ದೇಶದ ಬಡ ಜನರು ಇಂದು ‘ಖರ್ಚೆ ಕಾಮ್ ಕರಾಯೇ, ಬಚತ್ ಬಧಾಯೇ ಬಾರ್ ಬಾರ್-ಫಿರ್ ಏಕ್ ಬಾರ್, ಮೋದಿ ಸರ್ಕಾರ್’ ಎಂದು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದಾರೆ: ಬಸ್ತಾರ್‌ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಹಲವು ದಶಕಗಳ ನಂತರ ದೇಶವು ಬಿಜೆಪಿಯ ಸ್ಥಿರ ಮತ್ತು ಬಲಿಷ್ಠ ಸರ್ಕಾರವನ್ನು ಕಂಡಿದೆ ಎಂದು ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ. ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರದ ದೊಡ್ಡ ಆದ್ಯತೆ ಬಡವರ ಕಲ್ಯಾಣವಾಗಿತ್ತು
ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯದ ನಂತರ, ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರವು ದಶಕಗಳಿಂದ ಬಡವರ ಅಗತ್ಯಗಳನ್ನು ಕಡೆಗಣಿಸಿದೆ, ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಎಂದಿಗೂ ಬಡವರ ಬಗ್ಗೆ ಕಾಳಜಿ ವಹಿಸಲಿಲ್ಲ, ಅವರ ಸಮಸ್ಯೆಗಳನ್ನು ಸಹ ಅರ್ಥಮಾಡಿಕೊಳ್ಳಲಿಲ್ಲ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ
ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯದ ನಂತರ, ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ದೇಶವನ್ನು ಲೂಟಿ ಮಾಡುವ ಪರವಾನಗಿಯನ್ನು ಹೊಂದಿತ್ತು ಎಂದು ಭಾವಿಸಿತ್ತು ಆದರೆ 2014 ರಲ್ಲಿ ಸರ್ಕಾರಕ್ಕೆ ಬಂದ ನಂತರ ಮೋದಿ ಅವರು ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ನ ಲೂಟಿ ಪರವಾನಗಿಯನ್ನು ರದ್ದುಗೊಳಿಸಿದ್ದಾರೆ: ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ


आमचो भाई बहिनी, दादा दीदी, आपन सपाय मन के, मोचो बाट ले…जुहार, राम राम
मां दंतेश्वरी की पावन धरा को मेरा प्रणाम।
आप विराजिए, दोनों साथी।

आज मैं हमारे बहुत पुराने साथी बलिराम कश्यप जी की जन्मस्थली कर्मस्थली, जब यहां आता हूं तो पुरानी यादें ताजा होना बहुत स्वाभाविक है, शायद यहां कोई क्षेत्र ऐसा नहीं होगा कि मैंने और बलिराम जी ने साथ दौरा न किया हो। एक साथ हम प्रवास करते थे। संगठन के कार्य के लिए निकलते थे। तो स्वाभाविक है कि बलिराम जी ने जो तपस्या की जो पुरुषार्थ किया उसी का नतीजा है कि आज हम सबने आपका इतना विश्वास प्राप्त किया है। प्यारे भाइयों-बहनों, देश के लिए, आदिवासी कल्याण के लिए बलिराम जी हर पल जागरूक रहते थे। जितना हो सके करने का प्रयास करते थे। बस्तर ने, छत्तीसगढ़ ने मुझे और भाजपा के हमारे हर साथी को अपने आशीर्वाद में कोई कमी नहीं रखी है। आज भी आप यहां दूर-दूर से इतनी विशाल संख्या आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं। मैं उधर रेलिंग के बाहर भी बहुत बड़ी तादाद में चारों तरफ लोगों को देख रहा हूं। आज मैं आपके बीच आया हूं। पिछले 10 साल में देश कहां से कहां पहुंचा है, देश ने कितनी प्रगति की है। और उसमें आप सबका जो साथ मिला है। मैं आप सबका आभार व्यक्त करने भी आया हूं। आप लोगों ने यहां सिर्फ भाजपा सरकार ही नहीं बनाई, बल्कि विकसित भारत की आधारशिला भी मजबूत की है। छत्तीससगढ़ वासियों ने मोदी की गारंटी पर मोहर लगाई है। आपने मोदी की गारंटी पर मोहर लगाई है। आज उसी विश्वास से पूरा देश कह रहा है- फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,
अनेक दशकों बाद देश ने भाजपा की स्थिर और मजबूत सरकार देखी है। हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही- गरीब का कल्याण। आजादी के बाद दशकों तक गरीब की जरूरतों को कांग्रेस की सरकारों ने नजरअंदाज किया। कांग्रेस ने कभी गरीब की चिंता नहीं की, उनकी परेशानियों को समझे तक नहीं। कांग्रेस के सबसे बड़े परिवार के अमीरों को कभी महंगाई का मतलब समझ ही नहीं आया। आपने 2014 में गरीब के इस बेटे को देश की सेवा का अवसर दिया। कच्ची छत के नीचे रहने की तकलीफ क्या होती है, ये मुझे पता है। जब घर में राशन नहीं होता, तो एक मां पर क्या बीतती है, मुझे पता है। जब दवा खरीदने के लिए घर में पैसे नहीं होते, तो बेबसी कितनी ज्यादा होती है, ये मैं जानता हूं। इसलिए मैंने ठाना कि जब तक गरीब की हर चिंता दूर नहीं करूंगा, मैं चैन से नहीं बैठूंगा। हमारी सरकार ने गरीब के लिए एक-एक करके योजनाएं बनाईं, गरीब को उसका हक दिया। आज सरकार के इन प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।

