Distributes about 71,000 appointment letters to newly inducted recruits in various Government departments and organizations
“Today India is the fastest growing economy”
“Today’s New India is moving with policies and strategies that have opened the doors for new possibilities”
“After 2014 India has adopted a proactive approach as opposed to the reactive stance of the earlier times”
“The third decade of the 21st century is witnessing opportunities of employment and self-employment in India that were unimaginable earlier”
“The thinking and approach of Aatmnirbhar Bharat Abhiyan go beyond adopting swadeshi and ‘vocal for local’. Aatmnirbhar Bharat Abhiyan is an ‘abhiyan’ of creating crores of employment opportunities from villages to cities”
“When roads reach the villages, it leads to rapid employment generation in the entire ecosystem”
“As a government servant, you should always remember those things which you used to feel as an ordinary citizen”

नमस्कार !

साथियों,

आज बैसाखी का पावन पर्व है। मैं सभी देशवासियों को बैसाखी की लख-लख बधाइयां देता हूं। उल्लास भरे इस त्योहार में, आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी मिली है। आप सभी युवाओं को, आपके परिवारजनों को, बहुत-बहुत बधाई, आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

साथियों,

विकसित भारत की संकल्प सिद्धि के लिए हमारी सरकार, युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार के साथ ही गुजरात से लेकर असम तक, उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक, NDA और भाजपा शासित राज्यों में सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। कल ही, मध्य प्रदेश में 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। ये राष्ट्रीय रोजगार मेला भी युवाओं के प्रति हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है।

साथियों,

आज भारत, दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है, ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती चली जा रही है। लेकिन इन सबके बीच भारत को दुनिया एक 'bright spot' के तौर पर देख रही है। आज का नया भारत, अब जिस नई नीति और रणनीति पर चल रहा है, उसने देश में नई संभावनाओं और नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। एक समय था जब भारत टेक्नोलॉजी हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, एक प्रकार से Reactive अप्रोच के साथ काम करता था, बस React करना। 2014 के बाद से भारत ने Pro-Active अप्रोच अपनाई है। इसका नतीजा ये हुआ है कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक, रोजगार और स्वरोजगार के वो अवसर पैदा कर रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आज युवाओं के सामने कई ऐसे सेक्टर्स खुल गए हैं, जो 10 साल पहले उपलब्ध तक नहीं थे। हमारे सामने स्टार्टअप्स का उदाहरण है। स्टार्टअप्स को लेकर आज भारत के युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप्स ने 40 लाख से ज्यादा direct और indirect jobs तैयार की हैं। इसी तरह ड्रोन इंडस्ट्री है। आज Agriculture हो या Defence सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सर्वे हों या फिर स्वामित्व योजना, ड्रोन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए बहुत सारे युवा Drone Manufacturing, Drone Flying से जुड़ रहे हैं। आपने ये भी देखा है कि बीते 8-9 वर्षों में कैसे देश के स्पोर्ट्स सेक्टर का कायाकल्प हो गया है। आज देशभर में नए स्टेडियम तैयार हो रहे हैं, नई एकेडमी तैयार हो रही है। इनमें कोच, टेक्नीशियन, सपोर्ट स्टाफ की जरूरत पड़ रही है। देश में स्पोर्ट्स का बजट दोगुना होने से भी युवाओं के लिए नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और अप्रोच सिर्फ स्वदेशी अपनाने और Vocal for Local से कहीं ज्यादा है। ये सीमित दायरे वाला मामला नहीं है। आत्मनिर्भर भारत अभियान, गांव से लेकर शहरों तक भारत में रोजगार के करोड़ों नए अवसर पैदा करने वाला अभियान है। आज आधुनिक सैटेलाइट्स से लेकर Semi High Speed Train तक भारत में ही तैयार हो रही है। बीते 8-9 वर्षों में देश में 30 हजार से ज्यादा नए और सुरक्षित LHB Coaches बनाए गए हैं। इनके निर्माण में जो हजारों टन स्टील लगा है, अलग-अलग Products लगे हैं, उन्होंने पूरी सप्लाई चेन में रोजगार के हजारों नए अवसर बनाए हैं। मैं आपको भारत की Toy Industry का भी उदाहरण दूंगा। अभी जितेन्द्र सिंह जी ने उसका उल्लेख भी किया। दशकों तक, भारत के बच्चे विदेशों से import किए गए खिलौनों से ही खेलते रहे। ना तो उनकी क्वालिटी अच्छी थी, ना ही वो भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे। लेकिन कभी किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हमने आयात होने वाले खिलौनों के लिए quality parameter तय किए और अपनी स्वदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना शुरू किया। 3-4 वर्ष में ही toy industry का कायाकल्प हो गया, और इससे रोजगार के अनेकों नए अवसर तैयार हुए। हमारे देश में दशकों तक, ये अप्रोच भी हावी रही कि defence equipment सिर्फ आयात किए जा सकते हैं, बाहर से ही आ सकते हैं। हम अपने देश के manufacturers पर ही उतना भरोसा नहीं करते थे। हमारी सरकार ने इस अप्रोच को भी बदल डाला। हमारी सेनाओं ने 300 से ज्यादा ऐसे साजो-सामान और हथियारों की लिस्ट तैयार की है, जो अब भारत में ही बनाए जाएंगे, भारतीय इंडस्ट्री से ही खरीदे जाएंगे। आज भारत 15 हजार करोड़ के defence equipment विदेशों में निर्यात करता है। इससे रोजगार के हजारों अवसर तैयार हुए हैं।

