ಯುವಕರ ಗಳಿಕೆಯ ಮೇಲೆ ಭಾರೀ ತೆರಿಗೆ ವಿಧಿಸಲು ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಬಯಸಿದೆ: ಮುಂಗಾರಿನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಎನ್‌ಡಿಎಯ ‘ಸಂತುಷ್ಟಿಕರಣ ಮಾದರಿ’ ಮತ್ತು ಇಂಡಿ ಮೈತ್ರಿಕೂಟದ ‘ತುಷ್ಟಿಕರಣ ಮಾದರಿ’ ನಡುವೆ ಹೋರಾಟ: ಮುಂಗಾರಿನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ

भारत माता की, भारत माता की।

चंडिका माई के ई पवित्र धरती के गोड़ लागै छीये,
अंग राज कर्ण के ई भूमि के प्रणाम करै छीये.

मुंगेर की ये धरती स्वाभिमान की धरती है, विरासत की धरती है। इस क्षेत्र ने भारत की समृद्धि का वो दौर देखा है, जिसकी कई बार कल्पना तक मुश्किल हो जाती है। आज NDA सरकार, भारत की वही समृद्धि लौटाने का प्रयास कर रही है। और इस समय दुनिया भी जानती है कि ये समय भारत का है। दुनिया को भी लगता है कि जितनी मज़बूत सरकार भारत के लोग बनाएंगे, उतनी ही मज़बूती दुनिया को भी मिलेगी। 10 साल में भारत की जो ये साख बढ़ी है, आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। आज दुनिया के हर देश में भारतीय का गौरव हो रहा है कि नहीं हो रहा है। आज भारत का सम्मान बढ़ रहा है कि नहीं बढ़ रहा है। ये किसके कारण हुआ है? ये आपका जवाब गलत है। ये मोदी के कारण नहीं हुआ है, ये आपके एक वोट के कारण हुआ है। ये आपके वोट की ताकत है जिसने दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बजा दिया है। आपने अपने वोट से पहली बार NDA की मजबूत सरकार बनाई, मोदी को आशीर्वाद दिया। आज जो दिख रहा है न वो आपके उस वोट का का ये परिणाम है। आज भी इतनी विशाल संख्या में आप यहां आए हैं। उससे ज्यादा बाहर धूप में दिख रहे हैं मुझे। ये इस बात का प्रमाण है कि मुंगेर, बेगुसराय और खगड़िया भी एक स्वर से कह रहा है- फिर एक बार—मोदी सरकार !

भाइयों और बहनों,

लालटेन वाले उस अंधकार युग में जो जंगलराज चलता था, उसको मुंगेर ने सबसे अधिक सहा है। पहले हर कोई यहां से पलायन के बारे में ही सोचता था। लेकिन नीतीश जी जेडीयू-बीजेपी के नेतृत्व में NDA सरकार ने लालटेन के उस अंधेरे से बिहार को बाहर निकाला है। बड़ी मेहनत करके बिहार को बाहर निकाला है। अब जब भारत तेज़ी से विकसित हो रहा है, तो बिहार के तेज़ विकास का भी ये सही समय है। साथियों,आज हम देश में वंदे भारत, अमृत भारत और बुलेट ट्रेन जैसी नई ट्रेनें चला रहे हैं। ये सिर्फ आधुनिक सुविधाएं भर नहीं हैं। आज हम पटरी से लेकर, ट्रेन के इंजन और डिब्बे तक भारत में ही बना रहे हैं, इतना ही नहीं, दुनिया के और देशों को यानि विदेशों को भी बेच रहे हैं। इससे आने वाले समय में बिहार के रेल कारखानों को भी बहुत लाभ होने वाला है। हम भारत को दलहन और तिलहन में भी आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेकर चले हैं। इसके लिए आने वाले 5 साल में मिशन मोड पर काम होगा। ऐसे में दलहन के कटोरे के रूप में इस क्षेत्र के किसानों की भूमिका और बड़ी होने जा रही है।