साथियों,
गरीबों के लिए भाजपा ने कैसे काम किया है, उसका एक बहुत बड़ा गवाह हमारा ये बस्तर है। बस्तर के बारे में तो कहा जाता है- मावा बस्तर, सोबले बस्तर ! बस्तर डिविजन से ही मैंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर के निर्माण की शुरुआत की थी। ये आयुष्मान आरोग्य मंदिर, देशभर में गरीब को सस्ते इलाज, सस्ती जांच का प्रमुख केंद्र बने हैं। यहां छत्तीसगढ़ में भी हजारों आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले गए हैं। इन आरोग्य मंदिरों की वजह से गरीबों को इलाज की बहुत बड़ी सुविधा मिली है, उनकी चिंता कम हुई है। मोदी ने 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज वाली जो आयुष्मान भारत योजना चलाई है, वो भी गरीबों के बहुत काम आ रही है। हम अपने यहां जानते हैं चाहे आदिवासी बस्ती हो या शहर घर में मां कभी बीमार हो जाती है न तो घर में किसी को पता नहीं चलने देती है कि वो बीमार है। कितनी ही पीड़ा हो मां सहती रहती है। उसके मन में एक ही बात होती है चलिए धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। अगर परिवार में बच्चों को पता चलेगा कि मां को बीमारी है, मां को तकलीफ है तो वो अस्पताल ले जाएंगे, बहुत खर्चा हो जाएगा, संतानों के सर पर कर्ज लग जाएगा। इसलिए मां सोचती थी अब कितने लंबे दिन जीना है, चलिए मुसीबत भोग लेंगे लेकिन बच्चों पर बोझ नहीं बनने दूंगी। ये हमारी हर माता सोचती थी, सहती थी। तब आपके इस बेटे ने सोचा कि अगर तुम्हारा बेटा वहां बैठा है तो फिर आपकी बीमारी की चिंता ये तुम्हारा बेटा करेगा। देश के करोड़ों गरीबों ने इस योजना की वजह से अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया है। इस योजना की वजह से गरीबों के एक लाख तीस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने से बच गए हैं। जो उनको बीमारी के लिए खर्च करना पड़ता। मोदी ने जो ये 11 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खोले हैं, उन पर 80 प्रतिशत छूट के साथ दवा दी जाती है। 80 परसेंट डिस्काउंट। इससे भी गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए, दवाई खरीदने में जो खर्च होता था न उसमें बचत हो गई है। इसलिए ही आज देश का गरीब कह रहा है- खर्चे कम कराए, बचत बढ़ाए बार-बार, फिर एक बार मोदी सरकार। बचत बढ़ाए बार-बार, फिर एक बार मोदी सरकार।