साथियों,

आपको एक और बात कभी भी भूलनी नहीं चाहिए। जब देश ने 2014 में हमें सेवा का अवसर दिया, तब भारत में बिकने वाले ज्यादातर मोबाइल फोन आयात किए जाते थे। हमने local production बढ़ाने के लिए incentives दिए। अगर आज भी 2014 से पहले वाली स्थिति होती तो foreign exchange पर हमारे लाखों करोड़ रुपये खर्च हो गए होते। लेकिन अब, हम ना सिर्फ घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं बल्कि मोबाइल फोन का निर्यात भी कर रहे हैं। दुनिया के देशों में पहुंचा रहे हैं। इससे भी रोजगार के हजारों नए अवसर बने हैं।

साथियों,

Employment Generation का एक और पक्ष है, और वो Infrastructure Projects में सरकार द्वारा किया गया Investment. हमारी सरकार infrastructure projects में तेज रफ्तार के लिए जानी जाती है। जब सरकार capital expenditure पर खर्च करती है, तो बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे रोड, रेलवे, पोर्ट और नई इमारतें बहुत से प्रकार की चीजें तैयार हो जाती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में इंजीनियर, टेक्नीशियन, अकाउंटेंट, श्रमिक, हर प्रकार के, उसमें तरह-तरह के equipment, स्टील, सीमेंट, ऐसी भांति-भांति चीजों की जरूरत पड़ती है। हमारी सरकार के दौरान, पिछले 8-9 वर्षों में Capital expenditure में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है। इससे रोजगार के नए अवसर और लोगों की आय, दोनों में वृद्धि हुई है। मैं आपको भारतीय रेलवे का उदाहरण देता हूं। 2014 से पहले 7 दशकों में 20 हजार किलोमीटर के आसपास रेल लाइनों का electrification हुआ था। पिछले 9 वर्षों में हमने करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का electrification पूरा किया है। 2014 से पहले, एक महीने में सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बनाई जाती थी, 600 मीटर। आज हम हर महीने लगभग 6 किलोमीटर की नई मेट्रो लाइन बना रहे हैं। तब हिसाब मीटर में होता था, आज हिसाब किलोमीटर में हो रहा है। 2014 में देश में 70 से भी कम जिलों में, 70 से भी कम, 70 से भी कम जिलों में गैस नेटवर्क का विस्तार हुआ था। आज ये संख्या बढ़कर 630 जिले तक पहुंच गई है। कहां 70 जिले और कहां 630 जिले। 2014 तक ग्रामीण इलाकों में सड़कों की लंबाई भी 4 लाख किलोमीटर से कम थी। आज ये आंकड़ा भी बढ़कर सवा 7 लाख किलोमीटर से ज्यादा हो चुका है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब गांव में सड़क पहुंचती है तो उसका क्या-क्या प्रभाव होता है। इससे पूरे इकोसिस्टम में तेज गति से रोजगार का सृजन होने लगता है।