साथियों,

आज बिहार में, इस चुनावी जंग में जो लड़ाई चल रही है एक तरफ NDA के संतुष्टिकरण मॉडल और इंडी गठबंधन के तुष्टिकरण मॉडल के बीच है। हमारा मॉडल है संतुष्टिकरण कोई छूट न जाए, जिसके हक का है वो मिलना चाहिए। हमने माताओं-बहनों को टॉयलेट, गैस, बिजली, पानी की सुविधा दी। हमने मुफ्त राशन और मुफ्त इलाज की गारंटी दी। कभी किसी से नहीं पूछा कि तुम्हारा धर्म क्या है। तुम मंदिर जाते हो कि मस्जिद जाते हो। तुम्हारी जाति क्या है। हमने तो कहा जो हकदार है उनको सबको मिलेगा। यही सच्चा सेकुलरिज्म है, यही सच्चा सामाजिक न्याय है। हमने गरीबों के पक्के घर बनाए, वो भी माताओं-बहनों के नाम किए। लेकिन इंडी-गठबंधन अपनी पूरी ताकत सिर्फ तुष्टिकरण पर लगा रहा है। कांग्रेस के शहज़ादे का कहना है कि वो देशभर में हर परिवार की कमाई का, प्रॉपर्टी का सर्वे करेंगे। परिवार के पास क्या होता है?...कुछ छोटी-मोटी बचत होती है, छोटी-मोटी गुमटी-दुकान-मकान होता है। हमारी बहनों के पास कुछ जेवर-गहने होते हैं, स्त्रीधन तो हमारे यहां बहुत पवित्र होते हैं। मंगलसूत्र होता है। भ्रष्टाचार करके लोगों को तबाह करने वाली कांग्रेस की गलत नज़र अब आपकी इस संपत्ति पर भी पड़ गई है।

साथियों,

कांग्रेस कहती है कि वो किसानों के घर और ज़मीन के सर्वे कराएगी और आप पर विरासत टैक्स लगाएगी। हर परिवार का एक्सरे निकालेंगे। यानि आप अपनी पूरी संपत्ति, आज तो आपके पास जो भी है, मरते समय अपने बच्चों को दे देते हैं। कोई लिखकरके जाता है या मरने के बाद उनके बच्चों को मिल जाता है। लेकिन अब कांग्रेस ऐसा घोषणापत्र लेकर आई है। कांग्रेस ने ऐसी घोषणा की है कि अब आप अपना घर, खेत-खलिहान, दुकान जो आपकी मेहनत से बना है, जिसके मालिक आप हैं। अब आप अपने बच्चों को नहीं दे। कांग्रेस का कहना है, शहजादे के गुरु का कहना है कि उसमें से आधे से अधिक कांग्रेस सत्ता में आई तो उसे हड़प लेंगे। यानि आपके पास गांव में 4 कमरों का घर है, तो आपके बाद आपकी संतान को सिर्फ 2 कमरे मिलेंगे। मान लीजिए किसी किसान के पास 10 बीघा ज़मीन है। कांग्रेस की सरकार बनी, तो 5 बीघा ही उसकी संतानों को मिलेगा। ऐसा भयानक विचार लेकरके ये इंडी गठबंधन वाले आए हैं। और इधर आरजेडी वाले इतनी चर्चा चल रही है, लेकिन मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं। क्यों वो भी मौन रखकर ये संपत्ति का भागीदारी का मजा लेना चाहते हैं। विरासत टैक्स के रूप में कांग्रेस अपनी जो खासमखास वोट-बैंक को देगी। आरजेडी की अपनी खासमखास वोटबैंक होगी ये आपका लूटकर उनको देगी। और इसीलिए आज पूरा देश चिंतित है, हर नौजवान चिंतित है, हर बुजुर्ग मां-बाप चिंतित है। इसलिए आज पूरा देश कह रहा है - कांग्रेस की लूट: ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी। मरने के बाद भी लूटेंगे। कांग्रेस की इस योजना में आरजेडी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। साथियों,युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नए अवसर देना, रोजगार के मौके देना NDA की प्राथमिकता है। NDA सरकार मुद्रा योजना, स्टार्ट अप योजना से, नौजवानों को लाखों रुपए की मदद दे रही है। मकसद यही है कि देश के युवा अपने स्टार्ट अप शुरू करें, अपनी कंपनियां खोलें, अपने इच्छा अनुसार काम शुरू करें। लेकिन कांग्रेस, नौजवानों की सैलरी, उनकी कमाई पर, छोटे उदयोगों की कमाई पर भी भारी टैक्स लगाना चाहती है।

