The state which was infamous for naxal violence is today the state is famous for the unprecedented development done by the BJP’s efforts: PM Modi in Chhattisgarh
The Congress-led Chhattisgarh Government is based on a plank of false promises and has only indulged in corruption scandals: PM Modi
The Congress Party is replete of fake guarantees as even 50 years back they had the Mantra of ‘Garibi Hatao’ and even today they contest elections on the same fake guarantee: PM Modi
The egoistic I.N.D.I Alliance, indulging in divisive politics intends to eradicate Sanatan Dharma: PM Modi
All our policies have always been directed towards the development of the tribals: PM Modi

छत्तीसगढ़ के जम्मो. भाई-बहिनी, सियान महतारी मनल मोर जय जोहार।

आप सभी इतनी बारिश के बीच इतनी असुविधा होते हुए भी दूर-दूर से हमें आशीर्वाद देने आए हैं, और कई साथी तो शायद सुबह-सुबह घर से निकले होंगे, ये जो प्यार, ये जो स्नेह छत्तीसगढ़ के हर कोने में मुझे मिलता है, मेरे लिए ये बहुत बड़ा आशीर्वाद है आपकी सेवा करने की शक्ति देता है।

मेरे परिवारजनों,

पूरे देश में आजकल उत्सव का माहौल है। आज मैं यहां छत्तीसगढ़ में भी यही भाव, यही उमंग, यही उत्साह, यही उत्सव देख रहा हूं। उत्सवों के इस मौसम में हर खुशी इस बार डबल हो गई है। इस बार भारत अपनी उपलब्धियों का उत्सव भी मना रहा है। कुछ ही दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने भारत को चांद पर पहुंचा दिया। भारत का चंद्रयान वहां पहुंचा, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया था। और जैसे हमारे छत्तीसगढ़ में लोग कहते हैं न- छत्तीसगढ़िया, सबसे बढ़िया, वैसे ही आज दुनिया के लोग कह रहे हैं- भारत का चंद्रयान, सबसे बढ़िया।

साथियों,

इन सफलताओं के बीच भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया। सफल जी-20 हर देशवासी की तपस्या का परिणाम है। ये 140 करोड़ भारतीयों के परिश्रम का परिणाम है। जी-20 की एक और बहुत बड़ी विशेषता रही है, एक और बड़ी सफलता रही है। जिन छोटे-छोटे देशों की आवाज़ वैश्विक मंचों तक नहीं पहुंच पाती थी, उनको पहली बार जी-20 में इतनी बड़ी भागीदारी मिली है। अपनी जड़ों से जुड़े रहने की वजह से आज भारत इतना बड़ा काम कर पाया है। जो वंचित है, उसे वरीयता देना यही आज के भारत की प्राथमिकता है। जिन गरीबों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की आवाज़ दबी हुई थी, उनके सपनों को हमने संकल्पों में बदला है। और मुझे खुशी है कि जी-20 को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ की जनता की भी सीधी भागीदारी रही है। आपने नवा रायपुर में जी-20 की इतनी सफल बैठक कराई। आपने इतने अच्छे से मेहमानों का स्वागत किया। उनको छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहां के खान-पान, यहां की विशेषताओं, यहां के सामर्थ्य के बारे में बताया। इससे पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ की चर्चा हुई है, यहां का गौरव बढ़ा है। एक समय था जब छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सली हमलों औऱ हिंसा से ही हुआ करती थी। भाजपा सरकार के प्रयासों के बाद आज छत्तीसगढ़ की पहचान यहां के विकास कार्यों की वजह से हो रही है।

