं। कांग्रेस-लेफ्ट का ट्रैक रिकॉर्ड विकास के लिए जरूरी इंडस्ट्री को तबाह करने का है। दोनों की जहां सरकार रह जाती है, उस राज्य को बर्बाद कर देते हैं। केरला की जनता आज इसी पीड़ा से गुजर रही है। आज केरला की चर्चा राजनैतिक हिंसा और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के लिए हो रही है।

साथियों,
पहले कांग्रेस, और अब LDF की सरकारों ने केरला को अपनी लूट और भ्रष्टाचार के अड्डे के तौर पर इस्तेमाल किया। ये एक ऐसी सरकार है, जिस पर खुद गोल्ड स्मगलिंग में संलिप्त होने, स्मगलर्स को संरक्षण देने के आरोप लगते हैं। गोल्ड स्मगलिंग स्कैम में अपराधियों को बचाने के लिए पूरी सरकार लगी हुई है।

साथियों,
केरला में गरीबों, मजदूरों, महिलाओं, गल्फ से लौटे लोगों के पैसे की खुलेआम लूट हो रही है। केरला में 300 से ज्यादा कॉपरेटिव बैंक हैं और इनके पास केरला के लोगों का करीब-करीब One Lakh Crore Rupees जमा हैं। CPM के करप्शन की वजह से ये पैसा खतरे में पड़ा हुआ है। कितने ही कॉपरेटिव बैंकों में CPM के सदस्यों द्वारा गरीबों का पैसा लूट लिया गया है। इस करप्शन में CPM के नेताओं को जो रिश्वत मिली है, वो भी सैकड़ों करोड़ रुपए में है। जैसे अकेले त्रिशूर में ही Eighty से ज्यादा अघोषित खातों में 25 करोड़ रुपए की रिश्वत जमा है। अकेले त्रिशूर के CPM जिला सचिव के नाम पर 100 से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदी गई है। जब एक स्थान का ये हाल है, तो हम बाकी केरला का अंदाजा लगा सकते हैं। कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड से जुड़े एक और घोटाले में तो आरोपियों ने सीधे मुख्यमंत्री और उनकी बेटी तक को रिश्वत दिए जाने की बात स्वीकार की है। इस केस की जांच ना हो, इसके लिए केरला सरकार पूरी ताकत लगा रही है।

केरला में इन स्कैम्स की वजह से हजारों परिवारों का जीवन दांव पर लग गया है। यहां CPM के मुख्यमंत्री लगातार झूठ बोल रहे हैं कि कॉपरेटिव स्कैम के पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिलेगा, दोषियों पर कार्रवाई होगी। ये आपका सेवक मोदी है जो सख्ती से इस केस की जांच करवा रहा है। अब तक स्कैम करने वालों की करीब Ninety Crore Rupees की संपत्ति अटैच हो चुकी है। मैं इस बारे में कानूनी सलाह ले रहा हूं कि कैसे जिन गरीबों ने बैंकों में पैसा रखा था और जिन गरीबों का पैसा डूबा है, इनकी संपत्ति जब्त करके मैं इन गरीबों को पैसे वापस कैसे दूं इस पर मैं काम कर रहा हूं। बीजेपी सरकार पहले भी देश में Seventeen Thousand Crore Rupees ऐसे स्कैम पीड़ितों को वापस दिलवा चुकी है। इसलिए, मैं कॉरपेटिव स्कैम के पीड़ितों को भरोसा देता हूं कि उनका पैसा वापस दिलाने में मैं पूरी ताकत लगा दूंगा और पाई-पाई उनसे निकलवाउंगा। और आपको पैसा वापस मिले इसके लिए पूरी ताकत लगा दूंगा।

साथियों,
खुली लूट के कारण केरला आर्थिक तबाही की कगार पर पहुंच चुका है।सरकारी खजाने खाली हो चुके हैं। राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों को, पेंशनर्स को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। केंद्र सरकार, केरला के विकास के लिए जो पैसा भेजती है, उससे राज्य सरकार अपना कर्जा चुकाने में खर्च करती है। और ये लोग केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट गए, तो वहां से भी इन्हें फटकार ही मिली। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि केरला में फाइनेंसियल क्राइसिस के लिए यहां की राज्य सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस हो या लेफ्ट, ये लोग केरला में मजबूत रहे तो केरला को तबाह करके मानेंगे। कुछ भी नहीं बचने देंगे।

