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ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಮತ್ತು ಜೆಎಂಎಂ ತಮ್ಮ ಮನೆಗಳನ್ನು ಕಪ್ಪುಹಣದಿಂದ ತುಂಬಿಸಿದರೆ ಸಾಮಾನ್ಯ ಮನುಷ್ಯ ಬಡವನಾಗಿಯೇ ಉಳಿದಿದ್ದಾನೆ: ಜಮ್ಶೆಡ್‌ಪುರದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ
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ಕಾಂಗ್ರೆಸ್‌ನಂತಹ ವಂಶಾಡಳಿತ ಪಕ್ಷಗಳು ದೇಶವನ್ನು ತಮ್ಮ ಆಸ್ತಿ ಎಂದು ಪರಿಗಣಿಸುತ್ತವೆ: ಜೆಮ್‌ಶೆಡ್‌ಪುರದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

सनमको जोतो कोगे जोहार!
नोमोस्कार!
मैं रंकिणी की मिट्टी को प्रणाम करता हूं। हमारा जमशेदपुर केवल एक शहर मात्र नहीं है। ये हमारा जमशेदपुर विविधताओं से भरा मिनी हिंदुस्तान है। इसीलिए, जमशेदपुर का आशीर्वाद मिलना, ऐसा लगता है जैसे पूरा देश दे रहा है। (यहां एक बेटी एक बढ़िया चित्र बना करके ले आई है वहां एक नौजवान भी कोई चित्र वगैरह ले करके आए हैं। जरा एसपीजी उनसे ले लें चित्र। ये बच्चे बड़े उत्साह से देखिए वो दूसरा एक नौजवान भी ले आया है। हां कलेक्ट कर लीजिए भाई। अच्छा आप अपना नाम लिख देना, मैं आपको चिट्ठी लिखूंगा। पीछे अपना नाम लिख देना। अपना नाम पता आराम से लिखो बेटा, आराम से लिखो, फिर ये मेरे एसपीजी के जो साथी है ना उनको दे देना। उधर भी जो बेटा है, बेटे आप भी अपना नाम पता लिख देना मैं चिट्ठी लिखूंगा आपको।) भारत माता की, भारत माता की। आपका उत्साह बता रहा है कि जमशेदपुर में 4 जून को क्या परिणाम आने वाला है।

साथियों,

मैं बहुत सालों तक भारतीय जनता पार्टी के संगठन का काम करता था। और कोई मुझे कहे कि चुनावी रैली है सुबह 10-11 बजे रख लो तो मैं हाथ जोड़कर कहता था नहीं जी 11 बजे कौन आएगा ऐसा करो एक बजे-दो बजे रख लो। मैं जानता हूं 10-11 बजे इतनी बड़ी रैली करना लोहे के चने चबाने वाला काम होता है लेकिन आज सुबह-सुबह जमशेदपुर में इतनी बड़ी जन मेदिनी यह अपने आप में जनजागृति का एक नया पर्व मैं देख रहा हूं, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

साथियों,

लोकसभा चुनाव देश के भविष्य को सशक्त बनाना, मजबूत बनाना वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों का भी उज्जवल भविष्य निश्चित करने का ये चुनाव है। मेरे प्यारे भाई-बहन ये देश का भविष्य कैसे तय होगा। मैं आपसे पूछता हूं, चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था पर बात होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। जरा पूरी ताकत से मुझे बताइए जमशेदपुर के लोग पूरा देश आपको सुनेगा। चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। चुनाव में उद्योगों लघु उद्योगों की बात होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। साथियों, चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा की बात होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। चुनाव में कृषि और वन उपज की बात होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए चुनाव में युवाओं के लिए बनते नए अवसरों की बात होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए चुनाव में हाईवेज, एक्सप्रेसवेज, इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस और झामुमो वालों को इन सबसे कोई मतलब नहीं है। इन्हें विकास का क-ख-ग-घ भी मालूम नहीं। इनका तरीका क्या है? झूठ बोलो जोर से बोलो, बार-बार बोलो, इधर भी बोलो उधर भी बोलो, खड़े खड़े बोलो, नाच नाच के बोलो, झूठ ही बोलो और इनके मुद्दे क्या है गरीब की संपत्ति का एक्सरे करेंगे, उसे छीनेंगे। एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण छीनेंगे। मोदी जी को रोज नई-नई गालियां देंगे। इससे ज्यादा आगे यह सोच ही नहीं सकते क्या। इंडी अलायंस वाले आपसे झूठ बोलते हैं। इनकी सच्चाई पूरा देश जान गया है। इसलिए पूरा हिंदुस्तान कह रहा है फिर एक बार, फिर एक बार, फिर एक बार, फिर एक बार।

