ದೇಶದ ಪ್ರತಿ ಮನೆ ಮತ್ತು ರೈತರಿಗೆ ನೀರು ತಲುಪುವಂತೆ ಮಾಡುವುದು ನನ್ನ ಧ್ಯೇಯ: ರಾಜಸ್ಥಾನದ ಜಲೋರ್‌ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಪರಿವಾರವಾದ' ಮತ್ತು ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರದ ಗೆದ್ದಲು ಹರಡುವ ಮೂಲಕ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ದೇಶವನ್ನು ಟೊಳ್ಳು ಮಾಡಿದೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ನಾವು ರಾಜಸ್ಥಾನದ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಮತ್ತು ರಾಷ್ಟ್ರದ ಪ್ರಗತಿಯನ್ನು ಹೊಸ ಎತ್ತರಕ್ಕೆ ಏರಿಸಬೇಕಾಗಿದೆ: ಜಲೋರ್‌ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

नमस्कार।
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय

जालौर आना मतलब हम गुजरात वालों को लगता है अपने घर गए हैं। पार्टी का काम करता था तब भी और गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब भी आप सबके बीच आने का अवसर मिला है। कई परिवारों से भी मेरा परिचय रहा है, आज सब नजर आ रहे हैं आज, यहां सब नजर आ रहे हैं आज। मुझे याद है कि यहां के परिवारों से गप्प मारते थे तो बोलते थे, वे एक कहावत सुनाते थे। और बड़े गर्व के साथ कहते थे...
आभ फटै घर ऊलटै,
कटै बख्तरां कोर।
शीश कटै, धड़ लड़फड़ै,
जद छुटै जालौर।

यानि चाहे आसमान फट जाये, धरती पलट जाए, सुरक्षा का कवच फट जाए, शीश कटे, धड़ तड़पे, लेकिन जालौर नहीं छूटता। भाजपा और जालौर-सिरोही का रिश्ता भी इतना ही निकट है। आपने हर बार भाजपा को भरपूर आशीर्वाद दिया है। और इस बार भी जालौर-सिरोही यही कह रहा है-फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

भाइयों और बहनों,

पहले चरण के मतदान में आधे राजस्थान ने कांग्रेस को बराबर की सजा दी है, उनको बराबर का सबक सिखाया है। राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत राजस्थान ये जानता है कि कांग्रेस कभी मजबूत भारत नहीं बना सकती। देश को ऐसी कांग्रेस सरकार नहीं चाहिए, देश को 2014 से पहले जैसे हालात थे , वो हालात वापस नहीं चाहिए। कांग्रेस की कमज़ोर सरकार को आने-जाने वाले लोग भी धमकाते थे। और हर कोई देश को लूटने में जुटा था। प्रधानमंत्री को कोई पूछता ही नहीं था, सरकार रिमोट कंट्रोल से चला करती थी। कैबिनेट से पास हुए अध्यादेश, आप कल्पना करिए कैबिनेट ने जो निर्णय पास किया हो, देश की संवैधानिक संस्था ने जो निर्णय पास किया हो। उसको उनकी पार्टी के एक नेता मीडिया की मीटिंग बुला करके फाड़ के फेंक देते थे। क्या ऐसी दुर्बल अवस्था देश को मजबूत बना सकती है क्या। आप मुझे बताइए, अस्थिरता की प्रतीक कांग्रेस और उनका कुनबा देश चला सकता है क्या।