साथियों,

ऐसे ही काम देश के एविएशन सेक्टर में हुआ है। 2014 तक देश में 74 एयरपोर्ट थे, आज इनकी संख्या 148 हो गई है। हम सभी जानते हैं कि एयरपोर्ट ऑपरेशंस में कितने ज्यादा स्टाफ की जरूरत पड़ती है। आप अनुमान लगा सकते हैं कि इतने नए एयरपोर्ट्स ने भी देश में हजारों नए अवसर तैयार किए हैं। और आपने देखा है कि हाल ही में एयर इंडिया ने रिकॉर्ड संख्या में हवाई जहाज खरीदने का ऑर्डर दिया है। कई और भारतीय कंपनियां भी इसी तैयारी में हैं। यानि, आने वाले दिनों में इस सेक्टर में कैटरिंग से लेकर inflight services तक, maintenance से लेकर on-ground handling तक बड़ी संख्या में नए अवसर तैयार होंगे। ऐसी ही प्रगति हमारे पोर्ट सेक्टर में भी हो रही है। समुद्री तट का जो विकास हो रहा है, हमारे पोर्ट्स जो develop हो रहे हैं, हमारे पोर्ट्स पर, पहले की तुलना में कार्गो हैंडलिंग दोगुनी हो चुकी है, और इसमें लगने वाला समय अब आधा रह गया है। इस बड़े बदलाव ने पोर्ट सेक्टर में भी बड़ी तादाद में नए अवसर तैयार किए हैं।

साथियों,

देश का हेल्थ सेक्टर भी Employment Generation का बेहतरीन उदाहरण बन रहा है। 2014 में भारत में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे, आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं। 2014 में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीटों की संख्या करीब 50 हजार थी, आज 1 लाख से ज्यादा सीट उपलब्ध हैं। आज पहले के मुकाबले दोगुनी संख्या में डॉक्टर परीक्षा पास करके तैयार हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना की वजह से देश में अनेकों नए अस्पताल और क्लीनिक बने हैं। यानी इंफ्रास्ट्रक्चर का हर प्रोजेक्ट रोजगार और स्व-रोजगार उसमें बढ़ोतरी सुनिश्चित कर रहा है।

साथियों,

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार जो FPO's बना रही है, Self Help Groups को लाखों करोड़ की मदद दे रही है, स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार कर रही है, उससे गांव के युवाओं के लिए अपने गांव में ही रोजगार के अवसर बन रहे हैं। 2014 के बाद से देश में 3 लाख से ज्यादा नए कॉमन सर्विस सेंटर्स बने हैं। 2014 के बाद से देश के गांवों में 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। 2014 के बाद से देश में तीन करोड़ से ज्यादा घर गरीबों को बनाकर दिए गए हैं। इनमें से ढाई करोड़ से ज्यादा घर गांवों में ही बने हैं। बीते वर्षों में गांवों में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय, डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स, हजारों नए पंचायत भवन। इन सभी निर्माण कार्यों ने गांव में लाखों युवाओं को काम दिया है, रोजगार दिया है। आज जिस तरह Agriculture sector में farm mechanization तेजी से बढ़ा है, उससे भी गांव में रोजगार के नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आज भारत जिस तरह से अपने लघु उद्योगों की Hand Holding कर रहा है, अपने यहां entrepreneurship को बढ़ावा दे रहा है, इससे बड़ी संख्या में रोजगार का निर्माण सुनिश्चित हो जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने 8 वर्ष पूरे किए हैं। इन 8 वर्षों में, मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी 23 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। इसमें से 70 प्रतिशत लोन महिलाओं को मिला है। इस योजना ने 8 करोड़ नए entrepreneurs तैयार किए हैं, यानि ये वो लोग हैं जिन्होंने मुद्रा योजना की मदद से पहली बार अपना कोई कामकाज शुरू किया है। मुद्रा योजना की सफलता ने देश के करोड़ों लोगों को स्वरोजगार के लिए हौसला दिया है, नई दिशा दिखाई है। और मैं साथियों आपको एक बात बताना चाहता हूं। Grassroot level पर इकोनॉमी की ताकत बढ़ाने में माइक्रो फाइनेंस का कितना महत्व होता है, माइक्रो फाइनेंस कितनी बड़ी शक्ति बनकर के उभरता है, ये हमने इन 8-9 साल में देखा है। बड़े-बड़े भी अपने आपको महारथी मानने वाले, बड़े-बड़े अर्थशास्त्री के पंडित मानने वाले और बड़े-बड़े मालिक तुलाओं को फोन पर कर-करके लोन देने वाले के आदत वाले लोग पहले कभी भी माइक्रो फाइनेंस की ताकत को नहीं समझ पाए। आज भी, आज भी ये लोग माइक्रो फाइनेंस का मजाक उड़ा रहे हैं। इनको देश के सामान्य मानवीय के सामर्थ्य का समझ ही नहीं है।

