ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ 'ರಿಪೋರ್ಟ್ ಕಾರ್ಡ್' ಹಗರಣಗಳ 'ರಿಪೋರ್ಟ್ ಕಾರ್ಡ್': ಸುರೇಂದ್ರನಗರದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

भारत माता की जय,

सबसे पहले सुरेंद्रनगर में चुनावी मीटिंग होना और इतनी बड़ी संख्या में माताओं-बहनों का आना बहुत बड़ी घटना है। और इन सभी माताओं-बहनों ने खड़े होकर मुझे आशीर्वाद दिया। मैं सिर झुकाकर सभी माताओं-बहनों को नमन करता हूं।

हमारा सुरेंद्रनगर मजेदार है..सब कुछ बढ़िया दिख रहा है...सब बढ़िया है। आपने तो मुझे दिल्ली भेज दिया, एक समय पर जनरल करिअप्पा...दुनिया का बड़ा नाम, भारत के सेनाध्यक्ष थे। हर पल हुए लोग उन्हें सन्मान से सलाम करते थे, उनका सम्मान करते थे, लेकिन एक बार उन्होंने कर्नाटक में अपने गांव में बुलाकर उनका सम्मान किया। उस वक्त उन्होंने कहा, दुनिया में चाहे कितना भी सन्मान मिल जाये... सब कुछ , लेकिन जब हम हमारे घर पर जाते हैं और वहाँ जो सन्मान मिलता है उसमे अलग ही ऊर्जा होती है। यह ऐसा अनुभव में कर रहा हूँ, कल से में गुजरात में आया हुआ हूँ और जिस तरीके से गुजरात मुझ पर प्यार दिखा रहा है, अद्भुत है ।

भाईओ और बहनो,

मैं गुजरात के प्रति अपने ऋण को कभी नहीं भूल सकता और मेरी राजकीय कारकिर्दी, चाहे वह कुछ भी हो, सौराष्ट्र से शुरू हुई थी। सौराष्ट्र ने मुझे पहली बार विधायक बनाया, इस गुजरात ने मुझे प्रशिक्षित बनाया है । क्या में कुछ जूठी बात बोल रहा हूँ? क्या आपने अपना सीना 56 का बनाया है या नहीं? लेकिन ये मोदी की वजह से नहीं.. ये आपके आशीर्वाद की वजह से है, यह आपके प्यार के कारण है ।

भाईओ और बहनो,

हम छोटा नहीं सोचते, हम छोटा नहीं करते। अगर एक मूर्ति बनती है तो वह दुनिया में सबसे बड़ी , अगर एक स्टेडियम बनता है तो वह दुनिया में सबसे बड़ा । इसलिए कुछ भी छोटा मत करो और अब हम 25 साल का लक्ष्य लेकर निकले हैं। विकसित भारत, जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे तो हिंदुस्तान दुनिया का एक विकसित देश होगा। भारत दुनिया में विकसित देश है इसका मतलब है कि हमारे गुजरात को पांच साल पहले विकसित करना होगा भाई। भूपेन्द्र भाई के नेतृत्व में हमें गुजरात का तेज गति से विकास करना है.. विकसित भारत के लिए। और उसके लिए दिल्ली हो या गांधीनगर, हमें मिलकर 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करना है। इसके लिए आपको मोदी को हमेशा के लिए मजबूत करना होगा...

बेटी फोटो लेकर आई है.

बैठ जाओ, थक जाओगे, मैंने देखा।

हां बहुत खूब। बैठ के सुनो बेटा, ये हमारे घर की बात है ।

बीटा देखो, मैंने फोटो देखा

धन्यवाद, शाबाश, बेटा ।

विकसित भारत बनाने के लिए, विकसित गुजरात बनाने के लिए और आपके घर का बेटा दिल्ली में बैठा हो। क्या इसे मजबूत करना घर की जिम्मेदारी है या नहीं? क्या आप मेरे परिवार हैं? अब 26 को 26 दे दी ये सही है, आपने 2014 में भी दिया और 2019 में भी दिया, लेकिन इस बार मुझे कुछ ज्यादा चाहिए।

क्या आप यह देंगे..?

अपना हाथ उठाओ और बताओ..?

लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी...

7 तारीख तक पैर को शांत कर न बैठें। मुझे आपसे दो चीजें चाहिए. क्या आप यह देंगे..?

