Lays foundation stone and dedicates to nation multiple scientific projects worth more than Rs 5800 crores
Dedicates to nation Homi Bhabha Cancer Hospital and Research Centre,
Visakhapatnam and Women & Children Cancer Hospital Building, Navi Mumbai
Dedicates to nation National Hadron Beam Therapy Facility and Radiological Research Unit, Navi Mumbai
Dedicates to nation Fission Molybdenum-99 Production Facility, Mumbai and Rare Earth Permanent Magnet Plant, Visakhapatnam
Lays foundation stone for Homi Bhabha Cancer Hospital and Research Centre, Jatni, Platinum Jubilee Block of Tata Memorial Hospital, Mumbai
Lays foundation stone for Laser Interferometer Gravitational-Wave Observatory India (LIGO-India)
Releases commemorative stamp and coin on 25th National Technology Day
“I can never forget the day when Atal Ji made the announcement of India’s successful Nuclear Testing”
“In Atal Ji’s words, we have never stopped on our journey and never surrendered to any challenge that has come our way”
“We have to make the nation Viksit and Aatmnirbhar”
“The passion, energy, and capabilities of the children and youth today are India’s big strengths”
“The Tinker-preneurs of India will soon become leading entrepreneurs of the world”
“The India of today is moving forward in every direction that is necessary to become a tech leader”

कार्यक्रम में उपस्थित कैबिनेट में मेरे वरिष्ठ सहयोगी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, डॉ. जितेंद्र सिंह जी, साइन्स और टेक्नोल़ॉजी कम्यूनिटी के सभी सम्मानित सदस्य, और मेरे युवा साथियों!

आज 11 मई का ये दिन, भारत के इतिहास के सबसे गौरवमयी दिनों में से एक है। आज भारत के वैज्ञानिकों ने पोखरण में वो उपलब्धि हासिल की थी, जिसने मां भारती की हर संतान का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। मैं वो दिन कभी भूल नहीं सकताए जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए भारत ने ना केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया, बल्कि भारत के वैश्विक कद को एक नई ऊंचाई भी दी थी। अटल जी के शब्दों में ही कहूं तो- “अपनी ध्येय-यात्रा में, हम कभी रुके नहीं हैं। किसी चुनौती के समक्ष, कभी झुके नहीं हैं”। मैं सभी देशवासियों को आज के दिन की, National Technology Day की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज इस अवसर पर कई futuristic initiatives का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। मुंबई में National Hadron Beam Therapy Facility और Radiological Research Centre हो, विशाखापट्टनम के BARC कैंपस में Rare Earth Permanent Magnet Plant हो, मुंबई की Fission Moly-99 production facility हो, या विभिन्न शहरों के कैंसर हॉस्पिटल हो, ये सभी संस्थान, न्यूक्लियर टेक्नोल़ॉजी की मदद से, मानवता की और भारत की प्रगति को गति देंगे। आज Tata Institute of Fundamental Research, और ‘Laser Interferometer Gravitational- Wave Observatory- India (LIGO-India), का शिलान्यास भी हुआ है। ‘LIGO’ 21वीं सदी के सबसे बेहतरीन Science and technology initiative में से एक है। दुनिया में गिने-चुने देशों के पास ही इस तरह की Observatory आज है। भारत के Students और Scientists के लिए ये Observatory, आधुनिक रिसर्च के नए अवसर लेकर आ रही है। मैं इन प्रोजेक्ट्स के लिए भी देश के वैज्ञानिक समुदाय को, सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।

साथियों,

इस समय हम आज़ादी के अमृतकाल के शुरुआती महीनों में हैं। हमारे सामने 2047 के स्पष्ट लक्ष्य हैं। हमें देश को विकसित बनाना है, हमें देश को आत्मनिर्भर बनाना है। भारत की economic growth हो, sustainable development goals हो, या फिर, innovation के लिए एक inclusive ecosystem का निर्माण करना हो, टेक्नोलॉजी कदम-कदम पर हमारे लिए जरूरी है। औऱ इसलिए आज भारत, एक नई सोच के साथ, 360° holistic approach के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत Technology पर अपना दबदबा कायम करने का माध्यम नहीं बल्कि देश की प्रगति को गति देने का एक टूल मानता है। और मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा कि इस बार की थीम ‘School to Startups- Igniting Young Minds to Innovate’ ये रखा गया है। आजादी के इस अमृतकाल में भारत का भविष्य, हमारी आज की युवा पीढ़ी, हमारे आज के Students ही तय करेंगे। आज की इस युवा पीढ़ी के पास नए सपने हैं, नए संकल्प हैं। उनकी ऊर्जा, उनका जोश, उनका उत्साह, ये भारत की बहुत बड़ी ताकत है।