भाइयों और बहनों,

इंडी गठबंधन की दूसरी योजना तो और भी खतरनाक है। ये भारत के संविधान की भावना के विरुद्ध, हमारे पूर्वजों ने महीनों तक चर्चा करके जो हमारा देश का संविधान बनाया, जिस संविधान को बाबा अंबेडकर ने लिखा उस संविधान की भावना खिलाफ, बाबा साहब अंबेडकर की योजना और विचार के खिलाफ अब वे धर्म के आधार पर आरक्षण लाना चाहते हैं। कांग्रेस ने कर्नाटक में उन्होंने एक मॉडल बनाया है। मेरे ओबीसी समाज के जो भाई यहां हैं, ये जरा समझ लें, कितना बड़ा भयंकर संकट इनका खेल है। कर्नाटक में उन्होंने एक मॉडल बनाया है। जो अब संविधान का उनका, बेईमानी के साथ धर्म के आधार पर आरक्षण लाने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया, तो अब वो पिछले दरवाजे से खेल खेल रहे हैं। और इसलिए उन्हेंने क्या किया, कर्नाटका में जो ओबीसी को 27 परसेंट आरक्षण संविधान ने दिया है, बाबा साहब अंबेडकर ने दिया है, भारत की संसद ने दिया है। उन्होंने क्या किया रातोंरात कर्नाटका में जितने भी मुसलमान समाज के लोग हैं, जरूरी नहीं है वो अगड़ा हो पिछड़ा हो, कुछ भी नहीं, सब के सब, रातोंरात एक कागज निकाला, ठप्पा मार दिया और कह दिया कि सारे के सारे मुसलमान ओबीसी है। और उसका परिणाम ये आया कि ओबीसी समाज का जो 27 परसेंट का आरक्षण था, उसका बहुत हिस्सा उन्होंने ध्रर्म के नाम पर दे दिया। ओबीसी समाज का आरक्षण उन्होंने काट दिया। अब वो यही काम पूरे देश में करना चाहती है। बिहार में भी ये इनकी कर्नाटका का फार्मूला है, वो इंडी गठबंधन वाले यादव हो, मंडल हो, कुर्मी हो, कुशवाहा हो, निशाद हो ऐसी जितनी भी पिछड़ी जातियां है, उनको जो आरक्षण मिला है, अब उसमें से डाका डालेंगे, लूट लेंगे और धर्म के नाम पर बांट देंगे। अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। इसमें भी कांग्रेस को आरजेडी का पूरा-पूरा साथ मिल रहा है। ओबीसी का हक लूटने का एक खेल चल रहा है। और आरजेडी वाले तालियां बजा रहे हैं। लेकिन ये लोग कान खोलकर सुन लें। जबतक मोदी है, तबतक ये SC/ST/OBC का हक छीनकर धर्म के आधार पर नहीं बांट पाएंगे। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

वोटबैंक की राजनीति के कारण ही, कांग्रेस की सरकारों ने हमारी हज़ारों वर्षों की समृद्ध विरासत की सुध नहीं ली। आज जब मैं गर्व के साथ पूरी दुनिया में जाकर कहता हूं कि भारत लोकतंत्र की जननी है, तो ये RJD-कांग्रेस-लेफ्ट वाले, मेरे देश का मज़ाक उड़ाते हैं। ये मज़ाक सिर्फ मोदी का नहीं है, बल्कि बिहार के महान लोकतांत्रिक इतिहास का मज़ाक है। बीते 10 वर्षों में हमने अपनी विरासत, अपनी धरोहर को फिर विश्व पटल पर स्थापित किया है। गुलामी की मानसिकता से घिरे ये लोग, अब चाहकर भी इस नए भारत को बदल नहीं सकते। आप देखिए, दिल्ली में G-20 सम्मेलन के दौरान हमने हमारे देश की महान विरासत नालंदा विश्वविद्याल के गौरवमयी इतिहास को दुनिया के सामने रखा। आज दुनिया के जी20 के जितने बड़े नेता हैं, उनके घर में नालंदा के उस विश्वविद्यालय के साथ फोटो है। NDA, भारत को 21वीं सदी के वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए समर्पित है। मुंगेर में विश्व का सबसे बड़ा योग का विद्यालय है। पद्मश्री स्वामी निरंजनानंद सरस्वती जी के प्रयासों से पूरे विश्व से लोग यहां योग सीखने आते हैं। लेकिन गुलामी की मानसिकता से भरे दलों ने तो हमारे योग तक को विदेशियों के हवाले कर दिया था। आज पूरी दुनिया, जून के महीने में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। इससे मुंगेर को, बिहार को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है।