मैंने अभी तक यह नहीं कहा और आपने हाँ कह दिया। तुम्हें मुझ पर बहुत भरोसा है ।

आपके गांव में, आपके बूथ पर जितने वोटिंग के रिकॉर्ड हैं। वो सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए और उससे भी ज्यादा मतदान होना चाहिए, क्या आप यह करोगे..?

लेकिन मैं तुम्हें एक रास्ता दिखाता हूँ. इसे कैसे करना है? सुबह 10 बजे से पहले प्रत्येक बूथ पर 25-25 लोग या 30-30 मतदाता थाली बजाते हुए, गीत गाते हुए, प्रभातियां गाते हुए मतदान केंद्र पर जाते हैं। पूरे बूथ पर लोकतंत्र का पर्व मनाया जाएगा और सुबह 10 बजे तक ऐसे 30 जुलूस निकलेंगे, कम से कम 30 जुलूस, हर एक में 30 वोटर और हम जाकर वोट करेंगे तो देखिएगा.. आपके वोटिंग का रिकॉर्ड टूट जाएगा ।

दूसरी बात,

इस बार सारे पोलिंग बूथ जीतना है भाई... एक भी पोलिंग बूथ नहीं खोना है, किसी भी मतदान केंद्र पर भाजपा का झंडा नहीं झुक जाना चाहिए। मंज़ूर ...? क्या आप सब..? 100 प्रतिशत ..?

वैसे तो गुजरात पर मुझे भरोसा है.. पीछे नहीं हटेगा गुजरात ।

साथियो,

जब मैं गुजरात में था, आपकी सेवा में लगा हुआ था। फिर हमेशा आपके पास आता रहता था.. मैं गुजरात में क्या कर रहा हूं.. सरकार क्या कर रही है.. कैसा कर रही है.. वो हमेशा अपना रिपोर्ट कार्ड देता था । ये आदत अभी भी गई नहीं है. आज आपका बेटा...गुजरात का बेटा, आपके सामने अपना 10 साल का रिपोर्ट कार्ड देने आया है। स्कूल में चाहे कितने भी मार्क्स न आ रहे हों... 100 में से 99 मार्क्स लेकिन बच्चा तब तक खुश नहीं होता जब तक वह घर आकर अपने माता-पिता को अपना रिपोर्ट कार्ड न दिखा दे। तो मैं भी एक बच्चे के रूप में अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर उस गुजरात की जनता के सामने आशीर्वाद लेने आया हूं जिसने मुझे जन्म दिया, जिसने मुझे जीवन दिया। मैं आपको बधाई देने आया हूं ।

आपको याद है 10 साल पहले हमारा देश करोड़ों के घोटाले से शर्मसार हुआ था । ऐसा कोई दिन नहीं था जब घोटालों की ख़बरें सुर्ख़ियों में न आती हों। कभी दूसरा घोटाला.. अब 5G का जमाना है, सुना है कोई घोटाला..2G घोटाला, कभी कोयला घोटाला... कभी रक्षा घोटाला, कभी सीएजी घोटाला, कभी राष्ट्रमंडल घोटाला, कभी हेलीकॉप्टर घोटाला, कभी पनडुब्बी घोटाला... जैसे कांग्रेस ने जल, नभ और जमीन यानी समुद्र से आकाश तक हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया है। ऐसी विकट परिस्थिति में आपने मुझे दिल्ली भेजा...

आप मुझे बताएं..

आपको अपने बेटे पर गर्व है या नहीं?

क्या आपने 10 साल में किसी घोटाले के बारे में सुना है..?

यदि आप उत्तर देंगे तो मुझे पता चल जाएगा कि... मेरा परिवार

किसी घोटाले के बारे में सुना..?

क्या मोदी के नाम के साथ कोई घोटाला जुड़ा है..?

यह आपके बेटे का रिपोर्ट कार्ड बोल रहा है

तुम्हें गर्व है या नहीं?

मुझे पूरी ताकत के साथ आशीर्वाद चाहिए..

तुम्हें गर्व है या नहीं..?

