ಕಳೆದ 9 ವರ್ಷಗಳಿಂದ, ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರವು ದೇಶದಲ್ಲಿ ಮೂಲಭೂತ ಸೌಕರ್ಯಗಳನ್ನು ನಿರ್ಮಿಸಲು ಸಾಕಷ್ಟು ಹಣವನ್ನು ಖರ್ಚು ಮಾಡುತ್ತಿದೆ: ದೌಸಾದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ದಶಕಗಳಿಂದ, ಕೆಲವರು ರಾಜಸ್ಥಾನವನ್ನು 'ಬಿಮರು' ರಾಜ್ಯವೆಂದು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದರು. ಆದರೆ ಬಿಜೆಪಿ ರಾಜಸ್ಥಾನವನ್ನು ದೇಶದ ಪ್ರಬಲ ರಾಜ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಒಂದನ್ನಾಗಿ ಮಾಡುತ್ತಿದೆ: ದೌಸಾದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ತನ್ನ ಅಟ್ಕಾನಾ, ಲಟ್ಕಾನಾ ಮತ್ತು ಭಟ್ಕಾನಾ ರಾಜಕೀಯವನ್ನು ನಡೆಸುವ ವಿಧಾನದಿಂದಾಗಿ ರಾಜ್ಯದ ಬಹುಪಾಲು ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಯೋಜನೆಗಳು ಅಂಟಿಕೊಂಡಿವೆ: ರಾಜಸ್ಥಾನದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರ ಒಬಿಸಿ ಆಯೋಗಕ್ಕೆ ಸಾಂವಿಧಾನಿಕ ಸ್ಥಾನಮಾನ ನೀಡಿದೆ ಇದರಿಂದ ಒಬಿಸಿ ವರ್ಗಕ್ಕೆ ಸಾಂವಿಧಾನಿಕ ರಕ್ಷಣೆ ಸಿಗುತ್ತದೆ: ದೌಸಾದಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

मीन भगवान की जय
हर्षद माता की जय
मैया केलादेवी की जय
देवधाम जोधपुरिया की जय
पंच महादेव की दौसा की इस धरती से मैं मेहंदीपुर बालाजी मन्दिर में विराजमान भगवान हनुमान जी को, श्री प्रेतराज सरकार और श्री भैरव कोतवाल जी को प्रणाम करता हूं।

मेहंदीपुर बालाजी ने म्हारो प्रणाम।
देवनगरी दौसा री जनता ने म्हारी राम राम।

कुछ दिन पहले ही मुझे भीलवाड़ा में भगवान देवनारायण के ग्यारह सौ ग्याहरवें (1111वें) अवतरण दिवस का हिस्सा बनने का अवसर मिला। और आज यहां मीन भगवान की, पंच महादेव की धरती पर आने का अवसर आया। तब आस्था का उत्सव था और आज राजस्थान के, देश के विकास का उत्सव है। थोड़ी देर पहले देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे के पहले चरण का लोकार्पण करने का मुझे अवसर मिला है। आज देश में बन रहे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से का लोकार्पण हुआ है। इस एक्सप्रेसवे से दौसा के अलावा, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले को लाभ होगा। इससे दिल्ली आना-जाना बहुत आसान होगा। इससे दिल्ली जैसे बड़े बाज़ार तक दूध-फल-सब्जी ये सारी आवश्यकताएं पहुंचाना, अपने उत्पाद पहुंचाना हमारे किसान भाइयों के लिए बहुत आसान हो जाएगा।

मैं आप सभी को प्रगति के इस आधुनिक पथ की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मैं देख रहा हूं अभी नितिन जी कह रहे थे ये ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है। ये देखकर के (जनता की जुटी भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए) मैं कह रहा हूं ये ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है। ये विशाल जनसागर, मैं राजस्थान के इस प्यार के लिए, राजस्थान के इस आशीर्वाद के लिए सर झुकाकर के राजस्थान को प्रणाम करता हूं।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान की ये धरती शूरवीरों की धरती है। यहां का बच्चा-बच्चा मां भारती की रक्षा के लिए, मां भारती की समृद्धि के लिए समर्पित है। यहां के बच्चे-बच्चे का सपना रहा है कि भारत, दुनिया में किसी से भी कम ना हो। आपके इसी सपने को पूरा करने के लिए अब भारत ने विकसित बनने का संकल्प लिया है। विकसित भारत बनने के लिए भारत का तेज विकास बहुत जरूरी है। भारत के तेज विकास के लिए भारत में आने-जाने के साधनों का तेज होना जरूरी है, भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर होना उतना ही जरूरी है। इसलिए बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार रोड, रेल, गरीबों के लिए घर, हर घर में जल, बिजली, ऐसे हर इंफ्रास्ट्रक्चर पर खूब सारा पैसा खर्च कर रही है। इस वर्ष के बजट में भी गांव-गरीब, मध्यम वर्ग की सुविधाएं बढ़ाने के लिए सबसे अधिक बल इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया गया है। पहले की सरकारें रेल-रोड बनाने में जितना खर्च करती थी, उससे कई गुना ज्यादा खर्च भाजपा सरकार कर रही है।