साथियों,
पिछले 10 साल में मैंने देश में ईमानदार सरकार चलाकर दिखाई है। हमारी सरकार ने करप्शन पर भी कड़ी कार्रवाई की है। इसीलिए, ये करप्ट लोग मोदी को रोकने के लिए अलायंस बना रहे हैं। लेकिन, मोदी इनसे डरने वाला नहीं है। 26 को कमल के बटन पर आपका एक-एक वोट करप्शन के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन को मजबूत करेगा।

साथियों,
बीजेपी ने कोल्लम से श्री कृष्णकुमार जी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके लोकसेवा के कार्यों और लोकप्रियता से आप सभी परिचित हैं। बीजेपी ने तिरुवनंतपुरम से मेरे मित्र श्री राजीव चंद्रशेखर और अट्टिंगल लोकसभा से श्री वी. मुरलीधरन को प्रत्याशी बनाया है। इन दोनों ही लोगों ने अपनी शिक्षा और योग्यता से देश में अलग पहचान बनाई है, केरला का सम्मान बढ़ाया है। मुरलीधरन जी ने विदेश राज्यमंत्री के तौर देश-विदेश में अपनी प्रतिभा को साबित किया है। वैश्विक संकट के कई मौकों पर इन्होंने केरला और देश के लोगों को वापस भारत लाने के लिए बहुत काम किया है। राजीव जी आईटी सेक्टर, सेमीकंडक्टर और ऐसे महत्वाकांक्षी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के काम में लगे हैं। इन तीनों दिया गया आपका हर वोट केरला के विकास की नींव रखेगा। आप पर एक जिम्मेदारी मेरी तरफ से है। आप केरला के घर घर जाकर के मोदी जी का प्रणाम जरूर पहुंचाइए। मेरे साथ बोलिए... भारत माता की। पूरी ताकत से बोलिए। आप नहीं बोलोगे तो चलेगा। (मंच पर बैठे लोगों से)
भारत माता की।

भारत माता की।

भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Assam has picked up a new momentum of development: PM Modi at the foundation stone laying of Ammonia-Urea Fertilizer Project in Namrup
December 21, 2025
Assam has picked up a new momentum of development: PM
Our government is placing farmers' welfare at the centre of all its efforts: PM
Initiatives like PM Dhan Dhanya Krishi Yojana and the Dalhan Atmanirbharta Mission are launched to promote farming and support farmers: PM
Guided by the vision of Sabka Saath, Sabka Vikas, our efforts have transformed the lives of poor: PM

उज्जनिर रायज केने आसे? आपुनालुकोलोई मुर अंतोरिक मोरोम आरु स्रद्धा जासिसु।

असम के गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी और यहीं के आपके प्रतिनिधि, असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल जी, असम सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए, मेरे सभी भाइयों और बहनों, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे ज्यादा मुझे वहां बाहर दिखते हैं।

सौलुंग सुकाफा और महावीर लसित बोरफुकन जैसे वीरों की ये धरती, भीमबर देउरी, शहीद कुसल कुवर, मोरान राजा बोडौसा, मालती मेम, इंदिरा मिरी, स्वर्गदेव सर्वानंद सिंह और वीरांगना सती साध`नी की ये भूमि, मैं उजनी असम की इस महान मिट्टी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।

साथियों,

मैं देख रहा हूँ, सामने दूर-दूर तक आप सब इतनी बड़ी संख्या में अपना उत्साह, अपना उमंग, अपना स्नेह बरसा रहे हैं। और खासकर, मेरी माताएँ बहनें, इतनी विशाल संख्या में आप जो प्यार और आशीर्वाद लेकर आईं हैं, ये हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी ऊर्जा है, एक अद्भुत अनुभूति है। मेरी बहुत सी बहनें असम के चाय बगानों की खुशबू लेकर यहां उपस्थित हैं। चाय की ये खुशबू मेरे और असम के रिश्तों में एक अलग ही ऐहसास पैदा करती है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। इस स्नेह और प्यार के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार करता हूँ।

