ಇಂದು ಭಾರತ ತನ್ನ ಗಡಿಗೆ ಸವಾಲು ಹಾಕುವವರಿಗೆ ತಕ್ಕ ಪ್ರತ್ಯುತ್ತರ ನೀಡಲು ಹೆಸರುವಾಸಿಯಾಗಿದೆ: ಲಾತೂರ್ ರ್ಯಾಲಿಯಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಮೋದಿಯವರ ನಾಯಕತ್ವದಲ್ಲಿ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಸಹೋದರಿಯ ಮನೆಗೆ ನಲ್ಲಿ ನೀರನ್ನು ಒದಗಿಸುವುದು ಗ್ಯಾರಂಟಿ: ಲಾತೂರ್‌ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

भारत माता की.. भारत माता की.. छत्रपति शिवाजी महाराज की.. छत्रपति शिवाजी महाराज की। शैक्षणिक क्षेत्रात लातूरचे नाव गाजवणाऱ्या लातूरकरांना माझा नमस्कार। आई तुलजाभवानी और सिद्धेश्वर महादेव को भी मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

भाइयों और बहनों,

यह छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती है, छत्रपति शिवाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। उन्हें जब राजपाट मिल गया तो वह भी आराम कर सकते थे, लेकिन उन्होंने स्वराज के लिए निरंतर आगे बढ़ने का रास्ता चुना। उनको अपनी चिंता नहीं थी, उनको राष्ट्र की चिंता थी और इसलिए ये चुनाव जो है वो भी सिर्फ इस बात के लिए नहीं है कि हमारे सुधाकर जी को सांसद बनाना है। यह बड़े ध्येय का चुनाव है, यह बड़े लक्ष्यों का चुनाव है और इसलिए सुधाकर जी जैसे साथियों का संसद में पहुंचना और मुझे मजबूत करना और इसलिए मैं आपके पास आशीर्वाद मांगने आया हूं। अब आप मुझे बताइए जो लोग प्रधानमंत्री भी किस्तों में बनाना चाहते हैं, वो बड़े लक्ष्य हासिल कर सकते हैं क्या? कुछ अचीव कर सकते हैं क्या? आपको पता है ना उन्होंने तय किया है, हर वर्ष एक प्रधानमंत्री..दूसरे वर्ष दूसरा..तीसरे वर्ष तीसरा बताइए..

साथियों,

मैं जब एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं तो कांग्रेस के शहजादे को बुखार चढ़ जाता है। कहते हैं कि मोदी एक भारत की बात क्यों करता है? भारत को खंड-खंड में देखने वाले लोग प्रधानमंत्री पद को भी खंड-खंड में बांटना चाहते हैं। पांच साल में 5 पीएम का इनका प्लान यानी बारी-बारी देश को लूटने की योजना। मैं जरा लातूर के भाई-बहनों से पूछना चाहता हूं क्या ऐसे लोगों को रत्ती भर भी मौका दे सकते हैं क्या? दुनिया के इस चुनौतीपूर्ण समय में क्या हम देश को अस्थिरता में झोंक सकते हैं क्या?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस ने आपको लूटने का भी एक बहुत खतरनाक प्लान बनाया है। कांग्रेस कहती है वो पहले देशवासियों की कमाई का एक्सरे करेगी, फिर आपकी संपत्ति पर कब्जा करेगी और फिर उसे अपने वोट बैंक को बांट देगी। आप मुझे बताइए आप अपनी संपत्ति कांग्रेस को देना चाहेंगे क्या? उनकी सरकार कब्जा करना चाहे कब्जा करने देंगे क्या? ये आपकी गाढ़ी कमाई, मेहनत की कमाई उसको लूटने देंगे क्या?