भाइयों और बहनों,
रेल-रोड पर लाखों के इस खर्च का बहुत बड़ा लाभ हमारे राजस्थान को भी हो रहा है। दशकों तक राजस्थान को कुछ लोगों ने बीमारू, बीमारू, बीमारू राज्य कहकर के चिढ़ाया है। लेकिन भाजपा, राजस्थान को विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार बना रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से राजस्थान, दिल्ली और मुंबई से कनेक्ट हो रहा है। ये दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को और ताकतवर बनाने का काम करेगा। वैस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि मालगाड़ियों के लिए जो खास रास्ता बना है, उसका 550 किलोमीटर से अधिक राजस्थान में है। इससे राजस्थान सीधे गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों से जुड़ेगा। यानि राजस्थान में उद्योग लगाना और ज्यादा आसान हो जाएगा। आज जिन तीन और सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है, उससे भी राजस्थान के विकास को गति मिलेगी, यहां की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

साथियों,

तारंगाहिल से अंबाजी होते हुये आबूरोड़ तक नई रेल लाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है। इस रेल लाइन की मांग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है, जो अब भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद के बीच रेल लाइन को भी ब्रॉड गेज में बदलने का काम हम पूरा कर चुके हैं। इस रूट पर अब ट्रेनें चलना भी शुरू हो चुका है। इससे मेवाड़ क्षेत्र, गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है।

साथियों,

जब इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है तब रोज़गार भी देता है और बनने के बाद भी व्यापार-कारोबार, उद्योग धंधों को बहुत बड़ी शक्ति देता है। और आप इससे परिचित हैं। आप जानते हैं ये कैसे होता है। सड़क, रेल पटरी, एयरपोर्ट, पुल, पोर्ट, जब ये सब बनते हैं तो इससे सैकड़ों उद्योगों को बल मिलता है। इसमें सीमेंट लगता है, रेत, बजरी, लोहा, मशीनें क्या कुछ नहीं लगता है। इससे जुड़े उद्योगों में नौकरियां निकलती हैं, दुकानों में नौकरियां बढ़ती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में इंजीनियर लगते हैं, श्रमिक लगते हैं। यानि अपने-अपने कौशल के हिसाब से युवाओं को ढेर सारे रोज़गार के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं। जहां ये प्रोजेक्ट बन रहे होते हैं, तो उसके आसपास मैंटेनेंस, रिपेयर और दूसरी सेवाओं की मांग भी बढ़ती है। इससे भी स्थानीय स्तर पर रोजगार बनते हैं।

साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर व्यापार-कारोबार को बल देता है। इससे ट्रांसपोर्ट और पर्यटन जैसे सेक्टर्स को बल मिलता है। ये भी युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोज़गार के सबसे बड़े माध्यम हैं। राजस्थान में तो पर्यटन बहुत बड़ा सेक्टर है। अब जैसे दिल्ली से दौसा के बीच दूरी कम होने से, इस पूरे क्षेत्र में फल-सब्जी उगाने वाले छोटे किसानों को बहुत मदद मिली होगी। उनके लिए दिल्ली जैसा बड़ा बाज़ार नज़दीक आ गया है। अब राजस्थान आने वाले टूरिस्ट सड़क के रास्ते ज्यादा आएंगे तो राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में युवाओं के लिए भी अवसर बढ़ेंगे।

साथियों,

आज देश विरासत भी और विकास भी, इस मंत्र को लेकर के आगे बढ रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत भी राजस्थान में काम किया गया है। भाजपा सरकार ने यहां मेहंदीपुर बालाजी और धौलपुर में मुचुकुंड धाम का विकास भी किया है। अपने आस्था स्थलों का विकास भी भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं में है।