साथियों,

आज कांग्रेस पार्टी की जो हालत हुई है, उसकी गुनहगार वो खुद है। अब देखिए, आपके यहां से राज्यसभा में कांग्रेस के एक नेता दक्षिण के हैं उनको भेजा। क्या उन्होंने राजस्थान के लिए एक बार भी राजस्थान की बात कही है, नहीं कही है। आपने बड़ी उदारतापूर्वक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के सम्मान में उनको भी राज्यसभा में भेजा। हलांकि काफी समय तक बीमार रहे। लेकिन क्या कभी राजस्थान में फिर से उनको देखा। और अब एक दूसरे नेता को पहुंचाने की कोशिश की आपने राज्यसभा में, जो लोग चुनाव नहीं लड़ सकते। चुनाव जीत नहीं सकते। मैदान से भाग गए। इस बार राजस्थान से राज्यसभा में आए हैं। कांग्रेस की हालत बहुत खराब है भाई। कांग्रेस ने देश पर 60 वर्षों तक राज किया। इसी कांग्रेस ने हमारी माताओं बहनों को शौचालय, गैस, बिजली, पानी बैंक अकाउंट जैसी छोटी-छोटी चीजों के लिए तरसाया।इसी कांग्रेस ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार का दीमक फैलाकर देश को खोखला कर दिया। इन्हीं पापों की सजा देश कांग्रेस को दे रहा है। और देश का युवा इतना गुस्से में है कि वो कांग्रेस का मुंह नहीं देखना चाहता। जिस पार्टी ने कभी 400 सीट जीती थी, देखिए उनकी हालत, उसके लिए आज 300 सीटों पर लड़ना भी मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस को उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे हैं। इन्होंने जो अवसरवादी इंडी अलायंस बना लिया है, उसकी पतंग उड़ने से पहले ही कट गई है। कहने को तो गठबंधन है, और की राज्य हैं ये गठबंधन वाले आपस में ही भिड़े हुए हैं। इस लोकसभा चुनाव में 25 प्रतिशत सीटें ऐसी हैं, जहां ये लोग एक दूसरे को मारने-काटने में जुटे हैं, एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के पहले इतनी लड़ाई चल रही है , तो चुनाव के बाद लूट के लिए कितना लड़ाई लड़ेंगे, इसकी कल्पना कर सकते हैं। और इसलिए मैं फिर पूछूंगा, क्या ऐसे लोगों को इतना बड़ा देश सूपूर्द कर सकते हैं क्या। ऐसे लोगों को देश सूपूर्द कर सकते हैं क्या। अरे आप के घर में गाड़ी हो ना, तो भी किसी ऐरे-गैरे के हाथ में नहीं दे सकते हो भाई। देते हो क्या 50 बार सोचते हो ये कहां पहुंचाएगा।

भाइयों-बहनों,

आप सब जानते हैं, मुझे भली भांति जानते हैं, मेरा बचपन जानते हैं। मैं भी आप ही की तरह एक सामान्य परिवार से आता हूं। मैंने भी परिवार में देखा है ना बिजली होती थी, ना पानी होता था। घर के रसोई का चूल्हा धुएं से भर जाता था। बचपन ऐसे ही बीता लेकिन आज यहां पहुंचा हूं तो मेरे दिल में यही रहता है की बचपन में जो मैंने अपनी मां को भुगतते देखा है। मैं ऐसी कठिनाई देश की एक भी माता-बहन को नहीं देखना चाहता। इसलिए मैं आपके बेटे की तरह, मेरी माताएं- बहने आपके एक भाई की तरह आपके दुख दर्द को मिटाने के लिए दिन-रात दौड़ रहा हूं। अभी तक राजस्थान के करीब 19 लाख गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों के पक्के घर बन चुके हैं। वो लोग पक्के घर में रहने चले गए हैं और इसमें से करीब 1 लाख पक्के घर यहीं जालौर-सिरोही में बने हैं। एक घर बनाना होता है तो कितनी तकलीफ होती है आप जानते हैं। अकेले इस इलाके में मोदी ने गरीबों के लिए 1 लाख पक्के घर बना कर दे दिए। इसलिए नहीं की पैसे है तो काम हो, दिल में एक दर्द पड़ा हुआ है, संवेदना पड़ी हुई है। इसलिए मोदी ये काम करने के लिए लालायित रहता है।

अब आपको मेरा एक काम करना है। ऐसे नहीं हाथ ऊपर कर बताइए, देखिए चुनाव में आप घर-घर मिलने जाते होंगे चुनाव की चर्चाएं होती होंगी। हमने इतने घर बनाए, नल से जल दिया, गैस का कनेक्शन दिया। लेकिन हो सकता है. कुछ लोगों को घर मिलना बाकी हो। कुछ लोग परिवार में पहले एक साथ रहते थे। अब अलग-अलग रहने लगे, उसके पास घर नहीं है। तो मेरा एक काम करना, आपको ऐसे जो लोग ध्यान में आए, जो इस योजना के हकदार हैं, लेकिन उनको अभी तक मिला नहीं है। मोदी की तरफ से उनको गारंटी दे देना मोदी तीसरी बार आएगा। घर पक्का मिलेगा। कह देंगे। कह देंगे। मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं। आप बोल करके आ जाना, मोदी उसको पूरा करेगा। और आप यह भी कह देना माताओं-बहनों को यह जो 3 करोड़ में नए घर बनने वाले हैं, उनमें उनका नंबर लगेगा ही लगेगा। उस परीवार की माता-बहनों को कहना, मोदी जो घर देगा ना उस परिवार की माताओं या बहन के नाम पर देगा, यह भी बता देना।