साथियों,
दुनिया में 100 साल का सबसे बड़ा महासंकट आय़ा, कोरोना, कोविड। लोग कहते थे, भारत कैसे बचेगा, भारत के गरीबों का क्या होगा? कांग्रेस के अमीरों की सरकार के समय देश में बीमारी का टीका आने में दशकों लग जाते थे। मोदी ने कहा कि मैं अपने देश के हर गरीब के साथ खड़ा हूं। मैं गरीबों को मुफ्त वैक्सीन भी दूंगा...मैं गरीबों को मुफ्त राशन भी दूंगा। ऐसे समय में जब दूसरे देशों में कोरोना का एक एक टीका हजारों रुपए में लग रहा था, मोदी ने आपको मुफ्त टीका लगवाया। ऐसे समय में जब दूसरे देशों में खाने के लिए हाहाकार मचा था, मोदी ने अपने गरीब भाई-बहनों के लिए मुफ्त राशन की दुकान खुलवा दी। मुफ्त राशन, मुफ्त वैक्सीनेशन पर मोदी ने 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए। और इतना ही नहीं, मुफ्त राशन की योजना को मोदी ने अगले 5 साल तक औऱ बढ़ा दिया है। आने वाले पांच साल भी मोदी ये मुफ्त राशन की सेवा करता रहेगा। इसके कारण अब गरीब का ये पैसा बच रहा है और जब पैसा बचता है तो जिंदगी के कई सारे सपने पूरे करने के काम आता है। इसलिए आज हर कोई कह रहा है कि मोदी के कारण, उनकी योजनाओं ने खर्चे कम कराए, बचत बढ़ाए बार-बार, फिर एक बार मोदी सरकार।

साथियों,
कांग्रेस की सरकार के समय, भ्रष्टाचार ही देश की पहचान बन गई थी। और भ्रष्टाचार से अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी का होता है, तो गरीब का नुकसान होता है। भ्रष्टाचार, गरीब का हक मारता है। 2014 से पहले लाखों करोड़ रुपए के घोटाले होते थे। कांग्रेस की सरकार में दिल्ली से एक रुपया निकलता था और सिर्फ 15 पैसा गांव तक पहुंचता था। ये मैं नहीं कह रहा हूं कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से हम एक रुपया भेजते हैं, 15 पैसा ही पहुंचता है। अरे भई बताओ न वो कौन पंचा था जो 85 पैसे मार लेता था। मोदी ने कांग्रेस की लूट की ये पूरी व्यवस्था ही बंद करा दी। भाजपा सरकार ने अपने 10 साल में 34 लाख करोड़ रुपए, आंकड़ा याद रखिए 34 लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे हैं। दिल्ली से एक रुपया भेजा पूरे सौ पैसे गरीब के खाते में जमा हो गए। रुपया एक भेजो 15 पहुंचे, 85 पैसे गायब हो जाए वो जादू का खेल बंद हो गया। और जब डायरेक्ट पैसा जाता है तो एक पैसा कांग्रेस लूट नहीं पाई। अगर देश में कांग्रेस की सरकार होती तो ये कांग्रेस गरीबों के, ये जो 34 लाख करोड़ हैं न, और जो राजीव गांधी वाला अगर मैं हिसाब लगाऊं, तो 28 लाख करोड़ लूट लेते। 34 लाख करोड़ में से 28 लाख करोड़ गायब हो जाते। आजादी के बाद से कांग्रेस समझती थी कि उसे देश को लूटने का लाइसेंस मिला हुआ है। 2014 में सरकार में आने के बाद मोदी ने कांग्रेस की लूट का लाइसेंस ही कैंसिल कर दिया है। मोद ये लाइसेंस इसलिए कैंसल कर पाया, क्योंकि आपने मोदी को लाइसेंस दिया था। अब आप बताइए, जब उनकी दुकान बंद हो गई, लूटने का लाइसेंस चला गया, तो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे? देंगे कि नहीं देंगे? तो मेरी रक्षा कौन करेगा? मेरी रक्षा कौन करेगा? ये मेरे कोटि-कोटि देशवासी ही, मेरी माताएं-बहनें आज मोदी का रक्षा कवच बन गई।