भाइयों और बहनों,

पिछले 9 वर्षों में हमने उन क्षेत्रों, उन वर्गों पर भी विशेष ध्यान दिया है, जो विकास से वंचित थे। हमने वंचितों को वरीयता दी है। गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, आदिवासी हों, रेहड़ी-ठेले वाले साथी हों, बंजारा-घूमंतू समुदाय हों, छोटे किसान हों, हर वर्ग का हमने ध्यान रखा है। आप देखिए, गरीब परिवारों को पहली बार शिक्षा और सरकारी नौकरियों में हमने आरक्षण दिया है। ओबीसी वर्ग को संवैधानिक सुरक्षा मिले, इसके लिए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा हमारी सरकार ने दिया है। ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं था, हमने ये भी सुनिश्चित किया। मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी में होने के कारण गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवार के युवा ही पीछे रह जाते थे, वंचित रहते थे। भाषा के कारण उनका भविष्य उजड़ जाता था। हमने डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराने पर भी बल दिया है। और उसके कारण आज गरीब मां भी अपने बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर बनाने के सपने देख सकती है। पहली बार बंजारा समाज, घूमंतु-अर्ध घूमंतु समाज के विकास और कल्याण के लिए विशेष बोर्ड भी हमारी ही सरकार ने बनाया है।

साथियों,

इस वर्ष के बजट में तो विश्वकर्मा साथियों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आए हैं। और यही सबका साथ, सबका विकास की हमारी राष्ट्रनीति है। राजस्थान के बगरू और सांगानेर की ब्लॉक प्रिंटिंग के दस्तकार भाई बहन हों, सुनार हों, लुहार हों, सुथार भाई बहन हों, जूते और मोजड़ी बनाने वाले दस्तकार हों, लाख और चूड़ियाँ बनाने वाले लखेरा भाई-बहन हों, बणी-ठनी और पिछवाई से जुडी़ चित्रकारी करने वाले चित्रकार भाई बहन हों, कोटा डोरिया की साड़ी बनाने वाले बुनकर हों, टोंक के नमदा कला से जुड़े दस्तकार हों, सिकंदरा में मूर्तिकला और इससे जुड़े सैकड़ों मूर्तिकार भाई बहन हों, इन सभी को पीएम विश्वकर्मा योजना से बहुत बड़ा लाभ होने वाला है।

साथियों,

जब मैं दौसा आता हूं तो एक और बात याद आना स्वाभाविक है। और वो बात है, आपकी मेहमाननवाजी। मुझे यहां के बाजरे की रोटी का स्वाद हमेशा-हमेशा याद रहता है।

साथियों,

अब तक हमारे देश में बाजरा जैसे अन्न को मोटा अनाज कहकर के एक प्रकार से निम्न भाव से देखा जाता था। लेकिन अब ये जो मोटा अनाज कहा जाता है न, उसको हमने एक नई पहचान दी है। अब हमने मोटा अनाज के लिए हिंदुस्तान भर के इन उत्पादों के लिए नया नामकरण किया है। अब ये अन्न श्रीअन्न से जाना जाएगा। आगे इसे हम दुनिया के बाजार पहुंचना चाहते हैं। हमारे छोटे किसान जो मेहनत करके पैदावार करते हैं, कठिन परिस्थितियों में करते हैं, मोटा अनाज पैदा करते हैं। अब दुनिया के बाजार में वो श्रीअन्न के नाम से दुनिया में पहुंचेगा। राजस्थान के श्रीअन्न बाजरा, श्रीअन्न ज्वार, ये तो सब जानते ही हैं। राजस्थान के ही दक्षिणी जिलों का श्रीअन्न सांवा, श्रीअन्न कंगनी, श्रीअन्न कोदो, श्रीअन्न कुटकी भी उनका स्वाद भी कुछ कम नहीं होता है और पौष्टिक भी होते हैं और दैनिक खान पान का हिस्सा भी होते हैं। इस श्रीअन्न को देश-विदेश में मार्केट मिले, किसानों को अधिक प्रोत्साहन मिले, छोटे किसानों को लाभ हो, इसके लिए अनेक कदम इस साल के बजट में उठाए गए हैं। इसका सीधा लाभ राजस्थान के सूखा प्रभावित मेरे छोटे-छोटे किसानों को मिलने वाला है।