साथियों,

कांग्रेस की नजर सिर्फ आपकी वर्तमान कमाई पर ही नहीं है लेकिन आप जो संपत्ति अपने बच्चों के लिए जोड़ रहे हैं उस पर भी कांग्रेस गिद्ध नजर लगा कर के बैठी हुई है। आपने सुना होगा उनके महाशय क्या कह रहे हैं? अब हमारे देश में तो हम लोग खुद मेहनत करते हैं भोग नहीं करते हैं, जरूरत से ही जिंदगी पूरी करते हैं और पाई-पाई बचाते रहते हैं हमारे स्वभाव में है। और हर मां-बाप की इच्छा रहती है कि कुछ न कुछ बचाएं ताकि मरने के बाद कुछ अपने संतानों को देकर के जाए। यह हर मां-बाप की इच्छा होती है कि नहीं होती है? गरीब से गरीब मां-बाप होगा तो भी बच्चों को कुछ देकर के जाना चाहता है कि नहीं जाना चाहता है, अब ये कहते हैं कि आपने जो कमाया है जो जमा किया है वो पूरा का पूरा आप अपने संतानों को नहीं दे सकते हैं अगर आपने 10 एकड़ भूमि है और बच्चों को मरने के बाद देना चाहते हो तो पांच एकड़ दे पाओगे पांच एकड़ ये कांग्रेस का मकसद है वो ले लेंगे। आपके पास दो घर है एक घर आप बेटे को नहीं दे पाएंगे एक ही दे पाएंगे और इसलिए वह इनहेरिटेंस टैक्स लगाने की बात करते हैं। जो मरने के बाद आपकी संपत्ति बच्चों को मिलने वाली है उसमें से आधे से ज्यादा 55 प्रतिशत वो मार लेंगे। क्या ऐसे कातिल पंजे, जो आपकी मेहनत की कमाई को लूटना चाहते हैं, ऐसे पंजे को कहीं पर भी जगह मिलनी चाहिए क्या? आज पूरा देश जानता है यह कांग्रेस पार्टी के शाही परिवार ने अपने बच्चों के लिए कौन सी विरासत छोड़ी, ढेर सारा पैसा देश के प्राइम लोकेशन की जमीने, पावर और प्रिविलेज और कांग्रेस पार्टी के शाही परिवार ने छह दशक में देश को कौनसी विरासत दी? देश को विरासत में वो गरीबी के सिवा कुछ नहीं दे पाए हैं अरे शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का आभाव।

साथियों,

आज आप किसी भी दिन अगर टीवी देखिए अखबार उठाइए ऐसी अनेक खबरें होती हैं, जो बताती है कि हमारा देश भारत कैसे तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। और अभी शिंदे जी कुछ वर्णन कर रहे हैं कोई ना कोई सेक्टर चाहे मार्केट हो, मैन्युफैक्चरिंग हो, स्पेस हो, डिफेंस हो, कोई ना कोई अच्छी खबर विकास की खबर हमारे भविष्य को मजबूती देने वाली खबर कोई न कोई नया रिकॉर्ड बनता हुआ हर दिन कहीं पढ़ने को मिलता है कहीं सुनने को मिलता है कहीं जानने को मिलता है। लेकिन 2014 के पहले का समय याद कीजिए वो कालखंड याद कीजिए और यह जो फर्स्ट टाइम वोटर हैं ना जो पहली बार मतदान करने वाले हैं उन मेरे नौजवानों को मैं खास कहना चाहता हूं। आप उस समय आठ या 10 साल के होंगे और इसलिए उस समय क्या हाल था वह शायद आपके स्मृति में नहीं होगा। आपके ध्यान में नहीं होगा और आप तो गूगल की दुनिया के लोग हो गूगल गुरु के शिष्य हो जरा 2014 के पहले गूगल पर जाकर उस समय के अखबार और टीवी देख लीजिए क्या मिलेगा, तब आपको पढ़ने को मिलेगा रेलवे स्टेशन पर बस स्टेशन पर अनाउंसमेंट होता था कहीं पर मेला लगा है तो अनाउंसमेंट होता था कहीं पर भीड़ जमा हो रही है तो अनाउंसमेंट होता था सावधान कोई लावारिस चीज दिखाई दे तो उसको हाथ मत लगाना कोई लावारिस बैग दिखती है तो पुलिस को जानकारी दो, कहीं लावारिस टिफिन बॉक्स दिखता है पुलिस को जानकारी दो, कहीं लावारिस कुकर दिखता है तो दूर रहो क्यों उसमें कहीं बम होंगे, हाथ लगाओगे तो बम फूटेगा। पूरे देश में चौबीसों घंटे हर महत्त्वपूर्ण जगह पर ये लावारिस चीजों की सूचना दी जाती थी। मैं सही कह रहा हूं नहीं कह रहा हूं? जो पुराने लोग हैं बताइए मैं सही कह रहा हूं कि नहीं कह रहा हूं? ये मोदी के आने के बाद कहां गई लावारिस चीजें भाई, देश तो वही है उस समय और मैं फर्स्ट टाइम वोटर को खास कहता हूं जरा देखिए उस समय अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी दिल्ली में बम ब्लास्ट, मुंबई में बम ब्लास्ट, भारतीय पुलिस आधुनिक आतंक से निपटने के लिए तैयार नहीं, आज भारत अपनी सीमाओं पर आंख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जाना जाता है। कांग्रेस के उस दौर में हेडलाइन होती थी भारत ने मुंबई आतंकी हमले पर पाकिस्तान को एक और डोजियर सौंपा, डोजियर सौपा यह बहुत बड़ी खबर होती थी हमारे कुछ ऐसे मीडिया में बैठे लोग थे वो भी ताली बजाते थे हां देखो डोजियर भेज दिया, मतलब घटना की फाइल भेजना। आज भारत डोजियर नहीं भेजता है आज भारत घर में घुस करके मारता है। अब नए भारत के हेडलाइन होती है मिशन एलओसी, भारत ने पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक करके सजा दी, छपती है कि नहीं छपती है।