साथियों,

साथियों झारखंड जैसा राज्य खनिज संपदा में इतना अमीर है, इतना अमीर है, आप कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी यहां इतनी गरीबी क्यों है। दुर्भाग्य देखिए, आज झारखंड शब्द आपके कान पर पड़ेगा। झारखंड का नाम सुनते ही कौन सा दृश्य सामने आता है। एक ही दृश्य सामने आता है नोटों के ढेर। झारखंड सुनते ही नोटों के पहाड़ देखने को मिलते हैं। याद करो हर पल, कौन झारखंड अच्छा-अच्छा वो नोटों के ढेर पकड़े गए थे वो। वो अफसर जेल में है वो, वो मुख्यमंत्री जेल में सड़ रहे हैं वो। भाइयों बहनों, सामान्य मानवी को गरीब रखकर कांग्रेस और झामुमो वालों ने अपने घरों में काली कमाई का अंबार लगा रखा है।

साथियों,

कांग्रेस, झामुमो और RJD जैसी पार्टियों ने हमारे झारखंड को हर मौके पर लूटा है। कांग्रेस तो भ्रष्टाचार की जननी ही रही है। कांग्रेस ने 2जी घोटाला किया, कोयला घोटाला किया, अनगिनत घोटालों में कांग्रेस ने लूट के रिकॉर्ड बनाए। आप आरजेडी को देखिए, नौकरी के बदले गरीब से, जो बेचारा दो टाइम की रोटी के लिए नौकरी तलाशता था ऐसे गरीब की जमीन लिखवा ली। गरीब से जमीन छीन भी ली और बदले में नौकरी का वादा किया। झामुमो ने यही गुण, वही आदतें, वही चरित्र कांग्रेस से और आरजेडी से सीखा है। झामुमो ने झारखंड में जमीन घोटाला किया और इन लोगों ने किसकी जमीनें हड़पी। हमारे गरीब आदिवासियों की जमीनें हड़पी, सेना की जमीन तक हड़पने की कोशिश की। सेना की जमीन हड़पना मतलब चोरी करने की आदत कितनी भयंकर होगी इसका यह उदाहरण है। मैं आपसे पूछता हूं इनके घरों से जो नोटों के पहाड़ बरामद हुए हैं वो पैसे किसके हैं, वो पैसे किसके हैं, पैसे किसके हैं, वो पैसे किसके हैं? आपका है कि नहीं है। इसके मालिक आप हैं कि नहीं हैं। ये आपके बच्चों का हक का पैसा है कि नहीं है। यह आपका पैसा है। भोले भाले मेरे आदिवासी भाई बहनों का पैसा है। दलितों का पिछड़ा का पैसा है जो इन लोगों ने लूटा है। आप मुझे बताइए, क्या यह लोग अपनी इस काली कमाई में से एक भी रुपया आपके बच्चों को देते क्या? और ये लूट करते हैं ना तो क्या कहते हैं अरे भाई अरबों-खरबों लूट लेंगे और वकील को क्या है अरे जो चाहिए दे देंगे, अदालत से निकल जाएंगे और फिर तो मौज ही मौज है। यानी वकील के लिए भी आपका चोरी का पैसा। ये खेल है इनका, लेकिन मोदी इन बेईमानों के ठिकानों से पैसा बरामद करवा रहा है। लेकिन मेरे झारखंड के भाई-बहन ये जो नोटों के पहाड़ में पकड़ रहा हूं ना। मैं आपको गारंटी देता हूं मैं सरकार की तिजोरी में ले जाने के लिए नहीं कर रहा हूं। मैं ये खोजूंगा ये पैसे किसके थे, उसको उनको क्यों देना पड़ा, कैसे दिया था और अगर यह पक्का हो जाएगा हां इन्हीं के पैसे हैं। ये सारे पहाड़ के पहाड़ के रुपए है ना, मैं उन सब गरीबों को लौटा दूंगा। यह पैसा आपका है। मोदी इसके लिए कानूनी सलाह ले रहा है, मैं रास्ते खोज रहा हूं कि जो गरीब का पैसा है, जिसके हक का पैसा गया है वह पैसा उसको वापस कैसे मिले।