साथियों,

राजस्थान को बीते वर्षों में केंद्र सरकार की एक और प्राथमिकता का भी लाभ मिला है। ये प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा की है। बीते 9 वर्षों में हमने सैनिकों की सुविधा से लेकर सम्मान तक, हर स्तर पर काम किया है। वन रैंक वन पेंशन का लाभ आज राजस्थान के सैनिक परिवारों को मिल रहा है। सैनिकों के सम्मान से जुड़ा भाजपा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण काम किया है, और मुझे पक्का विश्वास है, हर फौजी परिवार तक ये बात पहुंचाइए, आपका भी सीना चौड़ा हो जाएगा। हाल में ही हमने, आपको मालूम है हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है उसको एवरेस्ट कहा जाता है, क्योंकि एवरेस्ट नाम के एक व्यक्ति का नाम उससे जुड़ा हुआ है। इस प्रकार के निर्णयों के क्या महत्व होता है। अब मैं आगे की बात बताता हूं। हाल में ही हमने अंडमान निकोबार में द्वीपों के नाम हमारी सेना के वीर, जिन्होंने अपने पराक्रम के कारण परमवीर चक्र का सम्मान प्राप्त किया था, जो परमवीर चक्र विजेता थे, ऐसे महान देश के लिए मर मिटने वाले, देश के लिए जीने-मरने वाले हमारे इन वीर सैनिकों के नाम पर अंडमान निकोबार के टापुओं का नाम हमने उनके नाम कर दिया है। अपने झुंझनू के रहने वाले पीरू सिंह जी के नाम पर अब अंडमान में एक पीरू द्वीप है। जोधपुर के रहने वाले शैतान सिंह जी के नाम पर भी अब अंडमान में एक शैतान सिंह द्वीप है। राजस्थान के इन पराक्रमी शहीदों से अब अंडमान-निकोबार जाने वाला हर व्यक्ति एक नई प्रेरणा लेकर के आएगा।

साथियों,

कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसलिए विकास नहीं करती थीं क्योंकि वो डरती थीं। और ये पार्लियामेंट में उन्होंने बोला है। वो डरती थीं कि हम सीमा पर रास्ते बना देंगे, सड़कें बना देंगे तो दुश्मन उसी पर चलकर आ जाएगा तो क्या होगा। हमारी बनाई सड़कों पर दुश्मन आ जाएगा तो क्या होगा। अरे यार क्या बात करते हो। मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस क्यों हमेशा हमारे सैनिकों का शौर्य, उनकी बहादुरी को कम करके आंकती रही है। सीमा पर दुश्मनों को रोक देना, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना, हमारी सेनाओं को बखूबी आता है। इसलिए अब भाजपा सरकार सीमावर्ती जिलों में, सीमा के पास बने गांवों में भी विकास के कामों में तेजी ला रही है। बीते 9 वर्षों में हमने राजस्थान सहित देश के पूरे बॉर्डर पर रोड और रेल का सशक्त नेटवर्क तैयार कर दिया है। केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। इसके अलावा अभी करीब-करीब एक हजार किलोमीटर की सड़कें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है। यानि, भाजपा, राजस्थान को नई संभावनाओं का प्रदेश बना रही है।

साथियों,

हर घर जल पहुंचाने के लिए भी हम मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। साल 2019 में हमने जल जीवन मिशन शुरु किया और सिर्फ साढ़े 3 वर्षों में ही 8 करोड़ नए कनेक्शन दिए हैं, नए परिवारों को सुविधा दी है। इससे राजस्थान के भी लाखों परिवारों को लाभ हुआ है।

साथियों,

राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। आप देख रहे हैं कि एमपी और यूपी के बीच केन-बेतवा को जोड़ने का काम शुरु हो रहा है। इसी प्रकार पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पीने के पानी और सिंचाई की सुविधा का विस्तार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और पुरानी पार्बती-कालीसिंध-चम्बल लिंक को जोड़कर एक बड़ी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस प्रारूप को केंद्र सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों के साथ साझा किया है। इस प्रस्ताव को नदियों से जुड़ी विशेष समिति ने प्राथमिकता प्राप्त परियोजना के रूप में शामिल किया है। जब दोनों राज्यों की सहमति हो जाएगी, तो केंद्र सरकार इसको आगे बढ़ाने पर जरूर विचार करेगी।