मेरे परिवारजनो,

दिल्ली की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन यहां जो कांग्रेस की सरकार है, वो विकास के काम में नहीं बल्कि सिर्फ हवा-हवाई बातों और दावों में जुटी रहती है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ना होने का बहुत बड़ा नुकसान, जबसे बीजेपी की सरकार गई, जबसे ये लोग बैठे हैं, सबसे बड़ा नुकसान मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयों और बहनों को उठाना पड़ा है, मेरे नौजवानों को उठाना पड़ा है। केंद्र की भाजपा सरकार बीते 9 वर्षों में देशभर के गरीब परिवारों को करीब-करीब 4 करोड़ घर दे चुकी है। कितने ? जरो जोर से बोलिए कितने? चार करोड़ घर। हम चाहते थे कि छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों को भी पीएम आवास योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले। लेकिन कांग्रेस की सरकार, यहां छत्तीसगढ़ में गरीबों के पक्के घर नहीं बनने दे रही है। महिला कल्याण हो, पीएम स्वनिधि योजना हो, हर घर जल योजना हो, गरीब कल्याण से लेकर युवा कौशल और रोज़गार की हर योजना में कांग्रेस ने, यहां की सरकार ने छत्तीसगढ़ को बहुत पीछे पहुंचा दिया है।

मेरे परिवारजनों,

कांग्रेस जिस तरह घोटालों की राजनीति करती है, उसमें सिर्फ उसके नेताओं की तिजोरी भरती है। भरती है ना.. भरती है ना.. लूट रहे हैं ना.. गरीब कल्याण में भले पीछे हो, लेकिन भ्रष्टाचार में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। आप कल्पना कीजिए, मैं तो सोच भी नहीं सकता हूं, देशवासी भी सोच नहीं सकते, गरीब से गरीब इंसान भी सोच नहीं सकता। आप कल्पना करिए कि अगर कोई गाय के गोबर में भी भ्रष्टाचार करे, तो उसकी मानसिकता क्या होगी। छत्तीसगढ़ की बहनों से वादा तो किया था शराबबंदी का, लेकिन कांग्रेस ने शराब की बिक्री में ही घोटाला कर दिया। छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से इतना समृद्ध राज्य है। केंद्र की भाजपा सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड योजना बनाई। हमारा मकसद था कि जिन जिलों से खनिज संपदा निकलती है, तो उसका एक हिस्सा उसी क्षेत्र में विकास के लिए खर्च किया जाए। हम चाहते थे, हमारे आदिवासी बहनों-भाइयों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिले। लेकिन यहां की भ्रष्ट कांग्रेस सरकार ने इसको भी नहीं छोड़ा। छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को कांग्रेस के, ये जो पार्टी है न वो कांग्रेस के एटीएम की तरह उपयोग किया जा रहा है। झूठा प्रचार और आकंठ भ्रष्टाचार – यही छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की पहचान है। और वो तो कहते हैं कि बहुत सालों के बाद मौका मिला है और इसके बाद मिलने वाला नहीं है, यही समय है जितना लूट सको लूटो।

मेरे परिवारजनों,

कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड और भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड आपके सामने है।
50 साल से भी पहले, कांग्रेस ने देश से गरीबी हटाने की गारंटी दी थी। दी थी कि नहीं दी थी भैया, इंदिरा जी के जमाने गरीबी हटाने की बातें कर रहे थे ना। कांग्रेस तब भी हर चुनाव इस गारंटी पर लड़ती थी, आज भी इसी गारंटी पर लड़ती है। अगर कांग्रेस अपने जमाने में अपना काम ठीक से करती, तो आज मोदी को इतनी मेहनत ना करनी पड़ती। मोदी ने गारंटी दी थी कि देश के गरीब को सशक्त बनाऊंगा। आज आप इसके परिणाम देख रहे हैं। सिर्फ 5 वर्षों में ही साढ़े 13 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर आए हैं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा सरकार ने गरीब के हित में योजनाएं बनाईं। भाजपा ने गरीबों को गरीबी से लड़ने के लिए ज़रूरी साधन दिए सामर्थ्य दिया। भाजपा ने सरकारी योजनाओं से बिचौलियों को, कटकी कंपनी को लुटेरों को बाहर निकाला। हमने ये सुनिश्चित किया कि लाभार्थियों तक पूरा लाभ पहुंचे। आज आप देखिए, मुफ्त राशन हर लाभार्थी तक, हर गरीब तक, बिना किसी घोटाले के पहुंच रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। जो कभी गैस सिलेंडर की कल्पना तक नहीं कर सकते थे, उनतक गैस कनेक्शन मुफ्त में पहुंचाया है। अभी कुछ दिन पहले ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए सिलेंडर 400 रुपए सस्ता किया गया है। कल ही केंद्र सरकार ने 75 लाख नए उज्ज्वला कनेक्शन देने को मंजूरी दी है। जिन परिवारों में विस्तार हुआ है या परिवार में विभाजन हुआ है, वो भी रह न जाए उसकी चिंता अभी से शुरू कर दी है, इसका बहुत बड़ा लाभ हमारी छत्तीसगढ़ की बहनों-बेटियों को होने जा रहा है।