साथियों,

कांग्रेस ने अपने शासन में भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह करके रख दिया था, तब की हेडलाइन होती थी विकास दर एक बार फिर गिरी, ये खबरें होती थीं ये सभी बैठें हैं सब यहां। 25 साल में सबसे खराब जीडीपी आंकड़ा आज हेडलाइन होती है क्या? उस जमाने में होता था आज हेडलाइन क्या होती है, भारत 2024 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा, कांग्रेस के राज में हर सुबह हम अखबारों में एक नए घोटाले का नाम पढ़ते थे हेडलाइन होती थी, कोलगेट.. कोयले में इतने लाख करोड़ का घोटाला। अब आज हेडलाइन क्या होती है, आज भ्रष्टाचारियों के लिए क्या हेडलाइन होती है आप जानते हैं? आज हेडलाइन होती है आज यहां से इतने करोड़ पकड़े गए, आज इतने करोड़ वहां से पकड़े गए, आज नोटों की गड्डियां गाड़ी के नीचे से पकड़ी गई आज इतने रुपयों का ढेर गैराज में से पकड़ा गया, यह खबरें आती हैं कि नहीं आती है और आपने मुझे यह काम के लिए बिठाया कि नहीं बिठाया है, यह काम मुझे करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए और आज ये माल लूटने वाले जेलों के सलाखे में सड़ रहे हैं और मैं देशवासियों को आश्वासन देता हूं गारंटी देता हूं, जिन्होंने देश को लूटा है, जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना ही पड़ेगा और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

हमारे देश के लोग हमेशा से ही परिश्रमी रहे हैं। हमारे देश का युवा हमेशा टैलेंटेड रहा है लेकिन कांग्रेस ने 60 साल तक भारत के युवाओं के सपनों को, भारत के नागरिकों के सपनों को कुचलने का पाप किया है। कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार की सोची, मोदी देश के हर परिवार की सोचता है। मेरा भारत- मेरा परिवार, मैं चाहता हूं कि देश के नागरिकों के जीवन से सरकार का दखल पूरी तरह समाप्त हो जाए और इसलिए हम पुराने जो बेकार हो चुके कानून है उनको समाप्त कर रहे हैं पुराने नियमों को आसान बना रहे हैं। पिछले साल ही हमने 40 हजार से ज्यादा कंप्लायंसिस को खत्म किया, आज जब देश के नागरिकों से ये बोझ हटा है उनके सामने से रुकावटें हटी हैं तो वो भी हर सेक्टर में बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं। मैं आपको स्पोर्ट्स का उदाहरण देता हूं खेलकूद का उदाहरण देता हूं और हमारा महाराष्ट्र को देश को नाम देता है स्पोर्ट्स की दुनिया में, हमारे नौजवान हमारी बेटियां अद्भुत करती है जी। आज ओलंपिक में, पैरालंपिक में, एशियन गेम्स में, कॉमनवेल्थ गेम्स में, यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत की खिलाड़ी दशकों पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। भारत के नागरिकों में आया ये आत्मविश्वास हमें विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचाएगा और मैं मेरे नौजवानों मेरा ड्रीम है 2029 में युवा ओलंपिक हिंदुस्तान में हो। मेरा ड्रीम है 2036 में भारत में ओलंपिक का खेल हो। मोदी छोटा सोच ही नहीं सकता। यह परमात्मा ने मुझे जब मैन्युफैक्चर किया ना तो वो छोटे वाली चिप नहीं रखी, बड़े वाली चिप रखी है।