साथियों,

आज असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रुगढ़ को लंबे समय से जिसका इंतज़ार था, वो सपना भी आज पूरा हो रहा है, आज इस पूरे इलाके में औद्योगिक प्रगति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। अभी थोड़ी देर पहले मैंने यहां अमोनिया–यूरिया फर्टिलाइज़र प्लांट का भूमि पूजन किया है। डिब्रुगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक टर्मिनल का उद्घाटन भी हुआ है। आज हर कोई कह रहा है, असम विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, अभी आप जो देख रहे हैं, जो अनुभव कर रहे हैं, ये तो एक शुरुआत है। हमें तो असम को बहुत आगे लेकर के जाना है, आप सबको साथ लेकर के आगे बढ़ना है। असम की जो ताकत और असम की भूमिका ओहोम साम्राज्य के दौर में थी, विकसित भारत में असम वैसी ही ताकतवर भूमि बनाएंगे। नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, Semiconductors, उसकी manufacturing, कृषि के क्षेत्र में नए अवसर, टी-गार्डेन्स और उनके वर्कर्स की उन्नति, पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, असम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं आप सभी को और देश के सभी किसान भाई-बहनों को इस आधुनिक फर्टिलाइज़र प्लांट के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आपको गुवाहटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लिए भी बधाई देता हूँ। बीजेपी की डबल इंजन सरकार में, उद्योग और कनेक्टिविटी की ये जुगलबंदी, असम के सपनों को पूरा कर रही है, और साथ ही हमारे युवाओं को नए सपने देखने का हौसला भी दे रही है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में देश के किसानों की, यहां के अन्नदाताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात काम कर रही है। यहां आप सभी को किसान हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि कल्याण की योजनाओं के बीच, ये भी जरूरी है कि हमारे किसानों को खाद की निरंतर सप्लाई मिलती रहे। आने वाले समय में ये यूरिया कारख़ाना यह सुनिश्चित करेगा। इस फर्टिलाइज़र प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद बनेगी। जब उत्पादन यहीं होगा, तो सप्लाई तेज होगी। लॉजिस्टिक खर्च घटेगा।

साथियों,

नामरूप की ये यूनिट रोजगार-स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी बनाएगी। प्लांट के शुरू होते ही अनेकों लोगों को यहीं पर स्थायी नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा जो काम प्लांट के साथ जुड़ा होता है, मरम्मत हो, सप्लाई हो, कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ी मात्रा में काम होगा, यानी अनेक काम होते हैं, इन सबमें भी यहां के स्थानीय लोगों को और खासकर के मेरे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

लेकिन भाइयों बहनों,

आप सोचिए, किसानों के कल्याण के लिए काम बीजेपी सरकार आने के बाद ही क्यों हो रहा है? हमारा नामरूप तो दशकों से खाद उत्पादन का केंद्र था। एक समय था, जब यहां बनी खाद से नॉर्थ ईस्ट के खेतों को ताकत मिलती थी। किसानों की फसलों को सहारा मिलता था। जब देश के कई हिस्सों में खाद की आपूर्ति चुनौती बनी, तब भी नामरूप किसानों के लिए उम्मीद बना रहा। लेकिन, पुराने कारखानों की टेक्नालजी समय के साथ पुरानी होती गई, और काँग्रेस की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि, नामरूप प्लांट की कई यूनिट्स इसी वजह से बंद होती गईं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसान परेशान होते रहे, देश के किसानों को भी तकलीफ हुई, उनकी आमदनी पर चोट पड़ती रही, खेती में तकलीफ़ें बढ़ती गईं, लेकिन, काँग्रेस वालों ने इस समस्या का कोई हल ही नहीं निकाला, वो अपनी मस्ती में ही रहे। आज हमारी डबल इंजन सरकार, काँग्रेस द्वारा पैदा की गई उन समस्याओं का समाधान भी कर रही है।