साथियों,

हमारे देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम कहा करते थे- Knowledge with action, converts adversity into prosperity. आज जब भारत एक knowledge society के तौर पर सशक्त हो रहा है तो उतनी ही तेजी से Action भी ले रहा है। भारत के young minds को Innovation की तरफ प्रेरित करने के लिए, बीते 9 वर्षों में देश में एक मजबूत बुनियाद बन चुकी है। कुछ साल पहले शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब्स- ATL, आज देश की इनोवेशन नर्सरी बन रही हैं। आज देश के 35 राज्यों में, 700 जिलों में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स बनाई जा चुकी हैं। और ऐसा नहीं है कि साइन्स, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और incubation का ये मिशन केवल बड़े शहरों तक सीमित है। करीब 60 प्रतिशत अटल टिंकरिंग लैब्स सरकारी और ग्रामीण स्कूलों में खुली हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, कितनी बड़ी संख्या में बच्चों के लिए पढ़ाई के मायने बदल रहे हैं, वो Innovation की तरफ प्रेरित हो रहे हैं। आपको ये जानकर खुशी होगी कि आज अटल टिंकरिंग लैब्स में 75 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स 12 लाख से ज्यादा इनोवेशन प्रोजेक्ट्स पर जी-जान से जुटे हुए हैं, काम कर रहे हैं। यानि आने वाले समय में लाखों junior scientists, स्कूलों से निकलकर देश के कोने-कोने में पहुंचने वाले हैं। इनकी hand-holding करना, हर तरह से मदद करना, इनके ideas को implement करने में सहायता देना, ये हम सभी का बहुत बड़ा दायित्व है। आज सैकड़ों की संख्या में स्टार्टअप्स ऐसे हैं, जिनका incubation अटल इनोवेशन सेंटर्स में हुआ है। अटल टिंकरिंग लैब्स की ही तरह अटल इनोवेशन सेंटर्स- AIC’s भी न्यू इंडिया की लैबोरेटरी बनकर उभर रहे हैं। आप देखिएगा, भारत के ये Tinker-preneurs, entrepreneurs हम देखते थे ये Tinker-preneurs है। कल ये लीडिंग entrepreneurs बनने वाले हैं।

साथियों,

महर्षि पतंजलि का एक सूत्र है- परमाणु परम महत्त्व अन्त: अस्य वशीकारः।। यानि जब हम किसी लक्ष्य के लिए पूरी तरह समर्पित हो जाते हैं, तो परमाणु से लेकर ब्रह्मांड तक सब कुछ वश में आ जाता है। 2014 के बाद से भारत ने जिस तरह साइंस और टेक्नोलॉजी पर जोर देना शुरू किया है, वो बड़े बदलावों का कारण बना है। हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया, जो डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया, जो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाई, उसने भी टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भारत की सफलता को नई ऊंचाई दी है। पहले जो साइन्स केवल किताबों तक सीमित थी, वो अब experiments से आगे बढ़कर ज्यादा से ज्यादा patents में बदल रही है। भारत में 10 साल पहले, एक वर्ष में 4 हजार के आसपास पेटेंट ग्रांट होते थे। आज इसकी संख्या सालाना 30 हजार से भी ज्यादा हो गई है। भारत में 10 साल पहले सालाना 10 हजार डिजाइन रजिस्टर होते थे। आज भारत में सालाना 15 हजार से ज्यादा डिजाइन रजिस्टर हो रहे हैं। भारत में 10 साल पहले, सालाना 70 हजार से भी कम ट्रेड मार्क रजिस्टर होते थे। आज भारत में सालाना ढाई लाख से ज्यादा ट्रेड मार्क रजिस्टर हो रहे हैं।