साथियों,
मोदी ने जब घोटालेबाज़ों का रास्ता रोका, जब बिचौलियों की कमाई बंद की, तब से इनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। ये मोदी से भड़के हुए हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर आज कड़ी कार्रवाई हो रही है। यहां के युवाओं को जिन्होंने धोखा दिया है, उनकी तेजी से जांच चल रही है। अब नाराज होकर ये लाठी से मोदी का सिर फोड़ने की धमकी दे रहे हैं। मोदी गरीब का बेटा है, सिर ऊंचा रख करके चलता है...मोदी इनकी धमकियों से डरने वाला नहीं है। आप मुझे बताइए, गरीबों को जिन्होंने लूटा, गरीबों को जिन्होंने लूटा, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? सबलोग बताइए, सज़ा मिलनी चाहिए? सज़ा मिलनी चाहिए?

साथियों,
कोई घर में घुस आए और लूट-पाट करने लगे, तो परिवार का हर सदस्य उससे भिड़ जाता है। मोदी के लिए तो, मेरा भारत मेरा परिवार है। मैं भी अपने देश को, अपने परिवार को लूट-पाट से बचाने में जुटा हूं। इसलिए मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ, और वो कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। चुनाव की रैलियां नहीं कर रहे भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए रैलियां कर रहे। लेकिन ये सारे लोग कान खोलकर सुन लें। ये मोदी को कितनी भी धमकियां दे दें, भ्रष्टाचारियों को जेल जाना ही पड़ेगा- ये मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,
रामनवमी बहुत दूर नहीं है। इस बार अयोध्या में हमारे रामलला टेंट में नहीं बल्कि भव्य मंदिर में दर्शन देंगे। 500 साल बाद ये सपना पूरा हुआ, तो इसकी सबसे अधिक खुशी प्रभु राम के ननिहाल, छत्तीसगढ़ को होना बहुत स्वाभाविक है। लेकिन कांग्रेस और इंडी-गठबंधन राम मंदिर बनने से बहुत नराज़ है। कांग्रेस के शाही परिवार ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया। कांग्रेस के जिन नेताओं ने इस कदम को गलत बताया, उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। एकाध जो वहां पहुंच गए प्राण प्रतिष्ठा में, प्रभु राम के सामने सिर झुकाया, उनको छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। ये दिखाता है कि कांग्रेस तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है। कांग्रेस ने घोषणापत्र बनाया है, उसमें भी मुस्लिम लीग की छाप है।

साथियों,
कांग्रेस को आज भी देश के लोगों की जरूरतों से कोई लेना-देना नहीं है। ये भाजपा सरकार है जो हर गारंटी ज़मीन पर उतार रही है। अभी हमारे मुख्यमंत्री जी बड़े विस्तार से बता रहे थे, यहां की भाजपा सरकार ने धान किसानों के बकाए रकम को चुकाने की गारंटी पूरी की। तेंदुपत्ता संग्राहकों को दी गारंटी भी पूरी की गई है। मैं यहां की बहनों को विशेष बधाई दूंगा। महतारी वंदन योजना का लाभ मिलने लगा है। और मुख्यमंत्री जी ने बताया काशी बाबा के धाम से मुझे इस कार्यक्रम में साथ आने का मौका मिला था। यहां की लगभग 70 लाख बहनों को हर साल 12 हज़ार रुपए मिलना तय हुआ है। इसमें बस्तर की 5 लाख से अधिक और कांकेर की 5 लाख से अधिक बहनें भी इसकी लाभार्थी हैं, उसका लाभ ले रही है। अब यहां गरीब परिवारों, आदिवासी, दलित, पिछड़े परिवारों के पक्के घर तेजी से बनने शुरू होंगे। सरकार बनने के दूसरे ही दिन गरीबों को पक्का घर देने का निर्णय कर लिया गया। और मैं आपको कहता हूं, इस चुनाव के अंदर जब आप बूथ में जाएंगे। तो लोगों को मिलेंगे, तो कुछ लोग मिलेंगे जिनको योजना का लाभ पहुंच गया है। कुछ लोग मिलेंगे जिनको नहीं पहुंचा है। उनको मेरी तरफ से गारंटी दे देना। आपकी गारंटी होगी न ये मोदी पूरी करेगा। आप उनको गारंटी दे देना कि आने वाले पांच साल में जो रह गए हैं उनको भी मोदी सारी योजना पहुंचा देगा। और खुशी की बात है, हम जो आवास बना रहे हैं न उसमें जो मालिकाना हक का नाम है, वो हमारी माताओं-बहनों के नाम पर है। हर परिवार तक नल से जल पहुंचाने के लिए भी तेज़ी से काम होगा। मोदी ने अब देश की 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। क्या कभी सोचा है आपने, ऐसे कार्यक्रम की औरों की तो कल्पना नहीं हो सकती, मोदी में हिम्मत है कि तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का फैसला लिया है मैंने। इसमें यहां वनधन केंद्रों से जुड़ीं हज़ारों लाखों आदिवासी बहनें भी शामिल हैं।