साथियों,

असम की तरह ही, देश के दूसरे राज्यों में भी खाद की कितनी ही फ़ैक्टरियां बंद हो गईं थीं। आप याद करिए, तब किसानों के क्या हालात थे? यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। यूरिया की दुकानों पर पुलिस लगानी पड़ती थी। पुलिस किसानों पर लाठी बरसाती थी।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस ने जिन हालातों को बिगाड़ा था, हमारी सरकार उन्हें सुधारने के लिए एडी-चोटी की ताकत लगा रही है। और इन्होंने इतना बुरा किया,इतना बुरा किया कि, 11 साल से मेहनत करने के बाद भी, अभी मुझे और बहुत कुछ करना बाकी है। काँग्रेस के दौर में फर्टिलाइज़र्स फ़ैक्टरियां बंद होती थीं। जबकि हमारी सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम जैसे अनेक प्लांट्स शुरू किए हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज इसी का नतीजा है, हम यूरिया के क्षेत्र में आने वाले कुछ समय में आत्मनिर्भर हो सके, उस दिशा में मजबूती से कदम रख रहे हैं।

साथियों,

2014 में देश में सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही उत्पादन होता था। आपको आंकड़ा याद रहेगा? आंकड़ा याद रहेगा? मैं आपने मुझे काम दिया 10-11 साल पहले, तब उत्पादन होता था 225 लाख मीट्रिक टन। ये आंकड़ा याद रखिए। पिछले 10-11 साल की मेहनत में हमने उत्पादन बढ़ाकर के करीब 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। लेकिन हमें यहां रूकना नहीं है, क्योंकि अभी भी बहुत करने की जरूरत है। जो काम उनको उस समय करना था, नहीं किया, और इसलिए मुझे थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। और अभी हमें हर साल करीब 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। हम 306 पर पहुंचे हैं, 70-80 और करना है। लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, हम जिस प्रकार से मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार से योजना बना रहे हैं और जिस प्रकार से मेरे किसान भाई-बहन हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम हो सके उतना जल्दी इस गैप को भरने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

और भाइयों और बहनों,

मैं आपको एक और बात बताना चाहता हूं, आपके हितों को लेकर हमारी सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो यूरिया हमें महंगे दामों पर विदेशों से मंगाना पड़ता है, हम उसकी भी चोट अपने किसानों पर नहीं पड़ने देते। बीजेपी सरकार सब्सिडी देकर वो भार सरकार खुद उठाती है। भारत के किसानों को सिर्फ 300 रुपए में यूरिया की बोरी मिलती है, उस एक बोरी के बदले भारत सरकार को दूसरे देशों को, जहां से हम बोरी लाते हैं, करीब-करीब 3 हजार रुपए देने पड़ते हैं। अब आप सोचिए, हम लाते हैं 3000 में, और देते हैं 300 में। यह सारा बोझ देश के किसानों पर हम नहीं पड़ने देते। ये सारा बोझ सरकार खुद भरती है। ताकि मेरे देश के किसान भाई बहनों पर बोझ ना आए। लेकिन मैं किसान भाई बहनों को भी कहूंगा, कि आपको भी मेरी मदद करनी होगी और वह मेरी मदद है इतना ही नहीं, मेरे किसान भाई-बहन आपकी भी मदद है, और वो है यह धरती माता को बचाना। हम धरती माता को अगर नहीं बचाएंगे तो यूरिया की कितने ही थैले डाल दें, यह धरती मां हमें कुछ नहीं देगी और इसलिए जैसे शरीर में बीमारी हो जाए, तो दवाई भी हिसाब से लेनी पड़ती है, दो गोली की जरूरत है, चार गोली खा लें, तो शरीर को फायदा नहीं नुकसान हो जाता है। वैसा ही इस धरती मां को भी अगर हम जरूरत से ज्यादा पड़ोस वाला ज्यादा बोरी डालता है, इसलिए मैं भी बोरी डाल दूं। इस प्रकार से अगर करते रहेंगे तो यह धरती मां हमसे रूठ जाएगी। यूरिया खिला खिलाकर के हमें धरती माता को मारने का कोई हक नहीं है। यह हमारी मां है, हमें उस मां को भी बचाना है।