साथियों,

आज भारत हर उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जो एक tech leader country के लिए जरूरी होता है। आपमें से कई साथी जानते हैं, 2014 में हमारे देश में करीब डेढ़ सौ के आसपास ही incubation centres थे। आज भारत में incubation centres की संख्या 650 भी पार कर चुकी है। आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर था वहां से ऊपर उठकर के 40वें स्थान पर पहुँच चुका है। आज देश के युवा, हमारे स्टूडेंट्स अपने डिजिटल वेंचर्स खड़े कर रहे हैं, स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं। 2014 में हमारे यहां स्टार्ट-अप्स की संख्या भी कुछ सौ के आस-पास ही थी। आज हमारे देश में recognized स्टार्ट-अप्स की संख्या भी करीब-करीब 1 लाख पहुंच चुकी है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप ecosystem है। और ये ग्रोथ उस समय में है जब दुनिया आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है। ये भारत का सामर्थ्य दिखाता है, भारत का talent दिखाता है। और इसलिए मैं फिर कहूंगा, Policy Makers के लिए, हमारे वैज्ञानिक समुदाय के लिए, देश भर में फैली हमारी हजारों रिसर्च लैब्स के लिए, हमारे प्राइवेट सेक्टर के लिए, ये टाइम बहुत ही महत्वपूर्ण है। ‘School to Startups की यात्रा हमारे Students करेंगे, लेकिन आपको उन्हें निरंतर गाइड करना होगा, प्रोत्साहित करना होगा। और इसमें मेरा आप सभी को पूरा सपोर्ट रहेगा।

साथियों,

जब हम Technology के सामाजिक संदर्भ को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो Technology, Empowerment का बहुत बड़ा माध्यम बन जाती है। ये Social Justice - सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने और असंतुलन को मिटाने का भी माध्यम बनती है। एक समय था, जब technology सामान्य भारतीय की पहुंच से बाहर थी। आपको भी याद होगा, कभी जेब में क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकर चलना status symbol हुआ करता था। लेकिन भारत का UPI आज अपनी simplicity की वजह से new normal बन गया है। आज रेहड़ी-पटरी वाले से लेकर रिक्शे वाले तक, हर कोई डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहा है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा इंटरनेट डेटा इस्तेमाल होता है। ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों की तुलना में इंटरनेट यूजर ज्यादा हैं। इससे लोगों के सामने जानकारियों, संसाधनों और अवसरों की एक नई दुनिया खुल रही है। JAM Trinity हो, GeM पोर्टल हो, CoWIN portal हो या किसानों के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर मार्केट- E-Nam हमारी सरकार ने टेक्नॉलाजी का उपयोग agent of inclusion के रूप में किया है।

साथियों,

Technology का सही तरीके से, सही समय पर उपयोग, समाज को नई शक्ति देता है। आज भारत में जीवन चक्र के हर पड़ाव के लिए कोई ना कोई technological solutions तैयार हो रहे हैं। जन्म के समय, ऑनलाइन बर्थ सर्टिफिकेट की सुविधा है। बच्चा जब स्कूल की शुरुआत करता है तो उसके पास e-pathshala और दीक्षा जैसे free e-learning platforms हैं। और आगे बढ़ने पर वो national scholarship portal पर स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकता है। जब वो अपनी नौकरी शुरू करता है, तो उसके पास universal access number की सुविधा है, ताकि jobs बदलने पर भी उसे कोई भी दिक्कत ना आए। किसी बीमारी की स्थिति में वो तुरंत आज e-Sanjeevani की मदद से अपने उपचार की व्यवस्था कर सकता है। बुजुर्गों के लिए biometric-enabled digital service- जीवन प्रणाम की सुविधा है। आप सोचिए, पहले बुजुर्गों को पेंशन जैसे कामों के लिए अपने जिंदा होने का सबूत देना होता था। चाहे तबीयत खराब हो या चलना मुश्किल हो, उन्हें वेरिफिकेशन के लिए खुद जाना होता था। अब ये सारी परेशानियां टेक्नोलॉजी की मदद से समाप्त हो रही हैं। Day to Day Life में, हर कदम पर टेक्नोलॉजी Solutions, देश के नागरिकों की मदद कर रहे हैं। अगर उसे जल्दी पासपोर्ट बनवाना है, तो mPassport Seva है। अगर उसे एयरपोर्ट पर hassle-free experience सुनिश्चित करना है, तो DigiYatra app है। अगर उसे Important documents को सुरक्षित रखना है, तो DigiLocker है। इन सारे प्रयासों से Social Justice सुनिश्चित करने और Ease Of Living बढ़ाने में मदद मिली है।