साथियों,

पूरी दुनिया जानती है कि देश की प्रगति के लिए उद्योग जरूरी है जमशेदपुर का तो नाम ही जमशेद जी टाटा के नाम पर है। लेकिन कांग्रेस पार्टी उद्यम करने वालों को देश का दुश्मन मानती है। उसके नेता खुलेआम कहते हैं जो कारोबारी हमें पैसा नहीं देते हम उन पर हमला करते हैं। यानी कांग्रेस और झामुमो जैसे दलों को देश के उद्योगों से मतलब नहीं है उन्हें अपने भ्रष्टाचार और वसूली से मतलब है। भाइयों-बहनों, मैं आज एक गंभीर विषय को स्पर्श करना चाहता हूं क्योंकि मैं आज उद्योग की धरती पर खड़ा हूं और मेरे आदिवासी भाई बहनों के बीच खड़ा हूं। मैं जरा कांग्रेस को उनके साथियों को, जहां जहां उनकी सरकारें है चाहे तमिलनाडु में हो, केरल में हो, कर्नाटका में हो, तेलंगाना में हो, पश्चिम बंगाल में हो, हिमाचल में हो, मैं उन मुख्यमंत्रियों को चुनौती देता हूं और जरा समझ लें मेरी चुनौती को। ये मेरा पॉलिटिकल स्टेटमेंट नहीं है यह मेरा चुनावी स्टेटमेंट नहीं है। मैं बड़ी गंभीरता से एक विषय को छेड़ना चाहता हूं और जो मीडिया वाले अपने आप को बड़ा खैर खा मानते हैं, अपने आप को न्यूट्रल मानते हैं वह जरा इनके मुख्यमंत्रियों को जाकर के सवाल पूछे। ये उनके शहजादे आए दिन उद्योगों का विरोध करते हैं उद्योगपतियों का विरोध करते हैं निवेश का विरोध करते हैं। आने वाले दिनों में कौन उद्योगपति उनके राज्य में जाकर के पूंजी निवेश करेगा। उन राज्यों के नौजवानों का क्या होगा। ये महाराष्ट्र में जो लोग चुनाव लड़ने के लिए हमारे सामने है क्या वे शहजादे की इस भाषा को मान्य करते हैं क्या। सारे निवेशक जो मुझे मिलने आते हैं वह कहते हैं साहब हम इन राज्यों में नहीं जाएंगे क्योंकि वहां तो हमारे विरोधी विचारधारा है निवेश की विरोध की विचारधारा है, उद्योगपतियों को गालियां दी जाती है। मैं उन राज्यों के नौजवानों को पूछता हूं जो शहजादे की भाषा को सुनकर के कौन उद्योगपति उन राज्यों में आएगा। वो 50 बार सोचेगा कि शहजादे की नीतियां हैं तो उनके मुख्यमंत्री भी वैसा ही करेंगे। हमारा उद्योग पैसे तो लग जाएंगे बर्बाद हो जाएगा। और फिर चिल्लाना मत कि हमारे यहां से उद्योग चले गए, फलाने राज्य में गए, ढिकने राज्य में गए। ये आपके शहजादे की भाषा के कारण आज दुनिया से इतने उद्योग का आ रहे हैं, आपके राज्य में आने को कोई तैयार नहीं है। निवेश करने को तैयार नहीं है और मुझे मेरे लिए हिंदुस्तान के किसी भी कोने का नौजवान मेरा अपना है। मैं उसके अधिकारों को कोई छीन ले यह मुझे स्वीकार्य नहीं है। और इसलिए कांग्रेस के, इंडिया अलायंस के, टीएमसी के, ये जितने मुख्यमंत्री है वो स्पष्ट करें ये जो शहजादे की भाषा है, उद्योगकारों के खिलाफ जो बोला जा रहा है, उद्योगों के खिलाफ बोला जा रहा है, निवेश के खिलाफ बोला जा रहा है। देश के नौजवानों की जिंदगी तबाह करने की भाषा बोली जा रही है। क्या ये सारे मुख्यमंत्री उससे सहमत हैं कि विरोध में हैं। कोई निवेशक उनके यहां नहीं आएगा। और फिर दूसरे राज्यों में चले जाएंगे और आप रोते बैठोगे और आपके राज्य के नौजवानों को पलायन करके उन राज्यों में जाना पड़ेगा जहां उद्योग लग रहे हैं।