साथियों,

आज बीज से बाजार तक भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेत के काम के लिए सीधे खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि किसान को उधार के लिए भटकना न पड़े। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 4 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे गए हैं। आंकड़ा याद रहेगा? भूल जाएंगे? 4 लाख करोड़ रूपया मेरे देश के किसानों के खाते में सीधे जमा किए हैं। इसी साल, किसानों की मदद के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की दो योजनाएं नई योजनाएं शुरू की हैं 35 हजार करोड़। पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हम किसानों की हर जरूरत को ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं। खराब मौसम की वजह से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा योजना का सहारा मिल रहा है। फसल का सही दाम मिले, इसके लिए खरीद की व्यवस्था सुधारी गई है। हमारी सरकार का साफ मानना है कि देश तभी आगे बढ़ेगा, जब मेरा किसान मजबूत होगा। और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

साथियों,

केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से पशुपालकों और मछलीपालकों को भी जोड़ दिया था। किसान क्रेडिट कार्ड, KCC, ये KCC की सुविधा मिलने के बाद हमारे पशुपालक, हमारे मछली पालन करने वाले इन सबको खूब लाभ उठा रहा है। KCC से इस साल किसानों को, ये आंकड़ा भी याद रखो, KCC से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है। 10 लाख करोड़ रुपया। बायो-फर्टिलाइजर पर GST कम होने से भी किसानों को बहुत फायदा हुआ है। भाजपा सरकार भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए भी बहुत प्रोत्साहन दे रही है। और मैं तो चाहूंगा असम के अंदर कुछ तहसील ऐसे आने चाहिए आगे, जो शत प्रतिशत नेचुरल फार्मिंग करते हैं। आप देखिए हिंदुस्तान को असम दिशा दिखा सकता है। असम का किसान देश को दिशा दिखा सकता है। हमने National Mission On Natural Farming शुरू की, आज लाखों किसान इससे जुड़ चुके हैं। बीते कुछ सालों में देश में 10 हजार किसान उत्पाद संघ- FPO’s बने हैं। नॉर्थ ईस्ट को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने खाद्य तेलों- पाम ऑयल से जुड़ा मिशन भी शुरू किया। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ाएगा।

साथियों,

यहां इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हमारे टी-गार्डन वर्कर्स भी हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने असम के साढ़े सात लाख टी-गार्डन वर्कर्स के जनधन बैंक खाते खुलवाए। अब बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ने की वजह से इन वर्कर्स के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाने की सुविधा मिली है। हमारी सरकार टी-गार्डन वाले क्षेत्रों में स्कूल, रोड, बिजली, पानी, अस्पताल की सुविधाएं बढ़ा रही है।

साथियों,

हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा ये विजन, देश के गरीब वर्ग के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से, योजनाओं से, योजनाओं को धरती पर उतारने के कारण 25 करोड़ लोग, ये आंकड़ा भी याद रखना, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। ये इसलिए हुआ है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत के गरीब परिवारों के जीवन-स्तर में निरंतर सुधार हुआ है। कुछ ताजा आंकड़े आए हैं, जो भारत में हो रहे बदलावों के प्रतीक हैं।

साथियों,

और मैं मीडिया में ये सारी चीजें बहुत काम आती हैं, और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं मैं जो बातें बताता हूं जरा याद रख के औरों को बताना।

साथियों,

पहले गांवों के सबसे गरीब परिवारों में, 10 परिवारों में से 1 के पास बाइक तक होती नहीं थी। 10 में से 1 के पास भी नहीं होती थी। अभी जो सर्वे आए हैं, अब गांव में रहने वाले करीब–करीब आधे परिवारों के पास बाइक या कार होती है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन तो लगभग हर घर में पहुंच चुके हैं। फ्रिज जैसी चीज़ें, जो पहले “लग्ज़री” मानी जाती थीं, अब ये हमारे नियो मिडल क्लास के घरों में भी नजर आने लगी है। आज गांवों की रसोई में भी वो जगह बना चुका है। नए आंकड़े बता रहे हैं कि स्मार्टफोन के बावजूद, गांव में टीवी रखने का चलन भी बढ़ रहा है। ये बदलाव अपने आप नहीं हुआ। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि आज देश का गरीब सशक्त हो रहा है, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तक भी विकास का लाभ पहुंचने लगा है।