साथियों,

लातूर की ये धरती हमें सिखाती है कि बड़ी से बड़ी आपदा से कैसे निकला जाता है? हमारे देश में भी करोड़ों-करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत आपदा झेली है संकट झेले हैं ऐसे साथियों के लिए ही संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई। एक ऐसी व्यवस्था है जिसे कोई नहीं छीन सकता है। और मेरा तो दावा है खुद बाबा साहब अंबेडकर आकर के भी अब इसको नहीं छीन सकते हैं। लेकिन, कांग्रेस अब एससी-एसटी-ओबीसी के आरक्षण को कम करके अपने वोट बैंक को देना चाहती है। इस बार कांग्रेस का मेनिफेस्टो उस मेनिफेस्टो पर मुस्लिम लीग की छाप है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों को लातूर के लोगों को यह कांग्रेस से बहुत सावधान होने की जरूरत है।

साथियों,

कांग्रेस ने कभी एससी-एसटी-ओबीसी नेतृत्व को आगे नहीं बढ़ने दिया। कांग्रेस के मोदी से चिढ़ने की एक वजह ये भी है कि मोदी दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित की बात करता है। आप पिछले 10 सालों में देखिए 10 सालों में एससी-एसटी-ओबीसी के सबसे ज्यादा एमपी-एमएलए भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के साथ हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में 60 परसेंट से ज्यादा मंत्री एससी-एसटी-ओबीसी समाज से हैं। आज देश का एससी-एसटी-ओबीसी समाज मोदी पर बीजेपी पर इसलिए भरोसा करता है क्योंकि 10 साल में ऐसे करोड़ों परिवारों का जीवन बदला है। किसी को मुफ्त राशन मिला, किसी को मुफ्त इलाज मिला, ऐसे करोड़ों साथी हैं जिनको अनेक पीढ़ियों के बाद उनका पहला पक्का घर दिया। एससी- एसटी- ओबीसी परिवारों के ऐसे लाखों नौजवान हैं जिनके पास बैंक को गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था उनकी गारंटी मोदी ने ली। मोदी ने ऐसे करोड़ों युवाओं को मुद्रा लोन दिया और आज वो अपना कारोबार कर रहे हैं। ऐसा हर युवा आज कह रहा है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार..

साथियों,

2014 और 2019 में आपने हमें भरपूर आशीर्वाद दिए, आपने जनादेश दिया था। हमने उसका उपयोग किसी से कुछ छीनने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए ही किया है। हमने एससी-एसटी का आरक्षण जो पॉलिटिकल फील्ड का रिजर्वेशन है हमने 10 साल आ करके बढ़ा दिया। हमने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया, हमने मेडिकल की परीक्षा में ओबीसी को आरक्षण दिया, हमने आपके जनादेश का सदुपयोग करते हुए देश की नारी शक्ति की दशकों पुरानी मांग को भी पूरा किया। एनडीए ने लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिया, इतना ही नहीं एनडीए ने किसी का हक छीने बिना सामान्य समाज के जो गरीब परिवार के संतान हैं उनके लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया यानी एनडीए सरकार सामाजिक न्याय को ताकत देने वाली सरकार है। कांग्रेस और इंडी अघाड़ी वाले जो झूठी बातें फैलाते हैं उनके मन में खोट है इस झूठ की आड़ में वो बड़ा खेल करने की फिराक में है।