साथियो,

10 साल पहले देश की सरकार से गरीबों का भरोसा उठ गया था। कांग्रेस सरकार अपने आप को जनता की माई-बाप मानती थी। उनके भरोसे जी रहे हैं और गरीबों को प्यासा-प्यासा रखकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। गरीबों को लगा कि ये सरकार हमारे लिए नहीं है । आज देखिए.. आज गरीब आदमी आगे आकर इस बेटे पर प्यार बरसा रहा है। जब वह 80-90 साल का होता है, जब उसके पास पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं होते, तो वह मां कहती है, मेरा बेटा दिल्ली में बैठा है। मेरे भोजन के लिए अनाज भेजता है। तो ये बेटा संतुष्ट होता है या नहीं... जब गरीब का पेट भरता है तो आपको अपने इस बेटे पर गर्व होता है कि नहीं होता..?

साथियो,

आज सरकार को उनकी चिंता है.. माताएं-बहनें-बेटियां आशीर्वाद देते नहीं थकतीं। आपको अपने बेटे के काम पर हमेशा गर्व रहेगा।

साथियो,

10 साल पहले पूरी दुनिया भारत को बोझ मानती थी और कहती थी, भारत खुद भी डूबेगा और हमें भी डुबोयेगा। कोई कहता था, ये बदहाल देश है, ये कमज़ोर देश है और पड़ोसी दिन में बम फोड़ते थे । निर्दोषों को मारा गया, दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भारत आने का नाम नहीं लेतीं। और आज क्या स्थिति है..?


आज दुनिया में भारत का डंका बजता है कि नहीं..?

मैं आपसे बात करना चाहता हूं भाई, मुझे पता है...मैं हिंदी बोलता हूं, मुझे गुजराती बोलनी चाहिए लेकिन टीवी वाले चाहते हैं कि आप हमारी रोजी रोटी का भी सम्मान करें।

बताओ दोस्तों...

आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है या नहीं..?

अमेरिका में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

यूरोप में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

ऑस्ट्रेलिया में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

जापान में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

किसकी वजह से..?

ये मोदी की वजह से नहीं है..

ये आपके एक वोट की वजह से है, ये आपके वोट की ताकत है, आज दिल्ली में मोदी बैठे हैं और हिंदुस्तान की आवाज दुनिया सुन रही है।

आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के बीच भारत आने की होड़ मची हुई है। भारत अब आत्मनिर्भर बन रहा है. आतंकवादी भेजने वाले भी जानते हैं.. अब भारत घर में घुसकर हमला करता है, मुझे विश्वास है, हर गुजराती को गर्व होगा।

साथियो,

10 साल पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। दुनिया भी यही सोच रही थी कि भारत की गाड़ी वैसे ही चल रही है, यह देश इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकता, संभव है कि भारत की हालत और खराब हो जाए । 10 साल पहले आपने अपने बेटे को दिल्ली में बिठाया और 10 साल के भीतर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
पूरी दुनिया हैरान थी.. कोरोना काल में जब इतने बड़े देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई तो भारत ही ऐसा देश था जो मजबूती से खड़ा रहा। आपको ये बात सुनकर गर्व होगा कि देश ने एक गुजराती बेटे, चायवाले को बिठाकर अच्छा काम किया है।

साथियो,

हार की हताशा में कांग्रेस ने देश और समाज को बांटने का काम तेज कर दिया है,अयोध्या में 500 वर्षों के बाद, हमारे पूर्वजों की आत्माएं जहां भी होंगी, हमें आशीर्वाद दे रही होंगी। कृपया मुझे बताएं कि क्या राम मंदिर का काम आजादी के दूसरे दिन ही हो जाना चाहिए था।

इस कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए लटकाया, काम में बाधा डाली, इसके खिलाफ खेल खेले। अयोध्या में 500 साल बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ, क्या आपको अपने बेटे पर भरोसा है..?


जो कहा है, वो किया है..?

500 साल का इंतजार खत्म हुआ ।

साथियो,

आश्चर्य की बात है कि राम मंदिर के ट्रस्टियों ने कांग्रेस के लोगों के घर जाकर निमंत्रण भेजा और कहा कि आप भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हों। आइए आपकी सभी पुरानी गलतियाँ माफ करें.. आप आइए लेकिन कांग्रेस और उसके अनुयायियों ने इस निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया ।