भाइयों बहनों,

ये कांग्रेस की भाषा, ये शहजादे की भाषा पूरी तरह नक्सली भाषा है, माओवादी भाषा है। और नक्सली भी तो बिना रंगदारी लिए किसी कारोबारी को काम नहीं करने देते। आज मोदी ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है इसलिए आज रंगदारी की जिम्मेदारी कांग्रेस और झामुमो ने उठा ली है। आप मुझे बताइए, ये नए नए तरीके से रंगदारी करना, नए-नए तरीके से लूट चलाना नोटों के पहाड़ इकट्ठा करना ऐसे कांग्रेस झामुमो को एक भी वोट मिलना चाहिए क्या। जरा पूरी ताकत से, इन लोगों को एक भी वोट मिलना चाहिए क्या। हर बूथ में से इनका सफाया होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए।

साथियों,

कांग्रेस जैसे दलों ने कभी आपकी परवाह नहीं की। इन लोगों ने 60 साल तक ‘गरीबी हटाओ’ का झूठा नारा दिया। ये मोदी है जो गरीब मां का बेटा है, गरीबी का दर्द क्या होता है वो जानता है, जी करके आया है। और इसलिए मैं 10 साल से लगा हूं और अब तक 25 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकाल करके लाया हूं। कांग्रेस ने गरीबों को बैंकों में दरवाजे तक नहीं जाने दिया। मोदी ने 52 करोड़ देशवासियों के जनधन खाते खोले, बैंक के दरवाजे खोल दिए। हमारे देश में करोड़ों गरीबों को सर पर छत भी नसीब नहीं थी। मोदी ने 4 करोड़ गरीबों को पक्का घर बना कर के दिया है। 4 करोड़ पक्का घर आजादी के इतिहास की बहुत बड़ी घटना है। कांग्रेस सरकार में देश के 18000 गांव 18वीं शताब्दी में जीते थे, बिजली नहीं थी भाइयों। देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाने का काम ये आपकी गरीब मां के बेटे ने किया है। कांग्रेस ने देश के करोड़ों घर को साफ पानी से भी वंचित रखा, ये मोदी है जो हर घर नल से जल पहुंचाने में जुटा है।

साथियों,

कांग्रेस-झामुमो-आरजेडी के शासन में जमशेदपुर जैसे शहरों की दशकों तक उपेक्षा हुई। कुछ समय पहले तक रांची से जमशेदपुर पहुंचने में 6 घंटे लगते थे। हमने रोड इनफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया। आज ये सफर आधे से भी कम समय में पूरा हो जाता है। हमने NH-33 को फोरलेन करवाया है। आज इस क्षेत्र में रेलवे कनेक्टिविटी के लिए, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए तेजी से काम चल रहा है। हमारी सरकार धालधुनगढ़ में एयरपोर्ट भी बनाना चाहती है। लेकिन, झारखंड सरकार इसमें रोड़े अटका रही है।

साथियों,

परिवारवादी पार्टियां देश को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी समझती हैं। आपने न्यूज़ में देखा होगा। कांग्रेस के शहजादे वायनाड से भागकर चुनाव लड़ने रायबरेली गए हैं। वो सबको कहते घूम रहे हैं, ये मेरी मम्मी की सीट है! अरे कोई बच्चा स्कूल में पढ़ने जाता है ना तो भी यह नहीं कहता है कि मेरे पप्पा का स्कूल है। भले पप्पा वहां पढ़े हों। ये कहते मेरी मम्मी की सीट है। आठ साल का बच्चा भी ऐसा नहीं बोलता है जी। उनकी माता जी भी वहां गई प्रचार करने के लिए और रायबरेली में जाकर कहा कि वह अपना बेटा उनको सौंप रहे हैं। रायबरेली में उनको 50-50 साल साल से इस परिवार की सेवा करने वाला एक भी कार्यकर्ता नहीं मिला जिनको वो रायबरेली में पसंद करना चाहते हों। यह प्रॉपर्टी का भाव और भाइयों बहनों रायबरेली वाले पूछते हैं कि बेटे को रायबरेली देने आई हो लेकिन रायबरेली में जब कोविड के कारण लोग परेशान थे क्या एक बार भी रायबरेली आने का मौका नहीं मिला। क्या आपने रायबरेली में आकर के कोविड के समय भी क्या एक बार भी पूछा है कि आपका हाल क्या है और आज कह रही हो कि आप अपने बेटे को रायबरेली सुपुर्द कर दो। आप कल्पना करिए हमारे लोकतन्त्र का मंदिर, हमारी संसद, ये परिवारवादी लोग संसदीय सीटों का वसीयतनामा लिख रहे हैं। ये वही लोग हैं जो आपकी विरासत पर टैक्स लगाने की बात करते हैं! यानी, जीवन भर कमाएंगे आप, लेकिन आपकी कमाई आपके बच्चों को नहीं मिलेगी! उसे हड़पेगी कांग्रेस! लेकिन, संसद की सीट इन्हें अपनी खानदानी जायदाद लगती है। खुद रिटायर हो रहे हैं, तो पार्टी के कार्यकर्ता को मौका नहीं मिलेगा। सीट बेटे को मिलेगी! (बेटी आप तस्वीर लेकर आई हो थक जाओगी ऐसे खड़े खड़े। जरा यह तस्वीर भी एसपीजी वाले उन बेटी से ले लेना। अपना नाम पता लिख देना बेटा, नाम पता लिख देना।) ऐसी परिवारवादी पार्टियों से हमें झारखंड को बचाकर रखना है।

