The illegal occupation of the homes, land and shops of the poor, Dalits, backwards and the downtrodden was a sign of socialism five years ago: PM Modi
Those who don't believe in India's own Covid vaccine and fuel rumours, can they respect talent of UP's youth: PM Modi takes a dig at opposition
Mafias want to come back into power; vote Yogi for 'Badlaav': PM Modi
Five years ago, Uttar Pradesh was ruled by Mafias: PM Modi takes a jibe at Opposition
We are working hard to bring about a change in UP. On the other hand, they are looking for an opportunity to seek revenge from you: PM Modi
Earlier, abduction and demand for ransom had ruined the lives of the middle-class and traders. The Yogi Govt has brought the state out of these situations: PM Modi

नमस्कार।

उत्तर प्रदेश के यशस्वी और उर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जी, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा जी, राधा मोहन सिंह जी, वी. के सिंह जी, संजीव बालियान जी, यूपी सरकार के मंत्रीगण, सांसदगण, भाजपा के सभी प्रत्याशी साथी, भाजपा के कार्यकर्ता, भाइयों और बहनों।

आज उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा की ये पहली वर्चुअल रैली है। इतने कम समय में टेक्नोलॉजी को माध्यम बनाते हुए, इतने ज्यादा लोगों को एक साथ जोड़ना, ये भाजपा कार्यकर्ताओं की दिन-रात की मेहनत का ही परिणाम है। एक जीवंत संगठन का ये सबूत है। हजारों कार्यकर्ताओं ने मुझे आज के इस संबोधन के लिए अपने सुझाव भी भेजे हैं। ये भी Grassroot के कार्यकर्ताओं की सक्रियता का एक जीता जागता उदाहरण है। मां शाकम्भरी के आशीर्वाद से मैं इस चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहा हूं। बागपत, शामली, गौतमबुद्धनगर, मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर से हमारे साथ जुड़े प्रत्येक मतदाता का भी मैं आदरपूर्वक स्वागत और अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये वो धरती है जिसने 1857 की क्रांति में देश को एकजुटता का संदेश दिया था। कमल के फूल और रोटी ने हमेशा देश को बांटने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।हम एकजुट रहेंगे,
तो कोई हमें कभी परास्त नहीं कर पाएगा। हर एक का प्रयास ही, उत्तर प्रदेश को वो ऊंचाई देगा, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।

साथियों,

जब मैं पांच साल पहले चुनाव के समय पश्चिमी यूपी में आया था, तो आपसे कहा था कि यूपी के विकास के लिए हम कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। इन पांच वर्षों में योगी जी के नेतृत्व में, यूपी सरकार ने
पूरी ईमानदारी से, पूरी निष्ठा से, आपकी सेवा करने का, यूपी के विकास का प्रयास किया है। कोई भूल नहीं सकता कि 5 साल पहले यूपी को लेकर क्या चर्चा होती थी ? 5 साल पहले- दबंग और दंगाई ही कानून थे, उन्हीं का कहा ही शासन का आदेश था। 5 साल पहले- व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे। पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था, तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी...उत्सव। 5 साल पहले- गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-ज़मीन-दुकान पर अवैध कब्ज़ा,
ये समाजवाद का प्रतीक था। लोगों के पलायन की आए दिन खबर आती थी। अपहरण, फिरौती, रंगदारी ने मध्यम वर्ग को, व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था। पांच साल में योगी सरकार, उत्तर प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकालकर लाई है। ये कोई मामूली कामम नहीं है मैं भी सालों तक एक राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं। इतने कठिन परिस्थितियों से प्रदेश को बाहर लाना, दंगों से मुक्त कराना, शांति और सुख की जिंदगी का विश्वास पैदा करना।