साथियों,

अब भाजपा ने योग और आयुर्वेद को वैश्विक बनाने के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। NDA सरकार, योग और आयुर्वेद के लिए विश्व स्तर पर मान्यता देने की, प्रमाण पत्र देने की, व्यवस्था स्थापित करेगी। NDA सरकार, दुनिया के लिए योग और आयुर्वेद के प्रमाणित पाठ्यक्रम बनाने के लिए इससे जुड़े संस्थानों को मदद देगी। इससे योग और आयुर्वेद सेक्टर में हमारे नौजवानों के लिए पूरी दुनिया में अवसर बनेंगे। साथियों, मोदी का एक और मिशन, भारत को हमारे छोटे किसानों के मोटे अनाज-श्री अन्न को दुनिया में घर-घर पहुंचाने का है। बिहार में हमारे किसान बड़ी मात्रा में श्री-अन्न उगाते हैं। ये देश के करोड़ों छोटे किसानों की कमाई को कई गुणा बढ़ाने वाला है।

भाइयों और बहनों,

यहां इस क्षेत्र में तो साक्षात माता सीता के निशान हैं। 500 साल बाद अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर बना है। पूरे देश को गर्व हो रहा है। सबको गर्व हुआ। प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में ये इंडी गठबंधन वालों को निमंत्रण दिया, उन्होंने उसे ठुकरा दिया। और दूसरी तरफ वो अंसारी परिवार को देखिए, जो दो-दो पीढ़ी से राम मंदिर के खिलाफ अदालत में मुकदमा लड़ते थे। मुसलमानों के लिए मुकदमा लड़ते थे। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया, तो उन्होंने गर्व के साथ उस निर्णय को माथे पर चढ़ाया, इतना ही नहीं, श्रीमान अंसारी खुद प्रभु श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में खुद आए। लेकिन कांग्रेस-RJD के लोगों ने निमंत्रण ठुकरा दिया। ऐसे अहंकारी लोग जो अपने आप को भगवान राम से भी बड़ा मानते हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने का ये मौका है।

भाइयों और बहनों,

आपको ये ध्यान रखना है कि इस बार आपका एक-एक वोट, भारत के विकास और विरासत को नई ऊंचाई देने के लिए पड़ने वाला है। इसलिए, मुंगेर से हमारे मित्र श्रीमान राजीव रंजन जी, बेगुसराय से गिरिराज सिंह जी और खगड़िया से राजेश वर्मा जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। कहीं 7 मई को मतदान है, तो कहीं 13 मई को, लेकिन हर बूथ पर मतदान के रिकॉर्ड जरूर टूटने चाहिए। टूटेंगे, घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। सुबह 10 बजे से पहले मतदान कराएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। ये मेरा काम है ललन सिंह का नहीं है, गिरिराज का नहीं है। देखिए घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि मोदी जी मुंगेर आए थे, और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। जब हर परिवार में आप मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे न तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा, वो आशीर्वाद मेरी ऊर्जा है, वो आशीर्वाद मेरी शक्ति है, वो आशीर्वाद मेरी प्रेरणा है। और उस आशीर्वाद को लेकर के पूरी ताकत के साथ आपकी सेवा में जुट जाऊंगा।

मेरे साथ बोलिए...भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।