भाइयों और बहनों,
जनजातीय समाज हमेशा भाजपा की प्राथमिकता रही है। जिस आदिवासी समाज का हमेशा कांग्रेस ने तिरस्कार किया, उसी आदिवासी समाज की बेटी आज देश की राष्ट्रपति हैं। भाजपा ने ही छत्तीसगढ़ को पहला आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है। भाजपा ने ही आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट बनाया है। बीते 10 वर्षों में आदिवासी कल्याण का बजट 5 गुणा बढ़ाया गया है। जब कांग्रेस सरकार थी, तो पूरे देश में सवा सौ से भी कम एकलव्य आवासीय विद्यालय थे। आज सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही 70 से अधिक एकलव्य विद्यालय हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान, सिर्फ 8-10 वन-उपजों पर ही MSP मिलता थी, आज ये संख्या 100 के आसपास पहुंच रही है।

साथियों,
आपका सपना और ये मोदी की गारंटी है। आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। इसे पूरा करने के लिए हर पल देश के नाम, हर पल आपके नाम। 24 बाय 7 फॉर 20247. साथियों, जिसको किसी ने नहीं पूछा, उनको मोदी ने पूजा है। इसलिए, जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए पहली बार कोई योजना बनी है। 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना से छत्तीसगढ़ की अनेक जनजातियों का जीवन आसान होने वाला है। हर आदिवासी परिवार का जीवन बेहतर बनाना- ये मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,
मोदी आराम करने के लिए नहीं, काम करने के लिए पैदा हुआ है। मेरा लक्ष्य देश को विकसित बनाना है, हर परिवार को समृद्ध बनाना है। और इसलिए छत्तीसगढ़ के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, बस्तर और कांकेर से आए मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, कमल छाप पर पड़ने वाला आपका हर वोट मोदी की ताकत बढ़ाएगा। इसलिए बस्तर में 19 अप्रैल को आप हमारे साथी महेश कश्यप जी को आशीर्वाद दीजिए। कांकेर में 26 अप्रैल को आप हमारे साथी भोजराज जी को ज्यादा से ज्यादा मतों से विजयी बनाएं। आपसे एक और बात करना चाहता हूं। मेरा एक और काम करना है, मुझे पक्का विश्वास है कि आप करोगे। मैंने जब संगठन का काम किया था, इस सारे इलाके में मैं बहुत भ्रमण कर चुका हूं। यहां के हर कोने को जानता हूं। अब मैं जा नहीं पाता हूं सब जगह पे, समय का अभाव रहता है। फिर भी छत्तीसगढ़ के प्रति मेरा प्यार इतना रहा है कि पहले जितने प्रधानमंत्री आए उससे ज्यादा बार मैं आपके बीच आया हूं। लेकिन अब जब जा नहीं रहा हूं तो मेरा काम आपको करना पड़ेगा। करोगे। मेरा एक काम करोगे। घर-घर जाना और कहना कि मोदी जी ने जोहार भेजा है, राम-राम कहा है। ये कह दोगे। कल गुडीपड़वा है। देश के कई हिस्सों में चैत्रसुदेकम नववर्ष मनाया जाता है। चैत्री नवरात्रि का भी पर्व होता है, शक्ति उपासना का पर्व होता है। कुछ दिनों के बाद रामनवमी भी आ रही है। मैं आप सभी को इन सभी त्योहारों की, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
काल के आसच्चो, नुआसाल और नवरात्री पर्व चालू होइसे। उनचो भले शुभकामना।
भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!