साथियों,

परिवारवादी इंडी गठबंधन वालों ने सबसे ज्यादा नुकसान दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज का किया है। खरसांवा और गुआ गोलीकांड को कौन भूल सकता है? कांग्रेस सरकार ने आम लोगों का, आदिवासी युवाओं का सामूहिक नरसंहार किया था। कांग्रेस को आदिवासी समाज से नफरत रही है। आज़ादी की लड़ाई में हमारे आदिवासी समाज ने कितने बलिदान दिये! लेकिन, कांग्रेस ने किसका इतिहास पढ़ाया? केवल एक परिवार का! जब बीजेपी सत्ता में आई, तो हमने आदिवासी गौरव के लिए दिन-रात काम किया है। हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की। आज हम देश भर में आदिवासी सेनानियों के म्यूज़ियम बना रहे हैं। हमने पहली बार एक आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मु जी को देश की राष्ट्रपति बनाया है। और मैं याद दिलाउंगा, कांग्रेस ने द्रोपदी मुर्मु को भी चुनाव हरवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी! और ये झामुमो वाले उसी कांग्रेस के साथ खड़े हैं।

साथियों,

आज देश जान चुका है, संविधान को खतरा इंडी गठबंधन वालों से है। बाबा साहेब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। लेकिन ये इंडी वाले संविधान बदलकर दलित, पिछड़ा और आदिवासी का आरक्षण बंद करना चाहते हैं। अब ये पूरा का पूरा आरक्षण मुस्लिमों को देने की बात कर रहे हैं। कुछ राज्यों में इन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है। मोदी इन्हें 23 अप्रैल से चुनौती दे रहा है कि लिखित में दें कि SC-ST-OBC का आरक्षण छीनकर उसे मुसलमानों को नहीं देंगे। लेकिन आज 25 दिन हो रहे हैं कांग्रेस और इंडी वालों ने चुप्पी साध रखी है। अपने पाप की तैयारी कर रहे हैं।

साथियों,

25 मई को आपका एक वोट झारखंड और देश के भाग्य का फैसला करेगा। बीजेपी ने जमशेदपुर से श्री विद्युत बरन महतो को ज़िम्मेदारी सौंपी है। आप इनके लिए कमल का बटन दबाएंगे। और जब आप इनको कमल का बटन दबा कर के वोट देंगे ना वो वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपका वोट सीधा मोदी को मिलेगा, मोदी को मजबूती मिलेगी। आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलेंगे ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे? 10 बजे के पहले ज्यादा मतदान हो कोशिश करेंगे? पहले मतदान फिर जलपान यह यह करके दिखाएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। जरा दोनों हाथ ऊपर करके सबके सब बताओ तो मैं बोलूं। मेरा एक काम करेंगे, मेरा एक काम करेंगे। यहां से जाकर ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइए, ज्यादा से ज्यादा परिवारों से मिलिए और मिलकर के कहिए कि मोदी जी जमशेदपुर आए थे और मोदी जी ने परिवार के सबको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम कह देंगे। मेरा प्रणाम कह देंगे। एक और काम करेंगे। हमारे यहां हर गांव में ग्राम देवता का मंदिर होता है छोटा सा भी मंदिर होता है आप जाकर के वहां जरूर प्रणाम करना, मेरी तरफ से माथा टेकना और कहना देश के उज्जवल भविष्य के लिए परमात्मा हम सबको आशीर्वाद दे।
मेरे साथ बोलिए भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.