साथियों,

आज यूपी का किसान हो, कर्मचारी हो, व्यापारी हो या फिर माताएं-बहनें-बेटियां, सभी को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है। जो माफिया और गुंडे खुद को कानून से भी बड़ा मानते थे, यूपी की भाजपा सरकार ने उन्हें कानून का मतलब समझा दिया है। और इसलिए, आज चुनाव के इस माहौल में वो पूरी ताकत लगा रहे हैं कि किसी भी तरह, जो गुंडागर्दी करने वाले लोग थे न, वे अवसर की तलाश में हैं, कैसे भी कर के उन्हें सत्ता में वापस आना है। एक ऐसी अनुकूल सरकार उन्हें चाहिए कि उनको अपने खेल खेलने में सुविधा हो। हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, जबकि वो आपसे बदला लेने के लिए ठानकर बैठे हैं। इन लोगों ने जिन्हें टिकट दिया है,उनकी भाषा, उनका व्यवहार, उनका इतिहास, उनके करतूत, उनके कारनामे, ये सारे उनके सबूत है। ये बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है। और इसलिए मैं ये देखकर खुश हूं कि उत्तर प्रदेश के लोग इन दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सावधान हैं, बहुत सतर्क हैं। उत्तर प्रदेश की जनता वो पुराने दिन नहीं चाहती है। इन बदला लेने वालों के बयानों को देखकर, यूपी के लोगों ने ठान लिया है कि इस बार पहले से भी ज्यादा मतों से भाजपा को विजयी बनाएंगे। हमारा काम और उनके कारनामे, उनकी कारस्तानी, ये सब देखकर इस बार भी यूपी की जनता, भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है। और इसमें भी जो हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं। वे तो उत्साह और उमंग से भरे हुए हैं। भाजपा की सरकार बनाने के लिए वे खुलकर भाजपा के साथ हैं। पहली बार वोट डालने जा रहे युवा भी इसको समझ रहे हैं कि अब यूपी को फिर से गुंडों-माफियाओं के हवाले नहीं करना है।

सोचिए साथियों,

जो लोग जो सत्ता खोने के अंधविश्वास के कारण नोएडा जैसे युवा आकांक्षाओं के क्षेत्र में आने से भी कतराते हैं, क्या वो युवाओं के सपनों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं? जो देश के अपने टीके पर विश्वास नहीं करते,वैज्ञानिकों पर विश्वास नहीं करते, जो अफवाहों को हवा देते हैं, क्या वो यूपी के युवाओं के टैलेंट,

उनके इनोवेशन का सम्मान कर सकते हैं? यूपी को ऐसी सरकार चाहिए जो अपनी विरासत पर गर्व करे और ज्ञान-विज्ञान और आधुनिकता को भी बढ़ाए। ये काम भाजपा ही कर रही है और भाजपा ही कर सकती है। बीते 5 सालों में अगर यूपी में अनेकों नए शिक्षण संस्थान खुले हैं, आईटीआई खुली हैं, नए मेडिकल कॉलेज बने हैं, इतने सारे नए विश्वविद्यालय बने हैं, तो इसके पीछे युवा सपने ही हैं,
युवा आकांक्षाएं ही हैं।

भाइयों और बहनों,

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये हमारे लिए डबल इंजन सरकार की नीति और निष्ठा का मूल मंत्र भी है। बीते वर्षों में जो भी योजनाएं भाजपा सरकार ने लागू की हैं,
उनका लाभ सभी को मिला है, बिना किसी भेदभाव मिला है। यही भावना तो हमारे संविधान के मूल में है। ऐसा ही भारत तो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर देखना चाहते थे। ऐसे ही विकास के लिए तो चौधरी चरण सिंह जी ने अपना जीवन समर्पित किया।