भाइओ और बहनो,

मुझे समझ नहीं आता कि राम मंदिर के निमंत्रण को नजरअंदाज करना कितना उचित है,अब कांग्रेस ने हिंदुओं की आस्था पर भी घात करने का कुचक्र शुरू कर दिया है । कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गेजी ने एक गंभीर विषय उठाया है और भगवान राम और भगवान शिव के बारे में एक लापरवाह बयान दिया है। यह दुर्भावना से दिया गया बयान है,हिंदू समाज को बांटने का खेल खेल रहे हैं। वे राम भक्तों और शिव भक्तों में भेद देखते हैं, भेद कर रहे हैं और भेदभाव से लड़ना चाहते हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी महान परंपरा... चाहे राम हों, कृष्ण हों, शिव हों। अफ़सोस, इस परंपरा को मुगल भी नहीं तोड़ सके.. मल्लिकार्जुनजी और कांग्रेस अब इसे तोड़ना चाहते हैं। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस कितना नीचे गिरेगी। कांग्रेस के लोगों को सुनना चाहिए कि जो राम को मारने निकले थे उनका क्या हुआ । उनके एक शहजादे ने एक महीने पहले कहा था, मैं इस देश से शक्ति को नष्ट कर दूंगा, मेरी माताएं और बहनें शक्तिस्वरूपा विराजमान हैं। हम शक्ति के उपासक हैं, कोई अम्बा की पूजा करता है तो कोई चामुंडेश्वरी की। कभी वे दुर्गा की पूजा , कभी काली, कभी लक्ष्मी और कभी सरस्वती के रूप में करते हैं। जब शहजादा ने कहा वो शक्ति को नष्ट कर देगा ।

क्या शक्ति की पूजा करने वाले लोग शक्ति को नष्ट करने वालों को कभी स्वीकार कर सकते हैं..? जो लोग शिव और राम के भक्तों को लड़ाने की बात कर रहे हैं क्या उन्हें स्वीकार किया जा सकता है..? हम वो लोग हैं जिन्होंने भगवान शिव की पूजा की और अपना सिर काट दिया। ये लोग क्या कर रहे हैं? कांग्रेस हमेशा जूठा प्रचार करने वाली पार्टी रही है। जब देश को आजादी मिलनी थी तो उन्होंने देश का बंटवारा कर दिया । देश का विकास करना था लेकिन जो था उसे भी लूट लिया गया। गरीबों का पैसा गरीबों में बंटना था लेकिन कांग्रेस के खजाने में पहुंच गया। अब एससी-एसटी-ओबीसी को दिया गया आरक्षण, बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिया गया आरक्षण, भारत के संविधान में दिया गया आरक्षण एससी-एसटी-ओबीसी से छीनकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को देना चाहते हैं। कांग्रेस पिछले तीन दशकों से लगातार इस तरह का प्रयास कर रही है, कर्नाटक में कांग्रेस ने रातों-रात फतवा जारी कर दिया, एक अखबार थमा दिया और कहा कि कर्नाटक में सभी मुस्लिम ओबीसी हैं । ओबीसी कोटे के आरक्षण का बड़ा सौदा किया, ओबीसी आरक्षण को लूटकर दूसरों को बांट दिया।

साथियो,

जब से मैंने एससी-एसटी-ओबीसी के खिलाफ कांग्रेस की सच्चाई देश के सामने रखी है, कांग्रेस अपना संतुलन खो बैठी है, बौखला गयी है. कांग्रेस झूठ पर झूठ बोल रही है. इसलिए मैं कांग्रेस को तीन चुनौतियां भी दे रहा हूं।

मैं तीन चुनौतियां दे रहा हूं, मे कांग्रेस के सामने तीन चुनौतियां दे रहा हूँ और अगर शहजादा में साहस है, कांग्रेस में साहस है, उनके अनुयायियों में साहस है, तो चाय किसान का बेटा लड़ने के लिए तैयार है।

मेरी पहली चुनौती..कांग्रेस को लिखित गारंटी देनी चाहिए कि वह भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगी, वह भारत के संविधान को नहीं बदलेगी।

कांग्रेस को लिखित गारंटी देनी चाहिए कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिया गया आरक्षण धर्म के आधार पर दलितों-आदिवासियों और बख्शी पंचों को लूटकर मुसलमानों को नहीं दिया जाएगा।