साथियों,

आयुष्मान भारत के तहत मिल रहे मुफ्त इलाज का फायदा भी पूरे देश में मिलता है। अब मोदी ने गारंटी दी है कि हर परिवार में जो बुज़ुर्ग हैं, हर परिवार में कोई भी बाकी नहीं रहेगा। जो यहां बैठे हुए हैं उनका भी हर परिवार है, जिसके घर में 70 साल से ऊपर की आयु के लोग हैं। बुजुर्ग माता है, पिता है, दादा है, दादी है, नाना है, नानी है, चाचा है, चाची है। जो भी हो उनको कह देना की दिल्ली में आपका एक बेटा बैठा है। 70 साल से ऊपर के ऐसे सभी बुजुर्गों की बीमारी में इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक का खर्च आपका बेटा करेगा। बता देना और यह मोदी की गारंटी। ये गारंटी भी मैंने इसलिए दी है, क्योंकि एक बेटे के रूप में मां-बाप की सेहत का ध्यान रखना, जैसे आपका दायित्व है ना मैं भी तो बुजुर्गों का बेटा हूं, मेरा भी दायित्व है। शुरुआती इलाज के लिए आपको ज्यादा दूर न जाना पड़े इसके लिए राजस्थान में 10 हज़ार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। सिरोही में मेडिकल कॉलेज बनने से बहुत फायदा हुआ है। जालौर में भी मेडिकल कॉलेज बनकर जल्द तैयार होगा। मोदी का मिशन है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। हर जगह मेडिकल कॉलेज हो ताकि उस जगह के लोगों को पढ़ाई के लिए मौका मिले।

भाइयों और बहनों,

जब यहां मैं आपसे बात करने के लिए आता हूं और यह सच है कि चुनाव है और मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। इतनी धूप में आप आए हैं तो आशीर्वाद देने में कोई कमी नहीं रखेंगे। यह तो मुझे पता है। इसलिए मोदी के गारंटी है कि आपका सपना ही मेरा संकल्प है। मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम। अब देखिए, कोरोना का महासंकट आया। एक तरफ हमने जीवन बचाने के लिए हर परिवार को मुफ्त टीका लगाया तो दूसरी तरफ, मुफ्त राशन की योजना लागू की। और आने वाले पांच बरस ये चलती रहेगी ताकि गरीब का चूल्हा जलता रहे, गरीब का बच्चा भूखा सो ना जाए। इसका बहुत बड़ा फायदा गरीब परिवार को हुआ है। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना बनाई। इसका सबसे बड़ा लाभ हमारे प्रवासी परिवार को हुआ है। हमारे राजस्थान में तो हर गांव से कोई नौकरी के लिए कोई बाहर रहता है। राशन कार्ड की समस्या रहती थी। बच्चा वहां चला जाए। मां-बाप यहां रहे कौन सा राशन कार्ड कहां चलेगा, तो हमने बना दिया, वन नेशन वन राशन कार्ड, वो जहां भी जाएगा, वहां से भी उसको राशन मिलेगा। उसका परिवार यहां होगा। उसको भी राशन मिलेगा। फिर परिवार का जो सदस्य गांव में है, उसको भी फायदा मिल रहा है और इस कार्ड पर प्रवासी कामगार के लिए भी कोई गया है। उसको भी लाभ मिल रहा है।

भाइयों बहनों.