साथियों,

जिन्होंने गरीब की तकलीफ ना कभी देखी, ना कभी महसूस की, हमेशा जमीन से कटे रहे, वो ना गरीब को समझ सकते हैं, ना उसका भला कर सकते हैं। गरीबों की भाजपा सरकार ने कैसे काम किया है,
उसका एक उदाहरण गरीबों के पक्के घर हैं। पहले वाली सरकार ने अपने पांच साल में गौतमबुद्ध नगर में सिर्फ 73 घर बनाए थे। जरा सुनिए आप लोग पांच साल में 73 घर, योगी जी सरकार ने इन्हीं 5 साल में उस एक जिले में करीब 23 हजार घर बनाकर शहरी गरीबों को दिए हैं। सोचिए, कहां 73 घर
पांच साल में और कहां 23 हजार घर। सहारनपुर शहर में भी पहले वाली सरकार ने सिर्फ 221 घर गरीबों के लिए बनवाए थे। पांच साल में 221, योगी जी की सरकार ने इन्हीं पांच सालों में 18 हजार से ज्यादा
घर बनाकर सहारनपुर के गरीबों को दिए हैं। इसी तरह शामली, मुज़फ़्फ़रनगर और बागपत शहर में भी कुल मिलाकर पिछली सरकार ने पांट साल में सिर्फ 800 घर बनाए थे। पांच साल में इतने बड़े इलाके में 800 घर, योगी जी की सरकार ने इन तीन शहरों में पांच साल में 33 हजार से ज्यादा गरीबों को घर बनवाकर दिए हैं। जब गरीब का दर्द दिल में हो, तो सरकार ऐसे ही दौड़ती है, ऐसे ही काम करती है। यही फर्क है, जो आज यूपी के लोग देख रहे हैं, समझ रहे हैं। पिछली सरकार जहां पूरे यूपी में कुछ हजार घर ही बनवा पाई थी, वहीं योगी जी की सरकार ने अपने पांच साल में 33 लाख से ज्यादा घर बनवाकर गरीबों को दिए हैं। यानि ये 33 लाख गरीब, इन पांच सालों में लखपति बने हैं, आज इनके पास लाखों का घर है। और इसमें भी सबसे बड़ी बात ये कि इनमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम हैं। माताओं-बहनों के नाम है। यानि हमारी सरकार ने यूपी की लाखों महिलाओं को उनके घर का मालिक बनाया है।

साथियों,

भाजपा के नेतृत्व में यूपी सरकार जो कुछ भी कर रही है, उसका सबसे अधिक लाभ दलितों को, वंचितों को, पिछड़ों को हो रहा है। मुफ्त इलाज हो, मुफ्त गैस कनेक्शन हो, शुद्ध पेयजल का कनेक्शन हो,
पीने के पानी की व्यवस्था, ये समाज के हर वर्ग के, हर संप्रदाय के जीवन को आसान बना रहा है। विशेष रूप से हमारी बहनों-बेटियों को गरीबों की सरकार का सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। तीन तलाक के खिलाफ जो कानून हमारी सरकार ने बनाया, उसका लाभ हमारी लाखों मुस्लिम बहनों-बेटियों को हुआ है। बेटे-बेटी को एक समान मानने वाली हमारी सरकार अब बेटियों की शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास कर रही है। इससे बेटियों को अपने सपने पूरे करने में और मदद मिलेगी।

भाइयों और बहनों,

गरीबों की सरकार की प्राथमिकता क्या है, ये दुनिया पर आए 100 साल में सबसे बड़े संकट, इतनी बड़ी बीमारी, इतनी बड़ी महामारी। विश्व के कोने-कोने में फैली हुई और 100 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ है। उस समय गरीबों के लिए सोचने वाली, गरीबों के लिए जीने वाली सरकार कैसे काम करती है, ये आज देश अनुभव कर रहा है। भारत, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक-एक गरीब परिवार का ध्यान रख रहा है। उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ नागरिकों को डबल इंजन सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। ये वही उत्तर प्रदेश है जहां 5 साल पहले राशन की दुकानों से गरीबों का राशन चोरी हो जाता था। आज एक-एक दाना गरीब के घर तक पहुंच रहा है। यही फर्क है, यही बदलाव है जो 5 सालों में आया है। और जैसा मैनें प्रारंभ में कहा 1857 की बात कही, कमल और रोटी इस संकट के काल में गरीब के घर में रोटी बने, इसका पूरा प्रबंध किया और आज हम आपके पास कमल लेकर आए हैं।