 मेरे परिवारजनों,

छत्तीसगढ़ में अच्छी सड़कों, अच्छी रेल व्यवस्था, बिजली ये सारी सुविधा बहुत जरूरी है। जब दिल्ली और रायपुर दोनों जगह भाजपा सरकार होती है तब ऐसी सुविधाएं तेजी से आखिरी गांवों तक पहुंचती है गरीब से गरीब तक पहुंचती है। आज मैं अभी सरकार कार्यक्रम से आ रहा हूं। उस सरकारी कार्यक्रम में मैंने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया वो सारी परियोजनाएं हमें छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई पर ले जाने की ताकत देती है। छत्तीसगढ़ के गरीबों का कल्याण करने की ताकत देती है। थोड़ी देर पहले जो कार्यक्रम हुआ उसमें कुछ साथियों को सिकल सेल काउंसिलिंग कार्ड भी दिए गए हैं। सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जो माता-पिता से बच्चों तक जाती है आदिवास परिवारों में ये बहुत बड़ी चुनौती रही है। ये आदिवासी युवाओं के स्वास्थ्य और स्वाभाविक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए भाजपा सरकार ने पहली बार इससे मुक्ति के लिए, सिकल सेल से मुक्ति के लिए मेरे आदिवासी भाइयों, बहनो, बच्चों को मदद करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। इसके तहत आने वाले तीन वर्षों में सात करोड़ साथियों की जांच की जाएगी। हमने संकल्प लिया है कि आदिवासी माताओं, बहनों और बच्चों को सिकल सेल की इस बीमारी से मुक्ति दिलाकर के ही रहेंगे।

मेरे परिवारजनो,

भाजपा की प्राथमिकता छोटे किसान हैं, आदिवासी किसान हैं। भाजपा का निरंतर प्रयास है कि छोटे किसानों की उपज और वनोपज उसको महत्व मिले। उन्हें अधिक से अधिक दाम मिले। अभी दिल्ली में जी-20 के लिए जो मेहमान आए थे, उनको हमारी राष्ट्रपति आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी ने एक भोज दिया था। दुनिया के बड़े-बड़े नेता भोजन के लिए पधारे थे और हमारी राष्ट्रपति जी ने उनको क्या खिलाया? कोदो, कुटकी, रागी, हम जो अपने परिवारों में खाते हैं, जिसे मोटा अनाज कहते हैं, जिसको आजकल हम श्री अन्न कहते हैं और जो हमारे छोटे-छोटे किसान छोटी-छोटी जमीन के टुकड़ों पर उगाते हैं। जो मेरे आदिवासी भाई-बहन उगाते हैं, हमने इन मोटे अनाजों से बड़े-बड़े नेताओं का स्वागत किया है। भारत का श्री अन्न, आपके खेतों में उगने वाला श्री अन्न, विश्व की पोषण और पौष्टिक सुरक्षा का ब्रांड बने, ये मोदी का मिशन है। हमारे आदिवासी बहन-भाई जंगल से जो उत्पाद इकट्ठा करते हैं, ऐसे उत्पादों के बेहतर दाम देने के लिए भी भाजपा प्रतिबद्ध है। इसलिए बीते 9 वर्षों में दर्जनों वन उपजों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। जो सैकड़ों वनधन केंद्र बनाए गए हैं, इससे भी इन वन उत्पादों की भी अधिक कीमत मिलनी तय हुई है। मुझे खुशी है कि वनधन केंद्रों में बड़ी संख्या में आदिवासी बहन-भाइयों को रोज़गार मिला है। विशेष रूप से आदिवासी बहनों के सैकड़ों स्वयं सहायता समूह वनधन योजना से जुड़े हैं।