राजस्थान मैंने जब से यहां आना शुरू किया, कोई भी ऐसा समय नहीं जब मैंने पानी के विषय में सुना ना हो। अभी मैं बैठा था, तो हमारे उम्मीदवार महोदय, तुरंत बोले, मोदी जी पानी मेरी पहली बड़ी काम है। और ये राजस्थान है, यहां तो पानी के लिए जीवन समर्पित करने वाले लाखा बंजारा की बात घर घर की जाती है। आपके इस सेवक ने भी किसान के हर खेत और हर बहन के घर तक पानी पहुंचाना अपना मिशन बनाया है। इतिहास में पहली बार जल जीवन मिशन जैसा कार्यक्रम चल रहा है। सिर्फ 5 वर्षों में ही देश में 11 करोड़ से अधिक नए परिवारों को नल से जल दिया जा चुका है। लेकिन अफसोस है कि इसी दौरान राजस्थान में 5 साल तक कांग्रेस की सरकार रही। उसने सिर्फ पानी की योजना में घोटाला किया, काम नहीं किया। अब हमारी भजनलाल जी की सरकार आई है तो वो इस घोटाले की जांच करा रही है। अगर यहां कांग्रेस सरकार न होती, तो अब तक हम हर घर जल के लक्ष्य के बहुत निकट पहुंच चुके होते। अब भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में हम हर घर पाइप से पानी पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस की कभी नीयत ही नहीं रही कि किसानों को, यहां के लोगों को पानी मिले, उनके जीवन का सबसे बड़ा संकट समाप्त हो। इसका एक उदाहरण ये सालगांव बांध परियोजना भी है। ये परियोजना साढ़े 4 दशक पहले तब बनी थी, जब हर जगह कांग्रेस ही कांग्रेस थी। लेकिन ये कभी ज़मीन पर नहीं उतर पाई। अगर ये बांध समय पर बनता तो 30 लाख रुपए से भी कम में बन जाता। आज इसकी लागत 250 करोड़ तक पहुंच चुकी है। अब भाजपा सरकार इसे तेजी से पूरा करने के संकल्प के साथ काम कर रही है।

साथियों,

गुजरात में सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी पर पंडित नेहरू ने उसका शिलान्यास किया था। फिर कांग्रेस ने ऐसे लटकाए रखा, ऐसे लटकाए रखा, कि मोदी ने आकर पूरा किया। कितने साल हो गए। मुझे उपवास पर बैठना पड़ा था। मैं मुख्यमंत्री था। मुझे मनमोहन जी की सरकार के सामने नर्मदा बांध को लेकर उपवास पर बैठना पड़ा था, क्योंकि मुझे मेरे गुजरात को भी पानी देना था। मेरे राजस्थान को भी पानी देने थे। इसलिए मैंने उपवास किए थे और तब मैं वहां सुजलाम-सुफलाम योजना चलाई थी। कोशिश यही थी कि कडाना बांध से पानी किसान के खेतों तक पहुंचे। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयासों से आज नर्मदा का पानी बाड़मेर और जालौर जिले के भी डेढ़ हजार से अधिक गांवों तक पहुंचा है। फर्क देखिए यह भारतीय जनता पार्टी के चरित्र का फर्क है। हिंदुस्तान में बहुत सारे राज्य हैं, जो पानी के लिए एक दूसरे से लड़ाई लड़ रहा है और पानी समुद्र में जाता है। राजस्थान में पानी पहुंचा क्योंकि गुजरात में भाजपा की सरकार थी। राजस्थान को कोई आंदोलन नहीं करना। राजस्थान को आवेदन पत्र देने के लिए गांधीनगर नहीं आना पड़ा कि मैं अपना कर्तव्य मानता था। पानी की जरूरत गुजरात को है तो राजस्थान भी तो मेरा है। उसे भी तो पानी मिलना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री था, तब प्रधानमंत्री नहीं था। तभी राजस्थान मुझे मेरा लगता था। इसलिए जालौर-बाड़मेर के किसानों में किसानों के खेत में पानी पहुंचाया गया। लगभग 2 लाख हेक्टर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है। हम सिंचाई के लिए ड्रीप और स्प्रिंकलर जैसी नई टेक्नॉलॉजी पर काम कर रहे हैं। मेरी किसानों से प्रार्थना है आप ड्रीप और स्प्रिंकलर पर आएंगे तो जो पानी है , जितने परिवारों को मिलता है ना उससे डेढ़ गुना तक पहुंच जाएगा। ये बहुत बड़ा पुण्य का काम हो जाएगा। ये बनासकांठा ने करके दिखाया है, ये आपके देवी भाई को पूरा पता है। वहां पर पानी बचा करके पानी पहुंचाया है। यहां भी पहुंचाया जा सकता है। इससे यहां एक बहुत बड़े क्षेत्र में जीरा, सौंफ, इसबगोल जैसी अनेक कैश क्रॉप्स की पैदावार हो सकती है।