मेरी तीसरी चुनौती है...कांग्रेस लिखित गारंटी दे कि जो आरक्षण दलितों, आदिवासियों, बक्शीपंच समाज ओबीसी को मिला है, जो आरक्षण सामान्य समाज के गरीबों को मिला है, उसे कभी छीनने की कोशिश नहीं करेगी। और मेरा चैलेंज है कि वहां लिख दीजिए.. जो उनके राज्य हैं, जिन राज्यों में जहां उनकी सरकारें हैं, वहां उनके चेले बैठे हैं,वे लोग भी ओबीसी कोटा कम करके मुसलमानों को बाहर नहीं करेंगे, धर्म के आधार पर नहीं बांटेंगे और दलितों-आदिवासियों के आरक्षण में हेराफेरी नहीं करेंगे

कांग्रेस के शहजादों और उनके सभी साथियों के लिए ये मेरी तीन चुनौतियाँ हैं। मैं कई दिनों से बोल रहा हूं. मेरी चुनौतियों के बाद कांग्रेस को सांप सूंघ गया है. मैंने पहली बार 23 अप्रैल को कांग्रेस को चुनौती दी। आज 9 दिन है. कांग्रेस के माथे पर ताला लग गया है. वे मामले को बदलने के लिए मंच पर संविधान के साथ डांस कर रहे हैं। अब अगर संविधान आपको नहीं बचाता तो चप्पू संविधान की पीठ पर है. मतलब साफ है कि कांग्रेस के जनादेश में कमी है।

भाइयो-बहनो,

मेरी भावना क्या है, संविधान के प्रति मेरा समर्थन है। सुरेंद्रनगर तो आपको जरूर याद होगा. जब हमारा संविधान 60 साल पुराना था, तब गुजरात देश का एक राज्य था। जो डॉ. बाबा साहब अंबेडकर और संविधान के सम्मान में यहां सुरेंद्रनगर में हाथी पर संविधान रखकर एक अच्छी यात्रा की गई, संविधान को हाथी पर रखकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पैदल चल रहे थे और संविधान हाथी के हाथी पर था, ये हमारे लिए संविधान का सम्मान है ।

कांग्रेस का घोषणापत्र हर बिंदु पर तुष्टीकरण, तुष्टिकरण और तुष्टिकरण पर आधारित है। ये घोषणा पत्र इसका सबसे बड़ा दस्तावेज है. आप हैरान हो जाएंगे। एक बात जो मैं आज पहली बार सुरेंद्रनगर में कह रहा हूं वह चौंकाने वाली होगी। उन्होंने क्या किया है, अपने घोषणापत्र में.. उन्होंने जो लिखित में कहा है, उसे सुनकर मेरे पत्रकार मित्र भी चौंक जायेंगे। उन्होंने लिखित में कहा है, अब सरकारी टेंडर होगा तो अल्पसंख्यकों के लिए, मुसलमानों के लिए कोटा तय किया जाएगा. अब क्या..?

क्या सरकारी टेंडरों में धर्म के आधार पर आरक्षण लाया जायेगा क्या..?

जब से देश आज़ाद हुआ है तब से सरकारी टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है, जो अच्छी बोली लगाती है, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छी गुणवत्ता का होता है, अच्छी गुणवत्ता का आश्वासन देती है। सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद जिसके पास इस काम को करने की विशेषज्ञता, क्षमता, संसाधन है उसे टेंडर मिलता है। जाति और धर्म के आधार पर टेंडर नहीं दिए जाते। अपने वोट बैंक के लिए पक्षपात करते हुए कांग्रेस अब कह रही है, प्रक्रिया के तहत टेंडर नहीं दिए जाएंगे, अब धर्म के आधार पर टेंडर बांटे जाएंगे।

साथियो,

बीजेपी कह रही है हम आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे. अगर कांग्रेस आगे बढ़ी तो उसके टेंडर भी धर्म के आधार पर दिए जाएंगे. क्या ये जो हाईवे और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं वो धर्म के आधार पर बनेंगे? हम देश की सेना के लिए मेड इन इंडिया हथियार बना रहे हैं। क्या अब हम किसी धार्मिक व्यक्ति से धर्म के आधार पर कहें कि आप हमारी सेना के लिए बम बनाएं या सही व्यक्ति को बताएं । हम योग्यता के आधार पर देंगे, किसी धर्म के आधार पर नहीं, जाति के आधार पर नहीं। कांग्रेस का जुनून देखिए, सत्ता पाने के लिए उन्होंने देश को बर्बाद करने की ठान ली है। देश को हर क्षेत्र में बांटने की मुस्लिम लीग की यह योजना देश को मंजूर नहीं है. कांग्रेस को लिखकर रखना चाहिए... जब तक मोदी जिंदा है, आप देश का बंटवारा नहीं कर सकते. हमारे यहां काठियावाड़ में एक कहावत है, खिलाड़ी और घुड़सवार।