साथियों,

आज हर दिन टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। भारत के युवा ही इस स्पीड को मैच करने में, इस स्पीड को क्रॉस करने में देश का नेतृत्व करेंगे। आज AI tools नए गेम चेज़र बनकर उभरे हैं। हेल्थ सेक्टर में आज हम कितनी असीम संभावनाओं को देख रहे हैं। ड्रोन टेक्नोलॉजी में भी हर रोज नए Innovations हो रहे हैं। ऐसे ही, थेरेपेटिक्स sector भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमें ऐसी revolutionary टेक्नोलॉजी में लीड लेनी होगी। आज भारत अपने डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बना रहा है। इससे भी हमारे युवा स्टार्ट अप्स को बहुत से मौके मिल रहे हैं। डिफेंस में इनोवेशन के लिए हमने Innovation for Defence Excellence यानी, iDEX भी शुरू किया है। मुझे खुशी है कि रक्षा मंत्रालय ने iDEX के साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के 14 इनोवेशन्स को procure किया है।

साथियों,

i-create हो, या फिर DRDO young scientists labs जैसे initiative आज इन प्रयासों को नई दिशा दे रहे हैं। स्पेस सेक्टर में भी न्यू reforms के जरिए भारत एक ग्लोबल गेम चेंजर की भूमिका में सामने आ रहा है। अभी मैं SSLV और PSLV orbital प्लैटफ़ार्म जैसी टेक्नोलॉजी देख रहा था। हमें स्पेस सेक्टर में हमारे स्टार्टअप्स के लिए, यूथ्स के लिए नए अवसर उपलब्ध कराने होंगे। हमें कोडिंग से लेकर गेमिंग और प्रोग्रामिंग तक, हर क्षेत्र में लीड लेनी होगी। इस समय भारत सेमी कंडक्टर जैसे नए avenues में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। पॉलिसी लेवल पर हम PLI स्कीम जैसे initiatives ले रहे हैं। इंडस्ट्री और institutions की ज़िम्मेदारी है कि इस फील्ड में talented youths को सपोर्ट करें।

साथियों,

आज इनोवेशन से लेकर सुरक्षा तक के लिए hackthons की एक बड़ी भूमिका है। सरकार इन्हें लगातार प्रमोट कर रही है। हमें hackthon कल्चर को आगे बढ़ाना होगा, Startups को नए challenges के लिए तैयार करना होगा। इन प्रतिभाओं की hand-holding हो, उन्हें आगे बढ़ने के लिए संघर्ष न करना पड़े, हमें इसके लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना होगा। ख़ासकर, अटल टिंकरिंग लैब्स से जो युवा निकल रहे हैं, उन्हें involve रखने के लिए एक institutionalized सिस्टम होना चाहिए। क्या हम इसी तरह अलग-अलग क्षेत्रों में देश की 100 लैब्स को चिन्हित कर सकते हैं, जिन्हें यूथ ड्रिवेन बनाया जाए? क्लीन एनर्जी और नैचुरल फ़ार्मिंग जैसे क्षेत्रों में, जहां देश का खास फोकस है, हमें रिसर्च और टेक्नोलॉजी को प्रमोट करना होगा। इसके लिए भी युवाओं को मिशन मोड में जोड़ना बहुत जरूरी है। मुझे भरोसा है, नेशनल टेक्नोलॉजी वीक इन संभावनाओं को साकार करने में एक अहम भूमिका निभाएगा। इसी अपेक्षा के साथ, आप सभी को एक बार फिर इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।