मेरे परिवारजनो,

छत्तीसगढ़ की ये भूमि, भगवान श्री राम का ननिहाल है। माता कौशल्या का भव्य मंदिर यहां है। आज इस पवित्र भूमि पर मैं आप सभी को आप सभी भाई-बहनों को हमारी आस्था, हमारे देश के खिलाफ जो साजिश हो रही है उसके प्रत जागरूक करना चाहता हूं। जिन लोगों को आप सभी ने पिछले 9 साल से केंद्र सरकार से बाहर कर रखा है, जो लोग लगातार चुनाव हार रहे हैं, वे लोग अब आपसे इतनी नफरत से भर गए हैं कि उन्होंने आपकी पहचान, आपकी संस्कृति के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। इन लोगों ने मिलकर एक इंडी गठबंधन बनाया है। कुछ लोग इसे घमंडिया गठबंधन भी कहते हैं। अब इंडी गठबंधन ने तय किया है कि वो भारत की सनातन संस्कृति को समाप्त करके रहेगा। यानि जो संस्कृति हजारों साल से भारत को एक किए हुए है, सत्ता के लालच में ये लोग अब उसे तोड़ना चाहते हैं। सनातन संस्कृति वो है- जिसमें भगवान् राम सबरी को माँ कहकर उनके जूठे बेरों को खाने का आनंद लेते हैं। सनातन संस्कृति वो है- जहां राम वनवासियों को, निषादराज गुहु को अपने भाई से भी बढ़कर बताते हैं। सनातन संस्कृति वो है- जहां राम, नाव चलाने वाले केवट को गले लगाकर धन्य हो जाते हैं। सनातन संस्कृति वो है जिसमें वानरों की सेना श्रीराम की शक्ति बढ़ाकर, लंका विजय का कारण बनती है। सनातन संस्कृति वो है- जो किसी परिवार में हुए जन्म को नहीं, बल्कि व्यक्ति के कर्म उसको प्रधानता देती है।गांधी जी से लेकर स्वामी विवेकानंद तक, देवी मां अहिल्याबाई होल्कर से लेकर मीरा बाई तक, हजारों हजार साल से ये सनातन धर्म, सनातन संस्कृति हर किसी को प्रेरित करती रही है। ये सनातन संस्कृति है जो रविदास और कबीरदास को संत शिरोमणि कहकर अपना गौरव बढ़ाती है। हमारे यहां छत्तीसगढ़ में ही बहुत बड़े स्वतंत्रता सेनानी हुए थे, श्याम लाल सोम जी। उन्हें प्रथम जंगल सत्याग्रही कहा जाता है। श्याम लाल सोम जी का जीवन सनातन से ही प्रेरित था। हमारे छत्तीसगढ़ के ही शहीद रामाधीन गोंड का तो नाम ही सनातन का प्रतिबिंब रहा है। ऐसी सनातन संस्कृति को समाप्त करने का ऐलान इंडी अलायंस के लोगों ने किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों को, देश के लोगों को इनसे बहुत सतर्क रहना है। ये भारत की हजारों साल से चली आ रही संस्कृति को मिटाना चाहते हैं, ये भारत को मिटाना चाहते हैं।

मेरे परिवारजनो,

पूरी दुनिया में भारत की धूम है, दुनिया भारत में निवेश की हर संभावना को तलाश रही है, लेकिन यहां कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार केंद्र के काम में रोड़े अटकाने वाली सरकार रहेगी तो छत्तीसगढ़ को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। छत्तीसगढ़ के युवाओं को यहीं पर बेहतर रोजगार मिले, छत्तीसग़ढ़ निवेश आकर्षित करने में अग्रणीय हो इसके लिए यहां भाजपा की सरकार बनना आवश्यक है। ये जो समय आया है इसको छत्तीसगढ़ को चूकना नहीं है। छत्तीसगढ़ को अटल जी ने जिस भाव के साथ बनाया है अब मोदी को उसी भाव के साथ विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का अवसर देना यही मैं आपलोगों से प्रार्थना करता हूं। छत्तीसगढ़ के पास अपार संपदा है अब इसे भाजपा का कमल खिलाकर समर्पण और संकल्प से जोड़ना है। आप इतनी बड़ी संख्या में इतनी बारिश के बावजूद भी हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए हम सभी आप सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।


मेरे साथ बोलिए, भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की.. बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!