साथियों,

कांग्रेस ने तो पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और यमुना के पानी को पहुंचाने में भी अड़चनें पैदा की थीं। ये भाजपा ही है जिसने इसके समाधान के लिए भी प्रयास किया, हरियाणा में भाजपा सरकार, राजस्थान में भाजपा सरकार हमारे भजनलाल जी बराबर मैदान में उतर गए मामला निपटा दिया काम आगे बढ़ रहा है। हमारे प्रत्याशी आदरणीय लुंबाराम जी तपस्वी कार्यकर्ता हैं, जीवन खपा देने वाले कार्यकर्ता हैं। पानी की समस्या की बारिकियों को जानते हैं और उसके समाधान के लिए समर्पित हैं। मुझे खुशी है कि ऐसे ही कर्मठ मुख्यमंत्री हमें राजस्थान को मिले हैं। इस सारे अधूरे प्रोजेक्ट को तेज़ी से पूरा करने के लिए कमर कसके काम शुरू कर दिया।

साथियों,

इस क्षेत्र में खेती-किसानी को मुनाफेदार बनाना मोदी का लक्ष्य है। मोदी ने छोटे किसानों के मोटे अनाज यानि श्री अन्न को भी दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाने का मिशन शुरु किया है। हमारा बाजार अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भोजन में थाली में राजस्थान का बाजार भरोसा गया था। सारी दुनिया में मैं समझता हूं। यह हमारे छोटे-छोटे किसानों ने कम पानी की लागत से यह पैदा किया हुआ फसल है। मैं दुनिया में पहुंचा कर रहने वाला हूं और इसका फायदा यहां के मेरे सभी छोटे-छोटे किसानों को होगा।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत भी जालौर और सिरोही जिले के किसानों के खाते में 800 करोड़ से ज्यादा भेजे गए हैं। ये क्षेत्र गौमाता की जय करने वाला क्षेत्र है। मोदी ने गोमाता को, हमारे पशुधन का भी मुफ्त में टीकाकरण करने की गारंटी दी है। भाजपा सरकार ने खुरपका-मुंहपका बीमारी को खत्म करने के लिए अकेले राजस्थान में करीब एक करोड़ पशुओं का मुफ्त टीकाकरण कराया है। यहां जालौर में भी डेढ़ लाख और सिरोही में करीब 80 हजार पशुओं का टीकाकरण हुआ है। इसके अलावा हम गोबरधन, बायोगैस और जैविक खाद के जरिए एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो गोपालकों को औऱ समृद्ध करेगा।

भाइयों और बहनों,

जालौर-सिरोही का ये पूरा क्षेत्र अद्भुत संभावनाओं का क्षेत्र है। हमारे पास माउंट आबू है। यहां बड़े-बड़े मंदिर हैं, ऋषियों और मनीषियों की ये तपोस्थली है।यहां नौजवानों को लिए पर्यटन सेक्टर में रोजगार-स्वरोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। अंबाजी में जो सुविधाएं तैयार हो रही हैं, उसका लाभ राजस्थान को भी मिलने जा रहा है। पर्यटन को अच्छी कनेक्ट्निविटी से बहुत लाभ होता है। इसलिए हम इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ा रहे हैं। ये क्षेत्र को तो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भी जुड़ा है। इससे यहां के ग्रेनाइट उद्योग को बहुत बल मिलेगा।

साथियों,

10 सालों में आपके आशीर्वाद से ऐसे अनेक काम पूरे हुए हैं। लेकिन अभी तो मोदी के लिए ये ट्रेलर है। अभी हमें राजस्थान के विकास को, देश के विकास को नई बुलंदी देनी है। और ये संकल्प लेकर मैं चल पड़ा हूं। भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत बनाना है, विकसित भारत-विकसित राजस्थान बनाना है। इस काम में हमें आपका साथ चाहिए। आपको 26 अप्रैल को लुंबाराम जी को कमल के निशान वाले बटन को दबाकर संसद भेजना है। आप देखिए मेरा नाता ऐसा है। आप लुंबाराम जी को एक वोट देंगे, जैसे ही कमल के बटन पर आपकी उंगली दबेगी। सीधा-सीधा वो मोदी के खाते में जमा हो जाएगा। यानि लुंबाराम जी को वोट यानि मोदी को मजबूत बनाने की गारंटी। और यह गारंटी देश के मतदाताओं की है। आपकी गारंटी है। आपके एक-एक वोट से मोदी की ताकत बढ़ेगी। आपके एक-एक वोट से मोदी को काम तेज करने की ताकत मिलेगी। आपके एक-एक वोट से मोदी को देश को विकसित बनाना और राजस्थान को विकसित बनाने का काम करने में और आसानी होगी और इसलिए आज मैं आपसे लुंबाराम जी के लिए ही नहीं, आज मेरे लिए भी आपसे वोट मांगने आया हूं।