भाईओ और बहनो,

आप संविधान के प्रति मेरी प्रतिबद्धता जानते हैं। जैसा कि मैंने यहां बताया, 60 साल गुजरात में बिताए। अब दिल्ली में देखिए... अब 75 साल हो गए हैं सर, मैं संविधान की 75वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाने जा रहा हूं। संविधान से छेड़छाड़ करने वाले गिरोहों को बेनकाब करना है. गांव-गांव, स्कूल-स्कूल, मोहल्ले-मोहल्ले घूमते-घूमते 4 जून को जो रिजल्ट आया, उससे पता नहीं चला कि मैं पीछे नहीं हूं। मैं संविधान की मर्यादाओं, संविधान के प्रति सम्मान, संविधान के प्रति देश के अंदर जागरूकता के लिए एक बड़ा अभियान चलाऊंगा। इन लोगों के दिमाग को उनकी जगह पर लाना होगा ।

भाईओ और बहनो,

आज देश जिस तरह से प्रगति कर रहा है. मैं पहली बार पानी पी रहा हूँ। जब मैं प्रधानमंत्री बना तो वे मुश्किल से आठ-दस साल के थे। उस समय देश की स्थिति क्या थी, उन्हें उस समय के बारे में कुछ भी पता नहीं होगा। मुझे अपने पहली बार के मतदाताओं से कहना है, आप गूगल गुरु वाले छात्र हैं। आप सभी गूगल गुरु के शिष्य हैं । बस Google पर जाएं और 2012, 2013, 2014 के प्रिंट देखें। याद कीजिए वो दिन, अब हम देश को वहां नहीं ले जाना चाहते. मेरे पहली बार के मतदाताओं, आपका पहला वोट देश के नाम जाना चाहिए। यह देश के भविष्य के लिए होना चाहिए।

भाईओ और बहनो,

राजकोट हो, भावनगर हो, हम बड़ी मात्रा में औद्योगिक क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं। भूपेन्द्र भाई ने कहा कि सेमीकंडक्टर दुनिया के चार-पांच देशों में ही हैं। वह बड़ा काम आपके पड़ोस में आने वाला है। अब जमाना इलेक्ट्रिक वाहनों का है, आप जानते हैं कि मोदी साहब ने क्या सोचा है,हमारे नरेंद्रभाई, पीएम सूर्यघर मेरी योजना है,आपके घर का बिजली बिल जीरो यानी मुफ़्त । सूर्यघर योजना में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। आप न सिर्फ बिजली पैदा करेंगे बल्कि अतिरिक्त बिजली सरकार खुद खरीदेगी, तो आप अपने घर का बिजली बिल भरने के बजाय बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं। ये तो आपके नरेंद्र भाई को देना है। इतना ही नहीं, आज आप जो कार चलाते हैं, उसमें पेट्रोल-डीजल खर्च करते हैं। सर, मुझे वो भी जीरो करना है ।

ये है कि आपके नरेंद्र भाई की पांचों उंगलियां घी में हैं या नहीं और इसलिए मैं सभी पोलिंग बूथ जीतना चाहता हूं। इस चुनाव में हमारे उम्मीदवार, सुरेंद्रनगर से हमारे भाई श्री चंदूभाई शिहोरा, हमारे नियुक्त कार्यकर्ता। पिछली बार जब मैंने हमारे डॉक्टर का चुनाव लड़ा था, तो वह राजनीति की जान नहीं थे, उन्हें छीन लिया गया था। पहले तो मैंने असेंबली में चप्पल घिसी, लेकिन ये डॉक्टर साहब तैयार नहीं हैं । अब चंदूभाई हमारे उम्मीदवार हैं, आप भावनगर में हमारी निमुबेन बांभणिया को भारी बहुमत से जिताएं। सभी बूथों पर जीत हासिल करें. हमारे भारतीय लोमड़ियों के काम ने एक मजबूत नींव रखी है। अब भावनगर में हमारा निमुबेन इसे आगे बढ़ाएगा। हम सबको बूथ जीतना है और जीतकर दिखाना है...

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।