साथियों,

जब दिल में सेवा की भावना हो, भ्रष्टाचार पास भी नहीं फटक सकता है, तो काम करने के नतीजे भी मिलते हैं। डबल इंजन की सरकार का भी यही ट्रैक रिकॉर्ड है। हमारा लक्ष्य था कि किसान को मिलने वाली सरकारी मदद में लूट बंद हो,, कटकी बंद हो, बेईमानी बंद हो, यूपी के छोटे किसानों के बैंक अकाउंट में सीधी मदद मिले। आज पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के किसानों को 43 हजार करोड़ रुपए से अधिक सीधे उनके बैंक खातों में मिले हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ छोटे किसानों को हुआ है। और ये मेरा पक्का विश्वास है, अब समय आ गया है, हमें छोटे किसानों की ज्यादा चिंता करने की जरूरत है। और हमने ये काम शुरू कर दिया है। छोटे किसान ही हमारे ग्रामीण जीवन को बदलेंगे। छोटे किसान ही किसानों की अवस्था को बदलने में मेरी बहुत बड़ी ताकत है। सरकार द्वारा दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कराने, फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने, पेंशन योजनाओं का लाभ भी छोटे किसानों को हुआ है। छोटे किसानों का धन, हमारे पशुधन से भी बढ़ता है। इसके लिए, सरकार ने कामधेनु आयोग बनाया है, डेयरी सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आज हज़ारों करोड़ रुपए निवेश किए जा रहे हैं। सरकार ने एक बहुत बड़ा अभियान चलाकर लाखों पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी जोड़ा है। पशुओं में Foot and Mouth Disease- खुरपका-मुंहपका के नियंत्रण के लिए जो राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मिशन चला गया है, उससे भी किसानों को बहुत लाभ हुआ है। हमारे देश में वैक्सीनेशन की तो चर्चा हो रही है, लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि जिस प्रकार से इंसान को वैक्सीनेशन का बहुत बड़ा अभियान चला है, वैसा ही हिंदुस्तान के हर पशु को वैक्सीनेशन का अभियान चल रहा है। इससे पशुपालकों को बहुत बड़ी चिंता से मुक्ति मिलने वाली है। यूपी में बनाए जा रहे बायोगैस प्लांट, बेसहारा पशुओं से जुड़ी दिक्कत को भी कम करेंगे और किसानों को आय का अतिरिक्त साधन भी मुहैया कराएंगे। उस दिशा में जाएंगे जहां किसान या पशुपालक जिसका पशु दूध नहीं दे रहा है, उसके गोबर से भी पैसा मिलेगा।