साथियों,

भाजपा की डबल इंजन सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं की सरकार है। इसीलिए, हमारी सरकार असम और नॉर्थ ईस्ट में दशकों की हिंसा खत्म करने में जुटी है। हमारी सरकार ने हमेशा असम की पहचान और असम की संस्कृति को सर्वोपरि रखा है। भाजपा सरकार असमिया गौरव के प्रतीकों को हर मंच पर हाइलाइट करती है। इसलिए, हम गर्व से महावीर लसित बोरफुकन की 125 फीट की प्रतिमा बनाते हैं, हम असम के गौरव भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का वर्ष मनाते हैं। हम असम की कला और शिल्प को, असम के गोमोशा को दुनिया में पहचान दिलाते हैं, अभी कुछ दिन पहले ही Russia के राष्ट्रपति श्रीमान पुतिन यहां आए थे, जब दिल्ली में आए, तो मैंने बड़े गर्व के साथ उनको असम की ब्लैक-टी गिफ्ट किया था। हम असम की मान-मर्यादा बढ़ाने वाले हर काम को प्राथमिकता देते हैं।

लेकिन भाइयों बहनों,

भाजपा जब ये काम करती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस को होती है। आपको याद होगा, जब हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न दिया था, तो काँग्रेस ने खुलकर उसका विरोध किया था। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि, मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मुझे बताइए, ये भूपेन दा का अपमान है कि नहीं है? कला संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? असम का अपमान है कि नहीं है? ये कांग्रेस दिन रात करती है, अपमान करना। हमने असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगवाई, तो भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया। आप मत भूलिए, यही काँग्रेस सरकार थी, जिसने इतने दशकों तक टी कम्यूनिटी के भाई-बहनों को जमीन के अधिकार नहीं मिलने दिये! बीजेपी की सरकार ने उन्हें जमीन के अधिकार भी दिये और गरिमापूर्ण जीवन भी दिया। और मैं तो चाय वाला हूं, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा? ये कांग्रेस अब भी देशविरोधी सोच को आगे बढ़ा रही है। ये लोग असम के जंगल जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं। जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है, आप बर्बाद हो जाए, उनको इनकी परवाह नहीं है, उनको अपनी वोट बैंक मजबूत करनी है।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस को असम और असम के लोगों से, आप लोगों की पहचान से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल सत्ता,सरकार और फिर जो काम पहले करते थे, वो करने में इंटरेस्ट है। इसीलिए, इन्हें अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा अच्छे लगते हैं। अवैध घुसपैठियों को काँग्रेस ने ही बसाया, और काँग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का विरोध कर रही है। तुष्टीकरण और वोटबैंक के इस काँग्रेसी जहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आज आपको एक गारंटी देता हूं, असम की पहचान, और असम के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा, बीजेपी फौलाद बनकर आपके साथ खड़ी है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में, आपके ये आशीर्वाद यही मेरी ताकत है। आपका ये प्यार यही मेरी पूंजी है। और इसीलिए पल-पल आपके लिए जीने का मुझे आनंद आता है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत की, हमारे नॉर्थ ईस्ट की भूमिका लगातार बढ़ रही है। मैंने पहले भी कहा है कि पूर्वी भारत, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। नामरूप की ये नई यूनिट इसी बदलाव की मिसाल है। यहां जो खाद बनेगी, वो सिर्फ असम के खेतों तक नहीं रुकेगी। ये बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी। ये कोई छोटी बात नहीं है। ये देश की खाद जरूरत में नॉर्थ ईस्ट की भागीदारी है। नामरूप जैसे प्रोजेक्ट, ये दिखाते हैं कि, आने वाले समय में नॉर्थ ईस्ट, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। सच्चे अर्थ में अष्टलक्ष्मी बन के रहेगा। मैं एक बार फिर आप सभी को नए फर्टिलाइजर प्लांट की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

और इस वर्ष तो वंदे मातरम के 150 साल हमारे गौरवपूर्ण पल, आइए हम सब बोलें-

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।