देखिए इसके लिए आपको एक मेरा एक काम करना होगा। एक भी मतदाता ऐसा ना हो जिसके पास आप मेरी बात लेकर पहुंचे ना हो घर-घर जाएंगे, हर मतदाता को मिलेंगे। उनको बताएंगे। मोदी को वोट देना है बताएंगे। दूसरा काम हम जालौर लोकसभा तो जीतेंगे। हम देश भी जीत जाएंगे। लेकिन मुझे बताइए मेरा कोई कार्यकर्ता पोलिंग बूथ हार जाए। जो मुझे दुख होगा कि नहीं होगा। हर कार्यकर्ता हर नागरिक के मन में रहना चाहिए। हमारे पोलिंग बूथ में भाजपा का झंडा झुकने नहीं देंगे। हर पोलिंग बूथ को जितना है हर पोलिंग बूथ को जीतने के लिए मुझे विशेष रूप से माताओं और बहनों के आशीर्वाद चाहिए। फर्स्ट टाइम वोटर्स के आशीर्वाद चाहिए और मेरा एक तीसरा काम है। जिस दिन मतदान होना, एक तो जलपान से पहले मतदान, क्योंकि तेज धूप है। सुबह-सुबह जितना ज्यादा मतदान हो जाए, अच्छा। तुम जलपान से पहले मतदान करोगे। सुबह-सुबह ज्यादा से ज्यादा मतदान करोगे। दूसरा एक काम कभी-कभी हम किसी काम के लिए जाते हैं। रास्ते में खड़े हैं, वोट देकर निकल गए। ऐसा नहीं। यह लोकतंत्र का उत्साह है। जैसे परिवार में कोई अवसर होता है तो कैसे धूम-धाम से निकलते हैं। मैं तो पूरे राजस्थान से प्रार्थना करूंगा। पूरे देश से प्रार्थना करूंगा। 15-15, 20-20 लोग जुलूस निकाल करके, भारत माता की जय बोलते-बोलते लोकतंत्र का उत्साह, लोकतंत्र का जय जयकार करते हमें मतदान के लिए जाना चाहिए, जाओगे अरे गाजेबाजे के साथ जाना चाहिए, हम देश की सरकार बनाने के लिए जा रहे हैं। मामूली काम के लिए नहीं जा रहे हैं। जब इसको गर्व में पलट देंगे तो गर्मी कितनी भी क्यों ना हो मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

अच्छा मेरा एक काम करोगे। यह मेरा पर्सनल काम है इसलिए भाजपा का काम नहीं है। मेरे पर्सनल काम करोगे। ऐसे ढीले पड़ गए आप, करोगे एक काम करना और घर-घर जाना और कहना मोदी जी जालौर आए थे और मोदी जी ने राम-राम कहां है, मेरा राम-राम पहुंचा दोगे। देखिए इसमें मेरा स्वार्थ है, बता दूं। मेरे स्वार्थ यह है कि जब आप किसी परिवार में राम राम कहेंगे तो सब बड़े बुजुर्ग माताएं मन से मुझे आशीर्वाद देंगे और जब बिना स्वार्थ के इतने पवित्र भाव से हर परिवार से आशीर्वाद मिलता है तो ये आशीर्वाद मेरे लिए पूजा का काम करता है। मेरे लिए नई ताकत बन जाता है और फिर मुझे आपके लिए दौड़ने का मेरा हौसला बुलंद हो जाता है। इसलिए मुझे आशीर्वाद चाहिए तो मेरा राम-राम पहुंचाएंगे। पक्का पहुंचाएंगे। मेरे साथ बोलिए

भारत माता की जय
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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!