साथियों,

आज जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिला है, उन्हें मैं विशेष तौर पर कुछ सुझाव अवश्य देना चाहता हूं। आप में से कुछ लोग रेलवे, तो कुछ लोग शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ रहे हैं। कुछ लोगों को बैंकों में अपनी सेवाएं देने का अवसर मिल रहा है। ये आपके लिए देश के विकास में योगदान देने का अवसर है। देश 2047 में जब आजादी के 100 साल मनाएगा, विकसित भारत बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है I और मैं जानता हूं आज आपकी जो उम्र है, ये आपके लिए सबसे अर्थ में अमृतकाल है। आपके जीवन का ये 25 वर्ष देश एक दम से तेज गति से आगे बढ़ने वाला माहौल वाला है और उसमें आप योगदान देने जा रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कितने उत्तम कालखंड में, कितने उत्तम अवसर के साथ, देश को आगे बढ़ाने के लिए आज आपके कंधों पर आप नई जिम्मेदारी ले रहे हैं। आपका एक-एक कदम, आपके समय की एक-एक पल देश को तेज गति से विकसित बनाने में काम आने वाली है।

आज आप एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर अपनी यात्रा भले ही शुरू कर रहे हैं। इस यात्रा में हमेशा उन बातों को याद रखना चाहिए और हमेशा अपने आप को एक सामान्य नागरिक के तौर पर आप पिछले 5 साल से, 10 साल से जब से समझने लगे हैं, क्या-क्या महसूस करते थे। सरकार का कौन सा व्यवहार आपको अखरता था। सरकार का कौन सा व्यवहार आपको अच्छा लगता था। आप भी ये जरूर मन में मानीये कि जो बुरे अनुभव आपको आए हैं, आपके रहते हुए किसी भी देश के नागरिक को बुरा अनुभव नहीं आने देंगे। जो आपको बीती होगी, आपके कारण किसी को नहीं बीतेगी, यही बहुत बड़ी सेवा है। अब ये आपकी जिम्मेदारी है कि सरकारी सेवा में आने के बाद, दूसरों की उन उम्मीदों को आप पूरा करें। अपने आपको योग्य बनाएं। आप में से हर कोई किसी ना किसी रूप में अपने कार्य से सामान्य मानवी के जीवन को प्रभावित भी कर सकता है, प्रेरित भी कर सकता है। उसको निराशा की गर्त में डूबते हुए बचा भी सकता है। इससे बड़ा मानवता का क्या काम हो सकता है साथियों? आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपके कार्य का सकारात्मक प्रभाव हो, आपके काम से सामान्य मानवी का जीवन बेहतर हो। व्यवस्थाओं पर उसका विश्वास बढ़ना चाहिए।

मेरा आप सबसे एक और आग्रह है। आप सबने कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। लेकिन सरकारी नौकरी पाने के बाद भी सीखने की प्रक्रिया को रुकने ना दें। कुछ नया जानने, नया सीखने का स्वभाव, आपके कार्य और व्यक्तित्व दोनों में प्रभाव लाएगा। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म iGoT Karmayogi से जुड़कर आप अपने स्किल को अपग्रेड कर सकते हैं I और साथियों मेरे लिए तो मैं हमेशा कहता हूं, मैं मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं देता हूं। मैं बड़ा विद्वान हूं, मुझे सब आता है, सब मैं सीख चुका हूं, ऐसा भ्रम लेकर के न मैं पैदा हुआ हूं न काम करता हूं। मैं हमेशा अपने आप को विद्यार्थी मानता हूं, हर किसी से सीखने का प्रयास करता हूं। आप भी अपने भीतर के विद्यार्थी को जिंदा रखना, कुछ ना कुछ नया सीखने की कोशिश करते रहना। वो जीवन के नए-नए द्वार खोल देगा।

साथियों,

फिर एक बार बैसाखी का पावन पर्व हो, जीवन का नया आरंभ हो, इससे बढ़कर के क्या अवसर हो सकता है। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए पुन: बहुत-बहुत शुभकामनाएं। एक बार फिर आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।