साथियों,

हमने लक्ष्य रखा था कि किसानों से MSP पर रिकॉर्ड खरीद करेंगे और हमने इस संकल्प को पूरा किया है। । 2017 से पहले की तुलना में दोगुने से भी अधिक खरीद बीते 5 सालों में MSP पर की गई है। हमने गन्ना किसानों की दिक्कतों को समझते हुए उनके बकाए के जल्द से जल्द भुगतान का भी लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य को भी हमने तेजी से पूरा किया। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान भूले नहीं है कि 2017 से पहले कैसे मेहनत का पैसा सालों-साल किश्तों में दिलाया गया। योगी जी की सरकार ने वो बकाया भी चुकाया, और नए सीज़न का भुगतान भी तेज़ किया। आज पिछले पैराई सत्र का 98 प्रतिशत से अधिक का भुगतान हो चुका है और मौजूदा सत्र का भी लगभग 70 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। किसानों का जितना भुगतान योगी जी की सरकार ने किया है उतना पिछली दो सरकारों ने अपने 10 साल में नहीं किया था। हमारी सरकार इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाकर भी गन्ना किसानों की मदद कर रही है, चीनी मिलों की सेहत सुधार रही है। यूपी के गन्ना किसानों से बीते 5 साल में 12 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का इथेनॉल खरीदा गया है।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार, डबल तेजी से यूपी के विकास में जुटी है। आज यूपी में एक्सप्रेस-वे डबल हो रहे हैं, हवाई अड्डों की संख्या भी डबल हो रही है। यूपी देश का एकमात्र राज्य है, जहां 5 शहरों में मेट्रो है और 5 पर काम चल रहा है। 2017 से पहले जो सरकार थी, वो कागजों पर आधी-अधूरी परियोजनाएं बनाने और उनके शिलान्यास में माहिर थी। पत्थर टांग दो बस। अस्पताल हों, सड़कें हों, एक्सप्रेव-वे हों, ये लोग सालों-साल परियोजनाओं को खींचते थे ताकि उसमें से भी कुछ दोहना है, उसमें से भी कुछ निकालना है, कमाई करनी है। तो अपनी दुनिया चलती रहे। वो लोग सिर्फ सपने दिखाते थे, डबल इंजन की सरकार सपने पूरे करती है। और एक बात हम न भूलें, मैं सुनता हूं कुछ लोगों को सपने आते हैं। आप सबको मालूम है। सपने किसको आते हैं भाई, जो सोता रहता है न, उसके सपने आते हैं। जो जागता है वो संकल्प लेता है, योगी जी जागने वाले जागते रखने वाले और इसलिए संकल्प करने वाले नेता हैं। यही फर्क है, जो आज यूपी के लोग अच्छी तरह समझ रहे हैं, देख रहे हैं। आज पश्चिमी यूपी देश के सबसे अधिक कनेक्टेड क्षेत्रों में से एक बन रहा है। कुछ दिन पहले ही गंगा एक्सप्रेसवे पर काम शुरु हो चुका है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पश्चिमी यूपी को अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी देने वाला है। हमारा दादरी तो भारतीय रेल की आधुनिकता का सबसे बड़ा सेंटर होने जा रहा है। आज देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक यूपी में बन रहा है। ये सारे प्रोजेक्ट अपने साथ उद्योग की, नए रोज़गार की, अनेकों नई संभावनाएं लेकर आ रहे हैं। बीते 5 साल में हमने यूपी के ऐसे ही समृद्ध भविष्य की नींव रखी है। इस बार आपका एक-एक वोट इसी नींव को सशक्त करने के लिए होगा।

साथियों,

यूपी के गांव हों या शहर, पश्चिमी यूपी हो या पूर्वी यूपी, सभी के लिए, हर क्षेत्र के लिए आगे बढ़ने का समय है। यूपी के लोग तो पहले की सरकार में रहने वालों की बदनीयत को अच्छी तरह जानते हैं।
इन लोगों ने भ्रष्टाचार और रियल एस्टेट माफिया का ऐसा गठबंधन कराया कि NCR के हजारों फ्लैट खरीदारों के जीवन भर की पूंजी लुट गई। इसका बहुत बड़ा नुकसान हमारे मध्यम वर्ग के भाइयों-बहनों को हुआ। हमारे युवाओं को उठाना पड़ा। डबल इंजन की सरकार ने इस माफिया को खत्म करने के लिए RERA कानून लागू किया है। इससे आज अपना घर मिलने में लोगों को आसानी हुई है। अधूरे पड़े घरों को पूरा करने के लिए सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था भी की है। इनको अगर मौका मिल गया, तो ये RERA की व्यवस्था को भी खत्म कर सकते हैं।

साथियों,

एक तरफ भाजपा है, जिसके पास विकास का स्पष्ट विजन है, साफ सुथरा ईमानदार और दमदार नेतृत्व है। वहीं दूसरी तरफ अहंकार से भरे, समाज को तोड़ने वाले, किसी भी कीमत पर सत्ता पाने का सपना देख रहे ये ''नकली समाजवादी'' हैं। विजन के नाम पर इनके पास सिर्फ विरोध है, गुस्सा है, आक्रोश है। इसलिए आज यूपी कह रहा है-

एक बार फिर गरीबों की सरकार !

भाजपा सरकार !

डबल इंजन सरकार !

इस वर्चुअल रैली के लिए आपने अपना समय निकाला, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!