साथियों,

राजस्थान के लोगों ने हमेशा से भाजपा को भरपूर प्रेम दिया है। लेकिन मुझे एक बात का अफसोस भी है। मैं कई बार सोचता हूं कि अगर बीते पांच सालों में राजस्थान में डबल इंजन की पावर लगी होती, तो यहां का विकास कितना तेज हो जाता। कांग्रेस जिस तरह चीजों को अटकाने-भटकाने और लटकाने की राजनीति करती है, उसमें विकास के कार्य कांग्रेस नेताओं द्वारा अधिकतर पटक ही दिए जाते हैं। ना ये लोग खुद काम करते हैं और न ही काम करने देते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के राज में कानून व्यवस्था की स्थिति हर दिन खराब से खराब होती जा रही है। राजस्थान से बीते कुछ समय में जिस तरह की खबरें लगातार आ रही हैं, उनका संदेश एक ही है। राजस्थान की संस्कृति, यहां की परंपरा, यहां के गौरव को बचाना है, तो राज्य में भाजपा सरकार को वापस लाना ही होगा। कांग्रेस ने यहां क्या हाल बना दिया है, कांग्रेस कैसे सरकार चला रही है, ये राजस्थान के लोगों से छिपा नहीं है।

अभी कुछ दिन पहले बजट सत्र के दौरान जो कुछ हुआ, उसकी चर्चा चारों तरफ है। मुझे एक घटना याद आती है, बहुत साल पहले की बात है। करीब 40 साल पहले की। तब तो हम राजनीति में नहीं थे। हम अपना संघ का काम करते थे और आमतौर पर संघ परिवारों में भोजन के लिए जाते थे। तो एक दिन मैं सुबह प्रवास करके लौटा, बारह-एक बज गया था। तो हमारे एक वरिष्ठ साथी मुझे मिल गए। बोले-आप कहां से आ रहे हैं तो मैंने कहा दौरे से आ रहा हूं। बोले- भोजन का क्या प्रबंध है। मैंने कहा नहीं अभी तो कुछ सोचा नहीं है, अभी तो आया हूं, देखता हूं क्या करता हूं। वे बोले- नहीं जल्दी करो, मेरे साथ चलो। मैंने कहा- मैं प्रवास करके आ रहा हूं, मेरा स्नान बाकी है। बोले- स्नान कर लीजिए फिर चलते हैं। मैंने सोचा उन्होंने कहीं पर भोजन का प्रबंध किया होगा। हम चले गए वहां। बोले- शादी है, तो शादी में वहां जाना है, चलिए अपने स्वयंसेवक के घर में शादी है। तो हम चले गए। तो जिनके यहां शादी थी वो तो अपने दुकान...जो घर के बाहर थी... वहां वे काम कर रहे थे। वो दर्जी थे, दर्जी का काम कर रहे थे। तो हमने कहा भई तुम तो कह रहे थे यहां शादी है, उनके यहां खाना खाना है। हम गए अंदर उनको नमस्कार किया। हमने पूछा क्या हाल है, कैसे हैं। फिर उनसे रहा नहीं गया, क्यों भई आज तो शादी का निमंत्रण था। बोले- नहीं, नहीं, शादी तो गत साल हो गई। पिछले साल हो गई शादी। तो उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं कार्ड है भाई। तो हमारे जो साथी थे वो थोड़े भुलक्कड़ थे, उन्होंने कार्ड निकाला, और मैं हैरान था पिछले साल का उसी तारीख वाला वो कार्ड था। हम बिना खाए घर वापिस आए। साथियो, खैर इस बात का आपके राजस्थान से कोई लेना-देना नहीं है। ये तो मैं अपनी पुरानी बात याद आई तो मैंने कहा बता दूं।

साथियों,

मैं मानता हूं कि गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन इससे ये भी पता चलता है कि कांग्रेस के पास ना ही विजन है और ना ही उसकी बातों में कोई वजन रह गया है। कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए हैं। योजनाएं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने में कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता।

साथियों,

सवाल ये नहीं है कि कौन से वाला पढ़ा, सवाल ये है कि पहले वाला जब पढ़ा था, सालभर उसको डिब्बे में बंद रखा था इसके कारण ये हुआ है। अब राजस्थान को अस्थिर सरकार से मुक्ति चाहिए, अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए। अब राजस्थान को स्थिर और विकास वाली सरकार चाहिए। तभी राजस्थान में कानून का राज स्थापित हो पाएगा। तभी राजस्थान तेज़ विकास के रास्ते पर चल पाएगा। आज मैं राजस्थान में डबल इंजन सरकार के लिए उत्साह देख रहा हूं। चारों तरफ वही मुझे नजर आ रहा है। यहां दौसा में भी ये उत्साह साफ-साफ दिख रहा है। एक बार फिर आप सभी को एक्सप्रेसवे के लिए, नई सड़क परियोजनाओं के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इतनी विशाल तादाद में आप विकास के काम के लिए जुटे यही भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

बहुत-बहुत शुभकामनाएं !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।