भाइयों और बहनों,

देश पर लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस और समस्याओं के बीच एक अजीब रिश्ता है, कांग्रेस और समस्या ये जुड़वा भाई हैं। कांग्रेस कभी भी किसी समस्या को खत्म करने का प्रयास नहीं करती क्योंकि लोगों की परेशानी से ही वो वोटों की फसल काटती है। यहां लातूर में लंबे समय तक पानी की समस्या रही, लेकिन क्या कभी कांग्रेस ने इस समस्या का स्थाई समाधान का प्रयास किया। हर घर पानी-हर खेत पानी पहुंचाने के लिए हम मिशन मोड पर काम कर रहे। यहां पहले देवेंद्र जी के नेतृत्व वाली सरकार हो या फिर अब एकनाथ जी शिंदे जी की सरकार हो पानी पर हम विशेष बल दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस ने हमेशा पानी की योजनाओं को लटकाया है भटकाया है। जलयुक्त शिवार हो, मराठवाड़ा वाटर ग्रिड हो ऐसे कामों में अघाड़ी की सरकार ने अड़ंगे लगाए। अब महायुति की सरकार सिंचाई के हर प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा कर रही है।

साथियों,

मोदी ने हर बहन के घर तक नल से जल पहुंचाने की गारंटी दी है। मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र के 20 हजार से अधिक गांवों में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन पहुंच चुके हैं। और यहां लातूर में भी हर घर नल से जल का लक्ष्य ज्यादा दूर नहीं है।

भाइयों और बहनों,

लातूर शिक्षा और स्किल का एक सेंटर है। बीते 10 वर्ष में देश में शिक्षा और कौशल सेक्टर में अब उस पर उपलब्धियों के रहे। आईआईटी हो ट्रिपल आईटी हो आईआईएम हो या एम्स, इनका दायरा बहुत अधिक बढ़ा है। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या और मेडिकल सीटों की संख्या दोगुनी हुई हैं। इसका लाभ लातूर के हमारे बेटे-बेटियों को भी हो रहा है।

साथियों,

लातूर आत्मनिर्भर भारत का भी हब बनता जा रहा है। भाजपा का मिशन है कि हम दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बने। भाजपा का संकल्प है कि मैन्युफैक्चर में आत्मनिर्भर बने। इन दोनों लक्ष्यों को पाने में लातूर के किसान और लातूर के नौजवान बहुत बड़ी भूमिका भारत में कर सकते हैं। यहां के सोयाबीन किसान भारत को दलहन- तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं, ये जो रेल कोच फैक्ट्री यहां स्थापित हुई है इसमें वंदे भारत ट्रेन के कोच भी बन रहे हैं। आने वाले पांच साल में देश के हर रूट में सैकड़ों नई वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी। वंदे भारत मेट्रो चलेगी। यही नहीं विदेशों से भी मेड इन इंडिया ट्रेनों की डिमांड बढ़ रही है। इससे कितना काम यहां बढ़ेगा नई फैक्ट्री के लिए कितनी संभावनाएं बढ़ेंगी यह आप सोच सकते हैं। मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना ने इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को नई गति दी है।

भाइयों और बहनों,

लातूर को विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र का अहम सेंटर बनाने के लिए आपको भारी मतदान करना है। आप याद रखना आपके सपने आपके सपने ही मोदी का संकल्प है। मेरे साथी सुधाकर तुकाराम संगारे जी को आपका मिलने वाला एक-एक वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आप घर-घर जाइएगा ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे? मतदान के रिकॉर्ड तोड़ेंगे? पोलिंग बूथ जीतेंगे? अच्छा मेरा एक और काम करेंगे? घर-घर जाना और परिवार के सब लोगों को कहना कि मोदी जी लातूर आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे? मेरे साथ बोलिए भारत माता की.. जय भारत माता की.. भारत माता की..
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।